प्रतियोगिता परीक्षा के लिए सामान्य विज्ञान: “Doubling Down on Diamond” से प्रेरित प्रश्न
परिचय: नमस्कार, भावी चयनार्थियों! “Doubling Down on Diamond” का यह विषय हमें विज्ञान की गहराई में उतरने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। हीरे की विशिष्टताएँ, इसके निर्माण से लेकर इसके उपयोग तक, भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के कई महत्वपूर्ण सिद्धांतों को दर्शाती हैं। यहाँ प्रस्तुत ये बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) आपकी सामान्य विज्ञान की समझ को और भी मजबूत करने और आपकी आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आपको तैयार करने के उद्देश्य से बनाए गए हैं। चलिए, इन प्रश्नों के माध्यम से अपनी तैयारी को परखते हैं!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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हीरा, कार्बन का एक अपरूप है, मुख्य रूप से किस प्रकार के रासायनिक बंध द्वारा जुड़ा होता है?
- (a) आयनिक बंध (Ionic Bond)
- (b) सहसंयोजक बंध (Covalent Bond)
- (c) धात्विक बंध (Metallic Bond)
- (d) हाइड्रोजन बंध (Hydrogen Bond)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंध में, परमाणु इलेक्ट्रॉन युग्मों को साझा करते हैं। कार्बन के परमाणु अपने बाहरी कोश के इलेक्ट्रॉनों को साझा करके मजबूत त्रिविमीय (3D) नेटवर्क बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंध द्वारा जुड़ा होता है, जिससे एक टेट्राहेड्रल (tetrahedral) संरचना बनती है। यह मजबूत सहसंयोजक बंध हीरे को उसकी असाधारण कठोरता और उच्च गलनांक प्रदान करता है। आयनिक बंध आयनों के बीच इलेक्ट्रोस्टैटिक आकर्षण से बनते हैं, धात्विक बंध धातुओं में पाए जाते हैं, और हाइड्रोजन बंध विशेष प्रकार के कमजोर बंध होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे की उच्च अपवर्तनांक (refractive index) का क्या कारण है, जो उसे चमकीला बनाता है?
- (a) कार्बन परमाणुओं का सघन घनत्व (High density of carbon atoms)
- (b) कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत आकर्षण (Strong attraction between carbon atoms)
- (c) उच्च इलेक्ट्रॉन घनत्व और विद्युत ऋणात्मकता (High electron density and electronegativity)
- (d) प्रकाश के साथ इलेक्ट्रॉनों की अंतःक्रिया (Interaction of electrons with light)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का अपवर्तनांक प्रकाश की गति में परिवर्तन से संबंधित होता है, जो पदार्थ के अंदर इलेक्ट्रॉनों के साथ प्रकाश की अंतःक्रिया पर निर्भर करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में कार्बन परमाणुओं की सघन व्यवस्था और उनमें मौजूद इलेक्ट्रॉनों की उच्च ऊर्जा अवस्था के कारण, प्रकाश हीरे में प्रवेश करते समय अपनी गति को महत्वपूर्ण रूप से धीमा कर देता है। यह इलेक्ट्रॉनों के साथ प्रकाश की अंतःक्रिया के कारण होता है, जिसके परिणामस्वरूप उच्च अपवर्तनांक प्राप्त होता है। यह उच्च अपवर्तनांक हीरे के ‘चमक’ (brilliance) और ‘फायर’ (fire) के लिए जिम्मेदार है, क्योंकि यह प्रकाश को अंदर ही अंदर कई बार परावर्तित और अपवर्तित करता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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भूमि के नीचे उच्च दाब और उच्च ताप की परिस्थितियों में कार्बन का हीरे में रूपांतरण किस प्रक्रिया का उदाहरण है?
- (a) ऊर्ध्वपातन (Sublimation)
- (b) संघनन (Condensation)
- (c) कायांतरण (Metamorphism)
- (d) आसवन (Distillation)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कायांतरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी शैल (rock) को पहले से मौजूद शैल (parent rock) के भौतिक या रासायनिक परिवर्तनों के माध्यम से बदला जाता है, आमतौर पर उच्च ताप, उच्च दाब या दोनों के प्रभाव से।
व्याख्या (Explanation): हीरे पृथ्वी के मेंटल (mantle) में बहुत गहराई में, जहाँ अत्यधिक ताप और दाब होता है, कार्बन से बनते हैं। ये स्थितियाँ कार्बन परमाणुओं को एक क्रिस्टल जालक (crystal lattice) में पुनर्व्यवस्थित करने के लिए प्रेरित करती हैं, जिससे हीरा बनता है। यह प्रक्रिया चट्टानों में होने वाले कायांतरण के समान है। ऊर्ध्वपातन ठोस से सीधे गैस में परिवर्तन है, संघनन गैस से तरल में परिवर्तन है, और आसवन द्रवों को उनके क्वथनांक के आधार पर अलग करने की प्रक्रिया है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे को उसकी अत्यंत कठोरता के कारण किस रूप में उपयोग किया जाता है?
- (a) एक स्नेहक (A lubricant)
- (b) एक अपघर्षक (An abrasive)
- (c) एक विलायक (A solvent)
- (d) एक उत्प्रेरक (A catalyst)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपघर्षक (abrasive) ऐसे पदार्थ होते हैं जिनका उपयोग किसी अन्य पदार्थ की सतह को खुरचने, पीसने या चिकना करने के लिए किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे को मोस कठोरता पैमाने (Mohs Hardness Scale) पर 10 का उच्चतम मान प्राप्त है, जिसका अर्थ है कि यह बहुत कठोर है। इस कठोरता के कारण, हीरे का उपयोग काटने, ड्रिलिंग, पॉलिशिंग और पीसने के लिए शक्तिशाली अपघर्षक के रूप में किया जाता है, जैसे कि काटने वाले ब्लेड, ड्रिल बिट्स और सैंडपेपर में। स्नेहक चिकनाई प्रदान करते हैं, विलायक पदार्थों को घोलते हैं, और उत्प्रेरक रासायनिक अभिक्रियाओं की दर को बढ़ाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कार्बन का कौन सा अपरूप, हीरे से भिन्न, बिजली का सुचालक है?
- (a) ग्रेफाइट (Graphite)
- (b) फुलरिन (Fullerenes)
- (c) चारकोल (Charcoal)
- (d) कोक (Coke)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता इलेक्ट्रॉनों की गतिशीलता पर निर्भर करती है। जिन पदार्थों में मुक्त या शिथिल-आबंधित (loosely bound) इलेक्ट्रॉन होते हैं, वे बिजली का संचालन करते हैं।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट, कार्बन का एक और अपरूप, परतों (layers) में व्यवस्थित होता है। प्रत्येक कार्बन परमाणु तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है, और एक इलेक्ट्रॉन प्रत्येक परमाणु के लिए अस्थानिक (delocalized) होता है। ये अस्थानिक इलेक्ट्रॉन परतों के बीच स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं, जिससे ग्रेफाइट बिजली का सुचालक बन जाता है। इसके विपरीत, हीरे में, सभी बाहरी इलेक्ट्रॉन सहसंयोजक बंधों में बंधे होते हैं और स्थिर होते हैं, इसलिए हीरा बिजली का कुचालक होता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे का रासायनिक सूत्र क्या है?
- (a) CO
- (b) CO2
- (c) C
- (d) C60
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र किसी यौगिक या तत्व के परमाणुओं की संख्या और प्रकार को दर्शाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक शुद्ध तत्व है। इसके क्रिस्टल जालक में केवल कार्बन के परमाणु ही होते हैं। इसलिए, इसका रासायनिक सूत्र केवल ‘C’ है, जो कार्बन तत्व को दर्शाता है। CO कार्बन मोनोऑक्साइड है, CO2 कार्बन डाइऑक्साइड है, और C60 बकमिन्स्टरफुलरिन (buckminsterfullerene) नामक फुलरिन का एक प्रकार है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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पृथ्वी पर पाए जाने वाले अधिकांश प्राकृतिक हीरे कहाँ से निकलते हैं?
- (a) ज्वालामुखीय पाइप (Volcanic pipes)
- (b) तलछटी चट्टानें (Sedimentary rocks)
- (c) कायांतरित चट्टानें (Metamorphic rocks)
- (d) तलछट (Alluvial deposits)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पृथ्वी के आंतरिक भाग से पदार्थ सतह पर आने की प्रक्रियाएं, जैसे कि ज्वालामुखीय विस्फोट, गहरे भूगर्भिक सामग्री को ला सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): अधिकांश प्राकृतिक हीरे पृथ्वी के मेंटल से ज्वालामुखीय विस्फोटों द्वारा सतह पर लाए जाते हैं। ये विस्फोट किम्बर्लाइट (kimberlite) और लैम्प्रोइट (lamproite) नामक विशिष्ट प्रकार की आग्नेय चट्टानों (igneous rocks) के पाइपों (pipes) या नलिकाओं (necks) के रूप में ऊपर आते हैं। ये पाइप हीरे के समृद्ध स्रोत होते हैं। जबकि हीरे तलछट में भी मिल सकते हैं (जो ज्वालामुखीय स्रोतों से क्षरण द्वारा लाए गए हैं), प्राथमिक स्रोत ज्वालामुखीय पाइप ही हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे की चमक (brilliance) और इंद्रधनुषी रंग (fire) मुख्य रूप से किस प्रकाशिकी गुण के कारण होते हैं?
- (a) विवर्तन (Diffraction)
- (b) ध्रुवीकरण (Polarization)
- (c) प्रकीर्णन (Scattering)
- (d) पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जब प्रकाश एक सघन माध्यम से कम सघन माध्यम में तिरछे प्रवेश करता है, तो यह अभिलंब (normal) से दूर मुड़ जाता है। यदि आपतन कोण (angle of incidence) क्रांतिक कोण (critical angle) से अधिक हो जाता है, तो प्रकाश पूरी तरह से सघन माध्यम के अंदर परावर्तित हो जाता है, जिसे पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) अपने क्रांतिक कोण को कम (लगभग 24.4 डिग्री) बनाता है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह कई बार आंतरिक रूप से परावर्तित होता है, खासकर जब हीरे को अच्छी तरह से तराशा गया हो (cut)। यह पूर्ण आंतरिक परावर्तन प्रकाश को हीरे के अंदर फंसा लेता है, जिससे इसकी चमक बढ़ जाती है। प्रकाश का सफेद प्रकाश में वियोजन (dispersion) भी इंद्रधनुषी रंग ‘फायर’ में योगदान देता है, जो पूर्ण आंतरिक परावर्तन के साथ मिलकर हीरे की सुंदरता को बढ़ाता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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कृत्रिम हीरा (synthetic diamond) बनाने के लिए प्रयोगशालाओं में मुख्य रूप से किन दो विधियों का उपयोग किया जाता है?
- (a) रासायनिक वाष्प निक्षेपण (CVD) और उच्च दाब-उच्च ताप (HPHT)
- (b) वाष्पीकरण और संघनन
- (c) क्रिस्टलीकरण और आसवन
- (d) अवक्षेपण और उदासीनीकरण
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कृत्रिम हीरे का उत्पादन प्राकृतिक निर्माण प्रक्रियाओं की नकल करके किया जाता है, जिसमें कार्बन को उच्च दाब और ताप के अधीन किया जाता है या गैसों से पतली परत के रूप में जमा किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): प्रयोगशालाओं में कृत्रिम हीरे बनाने की दो मुख्य विधियाँ हैं: 1. **उच्च दाब-उच्च ताप (HPHT):** यह विधि पृथ्वी के अंदर की परिस्थितियों की नकल करती है, जिसमें कार्बन को अत्यधिक उच्च दाब (लगभग 5-6 GPa) और उच्च ताप (लगभग 1500°C) पर एक धातु उत्प्रेरक (metal catalyst) की उपस्थिति में गर्म किया जाता है। 2. **रासायनिक वाष्प निक्षेपण (CVD):** इस विधि में, कार्बन युक्त गैसों (जैसे मीथेन) को कम दाब पर गर्म किया जाता है, जिससे कार्बन परमाणु सब्सट्रेट (substrate) पर हीरे के रूप में जमा हो जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे की कटाई (cutting) और पॉलिशिंग (polishing) के लिए किस सामग्री का उपयोग किया जाता है?
- (a) केवल हीरा (Diamond only)
- (b) कार्बाइड (Carbide)
- (c) एल्यूमीनियम ऑक्साइड (Aluminum Oxide)
- (d) सिलिकॉन कार्बाइड (Silicon Carbide)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ को तराशने या पॉलिश करने के लिए, औजार (tool) को तराशे जाने वाले पदार्थ से अधिक कठोर होना चाहिए।
व्याख्या (Explanation): चूँकि हीरा ज्ञात सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ है, इसलिए हीरे को काटने और पॉलिश करने के लिए विशेष औजारों की आवश्यकता होती है जो हीरे से बने हों या जिनमें हीरे के कण हों। यह ‘हीरा ही हीरे को काटता है’ (diamond cuts diamond) का सिद्धांत है। अन्य विकल्प, जैसे एल्यूमीनियम ऑक्साइड और सिलिकॉन कार्बाइड, भी कठोर अपघर्षक हैं, लेकिन वे हीरे की तुलना में बहुत कम कठोर होते हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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कार्बन के एक ग्राम परमाणु का द्रव्यमान लगभग कितना होता है?
- (a) 12 ग्राम
- (b) 1 ग्राम
- (c) 6.022 x 1023 ग्राम
- (d) 1.99 x 10-23 ग्राम
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आवर्त सारणी में, प्रत्येक तत्व का परमाणु भार (atomic weight) ग्राम में उसके एक मोल (mole) के द्रव्यमान को दर्शाता है, जिसे मोलर द्रव्यमान (molar mass) भी कहते हैं। एक मोल में अवोगाद्रो संख्या (Avogadro’s number) के बराबर कण होते हैं।
व्याख्या (Explanation): कार्बन का परमाणु भार लगभग 12.011 amu (परमाणु द्रव्यमान इकाई) है। इसलिए, कार्बन के एक मोल का द्रव्यमान 12.011 ग्राम होता है। कार्बन का एक ग्राम परमाणु (gram atom) भी एक मोल के बराबर होता है। विकल्प (b) गलत है। विकल्प (c) अवोगाद्रो संख्या का मान है, न कि एक मोल कार्बन का द्रव्यमान। विकल्प (d) एक कार्बन परमाणु का द्रव्यमान है (लगभग 1.99 x 10-23 ग्राम)।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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भूमिगत जल का वह प्रकार जो सामान्यतः हीरे के निर्माण की चरम परिस्थितियों (अत्यधिक ताप और दाब) के लिए उत्तरदायी माना जाता है, क्या कहलाता है?
- (a) भूपृष्ठीय जल (Surface water)
- (b) भूजल (Groundwater)
- (c) मेंटल जल (Mantle water)
- (d) ये सभी
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पृथ्वी की आंतरिक संरचना में विभिन्न परतें होती हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी विशिष्ट स्थितियाँ होती हैं।
व्याख्या (Explanation): अधिकांश प्राकृतिक हीरे पृथ्वी के ऊपरी मेंटल (upper mantle) में बनते हैं, जो पृथ्वी की सतह के नीचे सैकड़ों किलोमीटर गहराई पर स्थित है। इस गहराई पर, तापमान और दाब बहुत अधिक होता है। यहाँ पाए जाने वाले पानी को “मेंटल जल” या “मेंटल द्रव” (mantle fluids) कहा जाता है, जो इन चरम परिस्थितियों में कार्बन के क्रिस्टलीकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भूपृष्ठीय जल और सामान्य भूजल सतह के पास पाए जाते हैं जहाँ हीरे नहीं बनते।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का अपघर्षक गुण (abrasive property) उस पर लागू होने पर कौन सा भौतिक सिद्धांत लागू होता है?
- (a) घर्षण (Friction)
- (b) कर्षण (Traction)
- (c) घर्षण गुणांक (Coefficient of Friction)
- (d) प्रतिबल (Stress)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपघर्षण (abrasion) सतहों के बीच घर्षण के कारण होने वाला एक यांत्रिक क्षरण (mechanical wear) है, जहाँ एक कठोर पदार्थ दूसरे को खुरचता या रगड़ता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की अत्यधिक कठोरता का मतलब है कि यह अन्य पदार्थों पर आसानी से निशान या कट लगा सकता है। जब हीरे का उपयोग काटने या पीसने के लिए किया जाता है, तो यह उस पदार्थ के साथ संपर्क में आता है जिस पर कार्रवाई की जा रही है। हीरे की कठोरता के कारण, संपर्क क्षेत्र पर घर्षण बल (frictional force) बहुत अधिक होता है, जिससे दूसरा पदार्थ टूट जाता है या खुरच जाता है। कर्षण सतहों के बीच पकड़ को संदर्भित करता है। घर्षण गुणांक दो सतहों के बीच घर्षण की डिग्री का माप है। प्रतिबल किसी वस्तु पर लगाया गया बल प्रति इकाई क्षेत्र है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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कार्बन के परमाणु आपस में किस ज्यामिति (geometry) में जुड़कर हीरे की त्रिविमीय (3D) क्रिस्टल संरचना बनाते हैं?
- (a) वर्गाकार समतलीय (Square planar)
- (b) चतुष्फलकीय (Tetrahedral)
- (c) अष्टफलकीय (Octahedral)
- (d) रैखिक (Linear)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): संकरण (hybridization) की अवधारणा बताती है कि कैसे परमाणु कक्षक (atomic orbitals) मिलकर नए संकर कक्षक (hybrid orbitals) बनाते हैं जो अणुओं या क्रिस्टल संरचनाओं में बंध बनाने के लिए अधिक उपयुक्त होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु sp3 संकरणित (hybridized) होता है। sp3 संकरण के परिणामस्वरूप चार समान संकर कक्षक बनते हैं जो एक दूसरे से 109.5 डिग्री के कोण पर व्यवस्थित होते हैं, जो एक चतुष्फलकीय ज्यामिति (tetrahedral geometry) है। ये चार सहसंयोजक बंध हीरे के विशाल त्रिविमीय नेटवर्क का निर्माण करते हैं, जिससे इसकी असाधारण कठोरता और स्थिरता प्राप्त होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरा विद्युत का कुचालक क्यों है, जबकि ग्रेफाइट सुचालक है?
- (a) हीरे में अधिक परमाणु होते हैं।
- (b) हीरे में मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं।
- (c) हीरे का गलनांक बहुत अधिक होता है।
- (d) हीरे में आयनिक बंध होते हैं।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता (electrical conductivity) के लिए मुक्त या गतिशील इलेक्ट्रॉनों (mobile electrons) की उपस्थिति आवश्यक है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंध बनाता है। सभी चार बाहरी इलेक्ट्रॉन इन सहसंयोजक बंधों में कसकर बंधे होते हैं और स्थानांतरित (delocalized) नहीं होते हैं। इसके विपरीत, ग्रेफाइट में, कार्बन परमाणु केवल तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से बंधे होते हैं, और चौथा इलेक्ट्रॉन अस्थानिक (delocalized) होता है और परतों के बीच स्वतंत्र रूप से घूम सकता है, जिससे यह बिजली का सुचालक बनता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जैविक प्रणालियों में, जीवों को जीवित रहने के लिए किस तत्व की आवश्यकता होती है, जो कि हीरे का मूल घटक है?
- (a) सिलिकॉन (Silicon)
- (b) नाइट्रोजन (Nitrogen)
- (c) कार्बन (Carbon)
- (d) ऑक्सीजन (Oxygen)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बनिक रसायन विज्ञान (organic chemistry) कार्बन-आधारित यौगिकों का अध्ययन है, जो जीवन के लिए मौलिक हैं।
व्याख्या (Explanation): कार्बन (C) पृथ्वी पर जीवन का आधार है। यह अद्वितीय रूप से लंबी, जटिल और विविध श्रृंखलाएं बनाने में सक्षम है, जो डीएनए, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा जैसे सभी कार्बनिक अणुओं के निर्माण खंड हैं। हीरे का मूल घटक कार्बन है। सिलिकॉन, नाइट्रोजन और ऑक्सीजन भी जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन वे जीवन के आणविक ढांचे के लिए कार्बन जितना मूलभूत नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कार्बन चक्र (carbon cycle) में, वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने वाली प्राथमिक जैविक प्रक्रिया क्या है?
- (a) श्वसन (Respiration)
- (b) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
- (c) अपघटन (Decomposition)
- (d) दहन (Combustion)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को कार्बनिक यौगिकों (जैसे शर्करा) में परिवर्तित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) को हटाता है और इसे पौधों के ऊतकों में कार्बनिक अणुओं के रूप में संग्रहीत करता है। यह कार्बन चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो वायुमंडल में CO2 के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। श्वसन और अपघटन CO2 को वापस वायुमंडल में छोड़ते हैं, और दहन भी CO2 का एक प्रमुख स्रोत है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कार्बन-14 (14C) का उपयोग कार्बन डेटिंग (carbon dating) में क्यों किया जाता है, और यह किस प्रकार के पदार्थों के लिए उपयुक्त है?
- (a) यह बहुत स्थिर आइसोटोप है और इसका उपयोग किसी भी सामग्री को डेट करने के लिए किया जा सकता है।
- (b) यह एक रेडियोधर्मी आइसोटोप है जिसका अर्ध-जीवन (half-life) अपेक्षाकृत कम है, जो जीवाश्मों और जैविक अवशेषों के लिए उपयुक्त है।
- (c) यह एक गैर-रेडियोधर्मी आइसोटोप है जिसका उपयोग भूवैज्ञानिक समय को मापने के लिए किया जाता है।
- (d) इसका उपयोग मुख्य रूप से धातुओं की आयु निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रेडियोधर्मी समस्थानिकों (radioactive isotopes) का उपयोग रेडियोमेट्रिक डेटिंग (radiometric dating) में किया जाता है। ये समस्थानिक एक निश्चित दर पर क्षय (decay) होते हैं, जिससे उनकी आयु का अनुमान लगाया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): कार्बन-14 (14C) एक रेडियोधर्मी समस्थानिक है जिसका अर्ध-जीवन लगभग 5,730 वर्ष है। यह जैविक रूप से सक्रिय होता है और सभी जीवित जीवों में पाया जाता है। जब कोई जीव मर जाता है, तो वह 14C को अवशोषित करना बंद कर देता है, और मौजूद 14C धीरे-धीरे क्षय होने लगता है। 14C की शेष मात्रा को मापकर, वैज्ञानिक सामग्री की आयु निर्धारित कर सकते हैं, आमतौर पर 50,000 वर्ष तक के नमूने के लिए। यह विधि जीवाश्मों, लकड़ी, हड्डियों और अन्य कार्बनिक पदार्थों के लिए उपयुक्त है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मानव शरीर में पाए जाने वाले कौन से जैव-अणु (biomolecules) मुख्य रूप से कार्बन पर आधारित होते हैं?
- (a) केवल खनिज (Minerals only)
- (b) प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, लिपिड और न्यूक्लिक एसिड
- (c) केवल पानी (Water only)
- (d) विटामिन ए और डी
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीवन के निर्माण खंड (building blocks of life) मुख्य रूप से कार्बन-आधारित यौगिक होते हैं।
व्याख्या (Explanation): जीवन के चार मुख्य वर्ग के जैव-अणु – प्रोटीन (amino acids से बने), कार्बोहाइड्रेट (sugars), लिपिड (fatty acids), और न्यूक्लिक एसिड (DNA और RNA) – सभी कार्बनिक अणु हैं और उनकी मुख्य श्रृंखला (backbone) कार्बन परमाणुओं से बनी होती है। कार्बन की विभिन्न प्रकार के बंध बनाने की क्षमता जटिल अणु निर्माण की अनुमति देती है जो जीवन के लिए आवश्यक हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे के पॉलिशिंग से प्राप्त अपशिष्ट (dust) को किस प्रकार के खतरे (hazard) से बचाने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए?
- (a) रासायनिक जलन (Chemical burns)
- (b) रेडियोधर्मी विकिरण (Radioactive radiation)
- (c) साँस लेने में विषाक्तता (Inhalation toxicity)
- (d) विद्युत झटका (Electric shock)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सूक्ष्म कण (fine particles) या धूल (dust) का श्वसन तंत्र में प्रवेश स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की कटाई और पॉलिशिंग के दौरान उत्पन्न होने वाली महीन धूल, यदि साँस के साथ अंदर चली जाए, तो फेफड़ों में जलन या अन्य श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती है। हालाँकि हीरा खुद जहरीला नहीं है, किसी भी महीन धूल का बार-बार और लंबे समय तक साँस लेना औद्योगिक स्वच्छता (industrial hygiene) की दृष्टि से खतरनाक माना जाता है। इसलिए, श्रमिक अक्सर श्वसन सुरक्षा उपकरण (respiratory protective equipment) पहनते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे के तराशने (cutting) के काम में, ‘फैसला’ (girdle) क्या है?
- (a) हीरे का सबसे चमकीला हिस्सा
- (b) हीरे का निचला, नुकीला सिरा
- (c) हीरे का सबसे चौड़ा भाग, जहाँ ऊपरी (crown) और निचला (pavilion) हिस्सा मिलते हैं
- (d) हीरे में कोई भी दरार या दोष
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रत्नों (gemstones) को तराशने की कला (lapidary) में विशिष्ट शब्दावली का प्रयोग किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): एक गोलBRILLIANT-कट हीरे में, ‘फैसला’ (girdle) हीरे के मध्य में एक परिधि (circumference) है जो ऊपरी (crown) और निचले (pavilion) हिस्सों को अलग करता है। यह अक्सर थोड़ा खुरदरा या पॉलिश किया हुआ हो सकता है और हीरे के समग्र स्वरूप और स्थिरता में योगदान देता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे के निर्माण में कार्बन का स्रोत क्या हो सकता है?
- (a) केवल कार्बन डाइऑक्साइड
- (b) केवल मीथेन
- (c) भूमिगत कार्बन के भंडार, मेग्मा में घुला कार्बन, या कार्बनिक पदार्थ
- (d) केवल कोयला
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन के विभिन्न यौगिक और रूप उच्च ताप और दाब की स्थितियों में रासायनिक परिवर्तनों से गुजर सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): माना जाता है कि प्राकृतिक हीरे के निर्माण के लिए कार्बन के स्रोत विविध हो सकते हैं। इसमें पृथ्वी के मेंटल में मौजूद कार्बन, मेग्मा (magma) में घुली हुई कार्बन युक्त गैसें (जैसे मीथेन), या गहरे भूगर्भ में दबे हुए कार्बनिक पदार्थ (जैसे तलछट या जीवाश्म ईंधन) शामिल हो सकते हैं, जो चरम परिस्थितियों में हीरे में परिवर्तित हो जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे के ‘फायर’ (fire) या स्पार्कल (sparkle) का क्या अर्थ है?
- (a) हीरे की कठोरता
- (b) हीरे का चमकीलापन
- (c) प्रकाश का विभिन्न रंगों में वियोजन (dispersion)
- (d) हीरे का उच्च गलनांक
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हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाशिकी (optics) में, फैलाव (dispersion) वह घटना है जिसमें सफेद प्रकाश अपने घटक रंगों में विभाजित हो जाता है क्योंकि विभिन्न तरंग दैर्ध्य (wavelengths) पदार्थ द्वारा अलग-अलग दरों पर अपवर्तित होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे का ‘फायर’ हीरे के अंदर सफेद प्रकाश के वियोजन के कारण होता है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो इसका उच्च फैलाव सूचकांक (high dispersion index) यह सुनिश्चित करता है कि प्रकाश के विभिन्न रंग (जैसे इंद्रधनुष के रंग) अपने अपवर्तनांक में अंतर के कारण अलग-अलग कोणों पर मुड़ें। यह रंगीन चमक हीरे को एक विशिष्ट स्पार्कल देती है, जो ‘चमक’ (brilliance) से अलग है, जो हीरे के कुल आंतरिक परावर्तन से उत्पन्न होती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे की संरचना में कार्बन-कार्बन बंध की विशिष्टता क्या है?
- (a) ये कमजोर वैन डेर वाल्स बल हैं।
- (b) ये अत्यंत मजबूत सहसंयोजक बंध हैं।
- (c) ये ध्रुवीय सहसंयोजक बंध हैं।
- (d) ये धात्विक बंध हैं।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंध में, परमाणु इलेक्ट्रॉन युग्मों को साझा करते हैं, जिससे एक स्थिर अणु या संरचना बनती है। बंध की मजबूती साझा किए गए इलेक्ट्रॉनों की संख्या और परमाणुओं के बीच की दूरी पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणु चतुष्फलकीय रूप से व्यवस्थित होते हैं और चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ एकल सहसंयोजक बंध (single covalent bonds) बनाते हैं। ये C-C बंध अत्यंत मजबूत और स्थिर होते हैं, जिनकी बंध ऊर्जा (bond energy) लगभग 356 kJ/mol होती है। यह असाधारण मजबूती ही हीरे को उसकी अत्यधिक कठोरता, उच्च गलनांक और रासायनिक स्थिरता प्रदान करती है। वैन डेर वाल्स बल कमजोर होते हैं, ध्रुवीय सहसंयोजक बंध तब बनते हैं जब इलेक्ट्रॉनों को असमान रूप से साझा किया जाता है (कार्बन-कार्बन बंध अध्रुवीय होते हैं), और धात्विक बंध धातुओं में पाए जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।