दिल्ली-NCR में भूकंप: क्या ये बढ़ते खतरे की चेतावनी है? UPSC तैयारी के लिए संपूर्ण मार्गदर्शिका
चर्चा में क्यों? (Why in News?): हाल ही में दिल्ली-NCR में 4.4 तीव्रता का भूकंप आया जिसके झटके लगभग 10 सेकंड तक महसूस किए गए। हरियाणा के झज्जर को इसका केंद्र माना गया। यह पिछले 6 महीनों में इस क्षेत्र में आया तीसरा भूकंप है, जिससे भूकंपीय गतिविधि में वृद्धि की चिंताएँ बढ़ गई हैं और UPSC परीक्षा में इस विषय की प्रासंगिकता को रेखांकित करता है।
यह घटना भारत में भूकंपीय जोखिम के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाती है। दिल्ली-NCR एक घनी आबादी वाला क्षेत्र है, जिसमें कई महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे हैं, जो भूकंप से प्रभावित हो सकते हैं। इस घटना से, हमें भूकंप प्रतिरोधी बुनियादी ढाँचे, आपदा प्रबंधन योजनाओं और जन जागरूकता की आवश्यकता पर विचार करना होगा।
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भूकंप: कारण और प्रभाव
भूकंप पृथ्वी की प्लेटों की गति के कारण आते हैं। जब ये प्लेटें टकराती हैं या एक दूसरे के खिलाफ खिसकती हैं, तो ऊर्जा निकलती है जो भूकंप के रूप में प्रकट होती है। भूकंप की तीव्रता रिचर स्केल पर मापी जाती है, जो भूकंप की ऊर्जा को मापता है।
- भूकंप के कारण: टेक्टोनिक प्लेटों की गति, ज्वालामुखी गतिविधि, मानवीय गतिविधियाँ (जैसे, बांधों का निर्माण, भूगर्भीय गैसों का निष्कर्षण)।
- भूकंप के प्रभाव: भौतिक नुकसान (इमारतों का ढहना, बुनियादी ढाँचे का क्षतिग्रस्त होना), मानवीय क्षति (मृत्यु, चोटें), आर्थिक नुकसान (उत्पादन में गिरावट, पुनर्निर्माण लागत), सामाजिक अशांति।
दिल्ली-NCR का भूकंपीय जोखिम
दिल्ली-NCR भूकंप के खतरे के लिहाज से ज़ोन IV में आता है, जिसका मतलब है कि यह उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में है। इस क्षेत्र में कई भूगर्भीय दोष हैं जो भूकंप उत्पन्न कर सकते हैं। इस क्षेत्र में उच्च जनसंख्या घनत्व और कम गुणवत्ता वाले निर्माण भूकंप के दौरान नुकसान को बढ़ा सकते हैं।
“दिल्ली-NCR में भूकंप की घटनाएं हमें भूकंप-प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे और आपदा प्रबंधन योजनाओं के महत्व की याद दिलाती हैं।”
भारत में भूकंप प्रतिरोधी निर्माण
भारत में भूकंप-प्रतिरोधी निर्माण का अभ्यास बेहतर बनाना आवश्यक है। इसमें इमारतों के डिजाइन में सुधार, बेहतर निर्माण सामग्री और सख्त निर्माण मानकों का पालन शामिल है। सरकार को भूकंप-प्रतिरोधी निर्माण को बढ़ावा देने के लिए नीतियां और कार्यक्रम लागू करने चाहिए।
आपदा प्रबंधन और जन जागरूकता
किसी भी आपदा के लिए प्रभावी आपदा प्रबंधन योजनाओं का होना ज़रूरी है। इसमें आपातकालीन प्रतिक्रिया योजनाएँ, बचाव और राहत कार्य शामिल हैं। जन जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को भूकंपों के बारे में शिक्षित करना और आपात स्थिति के दौरान कैसे प्रतिक्रिया करनी है, इस बारे में प्रशिक्षण देना भी महत्वपूर्ण है।
भविष्य की राह
भूकंपों का पूर्वानुमान लगाना अभी भी एक चुनौती है, लेकिन हम भूकंप के प्रभावों को कम करने के लिए कदम उठा सकते हैं। इसमें भूकंप-प्रतिरोधी बुनियादी ढाँचे का निर्माण, प्रभावी आपदा प्रबंधन योजनाओं का विकास और जन जागरूकता अभियानों का संचालन शामिल है। शोध और विकास में निवेश भविष्य के भूकंपों के खतरे का आकलन करने में मदद कर सकता है।
UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs
1. **कथन 1:** दिल्ली-NCR भूकंप के जोखिम वाले ज़ोन IV में आता है।
**कथन 2:** उच्च जनसंख्या घनत्व और कम गुणवत्ता वाले निर्माण भूकंप के नुकसान को बढ़ा सकते हैं।
a) केवल कथन 1 सही है।
b) केवल कथन 2 सही है।
c) दोनों कथन सही हैं।
d) दोनों कथन गलत हैं।
**(उत्तर: c)**
2. रिचर स्केल किसका माप करता है?
a) भूकंप की तीव्रता
b) भूकंप की आवृत्ति
c) भूकंप की अवधि
d) भूकंप का केंद्र
**(उत्तर: a)**
3. निम्नलिखित में से कौन सा भूकंप का एक कारण नहीं है?
a) टेक्टोनिक प्लेटों की गति
b) ज्वालामुखी गतिविधि
c) मौसम परिवर्तन
d) मानवीय गतिविधियाँ
**(उत्तर: c)**
4. भूकंप के प्रभाव में शामिल नहीं है:
a) भौतिक नुकसान
b) मानवीय क्षति
c) आर्थिक लाभ
d) सामाजिक अशांति
**(उत्तर: c)**
5. भारत में भूकंप-प्रतिरोधी निर्माण के लिए क्या आवश्यक है?
a) बेहतर डिजाइन और निर्माण सामग्री
b) सख्त निर्माण मानक
c) सरकार की नीतियां और कार्यक्रम
d) उपरोक्त सभी
**(उत्तर: d)**
6. ज़ोन IV किसका संकेत देता है?
a) भूकंप के प्रति कम जोखिम
b) भूकंप के प्रति उच्च जोखिम
c) मध्यम भूकंप का जोखिम
d) कोई जोखिम नहीं
**(उत्तर: b)**
7. आपदा प्रबंधन योजनाओं में क्या शामिल है?
a) आपातकालीन प्रतिक्रिया योजनाएँ
b) बचाव और राहत कार्य
c) जन जागरूकता कार्यक्रम
d) उपरोक्त सभी
**(उत्तर: d)**
8. भूकंप का पूर्वानुमान लगाना वर्तमान में क्या है?
a) सटीक
b) असटीक
c) संभव नहीं
d) अधूरा
**(उत्तर: b)**
9. दिल्ली-NCR में हालिया भूकंप की घटनाओं से किसकी आवश्यकता पर ज़ोर पड़ता है?
a) भूकंप प्रतिरोधी बुनियादी ढाँचे
b) प्रभावी आपदा प्रबंधन
c) जन जागरूकता
d) उपरोक्त सभी
**(उत्तर: d)**
10. रिचर स्केल किस प्रकार का पैमाना है?
a) रैखिक
b) लघुगणकीय
c) घातांकीय
d) रेखीय
**(उत्तर: b)**
मुख्य परीक्षा (Mains)
1. दिल्ली-NCR क्षेत्र में हाल ही में आए भूकंपों के संदर्भ में भारत के भूकंपीय जोखिम और आपदा प्रबंधन के लिए अपनी चुनौतियों और उपायों पर चर्चा करें।
2. भारत में भूकंप-प्रतिरोधी निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा सकने वाले कदमों का विश्लेषण करें। अपने उत्तर में विभिन्न हितधारकों की भूमिकाओं पर भी प्रकाश डालें।
3. जन जागरूकता और आपदा तैयारी के महत्व पर चर्चा करें, विशेष रूप से भूकंप-प्रभावित क्षेत्रों में।