दिल्ली में पार्किंग विवाद: हुमा कुरैशी के चचेरे भाई की हत्या ने उजागर किए शहरी जीवन के संघर्ष
चर्चा में क्यों? (Why in News?):
हाल ही में, प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री हुमा कुरैशी के चचेरे भाई, नासिर के निजामुद्दीन इलाके में हुई हत्या ने दिल्ली की सड़कों पर बढ़ते कानून-व्यवस्था और शहरी जीवन की छोटी-छोटी बातों पर पनपने वाले विवादों को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। पार्किंग को लेकर हुए एक मामूली कहासुनी ने किस तरह एक अनमोल जान ले ली, यह घटना दर्शाती है कि कैसे शहरीकरण के साथ-साथ हमारे समाजों में भी तनाव और असहिष्णुता बढ़ रही है। यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह व्यापक सामाजिक और प्रशासनिक मुद्दों की ओर भी इशारा करती है, जिनका समाधान UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यह लेख इस घटना का विस्तृत विश्लेषण करेगा, जिसमें इसके सामाजिक, आर्थिक, प्रशासनिक और कानूनी पहलुओं पर प्रकाश डाला जाएगा। हम समझेंगे कि यह घटना UPSC पाठ्यक्रम के किन-किन हिस्सों से जुड़ी है और उम्मीदवार इसे अपनी तैयारी में कैसे शामिल कर सकते हैं।
घटना का विस्तृत विवरण और पृष्ठभूमि
दिल्ली का निजामुद्दीन इलाका, जो अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, अब एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण चर्चा में है। अभिनेत्री हुमा कुरैशी के चचेरे भाई, नासिर, की पार्किंग को लेकर हुए विवाद के बाद हत्या कर दी गई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह विवाद पार्किंग की जगह को लेकर शुरू हुआ, जो अक्सर घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में एक आम समस्या है। इस साधारण सी लगने वाली बहस ने जल्द ही हिंसक रूप ले लिया, जिसके परिणामस्वरूप नासिर की मौत हो गई।
यह घटना दर्शाती है कि शहरीकरण की गति के साथ, संसाधनों, विशेष रूप से सार्वजनिक स्थानों जैसे पार्किंग स्थलों पर, मांग और आपूर्ति के बीच एक बड़ा अंतर पैदा हो गया है। दिल्ली जैसे महानगरों में, जहां वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, पार्किंग एक गंभीर चुनौती बन गई है। यह चुनौती अक्सर छोटी-मोटी कहासुनी से लेकर गंभीर अपराधों तक का कारण बनती है।
UPSC परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: व्यापक विश्लेषण
यह घटना UPSC सिविल सेवा परीक्षा के विभिन्न महत्वपूर्ण वर्गों से जुड़ी है, जिनमें शामिल हैं:
- भारतीय समाज (Indian Society): शहरीकरण, सामाजिक तनाव, अपराध और सामाजिक न्याय।
- शासन (Governance): कानून-व्यवस्था, सार्वजनिक सुरक्षा, शहरी नियोजन, पुलिसिंग की चुनौतियाँ।
- सुरक्षा (Security): आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियाँ, अपराध की प्रवृत्ति।
- नैतिकता (Ethics): सार्वजनिक स्थानों पर व्यवहार, सहिष्णुता, व्यक्तिगत जिम्मेदारी।
- समसामयिक मामले (Current Affairs): राष्ट्रीय महत्व की वर्तमान घटनाएँ।
1. भारतीय समाज: शहरीकरण और संघर्ष
शहरीकरण की चुनौतियाँ: भारत तेजी से शहरीकरण की ओर बढ़ रहा है। लाखों लोग बेहतर अवसरों की तलाश में गांवों से शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। इससे शहरों पर जनसंख्या का दबाव बढ़ रहा है, जिससे बुनियादी ढांचे, आवास, परिवहन और सबसे महत्वपूर्ण, सार्वजनिक स्थानों पर तीव्र दबाव पड़ रहा है। पार्किंग एक ऐसा ही सार्वजनिक स्थान है जो अक्सर विवाद का केंद्र बनता है।
“शहरीकरण एक दोधारी तलवार की तरह है। यह आर्थिक विकास और अवसरों के द्वार खोलता है, लेकिन साथ ही यह संसाधनों पर दबाव और सामाजिक तनाव को भी बढ़ाता है, जिससे पार्किंग जैसे दैनिक जीवन के मुद्दे भी गंभीर संघर्ष का कारण बन जाते हैं।”
सामाजिक तनाव और असहिष्णुता: घनी आबादी, संसाधनों की कमी और जीवन की भागदौड़ अक्सर लोगों में तनाव और अधीरता पैदा करती है। इस घटना में, पार्किंग को लेकर एक छोटी सी असहमति भी त्वरित हिंसक प्रतिक्रिया में बदल गई, जो समाज में बढ़ती असहिष्णुता का संकेत देती है। यह दर्शाता है कि कैसे लोग छोटी-छोटी बातों पर अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में असफल हो रहे हैं, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
अपराध की प्रवृत्ति: यह घटना इस बात का उदाहरण है कि कैसे व्यक्तिगत विवादों को सुलझाने के बजाय हिंसा का सहारा लिया जा रहा है। ऐसे मामले अक्सर “रोडियो” (Road Rage) या “पार्किंग रोग” (Parking Rage) जैसी घटनाओं से जुड़े होते हैं, जो शहरी जीवन की एक कड़वी सच्चाई बन गए हैं।
2. शासन: कानून-व्यवस्था और शहरी नियोजन
कानून-व्यवस्था की स्थिति: इस तरह की घटनाएं दिल्ली जैसे महानगरों में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाती हैं। यह जानना महत्वपूर्ण है कि पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियां ऐसी घटनाओं को रोकने और अपराधियों को न्याय दिलाने में कितनी प्रभावी हैं।
- पुलिसिंग की भूमिका: पुलिस की भूमिका न केवल अपराध होने के बाद कार्रवाई करना है, बल्कि अपराध को रोकना भी है। नियमित गश्त, सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा कैमरों की स्थापना और सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से अपराधों को कम किया जा सकता है।
- न्याय प्रणाली: अपराधियों को त्वरित और निष्पक्ष न्याय मिलना भी महत्वपूर्ण है ताकि ऐसे अपराधों को रोकने के लिए एक निवारक प्रभाव पैदा हो सके।
शहरी नियोजन और प्रबंधन: पार्किंग की समस्या का मूल कारण अक्सर खराब शहरी नियोजन होता है।
- आधुनिक शहरी नियोजन: एक सुविचारित शहरी नियोजन में पर्याप्त पार्किंग अवसंरचना का प्रावधान शामिल होना चाहिए। इसमें बहु-मंजिला पार्किंग, भूमिगत पार्किंग और सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देने जैसी रणनीतियां शामिल हो सकती हैं।
- परिवहन नीति: सरकार की नीतियां सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को प्रोत्साहित करने वाली होनी चाहिए ताकि निजी वाहनों पर निर्भरता कम हो सके।
- स्मार्ट सिटी पहल: स्मार्ट सिटी मिशन के तहत, प्रौद्योगिकी का उपयोग करके यातायात प्रबंधन और पार्किंग को सुव्यवस्थित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, पार्किंग स्लॉट की उपलब्धता बताने वाले ऐप या स्वचालित पार्किंग सिस्टम।
प्रशासनिक जवाबदेही: यह सवाल भी उठता है कि क्या स्थानीय प्रशासन और नगर निगम पार्किंग की समस्या से निपटने में अपनी भूमिका सही ढंग से निभा रहे हैं। क्या नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है? क्या अवैध पार्किंग पर अंकुश लगाया जा रहा है?
3. सुरक्षा: आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियाँ
हालांकि यह घटना सीधे तौर पर उग्रवाद या आतंकवाद से संबंधित नहीं है, लेकिन यह आंतरिक सुरक्षा की व्यापक चुनौतियों का हिस्सा है। शहरी क्षेत्रों में बढ़ती भीड़, सामाजिक तनाव और व्यक्तिगत शिकायतों का हिंसक रूप लेना, कानून-व्यवस्था को बिगाड़ सकता है और आम जनता के लिए असुरक्षा की भावना पैदा कर सकता है।
- समुदाय का विश्वास: पुलिस और प्रशासन को समुदायों का विश्वास जीतना होगा ताकि लोग छोटी-मोटी समस्याओं की रिपोर्ट करें और वे बड़े अपराधों में न बदलें।
- अप्रत्यक्ष प्रभाव: इस तरह की घटनाएं यदि नियंत्रित न की जाएं, तो यह समाज में भय और असुरक्षा का माहौल बना सकती हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से आंतरिक सुरक्षा को प्रभावित करता है।
4. नैतिकता: व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारी
यह घटना नैतिकता के महत्वपूर्ण प्रश्न उठाती है:
- विवेक और सहिष्णुता: हम सार्वजनिक स्थानों पर कैसे व्यवहार करते हैं? क्या हम दूसरों की असुविधाओं को समझने के लिए तैयार हैं? पार्किंग जैसे छोटे मुद्दों पर भी धैर्य और सहिष्णुता बनाए रखना एक नैतिक दायित्व है।
- आत्म-नियंत्रण: क्रोध और आवेश में आकर हिंसक प्रतिक्रियाएं करना व्यक्तिगत नैतिकता का पतन है। आत्म-नियंत्रण और शांतिपूर्ण संवाद की क्षमता विकसित करना महत्वपूर्ण है।
- सार्वजनिक संपत्ति का सम्मान: पार्किंग स्थल सार्वजनिक संपत्ति का हिस्सा हैं, और उनका उपयोग नियमों के अनुसार किया जाना चाहिए।
5. समसामयिक मामले: UPSC के लिए तैयारी
UPSC उम्मीदवार इस घटना का उपयोग अपने उत्तरों को प्रासंगिक बनाने के लिए कर सकते हैं।
- उत्तर लेखन: जब भी सामाजिक मुद्दों, शासन या सुरक्षा पर प्रश्न पूछे जाते हैं, तो इस तरह की हाल की घटनाओं का उल्लेख करके उत्तर को अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, “शहरीकरण से उत्पन्न सामाजिक तनाव और पार्किंग जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी कैसे अपराध का कारण बन सकती है, यह हाल ही में दिल्ली में एक अभिनेत्री के चचेरे भाई की हत्या की घटना से स्पष्ट होता है।”
- विश्लेषण: घटना के मूल कारणों का विश्लेषण करना, जैसे कि शहरी नियोजन की कमी, पुलिसिंग में सुधार की आवश्यकता, और सामाजिक व्यवहार में बदलाव की आवश्यकता, UPSC मेन्स परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
घटना के कारण और प्रभाव
संभावित कारण (Possible Causes):
- सीमित पार्किंग स्थान: दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले शहरों में वाहनों की संख्या के अनुपात में पार्किंग की सुविधा अपर्याप्त है।
- लापरवाह पार्किंग: कई लोग पार्किंग नियमों का पालन नहीं करते, जिससे दूसरों को असुविधा होती है और विवाद उत्पन्न होते हैं।
- “माई स्पेस” की भावना: लोग अक्सर सार्वजनिक स्थानों पर भी अपने “निजी क्षेत्र” की तरह व्यवहार करते हैं और किसी भी अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं कर पाते।
- गुस्से और असहिष्णुता का बढ़ना: शहरी जीवन का तनाव लोगों को अधिक चिड़चिड़ा और कम सहिष्णु बना सकता है।
- आपराधिक मानसिकता: कुछ मामलों में, विवादों को सुलझाने के बजाय हिंसक समाधान खोजने की प्रवृत्ति भी देखी जाती है।
संभावित प्रभाव (Possible Impacts):
- सार्वजनिक सुरक्षा में गिरावट: ऐसी घटनाएं आम जनता में असुरक्षा की भावना पैदा करती हैं।
- पुलिसिंग पर अतिरिक्त दबाव: ऐसे अपराधों को सुलझाने और अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस पर दबाव बढ़ता है।
- सामाजिक सौहार्द में कमी: छोटी-छोटी बातों पर उत्पन्न होने वाले विवाद समाज में कटुता और अविश्वास पैदा करते हैं।
- शहरी नियोजन की समीक्षा: ऐसी घटनाओं के बाद, अक्सर शहरी नियोजन और बुनियादी ढांचे के प्रावधानों की समीक्षा की जाती है।
- कानूनों का सख्ती से पालन: यह घटनाएं संबंधित कानूनों के प्रवर्तन को और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल देती हैं।
आगे की राह: समाधान और सुझाव
इस समस्या के समाधान के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है:
- शहरी नियोजन में सुधार:
- नई इमारतों के निर्माण में पर्याप्त पार्किंग की अनिवार्यता।
- अंडरग्राउंड और मल्टी-लेवल पार्किंग कॉम्प्लेक्स का विकास।
- निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन (मेट्रो, बसें) के उपयोग को बढ़ावा देना।
- स्मार्ट पार्किंग प्रबंधन प्रणालियों को लागू करना।
- कानून-व्यवस्था को मजबूत करना:
- पार्किंग नियमों के उल्लंघन पर कड़े दंड का प्रावधान।
- प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर CCTV कैमरों की संख्या बढ़ाना।
- पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना।
- सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देना ताकि लोग जानकारी साझा कर सकें।
- सार्वजनिक जागरूकता और शिक्षा:
- नागरिकों को सार्वजनिक स्थानों पर विनम्र और सहिष्णु व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- स्कूलों और कॉलेजों में नैतिकता और नागरिक शास्त्र की शिक्षा को मजबूत करना।
- जन जागरूकता अभियान चलाना।
- प्रौद्योगिकी का उपयोग:
- पार्किंग स्लॉट खोजने और बुक करने के लिए मोबाइल ऐप का उपयोग।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके यातायात प्रवाह और पार्किंग को प्रबंधित करना।
निष्कर्ष
अभिनेत्री हुमा कुरैशी के चचेरे भाई की हत्या, जो एक साधारण पार्किंग विवाद से शुरू हुई, दिल्ली जैसे महानगरीय शहरों के सामने खड़ी जटिल चुनौतियों का एक मार्मिक अनुस्मारक है। यह घटना दर्शाती है कि कैसे शहरीकरण, संसाधनों पर दबाव, सामाजिक व्यवहार और कानून-व्यवस्था का आपस में गहरा संबंध है। UPSC उम्मीदवारों के लिए, यह केवल एक समाचार नहीं है, बल्कि भारतीय समाज, शासन, सुरक्षा और नैतिकता जैसे विषयों के अध्ययन का एक महत्वपूर्ण केस स्टडी है। इस तरह की घटनाओं से सीखना और उनके मूल कारणों को समझना, बेहतर नीतियों और समाधानों को तैयार करने के लिए आवश्यक है, जिससे हमारे शहर अधिक सुरक्षित, व्यवस्थित और रहने योग्य बन सकें।
UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs
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प्रश्न: हाल ही में हुई एक घटना में, अभिनेत्री हुमा कुरैशी के चचेरे भाई की हत्या दिल्ली के किस इलाके में हुई?
(a) कनॉट प्लेस
(b) लाजपत नगर
(c) निजामुद्दीन
(d) करोल बाग
उत्तर: (c) निजामुद्दीन
व्याख्या: समाचार के अनुसार, घटना निजामुद्दीन इलाके में हुई। -
प्रश्न: दिल्ली में पार्किंग को लेकर विवाद अक्सर किन समस्याओं से जुड़े होते हैं?
(a) सीमित पार्किंग स्थान और नियमों का उल्लंघन
(b) सार्वजनिक परिवहन की कमी
(c) निजी वाहनों की संख्या में वृद्धि
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d) उपरोक्त सभी
व्याख्या: ये सभी कारक शहरी क्षेत्रों में पार्किंग विवादों को बढ़ा सकते हैं। -
प्रश्न: भारतीय समाज के संदर्भ में, शहरीकरण से संबंधित कौन सी समस्याएँ हालिया घटनाओं को समझने में प्रासंगिक हैं?
(a) संसाधनों पर दबाव और सामाजिक तनाव
(b) बेराजगारी और गरीबी
(c) सांस्कृतिक भिन्नताएँ
(d) पलायन को रोकने की समस्याएँ
उत्तर: (a) संसाधनों पर दबाव और सामाजिक तनाव
व्याख्या: शहरीकरण से संसाधनों पर दबाव और सामाजिक तनाव बढ़ता है, जो ऐसे विवादों को जन्म दे सकता है। -
प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सा एक प्रभावी शहरी नियोजन का हिस्सा है जो पार्किंग की समस्या को कम कर सकता है?
(a) केवल निजी वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करना
(b) सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देना
(c) पार्किंग नियमों का कोई प्रवर्तन न करना
(d) सड़कों पर अधिक लेन बनाना
उत्तर: (b) सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देना
व्याख्या: सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने से निजी वाहनों पर निर्भरता कम होती है, जिससे पार्किंग पर दबाव घटता है। -
प्रश्न: “रोडियो” (Road Rage) और “पार्किंग रोग” (Parking Rage) जैसी घटनाएँ शहरी जीवन की किस समस्या की ओर संकेत करती हैं?
(a) बढ़ती अर्थव्यवस्था
(b) घटता अपराध दर
(c) सामाजिक तनाव और असहिष्णुता
(d) तकनीकी उन्नति
उत्तर: (c) सामाजिक तनाव और असहिष्णुता
व्याख्या: ये स्थितियाँ शहरी जीवन के तनाव और लोगों में घटती सहिष्णुता को दर्शाती हैं। -
प्रश्न: शासन के दृष्टिकोण से, इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए निम्नलिखित में से क्या आवश्यक है?
(a) पुलिस की भूमिका केवल अपराध के बाद कार्रवाई करना
(b) अपराध की रोकथाम और त्वरित न्याय
(c) जनता को कानून तोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना
(d) नगर निगमों की शक्तियों को कम करना
उत्तर: (b) अपराध की रोकथाम और त्वरित न्याय
व्याख्या: अपराध की रोकथाम और अपराधियों को शीघ्र न्याय दिलाना व्यवस्था बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। -
प्रश्न: दिल्ली में पार्किंग समस्या को हल करने के लिए ‘स्मार्ट सिटी’ पहल के तहत निम्नलिखित में से किस तकनीक का उपयोग किया जा सकता है?
(a) मैनुअल टिकट सिस्टम
(b) स्वचालित पार्किंग प्रबंधन
(c) केवल पैदल चलने वालों के लिए क्षेत्र
(d) घोड़ा-गाड़ी का उपयोग
उत्तर: (b) स्वचालित पार्किंग प्रबंधन
व्याख्या: स्मार्ट सिटी पहल में प्रौद्योगिकी का उपयोग करके पार्किंग को सुव्यवस्थित किया जा सकता है। -
प्रश्न: नैतिकता के दृष्टिकोण से, सार्वजनिक स्थानों पर व्यवहार के संबंध में कौन सा कथन सही है?
(a) दूसरों की असुविधाओं को नजरअंदाज करना
(b) आवेश में आकर हिंसक प्रतिक्रिया देना
(c) सहिष्णुता और आत्म-नियंत्रण बनाए रखना
(d) केवल अपने अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करना
उत्तर: (c) सहिष्णुता और आत्म-नियंत्रण बनाए रखना
व्याख्या: सार्वजनिक स्थानों पर सहिष्णुता और आत्म-नियंत्रण बनाए रखना एक महत्वपूर्ण नैतिक मूल्य है। -
प्रश्न: ‘पार्किंग रोग’ (Parking Rage) किस प्रकार के अपराध का एक उदाहरण है?
(a) साइबर अपराध
(b) आर्थिक अपराध
(c) सड़क पर होने वाला अपराध (Road Crime)
(d) पर्यावरण अपराध
उत्तर: (c) सड़क पर होने वाला अपराध (Road Crime)
व्याख्या: यह सड़क पर होने वाले छोटे-मोटे लेकिन हिंसक अपराधों का एक रूप है। -
प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सा विषय UPSC सिविल सेवा परीक्षा के लिए समसामयिक मामलों के दृष्टिकोण से प्रासंगिक है, जब इस घटना पर विचार किया जाता है?
(a) राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव
(b) भारतीय समाज, शासन और सुरक्षा
(c) अंतर्राष्ट्रीय संबंध
(d) कला और संस्कृति
उत्तर: (b) भारतीय समाज, शासन और सुरक्षा
व्याख्या: यह घटना सामाजिक, प्रशासनिक और सुरक्षा पहलुओं से सीधे तौर पर जुड़ी है।
मुख्य परीक्षा (Mains)
- प्रश्न: दिल्ली जैसे महानगरीय शहरों में पार्किंग की समस्या के सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक कारणों का विश्लेषण करें। इस समस्या को हल करने के लिए शहरी नियोजन और शासन के दृष्टिकोण से क्या कदम उठाए जाने चाहिए? (250 शब्द, 15 अंक)
- प्रश्न: हाल ही में हुई एक घटना ने शहरी जीवन में बढ़ते तनाव और असहिष्णुता पर प्रकाश डाला है। इस संदर्भ में, सार्वजनिक स्थानों पर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व बनाए रखने के लिए नागरिक जिम्मेदारी और नैतिक मूल्यों के महत्व पर चर्चा करें। (150 शब्द, 10 अंक)
- प्रश्न: “शहरीकरण अपने साथ विकास के अवसर लाता है, लेकिन साथ ही संसाधनों पर दबाव और सामाजिक अशांति जैसी चुनौतियाँ भी पैदा करता है।” इस कथन का समर्थन करते हुए, दिल्ली में पार्किंग विवाद से जुड़ी हालिया घटना के आलोक में चर्चा करें कि कैसे सुनियोजित शहरी विकास और प्रभावी शासन इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। (250 शब्द, 15 अंक)
- प्रश्न: आंतरिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से, आम नागरिकों के बीच छोटी-छोटी शिकायतों के हिंसक रूप में बदलने की प्रवृत्ति से निपटने के लिए पुलिस और स्थानीय प्रशासन की भूमिका का मूल्यांकन करें। (150 शब्द, 10 अंक)