प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: अमोनिया निष्कर्षण और संबंधित अवधारणाएँ
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की गहरी समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह खंड आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के प्रमुख सिद्धांतों का अभ्यास करने में मदद करेगा, जो अक्सर परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। विशेष रूप से, हालिया सौर ऊर्जा-आधारित अमोनिया निष्कर्षण की नवीनता को देखते हुए, हम इससे जुड़े विभिन्न वैज्ञानिक पहलुओं पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) प्रस्तुत कर रहे हैं, जो आपकी तैयारी को और भी मजबूत बनाएंगे।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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सौर ऊर्जा का उपयोग करके अपशिष्ट जल से अमोनिया निकालने की प्रक्रिया में मुख्य रूप से किस प्रकार की ऊर्जा रूपांतरण शामिल है?
- (a) रासायनिक ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा
- (b) प्रकाश ऊर्जा से रासायनिक ऊर्जा
- (c) ऊष्मीय ऊर्जा से यांत्रिक ऊर्जा
- (d) विद्युत ऊर्जा से प्रकाश ऊर्जा
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश-रासायनिक (Photochemical) अभिक्रियाएँ वे होती हैं जहाँ प्रकाश ऊर्जा रासायनिक अभिक्रियाओं को प्रेरित करती है। सौर उपकरण सूर्य के प्रकाश (प्रकाश ऊर्जा) का उपयोग करके एक प्रक्रिया शुरू करते हैं।
व्याख्या (Explanation): सौर उपकरण सूर्य से प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करते हैं और इस ऊर्जा का उपयोग अपशिष्ट जल से अमोनिया को अलग करने के लिए एक रासायनिक प्रक्रिया को चलाने के लिए करते हैं। इस प्रकार, मुख्य ऊर्जा रूपांतरण प्रकाश ऊर्जा का रासायनिक ऊर्जा में प्रयोग है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अपशिष्ट जल से अमोनिया (NH₃) को निकालने के लिए किस रासायनिक सिद्धांत का उपयोग किया जा सकता है, विशेष रूप से जब pH बढ़ाया जाता है?
- (a) उदासीनीकरण (Neutralization)
- (b) अवक्षेपण (Precipitation)
- (c) वाष्पीकरण (Evaporation)
- (d) अमोनिया का मुक्त होना (Ammonia Stripping)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया जल में अमोनियम आयनों (NH₄⁺) और अमोनिया (NH₃) के बीच संतुलन में मौजूद होता है। pH बढ़ाने पर, यह संतुलन NH₃ की ओर स्थानांतरित हो जाता है, जिससे अमोनिया गैस के रूप में मुक्त हो जाता है।
व्याख्या (Explanation): जब अपशिष्ट जल का pH बढ़ाया जाता है (जैसे कि क्षार मिलाकर), तो जलीय अमोनियम आयन (NH₄⁺) अमोनिया (NH₃) में परिवर्तित हो जाते हैं। यह NH₃ पानी में घुलनशील है लेकिन गैस के रूप में आसानी से निकल सकता है, खासकर जब तापमान बढ़ाया जाता है या वायु प्रवाह होता है। इस प्रक्रिया को अमोनिया स्ट्रिपिंग कहते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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सौर ऊर्जा-आधारित अमोनिया निष्कर्षण उपकरण में, यदि उपकरण सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करने के लिए एक काले रंग की सतह का उपयोग करता है, तो यह किस भौतिक घटना पर आधारित है?
- (a) परावर्तन (Reflection)
- (b) अपवर्तन (Refraction)
- (c) अवशोषण (Absorption)
- (d) विवर्तन (Diffraction)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वस्तुएं प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित, परावर्तित या संचारित करती हैं। काले रंग की सतहें सभी दृश्य प्रकाश को अवशोषित करती हैं, जिससे वे गर्म हो जाती हैं।
व्याख्या (Explanation): सौर उपकरणों में, प्रकाश को ऊष्मा में परिवर्तित करने के लिए सूर्य के प्रकाश का अवशोषण महत्वपूर्ण है। एक काली सतह सूर्य के प्रकाश के अधिकांश स्पेक्ट्रम को अवशोषित करती है, जिससे अवशोषित ऊर्जा उपकरण को गर्म करने और अमोनिया निष्कर्षण प्रक्रिया को शक्ति प्रदान करने में मदद करती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा रसायन अपशिष्ट जल का pH बढ़ाने और अमोनिया मुक्त करने में मदद कर सकता है?
- (a) सल्फ्यूरिक एसिड (H₂SO₄)
- (b) सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH)
- (c) हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl)
- (d) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्षार (Base) वे पदार्थ होते हैं जो जलीय घोल में हाइड्रॉक्साइड आयन (OH⁻) उत्पन्न करते हैं, जिससे pH बढ़ता है।
व्याख्या (Explanation): सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) एक प्रबल क्षार है। जब इसे अपशिष्ट जल में मिलाया जाता है, तो यह OH⁻ आयन प्रदान करता है, जो घोल के pH को बढ़ाता है। उच्च pH अमोनियम आयनों (NH₄⁺) को अमोनिया (NH₃) में परिवर्तित करता है, जिसे फिर हटाया जा सकता है। सल्फ्यूरिक एसिड और हाइड्रोक्लोरिक एसिड अम्ल हैं जो pH को कम करते हैं, और कार्बन डाइऑक्साइड अम्लीय घोल बनाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अमोनिया (NH₃) का आणविक सूत्र क्या है?
- (a) N₂H₄
- (b) NH₂
- (c) NH₃
- (d) N₃H
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र किसी यौगिक में परमाणुओं की संख्या और प्रकार को दर्शाते हैं।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया एक यौगिक है जो नाइट्रोजन (N) के एक परमाणु और हाइड्रोजन (H) के तीन परमाणुओं से मिलकर बनता है। इसलिए, इसका आणविक सूत्र NH₃ है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अपशिष्ट जल में अमोनिया की उपस्थिति मुख्य रूप से किस स्रोत से जुड़ी हो सकती है?
- (a) औद्योगिक विलायक
- (b) घरेलू सीवेज और कृषि अपवाह
- (c) विद्युत संयंत्रों से निकलने वाली राख
- (d) भारी धातु संदूषक
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपशिष्ट जल में संदूषकों के स्रोत उनकी रासायनिक प्रकृति और मानव गतिविधियों से जुड़े होते हैं।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया मुख्य रूप से जैविक पदार्थों के अपघटन से उत्पन्न होता है, जिसमें मानव मल-मूत्र और पशु अपशिष्ट शामिल हैं। इसलिए, घरेलू सीवेज और कृषि अपवाह (जैसे उर्वरक से) अपशिष्ट जल में अमोनिया के प्राथमिक स्रोत हैं। औद्योगिक विलायक, राख या भारी धातुएं अमोनिया के प्रमुख स्रोत नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर ऊर्जा द्वारा संचालित अमोनिया निष्कर्षण उपकरण द्वारा अमोनिया को अलग करने का एक लाभ क्या है?
- (a) उच्च ऊर्जा खपत
- (b) बिजली की आवश्यकता नहीं
- (c) खतरनाक रसायन आवश्यकता
- (d) कम दक्षता
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, जैसे सौर ऊर्जा, पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के विकल्प प्रदान करते हैं, अक्सर कम परिचालन लागत या पर्यावरणीय प्रभाव के साथ।
व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा द्वारा संचालित उपकरण सूर्य के प्रकाश का उपयोग करते हैं, जिसका अर्थ है कि उन्हें ग्रिड बिजली की आवश्यकता नहीं होती है। यह उन्हें उन क्षेत्रों के लिए एक स्थायी और लागत प्रभावी समाधान बनाता है जहां बिजली की पहुंच सीमित है। इसके विपरीत, पारंपरिक अमोनिया हटाने की प्रक्रियाओं में अक्सर ऊर्जा-गहन या रासायनिक विधियों की आवश्यकता होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अपशिष्ट जल से अमोनिया हटाने के लिए कौन सी भौतिक-रासायनिक प्रक्रिया, अमोनिया को एक झिल्ली (membrane) का उपयोग करके अलग करती है?
- (a) अल्ट्राफिल्ट्रेशन (Ultrafiltration)
- (b) रिवर्स ऑस्मोसिस (Reverse Osmosis)
- (c) झिल्ली स्ट्रिपिंग (Membrane Stripping)
- (d) नैनोफिल्ट्रेशन (Nanofiltration)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): झिल्ली पृथक्करण में, विशिष्ट छिद्र आकार या रासायनिक गुणों वाली झिल्लियाँ दूषित पदार्थों को पानी से अलग करती हैं। झिल्ली स्ट्रिपिंग में, अमोनिया को झिल्ली के पार ले जाया जाता है।
व्याख्या (Explanation): झिल्ली स्ट्रिपिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक विशेष झिल्ली का उपयोग किया जाता है जो अमोनिया को कुशलतापूर्वक गुजरने देती है जबकि अन्य पानी के घटकों को रोक देती है। यह सौर ऊर्जा के साथ मिलकर अमोनिया को निकालने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है। अल्ट्राफिल्ट्रेशन, रिवर्स ऑस्मोसिस और नैनोफिल्ट्रेशन अन्य झिल्ली प्रक्रियाएं हैं लेकिन अमोनिया के निष्कर्षण में उनकी दक्षता भिन्न हो सकती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सौर ऊर्जा का उपयोग करके प्राप्त अमोनिया का प्राथमिक उपयोग क्या हो सकता है?
- (a) केवल जल शोधन
- (b) उर्वरक उत्पादन
- (c) विलायक के रूप में
- (d) ऊष्मा स्रोत के रूप में
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया एक महत्वपूर्ण औद्योगिक रसायन है जिसके कई अनुप्रयोग हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख कृषि क्षेत्र में है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया (NH₃) को उर्वरकों, विशेष रूप से यूरिया और अमोनियम नाइट्रेट, के उत्पादन में एक प्रमुख घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। अपशिष्ट जल से प्राप्त अमोनिया को इस उद्देश्य के लिए संसाधित किया जा सकता है, जिससे एक चक्रीय अर्थव्यवस्था (circular economy) बनती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अपशिष्ट जल से अमोनिया को हटाने से जल निकाय पर क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है?
- (a) यूट्रोफिकेशन (Eutrophication) में वृद्धि
- (b) जलीय जीवन के लिए विषाक्तता
- (c) ऑक्सीजन की कमी (Hypoxia)
- (d) बेहतर जल गुणवत्ता
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जल में अमोनिया की उच्च सांद्रता जलीय जीवों के लिए हानिकारक हो सकती है और यूट्रोफिकेशन का कारण बन सकती है।
व्याख्या (Explanation): अपशिष्ट जल से अमोनिया को हटाने से जल निकायों में पोषक तत्वों का भार कम होता है। अमोनिया जलीय जीवों के लिए विषाक्त हो सकता है और जल में नाइट्रेट में परिवर्तित होने पर शैवाल वृद्धि (यूट्रोफोफिकेशन) को बढ़ावा दे सकता है, जिससे ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। इसलिए, अमोनिया हटाना जल की गुणवत्ता में सुधार करता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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सौर तापीय (solar thermal) प्रणाली में, सूर्य के प्रकाश को ऊष्मा में बदलने के लिए किस प्रकार के अवशोषक का उपयोग किया जाता है?
- (a) परावर्तक (Reflector)
- (b) उत्सर्जक (Emitter)
- (c) ब्लैकबॉडी (Blackbody)
- (d) पारदर्शी चालक (Transparent conductor)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एक ब्लैकबॉडी वह आदर्श वस्तु है जो सभी आपतित विद्युत चुम्बकीय विकिरण को अवशोषित करती है, और इससे उत्पन्न विकिरण की तीव्रता केवल उसके तापमान पर निर्भर करती है। व्यावहारिक रूप से, ऐसे पदार्थ जो काले होते हैं और विकिरण को अवशोषित करते हैं, ब्लैकबॉडी के समान व्यवहार करते हैं।
व्याख्या (Explanation): सौर तापीय प्रणालियों में, ऊष्मा उत्पन्न करने के लिए सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करने हेतु काले रंग की सतह वाले अवशोषक (absorber) का उपयोग किया जाता है, जो आदर्श रूप से एक ब्लैकबॉडी की तरह व्यवहार करता है। परावर्तक प्रकाश को वापस भेज देते हैं, उत्सर्जक ऊर्जा उत्सर्जित करते हैं, और पारदर्शी चालक प्रकाश को गुजरने देते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा विकल्प अमोनिया (NH₃) के भौतिक गुणों का सबसे अच्छा वर्णन करता है?
- (a) रंगहीन गैस, तीखी गंध
- (b) रंगहीन गैस, मीठी गंध
- (c) नीली गैस, तीखी गंध
- (d) पीली गैस, तीखी गंध
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थ के भौतिक गुण उसके अवलोकन योग्य विशेषताओं का वर्णन करते हैं, जैसे रंग, गंध, अवस्था आदि।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया (NH₃) सामान्य तापमान और दबाव पर एक रंगहीन गैस होती है। इसकी एक बहुत ही विशिष्ट और तीखी (pungent) गंध होती है, जिसे अक्सर “मछली जैसी” या “मूत्र जैसी” गंध के रूप में वर्णित किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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यदि सौर उपकरण में सौर ऊर्जा को केंद्रित करने के लिए एक दर्पण का उपयोग किया जाता है, तो यह किस भौतिक सिद्धांत पर आधारित होगा?
- (a) अवशोषण (Absorption)
- (b) परावर्तन (Reflection)
- (c) अपवर्तन (Refraction)
- (d) विवर्तन (Diffraction)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश के परावर्तन का नियम बताता है कि आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता है, और यह चिकनी सतहों से प्रकाश को वापस उछालता है।
व्याख्या (Explanation): दर्पण समतल या वक्रित सतहें होती हैं जो प्रकाश को परावर्तित करती हैं। सौर संकेंद्रकों (solar concentrators) में, दर्पणों का उपयोग सूर्य के प्रकाश को एक छोटे से क्षेत्र पर केंद्रित करने के लिए किया जाता है, जिससे वहाँ ऊष्मा की तीव्रता बढ़ जाती है। यह सीधे परावर्तन के सिद्धांत पर आधारित है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा सौर सेल (Solar Cell) का प्राथमिक कार्य है?
- (a) ऊष्मीय ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलना
- (b) विद्युत ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा में बदलना
- (c) प्रकाश ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलना
- (d) रासायनिक ऊर्जा को ऊष्मीय ऊर्जा में बदलना
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फोटोवोल्टिक प्रभाव (Photovoltaic effect) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा सौर सेल सूर्य के प्रकाश (फोटोन) को सीधे विद्युत प्रवाह (इलेक्ट्रॉन) में परिवर्तित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): सौर सेल, जिन्हें फोटोवोल्टिक सेल भी कहा जाता है, सेमीकंडक्टर सामग्री से बने होते हैं जो सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करते हैं और इलेक्ट्रॉनों को मुक्त करते हैं, जिससे विद्युत धारा उत्पन्न होती है। यह प्रकाश ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरण का एक प्रत्यक्ष तरीका है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अपशिष्ट जल से अमोनिया को हटाने के लिए उपयोग की जाने वाली किसी भी सौर-आधारित प्रणाली में, अमोनिया को किस अवस्था में प्राप्त करने की संभावना है?
- (a) जलीय घोल में NH₄⁺ आयन
- (b) अमोनिया गैस (NH₃)
- (c) ठोस अमोनियम लवण
- (d) अमोनिया वाष्प (NH₄OH)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया निष्कर्षण (stripping) प्रक्रियाओं का उद्देश्य अमोनिया को उसके गैसीय रूप में पानी से अलग करना है, जिसे फिर संघनित या अवशोषित किया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): उच्च pH और/या ताप के प्रभाव से, अपशिष्ट जल में अमोनियम आयन (NH₄⁺) अमोनिया गैस (NH₃) में परिवर्तित हो जाते हैं। यह NH₃ गैस पानी से निकल जाती है (strips out)। इस गैस को बाद में आगे के उपचार या उपयोग के लिए एकत्र किया जा सकता है। अमोनिया वाष्प (NH₄OH) अमोनिया का जलीय घोल है, गैस नहीं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा उपकरण सूर्य के प्रकाश को ऊष्मा में परिवर्तित करने के लिए उपयोग किया जाता है?
- (a) फोटोवोल्टिक सेल (Photovoltaic cell)
- (b) सौर तापीय कलेक्टर (Solar thermal collector)
- (c) एलईडी (LED)
- (d) ट्रांसफार्मर (Transformer)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर तापीय कलेक्टर वे उपकरण हैं जो सूर्य की विकिरण ऊर्जा को अवशोषित करते हैं और इसे ऊष्मा में परिवर्तित करते हैं, जिसे फिर पानी या हवा को गर्म करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): सौर तापीय कलेक्टरों को विशेष रूप से सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करने और इसे ऊष्मा ऊर्जा में बदलने के लिए डिज़ाइन किया गया है। फोटोवोल्टिक सेल प्रकाश को विद्युत में बदलते हैं, एलईडी प्रकाश उत्सर्जित करते हैं, और ट्रांसफार्मर वोल्टेज बदलते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि अपशिष्ट जल में अमोनियम क्लोराइड (NH₄Cl) मौजूद है, तो यह किस प्रकार के बंधन (bond) का उदाहरण है?
- (a) सहसंयोजक बंधन (Covalent bond)
- (b) आयनिक बंधन (Ionic bond)
- (c) धात्विक बंधन (Metallic bond)
- (d) हाइड्रोजन बंधन (Hydrogen bond)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आयनिक बंधन एक धातु और एक अधातु के बीच इलेक्ट्रॉनों के स्थानांतरण से बनता है, जिससे आयन बनते हैं जो एक दूसरे को आकर्षित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): अमोनियम क्लोराइड (NH₄Cl) अमोनियम आयन (NH₄⁺) और क्लोराइड आयन (Cl⁻) से बना होता है। अमोनियम आयन स्वयं सहसंयोजक बंधों द्वारा एक साथ रखे गए परमाणुओं का एक बहुपरमाणुक आयन है, लेकिन अमोनियम आयन और क्लोराइड आयन के बीच आकर्षण एक आयनिक बंधन है, जो विपरीत आवेशों वाले आयनों के बीच इलेक्ट्रोस्टैटिक आकर्षण के कारण बनता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अमोनिया के उत्पादन में हैबर-बॉश प्रक्रिया (Haber-Bosch process) का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में कौन से मुख्य अभिकारक (reactants) शामिल होते हैं?
- (a) ऑक्सीजन और नाइट्रोजन
- (b) हाइड्रोजन और ऑक्सीजन
- (c) नाइट्रोजन और अमोनिया
- (d) नाइट्रोजन और हाइड्रोजन
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हैबर-बॉश प्रक्रिया औद्योगिक रूप से अमोनिया (NH₃) का उत्पादन करने की एक विधि है, जिसमें नाइट्रोजन गैस (N₂) और हाइड्रोजन गैस (H₂) सीधी अभिक्रिया करती है।
व्याख्या (Explanation): यह प्रक्रिया वायुमंडल से नाइट्रोजन (N₂) और प्राकृतिक गैस से प्राप्त हाइड्रोजन (H₂) का उपयोग करती है, जिन्हें उच्च तापमान और दबाव में लोहे के उत्प्रेरक (catalyst) की उपस्थिति में अभिकृत किया जाता है ताकि अमोनिया (NH₃) बनाया जा सके। अभिक्रिया इस प्रकार है: N₂ + 3H₂ ⇌ 2NH₃।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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यदि सौर निष्कर्षण उपकरण में तापमान बढ़ाया जाता है, तो अमोनिया निष्कर्षण की दक्षता पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
- (a) कम हो जाएगी
- (b) अप्रभावित रहेगी
- (c) बढ़ जाएगी
- (d) पहले बढ़ेगी फिर कम हो जाएगी
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ले चेटेलियर का सिद्धांत (Le Chatelier’s principle) बताता है कि यदि किसी संतुलन प्रणाली पर कोई परिवर्तन (जैसे तापमान, दबाव) लागू किया जाता है, तो प्रणाली उस दिशा में स्थानांतरित हो जाती है जो उस परिवर्तन का विरोध करती है। अमोनिया का पानी से अलग होना एक एंडोथर्मिक (endothermic) या थोड़ा एक्सोथर्मिक (exothermic) प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन तापमान बढ़ाने से सामान्यतः NH₃ के वाष्पीकरण को बढ़ावा मिलता है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया के पानी से अमोनिया गैस में परिवर्तित होने की दर तापमान के साथ बढ़ती है। उच्च तापमान अमोनिया की घुलनशीलता को कम करता है और अमोनिया स्ट्रिपिंग प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाता है, जिससे अमोनिया के निष्कर्षण की दक्षता बढ़ जाती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अपशिष्ट जल उपचार में, अमोनिया को किस अन्य रूप में परिवर्तित किया जा सकता है जो जल निकाय के लिए अधिक हानिकारक हो सकता है?
- (a) नाइट्रोजन गैस (N₂)
- (b) नाइट्रेट (NO₃⁻)
- (c) अमोनियम आयन (NH₄⁺)
- (d) नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नाइट्रिफिकेशन (Nitrification) एक जैव-रासायनिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा अमोनियम आयनों को नाइट्राइट (NO₂⁻) और फिर नाइट्रेट (NO₃⁻) में परिवर्तित किया जाता है, आमतौर पर एरोबिक (aerobic) परिस्थितियों में।
व्याख्या (Explanation): यद्यपि अमोनिया स्वयं विषाक्त हो सकता है, अत्यधिक सांद्रता में नाइट्रेट (NO₃⁻) भी जल गुणवत्ता के लिए हानिकारक हो सकते हैं, क्योंकि वे यूट्रोफिकेशन में योगदान करते हैं। नाइट्रिफिकेशन एक दो-चरणीय प्रक्रिया है जिसमें बैक्टीरिया अमोनिया को नाइट्रेट में बदलते हैं। नाइट्रोजन गैस (N₂) और अमोनियम आयन (NH₄⁺) सीधे तौर पर जल निकाय के लिए अमोनिया की तरह हानिकारक नहीं होते हैं, और नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) भी एक ग्रीनहाउस गैस है लेकिन यह अमोनिया का प्राथमिक रूपांतरण उत्पाद नहीं है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर निष्कर्षण उपकरण में, “सहसंयोजक बंध” (covalent bond) शब्द का क्या अर्थ है?
- (a) इलेक्ट्रॉनों का साझाकरण
- (b) इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण
- (c) आयनों के बीच आकर्षण
- (d) परमाणुओं के बीच कमजोर आकर्षण
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन तब बनता है जब दो परमाणु एक या अधिक इलेक्ट्रॉन युग्मों को साझा करते हैं।
व्याख्या (Explanation): सौर उपकरणों से संबंधित रासायनिक यौगिकों में, विशेष रूप से अमोनिया (NH₃) जैसे गैर-धातुओं के बीच, सहसंयोजक बंधन महत्वपूर्ण हैं। उदाहरण के लिए, नाइट्रोजन और हाइड्रोजन परमाणु अपने इलेक्ट्रॉन युग्मों को साझा करके अमोनिया अणु बनाते हैं। यह इलेक्ट्रॉनों के स्थानांतरण (जो आयनिक बंधन बनाता है) से अलग है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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यदि अपशिष्ट जल से अमोनिया को अलग करने के लिए एक झिल्ली का उपयोग किया जाता है, तो झिल्ली को अपनी कार्यक्षमता बनाए रखने के लिए किस गुण की आवश्यकता हो सकती है?
- (a) उच्च पारगम्यता (High permeability)
- (b) जल के प्रति जलविरागी (Hydrophobic) प्रकृति
- (c) कम आणविक कट-ऑफ (Low molecular cut-off)
- (d) उच्च पारगम्यता और विशिष्ट आयनों के लिए चयनात्मकता
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): झिल्ली पृथक्करण में, झिल्ली का डिज़ाइन यह निर्धारित करता है कि वह किन पदार्थों को पारित होने देती है और किन को रोकती है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया को प्रभावी ढंग से हटाने के लिए, झिल्ली को अमोनिया (NH₃) के लिए उच्च पारगम्यता (permeability) दिखानी चाहिए, जबकि अन्य जल घटकों के लिए कम। अमोनिया को अक्सर उसके उदासीन रूप (NH₃) में अलग करना आसान होता है, जिसके लिए झिल्ली की जलविरागी (hydrophobic) प्रकृति या गैस पारगम्यता सहायक हो सकती है। इसके अलावा, झिल्ली को अमोनिया को अन्य लवणों या कार्बनिक पदार्थों से अलग करने के लिए चयनात्मक (selective) होना चाहिए, जो अमोनियम आयन (NH₄⁺) के रूप में मौजूद हो सकते हैं। इसलिए, उच्च पारगम्यता और चयनात्मकता दोनों महत्वपूर्ण हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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सौर ऊर्जा का उपयोग अपशिष्ट जल से अमोनिया निकालने के लिए करने पर, यह प्रक्रिया पर्यावरण के लिए क्यों फायदेमंद है?
- (a) यह ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करती है।
- (b) यह जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता बढ़ाती है।
- (c) यह अक्षय ऊर्जा का उपयोग करती है और प्रदूषण कम करती है।
- (d) यह जल स्रोतों को दूषित करती है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अक्षय ऊर्जा स्रोत, जैसे सौर ऊर्जा, स्वच्छ ऊर्जा के स्रोत हैं जो जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करते हैं और पर्यावरण पर कम प्रभाव डालते हैं।
व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा एक अक्षय ऊर्जा स्रोत है जो जल प्रदूषण को कम करने वाली प्रक्रिया को शक्ति प्रदान करने के लिए उपयोग की जाती है। जीवाश्म ईंधन के विपरीत, सौर ऊर्जा का उत्पादन ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं करता है, और अपशिष्ट जल से अमोनिया को हटाने से जल की गुणवत्ता में सुधार होता है। यह एक स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल दृष्टिकोण है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान में, अमोनिया का शरीर से निष्कासन किस अंग का मुख्य कार्य है?
- (a) फेफड़े (Lungs)
- (b) यकृत (Liver)
- (c) गुर्दे (Kidneys)
- (d) त्वचा (Skin)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): स्तनधारियों में, यूरिया का उत्पादन यकृत में होता है, और फिर इसे रक्तप्रवाह के माध्यम से गुर्दों तक पहुँचाया जाता है, जहां इसे फ़िल्टर किया जाता है और मूत्र के रूप में उत्सर्जित किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): यद्यपि यकृत चयापचय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, अमोनिया (जो प्रोटीन चयापचय का एक उत्पाद है) को शरीर से सीधे निकालने का मुख्य अंग गुर्दे हैं। गुर्दे रक्त से अमोनिया (आमतौर पर यूरिया के रूप में परिवर्तित) को फ़िल्टर करते हैं और इसे मूत्र के माध्यम से बाहर निकालते हैं। फेफड़े कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करते हैं, और त्वचा मुख्य रूप से पसीने के माध्यम से अपशिष्ट निकालती है, लेकिन अमोनिया निष्कासन में गुर्दे प्राथमिक भूमिका निभाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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यदि सौर ऊर्जा उपकरण में अवशोषित प्रकाश ऊर्जा का कुछ भाग परावर्तित हो जाता है, तो यह ऊर्जा रूपांतरण की किस दक्षता को प्रभावित करेगा?
- (a) पूर्ण रूपांतरण
- (b) ऊष्मीय दक्षता
- (c) अवशोषण दक्षता
- (d) प्रकाश-विद्युत दक्षता
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऊर्जा रूपांतरण दक्षता किसी भी प्रक्रिया में इनपुट ऊर्जा की वह मात्रा है जो वांछित आउटपुट ऊर्जा में परिवर्तित होती है।
व्याख्या (Explanation): यदि अवशोषित की जाने वाली ऊर्जा का एक हिस्सा परावर्तित हो जाता है, तो उपकरण द्वारा अवशोषित की जाने वाली कुल ऊर्जा कम हो जाती है। इससे प्रक्रिया को शक्ति प्रदान करने के लिए उपलब्ध ऊर्जा की मात्रा कम हो जाती है, जिससे उपकरण की अवशोषण दक्षता (absorption efficiency) कम हो जाती है। यह बाद में समग्र ऊष्मीय या अन्य प्रकार की दक्षता को प्रभावित कर सकता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।