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प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान: CERN के योगदान से प्रेरित प्रश्न

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान: CERN के योगदान से प्रेरित प्रश्न

परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की गहरी समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है। चाहे वह भौतिकी के नियम हों, रसायन विज्ञान के सिद्धांत, या जीव विज्ञान की जटिल प्रक्रियाएं, प्रत्येक विषय आपकी विश्लेषणात्मक क्षमताओं को परखता है। CERN जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में होने वाले नवाचार हमें विज्ञान की असीम संभावनाओं से परिचित कराते हैं। इसी प्रेरणा से, हम आपके लिए सामान्य विज्ञान के 25 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) लेकर आए हैं, जो आपकी तैयारी को मजबूत करने और परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने में सहायक होंगे।


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. भौतिकी: CERN में प्रोटॉन को त्वरित करने के लिए किस प्रकार के कण त्वरक (particle accelerator) का उपयोग किया जाता है?

    • (a) साइक्लोट्रॉन (Cyclotron)
    • (b) लीनियर पार्टिकल एक्सेलेरेटर (Linear Particle Accelerator)
    • (c) सिंक्रोट्रॉन (Synchrotron)
    • (d) माइक्रोवेव ट्यूब (Microwave Tube)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कण त्वरक ऐसे उपकरण होते हैं जो आवेशित कणों को उच्च ऊर्जा तक त्वरित करते हैं। CERN के बड़े हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) जैसे आधुनिक त्वरक सिंक्रोट्रॉन तकनीक का उपयोग करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): सिंक्रोट्रॉन एक प्रकार का कण त्वरक है जहाँ कणों को एक वृत्ताकार पथ पर घुमाया जाता है और उनकी ऊर्जा बढ़ाई जाती है। चुम्बकीय क्षेत्र कणों को पथ पर बनाए रखता है, जबकि विद्युत क्षेत्र उन्हें त्वरित करता है। साइक्लोट्रॉन एक प्रारंभिक प्रकार का त्वरक है, और लीनियर एक्सेलेरेटर कणों को सीधी रेखा में त्वरित करते हैं। माइक्रोवेव ट्यूब विभिन्न अनुप्रयोगों में उपयोग की जाती है, लेकिन कण त्वरण के लिए मुख्य तकनीक नहीं है। CERN में, प्रोटॉन को कई चरणों में त्वरित किया जाता है, और अंतिम चरण में सिंक्रोट्रॉन प्रमुख भूमिका निभाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  2. रसायन विज्ञान: CERN में कणों के टकराव से उत्पन्न होने वाले कणों के विश्लेषण के लिए उपयोग किए जाने वाले डिटेक्टर किस भौतिक या रासायनिक सिद्धांत पर आधारित होते हैं?

    • (a) इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेशन (Electrostatic Precipitation)
    • (b) स्पेक्ट्रोस्कोपी (Spectroscopy)
    • (c) क्रोमैटोग्राफी (Chromatography)
    • (d) कैलोरिमेट्री (Calorimetry)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): स्पेक्ट्रोस्कोपी पदार्थ और विकिरण के बीच परस्पर क्रिया का अध्ययन है। यह विभिन्न प्रकार के स्पेक्ट्रोस्कोपिक तकनीकों का उपयोग करके कणों की पहचान, मात्रा और उनकी ऊर्जा का विश्लेषण करती है।

    व्याख्या (Explanation): कण डिटेक्टर अक्सर कणों द्वारा छोड़ी गई आयनीकरण, संदीप्ति (scintillation), या चेरेनकोव विकिरण (Cherenkov radiation) का पता लगाते हैं। इन सिग्नलों का विश्लेषण स्पेक्ट्रोस्कोपिक विधियों का उपयोग करके किया जाता है ताकि कणों की गति, ऊर्जा और आवेश का निर्धारण किया जा सके। इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेशन वायु प्रदूषण नियंत्रण में उपयोग होता है, क्रोमैटोग्राफी मिश्रणों को अलग करने के लिए, और कैलोरिमेट्री ऊष्मा परिवर्तन को मापने के लिए।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. जीव विज्ञान: CERN जैसी अनुसंधान सुविधा में, जैविक नमूनों (biological samples) के अति-निम्न तापमान पर भंडारण के लिए किस विधि का उपयोग किया जा सकता है?

    • (a) निर्जलीकरण (Dehydration)
    • (b) फ्रीज-ड्रायिंग (Freeze-drying)
    • (c) क्रायोप्रिजर्वेशन (Cryopreservation)
    • (d) उबालना (Boiling)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): क्रायोप्रिजर्वेशन जीवित कोशिकाओं, ऊतकों या अन्य जैविक नमूनों को बहुत कम तापमान (आमतौर पर -130°C या उससे कम) पर संरक्षित करने की एक प्रक्रिया है, जिससे वे बिना क्षति के निष्क्रिय हो जाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): शोध सुविधाओं में, जैविक नमूनों को दीर्घकालिक संरक्षण के लिए अक्सर तरल नाइट्रोजन (-196°C) में क्रायोप्रिजर्व किया जाता है। यह प्रक्रिया कोशिकाओं के भीतर बर्फ के क्रिस्टल बनने से रोकती है, जो क्षति का कारण बन सकते हैं। निर्जलीकरण पानी को हटाता है, फ्रीज-ड्रायिंग भी पानी को हटाती है लेकिन जमने के बाद, और उबालना जैविक सामग्री को नष्ट कर देता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  4. भौतिकी: CERN में कणों के टकराव (particle collisions) से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को समझने के लिए कौन सा सिद्धांत मौलिक है?

    • (a) ऊष्मागतिकी का शून्य नियम (Zeroth Law of Thermodynamics)
    • (b) ऊर्जा संरक्षण का नियम (Law of Conservation of Energy)
    • (c) न्यूटन का गति का तीसरा नियम (Newton’s Third Law of Motion)
    • (d) संवेग संरक्षण का नियम (Law of Conservation of Momentum)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ऊर्जा संरक्षण का नियम बताता है कि ऊर्जा को न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है, केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। कण त्वरक में, विद्युत ऊर्जा कणों की गतिज ऊर्जा में परिवर्तित होती है, और टकराव में, यह गतिज ऊर्जा नई कणों और अन्य ऊर्जा रूपों में परिवर्तित होती है।

    व्याख्या (Explanation): कणों को त्वरित करने और उन्हें आपस में टकराने में जो ऊर्जा लगाई जाती है, वह टकराव के दौरान विभिन्न कणों (जैसे हिग्स बोसॉन, क्वार्क) और अन्य प्रकार की ऊर्जा (जैसे गामा किरणें) में परिवर्तित होती है। ऊर्जा संरक्षण का नियम इन सभी परिवर्तनों का वर्णन करता है। संवेग संरक्षण का नियम भी महत्वपूर्ण है, लेकिन ऊर्जा के रूपांतरण को समझने के लिए ऊर्जा संरक्षण सबसे मौलिक सिद्धांत है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  5. रसायन विज्ञान: CERN में उपयोग किए जाने वाले सुपरकंडक्टिंग मैग्नेट (superconducting magnets) को बनाने के लिए कौन सी धातुएँ या मिश्र धातुएँ (alloys) सामान्यतः उपयोग की जाती हैं?

    • (a) तांबा (Copper) और जस्ता (Zinc)
    • (b) एल्यूमीनियम (Aluminum) और लोहा (Iron)
    • (c) नाइओबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium)
    • (d) सोना (Gold) और चांदी (Silver)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सुपरकंडक्टिंग सामग्री अत्यंत कम तापमान पर बिना किसी विद्युत प्रतिरोध के विद्युत प्रवाह का संचालन करती है। नाइओबियम-टाइटेनियम (NbTi) एक सामान्य सुपरकंडक्टिंग मिश्र धातु है जो उच्च चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए उपयोग की जाती है।

    व्याख्या (Explanation): CERN में, शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र बनाने के लिए सुपरकंडक्टिंग मैग्नेट आवश्यक हैं जो कणों को त्वरक के वृत्ताकार पथ पर बनाए रखते हैं। NbTi मिश्र धातु एक महत्वपूर्ण सामग्री है जो इन मैग्नेट के निर्माण में उपयोग की जाती है क्योंकि यह क्रायोजेनिक तापमान पर उत्कृष्ट सुपरकंडक्टिंग गुण प्रदर्शित करती है। अन्य विकल्प या तो सामान्य कंडक्टर हैं (जैसे तांबा, एल्यूमीनियम) या बहुत महंगे और कम प्रभावी सुपरकंडक्टर हैं (जैसे सोना, चांदी)।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  6. जीव विज्ञान: यदि CERN में प्रयोग के दौरान सूक्ष्मजीवों (microorganisms) का पता लगाया जाता है, तो उनके डीएनए (DNA) के अनुक्रमण (sequencing) के लिए किस तकनीक का उपयोग किया जा सकता है?

    • (a) पॉलीअडेनाइलेट सिंथेज़ (Polyadenylate Synthase)
    • (b) जीन साइलेंसिंग (Gene Silencing)
    • (c) नेक्स्ट-जेनरेशन सीक्वेंसिंग (Next-Generation Sequencing – NGS)
    • (d) जीन एडिटिंग (Gene Editing)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): नेक्स्ट-जेनरेशन सीक्वेंसिंग (NGS) एक उच्च-थ्रूपुट डीएनए अनुक्रमण तकनीक है जो कम समय में बड़ी मात्रा में डीएनए के अनुक्रम का पता लगाने की अनुमति देती है।

    व्याख्या (Explanation): NGS विधियाँ, जैसे कि Illumina या PacBio, सूक्ष्मजीवों के जीनोम को जल्दी और कुशलता से अनुक्रमित करने के लिए उद्योग मानक बन गई हैं। यह विभिन्न प्रजातियों की पहचान करने, उनके आनुवंशिक विविधता का अध्ययन करने, या किसी प्रयोग के दौरान आकस्मिक दूषित पदार्थों की पहचान करने में मदद करता है। पॉलीअडेनाइलेट सिंथेज़ एक एंजाइम है, जीन साइलेंसिंग जीन अभिव्यक्ति को दबाता है, और जीन एडिटिंग डीएनए को संशोधित करता है, न कि अनुक्रमित करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  7. भौतिकी: CERN में कणों को बहुत उच्च गति पर त्वरित करने के लिए किस प्रकार की ऊर्जा का उपयोग किया जाता है?

    • (a) यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical Energy)
    • (b) रासायनिक ऊर्जा (Chemical Energy)
    • (c) विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा (Electromagnetic Energy)
    • (d) परमाणु ऊर्जा (Nuclear Energy)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कण त्वरक रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) कैविटी में विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों का उपयोग करके आवेशित कणों को गतिज ऊर्जा प्रदान करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): RF कैविटी उच्च-आवृत्ति वाले विद्युत चुम्बकीय दोलनों (oscillations) का निर्माण करती हैं। जब आवेशित कण इन कैविटी से गुजरते हैं, तो वे विद्युत क्षेत्र से बल का अनुभव करते हैं और त्वरित होते हैं। यह प्रक्रिया बार-बार दोहराई जाती है, जिससे कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ती जाती है। यांत्रिक, रासायनिक और परमाणु ऊर्जा का सीधे कणों को त्वरित करने के लिए उपयोग नहीं किया जाता है, हालांकि परमाणु ऊर्जा से उत्पन्न बिजली त्वरकों को शक्ति प्रदान कर सकती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. रसायन विज्ञान: CERN में कणों के टकराव से उत्पन्न होने वाले कुछ अत्यंत अस्थिर (unstable) कणों का जीवनकाल (lifetime) बहुत कम होता है। ऐसे कणों का पता लगाने के लिए किस प्रकार के डिटेक्टरों का उपयोग किया जाता है?

    • (a) गैसीय आयनीकरण डिटेक्टर (Gaseous Ionization Detectors)
    • (b) अर्धचालक डिटेक्टर (Semiconductor Detectors)
    • (c) चेरेनकोव डिटेक्टर (Cherenkov Detectors)
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विभिन्न प्रकार के कण डिटेक्टर कणों के साथ अलग-अलग तरीकों से परस्पर क्रिया करते हैं, जिससे उनके गुण, जैसे कि गति, ऊर्जा और पथ, का पता लगाया जा सकता है। अस्थिर कणों का पता लगाने के लिए विभिन्न तकनीकों के संयोजन की आवश्यकता होती है।

    व्याख्या (Explanation): अस्थिर कणों का पता लगाने के लिए, उनकी क्षय (decay) से उत्पन्न होने वाले माध्यमिक कणों (secondary particles) को मापना महत्वपूर्ण है। अर्धचालक डिटेक्टर कणों की गति और ऊर्जा को सटीकता से माप सकते हैं। चेरेनकोव डिटेक्टर अत्यधिक ऊर्जावान कणों की गति का पता लगाते हैं। गैसीय आयनीकरण डिटेक्टर भी कणों की उपस्थिति का पता लगाने में उपयोगी हो सकते हैं। CERN जैसे बड़े प्रयोगों में, इन डिटेक्टरों का एक जटिल संयोजन एक साथ कणों के व्यवहार की पूरी तस्वीर प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  9. जीव विज्ञान: CERN में होने वाले प्रयोगों में, कभी-कभी विकिरण के संपर्क में आने वाली जैविक सामग्री के लिए विकिरण-सुरक्षा (radiation protection) के उपाय किए जाते हैं। विकिरण-सुरक्षा के लिए सामान्यतः किस पदार्थ का उपयोग किया जाता है?

    • (a) प्लास्टिक (Plastic)
    • (b) रबर (Rubber)
    • (c) सीसा (Lead)
    • (d) एल्यूमीनियम (Aluminum)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सीसा (Lead) एक घना तत्व है जिसमें उच्च परमाणु संख्या होती है, जो इसे गामा किरणों और एक्स-रे जैसे आयनीकरण विकिरणों को अवशोषित करने में बहुत प्रभावी बनाती है।

    व्याख्या (Explanation): CERN में, जहां कण त्वरक और संसूचक (detectors) उच्च ऊर्जा विकिरण उत्पन्न कर सकते हैं, सीसे की परतों का उपयोग कर्मियों और संवेदनशील उपकरणों को बचाने के लिए किया जाता है। सीसे की उच्च घनत्व और परमाणु संख्या फोटॉनों को अवशोषित करके उनकी ऊर्जा को कम कर देती है। प्लास्टिक, रबर और एल्यूमीनियम विकिरण के लिए सीसे जितने प्रभावी अवरोधक नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  10. भौतिकी: CERN में कणों के त्वरण में उपयोग की जाने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) कैविटी किस सिद्धांत पर काम करती है?

    • (a) जड़त्वीय प्रेरण (Inertial Induction)
    • (b) इलेक्ट्रोस्टैटिक रिपल्शन (Electrostatic Repulsion)
    • (c) चुंबकीय अनुनाद (Magnetic Resonance)
    • (d) विद्युत चुम्बकीय अनुनाद (Electromagnetic Resonance)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चुम्बकीय अनुनाद तब होता है जब एक दोलनशील प्रणाली (जैसे RF कैविटी) बाहरी ऊर्जा स्रोत से समान आवृत्ति पर उत्तेजित होती है, जिससे दोलन की आयाम (amplitude) बढ़ जाती है।

    व्याख्या (Explanation): RF कैविटी को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि वे एक निश्चित आवृत्ति पर विद्युत चुम्बकीय तरंगों के साथ अनुनाद (resonate) करती हैं। जब कण इन कैविटी से गुजरते हैं, तो वे अनुनादशील विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र से ऊर्जा प्राप्त करते हैं, जिससे वे त्वरित होते हैं। जड़त्वीय प्रेरण भौतिकी में एक सामान्य शब्द नहीं है, इलेक्ट्रोस्टैटिक रिपल्शन कणों को दूर धकेलेगा, और चुंबकीय अनुनाद मुख्य रूप से नाभिकीय चुंबकीय अनुनाद (NMR) से संबंधित है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  11. रसायन विज्ञान: CERN में होने वाले कुछ प्रयोगों में, कणों के टकराव से बहुत कम तापमान पर पदार्थ बनते हैं। इन निम्न-तापमान प्लाज्मा (low-temperature plasmas) के अध्ययन में कौन सी रासायनिक प्रक्रियाएं महत्वपूर्ण हो सकती हैं?

    • (a) दहन (Combustion)
    • (b) आयनीकरण (Ionization)
    • (c) न्यूक्लियर फिशन (Nuclear Fission)
    • (d) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्लाज्मा पदार्थ की चौथी अवस्था है, जिसमें गैस के परमाणु या अणु आयनीकृत होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे इलेक्ट्रॉन खो देते हैं या प्राप्त करते हैं, जिससे आयनों और मुक्त इलेक्ट्रॉनों का मिश्रण बनता है।

    व्याख्या (Explanation): कम-तापमान वाले प्लाज्मा, जो CERN के प्रयोगों (जैसे भारी आयन कोलिजन) में बन सकते हैं, मुख्य रूप से आयनीकरण प्रक्रियाओं के माध्यम से बनते हैं। कणों की उच्च ऊर्जा आयनों और इलेक्ट्रॉनों को उत्पन्न करने के लिए परमाणुओं से इलेक्ट्रॉनों को अलग कर देती है। दहन एक रासायनिक प्रतिक्रिया है, न्यूक्लियर फिशन परमाणु नाभिक का विखंडन है, और प्रकाश संश्लेषण पौधों में ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  12. जीव विज्ञान: CERN के पास की सुविधाओं में, कर्मचारियों के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए रक्त परीक्षण (blood tests) नियमित रूप से किए जाते हैं। रक्त में हीमोग्लोबिन (hemoglobin) का मुख्य कार्य क्या है?

    • (a) ऊर्जा का भंडारण
    • (b) ऑक्सीजन का परिवहन
    • (c) अपशिष्ट उत्पादों का निष्कासन
    • (d) प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्तेजित करना

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है जो फेफड़ों से शरीर के अन्य भागों तक ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार है।

    व्याख्या (Explanation): हीमोग्लोबिन में लौह (iron) होता है, जो ऑक्सीजन के अणुओं से बंध जाता है। जब रक्त कोशिकाओं से गुजरता है, तो हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन छोड़ देता है। यह पूरे शरीर में ऑक्सीजन की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करता है, जो कोशिकाओं को ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए आवश्यक है। ऊर्जा भंडारण वसा द्वारा किया जाता है, अपशिष्ट उत्पादों का निष्कासन गुर्दे करते हैं, और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया सफेद रक्त कोशिकाओं द्वारा की जाती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  13. भौतिकी: CERN में, कणों के अत्यधिक उच्च वेग (velocity) को मापने के लिए किस प्रकार के उपकरणों का उपयोग किया जाता है?

    • (a) बैरोमीटर (Barometer)
    • (b) टैकोमीटर (Tachometer)
    • (c) काइनेस्कोप (Kinescope)
    • (d) स्पीड गन (Speed Gun)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कणों की गति को मापने के लिए विभिन्न डिटेक्टरों का उपयोग किया जाता है। अत्यंत उच्च वेग वाले कणों के लिए, कुछ विशेष विधियों का उपयोग किया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): हालाँकि “स्पीड गन” शब्द सामान्यतः कारों के लिए प्रयोग किया जाता है, CERN में कणों के वेग को मापने के लिए जटिल डिटेक्टरों की एक श्रृंखला का उपयोग किया जाता है, जैसे कि टाइम-ऑफ-फ्लाइट डिटेक्टर (time-of-flight detectors) और चेरेनकोव रेडिएशन डिटेक्टर (Cherenkov radiation detectors)। ये उपकरण अप्रत्यक्ष रूप से कणों की गति का निर्धारण करते हैं। बैरोमीटर वायुमंडलीय दबाव मापता है, टैकोमीटर घूर्णन गति मापता है, और काइनेस्कोप पुराने टेलीविजन डिस्प्ले तकनीक से संबंधित है।

    अतः, सही उत्तर (d) है (यहां “स्पीड गन” को एक सामान्य शब्द के रूप में माना जा रहा है जो गति मापने वाले उपकरण को दर्शाता है, हालांकि CERN में प्रयुक्त वास्तविक उपकरण अधिक परिष्कृत हैं)।

  14. रसायन विज्ञान: CERN में कुछ प्रयोगों के लिए अत्यधिक शुद्ध (high-purity) गैसों की आवश्यकता होती है। गैसों की शुद्धता का विश्लेषण करने के लिए किस तकनीक का उपयोग किया जा सकता है?

    • (a) टाइट्रेशन (Titration)
    • (b) गैस क्रोमैटोग्राफी (Gas Chromatography)
    • (c) ऊष्मीय विघटन (Thermal Decomposition)
    • (d) आसवन (Distillation)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): गैस क्रोमैटोग्राफी (GC) एक विश्लेषणात्मक तकनीक है जिसका उपयोग गैस मिश्रण में विभिन्न घटकों को अलग करने और मापने के लिए किया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): GC का उपयोग विभिन्न गैसों की पहचान करने और उनकी सांद्रता को बहुत कम स्तर तक मापने के लिए किया जाता है, जिससे गैस की शुद्धता का आकलन किया जा सके। टाइट्रेशन तरल पदार्थों के विश्लेषण के लिए अधिक उपयुक्त है, ऊष्मीय विघटन पदार्थ को गर्म करके तोड़ने की प्रक्रिया है, और आसवन तरल पदार्थों को उनके क्वथनांक के आधार पर अलग करने की एक विधि है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  15. जीव विज्ञान: CERN में उपयोग किए जाने वाले सुपरकंप्यूटर (supercomputers) भारी मात्रा में डेटा को संसाधित करते हैं। जीव विज्ञान में, “जीनोम” (genome) शब्द का क्या अर्थ है?

    • (a) किसी जीव की सभी प्रोटीन का सेट
    • (b) किसी जीव के सभी RNA अणु
    • (c) किसी जीव की संपूर्ण आनुवंशिक सामग्री (DNA या RNA)
    • (d) किसी जीव की सभी चयापचय क्रियाएं

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जीनोम किसी जीव की आनुवंशिक जानकारी का पूरा सेट है, जो DNA (या कुछ वायरस में RNA) में एन्कोड होती है।

    व्याख्या (Explanation): जीनोम में सभी जीन और अन्य DNA अनुक्रम शामिल होते हैं जो किसी जीव के विकास, कार्य और पुनरुत्पादन के लिए आवश्यक हैं। प्रोटीन का सेट प्रोटिओम (proteome) कहलाता है, RNA अणु ट्रांसक्रिप्टोम (transcriptome) का हिस्सा होते हैं, और चयापचय क्रियाएं चयापचय (metabolism) के दायरे में आती हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  16. भौतिकी: CERN में उपयोग किए जाने वाले त्वरकों में, कणों की गति को मोड़ने के लिए किस बल का उपयोग किया जाता है?

    • (a) गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force)
    • (b) विद्युत बल (Electric Force)
    • (c) चुंबकीय बल (Magnetic Force)
    • (d) नाभिकीय बल (Nuclear Force)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एक आवेशित कण पर लगने वाला चुंबकीय बल उसके वेग और चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत होता है, जिससे कण का पथ मुड़ जाता है।

    व्याख्या (Explanation): CERN के वृत्ताकार त्वरकों (जैसे LHC) में, शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग आवेशित कणों (जैसे प्रोटॉन) को एक घुमावदार पथ पर चलाने के लिए किया जाता है। यह चुंबकीय बल ही कणों को त्वरक के डिजाइन पथ से भटकने से रोकता है। विद्युत बल कणों को त्वरित करता है, जबकि गुरुत्वाकर्षण बल और नाभिकीय बल (जो परमाणु नाभिक के भीतर कार्य करता है) इस संदर्भ में कणों के पथ को मोड़ने के लिए प्राथमिक बल नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  17. रसायन विज्ञान: CERN में सुपरकंडक्टिंग मैग्नेट को ठंडा रखने के लिए किस शीतलक (coolant) का उपयोग किया जाता है?

    • (a) सामान्य पानी (Normal Water)
    • (b) तरल नाइट्रोजन (Liquid Nitrogen)
    • (c) तरल हीलियम (Liquid Helium)
    • (d) वायु (Air)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सुपरकंडक्टिंग सामग्रियों को उनके सुपरकंडक्टिंग अवस्था में बने रहने के लिए अत्यंत कम तापमान की आवश्यकता होती है। तरल हीलियम (लगभग 4.2 केल्विन या -269°C) यह आवश्यक निम्न तापमान प्रदान करता है।

    व्याख्या (Explanation): CERN में, बड़ी संख्या में सुपरकंडक्टिंग मैग्नेट को अत्यंत कम तापमान पर रखा जाता है ताकि वे प्रतिरोध के बिना उच्च विद्युत धाराएं ले जा सकें। इसके लिए तरल हीलियम का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। तरल नाइट्रोजन (77 केल्विन) भी एक शीतलक है, लेकिन अधिकांश उच्च-प्रदर्शन सुपरकंडक्टिंग मैग्नेट के लिए पर्याप्त ठंडा नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  18. जीव विज्ञान: CERN में होने वाले प्रयोगों में, कभी-कभी रेडियोधर्मी आइसोटोप (radioactive isotopes) का उपयोग किया जाता है। रेडियोधर्मी क्षय (radioactive decay) के दौरान उत्सर्जित होने वाली मुख्य प्रकार की विकिरणें कौन सी हैं?

    • (a) अवरक्त (Infrared), पराबैंगनी (Ultraviolet), दृश्य प्रकाश (Visible Light)
    • (b) अल्फा (Alpha), बीटा (Beta), गामा (Gamma)
    • (c) ध्वनि तरंगें (Sound Waves), भूकंपीय तरंगें (Seismic Waves)
    • (d) स्थैतिक बिजली (Static Electricity), प्रत्यावर्ती धारा (Alternating Current)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रेडियोधर्मी क्षय एक अनियंत्रित प्रक्रिया है जिसमें एक अस्थिर परमाणु नाभिक ऊर्जा खो देता है, अक्सर अल्फा कणों, बीटा कणों या गामा किरणों के रूप में।

    व्याख्या (Explanation): ये तीन प्रकार के विकिरण (अल्फा, बीटा, गामा) रेडियोधर्मी क्षय के सबसे सामान्य रूप हैं। अल्फा कण हीलियम नाभिक होते हैं, बीटा कण उच्च-ऊर्जा इलेक्ट्रॉन या पॉज़िट्रॉन होते हैं, और गामा किरणें उच्च-ऊर्जा फोटॉन होती हैं। अन्य विकल्प विभिन्न प्रकार की ऊर्जा या तरंगें हैं जिनका रेडियोधर्मी क्षय से सीधा संबंध नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  19. भौतिकी: CERN में ‘कण भौतिकी’ (particle physics) का अध्ययन किस मौलिक बल (fundamental force) के इर्द-गिर्द केंद्रित है?

    • (a) विद्युत चुम्बकीय बल (Electromagnetic Force)
    • (b) मजबूत नाभिकीय बल (Strong Nuclear Force)
    • (c) कमजोर नाभिकीय बल (Weak Nuclear Force)
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कण भौतिकी ब्रह्मांड के मूलभूत कणों और उनके बीच की अंतःक्रियाओं का अध्ययन है, जो चार मौलिक बलों द्वारा शासित होते हैं: गुरुत्वाकर्षण, विद्युत चुम्बकीय, मजबूत नाभिकीय और कमजोर नाभिकीय बल।

    व्याख्या (Explanation): CERN में कणों के टकराव और क्षय के अध्ययन से सभी चार मौलिक बलों को समझने में मदद मिलती है। उदाहरण के लिए, विद्युत चुम्बकीय बल आवेशित कणों के बीच कार्य करता है, मजबूत नाभिकीय बल क्वार्कों को एक साथ बांधकर प्रोटॉन और न्यूट्रॉन बनाता है, कमजोर नाभिकीय बल रेडियोधर्मी क्षय के लिए जिम्मेदार है (जैसे बीटा क्षय), और गुरुत्वाकर्षण सभी द्रव्यमान वाली वस्तुओं को प्रभावित करता है, हालांकि यह कण भौतिकी में सबसे कमजोर बल है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  20. रसायन विज्ञान: CERN में उपयोग किए जाने वाले डिटेक्टरों में, कभी-कभी ‘सिंटिलेटर’ (scintillators) का उपयोग किया जाता है। सिंटिलेटर क्या उत्सर्जित करते हैं जब वे कणों से टकराते हैं?

    • (a) ऊष्मा (Heat)
    • (b) ध्वनि (Sound)
    • (c) प्रकाश (Light)
    • (d) विद्युत चुम्बकीय तरंगें (Electromagnetic Waves – non-visible)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सिंटिलेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक सामग्री कणों या विकिरण के संपर्क में आने पर प्रकाश (फोटॉन) उत्सर्जित करती है।

    व्याख्या (Explanation): जब उच्च-ऊर्जा कण एक सिंटिलेटर सामग्री से गुजरते हैं, तो वे सामग्री को उत्तेजित करते हैं। जब ये उत्तेजित परमाणु या अणु अपनी सामान्य अवस्था में लौटते हैं, तो वे प्रकाश के रूप में ऊर्जा छोड़ते हैं। इस प्रकाश का पता लगाया जा सकता है और कणों के गुणों का विश्लेषण करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  21. जीव विज्ञान: CERN में, शोधकर्ता ब्रह्मांड की उत्पत्ति और उसके घटकों का अध्ययन करते हैं। हमारे ग्रह पर जीवन के लिए आवश्यक कार्बन (Carbon) का परमाणु क्रमांक (atomic number) कितना है?

    • (a) 4
    • (b) 6
    • (c) 8
    • (d) 10

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): परमाणु क्रमांक (Atomic Number) एक तत्व के परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन की संख्या होती है। यह एक तत्व की पहचान निर्धारित करता है।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन (Carbon) का प्रतीक C है। इसके नाभिक में 6 प्रोटॉन होते हैं, इसलिए इसका परमाणु क्रमांक 6 है। यह 6 इलेक्ट्रॉनों के साथ एक तटस्थ परमाणु बनाता है, जो इसके रासायनिक गुणों को निर्धारित करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  22. भौतिकी: CERN में, कणों की गति और ऊर्जा का अध्ययन सापेक्षता के सिद्धांत (theory of relativity) द्वारा वर्णित है। प्रकाश की गति (speed of light) निर्वात में कितनी है?

    • (a) लगभग 3 x 10^6 मीटर प्रति सेकंड
    • (b) लगभग 3 x 10^8 मीटर प्रति सेकंड
    • (c) लगभग 3 x 10^10 मीटर प्रति सेकंड
    • (d) लगभग 3 x 10^12 मीटर प्रति सेकंड

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत के अनुसार, प्रकाश की गति निर्वात में एक सार्वभौमिक स्थिरांक (universal constant) है।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश की गति निर्वात में लगभग 299,792,458 मीटर प्रति सेकंड होती है, जिसे आमतौर पर 3 x 10^8 मीटर प्रति सेकंड के रूप में अनुमानित किया जाता है। यह गति ब्रह्मांड में सूचना के प्रसार की अधिकतम गति है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  23. रसायन विज्ञान: CERN में, अति-उच्च निर्वात (ultra-high vacuum) अक्सर आवश्यक होता है। निर्वात (vacuum) की स्थिति क्या है?

    • (a) किसी भी प्रकार के अणु की अनुपस्थिति
    • (b) गैस के दबाव को वायुमंडलीय दबाव से कम करना
    • (c) गैस के अणुओं के दबाव को लगभग शून्य करना
    • (d) केवल ऑक्सीजन की अनुपस्थिति

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): निर्वात एक ऐसी जगह है जहां गैस का दबाव बहुत कम होता है, आदर्श रूप से शून्य के करीब, जिससे कणों की परस्पर क्रिया कम से कम हो।

    व्याख्या (Explanation): ‘अति-उच्च निर्वात’ का अर्थ है कि गैस का दबाव अत्यंत कम है (आमतौर पर 10^-9 पास्कल से नीचे), जो कण त्वरक और अन्य उच्च-तकनीकी प्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण है। पूर्ण निर्वात (जहाँ कोई अणु न हो) व्यवहार में प्राप्त करना असंभव है, लेकिन इसे अत्यधिक कम दबाव वाली स्थिति माना जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  24. जीव विज्ञान: CERN में, कणों के टकराव से प्राप्त जानकारी का उपयोग डार्क मैटर (dark matter) जैसे रहस्यों को सुलझाने के लिए किया जा सकता है। डार्क मैटर से संबंधित जीव विज्ञान का कौन सा क्षेत्र हो सकता है?

    • (a) आनुवंशिकी (Genetics)
    • (b) ब्रह्मांडीय जीव विज्ञान (Astrobiology)
    • (c) पारिस्थितिकी (Ecology)
    • (d) विकृति विज्ञान (Pathology)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ब्रह्मांडीय जीव विज्ञान (Astrobiology) ब्रह्मांड में जीवन की उत्पत्ति, विकास, वितरण और भविष्य का अध्ययन है। यह ब्रह्मांडीय घटनाओं (जैसे डार्क मैटर) के संभावित जैविक प्रभावों की भी जांच करता है।

    व्याख्या (Explanation): हालांकि डार्क मैटर सीधे तौर पर जीव विज्ञान से संबंधित नहीं है, ब्रह्मांडीय जीवविज्ञानी यह शोध कर सकते हैं कि क्या डार्क मैटर की उपस्थिति ने ब्रह्मांड में जीवन के विकास को प्रभावित किया हो सकता है, या क्या डार्क मैटर स्वयं किसी अज्ञात जैविक या अर्ध-जैविक प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है। अन्य विकल्प (आनुवंशिकी, पारिस्थितिकी, विकृति विज्ञान) सीधे तौर पर डार्क मैटर के अध्ययन से संबंधित नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  25. भौतिकी: CERN में, क्वार्क (quarks) और लेप्टॉन (leptons) जैसे मौलिक कणों का अध्ययन किया जाता है। ये कण किस प्रकार के बल के माध्यम से परस्पर क्रिया करते हैं?

    • (a) केवल गुरुत्वाकर्षण
    • (b) केवल विद्युत चुम्बकीय और मजबूत नाभिकीय बल
    • (c) केवल कमजोर नाभिकीय बल
    • (d) उपरोक्त सभी (स्थिति के आधार पर)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मौलिक कण विभिन्न मौलिक बलों के माध्यम से परस्पर क्रिया करते हैं, जो उनकी प्रकृति और आवेश पर निर्भर करता है।

    व्याख्या (Explanation): क्वार्क विद्युत चुम्बकीय बल (क्योंकि वे आवेशित होते हैं) और मजबूत नाभिकीय बल (जो उन्हें प्रोटॉन और न्यूट्रॉन में एक साथ बांधता है) दोनों के माध्यम से परस्पर क्रिया करते हैं। वे कमजोर नाभिकीय बल के माध्यम से भी परस्पर क्रिया करते हैं (जैसे कि कणों के क्षय में)। सभी कण गुरुत्वाकर्षण से भी प्रभावित होते हैं। इसलिए, स्थिति के आधार पर, वे सभी बलों के माध्यम से परस्पर क्रिया कर सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  26. रसायन विज्ञान: CERN में, कणों के टकराव से उत्पन्न कणों की पहचान के लिए स्पेक्ट्रोस्कोपिक विधियों का उपयोग किया जाता है। स्पेक्ट्रोस्कोपी में, ‘तरंग दैर्ध्य’ (wavelength) का क्या अर्थ है?

    • (a) तरंग की आवृत्ति
    • (b) तरंग के दो लगातार शिखरों (crests) के बीच की दूरी
    • (c) तरंग का आयाम (amplitude)
    • (d) तरंग की गति

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): तरंग दैर्ध्य (λ) तरंग के प्रसार की दिशा में एक पूर्ण तरंग चक्र की लंबाई है।

    व्याख्या (Explanation): तरंग दैर्ध्य को सामान्यतः तरंग के दो लगातार शिखरों या गर्तों (troughs) के बीच की दूरी के रूप में मापा जाता है। यह विद्युत चुम्बकीय विकिरण (जैसे प्रकाश) की ऊर्जा और आवृत्ति से संबंधित है। आवृत्ति (v) तरंग के प्रति इकाई समय में दोलनों की संख्या है, और गति (c) तरंग दैर्ध्य और आवृत्ति का गुणनफल है (c = λv)। आयाम तरंग की अधिकतम विस्थापन है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  27. जीव विज्ञान: CERN में, वैज्ञानिक पदार्थ की मूल प्रकृति का पता लगाने का प्रयास करते हैं। मानव शरीर में, ऊर्जा उत्पादन के लिए मुख्य जैव-अणु (biomolecule) कौन सा है?

    • (a) डीएनए (DNA)
    • (b) प्रोटीन (Protein)
    • (c) कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate)
    • (d) लिपिड (Lipid)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बोहाइड्रेट, विशेष रूप से ग्लूकोज, शरीर द्वारा ऊर्जा के प्राथमिक स्रोत के रूप में उपयोग किए जाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): कोशिकीय श्वसन (cellular respiration) के माध्यम से, ग्लूकोज को तोड़कर एटीपी (ATP) का उत्पादन किया जाता है, जो कोशिकाओं के लिए ऊर्जा मुद्रा है। जबकि प्रोटीन और लिपिड भी ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं, वे प्राथमिक स्रोत नहीं हैं। डीएनए आनुवंशिक जानकारी संग्रहीत करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

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