प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: अपनी तैयारी को परखें
परिचय: किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण खंड है। भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान की गहरी समझ आपको न केवल परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त करने में मदद करती है, बल्कि आपके आस-पास की दुनिया को समझने में भी सहायक होती है। इस अभ्यास सत्र में, हम कुछ ऐसे बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) लेकर आए हैं जो आपकी तैयारी को मजबूत करने और विभिन्न वैज्ञानिक अवधारणाओं पर आपकी पकड़ को परखने में मदद करेंगे। आइए, अपनी तैयारी को आज़माते हैं!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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सौर ऊर्जा का उपयोग करके अपशिष्ट जल से अमोनिया निकालने की प्रक्रिया में, प्रकाश-रासायनिक अभिक्रियाओं (photochemical reactions) की मुख्य भूमिका क्या है?
- (a) अमोनिया को सीधे ऊर्जा में परिवर्तित करना
- (b) अमोनिया के रासायनिक बंधों को तोड़ना या परिवर्तित करना
- (c) जल के वाष्पीकरण को तेज करना
- (d) सौर ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में बदलना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश-रसायन विज्ञान (Photochemistry) उन रासायनिक अभिक्रियाओं का अध्ययन करता है जो प्रकाश के अवशोषण से उत्पन्न होती हैं। सौर उपकरणों में, प्रकाश ऊर्जा का उपयोग रासायनिक बंधों को तोड़ने या नए बंध बनाने के लिए किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): अपशिष्ट जल से अमोनिया को निकालने के लिए, अमोनिया अणु (NH3) के रासायनिक रूप में परिवर्तन की आवश्यकता होती है। सौर उपकरण प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करके ऐसी प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित (catalyze) करते हैं, जो अमोनिया को कम हानिकारक या अलग करने योग्य रूप में परिवर्तित कर सकती हैं, जैसे कि नाइट्रोजन गैस (N2) या अन्य यौगिक। विकल्प (a) गलत है क्योंकि अमोनिया सीधे ऊर्जा में परिवर्तित नहीं होता। विकल्प (c) और (d) सहायक हो सकते हैं लेकिन अमोनिया निष्कर्षण की मुख्य रासायनिक प्रक्रिया नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर उपकरणों में प्रयुक्त प्रकाश-संवेदी (photosensitive) सामग्री का मुख्य कार्य क्या होता है?
- (a) प्रकाश को परावर्तित करना
- (b) प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करके रासायनिक अभिक्रिया को शुरू करना
- (c) विद्युत धारा उत्पन्न करना
- (d) अमोनिया को बांधना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश-संवेदी सामग्री (Photosensitive materials) वे पदार्थ होते हैं जो प्रकाश की उपस्थिति में रासायनिक या भौतिक परिवर्तन से गुजरते हैं। सौर ऊर्जा रूपांतरण में, ये सामग्रियां फोटॉन (प्रकाश के कण) को अवशोषित करती हैं।
व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा से अमोनिया निकालने वाले उपकरण में, प्रकाश-संवेदी सामग्री (जैसे अर्धचालक या रंजक) सौर विकिरण से प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करती है। यह ऊर्जा फिर अमोनिया अणु के रूपांतरण या एक उत्प्रेरक (catalyst) को सक्रिय करने के लिए उपयोग की जाती है, जो अमोनिया को अपशिष्ट जल से अलग करने में मदद करता है। विकल्प (c) सौर ऊर्जा को विद्युत में बदलने वाली सामग्री से संबंधित है, जो यहाँ मुख्य उद्देश्य नहीं है। विकल्प (a) और (d) प्रक्रिया के लिए प्रासंगिक नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर-उत्प्रेरित (solar-catalyzed) अमोनिया निष्कर्षण प्रक्रिया में, उत्प्रेरक (catalyst) की भूमिका क्या होती है?
- (a) अमोनिया को अवशोषित करना
- (b) अभिक्रिया की सक्रियण ऊर्जा (activation energy) को कम करना
- (c) प्रकाश ऊर्जा को संग्रहित करना
- (d) अपशिष्ट जल को शुद्ध करना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): उत्प्रेरक ऐसे पदार्थ होते हैं जो स्वयं अभिक्रिया में उपभोग हुए बिना रासायनिक अभिक्रिया की दर को बढ़ाते हैं। वे अभिक्रिया के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करके ऐसा करते हैं जिसकी सक्रियण ऊर्जा कम होती है।
व्याख्या (Explanation): सौर-उत्प्रेरित प्रक्रिया में, उत्प्रेरक (जैसे टाइटेनियम डाइऑक्साइड – TiO2, या अन्य धातु ऑक्साइड) को शामिल किया जाता है। जब सौर प्रकाश इन उत्प्रेरकों पर पड़ता है, तो वे सक्रिय हो जाते हैं और अमोनिया के रासायनिक रूपांतरण के लिए आवश्यक सक्रियण ऊर्जा को काफी कम कर देते हैं, जिससे अमोनिया को अपशिष्ट जल से कुशलतापूर्वक अलग किया जा सकता है। अमोनिया को अवशोषित करना (a) एक अलग प्रक्रिया है, प्रकाश को संग्रहित करना (c) गलत है, और अपशिष्ट जल को शुद्ध करना (d) परिणाम हो सकता है, लेकिन उत्प्रेरक का प्राथमिक कार्य नहीं है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अपशिष्ट जल से अमोनिया को हटाने के लिए किस प्रकार की रासायनिक अभिक्रिया को अक्सर सौर ऊर्जा का उपयोग करके प्रेरित किया जाता है?
- (a) उदासीनीकरण (Neutralization)
- (b) अपचयन-ऑक्सीकरण (Redox)
- (c) बहुलकीकरण (Polymerization)
- (d) क्रिस्टलीकरण (Crystallization)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपचयन-ऑक्सीकरण (Redox) अभिक्रियाएं वे हैं जिनमें इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होता है, जिससे एक प्रजाति ऑक्सीकृत (इलेक्ट्रॉन खोती है) और दूसरी प्रजाति अपचयित (इलेक्ट्रॉन प्राप्त करती है) होती है। सौर ऊर्जा अक्सर इन अभिक्रियाओं को शुरू करने के लिए इलेक्ट्रॉन-होल युग्म (electron-hole pairs) उत्पन्न करती है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया (NH3) के रूपांतरण में अक्सर रेडॉक्स अभिक्रियाएं शामिल होती हैं, जहां अमोनिया को विभिन्न नाइट्रोजन प्रजातियों, जैसे नाइट्रोजन गैस (N2), नाइट्राइट (NO2-), या नाइट्रेट (NO3-) में ऑक्सीकृत किया जाता है। सौर ऊर्जा प्रकाश-उत्प्रेरित रेडॉक्स अभिक्रियाओं के माध्यम से यह रूपांतरण प्राप्त करने में मदद करती है। उदासीनीकरण (a) एसिड-बेस अभिक्रिया है, बहुलकीकरण (c) मोनोमर का जुड़ना है, और क्रिस्टलीकरण (d) एक ठोस रूप में पदार्थ का बनना है – ये अमोनिया निष्कर्षण की मुख्य प्रक्रियाएं नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर उपकरण में अमोनिया का निष्कर्षण करते समय, अपशिष्ट जल में pH का क्या प्रभाव पड़ सकता है?
- (a) pH से कोई प्रभाव नहीं पड़ता
- (b) उच्च pH अमोनिया (NH3) के रूप में अधिक अमोनिया प्रदान करता है, जो निष्कर्षण को आसान बना सकता है
- (c) निम्न pH अमोनिया आयन (NH4+) के रूप में अधिक अमोनिया प्रदान करता है, जो निष्कर्षण को कठिन बना सकता है
- (d) pH अमोनिया के निष्कर्षण पर कोई प्रभाव नहीं डालता है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया (NH3) और अमोनियम आयन (NH4+) के बीच संतुलन pH पर निर्भर करता है। NH3 एक क्षारीय गैस है, जबकि NH4+ इसका संयुग्मी अम्ल है।
व्याख्या (Explanation): जल में, अमोनिया (NH3) और अमोनियम आयन (NH4+) एक संतुलन में मौजूद होते हैं: NH3 + H2O ⇌ NH4+ + OH-। ले चेटेलियर के सिद्धांत (Le Chatelier’s Principle) के अनुसार, यदि pH बढ़ाया जाता है (अर्थात्, OH- आयनों की सांद्रता बढ़ाई जाती है), तो संतुलन बाईं ओर (NH3 की ओर) स्थानांतरित हो जाता है। इसलिए, उच्च pH की स्थिति में, अमोनिया मुख्य रूप से NH3 के रूप में मौजूद होता है, जो एक गैस है और इसे अलग करना या परिवर्तित करना अक्सर आसान होता है। निम्न pH पर, NH4+ का प्रभुत्व होता है, जो आयनिक रूप में होता है और इसका निष्कर्षण या फोटो-कैटलिसिस प्रक्रिया में उपयोग अधिक जटिल हो सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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भौतिकी के किस सिद्धांत का उपयोग सौर उपकरण द्वारा प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक अभिक्रिया के लिए आवश्यक ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है?
- (a) ऊष्मागतिकी का दूसरा नियम (Second Law of Thermodynamics)
- (b) प्रकाश-विद्युत प्रभाव (Photoelectric Effect)
- (c) जड़त्व का नियम (Law of Inertia)
- (d) आर्किमिडीज का सिद्धांत (Archimedes’ Principle)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश-विद्युत प्रभाव वह घटना है जिसमें जब फोटॉन (प्रकाश के कण) किसी पदार्थ से टकराते हैं, तो वे इलेक्ट्रॉनों को उत्सर्जित कर सकते हैं। यह घटना दर्शाती है कि प्रकाश ऊर्जा को कणों के रूप में अवशोषित किया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): सौर उपकरणों में, विशेष रूप से फोटो-कैटलिसिस में, प्रकाश-विद्युत प्रभाव का सिद्धांत महत्वपूर्ण है। जब सौर प्रकाश (फोटॉन) एक अर्धचालक उत्प्रेरक पर पड़ता है, तो फोटॉन द्वारा अवशोषित ऊर्जा उत्प्रेरक में इलेक्ट्रॉन-होल युग्म उत्पन्न करती है। ये आवेश वाहक (charge carriers) फिर रेडॉक्स अभिक्रियाओं को चलाने के लिए उपयोग किए जाते हैं, जैसे कि अमोनिया का रूपांतरण। ऊष्मागतिकी का दूसरा नियम (a) ऊर्जा रूपांतरण की दक्षता से संबंधित है, जड़त्व का नियम (c) गति से संबंधित है, और आर्किमिडीज का सिद्धांत (d) उत्प्लावन बल से संबंधित है; ये सीधे तौर पर प्रकाश से रासायनिक अभिक्रिया शुरू करने की प्रक्रिया का वर्णन नहीं करते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अमोनिया (NH3) का रासायनिक सूत्र क्या है?
- (a) NO2
- (b) N2O
- (c) NH3
- (d) HNO3
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र रासायनिक यौगिकों में परमाणुओं की संख्या और प्रकार को दर्शाते हैं।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया एक रासायनिक यौगिक है जिसका सूत्र NH3 है। इसमें नाइट्रोजन (N) का एक परमाणु और हाइड्रोजन (H) के तीन परमाणु होते हैं। NO2 नाइट्रस डाइऑक्साइड है, N2O नाइट्रस ऑक्साइड (लाफिंग गैस) है, और HNO3 नाइट्रिक एसिड है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अपशिष्ट जल से अमोनिया को प्रभावी ढंग से हटाने के लिए सौर उपकरण किस तरंग दैर्ध्य (wavelength) के प्रकाश का सबसे अधिक उपयोग करते हैं?
- (a) केवल अवरक्त (Infrared)
- (b) केवल पराबैंगनी (Ultraviolet)
- (c) दृश्यमान स्पेक्ट्रम (Visible spectrum) और कुछ हद तक पराबैंगनी
- (d) माइक्रोवेव (Microwave)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फोटो-कैटलिसिस में उपयोग किए जाने वाले अधिकांश अर्धचालक उत्प्रेरक (जैसे TiO2) दृश्यमान प्रकाश और पराबैंगनी (UV) प्रकाश के प्रति संवेदनशील होते हैं, क्योंकि इन तरंग दैर्ध्य में पर्याप्त ऊर्जा होती है जो उत्प्रेरक को सक्रिय करने के लिए इलेक्ट्रॉन-होल युग्म उत्पन्न कर सकती है।
व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा का उपयोग करने वाले फोटो-कैटलिटिक उपकरणों में, प्रकाश को ऊर्जा के स्रोत के रूप में उपयोग किया जाता है। TiO2 जैसे सामान्य फोटो-कैटलिस्ट UV प्रकाश (जिसकी तरंग दैर्ध्य लगभग 400 nm से कम होती है) द्वारा सक्रिय होते हैं। हालांकि, संशोधित उत्प्रेरक दृश्यमान प्रकाश (लगभग 400-700 nm) का भी उपयोग कर सकते हैं, जो सौर स्पेक्ट्रम का एक बड़ा हिस्सा है। अवरक्त (a) में ऊर्जा बहुत कम होती है, और माइक्रोवेव (d) का उपयोग आमतौर पर इस प्रकार की प्रक्रिया के लिए नहीं किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान में, अमोनिया का अत्यधिक सांद्रण जलीय जीवों के लिए हानिकारक क्यों माना जाता है?
- (a) यह पानी में ऑक्सीजन को अवशोषित करता है
- (b) यह उनके चयापचय (metabolism) को धीमा कर देता है
- (c) यह उनके गलफड़ों (gills) को नुकसान पहुंचाता है और आयन संतुलन को बाधित करता है
- (d) यह उन्हें निर्जलित (dehydrate) कर देता है
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जलीय जीव अपने वातावरण से ऑक्सीजन लेने और अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकालने के लिए अपने गलफड़ों का उपयोग करते हैं। अमोनिया एक विषैला पदार्थ है जो इन प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करता है।
व्याख्या (Explanation): उच्च सांद्रता में अमोनिया जलीय जीवों, विशेष रूप से मछलियों के लिए विषाक्त होता है। यह उनके गलफड़ों के माध्यम से अमोनिया के अवशोषण को प्रेरित करता है, जिससे रक्त का pH बढ़ जाता है। यह रक्त में अमोनिया की उच्च सांद्रता की ओर ले जाता है, जो उनके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकता है। इसके अतिरिक्त, अमोनिया मछली के शरीर से आवश्यक आयनों (जैसे सोडियम और पोटेशियम) के निकास का कारण बन सकता है, जिससे आयनिक असंतुलन (ionic imbalance) हो सकता है। यह सीधे तौर पर ऑक्सीजन को अवशोषित नहीं करता (a), चयापचय को धीमा कर सकता है लेकिन मुख्य कारण नहीं (b), और निर्जलीकरण (d) भी एक संभावित परिणाम है, लेकिन गलफड़ों को नुकसान और आयन संतुलन का बाधित होना प्राथमिक प्रभाव हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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नाइट्रोजन चक्र (Nitrogen Cycle) में, अमोनिया का अन्य रूपों में रूपांतरण किसके द्वारा किया जाता है?
- (a) केवल प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
- (b) केवल श्वसन (Respiration)
- (c) कुछ बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीव (Microorganisms)
- (d) केवल पौधों की जड़ें
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नाइट्रोजन चक्र एक जैव-भू-रासायनिक चक्र है जिसमें विभिन्न सूक्ष्मजीव विभिन्न रासायनिक रूपों में नाइट्रोजन के रूपांतरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
व्याख्या (Explanation): नाइट्रोजन चक्र के दो मुख्य चरण जो अमोनिया को अन्य रूपों में बदलते हैं, वे हैं नाइट्रीकरण (nitrification) और विनाइट्रीकरण (denitrification)। नाइट्रीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें नाइट्रोसोमोनास (Nitrosomonas) जैसे बैक्टीरिया अमोनिया (NH3) को नाइट्राइट (NO2-) में ऑक्सीकृत करते हैं, और फिर नाइट्रोबैक्टर (Nitrobacter) जैसे बैक्टीरिया नाइट्राइट को नाइट्रेट (NO3-) में ऑक्सीकृत करते हैं। ये प्रक्रियाएं हवा की उपस्थिति में होती हैं। विनाइट्रीकरण में, अवायवीय (anaerobic) बैक्टीरिया नाइट्रेट को नाइट्रोजन गैस (N2) में बदल देते हैं। प्रकाश संश्लेषण (a), श्वसन (b), और पौधों की जड़ें (d) सीधे तौर पर अमोनिया के अन्य रूपों में रूपांतरण की मुख्य प्रक्रियाएं नहीं हैं, बल्कि नाइट्रोजन चक्र के अन्य पहलुओं से संबंधित हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सौर ऊर्जा से संचालित अमोनिया निष्कर्षण उपकरण में, ‘डिवाइस’ (device) शब्द आमतौर पर क्या दर्शाता है?
- (a) एक जटिल विद्युत ग्रिड
- (b) एक विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया उपकरण या प्रणाली
- (c) एक प्राकृतिक जल स्रोत
- (d) केवल एक सौर पैनल
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ‘डिवाइस’ (Device) एक सामान्य शब्द है जिसका अर्थ किसी विशिष्ट कार्य को करने के लिए बनाया गया या उपयोग किया जाने वाला एक उपकरण, मशीन या प्रणाली है।
व्याख्या (Explanation): इस संदर्भ में, ‘डिवाइस’ का तात्पर्य उस विशेष प्रणाली से है जो सौर ऊर्जा का उपयोग करके अपशिष्ट जल से अमोनिया निकालती है। इसमें सौर पैनल (ऊर्जा स्रोत के लिए), एक फोटो-कैटलिटिक रिएक्टर, उत्प्रेरक सामग्री, और संभवतः पंप या नियंत्रण प्रणाली जैसे घटक शामिल हो सकते हैं। यह केवल एक सौर पैनल (d) से अधिक व्यापक है, न ही यह एक जटिल विद्युत ग्रिड (a) है, और न ही यह प्राकृतिक जल स्रोत (c) है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अमोनिया (NH3) की संरचना में, नाइट्रोजन परमाणु के चारों ओर कितने सहसंयोजक बंध (covalent bonds) होते हैं?
- (a) 1
- (b) 2
- (c) 3
- (d) 4
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंध दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से बनते हैं। नाइट्रोजन के बाहरी कोश में 5 इलेक्ट्रॉन होते हैं, और यह आमतौर पर 3 और बंध बनाता है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया (NH3) में, नाइट्रोजन परमाणु केंद्रीय परमाणु है। नाइट्रोजन के बाहरी कोश में 5 संयोजकता इलेक्ट्रॉन (valence electrons) होते हैं। ये 5 इलेक्ट्रॉनों में से 3 इलेक्ट्रॉन तीन हाइड्रोजन परमाणुओं के साथ एकल सहसंयोजक बंध बनाने के लिए साझेदारी करते हैं। बचे हुए 2 इलेक्ट्रॉन एक एकाकी युग्म (lone pair) के रूप में मौजूद होते हैं। इस प्रकार, नाइट्रोजन परमाणु तीन सहसंयोजक बंध बनाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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फोटो-कैटलिसिस (Photocatalysis) में, प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करके उत्पन्न होने वाले ‘रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज’ (Reactive Oxygen Species – ROS) का प्राथमिक कार्य क्या है?
- (a) अमोनिया को पानी में घोलना
- (b) अमोनिया अणु को ऑक्सीकृत करना
- (c) अमोनिया को अमोनियम आयन में बदलना
- (d) पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में तोड़ना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज (ROS), जैसे कि हाइड्रॉक्सिल रेडिकल (•OH) और सुपरऑक्साइड आयन (O2•-), अत्यधिक प्रतिक्रियाशील अणु होते हैं जो ऑक्सीकरण अभिक्रियाओं को चलाने में सक्षम होते हैं।
व्याख्या (Explanation): फोटो-कैटलिसिस में, जब उत्प्रेरक प्रकाश को अवशोषित करता है, तो यह इलेक्ट्रॉन-होल युग्म उत्पन्न करता है। ये आवेश वाहक पानी (H2O) और ऑक्सीजन (O2) के साथ अभिक्रिया करके ROS बनाते हैं। ये ROS, विशेष रूप से •OH रेडिकल, अत्यंत शक्तिशाली ऑक्सीकारक होते हैं और अमोनिया (NH3) जैसे कार्बनिक प्रदूषकों को छोटे, कम हानिकारक यौगिकों या अंततः CO2 और H2O में ऑक्सीकृत कर सकते हैं। हालांकि अमोनिया को अमोनियम आयन (c) में बदलने में pH की भूमिका होती है, ROS का मुख्य कार्य अमोनिया अणु को प्रत्यक्ष रूप से ऑक्सीकृत करना है (b)।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर ऊर्जा द्वारा संचालित अमोनिया निष्कर्षण का मुख्य पर्यावरणीय लाभ क्या है?
- (a) कम ऊर्जा खपत
- (b) जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना
- (c) जल की गुणवत्ता में सुधार
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर ऊर्जा एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है जो जीवाश्म ईंधनों की तुलना में पर्यावरणीय प्रभाव को कम करता है।
व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा का उपयोग पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों (जैसे बिजली ग्रिड जो जीवाश्म ईंधन पर निर्भर हो सकते हैं) के उपयोग को कम करता है, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन घटता है। यह ऊर्जा की खपत को भी कम कर सकता है क्योंकि सौर ऊर्जा मुफ्त है। अपशिष्ट जल से अमोनिया हटाने से जल निकायों में प्रदूषण कम होता है, जिससे जल की गुणवत्ता में सुधार होता है। इसलिए, तीनों विकल्प सौर ऊर्जा द्वारा संचालित अमोनिया निष्कर्षण के महत्वपूर्ण पर्यावरणीय लाभ हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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निम्नलिखित में से कौन सी गैस हवा का लगभग 78% हिस्सा बनाती है?
- (a) ऑक्सीजन
- (b) नाइट्रोजन
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड
- (d) आर्गन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पृथ्वी का वायुमंडल विभिन्न गैसों का मिश्रण है, जिनमें नाइट्रोजन सबसे प्रचुर मात्रा में पाई जाती है।
व्याख्या (Explanation): पृथ्वी के वायुमंडल की संरचना में, नाइट्रोजन (N2) लगभग 78% है, ऑक्सीजन (O2) लगभग 21% है, आर्गन (Ar) लगभग 0.93% है, और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और अन्य गैसें बहुत कम मात्रा में मौजूद हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) के दौरान पौधों द्वारा कौन सी गैस अवशोषित की जाती है?
- (a) ऑक्सीजन
- (b) नाइट्रोजन
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड
- (d) मीथेन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से पोषक तत्व (जैसे ग्लूकोज) बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण की सामान्य अभिक्रिया है: 6CO2 + 6H2O + प्रकाश ऊर्जा → C6H12O6 (ग्लूकोज) + 6O2। इस अभिक्रिया में, पौधे वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन (O2) को बाहर निकालते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव शरीर में सबसे बड़ी ग्रंथि (gland) कौन सी है?
- (a) थायराइड
- (b) अग्न्याशय (Pancreas)
- (c) यकृत (Liver)
- (d) अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal gland)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मानव शरीर की ग्रंथियां विभिन्न प्रकार के हार्मोन और अन्य स्राव उत्पन्न करती हैं। यकृत एक महत्वपूर्ण अंग है जो कई कार्य करता है, जिसमें पित्त का उत्पादन भी शामिल है।
व्याख्या (Explanation): मानव शरीर में यकृत (Liver) सबसे बड़ी आंतरिक ग्रंथि है। यह विभिन्न महत्वपूर्ण कार्य करती है, जैसे चयापचय, विषहरण (detoxification) और पित्त का उत्पादन। अग्न्याशय (Pancreas) भी एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है जो हार्मोन (जैसे इंसुलिन) और पाचक एंजाइम का स्राव करती है, लेकिन यह यकृत से छोटी होती है। थायराइड और अधिवृक्क ग्रंथियां छोटी अंतःस्रावी ग्रंथियां हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सेलुलर श्वसन (Cellular Respiration) में, ATP (एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट) का उत्पादन मुख्य रूप से किस प्रक्रिया के दौरान होता है?
- (a) ग्लाइकोलिसिस (Glycolysis)
- (b) क्रेब्स चक्र (Krebs Cycle / Citric Acid Cycle)
- (c) ऑक्सीडेटिव फास्फारिलीकरण (Oxidative Phosphorylation)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सेलुलर श्वसन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव भोजन से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग ATP के रूप में करते हैं, जो कोशिका की मुख्य ऊर्जा मुद्रा है।
व्याख्या (Explanation): सेलुलर श्वसन के तीन मुख्य चरण होते हैं: ग्लाइकोलिसिस, क्रेब्स चक्र (साइट्रिक एसिड चक्र), और ऑक्सीडेटिव फास्फारिलीकरण (इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला सहित)। ग्लाइकोलिसिस में ATP की थोड़ी मात्रा बनती है, क्रेब्स चक्र में ATP (और NADH, FADH2) की और मात्रा बनती है, लेकिन ATP का सबसे बड़ा उत्पादन ऑक्सीडेटिव फास्फारिलीकरण के दौरान होता है, जहां इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला प्रोटॉन प्रवणता (proton gradient) का उपयोग करके बड़ी मात्रा में ATP का संश्लेषण करती है। इसलिए, तीनों प्रक्रियाएं ATP के उत्पादन में योगदान करती हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक क्लोरोफिल (chlorophyll) किस कोशिकांग (organelle) में पाया जाता है?
- (a) नाभिक (Nucleus)
- (b) रिक्तिका (Vacuole)
- (c) क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast)
- (d) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondrion)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्लोरोप्लास्ट हरे रंग के पिगमेंट क्लोरोफिल का स्थल है, जहां प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश-निर्भर अभिक्रियाएं होती हैं।
व्याख्या (Explanation): क्लोरोफिल एक हरा वर्णक है जो पौधों की कोशिकाओं में क्लोरोप्लास्ट नामक कोशिकांग में स्थित होता है। यह प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करता है, जो प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया शुरू करने के लिए महत्वपूर्ण है। नाभिक (Nucleus) कोशिका के आनुवंशिक पदार्थ को नियंत्रित करता है, रिक्तिका (Vacuole) पानी और अन्य पदार्थों का भंडारण करती है, और माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondrion) सेलुलर श्वसन का स्थल है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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ध्वनि की गति (speed of sound) सबसे अधिक किस माध्यम में होती है?
- (a) हवा
- (b) पानी
- (c) लोहा (Iron)
- (d) निर्वात (Vacuum)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ध्वनि एक यांत्रिक तरंग है जिसे फैलने के लिए एक माध्यम की आवश्यकता होती है। माध्यम के कणों की सघनता और लोच (elasticity) ध्वनि की गति को प्रभावित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): ध्वनि की गति ठोसों में सबसे अधिक, फिर द्रवों में और फिर गैसों में सबसे कम होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ठोस में कण एक-दूसरे के बहुत करीब होते हैं और मजबूत अंतःक्रियाएं होती हैं, जिससे तरंगें अधिक कुशलता से फैलती हैं। निर्वात (d) में ध्वनि तरंगें नहीं फैल सकतीं क्योंकि कोई माध्यम नहीं है। हवा (a) एक गैस है, पानी (b) एक द्रव है, और लोहा (c) एक ठोस है। इसलिए, ध्वनि की गति लोहे में सबसे अधिक होगी।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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इलेक्ट्रॉन की खोज किसने की थी?
- (a) आइजैक न्यूटन (Isaac Newton)
- (b) जे.जे. थॉमसन (J.J. Thomson)
- (c) अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein)
- (d) मैरी क्यूरी (Marie Curie)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परमाणु की संरचना को समझने के लिए विभिन्न उप-परमाणु कणों (subatomic particles) की खोज महत्वपूर्ण है।
व्याख्या (Explanation): जे.जे. थॉमसन (J.J. Thomson) ने 1897 में कैथोड किरणों के प्रयोगों के माध्यम से इलेक्ट्रॉन की खोज की थी। उन्होंने यह प्रदर्शित किया कि ये किरणें ऋणात्मक रूप से आवेशित कणों से बनी हैं, जिन्हें बाद में इलेक्ट्रॉन नाम दिया गया। आइजैक न्यूटन (a) गुरुत्वाकर्षण और गति के नियमों के लिए जाने जाते हैं, अल्बर्ट आइंस्टीन (c) सापेक्षता के सिद्धांत के लिए, और मैरी क्यूरी (d) रेडियोधर्मिता के क्षेत्र में अपने काम के लिए जानी जाती हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रकाश के प्रकीर्णन (scattering of light) के कारण आकाश नीला क्यों दिखाई देता है?
- (a) रेले प्रकीर्णन (Rayleigh Scattering)
- (b) मी प्रकीर्णन (Mie Scattering)
- (c) कुल आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection)
- (d) व्यतिकरण (Interference)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रेले प्रकीर्णन तब होता है जब प्रकाश की तरंग दैर्ध्य माध्यम के कणों के आकार से काफी बड़ी होती है। यह छोटी तरंग दैर्ध्य (नीले और बैंगनी प्रकाश) को लंबी तरंग दैर्ध्य (लाल और नारंगी प्रकाश) की तुलना में अधिक प्रकीर्णित करता है।
व्याख्या (Explanation): जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरता है, तो वायुमंडल में मौजूद गैस के अणु (मुख्य रूप से नाइट्रोजन और ऑक्सीजन) प्रकाश को सभी दिशाओं में बिखेर देते हैं। यह घटना रेले प्रकीर्णन कहलाती है। चूंकि नीले प्रकाश की तरंग दैर्ध्य छोटी होती है, इसलिए यह लाल या पीले प्रकाश की तुलना में अधिक प्रकीर्णित होता है। यह प्रकीर्णित नीला प्रकाश हमारी आंखों तक पहुंचता है, जिससे आकाश नीला दिखाई देता है। मी प्रकीर्णन (b) बड़े कणों (जैसे धूल या पानी की बूंदें) द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन से संबंधित है। कुल आंतरिक परावर्तन (c) प्रकाश के एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाते समय अपने ही माध्यम में वापस लौटने की घटना है, और व्यतिकरण (d) दो या दो से अधिक तरंगों के अध्यारोपण (superposition) का प्रभाव है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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मानव रक्त में ऑक्सीजन का परिवहन मुख्य रूप से किसके द्वारा किया जाता है?
- (a) श्वेत रक्त कोशिकाएं (White Blood Cells)
- (b) लाल रक्त कोशिकाएं (Red Blood Cells)
- (c) प्लेटलेट्स (Platelets)
- (d) प्लाज्मा (Plasma)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): लाल रक्त कोशिकाएं (RBCs) एक विशेष प्रोटीन, हीमोग्लोबिन (hemoglobin) से भरपूर होती हैं, जो ऑक्सीजन के साथ बंध बना सकता है।
व्याख्या (Explanation): लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीन होता है, जो फेफड़ों में ऑक्सीजन के साथ मिलकर ऑक्सीहीमोग्लोबिन (oxyhemoglobin) बनाता है। फिर यह रक्तप्रवाह के माध्यम से शरीर के ऊतकों तक ले जाया जाता है, जहां ऑक्सीजन मुक्त हो जाती है। श्वेत रक्त कोशिकाएं (a) प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं, प्लेटलेट्स (c) रक्त के थक्के जमने में मदद करते हैं, और प्लाज्मा (d) रक्त का तरल घटक है जिसमें अन्य पदार्थ घुले होते हैं, लेकिन ऑक्सीजन का मुख्य वाहक लाल रक्त कोशिकाएं ही हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कौन सा विटामिन घावों को भरने और संक्रमण से बचाने में मदद करता है?
- (a) विटामिन ए (Vitamin A)
- (b) विटामिन सी (Vitamin C)
- (c) विटामिन डी (Vitamin D)
- (d) विटामिन ई (Vitamin E)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विटामिन सी, जिसे एस्कॉर्बिक एसिड भी कहा जाता है, कोलेजन के संश्लेषण के लिए आवश्यक है, जो एक प्रोटीन है जो त्वचा और अन्य संयोजी ऊतकों (connective tissues) के निर्माण में महत्वपूर्ण है।
व्याख्या (Explanation): विटामिन सी कोलेजन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो ऊतकों को एक साथ रखने और घावों को भरने के लिए आवश्यक है। यह एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी कार्य करता है, जो कोशिकाओं को क्षति से बचाता है, और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है, जिससे संक्रमण से लड़ने में सहायता मिलती है। विटामिन ए (a) दृष्टि के लिए महत्वपूर्ण है, विटामिन डी (c) कैल्शियम अवशोषण और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए, और विटामिन ई (d) एक एंटीऑक्सीडेंट है जो कोशिकाओं की रक्षा करता है, लेकिन घाव भरने में सी की भूमिका अधिक प्रत्यक्ष है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आधुनिक आवर्त सारणी (modern periodic table) में तत्वों को उनके किस गुणधर्म के आधार पर व्यवस्थित किया गया है?
- (a) परमाणु भार (Atomic Weight)
- (b) परमाणु संख्या (Atomic Number)
- (c) न्यूट्रॉन की संख्या (Number of Neutrons)
- (d) गलनांक (Melting Point)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आधुनिक आवर्त सारणी, जिसे हेनरी मोस्ली (Henry Moseley) द्वारा विकसित किया गया था, तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु संख्या के क्रम में व्यवस्थित करती है।
व्याख्या (Explanation): आधुनिक आवर्त सारणी में, तत्वों को उनकी परमाणु संख्या (अर्थात्, नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या) के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया गया है। यह व्यवस्था तत्वों के रासायनिक गुणों में नियमित आवधिकता (periodicity) को दर्शाती है। पहले की आवर्त सारणियां (जैसे मेंडेलीव की) परमाणु भार पर आधारित थीं, लेकिन कुछ विसंगतियां थीं। परमाणु भार (a) और न्यूट्रॉन की संख्या (c) तत्वों के व्यवस्थित क्रम को सीधे तौर पर परिभाषित नहीं करती है, और गलनांक (d) एक भौतिक गुण है जो आवर्त सारणी के व्यवस्थापन का आधार नहीं है।
अतः, सही उत्तर (b) है।