पॉलिटी का दैनिक सार: अपनी तैयारी को धार दें
स्वागत है, भविष्य के लोकसेवकों! भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभों की अपनी समझ को परखने का यह आपका दैनिक अवसर है। आज हम भारतीय राजव्यवस्था और संविधान के महत्वपूर्ण पहलुओं पर 25 बहुविकल्पीय प्रश्नों के साथ आपकी वैचारिक स्पष्टता को चुनौती देंगे। अपनी तैयारी को एक नई धार दें और परीक्षा के लिए खुद को और बेहतर बनाएं!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘हम, भारत के लोग’ वाक्यांश का क्या अर्थ है?
- यह दर्शाता है कि संविधान भारत की जनता से प्राप्त शक्ति पर आधारित है।
- यह भारत के राष्ट्रपति की संप्रभुता का संकेत देता है।
- यह बताता है कि भारत का अंतिम अधिकार संसद के पास है।
- यह भारतीय सेना की सर्वोच्चता को दर्शाता है।
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना का प्रारंभ ‘हम, भारत के लोग’ (We, the People of India) से होता है। यह वाक्यांश भारतीय संविधान की संप्रभुता का मूल स्रोत जनता को बताता है, जिसका अर्थ है कि संविधान भारत की जनता से शक्ति प्राप्त करता है। यह भारतीय गणराज्य की संप्रभुता का मूल स्रोत जनता को इंगित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह वाक्यांश भारत को एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित करता है, जहाँ सत्ता का अंतिम स्रोत जनता स्वयं है। यह किसी बाहरी शक्ति या शासक वर्ग में निहित नहीं है, जैसा कि अन्य विकल्पों में सुझाया गया है।
- गलत विकल्प: विकल्प (b) गलत है क्योंकि संप्रभुता राष्ट्रपति में नहीं, जनता में निहित है। विकल्प (c) गलत है क्योंकि हालाँकि संसद कानून बनाती है, लेकिन उसकी शक्ति भी अंततः जनता में निहित है, और यह ‘हम, भारत के लोग’ का सीधा अर्थ नहीं है। विकल्प (d) गलत है क्योंकि सेना का लोकप्रशासन में कोई भूमिका नहीं होती।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
- किसी भी व्यक्ति को प्राण या दैहिक स्वतंत्रता की रक्षा (अनुच्छेद 21)
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15, जो धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी भी प्रकार के विभेद का प्रतिषेध करता है, केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय संविधान कुछ मौलिक अधिकार केवल नागरिकों को प्रदान करता है, जबकि कुछ अन्य अधिकार सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 15 ऐसे अधिकारों का एक प्रमुख उदाहरण है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (प्राण और दैहिक स्वतंत्रता की रक्षा) भारत में किसी भी व्यक्ति, चाहे वह नागरिक हो या विदेशी, के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार) भी सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है, जो अपने मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए उच्चतम न्यायालय जा सकते हैं।
प्रश्न 3: राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?
- ये प्रवर्तनीय नहीं हैं, अर्थात इनके उल्लंघन पर कोई कानूनी उपचार उपलब्ध नहीं है।
- ये संविधान के भाग IV में वर्णित हैं।
- ये प्रत्यक्ष रूप से न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय हैं।
- ये देश के शासन में मूलभूत हैं और राज्य का यह कर्तव्य होगा कि वह विधि बनाते समय इन सिद्धांतों को ध्यान में रखे।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत (DPSP) अनुच्छेद 36 से 51 तक संविधान के भाग IV में वर्णित हैं। ये सिद्धांत ‘प्रवर्तनीय नहीं’ (non-justiciable) हैं, जैसा कि अनुच्छेद 37 में स्पष्ट किया गया है। इसका अर्थ है कि इनके उल्लंघन पर किसी व्यक्ति को न्यायालय द्वारा कोई कानूनी उपचार प्राप्त नहीं हो सकता।
- संदर्भ और विस्तार: DPSP सरकार के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में कार्य करते हैं, जिनका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना करना है। हालाँकि ये न्यायोचित नहीं हैं, लेकिन देश के शासन में ये मूलभूत हैं, और राज्य का कर्तव्य है कि वह कानून बनाते समय इनका ध्यान रखे।
- गलत विकल्प: विकल्प (c) असत्य है क्योंकि DPSP न्यायालयों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से प्रवर्तनीय नहीं हैं। विकल्प (a), (b), और (d) सत्य कथन हैं।
प्रश्न 4: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में कौन भाग लेता है?
- केवल निर्वाचित सदस्य
- संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य
- राज्य विधानसभाओं के सभी सदस्य
- संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 55 के तहत एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष होता है और यह आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत पद्धति द्वारा होता है। मनोनीत सदस्य (nominated members) राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) गलत है क्योंकि मनोनीत सदस्य भाग नहीं लेते। विकल्प (b) गलत है क्योंकि इसमें केवल निर्वाचित सदस्य ही भाग लेते हैं। विकल्प (c) गलत है क्योंकि इसमें संसद के सदस्य भी शामिल होते हैं।
प्रश्न 5: भारत के प्रधानमंत्री के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
- वे भारत के राष्ट्रपति द्वारा सीधे चुने जाते हैं।
- वे लोकसभा में बहुमत दल के नेता होते हैं और राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।
- वे राज्यसभा के सदस्य होने चाहिए।
- वे केवल अपने दल के प्रति उत्तरदायी होते हैं।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 75(1) के अनुसार, प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। यह सामान्यतः प्रथा है कि राष्ट्रपति उस व्यक्ति को प्रधानमंत्री नियुक्त करते हैं जो लोकसभा में बहुमत दल का नेता हो।
- संदर्भ और विस्तार: प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रिपरिषद के प्रमुख होते हैं और राष्ट्रपति को उनके कार्यों के संपादन में सलाह देते हैं। प्रधानमंत्री का लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होना (अनुच्छेद 75(3)) सरकार की स्थिरता और जवाबदेही के लिए महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री को संसद के किसी भी सदन का सदस्य होना आवश्यक नहीं है, लेकिन पद ग्रहण के छह महीने के भीतर उन्हें किसी भी सदन की सदस्यता प्राप्त करनी होती है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) गलत है क्योंकि राष्ट्रपति उन्हें नियुक्त करते हैं, सीधे नहीं चुनते। विकल्प (c) गलत है क्योंकि राज्यसभा का सदस्य होना आवश्यक नहीं है। विकल्प (d) गलत है क्योंकि वे सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होते हैं।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सा विषय समवर्ती सूची (Concurrent List) में शामिल है?
- रेलवे
- शेयर बाजार
- वन
- जन स्वास्थ्य
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान की सातवीं अनुसूची में संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची का उल्लेख है। ‘वन’ (Forests) समवर्ती सूची की प्रविष्टि 17-बी के तहत आता है (संविधान (42वां संशोधन) अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया)।
- संदर्भ और विस्तार: समवर्ती सूची के विषयों पर संसद और राज्य विधानमंडल दोनों कानून बना सकते हैं। यदि किसी विषय पर दोनों द्वारा बनाए गए कानूनों में टकराव होता है, तो संसद द्वारा बनाया गया कानून प्रभावी होता है (अनुच्छेद 254)।
- गलत विकल्प: रेलवे (संघ सूची), शेयर बाजार (संघ सूची), और जन स्वास्थ्य (राज्य सूची) हैं।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारतीय न्यायपालिका की स्वतंत्रता के बारे में सत्य है?
- न्यायाधीशों की नियुक्ति में कार्यपालिका का पूर्ण नियंत्रण होता है।
- न्यायाधीशों के वेतन और भत्ते में उनके कार्यकाल के दौरान कटौती की जा सकती है।
- न्यायाधीशों को पद से हटाना अत्यंत सरल प्रक्रिया है।
- न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली उनकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करती है।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय न्यायपालिका की स्वतंत्रता को अनुच्छेद 50 (कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण) और न्यायाधीशों की नियुक्ति, स्थानांतरण, और पदच्युति से संबंधित विभिन्न प्रावधानों के माध्यम से सुनिश्चित किया गया है। न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली, हालांकि आलोचना का विषय रही है, इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता के पक्ष में एक तंत्र के रूप में देखा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अर्थ है कि वह कार्यपालिका और विधायिका के अनुचित हस्तक्षेप से मुक्त रहे। न्यायाधीशों का कार्यकाल सुरक्षित होता है, उनके वेतन-भत्ते संचित निधि पर भारित होते हैं और उनमें उनके कार्यकाल के दौरान कोई अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता (अनुच्छेद 125, 124(4))। उन्हें महाभियोग की अत्यंत कठिन प्रक्रिया द्वारा ही हटाया जा सकता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) गलत है क्योंकि नियुक्तियों में सरकार की भूमिका है, लेकिन पूर्ण नियंत्रण नहीं। विकल्प (b) गलत है क्योंकि वेतन-भत्ते में अलाभकारी परिवर्तन नहीं हो सकता। विकल्प (c) गलत है क्योंकि पद से हटाना (महाभियोग) बहुत कठिन है।
प्रश्न 8: भारतीय संविधान की कौन सी विशेषता अमेरिका के संविधान से प्रभावित नहीं है?
- मौलिक अधिकार
- न्यायिक पुनर्विलोकन
- संघीय शासन प्रणाली
- कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक अधिकार (भाग III), न्यायिक पुनर्विलोकन (अनुच्छेद 13), और संघीय शासन प्रणाली (संघ एवं राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन) अमेरिका के संविधान से प्रेरित हैं। ‘कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया’ (Procedure Established by Law) की अवधारणा जापान के संविधान से ली गई है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 21 में ‘विधि की उचित प्रक्रिया’ (Due Process of Law) की व्याख्या करते हुए, उच्चतम न्यायालय ने अक्सर यह माना है कि भारत में ‘कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया’ में ‘विधि की उचित प्रक्रिया’ के तत्व भी निहित हैं, जो अमेरिकी प्रभाव का संकेत देता है। हालांकि, मूल स्रोत जापान है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) सभी अमेरिकी संविधान से प्रेरित हैं।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा संवैधानिक निकाय नहीं है?
- भारत का निर्वाचन आयोग (Election Commission of India)
- संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission)
- नीति आयोग (NITI Aayog)
- वित्त आयोग (Finance Commission)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) भारतीय संविधान द्वारा स्थापित संवैधानिक निकाय हैं।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख संविधान में होता है और जिनके गठन, शक्तियां और कार्य संविधान में निर्धारित होते हैं। नीति आयोग (पूर्व में योजना आयोग) एक कार्यकारी आदेश द्वारा स्थापित एक गैर-संवैधानिक (या अतिरिक्त-संवैधानिक) निकाय है, जिसे सरकार द्वारा समय-समय पर पुनर्गठित किया जा सकता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (d) संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि वे संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों में उल्लिखित हैं।
प्रश्न 10: पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए सीटों के आरक्षण का प्रावधान किस संवैधानिक संशोधन द्वारा किया गया?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 86वां संशोधन अधिनियम, 2002
- 97वां संशोधन अधिनियम, 2011
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया और इसमें पंचायतों में महिलाओं के लिए कम से कम एक-तिहाई सीटों पर आरक्षण का प्रावधान किया गया (अनुच्छेद 243D(3))।
- संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन भारतीय संविधान में भाग IX को जोड़ा, जिसमें पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित प्रावधान हैं। इसका उद्देश्य स्थानीय शासन में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना था।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों से संबंधित है। 86वां संशोधन शिक्षा के अधिकार से, और 97वां संशोधन सहकारी समितियों से संबंधित है।
प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privilege) का एक उदाहरण है?
- संसद के सदस्यों को अवमानना के लिए दंडित करना
- संसद की कार्यवाही के दौरान सदस्यों को गिरफ्तारी से छूट
- संसद के बाहर सदस्यों पर मुकदमा चलाना
- संसद के सदस्यों के लिए विशेष वेतन निर्धारण
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 105 भारतीय संसद और उसके सदस्यों को कुछ विशेषाधिकार और छूट प्रदान करता है। सदस्यों को सत्र के दौरान कुछ निश्चित अपराधों के लिए गिरफ्तारी से छूट प्राप्त है, लेकिन यह दीवानी मामलों में लागू होता है, न कि आपराधिक मामलों में।
- संदर्भ और विस्तार: संसदीय विशेषाधिकार संसद के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने और सदस्यों को विधायी कार्यों के निर्बाध निर्वहन में सहायता करने के लिए प्रदान किए जाते हैं। ये विशेषाधिकार व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों हो सकते हैं।
- गलत विकल्प: संसद के सदस्यों को अवमानना के लिए दंडित करने का अधिकार सदन को है, जो विशेषाधिकार से भिन्न है। संसद के बाहर सदस्यों पर मुकदमा चलाने पर सामान्यतः कोई रोक नहीं है, सिवाय विशेषाधिकार के तहत आने वाले मामलों के। विशेष वेतन निर्धारण एक विधायी कार्य है, विशेषाधिकार नहीं।
प्रश्न 12: ‘सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार’ (Universal Adult Franchise) किस अनुच्छेद के तहत एक मौलिक अधिकार माना जाता है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 19
- अनुच्छेद 21
- यह कोई मौलिक अधिकार नहीं है।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार, जो 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुका प्रत्येक नागरिक को मतदान का अधिकार देता है, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत एक वैधानिक अधिकार है, न कि मौलिक अधिकार।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 326 में कहा गया है कि लोक सभा और राज्यों की विधान सभाओं के चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर होंगे। यह अधिकार ‘विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया’ के अधीन है और इसमें कुछ अपवाद (जैसे दिवालियापन, मानसिक अस्वस्थता) हो सकते हैं। मौलिक अधिकार वे हैं जिनकी गारंटी संविधान देता है और जो न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय हैं, जबकि मताधिकार का अधिकार सामान्य कानून द्वारा शासित होता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), अनुच्छेद 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता), और अनुच्छेद 21 (प्राण और दैहिक स्वतंत्रता) अप्रत्यक्ष रूप से नागरिक की राजनीतिक भागीदारी के लिए प्रासंगिक हो सकते हैं, लेकिन वे सीधे तौर पर मतदान के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में स्थापित नहीं करते।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सी आपातकालीन स्थिति को छोड़कर, सभी मौलिक अधिकारों को निलंबित किया जा सकता है?
- बाह्य आक्रमण
- युद्ध
- सशस्त्र विद्रोह
- आंतरिक उपद्रव
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर की जा सकती है। अनुच्छेद 358 के अनुसार, ऐसी घोषणा होने पर, अनुच्छेद 19 द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार स्वचालित रूप से निलंबित हो जाते हैं। अनुच्छेद 359 के तहत, राष्ट्रपति अन्य मौलिक अधिकारों के निलंबन का आदेश दे सकते हैं, सिवाय अनुच्छेद 20 और 21 के।
- संदर्भ और विस्तार: ‘आंतरिक उपद्रव’ (Internal Disturbance) शब्द का प्रयोग 1975 के आपातकाल के दौरान किया गया था, लेकिन 1978 के 44वें संशोधन द्वारा इसे ‘सशस्त्र विद्रोह’ (Armed Rebellion) से बदल दिया गया ताकि आपातकाल लगाने का आधार स्पष्ट और मजबूत हो। अनुच्छेद 19 के निलंबन के लिए ‘सशस्त्र विद्रोह’ या बाह्य आक्रमण/युद्ध होना चाहिए। अनुच्छेद 20 और 21 किसी भी परिस्थिति में निलंबित नहीं हो सकते।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 19, अनुच्छेद 358 के तहत युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण निलंबित हो सकता है। आंतरिक उपद्रव इस आधार को पूरा नहीं करता।
प्रश्न 14: नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- वित्त मंत्रालय
- संसद
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148(1) के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग का प्रमुख होता है। वह भारत की संचित निधि, लोक वित्त से संबंधित सभी व्यय का लेखा-परीक्षण करता है और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपता है, जो उसे संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखते हैं। CAG की नियुक्ति के बाद, उसे राष्ट्रपति द्वारा दिलाई गई शपथ के बाद ही पद ग्रहण करने का अधिकार होता है, और वह अपने पद से तब तक नहीं हटाया जा सकता जब तक कि उसे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने की प्रक्रिया के समान प्रक्रिया से न हटाया जाए।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, वित्त मंत्रालय या संसद CAG की नियुक्ति सीधे तौर पर नहीं करते।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सा भारतीय संविधान का ‘धर्मनिरपेक्ष’ (Secular) होने का एक आयाम नहीं है?
- राज्य सभी धर्मों को समान आदर प्रदान करता है।
- राज्य किसी विशेष धर्म को राजकीय धर्म के रूप में मान्यता देता है।
- राज्य अपने नागरिकों को किसी भी धर्म का पालन करने या न करने की स्वतंत्रता देता है।
- राज्य सभी धर्मों के प्रति तटस्थ रहता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का धर्मनिरपेक्ष चरित्र प्रस्तावना में उल्लिखित है और मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 25-28) में इसकी झलक मिलती है। धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है कि राज्य किसी भी धर्म को प्राथमिकता नहीं देगा और सभी धर्मों के प्रति तटस्थ रहेगा।
- संदर्भ और विस्तार: धर्मनिरपेक्षता का मतलब यह नहीं है कि धर्म का राज्य से कोई संबंध नहीं है, बल्कि यह है कि राज्य सभी धर्मों को समान मानता है और किसी एक धर्म का पक्ष नहीं लेता। यह धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (b) भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष होने के सिद्धांत के विरुद्ध है, क्योंकि भारत में किसी भी धर्म को राजकीय धर्म के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं है। यह एक धर्मनिरपेक्ष राज्य का लक्षण नहीं है।
प्रश्न 16: ‘अस्पृश्यता’ का अंत किस मौलिक अधिकार के तहत किया गया है?
- समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)
- स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22)
- शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24)
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अस्पृश्यता (Untouchability) का अंत भारतीय संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत किया गया है, जो समानता के अधिकार (अनुच्छेद 14-18) का हिस्सा है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता को समाप्त करता है और किसी भी रूप में इसके अभ्यास को दंडनीय अपराध घोषित करता है। संसद ने अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955 बनाया, जिसे बाद में नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 नाम दिया गया।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प मौलिक अधिकारों के विभिन्न वर्गों से संबंधित हैं, लेकिन अस्पृश्यता का उन्मूलन सीधे तौर पर समानता के अधिकार से जुड़ा है।
प्रश्न 17: केंद्र-राज्य संबंधों में ‘वित्तीय संघवाद’ (Fiscal Federalism) का क्या अर्थ है?
- राज्यों को पूर्ण वित्तीय स्वायत्तता प्राप्त है।
- वित्त आयोग का गठन राज्यों के बीच राजस्व वितरण के लिए किया जाता है।
- राज्यों को कर लगाने और व्यय करने की शक्ति प्राप्त है।
- केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: वित्तीय संघवाद केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय शक्ति और जिम्मेदारियों के वितरण को संदर्भित करता है। वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) इस संदर्भ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह केंद्र द्वारा राज्यों को दिए जाने वाले करों के वितरण और राज्यों के बीच उनके आवंटन की सिफारिश करता है।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय संघवाद में, वित्तीय शक्तियां स्पष्ट रूप से विभाजित हैं, लेकिन केंद्र के पास करों से अधिक राजस्व उत्पन्न करने की क्षमता होती है। इसलिए, राजस्व का पुनर्वितरण (vertical and horizontal devolution) और अनुदान (grants-in-aid) के माध्यम से राज्यों की वित्तीय जरूरतों को पूरा किया जाता है, जिसमें वित्त आयोग एक प्रमुख संस्था है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) गलत है क्योंकि राज्यों को पूर्ण वित्तीय स्वायत्तता नहीं है। विकल्प (c) आंशिक रूप से सही है लेकिन यह वित्तीय संघवाद का पूर्ण अर्थ नहीं है। विकल्प (d) केंद्र सरकार द्वारा सहायता प्रदान की जाती है, लेकिन यह वित्तीय संघवाद का मुख्य परिभाषित तत्व नहीं है।
प्रश्न 18: भारतीय संविधान के किस भाग में ‘ग्राम सभा’ का उल्लेख किया गया है?
- भाग IX
- भाग IX-A
- भाग X
- भाग XI
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ग्राम सभा का उल्लेख भारतीय संविधान के भाग IX (पंचायती राज) में अनुच्छेद 243(b) के तहत किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: भाग IX, 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था, और यह पंचायती राज संस्थाओं (ग्राम स्तर पर ग्राम सभा, मध्यवर्ती स्तर पर पंचायत समिति, और जिला स्तर पर जिला परिषद) की संरचना, शक्तियों और कार्यों को परिभाषित करता है। ग्राम सभा ग्राम स्तर पर एक महत्वपूर्ण संस्था है।
- गलत विकल्प: भाग IX-A शहरी स्थानीय निकायों से, भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से, और भाग XI संघ और राज्यों के बीच विधायी और प्रशासनिक संबंधों से संबंधित है।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सी एक ‘स्टैट्यूटरी बॉडी’ (Statutory Body) है?
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission)
- भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India)
- अध्यक्ष, वित्त आयोग
- अध्यक्ष, संघ लोक सेवा आयोग
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत किया गया था। इसलिए, यह एक ‘स्टैट्यूटरी बॉडी’ है, जिसका अर्थ है कि इसका गठन संसद के एक अधिनियम द्वारा हुआ है, न कि सीधे संविधान में।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे संविधान में होता है (जैसे वित्त आयोग, UPSC)। वैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका गठन संसद या राज्य विधानमंडल द्वारा पारित एक विशेष अधिनियम के माध्यम से होता है। NHRC मानवाधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन के लिए कार्य करता है।
- गलत विकल्प: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की स्थापना RBI अधिनियम, 1934 द्वारा हुई थी, इसलिए यह भी एक वैधानिक निकाय है, लेकिन प्रश्न एक विकल्प पूछ रहा है। हालांकि, वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) और UPSC (अनुच्छेद 315) संवैधानिक निकाय हैं। इस प्रकार, NHRC एक वैधानिक निकाय के रूप में सही उत्तर है। (यहाँ प्रश्न को अधिक स्पष्ट करने के लिए, प्रश्न में ‘निम्नलिखित में से कौन सी एक *अतिरिक्त-संवैधानिक* बॉडी है?’ जैसा कुछ होना चाहिए था, लेकिन दिए गए विकल्पों में NHRC सबसे उपयुक्त वैधानिक बॉडी है)। यदि प्रश्न ‘स्टैट्यूटरी बॉडी’ के बारे में है, तो RBI भी सही है, लेकिन NHRC अधिक प्रमुख वैधानिक उदाहरणों में से एक है। सामान्य अभ्यास में NHRC को वैधानिक निकाय के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
प्रश्न 20: भारत में ‘अकाल’ (Famine) की स्थिति घोषित करने की शक्ति किसके पास है?
- केवल केंद्र सरकार
- केवल राज्य सरकारें
- केंद्र सरकार, राज्य सरकारों की सिफारिश पर
- केंद्र सरकार या राज्य सरकारें, अपने-अपने क्षेत्राधिकार में
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची II (राज्य सूची) की प्रविष्टि 23 में ‘जन स्वास्थ्य, स्वच्छता, अस्पताल और औषधालय’ शामिल हैं। इसके अलावा, प्राकृतिक आपदाओं से निपटने और राहत कार्य चलाने की जिम्मेदारी काफी हद तक राज्य सरकारों की होती है।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि संविधान में ‘अकाल’ को घोषित करने के लिए कोई विशेष अनुच्छेद नहीं है, यह सार्वजनिक व्यवस्था और जन स्वास्थ्य के दायरे में आता है, जो मुख्य रूप से राज्य सूची का विषय है। इसलिए, राज्य सरकारें अपने क्षेत्र में अकाल की स्थिति घोषित कर सकती हैं और राहत उपाय कर सकती हैं। केंद्र सरकार भी सहायता प्रदान करती है और राष्ट्रीय आपदा घोषित होने पर हस्तक्षेप कर सकती है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) और (c) गलत हैं क्योंकि यह पूरी तरह से केंद्र सरकार का मामला नहीं है। विकल्प (b) भी अधूरा है क्योंकि केंद्र भी भूमिका निभा सकता है।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से किस संशोधन अधिनियम द्वारा ‘संपत्ति का अधिकार’ (Right to Property) मौलिक अधिकार की श्रेणी से हटा दिया गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1988
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 31) की सूची से हटा दिया और इसे संविधान के भाग XII में अनुच्छेद 300-A के तहत एक ‘कानूनी अधिकार’ (Legal Right) बना दिया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य निजी संपत्ति के अधिग्रहण को आसान बनाना और सामाजिक-आर्थिक सुधारों के मार्ग से एक बड़ी बाधा को दूर करना था। अब, किसी व्यक्ति को कानून के प्राधिकार के बिना उसकी संपत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता है।
- गलत विकल्प: 42वें संशोधन ने प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ जैसे शब्द जोड़े। 52वां संशोधन दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है, और 61वां संशोधन मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष करने से संबंधित है।
प्रश्न 22: भारत में ‘न्यायिक सक्रियता’ (Judicial Activism) का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
- कार्यपालिका और विधायिका की शक्तियों को सीमित करना।
- जनता के अधिकारों की रक्षा और सार्वजनिक हित को बढ़ावा देना।
- न्यायालयों के कामकाज को धीमा करना।
- संसद द्वारा पारित कानूनों को पूरी तरह से रद्द करना।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: न्यायिक सक्रियता का अर्थ है कि न्यायपालिका अपने संवैधानिक दायित्वों को निभाते हुए, विशेष रूप से मौलिक अधिकारों की रक्षा में, अधिक सक्रिय भूमिका निभाती है। यह अक्सर जनहित याचिकाओं (PIL) के माध्यम से होता है, जो अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और 226 (उच्च न्यायालय) के तहत उपचार के अधिकार से प्रेरित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य आम आदमी के लिए न्याय सुलभ बनाना, सरकार की निष्क्रियता को दूर करना और सार्वजनिक हित के मुद्दों पर कार्रवाई सुनिश्चित करना है। यह विधायिका और कार्यपालिका को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति जवाबदेह बनाने का एक माध्यम भी है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) आंशिक रूप से सच हो सकता है, लेकिन यह प्राथमिक उद्देश्य नहीं है। विकल्प (c) और (d) न्यायिक सक्रियता के वास्तविक अर्थ के विपरीत हैं; यह न्याय को सुलभ बनाता है और कानूनों को केवल अनुचित पाए जाने पर ही रद्द करता है।
प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘विधि की उचित प्रक्रिया’ (Due Process of Law) के सिद्धांत के बारे में सत्य है?
- यह केवल कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने पर जोर देता है।
- यह विधि की निष्पक्षता और न्यायसंगतता पर भी जोर देता है।
- यह अमेरिकी संविधान से लिया गया है।
- यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में स्पष्ट रूप से उल्लिखित है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘विधि की उचित प्रक्रिया’ (Due Process of Law) का सिद्धांत अमेरिकी संविधान से प्रेरित है और इसे मेनका गांधी बनाम भारत संघ (1978) मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में अंतर्निहित माना गया। यह केवल प्रक्रिया के पालन पर नहीं, बल्कि प्रक्रिया की निष्पक्षता, न्यायसंगतता और औचित्य पर भी जोर देता है।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय संविधान में स्पष्ट रूप से ‘कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया’ (Procedure Established by Law) शब्द का प्रयोग किया गया है (अनुच्छेद 21), जो मूल रूप से जापानी संविधान से लिया गया है। हालाँकि, मेनका गांधी मामले के बाद, भारतीय न्यायपालिका ने ‘कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया’ की व्याख्या इस प्रकार की है कि इसमें ‘विधि की उचित प्रक्रिया’ के तत्व भी शामिल हैं।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) केवल ‘कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया’ के संकीर्ण अर्थ को दर्शाता है। विकल्प (c) सत्य है कि यह अमेरिकी संविधान से प्रेरित है, लेकिन प्रश्न ‘विधि की उचित प्रक्रिया’ के सिद्धांत के बारे में पूछ रहा है, जिसके बारे में सबसे सटीक कथन (b) है। विकल्प (d) गलत है क्योंकि अनुच्छेद 21 में यह स्पष्ट रूप से उल्लिखित नहीं है, बल्कि व्याख्यायित किया गया है।
प्रश्न 24: ‘राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग’ (National Commission for Backward Classes) का दर्जा हाल ही में किस संवैधानिक संशोधन द्वारा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 2018 में संशोधित कर संवैधानिक दर्जा दिया गया?
- 100वां संशोधन
- 101वां संशोधन
- 102वां संशोधन
- 103वां संशोधन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 102वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2018 ने अनुच्छेद 338-B जोड़ा, जो ‘राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग’ (NCBC) को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन से पहले, NCBC एक वैधानिक निकाय था, जिसका गठन राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 1993 के तहत किया गया था। 102वें संशोधन ने आयोग को एक संवैधानिक निकाय बना दिया, जिससे इसे अधिक शक्ति और स्वायत्तता मिली।
- गलत विकल्प: 100वां संशोधन भारत-बांग्लादेश भूमि सीमा समझौते से संबंधित था। 101वां संशोधन वस्तु एवं सेवा कर (GST) से संबंधित था। 103वां संशोधन ईडब्ल्यूएस आरक्षण (EWS Reservation) से संबंधित है।
प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन सी भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है?
- डोगरी
- मैथिली
- कुमाऊँनी
- संथाली
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 आधिकारिक भाषाओं को सूचीबद्ध किया गया है। डोगरी (2003 में 92वें संशोधन द्वारा जोड़ी गई), मैथिली (2003 में 92वें संशोधन द्वारा जोड़ी गई), और संथाली (2003 में 92वें संशोधन द्वारा जोड़ी गई) सभी आठवीं अनुसूची में शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: कुमाऊँनी एक प्रमुख भाषा है जो उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में बोली जाती है, लेकिन इसे अभी तक भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है। इस अनुसूची में भाषाओं को शामिल करने का ऐतिहासिक और राजनीतिक महत्व है।
- गलत विकल्प: डोगरी, मैथिली और संथाली वर्तमान में आठवीं अनुसूची का हिस्सा हैं, जबकि कुमाऊँनी नहीं है।
यह थे आज के 25 प्रश्न! हमें उम्मीद है कि इन प्रश्नों और विस्तृत स्पष्टीकरणों ने आपकी राजव्यवस्था और संविधान की समझ को और गहरा किया होगा। कल फिर मिलेंगे एक नए अभ्यास सत्र के साथ!