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दिल्ली-NCR की भीषण बाढ़ और रुद्रप्रयाग की त्रासदी: क्या जलवायु परिवर्तन का कहर? UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए संपूर्ण मार्गदर्शिका

दिल्ली-NCR की भीषण बाढ़ और रुद्रप्रयाग की त्रासदी: क्या जलवायु परिवर्तन का कहर? UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए संपूर्ण मार्गदर्शिका

चर्चा में क्यों? (Why in News?): हाल ही में दिल्ली-NCR में हुई भीषण बारिश और बाढ़, और उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में पहाड़ टूटने की घटना ने देश भर में चिंता और आश्चर्य पैदा किया है। यह घटनाक्रम जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और आपदा प्रबंधन की चुनौतियों पर प्रकाश डालती है, जो UPSC परीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है।

दिल्ली-NCR में बाढ़: कारण और प्रभाव

दिल्ली-NCR में हुई भीषण बारिश ने शहर की जीवनरेखा को अस्त-व्यस्त कर दिया। गाड़ियाँ पानी में डूब गईं, घरों में पानी घुस गया और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। इस आपदा के कई कारण हैं:

  • अत्यधिक वर्षा: मानसून की अप्रत्याशित तीव्रता और अत्यधिक वर्षा प्रमुख कारणों में से एक है।
  • नाली-निकासी प्रणाली की कमजोरी: दिल्ली की नाली-निकासी प्रणाली पुरानी और अपर्याप्त है, जिससे पानी जल्दी निकल नहीं पाता।
  • अतिक्रमण: नालों और जल निकास मार्गों पर अतिक्रमण ने जल निकासी की समस्या को और बढ़ा दिया है।
  • शहरीकरण: बेतरतीब शहरीकरण ने जल संचय की क्षमता को कम कर दिया है।
  • जलवायु परिवर्तन: वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक वर्षा की घटनाएँ बढ़ रही हैं।

इस बाढ़ के व्यापक प्रभाव पड़े हैं:

  • जान-माल का नुकसान: हजारों लोगों को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा, और कई लोगों की जान गई।
  • आर्थिक नुकसान: व्यापार और उद्योग प्रभावित हुए, जिससे आर्थिक नुकसान हुआ।
  • सामाजिक व्यवधान: जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ, और कई आवश्यक सेवाएँ प्रभावित हुईं।

रुद्रप्रयाग में पहाड़ टूटना: भू-स्खलन का खतरा

रुद्रप्रयाग में पहाड़ टूटने की घटना ने चारधाम यात्रा को रोक दिया और कई लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया। यह घटना भू-स्खलन के खतरे को दर्शाती है, जो हिमालयी क्षेत्र में एक बड़ी समस्या है। इसके कारणों में शामिल हैं:

  • भारी वर्षा: अत्यधिक वर्षा से मिट्टी ढीली हो जाती है और भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है।
  • अवैध निर्माण: पहाड़ी ढलानों पर अवैध निर्माण से भू-स्खलन का खतरा बढ़ता है।
  • वन कटाई: वन कटाई से मिट्टी का कटाव बढ़ता है और भू-स्खलन की संभावना बढ़ जाती है।
  • जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन से हिमालय क्षेत्र में ग्लेशियरों का पिघलना बढ़ रहा है, जिससे भू-स्खलन का खतरा बढ़ता है।

इस घटना के प्रभाव हैं:

  • जान-माल का नुकसान: कई लोगों की जान गई और संपत्ति का नुकसान हुआ।
  • चारधाम यात्रा में व्यवधान: चारधाम यात्रा प्रभावित हुई, जिससे तीर्थयात्रियों को परेशानी हुई।
  • पर्यटन पर प्रभाव: इस घटना से क्षेत्र के पर्यटन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

आपदा प्रबंधन: चुनौतियाँ और सुधार

इन घटनाओं ने देश के आपदा प्रबंधन तंत्र की कमियों को उजागर किया है। कुछ प्रमुख चुनौतियाँ हैं:

  • पूर्वानुमान और चेतावनी प्रणाली की कमी: सटीक और समय पर पूर्वानुमान और चेतावनी प्रणाली की कमी से जनहानि और आर्थिक नुकसान बढ़ता है।
  • आपातकालीन प्रतिक्रिया में कमी: आपातकालीन परिस्थितियों में प्रभावी प्रतिक्रिया देने में कमी देखी गई है।
  • पुनर्वास और पुनर्निर्माण में चुनौतियाँ: बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों के पुनर्वास और पुनर्निर्माण में कई चुनौतियाँ आती हैं।
  • जलवायु परिवर्तन अनुकूलन की कमी: जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और अनुकूलन के लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता है।

सुधार के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • मजबूत पूर्वानुमान और चेतावनी प्रणाली: आधुनिक तकनीक का उपयोग करके सटीक और समय पर पूर्वानुमान और चेतावनी प्रणाली विकसित करना।
  • नाली-निकासी प्रणाली का सुधार: दिल्ली जैसे शहरों में नाली-निकासी प्रणाली का आधुनिकीकरण और क्षमता बढ़ाना।
  • अतिक्रमण रोकना: नालों और जल निकास मार्गों पर अतिक्रमण रोकना।
  • सतत शहरीकरण: सतत शहरीकरण योजनाएँ बनाना जो जल संचय की क्षमता को बनाए रखें।
  • जलवायु परिवर्तन अनुकूलन: जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए ठोस उपाय करना।
  • जागरूकता अभियान: आपदा प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता बढ़ाना।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

  1. दिल्ली-NCR में हाल ही में हुई बाढ़ का मुख्य कारण क्या था?
    1. अत्यधिक वर्षा
    2. नाली-निकासी प्रणाली की कमजोरी
    3. अतिक्रमण
    4. उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d) उपरोक्त सभी

  2. रुद्रप्रयाग में पहाड़ टूटने की घटना किससे जुड़ी है?
    1. भूकंप
    2. भूस्खलन
    3. ज्वालामुखी विस्फोट
    4. इनमें से कोई नहीं

    उत्तर: (b) भूस्खलन

  3. निम्नलिखित में से कौन सा आपदा प्रबंधन में एक चुनौती नहीं है?
    1. पूर्वानुमान और चेतावनी प्रणाली की कमी
    2. आपातकालीन प्रतिक्रिया में कमी
    3. पुनर्वास और पुनर्निर्माण में आसानी
    4. जलवायु परिवर्तन अनुकूलन की कमी

    उत्तर: (c) पुनर्वास और पुनर्निर्माण में आसानी

  4. जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली घटनाओं में से कौन सी नहीं है?
    1. अत्यधिक वर्षा
    2. भूस्खलन
    3. सूखा
    4. भूकंप

    उत्तर: (d) भूकंप

  5. हिमालयी क्षेत्र में भूस्खलन का एक प्रमुख कारण क्या है?
    1. अत्यधिक वर्षा
    2. अवैध निर्माण
    3. वन कटाई
    4. उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d) उपरोक्त सभी

  6. दिल्ली की नाली-निकासी प्रणाली की समस्या का समाधान क्या हो सकता है?
  7. रुद्रप्रयाग जैसी घटनाओं से बचने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
  8. जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
  9. आपदा प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका क्या है?
  10. भारत में आपदा प्रबंधन के लिए कौन सी संस्थाएँ जिम्मेदार हैं?

मुख्य परीक्षा (Mains)

  1. दिल्ली-NCR में हाल ही में हुई बाढ़ और रुद्रप्रयाग में पहाड़ टूटने की घटनाओं पर विस्तृत चर्चा करें। इन घटनाओं के कारणों, प्रभावों और आपदा प्रबंधन की चुनौतियों का विश्लेषण करें।
  2. जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में भारत में आपदा प्रबंधन की चुनौतियों और संभावित समाधानों पर एक निबंध लिखें।
  3. भारत में आपदा प्रबंधन के लिए एक समग्र रणनीति तैयार करें, जिसमें पूर्वानुमान, प्रतिक्रिया, पुनर्वास और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन शामिल हों।
  4. क्या आप मानते हैं कि भारत में आपदा प्रबंधन के लिए पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं? अपने उत्तर का तर्क दें।

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