पॉलिटी का दैनिक महासंग्राम: 25 प्रश्न, ज्ञान की पहचान
नमस्कार, भावी लोकसेवकों! भारतीय संविधान की बारीकियों को समझने और अपनी वैचारिक स्पष्टता को परखने का इससे बेहतर कोई तरीका नहीं हो सकता। आज के इस विशेष अभ्यास सत्र में हम आपके लिए लाए हैं भारतीय राजव्यवस्था के 25 ऐसे चुनिंदा प्रश्न, जो आपकी तैयारी को एक नई दिशा देंगे। आइए, संविधान के सार को गहराई से जानने के लिए इस दैनिक अभ्यास में जुट जाएं!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद भारत के महान्यायवादी (Attorney General) की नियुक्ति से संबंधित है?
- अनुच्छेद 76
- अनुच्छेद 148
- अनुच्छेद 165
- अनुच्छेद 352
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का संविधान अनुच्छेद 76 के तहत भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति का प्रावधान करता है। राष्ट्रपति, भारत सरकार को विधिक मामलों में सलाह देने के लिए महान्यायवादी की नियुक्ति करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी का पद भारत सरकार का मुख्य विधि अधिकारी होता है। वह भारत के किसी भी न्यायालय में सुनवाई का अधिकार रखता है और उसे संसद की कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार है, लेकिन मत देने का अधिकार नहीं। यह पद संवैधानिक रूप से स्थापित है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 148 भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) से संबंधित है। अनुच्छेद 165 राज्य के महाधिवक्ता (Advocate General) की नियुक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है।
प्रश्न 2: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवाद’ (Socialist), ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular) और ‘अखंडता’ (Integrity) शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन को ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है क्योंकि इसने प्रस्तावना और संविधान के कई अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों में बदलाव किए थे। ये शब्द भारत की सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था के उद्देश्यों को दर्शाते हैं।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर विधिक अधिकार बनाया। 73वां संशोधन पंचायती राज से संबंधित है। 52वां संशोधन दल-बदल विरोधी कानून से संबंधित है।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार) के संबंध में सत्य नहीं है?
- यह मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय को रिट जारी करने की शक्ति प्रदान करता है।
- यह संसद को उच्च न्यायालयों को भी ऐसी रिट जारी करने की शक्ति देने से रोकता है।
- यह मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के मामले में नागरिकों को सीधा सर्वोच्च न्यायालय जाने का अधिकार देता है।
- यह स्वयं में एक मौलिक अधिकार है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 32 भारत के नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाने का अधिकार देता है, और यह स्वयं एक मौलिक अधिकार है। यह सर्वोच्च न्यायालय को पाँच प्रकार की रिट (हेवियस कॉर्पस, मैंडमस, प्रोहिबिशन, सर्टियोरारी, क्यू वारंटो) जारी करने की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को भी रिट जारी करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 32 यह नहीं रोकता कि संसद उच्च न्यायालयों को भी ऐसी शक्ति दे; बल्कि, यह सर्वोच्च न्यायालय को शक्ति देता है और उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 226 के तहत शक्ति मिलती है। इसलिए, कथन (b) असत्य है।
- गलत विकल्प: कथन (a), (c) और (d) अनुच्छेद 32 के प्रावधानों के अनुसार सही हैं।
प्रश्न 4: भारतीय संसद में शून्यकाल (Zero Hour) की अवधि क्या है?
- दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक
- दोपहर 1 बजे से 2 बजे तक
- शाम 4 बजे से 5 बजे तक
- सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और नियम संदर्भ: भारतीय संसदीय प्रक्रिया में, शून्यकाल (Zero Hour) का समय, जहाँ अविलंबनीय लोक महत्व के मामले उठाए जाते हैं, आमतौर पर दोपहर 12:00 बजे से शुरू होकर 1:00 बजे तक चलता है।
- संदर्भ और विस्तार: शून्यकाल का उल्लेख संविधान में नहीं है, यह भारत की संसदीय प्रक्रिया की एक नवाचार है। यह प्रश्नकाल (Question Hour) के ठीक बाद आता है। यह वह समय है जब सदस्य बिना पूर्व सूचना के महत्वपूर्ण मुद्दों को उठा सकते हैं।
- गलत विकल्प: सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक प्रश्नकाल (Question Hour) का समय होता है। दोपहर 1 बजे के बाद अन्य विधायी कार्य होते हैं।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सा मूल कर्तव्य (Fundamental Duty) भारतीय संविधान के भाग IV-A में सूचीबद्ध नहीं है?
- सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखना
- संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों का सम्मान करना
- संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों का सम्मान करना
- हमारी साझी संस्कृति की समृद्ध विरासत को महत्व देना और संरक्षित करना
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद/अनुसूची संदर्भ: मूल कर्तव्यों को संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51A के तहत सूचीबद्ध किया गया है। अनुच्छेद 51A(c) कहता है कि प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय गान का सम्मान करे। अनुच्छेद 51A(d) में कहा गया है कि देश की रक्षा और राष्ट्र की सेवा करने के लिए आह्वान किए जाने पर ऐसा करना। अनुच्छेद 51A(e) में हमारी साझी संस्कृति की समृद्ध विरासत को महत्व देने की बात है। सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखना भी एक मूल कर्तव्य है (51A(g))।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों का सम्मान करना एक महत्वपूर्ण नागरिक गुण है, लेकिन इसे संविधान के भाग IV-A में एक विशिष्ट मूल कर्तव्य के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया गया है। मूल कर्तव्यों का उद्देश्य नागरिकों को राष्ट्र के प्रति उनकी जिम्मेदारियों की याद दिलाना है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b) और (d) संविधान के अनुच्छेद 51A के तहत मूल कर्तव्यों के रूप में स्पष्ट रूप से सूचीबद्ध हैं।
प्रश्न 6: भारत में ‘लोकपाल’ की अवधारणा किस देश से प्रेरित है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- यूनाइटेड किंगडम
- स्वीडन
- फ्रांस
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: ‘लोकपाल’ (Ombudsman) की अवधारणा, जिसका अर्थ है ‘जनता का प्रतिनिधि’, स्वीडन से प्रेरित है। स्वीडन में 1809 में यह संस्था स्थापित की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: लोकपाल का कार्य सरकारी अधिकारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार और कदाचार की शिकायतों की जांच करना है। भारत में लोकपाल अधिनियम, 2013 के तहत राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर लोकपाल की नियुक्ति का प्रावधान है।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका में ‘इन्स्पेक्टर जनरल’ जैसी व्यवस्थाएं हैं, लेकिन ‘लोकपाल’ का सीधा मॉडल स्वीडन से लिया गया है। यूके और फ्रांस की अपनी अलग प्रशासनिक जवाबदेही प्रणालियाँ हैं।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सी रिट केवल एक लोक अधिकारी को उसके सार्वजनिक कर्तव्य करने का निर्देश देने के लिए जारी की जाती है?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- प्रतिषेध (Prohibition)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘परमादेश’ (Mandamus) का अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’। यह रिट किसी सार्वजनिक प्राधिकारी, सरकार या न्यायालय को उसके सार्वजनिक या सांविधिक कर्तव्य को करने का निर्देश देने के लिए जारी की जाती है। यह शक्ति सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 32 और उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 226 के तहत प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: परमादेश तब जारी किया जाता है जब किसी प्राधिकारी द्वारा अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया जाता है। यह रिट किसी निजी व्यक्ति या निकाय के विरुद्ध जारी नहीं की जा सकती।
- गलत विकल्प: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ किसी अवैध रूप से बंदी बनाए गए व्यक्ति को न्यायालय में पेश करने का आदेश है। ‘प्रतिषेध’ किसी निचली अदालत या न्यायाधिकरण को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकने के लिए जारी की जाती है। ‘उत्प्रेषण’ किसी निचली अदालत या न्यायाधिकरण के आदेश को रद्द करने के लिए जारी की जाती है।
प्रश्न 8: भारतीय संविधान की अनुसूची जो भारतीय भाषाओं से संबंधित है, कौन सी है?
- सातवीं अनुसूची
- आठवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुसूची संदर्भ: भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में भारत की आधिकारिक भाषाओं को सूचीबद्ध किया गया है। वर्तमान में इसमें 22 भाषाएँ शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: मूल रूप से आठवीं अनुसूची में 14 भाषाएँ थीं। बाद में सिंधी, कोंकणी, मणिपुरी, नेपाली, बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली को जोड़ा गया। यह अनुसूची भाषाई विविधता और राष्ट्रीय एकीकरण के महत्व को दर्शाती है।
- गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों से संबंधित है। नौवीं अनुसूची भूमि सुधार कानूनों से संबंधित है (जिन्हें न्यायिक समीक्षा से छूट प्राप्त थी)। दसवीं अनुसूची दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है।
प्रश्न 9: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- लोकसभा अध्यक्ष
- गृह मंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, जैसा कि अनुच्छेद 316 में प्रावधानित है।
- संदर्भ और विस्तार: UPSC भारतीय गणराज्य की प्रमुख भर्ती एजेंसी है जो सिविल सेवाओं और अन्य अखिल भारतीय सेवाओं के लिए उम्मीदवारों का चयन करती है। राष्ट्रपति आयोग के सदस्यों की सेवा शर्तों का भी निर्धारण करते हैं।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या गृह मंत्री की नियुक्ति में कोई संवैधानिक भूमिका नहीं होती है।
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सी शक्तियाँ राष्ट्रपति और राज्यपाल दोनों के पास न्यायिक शक्ति के रूप में उपलब्ध हैं?
- सजा को निलंबित करने की शक्ति
- सजा को क्षमा करने की शक्ति
- सजा की प्रकृति को बदलने की शक्ति
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति के पास अनुच्छेद 72 के तहत क्षमादान की शक्ति है, जिसमें क्षमा (Pardon), लघुकरण (Commutation), परिहार (Remission), प्रविलंबन (Reprieve) और विराम (Respiter) शामिल हैं। राज्यपाल के पास अनुच्छेद 161 के तहत समान, लेकिन कुछ सीमाओं के साथ, क्षमादान की शक्ति है।
- संदर्भ और विस्तार: सजा को निलंबित करना (प्रविलंबन), क्षमा करना (क्षमा), और प्रकृति बदलना (लघुकरण/परिहार) सभी राष्ट्रपति और राज्यपाल की न्यायिक शक्तियों के अंतर्गत आते हैं। हालांकि, मृत्युदंड के मामले में राष्ट्रपति को पूर्ण क्षमा का अधिकार है, जबकि राज्यपाल इसे केवल निलंबित या प्रविलंबित कर सकते हैं, पूर्ण क्षमा नहीं। इसके बावजूद, प्रश्न में ‘न्यायिक शक्ति’ के रूप में पूछा गया है, और इन सभी का संबंध क्षमादान शक्ति से है।
- गलत विकल्प: चूँकि राष्ट्रपति और राज्यपाल दोनों के पास इन शक्तियों के विभिन्न पहलू उपलब्ध हैं, इसलिए ‘उपरोक्त सभी’ सही उत्तर है।
प्रश्न 11: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘स्वतंत्रता’ शब्द किस-किस के संदर्भ में प्रयोग किया गया है?
- विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना
- विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और कर्म
- विचार, अभिव्यक्ति, आचरण, विश्वास और उपासना
- विचार, अभिव्यक्ति, धर्म, नागरिक और सामाजिक स्वतंत्रता
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और प्रस्तावना संदर्भ: प्रस्तावना में स्वतंत्रता शब्द निम्नलिखित पाँच तत्वों के संबंध में प्रयोग किया गया है: विचार (Thought), अभिव्यक्ति (Expression), विश्वास (Belief), धर्म (Faith), और उपासना (Worship)।
- संदर्भ और विस्तार: ये स्वतंत्रताएँ मौलिक अधिकारों के भाग III में भी अनुच्छेद 19(1)(a) (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता), और अनुच्छेद 25-28 (धर्म की स्वतंत्रता) के तहत विस्तृत रूप से प्रदान की गई हैं। यह भारतीय गणराज्य के नागरिकों को प्राप्त मौलिक गरिमा का प्रतीक है।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्पों में ‘कर्म’, ‘आचरण’, ‘नागरिक’, ‘सामाजिक’ या ‘अभिव्यक्ति’ जैसे शब्द जोड़े गए हैं जो प्रस्तावना के मूल पाठ का हिस्सा नहीं हैं।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार ‘राज्य’ की परिभाषा के अंतर्गत आता है, जैसा कि अनुच्छेद 12 में परिभाषित किया गया है?
- एक विश्वविद्यालय जो सरकार द्वारा पूर्णतः वित्त पोषित है
- भारतीय स्टेट बैंक
- नीति आयोग
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 12 के अनुसार, ‘राज्य’ में भारत की सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और सभी स्थानीय प्राधिकारी या अन्य प्राधिकारी शामिल हैं जो भारत के क्षेत्र के भीतर या सरकार के नियंत्रण के अधीन कार्य करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अदालतों ने इस परिभाषा का व्यापक अर्थ लगाया है। सरकारी वित्त पोषित विश्वविद्यालय, सार्वजनिक उपक्रम (जैसे SBI) और सरकारी नियंत्रण वाले निकाय (जैसे नीति आयोग, हालांकि यह एक संवैधानिक निकाय नहीं है, फिर भी सरकारी नियंत्रण में है) को भी ‘राज्य’ की परिभाषा में शामिल किया जा सकता है यदि वे विधायी, कार्यकारी या अन्य प्राधिकरण का प्रयोग करते हैं।
- गलत विकल्प: सभी दिए गए विकल्प ‘राज्य’ की व्यापक परिभाषा के अंतर्गत आ सकते हैं, इसलिए (d) सही है।
प्रश्न 13: भारतीय संविधान का कौन सा भाग पंचायती राज संस्थानों से संबंधित है?
- भाग III
- भाग IV
- भाग IV-A
- भाग IX
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX विशेष रूप से पंचायती राज से संबंधित है, जिसे 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: भाग IX में अनुच्छेद 243 से 243-O तक शामिल हैं, जो पंचायतों की संरचना, शक्तियों, प्राधिकार और जिम्मेदारियों का वर्णन करते हैं। इस भाग ने पंचायतों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकार, भाग IV राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) और भाग IV-A मूल कर्तव्य से संबंधित हैं।
प्रश्न 14: संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति किसी भी राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता के आधार पर आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति को किसी राज्य में ‘संवैधानिक तंत्र की विफलता’ (Failure of Constitutional Machinery) के आधार पर राज्य आपातकाल (जिसे राष्ट्रपति शासन भी कहते हैं) की घोषणा करने की शक्ति देता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस आपातकाल की घोषणा तब की जाती है जब किसी राज्य सरकार द्वारा संविधान के अनुसार कार्य नहीं किया जा सकता। इसे अक्सर ‘अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग’ भी कहा जाता है। अनुच्छेद 365 भी एक राज्य को राष्ट्रपति के निर्देशों का पालन करने में विफलता के संबंध में आपातकाल घोषित करने का आधार प्रदान करता है, जो अक्सर अनुच्छेद 356 के साथ प्रयोग किया जाता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सी भाषा 21वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1967 द्वारा आठवीं अनुसूची में जोड़ी गई थी?
- सिंधी
- कोंकणी
- मणिपुरी
- नेपाली
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संशोधन संदर्भ: 21वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1967 द्वारा सिंधी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इसके साथ, आठवीं अनुसूची में भाषाओं की संख्या 14 से बढ़कर 15 हो गई थी। बाद में 71वें संशोधन (कोंकणी, मणिपुरी, नेपाली) और 92वें संशोधन (बोडो, डोगरी, मैथिली, संथाली) द्वारा और भाषाएँ जोड़ी गईं।
- गलत विकल्प: कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली 71वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ी गईं।
प्रश्न 16: भारतीय संसद की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक क्या है?
- यह पूर्णतः संप्रभु है।
- यह केवल विधायी शक्ति रखती है, कार्यकारी शक्ति नहीं।
- यह संविधान द्वारा निर्धारित सीमाओं के अधीन कार्य करती है।
- इसमें केवल निचले सदन (लोकसभा) को अधिक शक्तियाँ प्राप्त हैं।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संवैधानिक सिद्धांत: भारतीय संसद, ब्रिटिश संसद की तरह पूर्ण संप्रभु नहीं है। यह एक संप्रभु, लोकतांत्रिक, गणराज्य की विधायी संस्था है, लेकिन इसकी शक्तियाँ और कार्य भारतीय संविधान द्वारा निर्धारित सीमाओं और प्रावधानों के अधीन हैं।
- संदर्भ और विस्तार: संसद के कानून संवैधानिक रूप से मान्य होने चाहिए और उन्हें मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए (केशवानंद भारती मामले का सिद्धांत)। संसद विधायी, कार्यकारी (मंत्रिपरिषद के प्रति जवाबदेही के माध्यम से) और अन्य शक्तियाँ रखती है, लेकिन ये सभी संविधान के ढांचे के भीतर हैं।
- गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि संसद पर संवैधानिक सीमाएं हैं। (b) गलत है क्योंकि संसद की कार्यकारी पर भी नियंत्रण की शक्ति है। (d) गलत है क्योंकि लोकसभा और राज्यसभा दोनों के पास अपनी-अपनी विशिष्ट शक्तियाँ हैं, और दोनों सदनों का महत्व है।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?
- निर्वाचन आयोग (Election Commission of India)
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes)
- नीति आयोग (NITI Aayog)
- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General of India)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संवैधानिक स्थिति: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे संविधान में होता है और जिनके गठन, शक्तियों आदि का प्रावधान संविधान में किया गया है। निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (अनुच्छेद 338) और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (अनुच्छेद 148) सीधे संविधान में उल्लिखित हैं, इसलिए ये संवैधानिक निकाय हैं।
- संदर्भ और विस्तार: नीति आयोग (National Institution for Transforming India) भारत सरकार का एक नीति थिंक-टैंक है, जिसे 1 जनवरी 2015 को योजना आयोग के स्थान पर कार्यकारी आदेश द्वारा स्थापित किया गया था। इसका उल्लेख संविधान में नहीं है, इसलिए यह एक संवैधानिक निकाय नहीं है, बल्कि एक वैधानिक या कार्यकारी निकाय है।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (d) सभी संवैधानिक निकाय हैं।
प्रश्न 18: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत किसी व्यक्ति को दोहरे खतरे (Double Jeopardy) से सुरक्षा प्राप्त है?
- अनुच्छेद 20
- अनुच्छेद 21
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 22
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 20(2) के अनुसार, “किसी भी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए एक से अधिक बार अभियोजित और दंडित नहीं किया जाएगा।” यह ‘दोहरे खतरे’ (Double Jeopardy) के सिद्धांत से सुरक्षा प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह मौलिक अधिकार भारतीय संविधान के भाग III का हिस्सा है। इसका अर्थ है कि एक बार किसी व्यक्ति पर किसी अपराध के लिए मुकदमा चलाया गया हो और उसे सजा या दोषमुक्ति मिली हो, तो उसे उसी अपराध के लिए दोबारा मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा से संबंधित है। अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों के समान संरक्षण से संबंधित है। अनुच्छेद 22 कुछ मामलों में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण से संबंधित है।
प्रश्न 19: वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) की घोषणा कितने समय के लिए प्रभावी रह सकती है, यदि संसद द्वारा उसका अनुमोदन नहीं कराया गया हो?
- एक माह
- दो माह
- छह माह
- अनिश्चित काल तक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 360 के तहत घोषित वित्तीय आपातकाल, यदि उसके प्रवर्तन को जारी रखने की अपेक्षा हो, तो संसद के दोनों सदनों द्वारा उसके जारी होने की तारीख से दो महीने की अवधि के भीतर अनुमोदित होना चाहिए।
- संदर्भ और विस्तार: यदि यह दो महीने की अवधि के भीतर अनुमोदित नहीं होता है, तो यह दो महीने की अवधि समाप्त होने पर अपने आप समाप्त हो जाता है। एक बार अनुमोदित होने के बाद, यह अनिश्चित काल तक जारी रह सकता है, जब तक कि राष्ट्रपति इसे रद्द न कर दें।
- गलत विकल्प: राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) के लिए यह अवधि एक माह होती है, न कि वित्तीय आपातकाल के लिए। इसलिए, (a), (c), और (d) गलत हैं।
प्रश्न 20: भारत में ‘अंतर-राज्य परिषद’ (Inter-State Council) की स्थापना का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 262
- अनुच्छेद 263
- अनुच्छेद 270
- अनुच्छेद 280
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 263 राष्ट्रपति को एक अंतर-राज्य परिषद की स्थापना करने की शक्ति देता है। इसका उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच तथा राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करना है।
- संदर्भ और विस्तार: इस अनुच्छेद के तहत 1990 में प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशों पर अंतर-राज्य परिषद का गठन किया गया था। यह परिषद केंद्र-राज्य संबंधों को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 262 अंतर-राज्यीय नदी जल विवादों से संबंधित है। अनुच्छेद 270 करों के वितरण से संबंधित है। अनुच्छेद 280 वित्त आयोग के गठन से संबंधित है।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?
- विधि के समक्ष समानता (Equality before law)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (Protection of life and personal liberty)
- कानून के अनुसार स्थापित प्रक्रिया (Procedure established by law)
- संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (Cultural and Educational Rights)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग III में वर्णित मौलिक अधिकारों में से, अनुच्छेद 29 (अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण) और अनुच्छेद 30 (शिक्षा संस्थानों की स्थापना और प्रशासन में अल्पसंख्यकों का अधिकार) केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अन्य विकल्प, जैसे कि विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14) और जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21), भारत में रहने वाले सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) भारत में सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हैं।
प्रश्न 22: भारत में, केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission – CVC) किस प्रकार का निकाय है?
- संवैधानिक निकाय
- वैधानिक निकाय
- कार्यकारी निकाय
- अर्ध-न्यायिक निकाय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और CVC संदर्भ: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) एक वैधानिक निकाय है। इसका गठन संसद के एक अधिनियम, केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 के माध्यम से किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: CVC भ्रष्टाचार निवारण के क्षेत्र में एक स्वायत्त संस्था है, जो केंद्र सरकार के अधीन संगठनों में सतर्कता प्रशासन का नेतृत्व करती है। इसे संविधान में कहीं भी उल्लेखित नहीं किया गया है।
- गलत विकल्प: यह संवैधानिक नहीं है क्योंकि इसका उल्लेख संविधान में नहीं है। यह विशुद्ध रूप से कार्यकारी आदेश से भी स्थापित नहीं हुआ है, बल्कि संसद के अधिनियम से। यह एक अर्ध-न्यायिक निकाय की भूमिका निभा सकता है, लेकिन इसकी प्राथमिक प्रकृति वैधानिक है।
प्रश्न 23: राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 का मुख्य उद्देश्य क्या था?
- भारतीय राज्यों का भाषाई आधार पर पुनर्गठन
- केंद्र शासित प्रदेशों का निर्माण
- विधायकों के आरक्षण का प्रावधान
- वित्त आयोग की स्थापना
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अधिनियम संदर्भ: राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956, फजल अली आयोग की रिपोर्ट के आधार पर, भारत के राज्यों का भाषाई आधार पर पुनर्गठन करने के लिए लागू किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने भारत में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सीमाओं को महत्वपूर्ण रूप से बदल दिया, जिससे भारत में भाषाई राज्यों के गठन का मार्ग प्रशस्त हुआ।
- गलत विकल्प: (b), (c) और (d) इस अधिनियम के मुख्य उद्देश्य नहीं थे। केंद्र शासित प्रदेशों का निर्माण अन्य विधियों से भी हुआ है, विधायकों का आरक्षण संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों से है, और वित्त आयोग का गठन अनुच्छेद 280 के तहत होता है।
प्रश्न 24: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ के सिद्धांत से संबंधित है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 39(d)
- अनुच्छेद 41
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 39(d), जो राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है, यह प्रावधान करता है कि राज्य यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगा कि पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान कार्य के लिए समान वेतन मिले।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद सामाजिक न्याय और आर्थिक समानता को बढ़ावा देने के राज्य के दायित्व को दर्शाता है। सर्वोच्च न्यायालय ने कई मामलों में इस सिद्धांत को लागू करने पर जोर दिया है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता से संबंधित है, लेकिन विशेष रूप से ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ की बात नहीं करता। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 41 काम, शिक्षा और कुछ मामलों में सार्वजनिक सहायता का अधिकार प्रदान करता है।
प्रश्न 25: भारत में किस प्रकार की शासन प्रणाली है?
- संसदीय प्रणाली
- अध्यक्षीय प्रणाली
- एकात्मक प्रणाली
- संसदीय और अध्यक्षीय प्रणाली का मिश्रण
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और शासन प्रणाली: भारत में ‘संसदीय प्रणाली’ (Parliamentary System of Government) है। यह प्रणाली ब्रिटेन के मॉडल पर आधारित है।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली में, कार्यपालिका (प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद) विधायिका (संसद) के प्रति उत्तरदायी होती है। राष्ट्रपति राष्ट्राध्यक्ष होते हैं, लेकिन वह नाममात्र के प्रमुख होते हैं, जबकि प्रधानमंत्री सरकार के वास्तविक प्रमुख होते हैं। इसके विपरीत, अध्यक्षीय प्रणाली में, राष्ट्राध्यक्ष (राष्ट्रपति) ही सरकार के प्रमुख होते हैं और विधायिका से स्वतंत्र कार्य करते हैं (जैसे अमेरिका)।
- गलत विकल्प: भारत में अध्यक्षीय प्रणाली नहीं है। यद्यपि इसमें कुछ एकात्मक विशेषताएं हैं, लेकिन मूल रूप से यह संसदीय प्रणाली है, इसलिए (c) और (d) पूर्णतः सही नहीं हैं।