प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान: डायमंड पर केंद्रित प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए सामान्य विज्ञान की एक मजबूत पकड़ अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह अनुभाग भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान जैसे विभिन्न विषयों से प्रश्न पूछता है। अपनी तैयारी को परखने और सुधारने के लिए, यहाँ “Doubling Down on Diamond” शीर्षक से प्रेरित 25 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) दिए गए हैं, जिनमें विस्तृत व्याख्याएँ शामिल हैं।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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कार्बन का कौन सा अपररूप (allotrope) सबसे कठोर होता है और इसका उपयोग अपघर्षक (abrasive) के रूप में किया जाता है?
- (a) ग्रेफाइट
- (b) हीरा
- (c) फुलरीन
- (d) कोयला
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपररूपता (Allotropy) विभिन्न रूपों में एक ही तत्व के भौतिक गुणों में भिन्नता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में कार्बन परमाणु चतुष्फलकीय (tetrahedral) संरचना में व्यवस्थित होते हैं, जिसमें प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य चार कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंध (covalent bond) द्वारा जुड़ा होता है। यह त्रि-आयामी (three-dimensional) नेटवर्क अत्यंत मजबूत होता है, जो हीरे को उसकी असाधारण कठोरता प्रदान करता है। इसकी कठोरता के कारण, इसका उपयोग कांच काटने, ड्रिलिंग और पॉलिशिंग जैसे अपघर्षक अनुप्रयोगों में किया जाता है। ग्रेफाइट में कार्बन परमाणु षट्कोणीय (hexagonal) परतों में व्यवस्थित होते हैं, जो कमजोर वान डेर वाल्स बलों (Van der Waals forces) द्वारा एक साथ बंधे होते हैं, जिससे यह नरम और चिकनाई वाला होता है। फुलरीन (जैसे बकमिन्स्टरफुलरीन) एक गोलाकार या दीर्घवृत्ताकार संरचना होती है। कोयला कार्बन का एक अशुद्ध रूप है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) कितना होता है?
- (a) 1.52
- (b) 2.42
- (c) 1.33
- (d) 2.00
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश का मुड़ना (bending of light) जब वह एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाता है, अपवर्तन कहलाता है, जिसे अपवर्तनांक द्वारा मापा जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) इसे प्रकाश को बहुत अधिक मोड़ने की क्षमता देता है। यही कारण है कि हीरे को चमकीलापन (brilliance) और आग (fire) मिलती है, क्योंकि प्रकाश हीरे के अंदर कई बार परावर्तित (reflected) और अपवर्तित (refracted) होता है। पानी का अपवर्तनांक 1.33 होता है, जो प्रकाश को कम मोड़ता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे में कार्बन परमाणुओं के बीच किस प्रकार का रासायनिक बंध (chemical bond) पाया जाता है?
- (a) आयनिक बंध (Ionic bond)
- (b) सहसंयोजक बंध (Covalent bond)
- (c) धात्विक बंध (Metallic bond)
- (d) हाइड्रोजन बंध (Hydrogen bond)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक बंध परमाणुओं को एक साथ रखने वाले आकर्षण बल होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु अपने चार संयोजी इलेक्ट्रॉनों (valence electrons) को चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ साझा करता है, जिससे मजबूत सहसंयोजक बंध बनते हैं। ये साझा किए गए इलेक्ट्रॉन इलेक्ट्रॉनों के स्थानीयकृत (localized) होते हैं और इलेक्ट्रॉनों के ‘मुक्त’ पूल का निर्माण नहीं करते हैं, जैसा कि धात्विक बंधों में होता है। आयनिक बंध आयनों के बीच आकर्षण से बनते हैं, और हाइड्रोजन बंध हाइड्रोजन और एक अत्यधिक विद्युतीय तत्व के बीच बनते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे के पूर्ण आंतरिक परावर्तन (total internal reflection) के लिए महत्वपूर्ण कारक क्या है, जिसके कारण यह चमकता है?
- (a) इसका कम अपवर्तनांक
- (b) इसका उच्च गलनांक (high melting point)
- (c) इसका निम्न क्रांतिक कोण (low critical angle)
- (d) इसकी गैर-विद्युत चालकता (non-electrical conductivity)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पूर्ण आंतरिक परावर्तन तब होता है जब प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में एक कोण पर आपतित होता है जो क्रांतिक कोण से अधिक होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का क्रांतिक कोण (लगभग 24.4°) अन्य सामान्य पारदर्शी सामग्रियों की तुलना में बहुत कम होता है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह विभिन्न सतहों से बार-बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन से गुजरता है, जिससे यह अंदर फंस जाता है। जब यह अंततः हीरे से बाहर निकलता है, तो इसके उच्च अपवर्तनांक के साथ मिलकर यह असाधारण चमक उत्पन्न करता है। उच्च अपवर्तनांक स्वयं पूर्ण आंतरिक परावर्तन का कारण नहीं बनता, बल्कि यह क्रांतिक कोण को कम करने में योगदान देता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे के शुद्ध रूप में कौन सा तत्व मौजूद होता है?
- (a) सिलिकॉन
- (b) कार्बन
- (c) नाइट्रोजन
- (d) ऑक्सीजन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का शुद्ध रूप केवल उसी तत्व के परमाणुओं से बना होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक शुद्ध अपररूप है, जिसका अर्थ है कि यह लगभग विशेष रूप से कार्बन परमाणुओं से बना होता है। कुछ प्राकृतिक हीरे में थोड़ी मात्रा में नाइट्रोजन जैसी अशुद्धियाँ हो सकती हैं, जो उनके रंग को प्रभावित कर सकती हैं, लेकिन हीरे का मूल रासायनिक संघटन कार्बन ही है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कार्बन का वह कौन सा अपररूप है जो विद्युत का सुचालक (electrical conductor) है, जबकि हीरा नहीं है?
- (a) हीरा
- (b) ग्रेफाइट
- (c) फुलरीन
- (d) चारकोल
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता के लिए मुक्त या डीलोकलाइज्ड (delocalized) इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति आवश्यक है।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट में, प्रत्येक कार्बन परमाणु केवल तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है, जिससे एक एकल डीलोकलाइज्ड पाई (π) इलेक्ट्रॉन प्रणाली बनती है। ये मुक्त इलेक्ट्रॉन ग्रेफाइट को विद्युत का सुचालक बनाते हैं। हीरे में, सभी चार संयोजी इलेक्ट्रॉन मजबूत सहसंयोजक बंधों में स्थानीयकृत होते हैं, इसलिए कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं, और यह विद्युत का कुचालक (insulator) होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कृत्रिम हीरा (synthetic diamond) बनाने के लिए आमतौर पर किस प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है?
- (a) रासायनिक वाष्प जमाव (Chemical Vapor Deposition – CVD)
- (b) उच्च दाब-उच्च ताप (High Pressure-High Temperature – HPHT)
- (c) दोनों (a) और (b)
- (d) वाष्पीकरण (Evaporation)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कृत्रिम हीरे का निर्माण उच्च दाब और उच्च ताप वाली परिस्थितियों में होता है, जो प्राकृतिक हीरे के निर्माण की नकल करती है, या रासायनिक वाष्प जमाव जैसी तकनीकों का उपयोग करके।
व्याख्या (Explanation): कृत्रिम हीरे बनाने की दो मुख्य विधियाँ हैं: HPHT विधि, जो प्राकृतिक हीरे के निर्माण के समान परिस्थितियाँ (उच्च दबाव और तापमान) प्रदान करती है, और CVD विधि, जिसमें एक हाइड्रोकार्बन गैस से कार्बन परमाणुओं को सब्सट्रेट पर जमा किया जाता है। दोनों विधियाँ उच्च गुणवत्ता वाले हीरे का उत्पादन कर सकती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे को कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) गैस में दहन (combustion) करने के लिए किस चीज की आवश्यकता होती है?
- (a) ऑक्सीजन (O2)
- (b) उच्च तापमान
- (c) दोनों (a) और (b)
- (d) केवल CO2
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): दहन एक रासायनिक प्रतिक्रिया है जिसमें एक पदार्थ ऑक्सीजन की उपस्थिति में तेजी से जलता है, जिससे गर्मी और प्रकाश उत्पन्न होता है।
व्याख्या (Explanation): कार्बन (हीरे के रूप में) को कार्बन डाइऑक्साइड में दहन करने के लिए, एक ऑक्सीकारक (जैसे ऑक्सीजन) और दहन को शुरू करने के लिए एक प्रज्वलन तापमान (ignition temperature) या उच्च तापमान की आवश्यकता होती है। प्रतिक्रिया इस प्रकार है: C + O2 → CO2।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे के संश्लेषण (synthesis) के लिए उपयोग किए जाने वाले उत्प्रेरक (catalyst) में आमतौर पर कौन सी धातुएँ शामिल होती हैं?
- (a) सोना और चांदी
- (b) लोहा, निकल या कोबाल्ट
- (c) प्लैटिनम और पैलेडियम
- (d) एल्यूमीनियम और मैग्नीशियम
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): उत्प्रेरक रासायनिक प्रतिक्रियाओं की दर को बढ़ाते हैं। HPHT प्रक्रिया में, धातुएँ कार्बन को घोलने और हीरे के क्रिस्टलीकरण को बढ़ावा देने में मदद करती हैं।
व्याख्या (Explanation): HPHT विधि का उपयोग करके हीरे का संश्लेषण करते समय, लोहा (Fe), निकल (Ni), या कोबाल्ट (Co) जैसी धातुएँ आमतौर पर उत्प्रेरक के रूप में उपयोग की जाती हैं। ये धातुएँ कार्बन को घोलने के लिए एक तरल धातु मिश्र धातु (liquid metal alloy) बनाती हैं, और फिर कार्बन उच्च दबाव और तापमान पर हीरे के रूप में अवक्षेपित (precipitates) होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरा किस प्रकार का क्रिस्टल जालक (crystal lattice) संरचना प्रदर्शित करता है?
- (a) घन (Cubic)
- (b) षट्कोणीय (Hexagonal)
- (c) चतुष्फलकीय (Tetrahedral)
- (d) समलंबाकार (Rhombic)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्रिस्टल जालक किसी ठोस में परमाणुओं, आयनों या अणुओं की व्यवस्थित व्यवस्था का वर्णन करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की क्रिस्टल संरचना फेस-सेंटर्ड क्यूबिक (FCC) जालक में आधारित होती है, लेकिन प्रत्येक परमाणु की स्थिति चतुष्फलकीय होती है, जो एक विशिष्ट डायमंड क्यूबिक (diamond cubic) व्यवस्था बनाती है। हालांकि व्यक्तिगत कार्बन-कार्बन बंधों की व्यवस्था चतुष्फलकीय है, समग्र जालक की समग्र समरूपता को अक्सर घन के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे का उपयोग अक्सर प्रयोगशालाओं में उपकरण के तीखे किनारों (sharp edges) को तेज करने के लिए क्यों किया जाता है?
- (a) क्योंकि यह बहुत नरम होता है
- (b) क्योंकि यह विद्युत का सुचालक है
- (c) क्योंकि यह अत्यधिक कठोर होता है
- (d) क्योंकि यह सस्ता होता है
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपघर्षण (abrasion) तब होता है जब एक सामग्री दूसरी सामग्री की सतह से सामग्री को हटा देती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण कठोरता (मोस स्केल पर 10) इसे अन्य सामग्रियों को आसानी से काटकर या घिसकर तेज करने की क्षमता प्रदान करती है। प्रयोगशाला के औजारों, जैसे ब्लेड और कटर, के किनारों को तेज रखने के लिए यह गुण बहुत उपयोगी है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का रंग मुख्य रूप से किस कारण से होता है?
- (a) इसमें मौजूद कार्बन की मात्रा
- (b) अशुद्धियों की उपस्थिति और क्रिस्टल संरचना में दोष
- (c) यह प्रकाश को कैसे परावर्तित करता है
- (d) तापमान जिस पर इसे बनाया गया था
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रंग अक्सर किसी सामग्री में अशुद्धियों या इलेक्ट्रॉनिक संरचना में अनियमितताओं के कारण होता है जो प्रकाश के विशिष्ट तरंग दैर्ध्य को अवशोषित या उत्सर्जित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): शुद्ध हीरे रंगहीन होते हैं। हीरे का रंग आमतौर पर उसमें मौजूद ट्रेस अशुद्धियों (जैसे नाइट्रोजन, बोरॉन) और क्रिस्टल संरचना में दोषों के कारण होता है। उदाहरण के लिए, नाइट्रोजन परमाणुओं की उपस्थिति अक्सर हीरे को पीला या भूरा रंग देती है, जबकि बोरॉन नीले रंग का कारण बन सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का घनत्व (density) लगभग कितना होता है?
- (a) 2.5 g/cm³
- (b) 3.5 g/cm³
- (c) 4.0 g/cm³
- (d) 5.0 g/cm³
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): घनत्व किसी पदार्थ के द्रव्यमान और आयतन का अनुपात है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का घनत्व लगभग 3.51 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर (g/cm³) होता है। यह एक उच्च घनत्व है, जो इसके कसकर पैक किए गए परमाणु संरचना के अनुरूप है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का गलनांक (melting point) क्या है?
- (a) 1000°C
- (b) 2500°C
- (c) 3550°C
- (d) हीरे का कोई गलनांक नहीं होता, यह विघटित (decomposes) हो जाता है।
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): उच्च आणविक भार या मजबूत अंतराआण्विक बलों वाले पदार्थ या तो बहुत उच्च तापमान पर पिघलते हैं या इससे पहले कि वे पिघलें, विघटित हो जाते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे का गलनांक बहुत अधिक होता है। वायुमंडल के दबाव में, हीरे को पिघलाने से पहले ही, यह लगभग 3550°C (6422°F) पर ग्रेफाइट में परिवर्तित (sublimate) हो जाता है। इसलिए, यह कहना अधिक सटीक है कि हीरे का गलनांक नहीं होता, बल्कि यह विघटित हो जाता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जीव विज्ञान में, “डायमंड” शब्द का प्रयोग किस संदर्भ में किया जा सकता है?
- (a) डीएनए प्रतिकृति (DNA replication)
- (b) कोशिका विभाजन (Cell division)
- (c) एक विशेष प्रकार का नेत्र ऑपरेशन
- (d) मानव शरीर में पाए जाने वाले एक खनिज
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): चिकित्सा में, विभिन्न प्रक्रियाओं और उपकरणों को उनके आकार या कार्य के आधार पर विशिष्ट नाम दिए जा सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): चिकित्सा के क्षेत्र में, “डायमंड आई” (Diamond Eye) या “डायमंड सर्जरी” जैसे शब्दों का प्रयोग कुछ विशेष प्रकार के नेत्र शल्य चिकित्सा (ophthalmic surgery) या उपकरणों को संदर्भित करने के लिए किया जा सकता है, संभवतः उनकी सटीकता या न्यूनतम आक्रामकता (minimal invasiveness) को इंगित करने के लिए। यह शब्द सीधे तौर पर जैविक प्रक्रिया का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, बल्कि चिकित्सा अनुप्रयोग का है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का उपयोग काटने वाले औजारों में किया जाता है, क्योंकि इसमें ____ का गुण होता है।
- (a) उच्च लचीलापन (high flexibility)
- (b) निम्न कठोरता (low hardness)
- (c) उच्च ऊष्मीय चालकता (high thermal conductivity)
- (d) कम अपघर्षकता (low abrasiveness)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): काटने वाले औजारों को सामग्री को प्रभावी ढंग से काटने के लिए कठोर और टिकाऊ होना चाहिए।
व्याख्या (Explanation): हालांकि हीरे की कठोरता (c) काटने के औजारों के लिए इसका मुख्य गुण है, लेकिन इसकी उच्च ऊष्मीय चालकता (high thermal conductivity) भी महत्वपूर्ण है। जब सामग्री को काटा जाता है, तो घर्षण से गर्मी उत्पन्न होती है। हीरे की उत्कृष्ट ऊष्मीय चालकता इस गर्मी को कुशलतापूर्वक दूर ले जाती है, जिससे कटाई उपकरण ठंडा रहता है और इसके प्रदर्शन को बनाए रखने में मदद मिलती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का क्रिस्टलीकरण (crystallization) होने पर, प्रत्येक कार्बन परमाणु का संकरण (hybridization) क्या होता है?
- (a) sp
- (b) sp²
- (c) sp³
- (d) d²sp³
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): संकरण परमाणुओं के परमाणु कक्षकों (atomic orbitals) का मिश्रण है ताकि समान ऊर्जा और आकार के नए संकर कक्षक (hybrid orbitals) बन सकें, जो सहसंयोजक बंधों के निर्माण के लिए जिम्मेदार होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सिग्मा बंध (sigma bonds) द्वारा जुड़ा होता है। इन बंधों को बनाने के लिए, कार्बन के एक 2s कक्षक और तीन 2p कक्षकों का संकरण होता है, जिससे चार समान sp³ संकर कक्षक बनते हैं। ये sp³ कक्षक चतुष्फलकीय ज्यामिति (tetrahedral geometry) में व्यवस्थित होते हैं, जो हीरे की संरचना की विशेषता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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“Doubling Down on Diamond” शीर्षक संभवतः किस वैज्ञानिक या तकनीकी क्षेत्र के बढ़ते महत्व को इंगित करता है?
- (a) पॉलिमर विज्ञान (Polymer science)
- (b) नैनोटेक्नोलॉजी (Nanotechnology)
- (c) सामग्री विज्ञान (Materials science)
- (d) जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): शीर्षक किसी विशिष्ट सामग्री या उसके गुणों में रुचि या विकास को दर्शाता है।
व्याख्या (Explanation): “डायमंड” (हीरा) एक असाधारण सामग्री है जिसके अद्वितीय गुण (कठोरता, तापीय चालकता, ऑप्टिकल गुण) इसे विभिन्न उन्नत अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण बनाते हैं। “Doubling Down” वाक्यांश इस सामग्री में बढ़ते निवेश, अनुसंधान या रुचि का संकेत देता है। इन सभी पहलुओं को सामग्री विज्ञान के व्यापक क्षेत्र के तहत वर्गीकृत किया जा सकता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का उपयोग ऑप्टिकल विंडो (optical windows) के निर्माण में क्यों किया जाता है?
- (a) क्योंकि यह अपारदर्शी (opaque) होता है
- (b) क्योंकि यह अधिकांश विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम (electromagnetic spectrum) में पारदर्शी (transparent) होता है
- (c) क्योंकि यह प्रकाश को अवशोषित (absorbs) करता है
- (d) क्योंकि यह विद्युत का सुचालक है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऑप्टिकल विंडो को उन तरंग दैर्ध्य के लिए पारदर्शी होना चाहिए जिन पर वे संचालित होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे की उत्कृष्ट ऑप्टिकल पारगम्यता (optical transparency) होती है, विशेष रूप से अवरक्त (infrared) और पराबैंगनी (ultraviolet) क्षेत्रों में, साथ ही दृश्यमान स्पेक्ट्रम (visible spectrum) में भी। यह, इसकी कठोरता और रासायनिक जड़ता (chemical inertness) के साथ मिलकर, इसे उच्च-शक्ति लेजर, डिटेक्टर और अन्य ऑप्टिकल उपकरणों के लिए आदर्श बनाता है जिन्हें कठोर वातावरण में काम करने की आवश्यकता होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्न में से कौन सा हीरे का गुण नहीं है?
- (a) उच्च तापीय चालकता
- (b) विद्युत का कुचालक
- (c) उच्च अपघर्षकता
- (d) निम्न घनत्व
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे के विशिष्ट भौतिक गुणों को समझना।
व्याख्या (Explanation): हीरे में उच्च तापीय चालकता, विद्युत का कुचालक होना और उच्च अपघर्षकता (कठोरता के कारण) जैसे गुण होते हैं। हालांकि, इसका घनत्व लगभग 3.5 g/cm³ है, जिसे निम्न घनत्व नहीं माना जाता है। अन्य सामग्रियों जैसे प्लास्टिक या एल्यूमीनियम की तुलना में, यह अधिक है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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कार्बन नैनोट्यूब (carbon nanotubes) और फुलरीन की खोज के बाद, क्या आप हीरे की क्रिस्टल संरचना को बदल सकते हैं?
- (a) नहीं, हीरे की संरचना निश्चित है।
- (b) हाँ, नैनो-हीरे (nano-diamonds) जैसी नई संरचनाएँ बनाई जा सकती हैं।
- (c) हाँ, लेकिन केवल प्रयोगशालाओं में।
- (d) केवल उच्च दाब पर।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नैनो-सामग्री (nanomaterials) में अक्सर अद्वितीय गुण होते हैं जो बल्क सामग्री से भिन्न होते हैं, और उन्हें विभिन्न तरीकों से संश्लेषित किया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): फुलरीन (जैसे बकमिन्स्टरफुलरीन) और कार्बन नैनोट्यूब जैसे नए कार्बन रूपों की खोज के साथ, वैज्ञानिक नैनो-हीरे (nano-diamonds) जैसी संरचनाओं को भी संश्लेषित करने में सक्षम हुए हैं। ये नैनो-हीरे छोटे पैमाने पर हीरे की क्रिस्टल संरचना के गुण प्रदर्शित करते हैं और उनके अपने विशेष अनुप्रयोग हो सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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गर्मी को प्रभावी ढंग से दूर करने की हीरे की क्षमता का उपयोग किसमें किया जाता है?
- (a) प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LEDs)
- (b) उच्च-शक्ति ट्रांजिस्टर (high-power transistors)
- (c) दोनों (a) और (b)
- (d) किसी में नहीं
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में, गर्मी का प्रबंधन प्रदर्शन और जीवनकाल के लिए महत्वपूर्ण है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की उच्च तापीय चालकता इसे उन्नत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे कि उच्च-शक्ति वाले LEDs और ट्रांजिस्टर के लिए एक आदर्श सब्सट्रेट या हीट सिंक (heat sink) बनाती है। यह गर्मी को कुशलतापूर्वक दूर करने में मदद करता है, जिससे उपकरण अधिक कुशलता से काम करते हैं और ओवरहीटिंग से बचते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जब एक हीरे पर अल्ट्रावायलेट (UV) प्रकाश डाला जाता है, तो यह अक्सर क्या प्रदर्शित करता है?
- (a) फ्लोरेसेंस (Fluorescence)
- (b) फास्फोरेसेंस (Phosphorescence)
- (c) रंग बदलना
- (d) कोई प्रतिक्रिया नहीं
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फ्लोरेसेंस वह घटना है जहां एक सामग्री प्रकाश को अवशोषित करती है और फिर दृश्यमान प्रकाश के रूप में इसे उत्सर्जित करती है।
व्याख्या (Explanation): कुछ हीरे, जब पराबैंगनी (UV) प्रकाश के संपर्क में आते हैं, तो फ्लोरेसेंस प्रदर्शित करते हैं, जिसका अर्थ है कि वे UV प्रकाश को अवशोषित करते हैं और फिर धीरे-धीरे दृश्यमान प्रकाश (अक्सर नीला) उत्सर्जित करते हैं। यह एक सामान्य विशेषता है जो कुछ प्राकृतिक हीरे को पहचानने में मदद करती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे की संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु किस प्रकार से बंधा होता है?
- (a) तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से
- (b) चार अन्य कार्बन परमाणुओं से
- (c) छह अन्य कार्बन परमाणुओं से
- (d) आठ अन्य कार्बन परमाणुओं से
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे की क्रिस्टल संरचना में कार्बन परमाणुओं की समन्वय संख्या (coordination number) उनकी बंध व्यवस्था को निर्धारित करती है।
व्याख्या (Explanation): जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से चतुष्फलकीय रूप से बंधा होता है। यह व्यवस्था एक अत्यंत स्थिर और त्रि-आयामी नेटवर्क बनाती है जो हीरे को उसकी असाधारण कठोरता और अन्य अद्वितीय गुण प्रदान करती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कार्बन-कार्बन बंध (C-C bond) की लंबाई हीरे में कितनी होती है?
- (a) 154 pm
- (b) 142 pm
- (c) 134 pm
- (d) 120 pm
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बंध लंबाई सहसंयोजक बंधों की दूरी है जो दो परमाणुओं को एक साथ रखती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में कार्बन-कार्बन एकल बंध (single bond) की लंबाई लगभग 154 पिकोमीटर (pm) होती है। यह लंबाई कार्बन-कार्बन दोहरा बंध (double bond) (लगभग 134 pm) या कार्बन-कार्बन तिहरा बंध (triple bond) (लगभग 120 pm) से काफी लंबी होती है, जो हीरे की संरचना में एकल सहसंयोजक बंधों के मजबूत नेटवर्क की ओर इशारा करती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।