प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान: आपकी तैयारी को परखने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय:** प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की मजबूत पकड़ अत्यंत आवश्यक है। यह न केवल आपके ज्ञान का परीक्षण करता है, बल्कि आपके तार्किक और विश्लेषणात्मक कौशल को भी बढ़ाता है। यहाँ हमने भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न तैयार किए हैं जो आपकी तैयारी को और बेहतर बनाने में मदद करेंगे। इन प्रश्नों का अभ्यास करके आप अपनी अवधारणाओं को स्पष्ट कर सकते हैं और परीक्षा में आत्मविश्वास से उतर सकते हैं।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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शरीर से ओज़ेम्पिक जैसे वज़न घटाने वाली दवाएं बंद करने पर सबसे पहले किस हॉर्मोन के स्तर में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखा जा सकता है, जो भूख और तृप्ति को नियंत्रित करता है?
- (a) इंसुलिन
- (b) ग्लूकागन
- (c) GLP-1 (ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1)
- (d) कोर्टिसोल
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): GLP-1 एक इन्क्रीटिन हॉर्मोन है जो आंतों से स्रावित होता है और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने, भूख कम करने और तृप्ति की भावना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ओज़ेम्पिक (सेमाग्लूटाइड) GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट है, जो इसके प्रभावों की नकल करता है।
व्याख्या (Explanation): जब ओज़ेम्पिक जैसी दवाएं बंद कर दी जाती हैं, तो शरीर का प्राकृतिक GLP-1 का स्तर ही एकमात्र नियामक कारक रह जाता है। चूंकि ये दवाएं GLP-1 के प्रभाव को बढ़ाती हैं, इसलिए उन्हें बंद करने पर GLP-1 के प्रभावों में कमी आ सकती है, जिससे भूख बढ़ सकती है और तृप्ति की भावना कम हो सकती है। इंसुलिन और ग्लूकागन भी रक्त शर्करा को प्रभावित करते हैं, लेकिन GLP-1 विशेष रूप से भूख नियंत्रण से जुड़ा है। कोर्टिसोल तनाव हॉर्मोन है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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वज़न घटाने वाली दवाएं अक्सर पेट से भोजन के खाली होने की दर को धीमा कर देती हैं। यह किस शारीरिक प्रक्रिया का उदाहरण है?
- (a) अवशोषण
- (b) क्रमाकुंचन (Peristalsis)
- (c) पाचक एंजाइमों का स्राव
- (d) पित्त का उत्पादन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्रमाकुंचन (Peristalsis) जठरांत्र पथ में मांसपेशियों का लयबद्ध संकुचन है जो भोजन को आगे बढ़ाता है। पेट खाली होने की दर (Gastric Emptying Rate) इस क्रमाकुंचन की गति से प्रभावित होती है।
व्याख्या (Explanation): वज़न घटाने वाली दवाएं, जैसे कि GLP-1 एगोनिस्ट, पेट की मांसपेशियों के संकुचन को प्रभावित करके या अन्य हॉर्मोनल संकेतों के माध्यम से पेट के खाली होने की दर को धीमा कर सकती हैं। यह भोजन को पेट में अधिक समय तक रखने में मदद करता है, जिससे जल्दी भूख नहीं लगती। अवशोषण वह प्रक्रिया है जहाँ पोषक तत्व आंतों से रक्तप्रवाह में जाते हैं। पाचक एंजाइमों का स्राव भोजन को तोड़ने में मदद करता है, और पित्त का उत्पादन वसा के पाचन के लिए होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जब कोई व्यक्ति वज़न घटाने वाली दवाएं लेना बंद कर देता है, तो उसके शरीर में कार्बोहाइड्रेट मेटाबॉलिज्म पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
- (a) रक्त शर्करा का स्तर स्थिर हो जाएगा
- (b) इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ जाएगी
- (c) रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है
- (d) ग्लाइकोजन का संचय कम हो जाएगा
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कई वज़न घटाने वाली दवाएं, विशेष रूप से GLP-1 एगोनिस्ट, इंसुलिन स्राव को बढ़ाकर और ग्लूकागन स्राव को कम करके रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करती हैं।
व्याख्या (Explanation): इन दवाओं को बंद करने पर, शरीर के रक्त शर्करा को नियंत्रित करने की क्षमता कम हो सकती है। यदि व्यक्ति की जीवनशैली में सुधार नहीं हुआ है, तो यह रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि का कारण बन सकता है, क्योंकि दवाएं अब इंसुलिन को उत्तेजित करने या रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद नहीं कर रही हैं। इंसुलिन संवेदनशीलता कम हो सकती है, और ग्लाइकोजन का संचय (जो रक्त शर्करा को संग्रहीत करता है) प्रभावित हो सकता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भौतिकी के संदर्भ में, वज़न घटाने वाली दवाएं शरीर के चयापचय (Metabolism) को कैसे प्रभावित कर सकती हैं?
- (a) वे ऊष्मीय उत्पादन (Thermogenesis) को बढ़ा सकती हैं
- (b) वे बेसल मेटाबोलिक दर (BMR) को सीधे बढ़ा सकती हैं
- (c) वे शरीर के तापमान को कम कर सकती हैं
- (d) वे ऊतकों द्वारा ऊर्जा व्यय को कम कर सकती हैं
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऊष्मीय उत्पादन (Thermogenesis) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा शरीर गर्मी उत्पन्न करता है, और यह चयापचय का एक हिस्सा है। कुछ वज़न घटाने वाली दवाएं ऊष्मीय उत्पादन को बढ़ा सकती हैं, जिससे अधिक कैलोरी जलती है।
व्याख्या (Explanation): हालांकि सभी वज़न घटाने वाली दवाएं ऊष्मीय उत्पादन को समान रूप से प्रभावित नहीं करती हैं, कुछ ऐसे तंत्रों को सक्रिय कर सकती हैं जो शरीर की गर्मी उत्पादन क्षमता को बढ़ाते हैं, जैसे कि कुछ न्यूरोट्रांसमीटर पर कार्य करना जो चयापचय को उत्तेजित करते हैं। सीधे तौर पर BMR को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना या शरीर के तापमान को कम करना सामान्य प्रभाव नहीं है, और ऊर्जा व्यय को कम करना वज़न घटाने के विपरीत होगा।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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वज़न घटाने वाली दवाओं के उपयोग से जुड़े संभावित साइड इफेक्ट्स में से एक ‘पेट फूलना’ (bloating) है। यह मुख्य रूप से शरीर के किस तंत्र को प्रभावित करता है?
- (a) पाचन तंत्र
- (b) श्वसन तंत्र
- (c) तंत्रिका तंत्र
- (d) कंकाल तंत्र
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पेट फूलना पाचन तंत्र में गैस के निर्माण या आंतों के माध्यम से गैस के धीमी गति से निकलने के कारण होता है।
व्याख्या (Explanation): वज़न घटाने वाली दवाएं, विशेष रूप से जो गैस्ट्रिक खाली होने की दर को धीमा करती हैं या आंतों की गतिशीलता को बदलती हैं, पेट फूलने जैसे लक्षण पैदा कर सकती हैं। यह पाचन तंत्र के सामान्य कामकाज में हस्तक्षेप के कारण होता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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जब वज़न घटाने वाली दवाएं बंद कर दी जाती हैं, तो व्यक्ति को “रीबाउंड वेट गेन” का अनुभव हो सकता है। इसका क्या मतलब है?
- (a) शरीर अतिरिक्त वज़न कम कर देता है
- (b) वज़न पहले की तुलना में और भी तेज़ी से बढ़ता है
- (c) वज़न पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता
- (d) शरीर वज़न को बनाए रखता है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रीबाउंड वेट गेन वह स्थिति है जब दवा बंद करने के बाद वज़न इतनी तेज़ी से वापस आ जाता है कि व्यक्ति उस वज़न को कम करने के लिए दवाओं का उपयोग कर रहा था।
व्याख्या (Explanation): दवाएं अक्सर चयापचय, भूख और तृप्ति को प्रभावित करके काम करती हैं। जब दवाएं बंद हो जाती हैं, तो ये प्रभाव समाप्त हो जाते हैं, और यदि व्यक्ति अपनी पुरानी खान-पान की आदतों या जीवनशैली पर लौट आता है, तो वज़न अक्सर तेज़ी से बढ़ सकता है, जो कि दवा लेने से पहले की स्थिति से भी बदतर हो सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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रसायन विज्ञान के दृष्टिकोण से, शरीर में वसा (Fat) का संचय मुख्य रूप से किस प्रकार के रासायनिक यौगिकों से संबंधित है?
- (a) कार्बोहाइड्रेट
- (b) प्रोटीन
- (c) लिपिड (Triglycerides)
- (d) न्यूक्लिक एसिड
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वसा (Fat) शरीर में ऊर्जा के भंडारण का मुख्य रूप है, और यह मुख्य रूप से ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) के रूप में संग्रहीत होता है, जो लिपिड का एक वर्ग है।
व्याख्या (Explanation): ट्राइग्लिसराइड्स ग्लिसरॉल और तीन फैटी एसिड से बने होते हैं। जब हम अतिरिक्त कैलोरी का सेवन करते हैं, तो उन्हें ट्राइग्लिसराइड्स में परिवर्तित करके वसा ऊतक (Adipose Tissue) में संग्रहीत किया जाता है। वज़न घटाने वाली दवाएं इन ट्राइग्लिसराइड्स के निर्माण या टूटने (lipolysis) की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जब वज़न घटाने वाली दवाएं ली जाती हैं, तो शरीर अक्सर कैलोरी की अतिरिक्त मात्रा को अवशोषित करने के बजाय वसा के रूप में संग्रहीत करता है। यह किस रासायनिक प्रक्रिया का परिणाम है?
- (a) अपचय (Catabolism)
- (b) उपापचय (Anabolism)
- (c) ऑक्सीकरण
- (d) कमी (Reduction)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): उपापचय (Anabolism) वह प्रक्रिया है जिसमें छोटे अणु मिलकर बड़े अणु बनाते हैं, और इसमें ऊर्जा का भंडारण शामिल है। ऊर्जा का भंडारण अक्सर वसा या ग्लाइकोजन के रूप में होता है।
व्याख्या (Explanation): जब हम अधिक कैलोरी खाते हैं, तो शरीर ग्लूकोज और फैटी एसिड को ट्राइग्लिसराइड्स में परिवर्तित करने के लिए उपापचय प्रक्रियाओं का उपयोग करता है, जिन्हें बाद में वसा ऊतक में संग्रहीत किया जाता है। वज़न घटाने वाली दवाएं अप्रत्यक्ष रूप से इस प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं, या तो अधिक कैलोरी सेवन की अनुमति देकर या शरीर के ऊर्जा संतुलन को बदलकर। अपचय (Catabolism) बड़े अणुओं को छोटे अणुओं में तोड़ता है, ऊर्जा जारी करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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शरीर में ऊर्जा उत्पादन के लिए वसा का चयापचय (Fat Metabolism) किस कोशिकांग (Organelle) में मुख्य रूप से होता है?
- (a) राइबोसोम
- (b) एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम
- (c) माइटोकॉन्ड्रिया
- (d) लाइसोसोम
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) को कोशिका का ‘पावरहाउस’ कहा जाता है क्योंकि वे कोशिकीय श्वसन (Cellular Respiration) के माध्यम से अधिकांश ATP (ऊर्जा मुद्रा) का उत्पादन करते हैं, जिसमें वसा का चयापचय शामिल है।
व्याख्या (Explanation): फैटी एसिड को माइटोकॉन्ड्रिया के अंदर बीटा-ऑक्सीकरण (Beta-oxidation) नामक प्रक्रिया के माध्यम से तोड़ा जाता है, जो फिर क्रेब्स चक्र (Krebs Cycle) और इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला (Electron Transport Chain) में प्रवेश करता है, जिससे बड़ी मात्रा में ATP का उत्पादन होता है। राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण में, एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम लिपिड और प्रोटीन संश्लेषण तथा परिवहन में, और लाइसोसोम अपशिष्ट हटाने में शामिल होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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वज़न घटाने वाली दवाएं कभी-कभी मतली (Nausea) का कारण बनती हैं। मतली का मुख्य तंत्रिका तंत्र पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- (a) मस्तिष्क के ‘संवेदी कॉर्टेक्स’ (Sensory Cortex) का उत्तेजन
- (b) ‘मेडुलरी वोमिटिंग सेंटर’ (Medullary Vomiting Center) का उत्तेजन
- (c) सेरिबैलम (Cerebellum) का अवरोधन
- (d) हाइपोथैलेमस (Hypothalamus) का अवरोधन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मतली और उल्टी को नियंत्रित करने के लिए मस्तिष्क में एक विशिष्ट ‘वोमिटिंग सेंटर’ (Vomiting Center) होता है, जो मेडुला ऑब्लोंगटा (Medulla Oblongata) में स्थित होता है।
व्याख्या (Explanation): कई दवाएं, या पेट में जलन, इस वोमिटिंग सेंटर को सीधे या केमोरिसेप्टर ट्रिगर ज़ोन (Chemoreceptor Trigger Zone – CTZ) के माध्यम से उत्तेजित कर सकती हैं, जिससे मतली और उल्टी की भावना उत्पन्न होती है। वज़न घटाने वाली दवाएं, विशेष रूप से जो जठरांत्र संबंधी मार्ग को प्रभावित करती हैं, इस केंद्र को प्रभावित कर सकती हैं। सेरिबैलम संतुलन से, हाइपोथैलेमस तापमान और भूख से, और संवेदी कॉर्टेक्स संवेदी जानकारी को संसाधित करने से संबंधित है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जब कोई व्यक्ति वज़न घटाने वाली दवाएं लेना बंद कर देता है, तो उसके शरीर में पानी का संतुलन कैसे प्रभावित हो सकता है?
- (a) शरीर से पानी का निष्कासन बढ़ सकता है
- (b) शरीर पानी को अधिक कुशलता से बनाए रख सकता है
- (c) पानी के संतुलन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता
- (d) शरीर से सोडियम का निष्कासन बढ़ सकता है
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ वज़न घटाने वाली दवाएं मूत्राशय (Diuretic) के रूप में कार्य कर सकती हैं या शरीर में सोडियम और पानी के निष्कासन को प्रभावित कर सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): यदि दवाएं इस तरह से काम कर रही थीं, तो उन्हें बंद करने पर शरीर की पानी को बनाए रखने की क्षमता थोड़ी बढ़ सकती है। हालाँकि, अक्सर, दवा का प्रभाव समाप्त होने पर शरीर की मूल चयापचय दर और हॉर्मोनल संतुलन वापस आ जाता है। अगर दवाओं ने अप्रत्यक्ष रूप से शरीर के इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बदला था, तो उन्हें बंद करने पर पानी का संतुलन बदल सकता है। अक्सर, आहार में बदलाव (जैसे नमक का सेवन बढ़ना) वजन बढ़ने में योगदान कर सकता है, जो पानी के प्रतिधारण को प्रभावित करता है।
अतः, सही उत्तर (a) है। (यह उत्तर थोड़ा अनुमानित है क्योंकि दवाओं के विशिष्ट तंत्र पर निर्भर करता है, लेकिन सामान्यतः, किसी भी दवा को बंद करने से पहले के शरीर के संतुलन में बदलाव आ सकता है।
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जीन एक्सप्रेशन (Gene Expression) के संदर्भ में, वज़न घटाने वाली दवाएं शरीर के किन अनुवांशिक तंत्रों को लक्षित कर सकती हैं?
- (a) डीएनए प्रतिकृति (DNA Replication)
- (b) आरएनए पॉलीमरेज़ गतिविधि (RNA Polymerase Activity)
- (c) प्रोटीन अनुवाद (Protein Translation)
- (d) मेटाबॉलिज्म से जुड़े जीन का विनियमन
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कई दवाएं, विशेष रूप से जो हॉर्मोनल या सिग्नलिंग पाथवे को प्रभावित करती हैं, सीधे या परोक्ष रूप से मेटाबॉलिज्म में शामिल जीनों के विनियमन को प्रभावित करती हैं।
व्याख्या (Explanation): वज़न घटाने वाली दवाएं अक्सर ऐसे जीनों को प्रभावित करती हैं जो वसा भंडारण, भूख संकेत, ऊर्जा व्यय, या इंसुलिन संवेदनशीलता को नियंत्रित करते हैं। उदाहरण के लिए, GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट GLP-1 रिसेप्टर जीन के माध्यम से संकेत पारगमन को प्रभावित करते हैं, जो अंततः कई चयापचय जीनों की अभिव्यक्ति को बदल सकता है। डीएनए प्रतिकृति, आरएनए पॉलीमरेज़ गतिविधि और प्रोटीन अनुवाद अधिक सामान्य कोशिका प्रक्रियाओं के पहलू हैं, जबकि वज़न घटाने वाली दवाओं का मुख्य लक्ष्य चयापचय मार्ग हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जब वज़न घटाने वाली दवाएं बंद कर दी जाती हैं, तो शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण पर क्या संभावित प्रभाव पड़ सकता है?
- (a) अवशोषण दक्षता बढ़ जाएगी
- (b) अवशोषण दक्षता कम हो जाएगी
- (c) अवशोषण पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा
- (d) केवल वसा का अवशोषण प्रभावित होगा
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वज़न घटाने वाली अधिकांश दवाएं सीधे तौर पर पोषक तत्वों के अवशोषण की दक्षता को बहुत अधिक प्रभावित नहीं करती हैं, बल्कि वे भूख, तृप्ति और कैलोरी सेवन को नियंत्रित करके काम करती हैं।
व्याख्या (Explanation): कुछ विशेष प्रकार की वज़न घटाने वाली दवाएं (जैसे ऑर्लिस्टैट, जो फैट के अवशोषण को रोकता है) पोषक तत्वों के अवशोषण को सीधे प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि, ओज़ेम्पिक जैसे GLP-1 एगोनिस्ट मुख्य रूप से भूख और पेट खाली होने की दर को नियंत्रित करते हैं, न कि आंतों की अवशोषण क्षमता को। इसलिए, इन दवाओं को बंद करने पर पोषक तत्वों के अवशोषण की मूल दक्षता में महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीद नहीं की जाती है, जब तक कि कोई अन्य कारक सक्रिय न हो।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान में, ‘हॉर्मोनल संतुलन’ (Hormonal Balance) वज़न नियंत्रण में क्या भूमिका निभाता है?
- (a) यह चयापचय दर को प्रभावित करता है
- (b) यह भूख और तृप्ति के संकेतों को नियंत्रित करता है
- (c) यह वसा भंडारण को प्रभावित करता है
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हॉर्मोन शरीर के विभिन्न कार्यों के लिए महत्वपूर्ण संदेशवाहक हैं, जिनमें ऊर्जा संतुलन, चयापचय, भूख, तृप्ति और वसा भंडारण शामिल हैं।
व्याख्या (Explanation): इंसुलिन, ग्लूकागन, लेप्टिन, घ्रेलिन, YY पेप्टाइड और GLP-1 जैसे हॉर्मोन मिलकर शरीर के वज़न को बनाए रखने में एक जटिल भूमिका निभाते हैं। ये हॉर्मोन निर्धारित करते हैं कि हम कितना खाते हैं, कितनी ऊर्जा खर्च करते हैं, और अतिरिक्त ऊर्जा को कैसे संग्रहीत करते हैं। इन हॉर्मोनल संकेतों में असंतुलन से वज़न बढ़ना या कम होना हो सकता है। वज़न घटाने वाली दवाएं अक्सर इन हॉर्मोनल मार्गों को लक्षित करती हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जब वज़न घटाने वाली दवाएं बंद कर दी जाती हैं, तो शरीर में ‘इंफ्लेमेशन’ (Inflammation) के स्तर पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
- (a) इंफ्लेमेशन कम हो सकता है
- (b) इंफ्लेमेशन बढ़ सकता है
- (c) इंफ्लेमेशन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा
- (d) इंफ्लेमेशन केवल तभी बढ़ेगा जब वज़न फिर से बढ़ेगा
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मोटापे और वज़न में वृद्धि को अक्सर शरीर में निम्न-श्रेणी की क्रोनिक इंफ्लेमेशन (Low-grade chronic inflammation) से जोड़ा जाता है, क्योंकि वसा ऊतक (Adipose Tissue) सूजन-रोधी साइटोकिन्स (pro-inflammatory cytokines) स्रावित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): वज़न घटाने वाली दवाएं कभी-कभी वज़न कम करके और चयापचय में सुधार करके इंफ्लेमेशन के स्तर को कम करने में मदद कर सकती हैं। यदि दवाएं बंद करने के बाद वज़न फिर से बढ़ जाता है, तो इंफ्लेमेशन के स्तर में भी वृद्धि हो सकती है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि GLP-1 एगोनिस्ट में सीधे सूजन-रोधी प्रभाव भी हो सकते हैं, इसलिए उन्हें बंद करने से यह लाभ समाप्त हो सकता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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दवाएं शरीर की कोशिकाओं में ऊर्जा उत्पादन (ATP synthesis) को कैसे प्रभावित कर सकती हैं?
- (a) केवल माइटोकॉन्ड्रिया की झिल्ली पारगम्यता (Membrane Permeability) बदलकर
- (b) केवल इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला (Electron Transport Chain) को अवरुद्ध करके
- (c) विभिन्न चयापचय मार्गों में एंजाइमों को सक्रिय या निष्क्रिय करके
- (d) कोशिकाओं में जल के प्रवेश को पूरी तरह से रोककर
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): दवाएं विशिष्ट एंजाइमों से बंधकर, उनके सह-कारकों (cofactors) को प्रभावित करके, या कोशिका के भीतर सिग्नलिंग पाथवे को सक्रिय/निष्क्रिय करके चयापचय को संशोधित कर सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): वज़न घटाने वाली दवाएं विशेष रूप से चयापचय से जुड़े एंजाइमों को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे कि जो वसा संश्लेषण (fat synthesis), ग्लूकोज उपापचय (glucose metabolism), या ऊर्जा व्यय (energy expenditure) में शामिल होते हैं। ये प्रभाव अंततः ATP उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं। अन्य विकल्प बहुत सामान्य या गलत हैं; उदाहरण के लिए, इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला को अवरुद्ध करने से ऊर्जा उत्पादन में कमी आएगी, जो वज़न घटाने के विपरीत हो सकता है, और जल प्रवेश को रोकना कोशिका के लिए घातक होगा।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जब वज़न घटाने वाली दवाएं बंद कर दी जाती हैं, तो शरीर में ‘लीचिंग’ (Leaching) की प्रक्रिया से क्या तात्पर्य है?
- (a) शरीर से पोषक तत्वों का तेज़ी से निष्कासन
- (b) शरीर में वसा का तेज़ी से टूटना
- (c) दवा के अवशेषों का शरीर से बाहर निकलना
- (d) हड्डियों से कैल्शियम का निकलना
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ‘लीचिंग’ एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी पदार्थ से उपयोगी घटक (जैसे पोषक तत्व) घोल में घुल जाते हैं और निकल जाते हैं।
व्याख्या (Explanation): यह शब्द सीधे तौर पर दवा बंद करने के बाद होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया नहीं है, लेकिन यदि दवा ने अवशोषण या चयापचय को प्रभावित किया था, तो दवा बंद करने के बाद शरीर के कुछ खनिज या पोषक तत्वों का निष्कासन (या उनका अप्रभावी उपयोग) बढ़ सकता है, जिससे ‘लीचिंग’ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। हालांकि, यह एक सामान्य रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द नहीं है, और यह बहुत विशिष्ट हो सकता है। यह विकल्प ‘दवा के अवशेषों का शरीर से बाहर निकलना’ से भिन्न है, जो एक फार्माकोकाइनेटिक प्रक्रिया है।
अतः, सही उत्तर (a) है। (यह प्रश्न अधिक सैद्धांतिक है और दवाओं के विशिष्ट प्रभाव पर निर्भर करेगा।)
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ऊर्जा संतुलन (Energy Balance) के समीकरण में, यदि दवा बंद करने के बाद ‘ऊर्जा व्यय’ (Energy Expenditure) कम हो जाता है, तो वज़न पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
- (a) वज़न कम हो जाएगा
- (b) वज़न बढ़ जाएगा
- (c) वज़न स्थिर रहेगा
- (d) ऊर्जा व्यय का वज़न पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऊर्जा संतुलन का समीकरण है: ऊर्जा सेवन = ऊर्जा व्यय + वज़न परिवर्तन। यदि ऊर्जा व्यय कम हो जाता है और ऊर्जा सेवन वही रहता है, तो शरीर अतिरिक्त ऊर्जा को वसा के रूप में संग्रहीत करेगा, जिससे वज़न बढ़ जाएगा।
व्याख्या (Explanation): वज़न घटाने वाली दवाएं अक्सर चयापचय को बढ़ाकर या भूख को नियंत्रित करके ऊर्जा व्यय को प्रभावित करती हैं। जब ये दवाएं बंद हो जाती हैं, तो चयापचय दर कम हो सकती है, जिससे कुल दैनिक ऊर्जा व्यय घट जाता है। यदि व्यक्ति अपनी खाने की आदतों में बदलाव नहीं करता है, तो यह कम ऊर्जा व्यय वज़न में वृद्धि का कारण बनेगा।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जब वज़न घटाने वाली दवाएं बंद कर दी जाती हैं, तो शरीर में ‘फूड क्रेविंग’ (Food Cravings) का बढ़ना किस न्यूरोट्रांसमीटर (Neurotransmitter) की गतिविधि में बदलाव से संबंधित हो सकता है?
- (a) डोपामाइन
- (b) सेरोटोनिन
- (c) नॉरपेनेफ्रिन
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): डोपामाइन, सेरोटोनिन और नॉरपेनेफ्रिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर भूख, तृप्ति और मिजाज को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो फूड क्रेविंग को प्रभावित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): वज़न घटाने वाली दवाएं इन न्यूरोट्रांसमीटर की गतिविधि को संशोधित कर सकती हैं। उदाहरण के लिए, GLP-1 मस्तिष्क में डोपामाइन और सेरोटोनिन के स्तर को प्रभावित कर सकता है, जो तृप्ति की भावनाओं में योगदान देता है। जब दवाएं बंद हो जाती हैं, तो इन न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर में बदलाव से फूड क्रेविंग (विशेष रूप से उच्च-कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों के लिए) बढ़ सकती है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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ऑज़ेम्पिक जैसी दवाओं के बंद होने पर शरीर की ‘इंसुलिन संवेदनशीलता’ (Insulin Sensitivity) कैसे प्रभावित हो सकती है?
- (a) यह बढ़ सकती है
- (b) यह कम हो सकती है
- (c) इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा
- (d) यह अप्रत्याशित रूप से बदल सकती है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): GLP-1 एगोनिस्ट, जैसे ओज़ेम्पिक, अग्न्याशय से इंसुलिन के स्राव को बढ़ाने और यकृत द्वारा ग्लूकोज उत्पादन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे इंसुलिन संवेदनशीलता अप्रत्यक्ष रूप से सुधर सकती है।
व्याख्या (Explanation): जब इन दवाओं को बंद कर दिया जाता है, तो यह सहायक प्रभाव समाप्त हो जाता है। यदि अंतर्निहित स्थितियाँ (जैसे टाइप 2 मधुमेह या मोटापे से संबंधित इंसुलिन प्रतिरोध) बनी रहती हैं, तो शरीर की इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया कम हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप इंसुलिन संवेदनशीलता कम हो जाती है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना अधिक कठिन बना सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जब वज़न घटाने वाली दवाएं बंद कर दी जाती हैं, तो शरीर में ‘रक्तचाप’ (Blood Pressure) पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
- (a) यह बढ़ सकता है
- (b) यह कम हो सकता है
- (c) इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा
- (d) यह अप्रत्याशित रूप से बदल सकता है
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वज़न कम करना अक्सर रक्तचाप को कम करने में सहायक होता है, क्योंकि अतिरिक्त वज़न हृदय प्रणाली पर अधिक दबाव डालता है। कुछ वज़न घटाने वाली दवाएं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रक्तचाप को भी प्रभावित कर सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): चूंकि वज़न घटाने वाली दवाएं बंद करने के बाद वज़न बढ़ने की प्रवृत्ति होती है, और वज़न बढ़ना स्वयं रक्तचाप को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, कुछ दवाएं हॉर्मोनल या अन्य तंत्रों के माध्यम से रक्तचाप को नियंत्रित करती हैं, और उन्हें बंद करने पर यह नियंत्रण कम हो सकता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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वज़न घटाने वाली दवाएं अक्सर ‘चयापचय सिंड्रोम’ (Metabolic Syndrome) के घटकों को कैसे सुधारती हैं?
- (a) केवल रक्त शर्करा को नियंत्रित करके
- (b) केवल रक्तचाप को नियंत्रित करके
- (c) वज़न, रक्त शर्करा, लिपिड प्रोफाइल और रक्तचाप में सुधार करके
- (d) केवल वसा के जमाव को रोककर
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): चयापचय सिंड्रोम कई चयापचय संबंधी समस्याओं का एक समूह है, जिसमें मोटापा, उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त शर्करा और असामान्य रक्त लिपिड शामिल हैं। वज़न कम करने से इन सभी घटकों में सुधार होता है।
व्याख्या (Explanation): वज़न घटाने वाली दवाएं, विशेष रूप से जो प्रभावी रूप से वज़न कम करती हैं, अक्सर चयापचय सिंड्रोम के सभी प्रमुख घटकों को संबोधित करती हैं। वज़न कम होने से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार होता है (रक्त शर्करा को कम करता है), हृदय प्रणाली पर दबाव कम होता है (रक्तचाप को कम करता है), और अक्सर लिपिड प्रोफाइल (जैसे ट्राइग्लिसराइड्स को कम करना और एचडीएल को बढ़ाना) में भी सुधार होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जब दवा बंद हो जाती है, तो शरीर में ‘ऊर्जा भंडारण’ (Energy Storage) की दक्षता कैसे बदल सकती है?
- (a) ऊर्जा भंडारण की दक्षता कम हो जाती है
- (b) ऊर्जा भंडारण की दक्षता बढ़ जाती है
- (c) दक्षता अप्रभावित रहती है
- (d) केवल वसा के बजाय ग्लाइकोजन के रूप में भंडारण बढ़ता है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जब कोई व्यक्ति दवाएं लेना बंद कर देता है और पुरानी खाने की आदतों पर लौट आता है, तो शरीर अधिक तेज़ी से वज़न बढ़ाने की प्रवृत्ति रखता है, जो बढ़ी हुई ऊर्जा भंडारण दक्षता का संकेत है।
व्याख्या (Explanation): दवाएं चयापचय दर को बढ़ा सकती हैं या तृप्ति की भावना को बढ़ाकर सेवन को कम कर सकती हैं, जिससे शरीर के लिए ऊर्जा को वसा के रूप में संग्रहीत करना कम प्रभावी हो जाता है। जब ये प्रभाव समाप्त हो जाते हैं, तो शरीर सामान्य चयापचय पर वापस आ जाता है, और यदि कैलोरी का सेवन अधिक है, तो ऊर्जा को संग्रहीत करने की दक्षता बढ़ जाती है, जिससे वज़न तेज़ी से बढ़ता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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शरीर में ‘इलेक्ट्रोलाइट संतुलन’ (Electrolyte Balance) वज़न घटाने वाली दवाओं के बंद होने के बाद कैसे प्रभावित हो सकता है?
- (a) यह हमेशा बना रहता है
- (b) दवाएं इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को सीधे प्रभावित नहीं करतीं
- (c) दवाओं के प्रभाव समाप्त होने पर हार्मोनल परिवर्तन इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर सकते हैं
- (d) केवल सोडियम का स्तर प्रभावित होता है
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हॉर्मोन, विशेष रूप से जो गुर्दे और द्रव संतुलन को नियंत्रित करते हैं, इलेक्ट्रोलाइट स्तरों को प्रभावित करते हैं। वज़न घटाने वाली दवाएं इन हॉर्मोनल मार्गों को अप्रत्यक्ष रूप से संशोधित कर सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): हालांकि अधिकांश वज़न घटाने वाली दवाएं सीधे तौर पर इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को लक्षित नहीं करती हैं, लेकिन उनके चयापचय या हॉर्मोनल प्रभाव, जैसे कि रेनिन-एंजियोटेंसिन-एल्डोस्टेरोन प्रणाली पर अप्रत्यक्ष प्रभाव, इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं। जब दवा बंद हो जाती है, तो ये अप्रत्यक्ष प्रभाव भी समाप्त हो सकते हैं, जिससे संतुलन में बदलाव आ सकता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।