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दिल्ली स्टेशन भगदड़: क्या यात्री का सामान बनी वजह? सुरक्षा पर बड़ा सवाल!

दिल्ली स्टेशन भगदड़: क्या यात्री का सामान बनी वजह? सुरक्षा पर बड़ा सवाल!

चर्चा में क्यों? (Why in News?):

हाल ही में दिल्ली के एक प्रमुख रेलवे स्टेशन पर हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण भगदड़ की घटना ने देश भर में चिंता की लहर दौड़ा दी है। इस घटना में कई यात्री घायल हुए और रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्था फैल गई। प्रारंभिक रिपोर्टों और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे विभिन्न दावों के बीच, एक प्रमुख सवाल यह उठा कि क्या एक यात्री का भारी सामान (headload) गिरने से यह भयावह स्थिति उत्पन्न हुई? सरकार ने इस घटना पर क्या प्रतिक्रिया दी है और रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था पर इसके क्या निहितार्थ हैं, यह समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर UPSC उम्मीदवारों के लिए जो सार्वजनिक अव्यवस्था, सुरक्षा प्रबंधन और सरकारी नीतियों जैसे महत्वपूर्ण विषयों का अध्ययन करते हैं।

दिल्ली स्टेशन भगदड़: एक विस्तृत विश्लेषण (Delhi Station Stampede: A Detailed Analysis)

किसी भी सार्वजनिक स्थान, विशेषकर रेलवे स्टेशनों पर भगदड़ एक गंभीर चिंता का विषय है। ये घटनाएँ न केवल तत्काल जान-माल की हानि का कारण बनती हैं, बल्कि व्यापक स्तर पर सार्वजनिक विश्वास और सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती हैं। दिल्ली स्टेशन जैसी व्यस्त जगह पर ऐसी घटना का होना, जहाँ लाखों लोग प्रतिदिन यात्रा करते हैं, सुरक्षा प्रोटोकॉल की प्रभावशीलता पर प्रकाश डालता है।

घटना का संभावित कारण: क्या गिरा सामान था ट्रिगर? (The Alleged Cause: Was Falling Luggage the Trigger?)

कई प्रारंभिक समाचार रिपोर्टों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के अनुसार, यह कहा जा रहा है कि किसी यात्री का भारी सामान, संभवतः प्लेटफॉर्म पर अनियंत्रित तरीके से गिरा, जिसने अफरातफरी मचा दी। जब भीड़भाड़ वाले स्टेशन पर अचानक कोई अप्रत्याशित घटना होती है, तो यात्रियों में घबराहट फैल सकती है। लोग या तो गिर सकते हैं या एक-दूसरे को धक्का दे सकते हैं, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन सकती है।

“एक छोटी सी घटना, जैसे कि कोई चीज गिरना, भीड़ में एक बड़ी प्रतिक्रिया को ट्रिगर कर सकती है, खासकर जब लोग पहले से ही तनावग्रस्त या थके हुए हों।”

यह संभावना निम्नलिखित कारणों से महत्वपूर्ण है:

  • भीड़ का दबाव (Crowd Pressure): रेलवे स्टेशन, विशेषकर पीक आवर्स के दौरान, अत्यधिक भीड़भाड़ वाले होते हैं। ऐसे में, जरा सी भी अव्यवस्था या भय लोगों को नियंत्रण खोने पर मजबूर कर सकता है।
  • अनिश्चितता का डर (Fear of Uncertainty): अचानक शोर, धक्का-मुक्की या किसी वस्तु का गिरना, लोगों में अनिश्चितता का भाव पैदा करता है। वे यह नहीं जान पाते कि क्या हो रहा है, जिससे वे सुरक्षित स्थान की ओर भागने की कोशिश करते हैं।
  • बाहरी ट्रिगर (External Trigger): सामान का गिरना एक “बाहरी ट्रिगर” के रूप में कार्य कर सकता है, जो पहले से मौजूद भीड़ के तनाव को बढ़ाता है।

हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल एक “संभावित” कारण है। ऐसी घटनाओं के पीछे अक्सर कई कारक जिम्मेदार होते हैं, और केवल एक कारण को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराना जल्दबाजी हो सकती है।

सरकारी प्रतिक्रिया: क्या कहा सरकार ने? (Government’s Response: What Did the Government Say?)

ऐसी घटनाओं के बाद, सरकार और संबंधित मंत्रालय (जैसे रेल मंत्रालय) की प्रतिक्रिया हमेशा कड़ी निगरानी में रहती है। सरकार का बयान घटना की गंभीरता को स्वीकार करने, जांच का आश्वासन देने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर केंद्रित होता है।

दिल्ली स्टेशन भगदड़ के संबंध में, सरकार ने आमतौर पर निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया होगा:

  1. जांच का आश्वासन: घटना के कारणों की पूरी और निष्पक्ष जांच की जाएगी।
  2. सुरक्षा उपायों की समीक्षा: मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा की जाएगी और जहाँ आवश्यक होगा, उनमें सुधार किया जाएगा।
  3. घायलों को सहायता: घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाएगी और हताहतों के परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा।
  4. जिम्मेदारियों का निर्धारण: यदि किसी की लापरवाही पाई जाती है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
  5. सार्वजनिक अपील: यात्रियों से सहयोग और शांत रहने की अपील।

सरकारी बयानों का उद्देश्य जनता को आश्वस्त करना और व्यवस्था बहाल करना होता है। यह अक्सर विभिन्न मंत्रालयों, जैसे रेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस के बीच समन्वय को भी दर्शाता है।

भगदड़ के पीछे के व्यापक कारण: एक बहुआयामी दृष्टिकोण (Broader Causes Behind Stampedes: A Multidimensional Perspective)

सिर्फ एक सामान के गिरने को भगदड़ का एकमात्र कारण मानना ​​अत्यधिक सरलीकरण होगा। UPSC के दृष्टिकोण से, हमें इन घटनाओं के पीछे के अंतर्निहित और बहुआयामी कारणों को समझना चाहिए:

1. अपर्याप्त भीड़ प्रबंधन (Inadequate Crowd Management):

  • खराब योजना: विशेष आयोजनों या पीक सीजन के लिए पर्याप्त भीड़ प्रबंधन योजना का अभाव।
  • अवरोधक और बैरिकेड्स: अप्रभावी या अनुपस्थित बैरिकेडिंग, जो भीड़ को नियंत्रित करने में विफल रहती है।
  • प्रशिक्षित कर्मियों की कमी: भीड़ प्रबंधन में प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मियों या स्वयंसेवकों की कमी।
  • संचार की विफलता: भीड़ को नियंत्रित करने या शांत करने के लिए प्रभावी सार्वजनिक घोषणा प्रणाली का अभाव।

2. कमजोर सुरक्षा ढाँचा (Weak Security Infrastructure):

  • सीसीटीवी निगरानी: कैमरों की अपर्याप्त संख्या या खराब गुणवत्ता, या उनकी प्रभावी निगरानी न होना।
  • प्रशिक्षण का अभाव: सुरक्षा कर्मियों को भीड़ नियंत्रण और संकट प्रबंधन में उचित प्रशिक्षण न मिलना।
  • कर्मचारियों की कमी: स्टेशनों पर सुरक्षा कर्मियों की भारी कमी, जिससे वे प्रभावी ढंग से गश्त या निगरानी नहीं कर पाते।

3. अवसंरचनात्मक मुद्दे (Infrastructural Issues):

  • संकीर्ण गलियारे और निकास (Narrow Corridors and Exits): स्टेशन के डिजाइन में ही संकीर्ण रास्ते और सीमित निकास द्वार, जो भीड़ के दबाव को बढ़ा सकते हैं।
  • गलत साइनेज (Poor Signage): स्पष्ट दिशा-निर्देशों की कमी, जिससे यात्री भ्रमित हो सकते हैं और एक ही स्थान पर इकट्ठा हो सकते हैं।
  • अचानक भीड़ का जमावड़ा: विशेष ट्रेनों या घटनाओं के कारण अप्रत्याशित रूप से बड़ी संख्या में यात्रियों का एक साथ पहुंचना।

4. मानव व्यवहार और मनोवैज्ञानिक कारक (Human Behavior and Psychological Factors):

  • पैनिक (Panic): घबराहट एक संक्रामक भावना है जो तेजी से फैलती है।
  • समूह सोच (Groupthink): जब भीड़ एक दिशा में चलती है, तो व्यक्तिगत निर्णय लेने की क्षमता कम हो जाती है।
  • सामग्री की लालसा: कभी-कभी, किसी विशेष ऑफर या प्रचार के कारण लोग अनजाने में एक साथ जमा हो जाते हैं।

5. नियामक और प्रशासनिक मुद्दे (Regulatory and Administrative Issues):

  • नियमों का शिथिल प्रवर्तन: सुरक्षा नियमों और दिशानिर्देशों का ठीक से पालन न किया जाना।
  • जवाबदेही का अभाव: घटनाओं के बाद जिम्मेदार व्यक्तियों या एजेंसियों को जवाबदेह ठहराने में विफलता।
  • प्रौद्योगिकी का पुराना होना: सुरक्षा और निगरानी के लिए पुरानी तकनीक का उपयोग।

UPSC के लिए प्रासंगिकता: सुरक्षा, शासन और सार्वजनिक व्यवस्था (Relevance for UPSC: Security, Governance, and Public Order)

यह घटना UPSC सिविल सेवा परीक्षा के कई महत्वपूर्ण पहलुओं को छूती है:

1. शासन (Governance):

  • सार्वजनिक सुरक्षा (Public Safety): सरकार का प्राथमिक कर्तव्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। रेलवे स्टेशनों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा प्रबंध इसी का हिस्सा हैं।
  • आपदा प्रबंधन (Disaster Management): भगदड़ को एक प्रकार की मानव-निर्मित आपदा माना जा सकता है, जिसके लिए प्रभावी पूर्व-चेतावनी, शमन और प्रतिक्रिया प्रणालियों की आवश्यकता होती है।
  • नीति निर्माण: ऐसी घटनाओं से सीख लेकर, सरकार को रेलवे स्टेशन सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन और आपातकालीन प्रतिक्रिया के संबंध में नीतियों को मजबूत करने की आवश्यकता है।

2. सुरक्षा (Security):

  • आंतरिक सुरक्षा (Internal Security): सार्वजनिक स्थानों पर व्यवस्था बनाए रखना आंतरिक सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू है। भगदड़ जैसी घटनाएं कानून-व्यवस्था को बिगाड़ सकती हैं।
  • प्रौद्योगिकी का उपयोग: सुरक्षा बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकों जैसे AI-संचालित निगरानी, ​​डिजिटल भीड़ घनत्व मानचित्रण आदि का उपयोग।
  • मानव संसाधन विकास: सुरक्षा कर्मियों का नियमित प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण।

3. समसामयिक मामले (Current Affairs):

यह घटना सीधे तौर पर समसामयिक मामलों का हिस्सा है, जिस पर प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दोनों में प्रश्न पूछे जा सकते हैं।

4. नैतिकता (Ethics):

  • जवाबदेही (Accountability): जब ऐसी घटनाएं होती हैं, तो प्रशासकों और संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही का प्रश्न उठता है।
  • संवेदनशीलता (Sensitivity): भीड़ के प्रति संवेदनशील होना और उनकी आवश्यकताओं को समझना।

आगे की राह: सुरक्षा को मजबूत करने के उपाय (The Way Forward: Measures to Strengthen Security)

दिल्ली स्टेशन भगदड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए एक बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है:

  1. आधुनिक भीड़ प्रबंधन तकनीक:
    • स्मार्ट बैरिकेडिंग: ऐसी बैरिकेडिंग जो भीड़ के दबाव को महसूस कर सके और स्वचालित रूप से प्रतिक्रिया कर सके।
    • डिजिटल निगरानी: भीड़ घनत्व का वास्तविक समय में आकलन करने के लिए कैमरों और सेंसर का उपयोग।
    • पूर्व-चेतावनी प्रणाली: भीड़ के अत्यधिक जमावड़े की स्थिति में स्वचालित चेतावनियाँ जारी करना।
  2. प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण:
    • नियमित प्रशिक्षण: रेलवे कर्मचारियों, सुरक्षा कर्मियों और स्वयंसेवकों के लिए भीड़ नियंत्रण, प्राथमिक उपचार और संकट प्रबंधन में नियमित प्रशिक्षण।
    • अभ्यास (Drills): आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित करना।
  3. बुनियादी ढाँचे में सुधार:
    • चौड़े निकास और प्रवेश द्वार: स्टेशन के डिजाइन में पर्याप्त चौड़ाई वाले निकास और प्रवेश द्वार सुनिश्चित करना।
    • स्पष्ट साइनेज: यात्रियों को दिशा-निर्देशित करने के लिए प्रमुख स्थानों पर स्पष्ट और बहुभाषी साइनेज लगाना।
    • आपातकालीन निकास: आपातकालीन निकासों को हमेशा अवरोध-मुक्त रखना।
  4. प्रौद्योगिकी का एकीकरण:
    • AI-संचालित CCTV: संदिग्ध व्यवहार या असामान्य भीड़ जमावड़े की पहचान करने के लिए AI का उपयोग।
    • मोबाइल ऐप एकीकरण: यात्रियों को सुरक्षा अलर्ट और स्टेशन की स्थिति के बारे में सूचित करने के लिए रेलवे ऐप का उपयोग।
  5. प्रशासनिक और नीतिगत सुधार:
    • नियमों का सख्ती से पालन: भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा से संबंधित सभी नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना।
    • जवाबदेही तंत्र: ऐसी घटनाओं की स्थिति में त्वरित और पारदर्शी जांच और जवाबदेही सुनिश्चित करना।
    • सार्वजनिक जागरूकता अभियान: यात्रियों को भीड़भाड़ वाले स्थानों पर शांत रहने और सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने के महत्व के बारे में शिक्षित करना।

निष्कर्ष (Conclusion)

दिल्ली स्टेशन पर हुई भगदड़ की घटना, चाहे वह यात्री के सामान गिरने से शुरू हुई हो या किसी अन्य कारण से, यह भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है। केवल जांच या मुआवजे तक सीमित रहने के बजाय, हमें इन घटनाओं के मूल कारणों को संबोधित करना चाहिए। भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा बुनियादी ढाँचा, कर्मचारियों का प्रशिक्षण और आधुनिक तकनीक का एकीकरण – इन सभी क्षेत्रों में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। UPSC उम्मीदवारों के लिए, इस घटना का अध्ययन केवल एक खबर नहीं है, बल्कि शासन, सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण विषयों को समझने का एक व्यावहारिक अवसर है। प्रत्येक यात्री की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, और इस दिशा में निरंतर प्रयास आवश्यक हैं।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

  1. प्रश्न: रेलवे स्टेशनों पर भगदड़ जैसी घटनाओं के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
    1. भगदड़ अक्सर भीड़ के दबाव, संचार की विफलता और अप्रत्याशित घटनाओं से उत्पन्न होती है।
    2. मानव निर्मित आपदा प्रबंधन के तहत, रेलवे स्टेशन भगदड़ को एक आपदा माना जा सकता है।
    3. संकीर्ण निकास द्वार और गलत साइनेज भीड़ प्रबंधन को और खराब कर सकते हैं।
    उपरोक्त कथनों में से कौन से सही हैं?

    a) केवल 1
    b) 1 और 2
    c) 2 और 3
    d) 1, 2 और 3

    उत्तर: d) 1, 2 और 3
    व्याख्या: तीनों कथन भगदड़ के कारणों और उनसे संबंधित कारकों का सही वर्णन करते हैं। रेलवे स्टेशन पर भीड़ का अनियंत्रित होना एक मानव निर्मित आपदा का रूप ले सकता है, जिसके लिए प्रभावी प्रबंधन की आवश्यकता होती है।

  2. प्रश्न: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अनुसार, सार्वजनिक स्थानों पर भगदड़ को रोकने के लिए निम्नलिखित में से कौन से उपाय महत्वपूर्ण हैं?
    1. भीड़ का वास्तविक समय में घनत्व निगरानी।
    2. सभी निकास द्वारों का स्पष्ट रूप से चिह्नित होना।
    3. नियमित मॉक ड्रिल का आयोजन।
    4. सभी यात्रियों के लिए अनिवार्य पहचान पत्र।
    नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:

    a) 1, 2 और 3
    b) 1, 2 और 4
    c) 2, 3 और 4
    d) 1, 2, 3 और 4

    उत्तर: a) 1, 2 और 3
    व्याख्या: NDMA भीड़ प्रबंधन के लिए निगरानी, स्पष्ट साइनेज और प्रशिक्षण (मॉक ड्रिल) पर जोर देता है। अनिवार्य पहचान पत्र आम तौर पर सुरक्षा जांच के लिए होता है, न कि सीधे भगदड़ रोकने के लिए, हालांकि यह अप्रत्यक्ष रूप से मदद कर सकता है।

  3. प्रश्न: दिल्ली स्टेशन भगदड़ के संदर्भ में, ‘ट्रिगर’ (trigger) शब्द का प्रयोग संभवतः किस ओर इशारा करता है?

    a) घटना के मूल कारण की ओर
    b) घटना को शुरू करने वाली छोटी, तत्काल घटना की ओर
    c) सरकार द्वारा की गई प्रारंभिक जांच की ओर
    d) यात्रियों के व्यवहार की ओर

    उत्तर: b) घटना को शुरू करने वाली छोटी, तत्काल घटना की ओर
    व्याख्या: ‘ट्रिगर’ वह अंतिम कारक होता है जो किसी घटना को शुरू करता है, भले ही अंतर्निहित स्थितियाँ पहले से मौजूद हों। यहाँ, सामान का गिरना एक संभावित ट्रिगर हो सकता है।

  4. प्रश्न: भारतीय रेलवे में सुरक्षा संबंधी मुद्दों के संबंध में, निम्नलिखित में से कौन सा कथन सबसे अधिक प्रासंगिक है?

    a) केवल तकनीकी उन्नयन सुरक्षा की गारंटी दे सकता है।
    b) सुरक्षा एक बहुआयामी मुद्दा है जिसमें बुनियादी ढाँचा, मानव संसाधन और प्रक्रियाएं शामिल हैं।
    c) भीड़ प्रबंधन मुख्य रूप से पुलिस बल की जिम्मेदारी है।
    d) यात्रियों की लापरवाही ही सभी दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है।

    उत्तर: b) सुरक्षा एक बहुआयामी मुद्दा है जिसमें बुनियादी ढाँचा, मानव संसाधन और प्रक्रियाएं शामिल हैं।
    व्याख्या: सुरक्षा को केवल एक कारक से नहीं जोड़ा जा सकता; इसके लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।

  5. प्रश्न: किसी भी रेलवे स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण के लिए निम्नलिखित में से कौन सी अवसंरचनात्मक सुविधा सबसे महत्वपूर्ण है?

    a) विशाल प्रतीक्षालय
    b) पर्याप्त संख्या में टिकट काउंटर
    c) चौड़े निकास द्वार और स्पष्ट साइनेज
    d) पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे

    उत्तर: c) चौड़े निकास द्वार और स्पष्ट साइनेज
    व्याख्या: चौड़े निकास द्वार और स्पष्ट साइनेज सीधे तौर पर भीड़ के सुचारू प्रवाह और आपातकालीन निकासी में मदद करते हैं, जो भगदड़ रोकने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

  6. प्रश्न: दिल्ली स्टेशन भगदड़ के बाद सरकार द्वारा किए जाने वाले कार्यों में निम्नलिखित में से कौन सा तत्काल अपेक्षित है?

    a) रेलवे स्टेशनों पर टिकट की कीमतों में वृद्धि
    b) घटना के कारणों की गहन जांच और रिपोर्ट
    c) रेलवे नेटवर्क का निजीकरण
    d) कर्मचारियों के वेतन में कटौती

    उत्तर: b) घटना के कारणों की गहन जांच और रिपोर्ट
    व्याख्या: ऐसी घटनाओं के बाद, प्राथमिकता कारणों का पता लगाना और भविष्य के लिए सबक सीखना होता है।

  7. प्रश्न: सार्वजनिक सुरक्षा के संदर्भ में, ‘जवाबदेही’ (accountability) का क्या अर्थ है?

    a) घटनाओं के लिए दूसरों को दोष देना।
    b) त्रुटियों या गलत कार्यों के लिए जिम्मेदारी स्वीकार करना और उन पर कार्रवाई करना।
    c) केवल निवारक उपाय करना।
    d) भविष्य में ऐसी घटनाओं को होने से रोकना।

    उत्तर: b) त्रुटियों या गलत कार्यों के लिए जिम्मेदारी स्वीकार करना और उन पर कार्रवाई करना।
    व्याख्या: जवाबदेही का अर्थ है अपनी जिम्मेदारियों को निभाना और यदि कोई चूक हुई है तो उसके लिए उत्तरदायी ठहराया जाना।

  8. प्रश्न: “समूह सोच” (Groupthink) का संबंध भगदड़ जैसी घटनाओं से कैसे जोड़ा जा सकता है?

    a) यह सुरक्षा कर्मियों के बीच समन्वय को बढ़ाता है।
    b) यह यात्रियों को तर्कसंगत निर्णय लेने में मदद करता है।
    c) यह भीड़ के सदस्यों को व्यक्तिगत सोच के बजाय सामूहिक निर्णय के अनुसार कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
    d) यह स्टेशन पर शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहायक होता है।

    उत्तर: c) यह भीड़ के सदस्यों को व्यक्तिगत सोच के बजाय सामूहिक निर्णय के अनुसार कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
    व्याख्या: समूह सोच में, व्यक्ति समूह के दबाव में आकर अपनी व्यक्तिगत राय या जोखिम मूल्यांकन को छोड़ देते हैं, जिससे भीड़ एक अनियंत्रित दिशा में बढ़ सकती है।

  9. प्रश्न: भारत में रेलवे सुरक्षा में सुधार के लिए निम्नलिखित में से किस प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा सकता है?
    1. AI-आधारित वीडियो एनालिटिक्स
    2. IoT-सक्षम सेंसर
    3. ब्लॉकचेन-आधारित सुरक्षा रिकॉर्ड
    नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:

    a) केवल 1
    b) 1 और 2
    c) 2 और 3
    d) 1, 2 और 3

    उत्तर: b) 1 और 2
    व्याख्या: AI-आधारित वीडियो एनालिटिक्स भीड़ का पता लगाने और निगरानी के लिए उपयोगी है, जबकि IoT सेंसर विभिन्न सुरक्षा मापदंडों की निगरानी कर सकते हैं। ब्लॉकचेन सुरक्षा रिकॉर्ड के लिए उपयोगी हो सकता है, लेकिन सीधे तौर पर भगदड़ की रोकथाम से कम जुड़ा है।

  10. प्रश्न: “मानव निर्मित आपदा” (Man-made disaster) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?

    a) यह हमेशा जानबूझकर की गई कार्रवाई का परिणाम होता है।
    b) इसमें लापरवाही, खराब योजना या सुरक्षा मानकों का उल्लंघन शामिल हो सकता है।
    c) प्राकृतिक आपदाओं की तुलना में इसके परिणाम हमेशा कम गंभीर होते हैं।
    d) इसके लिए सरकार कभी जिम्मेदार नहीं होती।

    उत्तर: b) इसमें लापरवाही, खराब योजना या सुरक्षा मानकों का उल्लंघन शामिल हो सकता है।
    व्याख्या: मानव निर्मित आपदाएं अक्सर अनजाने में या लापरवाही के कारण होती हैं, न कि केवल जानबूझकर।

मुख्य परीक्षा (Mains)

  1. प्रश्न: दिल्ली स्टेशन पर हुई भगदड़ जैसी घटनाओं के संदर्भ में, सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने में सरकार की भूमिका का विश्लेषण कीजिए। भीड़ प्रबंधन, बुनियादी ढांचे के विकास और प्रौद्योगिकी के एकीकरण के संबंध में सरकार के सामने आने वाली चुनौतियों और संभावित समाधानों पर चर्चा करें। (250 शब्द, 15 अंक)
  2. प्रश्न: किसी भी रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की घटना के पीछे केवल एक कारण नहीं होता, बल्कि कई कारक उत्तरदायी होते हैं। इस कथन की पुष्टि करते हुए, भारतीय रेलवे में भीड़ प्रबंधन के लिए वर्तमान सुरक्षा प्रोटोकॉल की प्रभावशीलता पर टिप्पणी करें और सुधार के लिए आवश्यक उपायों का सुझाव दें। (250 शब्द, 15 अंक)
  3. प्रश्न: ‘आपदा प्रबंधन’ (Disaster Management) के एक महत्वपूर्ण अंग के रूप में, सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ नियंत्रण की रणनीतियों का वर्णन करें। दिल्ली स्टेशन भगदड़ जैसी घटनाओं से प्राप्त सबकों के आधार पर, रेलवे सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा उठाए जाने वाले आवश्यक कदम क्या होने चाहिए? (150 शब्द, 10 अंक)

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