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दिल्ली के झुग्गियों का कायाकल्प: धारावी मॉडल क्या लाएगा, और क्या हैं चुनौतियाँ?

दिल्ली के झुग्गियों का कायाकल्प: धारावी मॉडल क्या लाएगा, और क्या हैं चुनौतियाँ?

चर्चा में क्यों? (Why in News?): दिल्ली सरकार के आवास और शहरी मामलों के विभाग (DUSIB) ने दिल्ली के झुग्गियों के विकास के लिए एक नौ सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति मुंबई के धारावी मॉडल का अध्ययन करेगी और दिल्ली में इसके अनुप्रयोग की संभावनाओं का मूल्यांकन करेगी। यह कदम दिल्ली में झुग्गीवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।

दिल्ली, भारत की राजधानी, एक तेज़ी से बढ़ते महानगर के रूप में जानी जाती है जहाँ झुग्गियों की एक बड़ी आबादी निवास करती है। इन झुग्गियों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव, असुरक्षित आवास, और सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन आम समस्याएँ हैं। इस समस्या से निपटने के लिए, सरकारें कई योजनाएँ लागू करती रही हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर योजनाएँ सीमित सफलता ही प्राप्त कर पाई हैं। अब, धारावी मॉडल को दिल्ली में झुग्गियों के पुनर्विकास के लिए एक संभावित समाधान के रूप में देखा जा रहा है।

धारावी मॉडल: एक संक्षिप्त अवलोकन

मुंबई का धारावी दुनिया का सबसे बड़ा झुग्गी बस्ती माना जाता है। हालाँकि, हाल के वर्षों में, धारावी एक उल्लेखनीय शहरी परिवर्तन का साक्षी रहा है। यहाँ, निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ, झुग्गियों के पुनर्विकास के कुछ सफल उदाहरण देखे गए हैं। धारावी मॉडल में, झुग्गीवासियों को उनके पुनर्वास में शामिल किया जाता है और उन्हें बेहतर आवास और बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जाते हैं। यह एक समावेशी और भागीदारीपूर्ण दृष्टिकोण है जिसने धारावी में सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं।

धारावी मॉडल की कुछ प्रमुख विशेषताएँ हैं:

  • भागीदारीपूर्ण दृष्टिकोण: झुग्गीवासियों को पुनर्विकास प्रक्रिया में शामिल किया जाता है और उनकी राय को महत्व दिया जाता है।
  • निजी क्षेत्र की भागीदारी: निजी डेवलपर्स पुनर्विकास परियोजनाओं में निवेश करते हैं और बुनियादी ढाँचे का निर्माण करते हैं।
  • बेहतर आवास: झुग्गीवासियों को बेहतर आवास और बुनियादी सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
  • रोजगार के अवसर: पुनर्विकास प्रक्रिया के माध्यम से रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं।
  • समावेशी विकास: पुनर्विकास प्रक्रिया में सामाजिक-आर्थिक विकास को शामिल किया जाता है।

दिल्ली में धारावी मॉडल की लागूता: संभावनाएँ और चुनौतियाँ

हालांकि धारावी मॉडल एक आकर्षक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है, दिल्ली में इसके अनुप्रयोग के साथ कई चुनौतियाँ जुड़ी हुई हैं:

  • भूमि अधिग्रहण: दिल्ली में झुग्गियों के पुनर्विकास के लिए बड़ी मात्रा में भूमि की आवश्यकता होती है, जिसका अधिग्रहण एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है।
  • वित्तीय संसाधन: बड़े पैमाने पर पुनर्विकास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए भारी मात्रा में निवेश की आवश्यकता होती है।
  • झुग्गीवासियों का पुनर्वास: झुग्गीवासियों का पुनर्वास सुनियोजित ढंग से करना और उनकी सहमति प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।
  • राजनीतिक इच्छाशक्ति: इस प्रकार की बड़ी परियोजनाओं को सफल बनाने के लिए सरकार की ओर से मज़बूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है।
  • भूमि का स्वामित्व: दिल्ली में भूमि के स्वामित्व के मुद्दे जटिल हैं, और झुग्गीवासियों के अधिकारों को सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
  • पारदर्शिता और जवाबदेही: परियोजना की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है ताकि भ्रष्टाचार को रोका जा सके।

क्या धारावी मॉडल दिल्ली के लिए सही है?

यह सवाल सरल उत्तर नहीं रखता। धारावी मॉडल, जबकि आकर्षक, दिल्ली के संदर्भ में एक-आकार-फिट-सभी दृष्टिकोण नहीं हो सकता है। दिल्ली की झुग्गियों की अपनी अनूठी विशेषताएं और चुनौतियाँ हैं, और किसी भी पुनर्विकास योजना को इन विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए बनाया जाना चाहिए। सफलता के लिए, एक संशोधित दृष्टिकोण की आवश्यकता है जो स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप हो और झुग्गीवासियों की भागीदारी और सहमति सुनिश्चित करे।

“धारावी मॉडल को सीधे कॉपी-पेस्ट करने के बजाय, दिल्ली को एक ऐसा संकर मॉडल विकसित करना चाहिए जो स्थानीय संदर्भ को ध्यान में रखता हो।”

आगे की राह

दिल्ली में झुग्गियों के सफल पुनर्विकास के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • झुग्गीवासियों के साथ व्यापक परामर्श: उनकी आवाज़ को सुनना और उनकी आवश्यकताओं को समझना महत्वपूर्ण है।
  • पारदर्शी और जवाबदेह तंत्र: भ्रष्टाचार को रोकने और परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए।
  • स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल योजना: धारावी मॉडल को दिल्ली के संदर्भ में अनुकूलित करने की आवश्यकता है।
  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी: संसाधनों को जुटाने और परियोजना को कार्यान्वित करने के लिए।
  • मजबूत कानूनी ढांचा: झुग्गीवासियों के अधिकारों और पुनर्विकास प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए।
  • व्यापक पुनर्वास योजना: झुग्गीवासियों को आवास और रोजगार प्रदान करना।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

1. **कथन 1:** धारावी मॉडल मुंबई में झुग्गियों के पुनर्विकास का एक सफल उदाहरण है।
**कथन 2:** दिल्ली सरकार ने दिल्ली में झुग्गियों के विकास के लिए धारावी मॉडल को अपनाने का निर्णय लिया है।
a) केवल कथन 1 सही है
b) केवल कथन 2 सही है
c) दोनों कथन सही हैं
d) दोनों कथन गलत हैं

**उत्तर: a) केवल कथन 1 सही है** (व्याख्या: धारावी मॉडल सफल है, लेकिन दिल्ली में इसे सीधे लागू करने के लिए अभी और अध्ययन की आवश्यकता है।)

2. **कथन 1:** दिल्ली में झुग्गियों के पुनर्विकास में भूमि अधिग्रहण एक बड़ी चुनौती है।
**कथन 2:** धारावी मॉडल में निजी क्षेत्र की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
a) केवल कथन 1 सही है
b) केवल कथन 2 सही है
c) दोनों कथन सही हैं
d) दोनों कथन गलत हैं

**उत्तर: c) दोनों कथन सही हैं**

3. दिल्ली में झुग्गियों के पुनर्विकास के लिए गठित समिति में कितने सदस्य हैं?
a) 5
b) 7
c) 9
d) 11

**उत्तर: c) 9**

4. धारावी मॉडल किस शहर में स्थित है?
a) दिल्ली
b) मुंबई
c) कोलकाता
d) चेन्नई

**उत्तर: b) मुंबई**

5. झुग्गियों के पुनर्विकास में किसकी भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है?
a) केवल सरकार
b) केवल निजी क्षेत्र
c) सरकार और निजी क्षेत्र दोनों
d) केवल झुग्गीवासी

**उत्तर: c) सरकार और निजी क्षेत्र दोनों**

6. धारावी मॉडल की सफलता का मुख्य कारक क्या है?
a) सरकारी निधि
b) विदेशी निवेश
c) झुग्गीवासियों की भागीदारी
d) नियमों में ढील

**उत्तर: c) झुग्गीवासियों की भागीदारी**

7. दिल्ली में झुग्गियों के पुनर्विकास में किस विभाग की मुख्य भूमिका है?
a) स्वास्थ्य विभाग
b) शिक्षा विभाग
c) आवास और शहरी मामलों का विभाग
d) परिवहन विभाग

**उत्तर: c) आवास और शहरी मामलों का विभाग**

8. झुग्गियों के पुनर्विकास में पारदर्शिता क्यों महत्वपूर्ण है?
a) यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है।
b) यह भ्रष्टाचार को रोकती है।
c) इसका कोई महत्व नहीं है।
d) यह केवल कागजी कार्यवाही है।

**उत्तर: b) यह भ्रष्टाचार को रोकती है।**

9. झुग्गियों के पुनर्विकास के लिए किस प्रकार के वित्तपोषण की आवश्यकता होती है?
a) केवल सरकारी ऋण
b) केवल विदेशी निवेश
c) सरकारी और निजी निवेश दोनों
d) केवल स्थानीय निवेश

**उत्तर: c) सरकारी और निजी निवेश दोनों**

10. झुग्गियों के पुनर्विकास के लिए किस प्रकार के समावेशी दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है?
a) केवल आर्थिक विकास
b) केवल सामाजिक विकास
c) आर्थिक और सामाजिक विकास दोनों
d) कोई विकास नहीं

**उत्तर: c) आर्थिक और सामाजिक विकास दोनों**

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. दिल्ली में झुग्गियों के पुनर्विकास के लिए धारावी मॉडल की उपयुक्तता का आकलन करें। क्या चुनौतियाँ हैं और इनसे कैसे निपटा जा सकता है?

2. दिल्ली में झुग्गियों के पुनर्विकास में झुग्गीवासियों की भागीदारी को कितना महत्वपूर्ण माना जाता है? इस भागीदारी को कैसे सुनिश्चित किया जा सकता है?

3. धारावी मॉडल और अन्य शहरी पुनर्विकास मॉडल की तुलना करें। दिल्ली के संदर्भ में सबसे उपयुक्त मॉडल क्या होगा और क्यों?

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