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पृथ्वी की संरचना और प्राकृतिक घटनाओं पर सामान्य विज्ञान के प्रश्न

पृथ्वी की संरचना और प्राकृतिक घटनाओं पर सामान्य विज्ञान के प्रश्न

परिचय: प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए विज्ञान के विभिन्न पहलुओं की गहरी समझ आवश्यक है। यह अभ्यास सत्र आपको पृथ्वी की संरचना, भौतिकी के सिद्धांतों, रासायनिक प्रक्रियाओं और जैविक प्रणालियों से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नों के माध्यम से अपने ज्ञान का परीक्षण करने का अवसर प्रदान करता है। इन प्रश्नों को विशेष रूप से SSC, रेलवे और राज्य PSCs जैसी परीक्षाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, ताकि आप अपनी तैयारी को प्रभावी ढंग से मजबूत कर सकें।


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. भूस्खलन के दौरान पृथ्वी की सतह का मुड़ना, जिसे कभी-कभी “धरती का कर्व होना” कहा जाता है, मुख्य रूप से किस भूवैज्ञानिक प्रक्रिया का परिणाम है?

    • (a) क्षरण (Erosion)
    • (b) वलन (Folding)
    • (c) अपरदन (Weathering)
    • (d) निक्षेपण (Deposition)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): टेक्टोनिक प्लेटों की गति के कारण पृथ्वी की पपड़ी पर लगने वाले दबाव और तनाव से चट्टानों की परतों में वलन (Folding) या भ्रंशन (Faulting) होता है। वलन वह प्रक्रिया है जिसमें चट्टानें मुड़ जाती हैं, जिससे पृथ्वी की सतह का झुकाव या घुमाव हो सकता है।

    व्याख्या (Explanation): जब पृथ्वी की परतें एक-दूसरे से टकराती हैं या दबाव में होती हैं, तो वे मुड़ जाती हैं। यह मुड़ना (वलन) भूस्खलन या भूकंपीय गतिविधियों के दौरान पृथ्वी की सतह को वक्रित या झुका हुआ दिखा सकता है। क्षरण और अपरदन सतह को समतल करने वाली प्रक्रियाएं हैं, जबकि निक्षेपण सामग्री जमा करने से संबंधित है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  2. जब पृथ्वी की सतह में अचानक विकृति आती है, तो “चिल्स डाउन स्पाइन” जैसी भावना का अनुभव होना, मुख्य रूप से किस प्रकार की ऊर्जा के अचानक मुक्त होने से जुड़ा है?

    • (a) गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा (Gravitational Energy)
    • (b) प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा (Elastic Potential Energy)
    • (c) तापीय ऊर्जा (Thermal Energy)
    • (d) रासायनिक ऊर्जा (Chemical Energy)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): भूकंप तब आते हैं जब पृथ्वी की पपड़ी के नीचे की चट्टानें अपनी प्रत्यास्थ सीमा से अधिक खिंच जाती हैं और अचानक टूट जाती हैं, जिससे संचित प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा तरंगों के रूप में मुक्त होती है।

    व्याख्या (Explanation): टेक्टोनिक प्लेटों की धीमी गति के कारण चट्टानों में तनाव बढ़ता है और वे प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा जमा करती हैं। जब यह तनाव चट्टानों की मजबूती से अधिक हो जाता है, तो वे अचानक टूट जाती हैं (भ्रंशन) और यह संचित ऊर्जा भूकंपीय तरंगों के रूप में निकलती है, जिससे कंपन और “चिल्स” जैसी अनुभूति होती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. पृथ्वी की पपड़ी (Crust) में मुख्य रूप से पाए जाने वाले तत्व कौन से हैं, जो भूस्खलन जैसी घटनाओं में अप्रत्यक्ष रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं?

    • (a) ऑक्सीजन और एल्यूमीनियम
    • (b) सिलिकॉन और लोहा
    • (c) ऑक्सीजन और सिलिकॉन
    • (d) एल्यूमीनियम और लोहा

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी की पपड़ी का लगभग 70% भार ऑक्सीजन (लगभग 46.6%) और सिलिकॉन (लगभग 27.7%) से बना है। ये सिलिकेट खनिजों के रूप में मौजूद होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी की सबसे बाहरी परत, पपड़ी, मुख्य रूप से सिलिकेट चट्टानों से बनी है, जिनमें ऑक्सीजन और सिलिकॉन की प्रचुरता होती है। हालांकि सीधे तौर पर भूस्खलन का कारण नहीं, इन तत्वों से बनी चट्टानों की संरचना और घनत्व भूस्खलन के प्रति उनकी संवेदनशीलता को प्रभावित कर सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  4. पृथ्वी के आंतरिक भाग की संरचना में, वह परत कौन सी है जहाँ संवहन धाराएँ (Convection Currents) उत्पन्न होती हैं, जो टेक्टोनिक प्लेटों की गति का कारण बनती हैं?

    • (a) क्रस्ट (Crust)
    • (b) मैंटल (Mantle)
    • (c) बाहरी कोर (Outer Core)
    • (d) आंतरिक कोर (Inner Core)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी का मैंटल, विशेष रूप से ऊपरी मैंटल का हिस्सा जिसे एस्थेनोस्फीयर (Asthenosphere) कहते हैं, अर्ध-पिघली हुई अवस्था में होता है। यहाँ कोर से आने वाली गर्मी के कारण संवहन धाराएँ उत्पन्न होती हैं।

    व्याख्या (Explanation): मैंटल में मौजूद गर्म, सघन पदार्थ ऊपर उठता है, ठंडा होकर नीचे जाता है, जिससे संवहन धाराएँ बनती हैं। ये धाराएँ पृथ्वी की क्रस्ट पर स्थित टेक्टोनिक प्लेटों को धक्का देती हैं या खींचती हैं, जिससे प्लेटों की गति और भूस्खलन जैसी घटनाएं होती हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  5. भूकंपीय तरंगों (Seismic Waves) में से कौन सी तरंगें पृथ्वी की सतह पर सबसे पहले पहुँचती हैं और सबसे अधिक विनाशकारी होती हैं?

    • (a) प्राथमिक तरंगें (P-waves)
    • (b) द्वितीयक तरंगें (S-waves)
    • (c) सतही तरंगें (Surface waves)
    • (d) लव तरंगें (Love waves)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): भूकंपीय तरंगों में प्राथमिक (P) और द्वितीयक (S) तरंगें पृथ्वी के अंदर से यात्रा करती हैं, जबकि सतही तरंगें (Surface waves), जैसे लव (Love) और रेले (Rayleigh) तरंगें, पृथ्वी की सतह पर चलती हैं। सतही तरंगें धीमी गति से चलती हैं लेकिन अधिक आयाम (amplitude) होने के कारण अधिक विनाशकारी होती हैं।

    व्याख्या (Explanation): P-waves और S-waves पहले पहुँचती हैं, लेकिन सतही तरंगें, जो भूकंप के केंद्र (epicenter) के पास उत्पन्न होती हैं और पृथ्वी की सतह के साथ यात्रा करती हैं, सबसे अधिक ऊर्जा ले जाती हैं और सबसे बड़ा कंपन पैदा करती हैं, जिससे सबसे अधिक क्षति होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  6. जब पृथ्वी की सतह मुड़ती है, तो यह किस प्रकार के बल (Force) के अधीन होती है?

    • (a) तनाव (Tension)
    • (b) संपीड़न (Compression)
    • (c) अपरूपण (Shear)
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी की पपड़ी पर लगने वाले विवर्तनिक बल (Tectonic forces) विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं। संपीड़न बल चट्टानों को एक साथ धकेलते हैं, जिससे वे मुड़ जाती हैं (वलन) या टूट जाती हैं (थ्रस्ट फॉल्ट)। तनाव बल चट्टानों को खींचते हैं, जिससे वे पतली होती हैं या टूट जाती हैं (नॉर्मल फॉल्ट)। अपरूपण बल चट्टानों को अगल-बगल खिसकाते हैं (स्ट्राइक-स्लिप फॉल्ट)।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी की सतह के मुड़ने (वलन) में मुख्य रूप से संपीड़न बल शामिल होता है, लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान तनाव और अपरूपण बल भी अप्रत्यक्ष रूप से भूमिका निभा सकते हैं, खासकर जब प्लेटें खिसकती हैं या टेक्टोनिक तनाव बढ़ता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  7. पृथ्वी की सतह का “मुड़ना” (Curving) किस प्रकार के भूवैज्ञानिक संरचनाओं का निर्माण कर सकता है?

    • (a) घाटियाँ (Valleys)
    • (b) रेगिस्तान (Deserts)
    • (c) पहाड़ (Mountains)
    • (d) पठार (Plateaus)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जब टेक्टोनिक प्लेटें टकराती हैं (संपीड़न बल), तो पृथ्वी की पपड़ी पर वलन (Folding) होता है। यह वलन पहाड़ों की श्रृंखलाओं का निर्माण करता है, जैसे हिमालय, जहाँ चट्टानें मुड़कर ऊपर उठ जाती हैं।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी की सतह का मुड़ना, विशेष रूप से जब यह ऊपर की ओर उठता है, तो वलित पर्वतों (Fold Mountains) का निर्माण होता है। घाटियाँ अक्सर कटाव से बनती हैं, रेगिस्तान शुष्क जलवायु के कारण होते हैं, और पठार उठी हुई सपाट भूमि होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण, यदि कोई वस्तु ऊपर से गिरती है, तो वह हमेशा पृथ्वी के केंद्र की ओर क्यों आकर्षित होती है?

    • (a) पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र (Earth’s Magnetic Field)
    • (b) पृथ्वी का द्रव्यमान (Earth’s Mass)
    • (c) पृथ्वी का वायुमंडल (Earth’s Atmosphere)
    • (d) पृथ्वी की घूर्णन गति (Earth’s Rotation Speed)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम (Law of Universal Gravitation) बताता है कि ब्रह्मांड में प्रत्येक वस्तु प्रत्येक अन्य वस्तु को एक बल से आकर्षित करती है जो उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती और उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। पृथ्वी का विशाल द्रव्यमान ही उसे वस्तुओं को अपनी ओर खींचने की क्षमता देता है।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी का द्रव्यमान बहुत अधिक है। न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम के अनुसार, यह द्रव्यमान पृथ्वी की ओर वस्तुओं पर एक बल लगाता है। यह बल ही गुरुत्वाकर्षण बल है, जो वस्तुओं को नीचे की ओर खींचता है। चुंबकीय क्षेत्र, वायुमंडल और घूर्णन गति गुरुत्वाकर्षण के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  9. भूकंप के बाद, कुछ क्षेत्रों में पृथ्वी की सतह के “मुड़ने” या “झुकने” से पानी का स्तर बदल सकता है। यह किस भौतिकी सिद्धांत से संबंधित है?

    • (a) उत्प्लावन (Buoyancy)
    • (b) आर्किमिडीज सिद्धांत (Archimedes’ Principle)
    • (c) पास्कल का नियम (Pascal’s Law)
    • (d) गुरुत्वाकर्षण (Gravity)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी की सतह का मुड़ना, ढलान में बदलाव लाता है। गुरुत्वाकर्षण वह बल है जो पानी को हमेशा निम्नतम संभव स्तर पर बनाए रखने की कोशिश करता है। जब सतह का ढलान बदलता है, तो पानी का स्तर पुनर्व्यवस्थित हो जाता है।

    व्याख्या (Explanation): जब भूस्खलन या भूकंप के कारण पृथ्वी की सतह मुड़ती है, तो जलभृतों (aquifers) और सतह के जल के ढलान में परिवर्तन होता है। गुरुत्वाकर्षण के कारण, पानी हमेशा गुरुत्वाकर्षण की दिशा में (यानी, नीचे की ओर) प्रवाहित होता है और जहाँ संभव हो, समतल सतह बनाने का प्रयास करता है। ढलान में परिवर्तन से जल स्तर में बदलाव आ सकता है। उत्प्लावन, आर्किमिडीज सिद्धांत और पास्कल का नियम सीधे तौर पर सतह के मुड़ने से पानी के स्तर के बदलाव से संबंधित नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  10. पृथ्वी की पपड़ी में पाई जाने वाली चट्टानों में से कौन सी चट्टानें वलन (folding) के कारण सबसे अधिक विकृत हो सकती हैं?

    • (a) आग्नेय चट्टानें (Igneous Rocks)
    • (b) अवसादी चट्टानें (Sedimentary Rocks)
    • (c) कायांतरित चट्टानें (Metamorphic Rocks)
    • (d) सभी चट्टानें समान रूप से

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अवसादी चट्टानें, जो आमतौर पर तलछट के जमाव से बनती हैं, अक्सर परतदार होती हैं। यह परतदार प्रकृति उन्हें संपीड़न बलों के तहत वलित होने के लिए अधिक प्रवण बनाती है। कायांतरित चट्टानें पहले से ही उच्च दाब और ताप से गुजरी होती हैं, और आग्नेय चट्टानें पिघले हुए पदार्थ के जमने से बनती हैं, जो आम तौर पर वलन के प्रति कम संवेदनशील होती हैं।

    व्याख्या (Explanation): अवसादी चट्टानों की परतों के बीच कमजोर बंधन होते हैं, जो उन्हें मुड़ने और लहरदार संरचनाएं बनाने में मदद करते हैं। कायांतरित चट्टानें अधिक कठोर हो सकती हैं, और आग्नेय चट्टानें आम तौर पर अधिक भंगुर होती हैं। इसलिए, वलन प्रक्रिया अवसादी चट्टानों में सबसे अधिक स्पष्ट रूप से देखी जाती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  11. यदि पृथ्वी की सतह अचानक मुड़ जाती है, तो इससे उत्पन्न भूकंपाने (seismic waves) की गति पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

    • (a) गति बढ़ जाएगी
    • (b) गति कम हो जाएगी
    • (c) गति अपरिवर्तित रहेगी
    • (d) गति दिशा पर निर्भर करेगी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): भूकंपीय तरंगों की गति मुख्य रूप से उस माध्यम के घनत्व (density) और लोच (elasticity) पर निर्भर करती है जिससे वे गुजरती हैं। पृथ्वी की सतह का मुड़ना या विकृत होना माध्यम की लोच और घनत्व को स्थानीय रूप से बदल सकता है, जिससे तरंगों की गति प्रभावित होती है।

    व्याख्या (Explanation): सतह का मुड़ना या विकृत होना माध्यम की संरचना (जैसे चट्टानों का संपीड़न या खिंचाव) को बदलता है, जो तरंगों के प्रसार को प्रभावित करता है। हालांकि, सीधे तौर पर “गति बढ़ जाएगी” या “कम हो जाएगी” कहना सामान्यीकरण होगा। गति माध्यम की विशिष्ट लोचदार गुणों पर निर्भर करती है, जो मुड़ने से अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न हो सकते हैं। यह कहना अधिक सटीक है कि गति दिशा और स्थानीय माध्यम पर निर्भर करेगी।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  12. पृथ्वी की सतह के “मुड़ने” की घटना, जैसे कि भूकंप के दौरान, वायुमंडलीय दबाव में क्या परिवर्तन ला सकती है?

    • (a) दबाव बढ़ेगा
    • (b) दबाव घटेगा
    • (c) दबाव अप्रभावित रहेगा
    • (d) दबाव स्थानीय कारणों पर निर्भर करेगा

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): वायुमंडलीय दबाव मुख्य रूप से हवा के घनत्व और स्तंभ के वजन से निर्धारित होता है। पृथ्वी की सतह का मुड़ना सीधे तौर पर बड़े पैमाने पर वायुमंडलीय दबाव को महत्वपूर्ण रूप से नहीं बदलता है, लेकिन यह स्थानीय वायु परिसंचरण पैटर्न को प्रभावित कर सकता है।

    व्याख्या (Explanation): हालांकि सतह का मुड़ना या उत्थान स्थानीय स्थलाकृति को बदल सकता है, जिससे हवा के प्रवाह में मामूली परिवर्तन हो सकते हैं और परिणामस्वरूप स्थानीय दबाव भिन्नता हो सकती है, यह सीधे तौर पर एक बड़े वायुमंडलीय दबाव परिवर्तन का कारण नहीं बनता है। भूस्खलन या भूकंप का प्राथमिक प्रभाव पृथ्वी की सतह पर होता है, न कि वायुमंडल के दाब पर।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  13. पृथ्वी की पपड़ी में जल की उपस्थिति, विशेष रूप से भूमिगत जल, भूस्खलन की घटनाओं को कैसे प्रभावित कर सकती है?

    • (a) चट्टानों को अधिक मजबूत बनाता है
    • (b) चट्टानों की स्थिरता को कम कर सकता है
    • (c) कोई प्रभाव नहीं डालता
    • (d) केवल गुरुत्वाकर्षण को बढ़ाता है

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): भूमिगत जल चट्टानों के कणों के बीच मौजूद होता है। यह जल चट्टानों की सान्द्रता (cohesion) को कम कर सकता है और चट्टानों के वजन को बढ़ा सकता है, जिससे ढलान अस्थिर हो जाते हैं और भूस्खलन की संभावना बढ़ जाती है।

    व्याख्या (Explanation): पानी एक स्नेहक (lubricant) के रूप में कार्य करता है और चट्टानों की परतों के बीच घर्षण को कम करता है। यह मिट्टी और चट्टानों को संतृप्त करके उनका वजन भी बढ़ाता है, जिससे गुरुत्वाकर्षण के प्रति उनकी स्थिरता कम हो जाती है। इस प्रकार, जल भूस्खलन को बढ़ावा दे सकता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  14. वैज्ञानिकों द्वारा पृथ्वी की आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के लिए मुख्य रूप से किस विधि का उपयोग किया जाता है?

    • (a) प्रत्यक्ष नमूनाकरण (Direct Sampling)
    • (b) दूरसंवेदन (Remote Sensing)
    • (c) भूकंपीय तरंगों का विश्लेषण (Analysis of Seismic Waves)
    • (d) रासायनिक विश्लेषण (Chemical Analysis)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): भूकंपीय तरंगें (P-waves और S-waves) पृथ्वी के अंदर से यात्रा करते समय अलग-अलग माध्यमों से अलग-अलग गति से गुजरती हैं और मुड़ती (refract) या परावर्तित (reflect) होती हैं। इन तरंगों के व्यवहार का अध्ययन करके, वैज्ञानिक पृथ्वी के विभिन्न परतों के घनत्व, तापमान और संरचना का अनुमान लगा सकते हैं।

    व्याख्या (Explanation): सीधे पृथ्वी की गहराई तक पहुंचना संभव नहीं है। दूरसंवेदन मुख्य रूप से पृथ्वी की सतह का अध्ययन करता है। हालांकि रासायनिक विश्लेषण सामग्री के बारे में बताता है, भूकंपीय तरंगों का विश्लेषण हमें पृथ्वी की आंतरिक परतों की संरचना और गतिशीलता के बारे में जानकारी देता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  15. जब पृथ्वी की पपड़ी “मुड़ती” है, तो उस क्षेत्र में तनाव (stress) के प्रकार को क्या कहा जाता है?

    • (a) तन्य तनाव (Tensile Stress)
    • (b) संपीड़ित तनाव (Compressive Stress)
    • (c) अपरूपक तनाव (Shear Stress)
    • (d) उपरोक्त कोई नहीं

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जब चट्टानों को एक-दूसरे की ओर धकेला जाता है, तो उनमें संपीड़ित तनाव उत्पन्न होता है। यही तनाव वलन (folding) या संपीड़न फ्रैक्चर का कारण बनता है, जिससे पृथ्वी की सतह मुड़ जाती है।

    व्याख्या (Explanation): सतह का मुड़ना, विशेष रूप से पहाड़ों के निर्माण के संदर्भ में, टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव से उत्पन्न संपीड़न बलों का परिणाम है। तन्य तनाव खिंचाव पैदा करता है, और अपरूपक तनाव खिसकाव पैदा करता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  16. भूवैज्ञानिक रूप से, “पृथ्वी का मुड़ना” (Curving of Earth) शब्द का प्रयोग किस प्रकार के स्थलाकृतियों (Landforms) के निर्माण के संदर्भ में किया जा सकता है?

    • (a) घाटी (Valleys)
    • (b) डेल्टा (Deltas)
    • (c) सिंकलाइन और एंटीक्लाइन (Synclines and Anticlines)
    • (d) समतल मैदान ( Plains)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जब चट्टानों की परतें संपीड़न बल के तहत मुड़ती हैं, तो वे ऊपर की ओर उठे हुए एंटीक्लाइन (Anticlines) और नीचे की ओर दबे हुए सिंकलाइन (Synclines) का निर्माण करती हैं। ये भूवैज्ञानिक संरचनाएं पृथ्वी की सतह के मुड़ने को दर्शाती हैं।

    व्याख्या (Explanation): घाटियाँ कटाव से बनती हैं, डेल्टा नदियाँ तलछट जमा करती हैं, और समतल मैदान मुख्य रूप से तलछट जमाव या समतलन से बनते हैं। सिंकलाइन और एंटीक्लाइन सीधे तौर पर चट्टानों के मुड़ने की प्रक्रिया से जुड़े हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  17. जब पृथ्वी की सतह मुड़ती है, तो इस प्रक्रिया में चट्टानों का घनत्व (Density) कैसे प्रभावित हो सकता है?

    • (a) घनत्व हमेशा बढ़ेगा
    • (b) घनत्व हमेशा घटेगा
    • (c) घनत्व स्थानीय रूप से बढ़ या घट सकता है
    • (d) घनत्व अप्रभावित रहेगा

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): वलन (Folding) के दौरान, चट्टानें संपीड़न के तहत कसकर दब सकती हैं, जिससे घनत्व बढ़ सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में, मुड़ने के साथ-साथ फ्रैक्चर (fractures) या दरारें भी हो सकती हैं, जिससे स्थानीय रूप से घनत्व कम हो सकता है।

    व्याख्या (Explanation): संपीड़न से चट्टानें आपस में अधिक कसकर दबती हैं, जिससे प्रति इकाई आयतन में द्रव्यमान बढ़ जाता है और घनत्व बढ़ जाता है। हालांकि, यदि मुड़ने के कारण फ्रैक्चर होते हैं, तो उनमें हवा या पानी भर सकता है, जिससे स्थानीय घनत्व कम हो सकता है। इसलिए, यह प्रभाव स्थानीय परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  18. भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए किस पैमाने (Scale) का उपयोग किया जाता है, जो भूस्खलन की क्षमता को भी इंगित करता है?

    • (a) सेल्सियस पैमाना (Celsius Scale)
    • (b) रिक्टर पैमाना (Richter Scale)
    • (c) डेसिबल पैमाना (Decibel Scale)
    • (d) फैरेनहाइट पैमाना (Fahrenheit Scale)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रिक्टर पैमाना (और अधिक आधुनिक मोमेंट मैग्नीट्यूड स्केल) भूकंप की ऊर्जा की मात्रा को मापता है। उच्च तीव्रता के भूकंपों से अधिक शक्तिशाली भूकंपाने उत्पन्न होती हैं, जो भूस्खलन जैसी द्वितीयक आपदाओं को ट्रिगर करने की अधिक संभावना रखते हैं।

    व्याख्या (Explanation): सेल्सियस और फैरेनहाइट तापमान मापने के पैमाने हैं, जबकि डेसिबल ध्वनि की तीव्रता मापने का पैमाना है। रिक्टर पैमाना भूकंप की परिमाण (magnitude) को मापता है, जो सीधे तौर पर भूकंप के कारण होने वाले कंपन की शक्ति से संबंधित है और इसलिए भूस्खलन को ट्रिगर करने की क्षमता से भी संबंधित है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  19. पृथ्वी की पपड़ी में पाई जाने वाली सिलिकॉन (Si) और ऑक्सीजन (O) के संयोजन से बने सबसे आम खनिज समूह को क्या कहा जाता है?

    • (a) कार्बोनेट (Carbonates)
    • (b) सल्फेट (Sulfates)
    • (c) सिलिकेट (Silicates)
    • (d) ऑक्साइड (Oxides)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सिलिकेट खनिज पृथ्वी की पपड़ी का लगभग 90% बनाते हैं। ये खनिज सिलिकॉन-ऑक्सीजन चतुष्फलक (silicon-oxygen tetrahedra) की संरचना पर आधारित होते हैं, जो विभिन्न तरीकों से जुड़कर विभिन्न सिलिकेट खनिजों का निर्माण करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): कार्बोनेट में कार्बोनेट आयन (CO3^2-), सल्फेट में सल्फेट आयन (SO4^2-), और ऑक्साइड में ऑक्सीजन आयन (O^2-) धातु आयनों से जुड़े होते हैं। सिलिकेट खनिजों में सिलिकॉन और ऑक्सीजन की विशिष्ट संरचना होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  20. भूकंप के दौरान पृथ्वी की सतह का “मुड़ना” या “झुकना” भूजल (Groundwater) की गुणवत्ता को कैसे प्रभावित कर सकता है?

    • (a) जल को अधिक शुद्ध बना सकता है
    • (b) भूमिगत खनिजों को घोलकर जल को दूषित कर सकता है
    • (c) जल की गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा
    • (d) जल के pH को हमेशा बढ़ाएगा

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): भूकंप के कारण चट्टानों में दरारें पड़ने से या मौजूदा दरारों के खुलने से भूमिगत जल, जो पहले से अघुलनशील या कम घुलनशील चट्टानों के संपर्क में था, अधिक घुलनशील खनिजों या प्रदूषकों के संपर्क में आ सकता है। इसके अतिरिक्त, सतह से मलबा या सीवेज भूमिगत जल स्रोतों में रिस सकता है।

    व्याख्या (Explanation): जब पृथ्वी की सतह मुड़ती है या विकृत होती है, तो इससे भूगर्भीय संरचनाएं बदल सकती हैं। ये परिवर्तन भूजल के प्रवाह पथ को बदल सकते हैं और इसे उन खनिजों या पदार्थों के संपर्क में ला सकते हैं जो पहले दुर्गम थे। इससे भूजल की गुणवत्ता में गिरावट आ सकती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. पृथ्वी की “मुड़ने” या “झुकने” की घटना, जो अक्सर भूकंप से जुड़ी होती है, गुरुत्वाकर्षण त्वरण (g) को स्थानीय रूप से कैसे प्रभावित कर सकती है?

    • (a) यह बढ़ जाएगा
    • (b) यह घट जाएगा
    • (c) यह स्थानीय रूप से बदल सकता है
    • (d) इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): गुरुत्वाकर्षण त्वरण (g) पृथ्वी के द्रव्यमान और पृथ्वी के केंद्र से दूरी पर निर्भर करता है। पृथ्वी की सतह का मुड़ना या उत्थान (uplift) स्थानीय भूभाग की ऊँचाई और घनत्व वितरण को बदल सकता है, जिससे गुरुत्वाकर्षण त्वरण में मामूली स्थानीय परिवर्तन हो सकते हैं।

    व्याख्या (Explanation): जब पृथ्वी की सतह मुड़ती है, तो ऊँचाई में परिवर्तन होता है। गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के केंद्र से दूरी के साथ घटता है, इसलिए ऊँचे स्थानों पर गुरुत्वाकर्षण थोड़ा कम होता है। साथ ही, मुड़ने से घनत्व वितरण में परिवर्तन भी हो सकता है, जो गुरुत्वाकर्षण को प्रभावित कर सकता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  22. पृथ्वी की पपड़ी में मौजूद अधिकांश लोहा (Iron) किस रूप में पाया जाता है?

    • (a) शुद्ध धातु (Pure Metal)
    • (b) यौगिकों के रूप में (As Compounds)
    • (c) तरल अवस्था में (In Liquid State)
    • (d) गैसीय अवस्था में (In Gaseous State)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी की पपड़ी में लोहा मुख्य रूप से फेरस ऑक्साइड (जैसे हेमेटाइट – Fe2O3, मैग्नेटाइट – Fe3O4) और अन्य खनिजों जैसे पाइराइट (FeS2) के रूप में पाया जाता है। शुद्ध लोहा अत्यंत दुर्लभ है।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी के कोर में लोहा मुख्य रूप से शुद्ध धातु के रूप में पाया जाता है, लेकिन पपड़ी में यह ऑक्सीजन, सल्फर और सिलिकॉन जैसे अन्य तत्वों के साथ मिलकर यौगिकों के रूप में होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  23. जब पृथ्वी की सतह मुड़ती है, तो उस क्षेत्र में मौजूद वनस्पति (Vegetation) पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?

    • (a) वनस्पति का विकास रुक जाएगा
    • (b) जल निकासी पैटर्न में बदलाव से वनस्पति प्रभावित होगी
    • (c) वनस्पति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा
    • (d) वनस्पति का घनत्व बढ़ेगा

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी की सतह के मुड़ने से स्थलाकृति बदल जाती है, जिससे जल निकासी पैटर्न (drainage patterns) में बदलाव आता है। इससे कुछ क्षेत्रों में जलभराव हो सकता है, जबकि अन्य क्षेत्रों में सूखापन बढ़ सकता है, जो सीधे तौर पर वनस्पति के अस्तित्व और विकास को प्रभावित करता है।

    व्याख्या (Explanation): ढलान और जल की उपलब्धता में परिवर्तन से उन प्रजातियों का चयन होता है जो नई परिस्थितियों के अनुकूल होती हैं। जल निकासी में बदलाव के कारण मिट्टी की नमी में परिवर्तन होता है, जो सीधे तौर पर पौधों के जीवन को प्रभावित करता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  24. पृथ्वी की आंतरिक कोर (Inner Core) मुख्य रूप से किस तत्व से बनी है, जिसका पिघला हुआ बाहरी कोर (Outer Core) पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के लिए जिम्मेदार है?

    • (a) सिलिकॉन (Silicon)
    • (b) एल्यूमीनियम (Aluminum)
    • (c) लोहा (Iron)
    • (d) निकेल (Nickel)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): भूभौतिकी के अनुसार, पृथ्वी की आंतरिक कोर मुख्य रूप से ठोस लोहे (लगभग 85%) और निकेल (लगभग 10%) से बनी है, जबकि बाहरी कोर तरल लोहे और निकेल का मिश्रण है। बाहरी कोर में लोहे की गति ही डायनामो प्रभाव (dynamo effect) उत्पन्न करती है, जिससे पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र बनता है।

    व्याख्या (Explanation): हालांकि निकेल भी कोर का एक महत्वपूर्ण घटक है, लोहे की प्रधानता ही बाहरी कोर में विद्युत प्रवाह उत्पन्न करने और परिणामी चुंबकीय क्षेत्र बनाने के लिए आवश्यक है। सिलिकॉन और एल्यूमीनियम मुख्य रूप से पपड़ी और मैंटल में पाए जाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

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