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प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: अपनी तैयारी को परखें

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: अपनी तैयारी को परखें

परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान एक अत्यंत महत्वपूर्ण खंड है। भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान की बुनियादी अवधारणाओं की गहरी समझ आपको न केवल परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करती है, बल्कि आपके ज्ञान को भी समृद्ध करती है। यहाँ, हम “Doubling Down on Diamond” शीर्षक के संकेत पर आधारित, विज्ञान के 25 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनके साथ विस्तृत हल और स्पष्टीकरण भी दिए गए हैं, ताकि आप अपनी तैयारी को प्रभावी ढंग से परख सकें।


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. हीरा विद्युत का सुचालक क्यों नहीं होता, जबकि उसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते?

    • (a) हीरे में कार्बन परमाणुओं के बीच प्रबल सहसंयोजक बंध होते हैं।
    • (b) हीरे में मुक्त आयन होते हैं।
    • (c) हीरे की क्रिस्टल संरचना में इलेक्ट्रॉन बंधे होते हैं।
    • (d) हीरे में केवल प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं।

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता इलेक्ट्रॉनों की गतिशीलता पर निर्भर करती है। सुचालक पदार्थ वे होते हैं जिनमें मुक्त या शिथिल रूप से बंधे हुए इलेक्ट्रॉन होते हैं जो विद्युत प्रवाह को प्रवाहित करने की अनुमति देते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक अपरूप है जहाँ प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों (covalent bonds) द्वारा दृढ़ता से जुड़ा होता है। ये सहसंयोजक बंध अत्यंत प्रबल होते हैं और इलेक्ट्रॉन साझा किए जाते हैं, लेकिन वे परमाणुओं के बीच कसकर बंधे रहते हैं। उनमें कोई मुक्त या आसानी से स्थानांतरित होने वाले इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं। इसलिए, हीरा विद्युत का कुचालक होता है। विकल्प (b) गलत है क्योंकि हीरे में मुक्त आयन नहीं होते। विकल्प (c) ‘बंधे हुए इलेक्ट्रॉन’ को सही ढंग से इंगित करता है, लेकिन ‘प्रबल सहसंयोजक बंध’ इसका मुख्य कारण है। विकल्प (d) मौलिक रूप से गलत है क्योंकि सभी परमाणुओं में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं, लेकिन यह चालकता की व्याख्या नहीं करता।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  2. हीरे का उच्च अपवर्तनांक (high refractive index) मुख्य रूप से किस कारण होता है?

    • (a) इसकी उच्च घनत्व
    • (b) कार्बन परमाणुओं के बीच प्रबल बंध
    • (c) प्रकाश के साथ इलेक्ट्रॉनों की प्रबल अंतःक्रिया
    • (d) हीरे की क्रिस्टल संरचना

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का अपवर्तनांक (refractive index) प्रकाश की गति में उस पदार्थ के माध्यम से होने वाले धीमेपन का माप है, जो पदार्थ के इलेक्ट्रॉनों के साथ प्रकाश (विद्युत चुम्बकीय तरंग) की अंतःक्रिया से निर्धारित होता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणु बहुत कसकर बंधे होते हैं और उनके इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा स्तरों के बीच का अंतर (band gap) काफी अधिक होता है। जब प्रकाश हीरे से गुजरता है, तो प्रकाश की विद्युत चुम्बकीय तरंग हीरे के इलेक्ट्रॉनों के साथ प्रभावी ढंग से अंतःक्रिया करती है। यह अंतःक्रिया प्रकाश के तरंगों को धीमा कर देती है, जिससे उसका अपवर्तनांक उच्च हो जाता है। उच्च अपवर्तनांक हीरे की चमक (brilliance) का एक प्रमुख कारण है। विकल्प (a) (उच्च घनत्व) भी योगदान दे सकता है, लेकिन (c) अधिक प्रत्यक्ष और मुख्य कारण है। विकल्प (b) (प्रबल बंध) चालकता से संबंधित है, अपवर्तनांक से सीधे नहीं। विकल्प (d) (क्रिस्टल संरचना) भी अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है, लेकिन इलेक्ट्रॉनों की अंतःक्रिया केंद्रीय है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  3. हीरा किस प्रकार के क्रिस्टल जालक (crystal lattice) का उदाहरण है?

    • (a) आयनिक जालक
    • (b) धात्विक जालक
    • (c) सहसंयोजक जालक (Network Covalent Lattice)
    • (d) आणविक जालक

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): क्रिस्टल जालक पदार्थों की एक व्यवस्थित त्रि-आयामी व्यवस्था है जहाँ परमाणु, आयन या अणु एक नियमित पैटर्न में व्यवस्थित होते हैं। जालक का प्रकार परमाणुओं या आयनों के बीच के बंधों की प्रकृति पर निर्भर करता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु सहसंयोजक बंधों (covalent bonds) द्वारा चार अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है, जिससे एक विशाल त्रि-आयामी नेटवर्क बनता है। इस प्रकार की संरचना को सहसंयोजक जालक या नेटवर्क सहसंयोजक जालक कहा जाता है। ग्रेफाइट, हीरे का एक और अपरूप, एक परतदार संरचना दिखाता है जहाँ प्रत्येक परत सहसंयोजक बंधों से बंधी होती है, लेकिन परतों के बीच कमजोर वैन डेर वाल्स बल होते हैं, जिससे यह नरम और चालक बनता है। आयनिक जालक आयनिक बंधों वाले यौगिकों के लिए होते हैं, धात्विक जालक धातुओं के लिए, और आणविक जालक अणुओं के लिए होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  4. कार्बन के किस अपरूप को “सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ” माना जाता है?

    • (a) ग्रेफाइट
    • (b) फुलरीन
    • (c) हीरा
    • (d) चारकोल

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अपरूप (Allotrope) एक ही तत्व के विभिन्न रूपों को कहा जाता है जो एक ही भौतिक अवस्था में मौजूद होते हैं लेकिन उनकी संरचना और गुणों में भिन्नता होती है।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन के विभिन्न अपरूपों में, हीरा अपनी त्रि-आयामी नेटवर्क सहसंयोजक संरचना के कारण असाधारण रूप से कठोर होता है। प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से एक टेट्राहेड्रल (tetrahedral) व्यवस्था में दृढ़ता से जुड़ा होता है, जिससे यह बहुत मजबूत और भंगुर (brittle) बनता है। ग्रेफाइट नरम होता है और स्नेहक (lubricant) के रूप में प्रयोग किया जाता है। फुलरीन (जैसे बकमिन्स्टरफुलरीन C60) भी कार्बन के अपरूप हैं जिनकी संरचनाएँ अलग होती हैं। चारकोल कार्बन का एक अशुद्ध रूप है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  5. हीरे के निर्माण के लिए आवश्यक प्रमुख स्थितियाँ क्या हैं?

    • (a) उच्च दबाव और उच्च तापमान
    • (b) निम्न दबाव और निम्न तापमान
    • (c) उच्च दबाव और निम्न तापमान
    • (d) निम्न दबाव और उच्च तापमान

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्राकृतिक हीरे पृथ्वी की सतह से काफी नीचे, लगभग 150-200 किलोमीटर की गहराई पर अत्यधिक उच्च दबाव और उच्च तापमान की परिस्थितियों में बनते हैं।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी के मैंटल (mantle) में, जहाँ दबाव लगभग 5 GPa (गीगापास्कल) या उससे अधिक और तापमान 1000-1400 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है, कार्बन परमाणु एक साथ संघनित होकर हीरे की क्रिस्टल संरचना बनाते हैं। यह तीव्र दबाव कार्बन परमाणुओं को कसकर एक साथ बांधने के लिए प्रेरित करता है, जिससे हीरे की सघन और कठोर संरचना बनती है। कम दबाव और तापमान पर, कार्बन ग्रेफाइट के रूप में बनता है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  6. प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection) हीरे की चमक में कैसे योगदान देता है?

    • (a) प्रकाश हीरे के अंदर पूरी तरह से परावर्तित हो जाता है, जिससे वह अधिक चमकता है।
    • (b) प्रकाश हीरे के अंदर कई बार अपवर्तित होता है, जिससे रंगीन चमक उत्पन्न होती है।
    • (c) प्रकाश हीरे की सतह से अवशोषित हो जाता है।
    • (d) प्रकाश हीरे के अंदर से गुजर जाता है।

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पूर्ण आंतरिक परावर्तन (TIR) तब होता है जब प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाता है और आपतन कोण क्रांतिक कोण (critical angle) से अधिक होता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक बहुत अधिक (लगभग 2.42) होता है, जिसका अर्थ है कि इसका क्रांतिक कोण बहुत छोटा (लगभग 24.4 डिग्री) होता है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह सामान्य से अधिक बार आंतरिक रूप से परावर्तित होता है, क्योंकि अधिकांश आपतन कोण क्रांतिक कोण से बड़े होते हैं। यह बार-बार होने वाला आंतरिक परावर्तन प्रकाश को हीरे के अंदर फंसा लेता है, और जब यह अंततः सतह से बाहर निकलता है, तो यह तीव्र चमक के साथ निकलता है। इसी कारण से कटे हुए हीरे बहुत चमकदार दिखते हैं। विकल्प (b) कुछ हद तक सही है कि अपवर्तन होता है, लेकिन मुख्य कारण TIR है। विकल्प (c) और (d) गलत हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  7. कार्बन के परमाणु में बाहरी कोश (outer shell) में कितने इलेक्ट्रॉन होते हैं?

    • (a) 2
    • (b) 3
    • (c) 4
    • (d) 6

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन का परमाणु क्रमांक (atomic number) 6 है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (electronic configuration) 2, 4 है, जिसका अर्थ है कि इसके बाहरी कोश में 4 इलेक्ट्रॉन होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन आवर्त सारणी के समूह 14 (Group 14) का सदस्य है। इसके परमाणु में कुल 6 इलेक्ट्रॉन होते हैं। पहले कोश (n=1) में 2 इलेक्ट्रॉन होते हैं, और दूसरे (बाहरी) कोश (n=2) में शेष 4 इलेक्ट्रॉन होते हैं। ये 4 संयोजी इलेक्ट्रॉन (valence electrons) ही रासायनिक बंधों के निर्माण में भाग लेते हैं, जिससे कार्बन अत्यंत विविध यौगिक बना सकता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. डायमंड (हीरा) के रासायनिक सूत्र में कार्बन की संयोजकता (valency) कितनी होती है?

    • (a) 2
    • (b) 3
    • (c) 4
    • (d) 6

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): संयोजकता किसी परमाणु द्वारा बनाए जा सकने वाले सहसंयोजक बंधों की संख्या है, जो उसके बाहरी कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या से निर्धारित होती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य चार कार्बन परमाणुओं के साथ एकल सहसंयोजक बंध (single covalent bonds) बनाता है। इस प्रकार, कार्बन की संयोजकता 4 होती है। यह इलेक्ट्रॉनों को साझा करके अपने बाहरी कोश को स्थिर करता है, जिससे एक अत्यंत मजबूत और त्रि-आयामी नेटवर्क बनता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  9. कृत्रिम हीरे (synthetic diamonds) मुख्य रूप से किस विधि से बनाए जाते हैं?

    • (a) उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT) विधि
    • (b) रासायनिक वाष्प जमाव (CVD) विधि
    • (c) दोनों (a) और (b)
    • (d) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कृत्रिम हीरे प्राकृतिक हीरे के समान ही क्रिस्टलीय कार्बन होते हैं, लेकिन इन्हें प्रयोगशाला में नियंत्रित परिस्थितियों में बनाया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): कृत्रिम हीरे बनाने की दो प्रमुख विधियाँ हैं: 1. **उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT) विधि:** यह विधि प्राकृतिक हीरे के निर्माण के समान है, जहाँ कार्बन को बहुत अधिक दबाव (5-6 GPa) और उच्च तापमान (1400-1600°C) पर गर्म किया जाता है। 2. **रासायनिक वाष्प जमाव (CVD) विधि:** इस विधि में, हाइड्रोकार्बन गैसों (जैसे मीथेन) का उपयोग करके एक सब्सट्रेट (जैसे हीरे का बीज) पर कार्बन परमाणुओं को जमा किया जाता है, आमतौर पर कम दबाव और अपेक्षाकृत कम तापमान (700-1000°C) पर। दोनों विधियाँ औद्योगिक और इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों के लिए हीरे का उत्पादन करती हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  10. हीरे का उपयोग किन उद्योगों में एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में किया जाता है?

    • (a) कटाई और पॉलिशिंग (cutting and polishing) उपकरण
    • (b) इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर
    • (c) स्वास्थ्य सेवा (medical) और अनुसंधान
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे के अद्वितीय गुण, जैसे इसकी कठोरता, तापीय चालकता (thermal conductivity), और विद्युत इन्सुलेशन (electrical insulation) या अर्धचालक (semiconducting) क्षमता, इसे विभिन्न उच्च-तकनीकी अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त बनाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): अपनी असाधारण कठोरता के कारण, हीरे का व्यापक रूप से कटाई, ड्रिलिंग और पीसने वाले उपकरणों में अपघर्षक (abrasive) के रूप में उपयोग किया जाता है। इसकी उच्च तापीय चालकता इसे उच्च-शक्ति वाले इलेक्ट्रॉनिक्स में हीट सिंक (heat sinks) के रूप में उपयोगी बनाती है। कृत्रिम हीरे, विशेष रूप से अर्धचालक ग्रेड के, ट्रांजिस्टर, डायोड और अन्य इलेक्ट्रॉनिक घटकों में उपयोग के लिए शोधित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, शुद्धता और जैव-अनुकूलता (biocompatibility) के कारण, हीरे का उपयोग चिकित्सा उपकरणों, सर्जिकल ब्लेड और जैविक सेंसर में भी किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  11. हीरे का घनत्व (density) लगभग कितना होता है?

    • (a) 1.0 g/cm³
    • (b) 2.5 g/cm³
    • (c) 3.5 g/cm³
    • (d) 5.0 g/cm³

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): घनत्व किसी पदार्थ के प्रति इकाई आयतन में द्रव्यमान की मात्रा है (घनत्व = द्रव्यमान/आयतन)।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का घनत्व लगभग 3.51 से 3.53 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर (g/cm³) होता है। यह ग्रेफाइट (घनत्व लगभग 2.26 g/cm³) की तुलना में काफी अधिक है, जो हीरे की अधिक सघन क्रिस्टल संरचना को दर्शाता है। यह उच्च घनत्व हीरे की कठोरता और अन्य गुणों में योगदान देता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  12. हीरे का पिघलने का बिंदु (melting point) अत्यधिक उच्च क्यों होता है?

    • (a) क्योंकि यह एक धातु है।
    • (b) क्योंकि इसमें कमजोर अंतर-आणविक बल होते हैं।
    • (c) क्योंकि कार्बन परमाणुओं के बीच प्रबल सहसंयोजक बंधों का एक विशाल नेटवर्क होता है।
    • (d) क्योंकि इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं।

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ के पिघलने या उबलने के लिए आवश्यक ऊर्जा उस पदार्थ में मौजूद बंधों की शक्ति पर निर्भर करती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों (covalent bonds) द्वारा जुड़ा होता है, जिससे एक विशाल, त्रि-आयामी नेटवर्क बनता है। इन सहसंयोजक बंधों को तोड़ने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इसलिए हीरे का पिघलने का बिंदु बहुत अधिक (लगभग 3550°C, हालांकि यह विघटित होने से पहले पिघलता नहीं है) होता है। उच्च दबाव पर, यह 4000°C से अधिक हो सकता है। हीरे को पिघलाने के बजाय, वे उच्च तापमान पर ग्रेफाइट में विघटित (decompose) हो जाते हैं। विकल्प (a) गलत है क्योंकि हीरा एक अधातु है। विकल्प (b) गलत है क्योंकि सहसंयोजक बंध प्रबल होते हैं। विकल्प (d) गलत है क्योंकि हीरे में मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  13. कार्बन का कौन सा अपरूप बिजली का सुचालक है?

    • (a) हीरा
    • (b) ग्रेफाइट
    • (c) फुलरीन
    • (d) (b) और (c) दोनों

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता के लिए पदार्थ में मुक्त या गतिशील आवेश वाहक (जैसे इलेक्ट्रॉन) की उपस्थिति आवश्यक है।

    व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट में, कार्बन परमाणु षट्कोणीय (hexagonal) परतों में व्यवस्थित होते हैं, जहाँ प्रत्येक कार्बन परमाणु तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा होता है। प्रत्येक कार्बन परमाणु का एक संयोजी इलेक्ट्रॉन डीलोकलाइज़्ड (delocalized) होकर परतों के बीच घूमने के लिए स्वतंत्र हो जाता है। ये डीलोकलाइज़्ड इलेक्ट्रॉन ग्रेफाइट को बिजली का सुचालक बनाते हैं, विशेष रूप से परतों के समानांतर। फुलरीन (जैसे ग्रेफीन, जो दो-आयामी संरचना है) में भी कुछ प्रकार की चालकता होती है, और कुछ फुलरीन को अर्धचालक या सुपरकंडक्टर बनाने के लिए डोप किया जा सकता है। हीरा, जैसा कि हमने पहले चर्चा की, विद्युत का कुचालक है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  14. हीरे का एक महत्वपूर्ण ‘कट’ (cut) जो उसकी चमक को बढ़ाता है, क्या कहलाता है?

    • (a) पन्ना कट (Emerald cut)
    • (b) ब्रिलियंट कट (Brilliant cut)
    • (c) ओवल कट (Oval cut)
    • (d) मार्कीज कट (Marquise cut)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे की कटिंग का उद्देश्य उसके आंतरिक गुणों (जैसे अपवर्तन और फैलाव) का सबसे अच्छा उपयोग करके उसकी चमक (brilliance) और अग्नि (fire) को अधिकतम करना है।

    व्याख्या (Explanation): ब्रिलियंट कट, विशेष रूप से राउंड ब्रिलियंट कट, को हीरे की चमक बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें 57 या 58 छोटे समतल फलक (facets) होते हैं जो प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन (TIR) और फैलाव (dispersion) का अधिकतम लाभ उठाते हैं। पन्ना, ओवल और मार्कीज कट अन्य लोकप्रिय कट हैं, लेकिन ब्रिलियंट कट को हीरे की चमक के लिए सबसे प्रभावी माना जाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  15. कार्बन का परमाणु भार (atomic weight) लगभग कितना होता है?

    • (a) 6 amu
    • (b) 12 amu
    • (c) 16 amu
    • (d) 18 amu

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): परमाणु भार एक तत्व के परमाणु के द्रव्यमान का माप है, जिसे आमतौर पर परमाणु द्रव्यमान इकाई (amu) में व्यक्त किया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन का परमाणु क्रमांक 6 है, जिसका अर्थ है कि इसके नाभिक में 6 प्रोटॉन होते हैं। कार्बन के सबसे सामान्य समस्थानिक (isotope) कार्बन-12 (C-12) में 6 प्रोटॉन और 6 न्यूट्रॉन होते हैं। C-12 को संदर्भ पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता है, और इसका परमाणु भार ठीक 12 amu (परमाणु द्रव्यमान इकाई) होता है। प्राकृतिक कार्बन में कार्बन-13 (C-13) समस्थानिक भी थोड़ी मात्रा में होता है, इसलिए प्राकृतिक कार्बन का औसत परमाणु भार लगभग 12.011 amu होता है। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए, 12 amu को सामान्यतः स्वीकार्य मान माना जाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  16. हीरे को पिघलाने की बजाय उच्च तापमान पर ग्रेफाइट में बदलने की प्रक्रिया क्या कहलाती है?

    • (a) क्रिस्टलीकरण (Crystallization)
    • (b) ऊर्ध्वपातन (Sublimation)
    • (c) अपघटन (Decomposition)
    • (d) बहुलकीकरण (Polymerization)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कुछ पदार्थ गर्म होने पर सीधे गैस में बदल जाते हैं (ऊर्ध्वपातन), जबकि अन्य पदार्थ बिना पिघले अपने रासायनिक संघटन को बदलते हैं (अपघटन)।

    व्याख्या (Explanation): जब हीरे को वायु की अनुपस्थिति में बहुत उच्च तापमान (लगभग 1500°C से ऊपर) पर गर्म किया जाता है, तो यह पिघलता नहीं है, बल्कि कार्बन परमाणुओं के बीच के सहसंयोजक बंध टूट जाते हैं और यह अधिक स्थिर कार्बन संरचना, ग्रेफाइट में परिवर्तित हो जाता है। यह प्रक्रिया अपघटन कहलाती है। ऊर्ध्वपातन तब होता है जब कोई ठोस सीधे गैस में बदल जाता है (जैसे सूखी बर्फ)। क्रिस्टलीकरण एक घोल से क्रिस्टल बनने की प्रक्रिया है। बहुलकीकरण छोटी इकाइयों को जोड़कर बड़ी श्रृंखलाएं बनाने की प्रक्रिया है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  17. हीरे के चमकीले रंग (fire or dispersion) के लिए कौन सी भौतिक घटना जिम्मेदार है?

    • (a) प्रकाश का परावर्तन
    • (b) प्रकाश का अपवर्तन
    • (c) प्रकाश का विवर्तन (Diffraction)
    • (d) प्रकाश का प्रकीर्णन (Scattering)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश का फैलाव (dispersion) या ‘फायर’ वह घटना है जिसके द्वारा सफेद प्रकाश को उसके घटक रंगों में विभाजित किया जाता है। यह तब होता है जब प्रकाश के विभिन्न रंग किसी माध्यम में थोड़ी भिन्न गति से यात्रा करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का फैलाव (dispersion) बहुत अधिक होता है, जिसका अर्थ है कि प्रकाश के विभिन्न रंग (जैसे लाल, हरा, नीला) हीरे के माध्यम से अलग-अलग मात्रा में अपवर्तित होते हैं। यह विभिन्न तरंग दैर्ध्य (wavelengths) के लिए अपवर्तनांक में भिन्नता के कारण होता है। जब सफेद प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है और बार-बार आंतरिक रूप से परावर्तित होता है, तो यह फैलाव इसे इंद्रधनुषी रंगों में विभाजित कर देता है, जिसे ‘फायर’ कहा जाता है। यह हीरे को उसकी विशिष्ट जगमगाहट प्रदान करता है। परावर्तन केवल दिशा बदलता है। विवर्तन किनारों के चारों ओर प्रकाश का मुड़ना है। प्रकीर्णन कणों द्वारा प्रकाश का बिखरना है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  18. तापमान मापने के लिए थर्मामीटर में किस धातु का प्रयोग किया जाता है, जिसका संकेत ‘Doubling Down’ हो सकता है?

    • (a) सोना (Gold)
    • (b) चांदी (Silver)
    • (c) पारा (Mercury)
    • (d) लोहा (Iron)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): थर्मामीटर ऐसे पदार्थ का उपयोग करते हैं जो तापमान के साथ अपने आयतन या किसी अन्य भौतिक गुण में एक समान रूप से परिवर्तन करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): पारा (Mercury) एक धातु है जो सामान्य तापमान पर द्रव अवस्था में रहती है और तापमान में परिवर्तन के साथ इसका आयतन लगभग रैखिक रूप से बदलता है। इस गुण के कारण, इसका उपयोग पारंपरिक थर्मामीटर में किया जाता है। ‘Doubling Down’ एक संकेत हो सकता है कि पारा (Hg) को इसके प्रतीक के आधार पर संदर्भित किया जा रहा है, हालाँकि यह सीधा संबंध नहीं है। अन्य धातुएं या तो ठोस होती हैं या उनका तापीय प्रसार उतना उपयुक्त नहीं होता।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  19. निम्न में से कौन सा कथन पारा (Mercury) के लिए सत्य नहीं है?

    • (a) यह एक धातु है।
    • (b) यह सामान्य ताप पर द्रव अवस्था में रहता है।
    • (c) यह विद्युत का अच्छा सुचालक है।
    • (d) यह हवा के साथ आसानी से अभिक्रिया करता है।

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): धातुओं के सामान्य गुण और उनकी अभिक्रियाशीलता।

    व्याख्या (Explanation): पारा (Mercury) एक धातु है (a), सामान्य कमरे के तापमान (लगभग 25°C) पर द्रव अवस्था में रहता है (b), और एक अच्छा विद्युत सुचालक है (c)। हालाँकि, पारा हवा के साथ इतनी आसानी से अभिक्रिया नहीं करता है। यह हवा में मौजूद ऑक्सीजन के साथ धीमी गति से अभिक्रिया करता है, विशेष रूप से उच्च तापमान पर, लेकिन अन्य सामान्य धातुओं की तरह तेजी से ऑक्सीकृत नहीं होता।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  20. तापमान को केल्विन (Kelvin) पैमाने पर बदलने के लिए, सेल्सियस (Celsius) तापमान में कितना जोड़ा जाता है?

    • (a) 100
    • (b) 273.15
    • (c) 0
    • (d) 273

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सेल्सियस (C) और केल्विन (K) तापमान पैमानों के बीच संबंध।

    व्याख्या (Explanation): केल्विन पैमाना निरपेक्ष तापमान पैमाना है, जिसमें 0 K पूर्ण शून्य (absolute zero) को दर्शाता है। सेल्सियस पैमाने पर, 0°C पानी के हिमांक (freezing point) को दर्शाता है, जो 273.15 K के बराबर होता है। इसलिए, सेल्सियस से केल्विन में बदलने के लिए, हम 273.15 जोड़ते हैं: K = C + 273.15. कुछ सामान्य संदर्भों में, 273 का उपयोग एक अनुमान के रूप में किया जाता है, लेकिन सटीक मान 273.15 है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. मानव शरीर में सबसे कठोर पदार्थ क्या है?

    • (a) हड्डी (Bone)
    • (b) दांतों का इनेमल (Tooth enamel)
    • (c) नाखून (Nail)
    • (d) बाल (Hair)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मानव शरीर के विभिन्न ऊतकों की रासायनिक संरचना और यांत्रिक गुण।

    व्याख्या (Explanation): दांतों का इनेमल, जो दांतों की बाहरी परत बनाता है, मानव शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है। यह मुख्य रूप से हाइड्रोक्सीपैटाइट (hydroxyapatite) नामक खनिज से बना होता है, जिसमें कैल्शियम और फॉस्फेट आयन होते हैं। इसकी उच्च खनिज सामग्री इसे अत्यधिक कठोर बनाती है। हड्डी भी कठोर होती है लेकिन इनेमल जितनी नहीं। नाखून और बाल मुख्य रूप से केराटिन (keratin) नामक प्रोटीन से बने होते हैं, जो इनेमल से बहुत नरम होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  22. इनेमल का मुख्य रासायनिक घटक क्या है?

    • (a) कैल्शियम कार्बोनेट (Calcium Carbonate)
    • (b) कैल्शियम फॉस्फेट (Calcium Phosphate)
    • (c) सोडियम क्लोराइड (Sodium Chloride)
    • (d) पोटेशियम क्लोराइड (Potassium Chloride)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): दांतों के इनेमल की खनिज संरचना।

    व्याख्या (Explanation): दांतों का इनेमल मुख्य रूप से एक क्रिस्टलीय कैल्शियम फॉस्फेट यौगिक, हाइड्रोक्सीपैटाइट [Ca₁₀(PO₄)₆(OH)₂] से बना होता है। इनेमल लगभग 96% खनिज होता है, जो इसे अत्यधिक कठोर बनाता है। कैल्शियम कार्बोनेट भी हड्डियों और दांतों में पाया जाता है, लेकिन इनेमल का मुख्य घटक कैल्शियम फॉस्फेट है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  23. मानव शरीर में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व कौन सा है?

    • (a) ऑक्सीजन (Oxygen)
    • (b) कार्बन (Carbon)
    • (c) हाइड्रोजन (Hydrogen)
    • (d) नाइट्रोजन (Nitrogen)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मानव शरीर की रासायनिक संरचना।

    व्याख्या (Explanation): मानव शरीर में, ऑक्सीजन सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है, जो शरीर के द्रव्यमान का लगभग 65% हिस्सा बनाता है। यह मुख्य रूप से पानी (H₂O) में मौजूद होता है। इसके बाद कार्बन (लगभग 18.5%), हाइड्रोजन (लगभग 9.5%), और नाइट्रोजन (लगभग 3.2%) आते हैं। ये चार तत्व मिलकर मानव शरीर के द्रव्यमान का लगभग 96% हिस्सा बनाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  24. पानी (H₂O) में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का द्रव्यमान अनुपात (mass ratio) क्या है?

    • (a) 1:8
    • (b) 2:1
    • (c) 1:2
    • (d) 8:1

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रासायनिक यौगिकों में तत्वों के परमाणु भार और यौगिक का सूत्र।

    व्याख्या (Explanation): पानी का रासायनिक सूत्र H₂O है, जिसका अर्थ है कि इसके एक अणु में हाइड्रोजन के 2 परमाणु और ऑक्सीजन का 1 परमाणु होता है। हाइड्रोजन का परमाणु भार लगभग 1 amu है, और ऑक्सीजन का परमाणु भार लगभग 16 amu है। इसलिए, पानी में हाइड्रोजन का कुल द्रव्यमान 2 × 1 = 2 amu है, और ऑक्सीजन का द्रव्यमान 1 × 16 = 16 amu है। इन दोनों का अनुपात (हाइड्रोजन : ऑक्सीजन) 2 : 16 है, जिसे सरल करने पर 1 : 8 प्राप्त होता है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  25. कोशिका का ऊर्जा घर (Powerhouse of the cell) किसे कहा जाता है?

    • (a) नाभिक (Nucleus)
    • (b) राइबोसोम (Ribosome)
    • (c) गॉल्जीकाय (Golgi apparatus)
    • (d) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कोशिकांग (organelles) और उनके कार्य।

    व्याख्या (Explanation): माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका के अंदर ऐसे अंग हैं जो कोशिकीय श्वसन (cellular respiration) की प्रक्रिया को अंजाम देते हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से, वे भोजन (ग्लूकोज) को तोड़कर ऊर्जा (ATP के रूप में) उत्पन्न करते हैं, जिसका उपयोग कोशिका विभिन्न कार्यों के लिए करती है। इसलिए, माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का ऊर्जा घर कहा जाता है। नाभिक आनुवंशिक सामग्री को नियंत्रित करता है, राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण करते हैं, और गॉल्जीकाय प्रोटीन और लिपिड को संशोधित और पैक करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  26. डीएनए (DNA) का पूर्ण रूप क्या है?

    • (a) डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (Deoxyribonucleic Acid)
    • (b) डाइऑक्सीन्यूक्लिक एसिड (Dioxyribonucleic Acid)
    • (c) डीऑक्सीन्यूक्लिक एसिड (Deoxynewcleic Acid)
    • (d) डीऑक्सीराइबोज न्यूक्लिक एसिड (Deoxyribose Nucleic Acid)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जैव रसायन (Biochemistry) में महत्वपूर्ण शब्दावली।

    व्याख्या (Explanation): डीएनए का पूरा नाम डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (Deoxyribonucleic Acid) है। यह एक अणु है जो सभी ज्ञात जीवित जीवों और कई वायरस में आनुवंशिक जानकारी रखता है। यह एक जटिल बहुलक (polymer) है जो न्यूक्लियोटाइड (nucleotides) से बना होता है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  27. प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की प्रक्रिया में पौधे मुख्य रूप से क्या अवशोषित करते हैं?

    • (a) ऑक्सीजन और पानी
    • (b) कार्बन डाइऑक्साइड और सूर्य का प्रकाश
    • (c) नाइट्रोजन और मिट्टी
    • (d) ऑक्सीजन और मिट्टी

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पौधों में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं। इस प्रक्रिया में, पौधे वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) और मिट्टी से पानी (H₂O) अवशोषित करते हैं, और सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके इन्हें ग्लूकोज (एक प्रकार की शर्करा) और ऑक्सीजन (O₂) में परिवर्तित करते हैं। यह प्रक्रिया क्लोरोफिल (chlorophyll) नामक वर्णक की उपस्थिति में होती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

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