पॉलिटी का महासंग्राम: आज आजमाएं
नमस्कार, भविष्य के प्रशासकों! हमारे जीवंत लोकतंत्र की नींव को समझना हर प्रतियोगी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। आज, हम भारतीय पॉलिटी और संविधान की आपकी वैचारिक स्पष्टता को परखने के लिए 25 गहन प्रश्नों के साथ तैयार हैं। आइए, अपनी तैयारी को एक नया आयाम दें!
भारतीय पॉलिटी और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय’ का उद्देश्य किस देश के संविधान से प्रेरित है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- सोवियत संघ (रूसी क्रांति)
- फ्रांस
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में न्याय (सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक) का आदर्श रूसी क्रांति (1917) से प्रेरित है, जहाँ इस पर बल दिया गया था। यह एक महत्वपूर्ण आदर्श है जिसे भारत ने अपनाया है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान के लक्ष्यों और आकांक्षाओं को दर्शाती है। सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का समावेश एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लक्ष्य को रेखांकित करता है।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका से अधिकार (जैसे स्वतंत्रता) और न्यायिक पुनर्विलोकन, कनाडा से संघात्मक व्यवस्था और अवशिष्ट शक्तियाँ, तथा फ्रांस से स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्श लिए गए हैं।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘केशवानंद भारती वाद’ (1973) में ‘संविधान के मूल ढांचे’ (Basic Structure) के सिद्धांत का प्रतिपादन किया?
- गोलकनाथ वाद
- शंकर प्रसाद वाद
- केशवानंद भारती वाद
- मिनर्वा मिल्स वाद
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य’ (1973) मामले में, सर्वोच्च न्यायालय की एक विशेष पीठ ने माना कि संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी हिस्से में संशोधन कर सकती है, लेकिन इसके ‘मूल ढांचे’ को नहीं बदल सकती।
- संदर्भ और विस्तार: इस ऐतिहासिक निर्णय ने संसद की संशोधन शक्ति को परिभाषित किया और संविधान की सर्वोच्चता तथा अखंडता को बनाए रखा। मूल ढांचे में संप्रभुता, धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र, गणराज्य का स्वरूप, सरकार का संसदीय स्वरूप, शक्ति पृथक्करण, संघवाद, न्यायपालिका की स्वतंत्रता आदि शामिल हैं।
- गलत विकल्प: ‘शंकर प्रसाद वाद’ (1951) और ‘सज्जन सिंह वाद’ (1965) ने संसद को मौलिक अधिकारों में संशोधन की शक्ति दी थी। ‘गोलकनाथ वाद’ (1967) ने इस शक्ति को सीमित किया था, लेकिन ‘केशवानंद भारती वाद’ ने इसे ‘मूल ढांचे’ के सिद्धांत से संशोधित किया। ‘मिनर्वा मिल्स वाद’ (1980) ने मूल ढांचे को पुनः पुष्ट किया।
प्रश्न 3: भारत के राष्ट्रपति को निम्नलिखित में से किस स्थिति में ‘वीटो शक्ति’ का प्रयोग करने का अधिकार है?
- केवल साधारण विधेयक पर
- केवल वित्तीय विधेयक पर
- केवल संविधान संशोधन विधेयकों पर
- सभी प्रकार के विधेयकों पर, कुछ अपवादों के साथ
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय राष्ट्रपति के पास अनुच्छेद 111 के तहत विधेयकों पर वीटो शक्ति होती है। यह शक्ति साधारण विधेयकों, कुछ वित्तीय विधेयकों (जिन्हें अनुच्छेद 110 के तहत धन विधेयक के रूप में प्रमाणित नहीं किया गया है) और संविधान संशोधन विधेयकों (अनुच्छेद 368) पर लागू होती है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति विधेयक को लौटा सकता है (निलंबनकारी वीटो), या उसे अनिश्चित काल के लिए रोक सकता है (जेबी वीटो)। धन विधेयकों पर वह केवल वीटो का प्रयोग कर सकता है या पुनर्विचार के लिए लौटा सकता है, लेकिन यदि विधेयक फिर से पारित हो जाता है तो उसे स्वीकृति देनी होती है। संविधान संशोधन विधेयकों पर राष्ट्रपति को बाध्यकारी स्वीकृति देनी होती है (24वें संशोधन के बाद)।
- गलत विकल्प: वीटो शक्ति केवल साधारण विधेयकों पर या केवल वित्तीय विधेयकों पर सीमित नहीं है। संविधान संशोधन विधेयकों पर भी ( सैद्धांतिक रूप से) वीटो का प्रावधान था, लेकिन 24वें संशोधन ने इसे हटा दिया है।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सी रिट, किसी व्यक्ति को गैर-कानूनी रूप से हिरासत में रखे जाने से बचाने के लिए जारी की जाती है?
- परमादेश (Mandamus)
- अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ (Habeas Corpus) का शाब्दिक अर्थ है ‘आपके शरीर को प्रस्तुत किया जाए’। यह एक ऐसी रिट है जो किसी व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में रखने से बचाने के लिए जारी की जाती है। इसे सर्वोच्च न्यायालय अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालय अनुच्छेद 226 के तहत जारी कर सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संवैधानिक उपाय है। इसके जारी होने पर हिरासत में रखने वाले अधिकारी को हिरासत में लिए गए व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना होता है और हिरासत का कारण बताना होता है।
- गलत विकल्प: ‘परमादेश’ किसी सार्वजनिक प्राधिकारी को उसका कर्तव्य करने का आदेश देता है। ‘अधिकार-पृच्छा’ किसी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक पद पर अवैध रूप से दावा करने से रोकता है। ‘उत्प्रेषण’ किसी निचली अदालत के निर्णय को रद्द करने के लिए जारी किया जाता है।
प्रश्न 5: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का उद्देश्य भारत में किस प्रकार के राज्य की स्थापना करना है?
- पुलिस राज्य
- कल्याणकारी राज्य
- तानाशाही राज्य
- लौकिक राज्य
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP), जो संविधान के भाग IV (अनुच्छेद 36-51) में वर्णित हैं, का मुख्य उद्देश्य भारत में एक ‘कल्याणकारी राज्य’ की स्थापना करना है।
- संदर्भ और विस्तार: ये तत्व न्यायोचित नहीं हैं, लेकिन देश के शासन में मूलभूत हैं। ये सरकार को सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की प्राप्ति के लिए कानून बनाने और नीतियां तैयार करने के लिए मार्गदर्शन करते हैं, ताकि समाज का कल्याण सुनिश्चित हो सके।
- गलत विकल्प: ‘पुलिस राज्य’ वह होता है जहाँ सरकार का मुख्य उद्देश्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना होता है, न कि जन कल्याण। ‘तानाशाही राज्य’ एक व्यक्ति या छोटे समूह का शासन होता है। ‘लौकिक राज्य’ (Secular State) धर्मनिरपेक्षता से संबंधित है, न कि कल्याणकारी राज्य से।
प्रश्न 6: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- लोकसभा अध्यक्ष
- राज्य सभा के सभापति
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, जैसा कि अनुच्छेद 316(1) में प्रावधानित है।
- संदर्भ और विस्तार: UPSC भारत की एक अखिल भारतीय सेवा और केंद्रीय सेवाओं के लिए नियुक्तियों हेतु परीक्षाओं का संचालन करता है। अध्यक्ष और सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होते हैं और राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित शर्तों पर कार्य करते हैं।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या राज्य सभा के सभापति की भूमिका राष्ट्रपति की नियुक्ति प्रक्रिया में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं होती, हालांकि वे सलाह दे सकते हैं।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता भारतीय संविधान को ‘एकात्मक’ (Unitary) के साथ-साथ ‘संघीय’ (Federal) भी बनाती है?
- सभी राज्यों में एक समान उच्च न्यायालय
- एकल नागरिकता
- संविधान की कठोरता
- स्वतंत्र न्यायपालिका
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: एकल नागरिकता (Single Citizenship) भारतीय संविधान की एक विशेषता है जो इसे एकात्मक प्रणाली की ओर झुकाती है, जबकि पारंपरिक संघीय व्यवस्था में दोहरी नागरिकता होती है। भारतीय संविधान में अनुच्छेद 9(1) के तहत एकल नागरिकता का प्रावधान है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत को ‘अर्ध-संघीय’ (Quasi-federal) या ‘संघ की ओर झुकाव वाली एकात्मक’ (Unitary with a federal bias) प्रणाली वाला कहा जाता है। मजबूत केंद्र, एकल संविधान, एकल नागरिकता, एकीकृत न्यायपालिका, और अखिल भारतीय सेवाएं इसकी एकात्मक प्रकृति को दर्शाती हैं।
- गलत विकल्प: एक समान उच्च न्यायालय (सभी राज्यों में नहीं, बल्कि प्रक्रिया में समानता), संविधान की कठोरता (यह संघीय प्रणाली की विशेषता है, लेकिन भारत में यह सापेक्षिक है), और स्वतंत्र न्यायपालिका (यह संघीय और एकात्मक दोनों में पाई जा सकती है) भारत को केवल एकात्मक या केवल संघीय नहीं बनातीं।
प्रश्न 8: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता की गारंटी देता है?
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
- अनुच्छेद 18
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 16, भारतीय नागरिकों को लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता की गारंटी देता है। इसका अर्थ है कि राज्य के अधीन किसी भी पद पर नियोजन या नियुक्ति के मामले में सभी नागरिकों के लिए समान अवसर होंगे।
- संदर्भ और विस्तार: यह मौलिक अधिकार राज्य द्वारा भेदभाव को रोकता है, जैसे कि धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान, निवास या इनमें से किसी के आधार पर। हालाँकि, इसमें कुछ अपवाद भी हैं, जैसे कि निवास की शर्त (अनुच्छेद 16(3)) और आरक्षण (अनुच्छेद 16(4))।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत करता है। अनुच्छेद 18 उपाधियों का अंत करता है।
प्रश्न 9: भारत के महान्यायवादी (Attorney General) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- विधि मंत्री
- प्रधानमंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी (Attorney General) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 76(1) के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और उसे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने के लिए योग्य होना चाहिए। वह सरकार का प्रतिनिधित्व उन सभी मामलों में करता है जिनमें भारत सरकार पक्षकार होती है।
- गलत विकल्प: भारत के मुख्य न्यायाधीश, विधि मंत्री या प्रधानमंत्री की नियुक्ति में भूमिका नहीं होती। नियुक्ति का अधिकार पूरी तरह राष्ट्रपति के पास है।
प्रश्न 10: भारतीय संसद की सबसे लंबी चलने वाली समितियों में से एक, ‘लोक लेखा समिति’ (Public Accounts Committee), का मुख्य कार्य क्या है?
- सरकार के नए खर्चों को मंजूरी देना
- सार्वजनिक व्यय की जांच करना
- नियोजन आयोग के प्रस्तावों की समीक्षा करना
- संविधान में संशोधन का प्रस्ताव देना
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: लोक लेखा समिति (PAC) का मुख्य कार्य भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा प्रस्तुत की गई लेखापरीक्षा रिपोर्टों की जांच करना है। ये रिपोर्टें सार्वजनिक व्यय की जांच से संबंधित होती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: PAC यह देखती है कि सार्वजनिक धन का व्यय निर्धारित नियमों और बजट के अनुसार हुआ है या नहीं। यह समिति संसद की सबसे पुरानी और महत्वपूर्ण वित्तीय समितियों में से एक है, जिसका उद्देश्य सरकारी खर्च में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
- गलत विकल्प: नए खर्चों को मंजूरी देना कार्यकारी का कार्य है। नियोजन आयोग (अब नीति आयोग) के प्रस्तावों की समीक्षा PAC का कार्य नहीं है। संविधान संशोधन का प्रस्ताव देना संसद का विधायी कार्य है।
प्रश्न 11: भारतीय संविधान के अनुसार, कौन संसद के किसी भी सदन का सदस्य न होते हुए भी, संसद में भाग ले सकता है?
- भारत का महान्यायवादी
- भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
- मुख्य चुनाव आयुक्त
- लोकपाल
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 88 के अनुसार, भारत का महान्यायवादी (Attorney General) संसद के किसी भी सदन में या दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में, तथा किसी भी समिति में, जिसमें उसे मनोनीत किया गया हो, बोल सकता है, लेकिन मतदान का अधिकार नहीं रखता।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होने के नाते, संसद की कार्यवाही में भाग लेता है ताकि सरकार को कानूनी सलाह दे सके और महत्वपूर्ण विधेयकों पर स्पष्टीकरण दे सके।
- गलत विकल्प: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, मुख्य चुनाव आयुक्त और लोकपाल को संसद की कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार नहीं होता, यद्यपि उनके रिपोर्टों पर चर्चा हो सकती है।
प्रश्न 12: भारतीय संविधान के कौन से भाग में ‘ग्राम सभा’ का उल्लेख है?
- भाग III
- भाग IV
- भाग IX
- भाग IXA
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX, जिसे 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया, पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है। इसमें अनुच्छेद 243(b) के तहत ‘ग्राम सभा’ को परिभाषित किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: ग्राम सभा एक गाँव के निर्वाचन क्षेत्र के भीतर पंजीकृत मतदाताओं से मिलकर बनी एक संस्था है। यह पंचायती राज प्रणाली की आधारशिला है और ग्राम पंचायत के कामकाज की निगरानी करती है।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से, भाग IV राज्य के नीति निदेशक तत्वों से, और भाग IXA नगरपालिकाओं से संबंधित है।
प्रश्न 13: भारतीय संविधान में ‘आपातकालीन प्रावधान’ (Emergency Provisions) किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- यूनाइटेड किंगडम
- जर्मनी का ‘वायमर गणतंत्र’
- कनाडा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में आपातकालीन प्रावधानों का अधिकांश हिस्सा (जैसे राष्ट्रीय आपातकाल – अनुच्छेद 352) जर्मनी के ‘वायमर गणतंत्र’ के संविधान से प्रेरित है।
- संदर्भ और विस्तार: जर्मनी के संविधान ने युद्ध या आंतरिक गड़बड़ी की स्थिति में नागरिक स्वतंत्रता को निलंबित करने की शक्ति प्रदान की थी। भारत ने भी राष्ट्रीय आपातकाल, राज्य आपातकाल (राष्ट्रपति शासन) और वित्तीय आपातकाल के प्रावधान इसी भावना के तहत अपनाए हैं।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका से न्यायिक पुनर्विलोकन, यूनाइटेड किंगडम से संसदीय प्रणाली और एकल नागरिकता, तथा कनाडा से मजबूत केंद्र के साथ संघात्मक ढांचा लिया गया है।
प्रश्न 14: राष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित विवादों का निपटारा कौन करता है?
- संसद
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- सर्वोच्च न्यायालय
- चुनाव आयोग
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित सभी संदिग्धताओं और विवादों की जांच और निर्णय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किया जाता है, जैसा कि अनुच्छेद 71(1) में प्रावधानित है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के चुनाव की वैधता को इस आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती कि चुनाव करने वाले निकाय में रिक्तियां थीं। सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय अंतिम होता है।
- गलत विकल्प: संसद, मुख्य न्यायाधीश (व्यक्तिगत रूप से) या चुनाव आयोग (जो चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है) इन विवादों का अंतिम निपटारा नहीं करते।
प्रश्न 15: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ (Secular) शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 42वां संशोधन, 1976
- 44वां संशोधन, 1978
- 73वां संशोधन, 1992
- 97वां संशोधन, 2011
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘धर्मनिरपेक्ष’ (Secular) शब्द को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया था। इसी संशोधन द्वारा ‘समाजवादी’ (Socialist) और ‘अखंडता’ (Integrity) शब्दों को भी जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इन संशोधनों ने प्रस्तावना को हमारे गणराज्य के मौलिक स्वरूप को और अधिक स्पष्ट रूप से दर्शाने के लिए संशोधित किया। ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द का अर्थ है कि राज्य का कोई अपना धर्म नहीं है और वह सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार करता है।
- गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार से संबंधित कुछ बदलाव किए। 73वें संशोधन ने पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा दिया। 97वें संशोधन ने सहकारी समितियों को संवैधानिक दर्जा दिया।
प्रश्न 16: किस अनुच्छेद के तहत संसद को नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना करने की शक्ति प्राप्त है?
- अनुच्छेद 1
- अनुच्छेद 2
- अनुच्छेद 3
- अनुच्छेद 4
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 2 संसद को यह शक्ति देता है कि वह ऐसे निबंधनों और शर्तों पर, जो वह ठीक समझे, संघ में नए राज्यों का प्रवेश या उनकी स्थापना कर सके।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 2 उन राज्यों के लिए है जो भारत संघ के ‘अभिन्न अंग’ नहीं हैं, यानी विदेशी राज्यों का प्रवेश या स्थापना। अनुच्छेद 3 भारत के ‘वर्तमान राज्यों’ के गठन, पुनर्गठन या सीमाओं में परिवर्तन से संबंधित है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 1 भारत को ‘राज्यों का संघ’ घोषित करता है। अनुच्छेद 4 के अनुसार, अनुच्छेद 2 और 3 के तहत बनाए गए कानून, अनुच्छेद 368 के तहत संविधान संशोधन नहीं माने जाएंगे।
प्रश्न 17: भारतीय संविधान के किस भाग में ‘नागरिकता’ (Citizenship) का प्रावधान है?
- भाग I
- भाग II
- भाग III
- भाग IV
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग II, जिसमें अनुच्छेद 5 से 11 तक शामिल हैं, भारत की नागरिकता से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: यह भाग नागरिकता के अधिग्रहण और समाप्ति से संबंधित है, और यह अनुच्छेद 11 के तहत संसद को नागरिकता संबंधी कानून बनाने की शक्ति प्रदान करता है। नागरिकता अधिनियम, 1955 इसी अधिकार का प्रयोग करके बनाया गया था।
- गलत विकल्प: भाग I संघ और उसके राज्यक्षेत्र से, भाग III मौलिक अधिकारों से, और भाग IV राज्य के नीति निदेशक तत्वों से संबंधित है।
प्रश्न 18: केंद्रीय सूचना आयोग (Central Information Commission) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति
- गृह मंत्रालय
- सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) का गठन सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत किया गया है। इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री (प्रधानमंत्री द्वारा नामित) की बनी एक समिति की सिफारिश पर की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CIC एक स्वतंत्र निकाय है जो सूचना के अधिकार को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति स्वयं नहीं करते, बल्कि एक समिति की सिफारिश पर करते हैं। गृह मंत्रालय या सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की इसमें सीधी नियुक्ति भूमिका नहीं है।
प्रश्न 19: अनुच्छेद 324 के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन भारत में सभी चुनावों का अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण करने के लिए उत्तरदायी है?
- संसद
- राष्ट्रपति
- भारत का चुनाव आयोग
- प्रधानमंत्री
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 324 के अनुसार, भारत का चुनाव आयोग (Election Commission of India) भारत में संसद, राज्य विधानमंडलों, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पदों के लिए चुनावों का अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण करने के लिए उत्तरदायी है।
- संदर्भ और विस्तार: चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करता है। यह चुनावी प्रक्रियाओं को संचालित करता है, मतदाता सूचियों की तैयारी, चुनाव कार्यक्रम की घोषणा, और चुनावी नियमों का प्रवर्तन करता है।
- गलत विकल्प: संसद कानून बनाती है, राष्ट्रपति नियुक्त करते हैं (कुछ पदों पर), और प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होते हैं, लेकिन ये सीधे चुनाव संचालन के लिए उत्तरदायी नहीं हैं।
प्रश्न 20: भारतीय संविधान की कौन सी अनुसूची ‘दल-बदल’ (Defection) के आधार पर अयोग्यता से संबंधित है?
- दसवीं अनुसूची
- सातवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- बारहवीं अनुसूची
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची, जिसे 52वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा जोड़ा गया था, संसद और राज्य विधानमंडलों के सदस्यों की दल-बदल के आधार पर अयोग्यता से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देना और विधायकों को एक पार्टी से दूसरी पार्टी में अनुचित स्थानांतरण को रोकना है।
- गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों से संबंधित है। नौवीं अनुसूची कुछ अधिनियमों और विनियमों का सत्यापन करती है। बारहवीं अनुसूची नगरपालिकाओं की शक्तियों और कार्यों से संबंधित है।
प्रश्न 21: ‘नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक’ (CAG) का कार्यकाल कितना होता है?
- 5 वर्ष
- 6 वर्ष
- 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो)
- 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो)
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) का कार्यकाल अनुच्छेद 148(1) के तहत 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, निर्धारित किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत सरकार और राज्य सरकारों के खातों का लेखा-परीक्षण करता है और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति और राज्यपालों को सौंपता है, जो उन्हें संसद और राज्य विधानमंडलों के समक्ष रखते हैं। यह भारत के वित्तीय प्रशासन का प्रहरी है।
- गलत विकल्प: केवल 5 या 6 वर्ष का कार्यकाल या केवल 65 वर्ष की आयु की शर्त पूरी तरह सही नहीं है।
प्रश्न 22: निम्नलिखित में से किसे ‘भारत का प्रथम नागरिक’ कहा जाता है?
- प्रधानमंत्री
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- राष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति, भारत गणराज्य के प्रमुख होते हैं और संविधान के अनुच्छेद 52 के अनुसार, वह देश के प्रथम नागरिक माने जाते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक परंपराव या प्रोटोकॉल संबंधी उपाधि है, न कि कोई संवैधानिक पद। प्रथम नागरिक होने के नाते, राष्ट्रपति देश का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं, मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका के प्रमुख, और लोकसभा अध्यक्ष निचले सदन के प्रमुख, लेकिन प्रथम नागरिक का दर्जा राष्ट्रपति को प्राप्त है।
प्रश्न 23: किस अनुच्छेद के तहत राज्य सरकारें पंचायती राज संस्थाओं को संगठित करने के लिए कदम उठा सकती हैं?
- अनुच्छेद 40
- अनुच्छेद 41
- अनुच्छेद 42
- अनुच्छेद 43
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 40, जो राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है, राज्यों को ‘ग्राम पंचायतों का संगठन’ करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देता है और उन्हें ऐसी शक्तियां और अधिकार प्रदान करता है जो उन्हें स्वशासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यद्यपि यह एक नीति निदेशक तत्व है और न्यायोचित नहीं है, 73वें संविधान संशोधन (1992) ने इसे संवैधानिक रूप से प्रभावी बनाया।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 41 काम, शिक्षा और कुछ मामलों में लोक सहायता के अधिकार से, अनुच्छेद 42 काम की न्यायसंगत और मानवीय स्थितियों तथा मातृत्व राहत से, और अनुच्छेद 43 कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी से संबंधित है।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सी अवस्था ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ (National Emergency) की घोषणा का आधार नहीं हो सकती?
- युद्ध
- बाह्य आक्रमण
- सशस्त्र विद्रोह
- आर्थिक अस्थिरता
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) की घोषणा के तीन आधार हैं: युद्ध, बाह्य आक्रमण, और सशस्त्र विद्रोह। 1978 में 44वें संशोधन से पहले ‘आंतरिक अशांति’ आधार था, जिसे बदलकर ‘सशस्त्र विद्रोह’ किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने के लिए, राष्ट्रपति को यह समाधान करना होता है कि ऐसी आपात स्थिति उत्पन्न हो गई है। यह समाधान केवल युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर ही किया जा सकता है।
- गलत विकल्प: आर्थिक अस्थिरता केवल वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) का आधार बन सकती है, राष्ट्रीय आपातकाल का नहीं।
प्रश्न 25: संसद के किसी भी सदन द्वारा पारित विधेयक, राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा जाता है। राष्ट्रपति निम्नलिखित में से क्या कर सकते हैं?
- विधेयक को तुरंत स्वीकृति देना
- विधेयक को अस्वीकृत करना
- विधेयक को पुनर्विचार के लिए वापस भेजना
- उपरोक्त सभी, परिस्थितियों के अनुसार
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 111 के अनुसार, संसद के प्रत्येक सदन द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति के समक्ष उसकी स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा और राष्ट्रपति उस पर अपनी स्वीकृति देंगे या अपनी स्वीकृति सुरक्षित रख लेंगे; परन्तु (धन विधेयक और संविधान संशोधन विधेयक के मामले को छोड़कर) राष्ट्रपति, विधेयक को (संसद् को, यदि वह सदन या सदनों द्वारा, जैसा भी स्थिति हो, उस पर पुनर्विचार के पश्चात् पुनः पारित किए जाने पर, उस पर अपनी स्वीकृति दे देगा) अपनी सिफारिशों के साथ या उसके बिना, संदेश द्वारा, उन सदनों को, जिनसे वह पारित हुआ है, लौटा सकेगा।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रकार, राष्ट्रपति विधेयक को स्वीकृति दे सकते हैं (निलंबनकारी वीटो के साथ), अस्वीकृत कर सकते हैं (जेबी वीटो), या पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकते हैं। धन विधेयकों पर वह केवल स्वीकृति दे सकते हैं या रोक सकते हैं। संविधान संशोधन विधेयकों पर 24वें संशोधन के बाद उन्हें स्वीकृति देनी ही होती है।
- गलत विकल्प: यह सभी विकल्प राष्ट्रपति के पास उपलब्ध विभिन्न प्रकार की वीटो शक्तियों को दर्शाते हैं, जो विधेयक के प्रकार पर निर्भर करती हैं।