डायमंड से सामान्य विज्ञान: अपनी परीक्षा तैयारी को मजबूत करें
परिचय: नमस्कार, भावी सरकारी कर्मचारियों! प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की गहन समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह विषय न केवल सैद्धांतिक ज्ञान का परीक्षण करता है, बल्कि हमारे आसपास की दुनिया को समझने की हमारी क्षमता का भी मूल्यांकन करता है। आज, हम “Doubling Down on Diamond” जैसे सामयिक संकेत से प्रेरित होकर, भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण अवधारणाओं पर आधारित 25 बहुविकल्पीय प्रश्नों का एक व्यापक सेट प्रस्तुत कर रहे हैं। ये प्रश्न आपकी परीक्षा की तैयारी को परखने और ज्ञान को पुष्ट करने में सहायक होंगे। आइए, इन चुनौतियों का सामना करें और अपनी विशेषज्ञता को निखारें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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हीरे का कठोरतम रूप से संबंधित कौन सा गुण उसके उपयोग के लिए सबसे महत्वपूर्ण है?
- (a) उच्च अपवर्तनांक (High Refractive Index)
- (b) उत्कृष्ट ऊष्मा चालकता (Excellent Thermal Conductivity)
- (c) असाधारण कठोरता (Exceptional Hardness)
- (d) उच्च विद्युत प्रतिरोधकता (High Electrical Resistivity)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मोह स्केल (Mohs Scale) पर हीरे को 10 की रेटिंग प्राप्त है, जो इसे प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले सबसे कठोर पदार्थों में से एक बनाता है। इसकी कठोरता इसके कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधों (covalent bonds) के कारण होती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण कठोरता इसे कटाई, पीसने और अन्य अपघर्षक (abrasive) अनुप्रयोगों के लिए आदर्श बनाती है। उच्च अपवर्तनांक इसे गहनों में चमक देता है, ऊष्मा चालकता कुछ विशेष इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन कठोरता ही वह प्राथमिक गुण है जो इसके औद्योगिक उपयोगों को परिभाषित करता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कार्बन का एक अपरूप (allotrope) होने के नाते, हीरे की क्रिस्टल संरचना क्या है?
- (a) षट्कोणीय (Hexagonal)
- (b) घनाकार (Cubic)
- (c) त्रिकोणीय (Trigonal)
- (d) चतुष्फलकीय (Tetrahedral)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरा कार्बन का एक क्रिस्टलीय रूप है जिसमें प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से चतुष्फलकीय (tetrahedral) रूप से जुड़ा होता है, जिससे एक त्रि-आयामी जाली (three-dimensional lattice) बनती है। यह व्यवस्था सबसे स्थिर घनीय (cubic) क्रिस्टल प्रणाली में फिट होती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की उत्कृष्ट कठोरता और उच्च गलनांक (high melting point) इसी विशिष्ट घनीय, चतुष्फलकीय व्यवस्था के कारण है, जहाँ प्रत्येक कार्बन-कार्बन बंधन अत्यंत मजबूत होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) उच्च क्यों होता है, जिससे उसमें असाधारण चमक आती है?
- (a) कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत अंतर-आणविक बल (Strong intermolecular forces)
- (b) प्रकाश को अवशोषित करने की इसकी क्षमता (Its ability to absorb light)
- (c) प्रकाश के प्रकीर्णन (scattering) का उच्च स्तर
- (d) कार्बन परमाणुओं के इलेक्ट्रॉनों के कारण प्रकाश का कुशल विक्षेपण (Efficient deflection of light by electrons)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का अपवर्तनांक इस बात पर निर्भर करता है कि प्रकाश कितनी आसानी से उसके इलेक्ट्रॉनों के साथ इंटरैक्ट करता है। हीरे में, कार्बन परमाणु एक घनी और कठोर संरचना बनाते हैं, और उनके इलेक्ट्रॉनों की व्यवस्था प्रकाश को अत्यधिक विक्षेपित (deflect) करती है, जिससे उच्च अपवर्तनांक प्राप्त होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) प्रकाश को अधिक विक्षेपित करता है, जिससे यह ‘आग’ (fire) और चमक प्रदर्शित करता है। यह प्रकाश के अवशोषण या प्रकीर्णन से संबंधित नहीं है, बल्कि प्रकाश के माध्यम से गुजरने पर उसके पथ में परिवर्तन से संबंधित है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे के निर्माण के लिए कौन सी विशिष्ट परिस्थितियाँ आवश्यक हैं?
- (a) कम तापमान और उच्च दबाव (Low temperature and high pressure)
- (b) कम तापमान और कम दबाव (Low temperature and low pressure)
- (c) उच्च तापमान और कम दबाव (High temperature and low pressure)
- (d) उच्च तापमान और उच्च दबाव (High temperature and high pressure)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पृथ्वी की सतह के नीचे अत्यधिक गहराई पर, जहां कार्बन बहुत उच्च तापमान (लगभग 1000-1400 डिग्री सेल्सियस) और बहुत उच्च दबाव (लगभग 45-60 किलोबार) का सामना करता है, कार्बन परमाणु एक हीरे की संरचना में व्यवस्थित हो सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): ये चरम स्थितियाँ कार्बन परमाणुओं को एक साथ घनी और स्थिर हीरे की जाली बनाने के लिए मजबूर करती हैं। कम तापमान या दबाव पर, कार्बन ग्रेफाइट (graphite) के रूप में क्रिस्टलीकृत होता है, जो हीरे की तुलना में बहुत नरम होता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे की उत्कृष्ट ऊष्मा चालकता का क्या कारण है?
- (a) यह एक धातु है (It is a metal)
- (b) इलेक्ट्रॉनों का मुक्त प्रवाह (Free flow of electrons)
- (c) कंपनशील जाली (vibrating lattice)
- (d) उच्च घनत्व (High density)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे में, कार्बन परमाणु एक अत्यंत मजबूत और कठोर जाली बनाते हैं। जब ऊष्मा ऊर्जा लागू की जाती है, तो यह जाली के माध्यम से कंपन (vibrations) के रूप में प्रसारित होती है, जिसे फोनन (phonons) कहा जाता है। ये फोनन ऊष्मा का कुशल हस्तांतरण करते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं (जैसे धातुओं में), इसलिए इसकी ऊष्मा चालकता इलेक्ट्रॉनों के कारण नहीं होती है। इसके बजाय, यह इसकी मजबूत सहसंयोजक बंधों से बंधी जाली की कुशल कंपन संचरण क्षमता के कारण होती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे को जलाने के लिए किस गैस की उपस्थिति आवश्यक है?
- (a) नाइट्रोजन (Nitrogen)
- (b) ऑक्सीजन (Oxygen)
- (c) हाइड्रोजन (Hydrogen)
- (d) आर्गन (Argon)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): दहन (combustion) एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ ऑक्सीजन की उपस्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया करता है, जिससे गर्मी और प्रकाश उत्पन्न होता है। कार्बन (हीरे का मुख्य घटक) का दहन कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) बनाने के लिए ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे को जलाने के लिए ऑक्सीजन आवश्यक है। अभिक्रिया इस प्रकार है: C (हीरा) + O2 (गैस) → CO2 (गैस)। अन्य गैसें दहन में सहायक नहीं होतीं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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तापमान पर जब हीरे को हवा में गर्म किया जाता है, तो यह क्या उत्पाद बनाता है?
- (a) कार्बन मोनोऑक्साइड (Carbon monoxide)
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide)
- (c) शुद्ध कार्बन (Pure carbon)
- (d) जल (Water)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जैसा कि ऊपर बताया गया है, हीरे (जो कार्बन है) का हवा में दहन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्पादन करता है। हवा में ऑक्सीजन की अधिकता के कारण, पूर्ण दहन होता है।
व्याख्या (Explanation): यदि ऑक्सीजन सीमित मात्रा में हो, तो कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) भी बन सकता है, लेकिन सामान्य वायुमंडलीय परिस्थितियों में पूर्ण दहन से मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) बनता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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‘हीरे का संक्षारण’ (corrosion of diamond) से क्या तात्पर्य है?
- (a) हीरे का पानी से प्रतिक्रिया करना
- (b) हीरे का धातुओं से प्रतिक्रिया करना
- (c) हीरे का उच्च तापमान पर ऑक्सीकरण (oxidation) होना
- (d) हीरे का अम्लों से प्रतिक्रिया करना
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): संक्षारण (corrosion) आमतौर पर धातुओं के क्षय को संदर्भित करता है, लेकिन व्यापक अर्थों में, यह किसी पदार्थ का उसके पर्यावरण के साथ प्रतिक्रिया करके मूल अवस्था से खराब होने की प्रक्रिया है। उच्च तापमान पर, हीरा ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके ऑक्सीकृत हो सकता है।
व्याख्या (Explanation): हालांकि हीरा रासायनिक रूप से बहुत निष्क्रिय (inert) होता है, लेकिन लगभग 850 डिग्री सेल्सियस से ऊपर हवा में गर्म करने पर यह ऑक्सीकृत होकर CO2 बना सकता है। इसे ही हीरे के ‘संक्षारण’ का एक रूप माना जा सकता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव शरीर में, हीरे की तरह क्रिस्टलीय संरचना का मुख्य कार्य क्या है, जो संबंधित है?
- (a) ऑक्सीजन का परिवहन
- (b) हड्डियों और दांतों का निर्माण
- (c) ऊर्जा का भंडारण
- (d) आनुवंशिक जानकारी का भंडारण
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हड्डियों और दांतों का मुख्य संरचनात्मक घटक कैल्शियम फास्फेट (calcium phosphate) है, जो एक क्रिस्टलीय यौगिक है। यद्यपि इसकी संरचना हीरे जैसी नहीं है, यह खनिज क्रिस्टलीकरण (mineral crystallization) का एक उदाहरण है जो कठोरता प्रदान करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की कठोरता को दर्शाने के लिए, हमें शरीर में ऐसे घटकों की तलाश करनी होगी जो कठोरता प्रदान करते हैं। हड्डियां और दांत, कैल्शियम फास्फेट के क्रिस्टल के साथ, इस संदर्भ में सबसे उपयुक्त हैं। ऑक्सीजन का परिवहन हीमोग्लोबिन द्वारा, ऊर्जा का भंडारण वसा या ग्लाइकोजन द्वारा, और आनुवंशिक जानकारी डीएनए द्वारा की जाती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा एक प्राकृतिक क्रिस्टलीय रूप में मौजूद है और हीरे के समान ही कठोरता के करीब है?
- (a) क्वार्ट्ज (Quartz)
- (b) कोरंडम (Corundum)
- (c) टोपाज़ (Topaz)
- (d) फेलडस्पर (Feldspar)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मोह स्केल पर, कोरंडम (एल्यूमीनियम ऑक्साइड, Al2O3) की कठोरता 9 है, जबकि हीरा 10 है। यह हीरे के बाद दूसरा सबसे कठोर प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला खनिज है।
व्याख्या (Explanation): क्वार्ट्ज की मोह कठोरता 7, टोपाज़ की 8 और फेलडस्पर की 6 होती है। कोरंडम, जिसमें रूबी और नीलमणि शामिल हैं, अपनी उच्च कठोरता के लिए जाना जाता है, जो इसे अपघर्षक और पॉलिशिंग एजेंट के रूप में उपयोगी बनाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कार्बन की वह कौन सी अवस्था है जो सामान्य तापमान और दबाव (STP) पर सबसे स्थिर होती है?
- (a) हीरा (Diamond)
- (b) ग्रेफाइट (Graphite)
- (c) फुलरीन (Fullerenes)
- (d) चारकोल (Charcoal)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): थर्मोडायनामिक्स (thermodynamics) के अनुसार, सामान्य तापमान (25°C) और दबाव (1 atm) पर कार्बन का सबसे स्थिर अपरूप ग्रेफाइट है।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट में कार्बन परमाणु षट्कोणीय छल्लों (hexagonal rings) में व्यवस्थित होते हैं, जो परतों (layers) में एक-दूसरे पर रखे होते हैं। ये परतें कमजोर वैन डेर वाल्स बलों (van der Waals forces) से जुड़ी होती हैं, जिससे वे आसानी से एक-दूसरे पर फिसल सकती हैं, यही कारण है कि ग्रेफाइट नरम और चिकना होता है। हीरे में, सभी परमाणु सहसंयोजक बंधों से मजबूती से जुड़े होते हैं, लेकिन इसकी घनी संरचना सामान्य परिस्थितियों में कम स्थिर होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा एक कारण है कि कृत्रिम हीरे (synthetic diamonds) का उत्पादन किया जाता है?
- (a) प्राकृतिक हीरे की तुलना में सस्ती लागत
- (b) विशिष्ट औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए अनुकूलित गुण
- (c) कीमती आभूषणों की बढ़ती मांग
- (d) रासायनिक प्रयोगशालाओं में अध्ययन के लिए
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हालांकि कृत्रिम हीरे का उपयोग आभूषणों में भी होता है, लेकिन उनका प्राथमिक औद्योगिक महत्व यह है कि उन्हें विशिष्ट अनुप्रयोगों (जैसे कटाई, इलेक्ट्रॉनिक्स, लेजर) के लिए आवश्यक गुणों (जैसे शुद्धता, आकार, या डोपिंग) के साथ निर्मित किया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): कृत्रिम हीरे का उत्पादन उच्च दबाव-उच्च तापमान (HPHT) या रासायनिक वाष्प जमाव (CVD) जैसी विधियों का उपयोग करके किया जाता है। ये विधियाँ वैज्ञानिकों को हीरे के सूक्ष्म-संरचना और गुणों को नियंत्रित करने की अनुमति देती हैं, जो प्राकृतिक रूप से प्राप्त करना कठिन या असंभव हो सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे में कार्बन-कार्बन बंध की प्रकृति क्या है?
- (a) आयनिक (Ionic)
- (b) सहसंयोजक (Covalent)
- (c) धात्विक (Metallic)
- (d) हाइड्रोजन (Hydrogen)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंध बनाता है। ये बंध इलेक्ट्रॉनों की साझा करने से बनते हैं और अत्यंत मजबूत होते हैं।
व्याख्या (Explanation): सहसंयोजक बंध कार्बन की बाहरी कक्षा में चार संयोजी इलेक्ट्रॉनों (valence electrons) की व्यवस्था के कारण बनते हैं, जहां प्रत्येक परमाणु चार अन्य परमाणुओं के साथ एक-एक इलेक्ट्रॉन साझा करता है, जिससे प्रत्येक कार्बन परमाणु के चारों ओर आठ इलेक्ट्रॉन होते हैं। आयनिक बंध इलेक्ट्रॉनों के हस्तांतरण से बनते हैं, धात्विक बंध धातुओं में होते हैं, और हाइड्रोजन बंध कमजोर अंतरा-आणविक बल होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्न में से कौन सा पदार्थ विद्युत का सुचालक (conductor) है?
- (a) हीरा (Diamond)
- (b) ग्रेफाइट (Graphite)
- (c) सल्फर (Sulphur)
- (d) प्लास्टिक (Plastic)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता के लिए मुक्त या विस्थापित (delocalized) इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति आवश्यक है। ग्रेफाइट में, कार्बन परमाणुओं के बीच ‘पाई’ (π) इलेक्ट्रॉनों का एक डेलोकलाइज्ड सिस्टम होता है जो परतों के माध्यम से स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन सहसंयोजक बंधों में बंधे होते हैं और स्वतंत्र रूप से नहीं घूम सकते, इसलिए यह एक उत्कृष्ट विद्युत अचालक (insulator) है। सल्फर और प्लास्टिक भी आमतौर पर विद्युत के अचालक होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कार्बन का कौन सा अपरूप ‘डायमंड की तरह’ कठोरता प्रदर्शित नहीं करता है?
- (a) फुलेरीन (Fullerenes)
- (b) नैनोट्यूब (Nanotubes)
- (c) ग्राफीन (Graphene)
- (d) कोयला (Coal)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फुलेरीन, नैनोट्यूब और ग्राफीन सभी कार्बन के अपरूप हैं जो मजबूत सहसंयोजक बंधों और/या विशिष्ट संरचनाओं के कारण अत्यंत मजबूत और कठोर हो सकते हैं। कोयला, हालांकि कार्बन युक्त है, एक अमोर्फस (amorphous) पदार्थ है जो शुद्ध कार्बन क्रिस्टल नहीं है, और इसकी कठोरता अपेक्षाकृत कम होती है।
व्याख्या (Explanation): कोयला मुख्य रूप से कार्बन का एक जटिल मिश्रण है जिसमें हाइड्रोजन, सल्फर और अन्य अशुद्धियाँ भी होती हैं। इसकी संरचना हीरे की तरह व्यवस्थित नहीं है, इसलिए यह हीरे की कठोरता का प्रदर्शन नहीं करता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे का उपयोग अपघर्षक (abrasive) के रूप में क्यों किया जाता है?
- (a) इसकी उच्च अपवर्तकता
- (b) इसकी उच्च चालकता
- (c) इसकी असाधारण कठोरता
- (d) इसका रासायनिक स्थायित्व
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एक अपघर्षक वह सामग्री है जिसका उपयोग किसी वस्तु की सतह को खरोंचने, पॉलिश करने या चिकना करने के लिए किया जाता है। इसके लिए सामग्री का अत्यंत कठोर होना आवश्यक है ताकि वह जिस वस्तु को तराश रहा है, उससे नरम न हो।
व्याख्या (Explanation): हीरे की मोह स्केल पर 10 की रेटिंग, जो इसे अन्य सभी ज्ञात प्राकृतिक खनिजों से कठोर बनाती है, इसे विभिन्न कटाई, पीसने और पॉलिशिंग औजारों के लिए एक आदर्श अपघर्षक बनाती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कार्बन परमाणु के बाहरी कोश (outer shell) में कितने संयोजी इलेक्ट्रॉन (valence electrons) होते हैं?
- (a) 1
- (b) 2
- (c) 3
- (d) 4
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन का परमाणु क्रमांक 6 है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (electronic configuration) 2, 4 है। इसका मतलब है कि इसके बाहरी कोश में 4 संयोजी इलेक्ट्रॉन होते हैं।
व्याख्या (Explanation): ये 4 संयोजी इलेक्ट्रॉन ही इसे हीरे जैसी कठोर संरचना बनाने के लिए अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ चार सहसंयोजक बंध बनाने की अनुमति देते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे में ‘आग’ (fire) या इंद्रधनुषी रंग की चमक किस घटना के कारण होती है?
- (a) पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection)
- (b) विवर्तन (Diffraction)
- (c) प्रकीर्णन (Scattering)
- (d) अपवर्तन (Refraction)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जब प्रकाश हीरे के अंदर प्रवेश करता है, तो वह अपवर्तित होता है और फिर उसके आंतरिक पृष्ठों से बार-बार परावर्तित होता है। हीरे के उच्च अपवर्तनांक और महत्वपूर्ण कोण (critical angle) के कारण, कई प्रकाश किरणें पूर्ण आंतरिक परावर्तन (TIR) का अनुभव करती हैं। जब ये किरणें हीरे से बाहर निकलती हैं, तो वे विभिन्न रंगों में विभाजित हो जाती हैं (जैसे प्रिज़्म से), जिससे ‘आग’ का प्रभाव पैदा होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) इसे एक छोटा महत्वपूर्ण कोण (लगभग 24.4 डिग्री) देता है, जिससे TIR की संभावना बढ़ जाती है। यह अपवर्तन से भिन्न है, जो केवल प्रकाश के झुकने को संदर्भित करता है, और विवर्तन/प्रकीर्णन से भी भिन्न है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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मानव शरीर में, दांतों का सबसे बाहरी, सबसे कठोर परत क्या कहलाती है?
- (a) डेंटिन (Dentin)
- (b) इनेमल (Enamel)
- (c) सीमेंटम (Cementum)
- (d) पल्प (Pulp)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मानव शरीर में सबसे कठोर पदार्थ इनेमल है, जो दांतों को ढकने वाली सुरक्षात्मक बाहरी परत है। यह मुख्य रूप से हाइड्रॉक्सीएपेटाइट (hydroxyapatite) नामक खनिज से बना होता है।
व्याख्या (Explanation): इनेमल की कठोरता इसे चबाने के दौरान घर्षण और एसिड हमले से बचाती है। हालांकि यह हीरे जितना कठोर नहीं है, लेकिन यह हमारे शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है। डेंटिन इनेमल के नीचे की परत है, सीमेंटम दांतों को मसूड़ों से जोड़ने वाली परत है, और पल्प वह ऊतक है जिसमें नसें और रक्त वाहिकाएं होती हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कार्बन का कौन सा अपरूप प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) में प्रत्यक्ष रूप से भाग लेता है?
- (a) हीरा (Diamond)
- (b) ग्रेफाइट (Graphite)
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide)
- (d) कोई नहीं
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और पानी (H2O) से पोषक तत्व (जैसे ग्लूकोज) बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): पौधे वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और इसे ऊर्जा के स्रोत के रूप में उपयोग करते हैं। हीरा, ग्रेफाइट और अन्य ठोस कार्बन अपरूप प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में सीधे भाग नहीं लेते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे को पिघलाने के लिए आवश्यक तापमान क्या है?
- (a) 1000°C
- (b) 1500°C
- (c) 3500°C
- (d) हीरा बिना पिघले विघटित (decompose) हो जाता है
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे का एक बहुत ही स्थिर क्रिस्टल जाली होता है और यह बहुत उच्च तापमान पर भी पिघलता नहीं है। इसके बजाय, वायुमंडल में ऑक्सीजन की उपस्थिति में, यह लगभग 850°C पर जलना (oxidize) शुरू कर देता है, और निर्वात (vacuum) में, यह बहुत अधिक तापमान (लगभग 1500°C से ऊपर) पर ग्रेफाइट में परिवर्तित हो जाता है।
व्याख्या (Explanation): वैज्ञानिक संदर्भों में, हीरे का गलनांक (melting point) परिभाषित नहीं किया गया है क्योंकि यह पिघलने से पहले विघटित हो जाता है। यह उच्च तापमान पर कार्बन परमाणुओं के बीच बंधों के टूटने और पुनर्व्यवस्थित होने का परिणाम है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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निम्नलिखित में से किस औद्योगिक प्रक्रिया में हीरे को अक्सर एक कटिंग टूल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है?
- (a) कांच को काटना (Glass cutting)
- (b) धातु को काटना (Metal cutting)
- (c) रबर को काटना (Rubber cutting)
- (d) प्लास्टिक को काटना (Plastic cutting)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कांच की मोह कठोरता लगभग 5.5 से 7 के बीच होती है। चूंकि हीरे की कठोरता 10 है, यह कांच को आसानी से काट या खरोंच सकता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण कठोरता इसे उन सामग्रियों को काटने के लिए अत्यधिक प्रभावी बनाती है जो इससे नरम होती हैं, जैसे कांच, पत्थर और कुछ धातुएँ। धातुओं को काटने के लिए अक्सर कार्बाइड या सिरेमिक औजारों का उपयोग किया जाता है, हालांकि कुछ विशेष धातु मिश्र धातुओं को काटने के लिए हीरे की कोटिंग का उपयोग किया जा सकता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे को ‘लवणीय’ (lustrous) होने का गुण मुख्य रूप से किससे प्राप्त होता है?
- (a) इसकी चिकनी सतह
- (b) प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन
- (c) रासायनिक स्थिरता
- (d) इसकी क्रिस्टल संरचना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे की अत्यधिक चमक, या ‘लस्टर’, प्रकाश के उसके आंतरिक पृष्ठों से बार-बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन (TIR) के कारण होती है, जो प्रकाश को अंदर फंसा लेती है और जब यह बाहर निकलता है तो इसे बिखेर देती है।
व्याख्या (Explanation): हालांकि हीरे की क्रिस्टल संरचना और चिकनी सतह (पॉलिशिंग के बाद) इसके रूप में योगदान करते हैं, लेकिन ‘लस्टर’ का प्राथमिक कारण उच्च अपवर्तनांक के कारण होने वाला पूर्ण आंतरिक परावर्तन है, जो प्रकाश को वापस परावर्तित करता है और उसे रंगीन ‘आग’ में विभाजित करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मानव शरीर में, हीरे की तरह मजबूत कार्बनिक यौगिकों का एक उदाहरण जो प्रोटीन के निर्माण खंड हैं, क्या हैं?
- (a) शर्करा (Sugars)
- (b) लिपिड (Lipids)
- (c) अमीनो एसिड (Amino Acids)
- (d) न्यूक्लिक एसिड (Nucleic Acids)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमीनो एसिड कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन से बने कार्बनिक यौगिक हैं। वे प्रोटीन के निर्माण खंड हैं, और प्रोटीन विभिन्न जैविक कार्यों के लिए आवश्यक हैं, जिसमें संरचनात्मक सहायता भी शामिल है।
व्याख्या (Explanation): हालांकि अमीनो एसिड हीरे की तरह कठोर नहीं होते हैं, वे कार्बनिक रसायन शास्त्र के मूल निर्माण खंड हैं और जीवन की जटिल संरचनाओं को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रोटीन अपने आप में जटिल त्रि-आयामी संरचनाएँ बनाते हैं। शर्करा ऊर्जा प्रदान करते हैं, लिपिड कोशिका झिल्ली बनाते हैं और ऊर्जा संग्रहीत करते हैं, और न्यूक्लिक एसिड (जैसे डीएनए) आनुवंशिक जानकारी ले जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रासायनिक रूप से, हीरा किसका एक रूप (form) है?
- (a) कार्बन का यौगिक (Compound of Carbon)
- (b) कार्बन का तत्व (Element of Carbon)
- (c) कार्बन और ऑक्सीजन का मिश्रण (Mixture of Carbon and Oxygen)
- (d) कार्बन और हाइड्रोजन का यौगिक (Compound of Carbon and Hydrogen)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरा शुद्ध कार्बन का एक क्रिस्टलीय रूप है। कार्बन एक रासायनिक तत्व है, और हीरा इसका एक अपरूप (allotrope) है।
व्याख्या (Explanation): एक यौगिक दो या दो से अधिक तत्वों के रासायनिक रूप से बंधे होने से बनता है, जबकि एक तत्व एक ही प्रकार के परमाणुओं से बना होता है। मिश्रण में, घटक रासायनिक रूप से बंधे नहीं होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।