डायमंड से जुड़े विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: सामान्य विज्ञान तैयारी
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान का महत्व सर्वोपरि है। भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के क्षेत्रों से पूछे जाने वाले प्रश्न आपके स्कोर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। “Doubling Down on Diamond” जैसे विषय, भले ही सतही तौर पर विशिष्ट लगें, हमें विज्ञान के विभिन्न पहलुओं का पता लगाने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करते हैं। यहाँ, हम डायमंड (हीरा) से संबंधित 25 बहुविकल्पीय प्रश्न प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक को आपकी समझ को बढ़ाने के लिए विस्तृत व्याख्या के साथ हल किया गया है। अपनी सामान्य विज्ञान की तैयारी को परखने के लिए तैयार हो जाइए!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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हीरे का रासायनिक सूत्र क्या है?
- (a) CO₂
- (b) C
- (c) SiO₂
- (d) CaCO₃
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र किसी यौगिक में परमाणुओं की संख्या और प्रकार को दर्शाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन (Carbon) का एक अपरूप (allotrope) है, जिसका अर्थ है कि यह केवल कार्बन परमाणुओं से बना है। इसलिए, इसका रासायनिक सूत्र ‘C’ है। CO₂ कार्बन डाइऑक्साइड है, SiO₂ सिलिकॉन डाइऑक्साइड (रेत का मुख्य घटक) है, और CaCO₃ कैल्शियम कार्बोनेट (चूना पत्थर) है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरा अपने असाधारण कठोरता का गुण किस प्रकार के बंधन के कारण दर्शाता है?
- (a) आयनिक बंधन
- (b) सहसंयोजक बंधन
- (c) धात्विक बंधन
- (d) हाइड्रोजन बंधन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बंधों के प्रकार पदार्थ के भौतिक गुणों को निर्धारित करते हैं। सहसंयोजक बंधन में, परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करते हैं, जिससे मजबूत संरचनाएं बनती हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंधन (covalent bonds) बनाता है, जिससे एक त्रि-आयामी (3D) त्रिकोणीय पिरामिड (tetrahedral) संरचना बनती है। ये सहसंयोजक बंधन अत्यंत मजबूत होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप हीरा अत्यधिक कठोर होता है। आयनिक बंधन आयनों के बीच होते हैं, धात्विक बंधन धातुओं में होते हैं, और हाइड्रोजन बंधन अणुओं के बीच कमजोर आकर्षण होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा कथन हीरे की विद्युत चालकता के बारे में सत्य है?
- (a) हीरा एक उत्कृष्ट विद्युत चालक है।
- (b) हीरा एक अर्धचालक (semiconductor) है।
- (c) हीरा एक विद्युत रोधी (insulator) है।
- (d) हीरे की विद्युत चालकता तापमान पर निर्भर करती है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन (valence electrons) कार्बन परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बंधों में मजबूती से बंधे होते हैं। इलेक्ट्रॉनों को स्थानांतरित करने के लिए कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन या आयन नहीं होते हैं, इसलिए हीरा विद्युत का एक उत्कृष्ट रोधी (insulator) है। कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में, हीरे को डोप करके अर्धचालक बनाया जा सकता है, लेकिन प्राकृतिक रूप से यह एक रोधी है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे की चमक (brilliance) का मुख्य कारण क्या है?
- (a) उच्च घनत्व
- (b) उच्च अपवर्तनांक (high refractive index)
- (c) प्रकाश का प्रकीर्णन (scattering of light)
- (d) अवशोषण स्पेक्ट्रम
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक (Refractive Index) प्रकाश की गति में परिवर्तन को मापता है जब यह एक माध्यम से दूसरे माध्यम में गुजरता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक (लगभग 2.42) बहुत अधिक होता है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह बहुत धीरे-धीरे मुड़ता है, जिससे “कुल आंतरिक परावर्तन” (Total Internal Reflection) की संभावना बढ़ जाती है। हीरे की कटाई और पॉलिशिंग इस तरह से की जाती है कि प्रकाश हीरे के अंदर कई बार परावर्तित हो और फिर उस कोण पर बाहर निकले जिससे वह चमकता हुआ दिखाई दे। उच्च घनत्व और प्रकीर्णन इसके चमकने में सहायक हो सकते हैं, लेकिन मुख्य कारण उच्च अपवर्तनांक है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे में कार्बन परमाणुओं के बीच की दूरी लगभग कितनी होती है?
- (a) 154 pm
- (b) 100 pm
- (c) 200 pm
- (d) 50 pm
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन लंबाई (Covalent bond length) परमाणुओं के बीच की दूरी को दर्शाती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन-कार्बन सहसंयोजक बंधन की लंबाई लगभग 154 पिकोमीटर (pm) होती है। यह दूरी कार्बन के sp³ संकरण (hybridization) और मजबूत सहसंयोजक बंधों के कारण होती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे का उपयोग किस प्रकार के अपघर्षक (abrasive) के रूप में किया जाता है?
- (a) महीन पीसने के लिए
- (b) भारी कटाई और चमकाने के लिए
- (c) केवल पॉलिशिंग के लिए
- (d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle):Mohs पैमाने पर हीरे की कठोरता 10 होती है, जो इसे सबसे कठोर ज्ञात प्राकृतिक पदार्थ बनाती है।
व्याख्या (Explanation): अपनी अत्यधिक कठोरता के कारण, हीरे का उपयोग उन सामग्रियों को काटने, पीसने और पॉलिश करने के लिए किया जाता है जिन्हें अन्य अपघर्षकों से संसाधित करना मुश्किल होता है। इसका उपयोग भारी औद्योगिक कटाई, ड्रिलिंग, और विशेष चमकाने वाले यौगिकों में किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे के स्पेक्ट्रम में पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection) की सीमा कोण (critical angle) का मान लगभग कितना होता है?
- (a) 24.4°
- (b) 45°
- (c) 30°
- (d) 60°
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्रांतिक कोण (Critical Angle) वह आपतन कोण (angle of incidence) है जिस पर प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाते समय अपवर्तन के बजाय पूर्ण आंतरिक परावर्तन से गुजरता है। इसका सूत्र sin(c) = 1/n है, जहाँ n अपवर्तनांक है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक लगभग 2.42 है। इसलिए, क्रांतिक कोण (c) sin⁻¹(1/2.42) ≈ sin⁻¹(0.413) ≈ 24.4° होता है। यही कारण है कि हीरे के अंदर प्रकाश का अधिकांश भाग बार-बार परावर्तित होता है, जिससे वह अत्यधिक चमकदार दिखाई देता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे को कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) में पूर्ण दहन (complete combustion) के लिए आवश्यक है:
- (a) ऑक्सीजन की अधिकता
- (b) ऑक्सीजन की कमी
- (c) नमी
- (d) उत्प्रेरक
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पूर्ण दहन (complete combustion) तब होता है जब किसी पदार्थ का ऑक्सीजन के साथ पूरी तरह से ऑक्सीकरण होता है, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड और पानी (यदि हाइड्रोजन मौजूद हो) जैसे उत्पाद बनते हैं।
व्याख्या (Explanation): कार्बन (हीरा) के पूर्ण दहन का रासायनिक समीकरण C + O₂ → CO₂ है। इस अभिक्रिया के लिए ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा (अधिकता) आवश्यक है ताकि कार्बन का पूर्ण ऑक्सीकरण CO₂ में हो सके। ऑक्सीजन की कमी होने पर कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) भी बन सकती है, जो अपूर्ण दहन का संकेत है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे के पिघलने का बिंदु (melting point) क्या है?
- (a) ~1500 °C
- (b) ~2000 °C
- (c) ~3550 °C
- (d) हीरा पिघलता नहीं है, बल्कि अपघटित होता है।
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थों के गलनांक (melting point) वह तापमान होता है जिस पर वे ठोस से तरल अवस्था में परिवर्तित होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे का गलनांक अत्यंत उच्च होता है। हालांकि, सामान्य वायुमंडलीय दबाव पर, हीरा पिघलने के बजाय लगभग 3550 °C पर सीधे ग्रेफाइट में बदल जाता है (sublimes)। उच्च दबाव पर, यह लगभग 4027 °C पर पिघल सकता है, लेकिन यह एक अत्यंत चरम स्थिति है। सामान्य संदर्भ में, इसे पिघलता नहीं माना जाता, बल्कि यह अपघटित होकर अन्य रूप धारण कर लेता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे के निर्माण में किस प्रकार के संकरण (hybridization) का उपयोग होता है?
- (a) sp
- (b) sp²
- (c) sp³
- (d) dsp³
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): संकरण (hybridization) परमाणु कक्षकों (atomic orbitals) का मिश्रण है जो नए संकरित कक्षक (hybrid orbitals) बनाते हैं, जो बंधन निर्माण के लिए आवश्यक होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सिग्मा बंधन (sigma bonds) बनाता है। यह sp³ संकरण का परिणाम है, जिसमें एक s कक्षक और तीन p कक्षक मिलकर चार sp³ संकरित कक्षक बनाते हैं। ये कक्षक चतुष्फलकीय (tetrahedral) रूप से व्यवस्थित होते हैं, जो हीरे की त्रि-आयामी संरचना का आधार है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का सबसे आम औद्योगिक अनुप्रयोग क्या है?
- (a) आभूषण बनाना
- (b) कटिंग और ग्राइंडिंग उपकरण
- (c) विद्युत तार
- (d) चिकित्सा उपकरण
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ के भौतिक गुण उसके अनुप्रयोगों को निर्धारित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे की अत्यधिक कठोरता इसे कटाई (cutting), पीसने (grinding), ड्रिलिंग (drilling), और पॉलिशिंग (polishing) जैसे औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए आदर्श बनाती है। आभूषणों में इसका उपयोग भी व्यापक है, लेकिन औद्योगिक क्षेत्र में इसकी उपयोगिता इसकी कठोरता से आती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का उपयोग निम्नलिखित में से किस प्रकार के लेजर (laser) में किया जा सकता है?
- (a) CO₂ लेजर
- (b) डायोड लेजर
- (c) हीरे का उपयोग लेजर माध्यम के रूप में नहीं किया जाता है।
- (d) डायमंड-टर्न लेजर
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): लेजर माध्यम (laser medium) वह पदार्थ है जो प्रकाश के उत्तेजित उत्सर्जन (stimulated emission) से लेजर बीम उत्पन्न करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की इलेक्ट्रॉनिक संरचना उसे लेजर माध्यम के रूप में उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं बनाती है। लेजर के लिए विशिष्ट क्वांटम गुणों (quantum properties) की आवश्यकता होती है जो हीरे में नहीं पाए जाते हैं। हालांकि, हीरे का उपयोग लेजर के लिए लेंस या विंडो के रूप में किया जा सकता है क्योंकि यह पारदर्शी होता है और उच्च शक्ति वाले लेजर से क्षतिग्रस्त नहीं होता है, लेकिन यह स्वयं लेजर माध्यम नहीं है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे की कठोरताMohs पैमाने पर कितनी है?
- (a) 5
- (b) 7
- (c) 8
- (d) 10
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): Mohs पैमाना खनिजों की सापेक्ष कठोरता को मापता है।
व्याख्या (Explanation): Mohs पैमाना 1 से 10 तक होता है, जहाँ 10 सबसे कठोर होता है। हीरा Mohs पैमाने पर 10 के साथ सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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किस तापमान पर हीरा कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) में जलने लगता है?
- (a) 500 °C
- (b) 850 °C
- (c) 1200 °C
- (d) 1500 °C
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का ज्वलन तापमान (ignition temperature) वह न्यूनतम तापमान है जिस पर वह हवा या ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलना शुरू कर देता है।
व्याख्या (Explanation): सामान्य वायुमंडलीय दबाव पर, जब हवा में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा मौजूद हो, तो हीरा लगभग 850 °C (1562 °F) पर जलना शुरू कर देता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कौन सा वैज्ञानिक हीरे की क्रिस्टल संरचना (crystal structure) का अध्ययन करने के लिए एक्स-रे विवर्तन (X-ray diffraction) का उपयोग करने वाले शुरुआती लोगों में से एक था?
- (a) अल्बर्ट आइंस्टीन
- (b) मैरी क्यूरी
- (c) मैक्स वॉन लाउ
- (d) जे.जे. थॉमसन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एक्स-रे विवर्तन (X-ray diffraction) क्रिस्टलीय पदार्थों की संरचना का अध्ययन करने की एक महत्वपूर्ण तकनीक है।
व्याख्या (Explanation): मैक्स वॉन लाउ (Max von Laue) ने 1912 में क्रिस्टलों पर एक्स-रे के विवर्तन की खोज की थी, जिसने पहली बार क्रिस्टलीय पदार्थों की आंतरिक संरचना को समझने का मार्ग प्रशस्त किया। इस तकनीक का उपयोग करके हीरे की टेट्राहेड्रल (tetrahedral) संरचना की पुष्टि की गई।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे के रंग (color) का कारण क्या हो सकता है?
- (a) केवल अशुद्धियाँ
- (b) कार्बन परमाणुओं की व्यवस्था में भिन्नता
- (c) उपरोक्त दोनों
- (d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थों के रंग अक्सर उनकी संरचना या उनमें मौजूद अशुद्धियों से जुड़े होते हैं जो प्रकाश को अवशोषित और परावर्तित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे के रंग के कई कारण हो सकते हैं। अधिकांश रंग ट्रेस अशुद्धियों (trace impurities) जैसे नाइट्रोजन (पीला रंग) या बोरॉन (नीला रंग) के कारण होते हैं। इसके अलावा, क्रिस्टल लैटिस (crystal lattice) में विकृतियाँ या दोष (defects) भी रंग उत्पन्न कर सकते हैं, जैसे कि गुलाबी या लाल रंग के हीरे।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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“औद्योगिक हीरा” (industrial diamond) शब्द का प्रयोग आमतौर पर किस प्रकार के हीरे के लिए किया जाता है?
- (a) उच्च गुणवत्ता वाले रत्न-ग्रेड हीरे
- (b) छोटे, खराब रंग वाले या अपूर्ण हीरे
- (c) कृत्रिम रूप से बनाए गए हीरे
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए सामग्री का चयन उसकी कार्यक्षमता और लागत-प्रभावशीलता पर निर्भर करता है।
व्याख्या (Explanation): “औद्योगिक हीरा” शब्द का प्रयोग उन हीरों के लिए किया जाता है जो रत्न गुणवत्ता के मानकों को पूरा नहीं करते हैं। इनमें छोटे आकार, रंगीनता, या स्पष्टता में कमी वाले हीरे शामिल होते हैं, जिनका उपयोग उनके गुणों (जैसे कठोरता) के कारण कटाई, पीसने और पॉलिशिंग जैसे औद्योगिक कार्यों में किया जाता है। सिंथेटिक हीरे का भी औद्योगिक उपयोग होता है, लेकिन “औद्योगिक हीरा” मुख्य रूप से प्राकृतिक, कम गुणवत्ता वाले हीरों को संदर्भित करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का सबसे महत्वपूर्ण रासायनिक गुण क्या है जो इसे विशेष बनाता है?
- (a) जल में घुलनशीलता
- (b) अम्लों के प्रति निष्क्रियता
- (c) क्षारकों के प्रति निष्क्रियता
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक निष्क्रियता (chemical inertness) का अर्थ है किसी पदार्थ की रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग न लेने की प्रवृत्ति।
व्याख्या (Explanation): हीरा रासायनिक रूप से बहुत निष्क्रिय होता है। यह जल में अघुलनशील होता है, और अधिकांश अम्लों (acids) तथा क्षारकों (bases) के साथ सामान्य तापमान पर अभिक्रिया नहीं करता है। उच्च तापमान पर, यह प्रबल ऑक्सीकारकों (strong oxidizing agents) के साथ अभिक्रिया कर सकता है। इसकी यह रासायनिक स्थिरता इसके कई अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे का उपयोग कटिंग टूल (cutting tools) में करते समय, निम्नलिखित में से कौन सा स्नेहक (lubricant) सबसे प्रभावी होता है?
- (a) पानी
- (b) तेल
- (c) ग्लिसरीन
- (d) इनमें से कोई नहीं (कोई स्नेहक आवश्यक नहीं है)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ रासायनिक अभिक्रियाएं उच्च तापमान पर होती हैं, और स्नेहक का चुनाव उस तापमान पर पदार्थ की प्रतिक्रिया पर निर्भर करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे को उच्च गति पर काटते या पीसते समय उत्पन्न गर्मी के कारण, तेल या ग्लिसरीन जैसे कार्बनिक स्नेहक उच्च तापमान पर अपघटित हो सकते हैं या प्रतिक्रिया कर सकते हैं। पानी एक अधिक स्थिर स्नेहक के रूप में कार्य करता है और हीरे को ठंडा रखता है, जिससे उसके तीव्र टूट-फूट (wear) को रोका जा सकता है, खासकर जब उच्च तापमान उत्पन्न हो रहा हो।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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निम्न में से किस प्रकार के प्रकाश को हीरा सबसे अधिक परावर्तित करता है?
- (a) अवरक्त (Infrared)
- (b) पराबैंगनी (Ultraviolet)
- (c) दृश्य (Visible)
- (d) सभी तरंग दैर्ध्य (wavelengths) समान रूप से
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थों का रंग और चमक इस बात पर निर्भर करती है कि वे प्रकाश के किन तरंग दैर्ध्य को अवशोषित करते हैं और परावर्तित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक मुख्य रूप से दृश्य प्रकाश (visible light) के लिए प्रभावी होता है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह दृश्य प्रकाश को कुशलतापूर्वक परावर्तित करता है, जिससे हीरे की चमक (sparkle) और आग (fire) उत्पन्न होती है। अवरक्त और पराबैंगनी प्रकाश के लिए इसके गुण भिन्न हो सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे के कार्बन परमाणुओं की जाली (lattice) का नाम क्या है?
- (a) षट्कोणीय (Hexagonal)
- (b) घनाकार (Cubic)
- (c) चतुष्फलकीय (Tetrahedral)
- (d) अष्टफलकीय (Octahedral)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्रिस्टल संरचनाएं परमाणुओं की एक नियमित, आवर्ती व्यवस्था का वर्णन करती हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे की क्रिस्टल संरचना फलक-केंद्रित घन (Face-Centered Cubic – FCC) जाली के समान है, जिसे हीरे की जाली (diamond cubic) के रूप में जाना जाता है। इसमें प्रत्येक परमाणु चार अन्य परमाणुओं से चतुष्फलकीय रूप से जुड़ा होता है, लेकिन समग्र रूप से यह घन (cubic) क्रिस्टल प्रणाली से संबंधित है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कौन सा प्राकृतिक घटनाक्रम हीरे के निर्माण के लिए आवश्यक है?
- (a) उच्च तापमान और निम्न दबाव
- (b) निम्न तापमान और उच्च दबाव
- (c) उच्च तापमान और उच्च दबाव
- (d) निम्न तापमान और निम्न दबाव
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ठोस अवस्था रसायन विज्ञान (solid-state chemistry) में, पदार्थ की अवस्थाएँ तापमान और दबाव पर निर्भर करती हैं।
व्याख्या (Explanation): प्राकृतिक हीरे पृथ्वी के मेंटल (mantle) में गहरे, लगभग 150-200 किमी की गहराई पर बनते हैं, जहाँ तापमान और दबाव दोनों बहुत अधिक होते हैं। अनुमानित स्थितियाँ लगभग 900-1300 °C (1650-2370 °F) और 4.5-6 GPa (45,000-60,000 atm) दबाव की होती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे को ‘Cubic Zirconia’ (CZ) से अलग करने के लिए किस गुण का उपयोग किया जाता है?
- (a) घनत्व (Density)
- (b) ऊष्मा चालकता (Thermal conductivity)
- (c) अपवर्तन सूचकांक (Refractive index)
- (d)Mohs कठोरता (Mohs hardness)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न पदार्थों के भौतिक गुण अलग-अलग होते हैं, जिनका उपयोग उन्हें पहचानने या अलग करने के लिए किया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): जबकि हीरे और CZ दोनों चमकदार होते हैं, हीरा असाधारण रूप से उच्च ऊष्मा चालकता (thermal conductivity) प्रदर्शित करता है, जो CZ की तुलना में बहुत अधिक है। एक डायमंड टेस्टर (diamond tester) उपकरण इसी गुण का उपयोग करके हीरे की पहचान करता है, क्योंकि यह गर्मी को बहुत तेज़ी से स्थानांतरित करता है।CZ का अपवर्तन सूचकांक भी थोड़ा अधिक हो सकता है, औरMohs कठोरता CZ के लिए 8-8.5 होती है (हीरे से कम), लेकिन ऊष्मा चालकता सबसे विशिष्ट अंतरों में से एक है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि हीरा पारदर्शी है, तो उसे इंद्रधनुषी रंग (rainbow colors) क्यों दिखाई देते हैं?
- (a) प्रकाश का प्रकीर्णन
- (b) प्रकाश का विवर्तन
- (c) प्रकाश का फैलाव (dispersion)
- (d) प्रकाश का ध्रुवीकरण (polarization)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश का फैलाव (dispersion) वह घटना है जिसमें श्वेत प्रकाश अपने घटक रंगों में विभाजित हो जाता है जब वह किसी ऐसे माध्यम से गुजरता है जिसका अपवर्तनांक विभिन्न तरंग दैर्ध्य के लिए भिन्न होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का फैलाव (dispersion) उच्च होता है, जिसका अर्थ है कि प्रकाश की विभिन्न तरंग दैर्ध्य (रंग) हीरे के माध्यम से गुजरते समय अलग-अलग कोणों पर अपवर्तित होती हैं। यह प्रक्रिया, जिसे “आग” (fire) भी कहा जाता है, हीरे को इंद्रधनुषी रंग प्रदर्शित करने का कारण बनती है, खासकर जब यह अच्छी तरह से काटा गया हो। प्रकीर्णन प्रकाश को सभी दिशाओं में बिखेरता है, विवर्तन प्रकाश के किनारों पर झुकने से संबंधित है, और ध्रुवीकरण प्रकाश की तरंगों के कंपन की दिशा से संबंधित है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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“नकली हीरा” (fake diamond) या “सिंथेटिक हीरा” (synthetic diamond) के बीच मुख्य अंतर क्या होता है?
- (a) रासायनिक सूत्र
- (b) क्रिस्टल संरचना
- (c) निर्माण प्रक्रिया
- (d) सभी विकल्प सही हैं
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ‘नकली हीरा’ (fake diamond) आमतौर पर एक ऐसा पदार्थ होता है जो हीरे जैसा दिखता है लेकिन रासायनिक रूप से भिन्न होता है, जबकि ‘सिंथेटिक हीरा’ (synthetic diamond) रासायनिक रूप से और संरचनात्मक रूप से प्राकृतिक हीरे के समान होता है, लेकिन इसे प्रयोगशाला में बनाया जाता है।
व्याख्या (Explanation): ‘नकली हीरा’ जैसे कि क्यूबिक जिरकोनिया (CZ) या मोएस्नाइट (moissanite), रासायनिक सूत्र (जैसे CZ के लिए ZrO₂) और क्रिस्टल संरचना में प्राकृतिक हीरे से भिन्न होते हैं। ‘सिंथेटिक हीरा’ (जैसे HPHT या CVD द्वारा निर्मित) का रासायनिक सूत्र C होता है और इसकी क्रिस्टल संरचना भी समान होती है। मुख्य अंतर उनकी निर्माण प्रक्रिया में होता है। प्राकृतिक हीरे पृथ्वी में बनते हैं, सिंथेटिक हीरे प्रयोगशालाओं में, और नकली हीरे अक्सर अन्य सामग्रियों से बने होते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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