डायमंड पर डबल डाउन: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए निरंतर अभ्यास महत्वपूर्ण है। यह अभ्यास सत्र आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर आपकी पकड़ मजबूत करने में मदद करेगा। ‘डायमंड पर डबल डाउन’ जैसे विषय, हमें विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को गहराई से समझने के लिए प्रेरित करते हैं। आइए, इन प्रश्नों के माध्यम से अपनी तैयारी को परखें और ज्ञान की एक मजबूत नींव तैयार करें।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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प्रश्न 1: हीरे का रासायनिक सूत्र क्या है?
- (a) SiO₂
- (b) NaCl
- (c) C
- (d) CaCO₃
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरा कार्बन का एक अपरूप (allotrope) है, जिसका अर्थ है कि यह शुद्ध कार्बन से बना है।
व्याख्या (Explanation): हीरा (Diamond) कार्बन तत्व का एक रूप है, जिसमें कार्बन परमाणु एक क्रिस्टलीय संरचना में व्यवस्थित होते हैं। इसका रासायनिक सूत्र केवल ‘C’ है, जो दर्शाता है कि यह केवल कार्बन से बना है। सिलिकॉन डाइऑक्साइड (SiO₂) रेत का मुख्य घटक है, सोडियम क्लोराइड (NaCl) सामान्य नमक है, और कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO₃) चूना पत्थर में पाया जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 2: हीरे की कठोरता का मुख्य कारण क्या है?
- (a) कार्बन परमाणुओं के बीच कमजोर आयनिक बंधन
- (b) कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधन (Covalent bonds)
- (c) कार्बन परमाणुओं के बीच कमजोर हाइड्रोजन बंधन
- (d) कार्बन परमाणुओं के बीच वांडरवाल्स बल
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थों की कठोरता उनके परमाणुओं या अणुओं के बीच बंधन की प्रकृति और शक्ति पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से मजबूत सहसंयोजक बंधनों द्वारा जुड़ा होता है, जिससे एक त्रिविमीय (three-dimensional) जाली संरचना बनती है। ये सहसंयोजक बंधन बहुत मजबूत होते हैं, जिसके कारण हीरा अत्यंत कठोर होता है। आयनिक बंधन, हाइड्रोजन बंधन और वांडरवाल्स बल कमज़ोर होते हैं और हीरे की कठोरता के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 3: हीरे की चमक (brilliance) का मुख्य कारण क्या है?
- (a) इसका उच्च गलनांक
- (b) प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total internal reflection)
- (c) इसकी विद्युत चालकता
- (d) इसकी रासायनिक निष्क्रियता
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाशिकी (Optics) में, पूर्ण आंतरिक परावर्तन तब होता है जब प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाता है और आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) बहुत अधिक होता है, जिसके कारण प्रकाश हीरे के अंदर प्रवेश करने के बाद कई बार आंतरिक रूप से परावर्तित होता है। जब प्रकाश अंततः हीरे से बाहर निकलता है, तो यह कई दिशाओं में बिखर जाता है, जिससे हीरा चमकदार और झिलमिलाता हुआ प्रतीत होता है। हीरे को विशेष तरीके से काटा जाता है ताकि पूर्ण आंतरिक परावर्तन अधिकतम हो सके।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा कथन हीरे के बारे में सत्य नहीं है?
- (a) यह कार्बन का शुद्धतम रूप है।
- (b) यह विद्युत का सुचालक है।
- (c) यह ऊष्मा का अच्छा सुचालक है।
- (d) यह अत्यंत कठोर होता है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थों की विद्युत चालकता उनकी संरचना में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की संरचना में, कार्बन परमाणु अपने सभी संयोजी इलेक्ट्रॉनों (valence electrons) का उपयोग सहसंयोजक बंधन बनाने में करते हैं, जिससे कोई भी मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं बचता है। इसलिए, हीरा विद्युत का कुचालक (insulator) होता है, सुचालक नहीं। यह कार्बन का शुद्धतम रूप है, ऊष्मा का अच्छा सुचालक है, और सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थों में से एक है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 5: डायमंड (हीरा) के उत्पादन में निम्नलिखित में से कौन सा तत्व एक आवश्यक घटक है?
- (a) ऑक्सीजन
- (b) हाइड्रोजन
- (c) कार्बन
- (d) नाइट्रोजन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): यौगिकों या तत्वों के निर्माण में, अभिकारकों (reactants) में वे मूल तत्व मौजूद होने चाहिए जो अंतिम उत्पाद बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): जैसा कि पहले बताया गया है, हीरा कार्बन का एक अपरूप है। इसलिए, हीरे के निर्माण के लिए कार्बन स्वयं एक आवश्यक और मौलिक घटक है। इसे उच्च दबाव और तापमान पर कार्बन के परमाणुओं को एक विशेष क्रिस्टलीय संरचना में व्यवस्थित करके बनाया जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 6: हीरे का उपयोग किसमें नहीं किया जाता है?
- (a) आभूषण निर्माण
- (b) काटने और पीसने के औजार
- (c) कांच को चमकाने
- (d) उच्च दाब वाले उपकरणों में
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थों के विशिष्ट गुणधर्म उन्हें विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उपयोग इसके असाधारण कठोरता के कारण आभूषणों (चमक और सुंदरता के लिए), काटने, ड्रिलिंग और पीसने वाले औजारों (कठोर सामग्री को संसाधित करने के लिए), और उच्च दाब वाले उपकरणों (जहां असाधारण शक्ति की आवश्यकता होती है) में किया जाता है। कांच को चमकाने (polishing) के लिए आमतौर पर एल्यूमीनियम ऑक्साइड या सिलिकॉन कार्बाइड जैसे अन्य अपघर्षक (abrasives) का उपयोग किया जाता है, हालांकि हीरे के महीन कणों का भी प्रयोग हो सकता है, लेकिन यह प्राथमिक उपयोग नहीं है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 7: हीरे का गलनांक (Melting point) कितना होता है?
- (a) लगभग 1500°C
- (b) लगभग 2500°C
- (c) लगभग 3550°C
- (d) हीरे का कोई निश्चित गलनांक नहीं होता, यह सीधे गैस में बदल जाता है।
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): उच्च तापमान पर, कुछ ठोस सीधे ठोस अवस्था से गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं, इस प्रक्रिया को उर्ध्वपातन (sublimation) कहते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे का गलनांक बहुत उच्च होता है। सामान्य वायुमंडलीय दबाव पर, हीरे का गलनांक नहीं होता; इसके बजाय, यह लगभग 3550°C पर सीधे उर्ध्वपातित होकर (गैस में परिवर्तित होकर) ग्रेफाइट में बदल जाता है। उच्च दाब पर, यह पिघलकर तरल कार्बन बना सकता है, लेकिन सामान्य परिस्थितियों में, इसका कोई निश्चित गलनांक नहीं होता।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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प्रश्न 8: कृत्रिम हीरा (synthetic diamond) बनाने के लिए कौन सी विधि का प्रयोग किया जाता है?
- (a) उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT)
- (b) रासायनिक वाष्प जमाव (CVD)
- (c) उपरोक्त दोनों (a) और (b)
- (d) केवल कम दबाव, कम तापमान
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कृत्रिम क्रिस्टल को प्राकृतिक क्रिस्टल के समान या उससे बेहतर परिस्थितियों का अनुकरण करके उगाया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): कृत्रिम या सिंथेटिक हीरे को मुख्य रूप से दो विधियों द्वारा बनाया जाता है: उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT), जो प्राकृतिक हीरा निर्माण की स्थितियों की नकल करता है, और रासायनिक वाष्प जमाव (CVD), जिसमें गैसीय हाइड्रोकार्बन से कार्बन परमाणुओं को एक सब्सट्रेट पर जमा करके हीरे की परतें या क्रिस्टल उगाए जाते हैं। दोनों ही विधियां व्यापक रूप से उपयोग की जाती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 9: किस गैस का उपयोग CVD विधि द्वारा हीरे के निर्माण में कच्चे माल के रूप में किया जाता है?
- (a) मीथेन (CH₄)
- (b) अमोनिया (NH₃)
- (c) नाइट्रोजन (N₂)
- (d) ऑक्सीजन (O₂)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक वाष्प जमाव (CVD) में, कार्बन युक्त गैसीय यौगिकों को विघटित करके कार्बन को जमा किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): CVD विधि में, मीथेन (CH₄) गैस का उपयोग मुख्य रूप से कार्बन स्रोत के रूप में किया जाता है। उच्च तापमान पर, मीथेन गैस को तोड़कर कार्बन परमाणु मुक्त किए जाते हैं, जो फिर एक सब्सट्रेट (जैसे हीरे का एक छोटा टुकड़ा) पर जमा होकर हीरे की परत बनाते हैं। अक्सर हाइड्रोजन गैस का भी उपयोग किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रश्न 10: हीरे को कार्बन के अन्य अपरूपों (जैसे ग्रेफाइट) से अलग करने वाला मुख्य संरचनात्मक अंतर क्या है?
- (a) हीरे में कार्बन परमाणु sp³ संकरित (hybridized) होते हैं, जबकि ग्रेफाइट में sp² संकरित होते हैं।
- (b) हीरे में कार्बन परमाणु sp² संकरित होते हैं, जबकि ग्रेफाइट में sp³ संकरित होते हैं।
- (c) हीरे में केवल एकल बंधन (single bonds) होते हैं, जबकि ग्रेफाइट में दोहरे बंधन (double bonds) होते हैं।
- (d) हीरे में कार्बन परमाणु समतल (planar) संरचना में होते हैं, जबकि ग्रेफाइट में वे पिरामिडनुमा (pyramidal) होते हैं।
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परमाणुओं का संकरण (hybridization) उनकी बंधन क्षमता और परिणामी क्रिस्टलीय संरचना को निर्धारित करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से चतुष्फलकीय (tetrahedral) ज्यामिति में sp³ संकरण द्वारा जुड़ा होता है, जो एक त्रि-आयामी मजबूत नेटवर्क बनाता है। ग्रेफाइट में, प्रत्येक कार्बन परमाणु तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से sp² संकरण द्वारा जुड़ा होता है, जिससे षट्कोणीय (hexagonal) परतें बनती हैं। इन परतों के बीच कमजोर वांडरवाल्स बल होते हैं, जो ग्रेफाइट को चिकना और विद्युत का सुचालक बनाते हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रश्न 11: यदि एक हीरे को हवा में जलाया जाए, तो मुख्य दहन उत्पाद क्या होगा?
- (a) CO (कार्बन मोनोऑक्साइड)
- (b) CO₂ (कार्बन डाइऑक्साइड)
- (c) H₂O (जल)
- (d) O₃ (ओजोन)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बनिक यौगिकों का दहन (combustion) ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलने पर कार्बन डाइऑक्साइड और जल बनाता है (यदि हाइड्रोजन मौजूद है)।
व्याख्या (Explanation): हीरा शुद्ध कार्बन से बना है। जब इसे हवा (जो मुख्य रूप से नाइट्रोजन और ऑक्सीजन से बनी है) में जलाया जाता है, तो यह ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) बनाता है। प्रतिक्रिया है: C (s) + O₂ (g) → CO₂ (g)।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 12: “डायमंड” के संदर्भ में, “डबलिंग डाउन” शब्द का क्या अर्थ हो सकता है?
- (a) हीरे की दो परतों का निर्माण
- (b) हीरे के मूल्य को दोगुना करना
- (c) किसी विशेष गुणधर्म पर अधिक ध्यान केंद्रित करना या उसे बढ़ाना
- (d) हीरे के अनुप्रयोगों की संख्या बढ़ाना
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मुहावरों और लाक्षणिक भाषा को समझना।
व्याख्या (Explanation): “डबलिंग डाउन” एक मुहावरा है जिसका अर्थ है किसी चीज पर अतिरिक्त जोर देना, प्रतिबद्धता बढ़ाना, या किसी रणनीति या क्रिया पर अधिक संसाधन लगाना। “डायमंड पर डबलिंग डाउन” का अर्थ हो सकता है हीरे के किसी विशिष्ट अनुप्रयोग, अनुसंधान, या उसके किसी विशेष गुणधर्म (जैसे कठोरता, चमक) पर अधिक ध्यान केंद्रित करना और उसे और बेहतर बनाना या उसका लाभ उठाना। यह जरूरी नहीं कि यह भौतिक रूप से दोगुना करने से संबंधित हो।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 13: किस प्रकार के रेडिएशन (विकिरण) हीरे के रंग को बदल सकते हैं?
- (a) केवल दृश्य प्रकाश
- (b) अवरक्त (Infrared) विकिरण
- (c) पराबैंगनी (Ultraviolet) विकिरण और कुछ अन्य आयनीकरण विकिरण
- (d) रेडियो तरंगें
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आयनीकरण विकिरण (ionizing radiation) क्रिस्टल संरचना में दोष (defects) उत्पन्न कर सकता है, जिससे उनके ऑप्टिकल गुण बदल जाते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में रंग अक्सर क्रिस्टल संरचना में अशुद्धियों या संरचनात्मक दोषों के कारण होता है। पराबैंगनी (UV) विकिरण, एक्स-रे, इलेक्ट्रॉन बीम, और अन्य आयनीकरण विकिरण हीरे की क्रिस्टल जाली में इलेक्ट्रॉनों को उत्तेजित कर सकते हैं या उन्हें विस्थापित कर सकते हैं, जिससे नए रंग केंद्र (color centers) बन सकते हैं या मौजूदा केंद्र बदल सकते हैं, जिससे हीरे का रंग बदल जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 14: यदि हीरे को बहुत उच्च तापमान पर ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में गर्म किया जाए, तो क्या होगा?
- (a) यह जलकर CO₂ बनाएगा।
- (b) यह ग्रेफाइट में परिवर्तित हो जाएगा।
- (c) यह पिघलकर तरल बन जाएगा।
- (d) यह वाष्पीकृत हो जाएगा।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऊष्मा के प्रभाव में, कार्बन के अपरूप एक-दूसरे में परिवर्तित हो सकते हैं, और ऑक्सीजन की अनुपस्थिति दहन को रोकती है।
व्याख्या (Explanation): ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में, हीरा सीधे जल नहीं सकता। हालांकि, पर्याप्त उच्च तापमान (लगभग 1500°C से ऊपर) पर, यह अपनी अधिक स्थिर अवस्था, ग्रेफाइट में परिवर्तित हो जाता है। यह एक ऊष्मीय पुनर्व्यवस्था (thermal rearrangement) है, दहन नहीं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सा हीरे का एक महत्वपूर्ण भौतिक गुण है जो इसे “कठोर” बनाता है?
- (a) उच्च घनत्व
- (b) कम तन्यता (low ductility)
- (c) मजबूत सहसंयोजक बंधन
- (d) उच्च विद्युत चालकता
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ की कठोरता मुख्य रूप से उसके परमाणुओं या अणुओं के बीच बंधन की शक्ति और व्यवस्था से निर्धारित होती है।
व्याख्या (Explanation): जैसा कि प्रश्न 2 में भी चर्चा की गई है, हीरे की असाधारण कठोरता उसके कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत और सर्वव्यापी सहसंयोजक बंधनों का परिणाम है। ये बंधन बहुत अधिक ऊर्जा वाले होते हैं और इन्हें तोड़ना बहुत मुश्किल होता है, जिससे हीरा खरोंच या घिसने का प्रतिरोध करता है। उच्च घनत्व, कम तन्यता और उच्च विद्युत चालकता (जो हीरे में नहीं होती) कठोरता के प्रत्यक्ष कारण नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 16: हीरे को गर्म करने पर स्पेक्ट्रम में दिखाई देने वाली रंगीन आभा (iridescence) का क्या कारण हो सकता है?
- (a) कार्बन परमाणुओं का उत्तेजन
- (b) प्रकाश का प्रकीर्णन (scattering of light)
- (c) क्रिस्टल जाली में दोषों के कारण प्रकाश का व्यतिकरण (interference)
- (d) ऊष्मा के कारण रासायनिक परिवर्तन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश के तरंग गुणधर्म (wave nature of light) जैसे व्यतिकरण और विवर्तन (diffraction) पतली फिल्मों या दोषपूर्ण क्रिस्टल से गुजरने या परावर्तित होने पर रंग उत्पन्न कर सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): कुछ परिस्थितियों में, विशेष रूप से जब हीरे में कुछ विशिष्ट प्रकार के रंगीन केंद्र (color centers) या संरचनात्मक दोष होते हैं, तो प्रकाश उनके साथ परस्पर क्रिया करके इंद्रधनुषी प्रभाव (rainbow-like colors) उत्पन्न कर सकता है। यह प्रकाश के व्यतिकरण के कारण होता है, जहां विभिन्न तरंग दैर्ध्य (wavelengths) के प्रकाश के पथ में अंतर के कारण निर्माण (constructive) या विनाशकारी (destructive) व्यतिकरण होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सी प्रक्रिया प्रकाश को हीरे में “फंसा” देती है, जिससे उसकी चमक बढ़ती है?
- (a) अपवर्तन (Refraction)
- (b) परावर्तन (Reflection)
- (c) पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total internal reflection)
- (d) विवर्तन (Diffraction)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पूर्ण आंतरिक परावर्तन तब होता है जब प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करने का प्रयास करता है और आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक होता है, जिससे प्रकाश माध्यम के अंदर ही परावर्तित हो जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) और इस कारण से उसका क्रांतिक कोण (लगभग 24.4°) बहुत कम होता है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो उचित कटाई के कारण यह अक्सर क्रांतिक कोण से अधिक कोण पर हीरे की सतहों से टकराता है, जिससे प्रकाश हीरे के अंदर ही परावर्तित हो जाता है। यह बार-बार होने वाला पूर्ण आंतरिक परावर्तन ही है जो हीरे को उसकी अनूठी चमक और ‘फायर’ (fire) प्रदान करता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 18: हीरे की Mohs कठोरता पैमाना पर रेटिंग क्या है?
- (a) 5
- (b) 7
- (c) 9
- (d) 10
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): Mohs कठोरता पैमाना खनिजों की सापेक्ष खरोंच प्रतिरोधकता को मापने के लिए एक गुणात्मक पैमाना है।
व्याख्या (Explanation): Mohs कठोरता पैमाना पर, हीरे को 10 की रेटिंग दी गई है, जो इसे ज्ञात सभी प्राकृतिक खनिजों में सबसे कठोर बनाती है। यह किसी अन्य खनिज द्वारा खरोंचा नहीं जा सकता है, और यहMohs पैमाने पर किसी भी अन्य खनिज को खरोंच सकता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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प्रश्न 19: प्रयोगशाला में हीरे के समान क्रिस्टल संरचना वाले लेकिन भिन्न रासायनिक संघटक वाले पदार्थ को क्या कहते हैं?
- (a) अपरूप (Allotrope)
- (b) समस्थानिक (Isotope)
- (c) समावयवी (Isomer)
- (d) कृत्रिम रत्न (Simulant)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न रासायनिक पदार्थों के गुणों की तुलना और वर्गीकरण।
व्याख्या (Explanation): एक कृत्रिम रत्न (simulant) वह पदार्थ है जो दिखने में किसी प्राकृतिक रत्न (जैसे हीरे) जैसा दिखता है, लेकिन उसका रासायनिक संघटन और/या क्रिस्टल संरचना भिन्न होती है। उदाहरण के लिए, क्यूबिक जिरकोनिया (CZ) हीरे का एक सामान्य कृत्रिम रत्न है। अपरूप एक ही तत्व के विभिन्न रूप हैं (जैसे हीरा और ग्रेफाइट)। समस्थानिक एक ही तत्व के विभिन्न परमाणु हैं जिनकी न्यूट्रॉन संख्या भिन्न होती है। समावयवी समान रासायनिक सूत्र वाले लेकिन भिन्न संरचना वाले यौगिक होते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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प्रश्न 20: हीरे का उपयोग करने वाले औजारों के लिए सबसे उपयुक्त स्नेहक (lubricant) कौन सा है?
- (a) जल
- (b) तेल-आधारित स्नेहक
- (c) पानी-आधारित स्नेहक
- (d) कोई स्नेहक आवश्यक नहीं
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मशीनिंग (machining) या ड्रिलिंग के दौरान उच्च तापमान और घर्षण को कम करने के लिए सही स्नेहक का चयन करना।
व्याख्या (Explanation): हीरे के औजारों के साथ काम करते समय, विशेष रूप से जब उच्च गति पर ड्रिलिंग या कटिंग की जाती है, तो उत्पन्न गर्मी को प्रभावी ढंग से दूर करने और हीरे के बंधन (bond) को ढीला होने से बचाने के लिए शीतलक (coolant) और स्नेहक का उपयोग किया जाता है। पानी-आधारित स्नेहक (जैसे पानी या पानी में मिश्रित एडिटिव्स) अक्सर सबसे प्रभावी होते हैं क्योंकि वे गर्मी को अच्छी तरह से अवशोषित करते हैं और हीरे के औजारों के साथ संगत होते हैं। तेल-आधारित स्नेहक कभी-कभी हीरे के मैट्रिक्स से प्रतिक्रिया कर सकते हैं या कम प्रभावी हो सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 21: यदि हीरे को एक ऐसे माध्यम में डाला जाए जिसका अपवर्तनांक हीरे के अपवर्तनांक के बहुत करीब हो, तो क्या होगा?
- (a) यह और भी अधिक चमकीला दिखाई देगा।
- (b) इसकी चमक काफी कम हो जाएगी।
- (c) इसका रंग बदल जाएगा।
- (d) यह पारदर्शी नहीं रहेगा।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश का अपवर्तन और पूर्ण आंतरिक परावर्तन दो माध्यमों के अपवर्तनांकों के बीच अंतर पर निर्भर करते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे की चमक का मुख्य कारण उसका उच्च अपवर्तनांक है, जो हवा (कम अपवर्तनांक) के साथ मिलकर प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन को संभव बनाता है। यदि हीरे को ऐसे माध्यम में रखा जाए जिसका अपवर्तनांक हीरे के अपवर्तनांक के बहुत करीब हो, तो आपतन कोण क्रांतिक कोण से कम हो जाएगा, और प्रकाश हीरे के अंदर आसानी से परावर्तित होने के बजाय माध्यम में प्रवेश कर जाएगा। इससे पूर्ण आंतरिक परावर्तन कम हो जाएगा और हीरा अपनी विशिष्ट चमक खो देगा, यानी यह कम चमकीला दिखाई देगा।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 22: किस प्रकार के दोष (defect) हीरे के रंग के लिए सबसे आम कारण हैं?
- (a) बिंदु दोष (Point defects) और अशुद्धियाँ
- (b) रिक्ति दोष (Vacancy defects)
- (c) अंतराकाशी दोष (Interstitial defects)
- (d) किनारे के दोष (Edge dislocations)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्रिस्टल जाली में दोष (defects) पदार्थ के ऑप्टिकल और इलेक्ट्रॉनिक गुणों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में रंग अक्सर संरचना में मौजूद अशुद्धियों (जैसे नाइट्रोजन, बोरॉन) या क्रिस्टल जाली में दोषों के कारण होता है। उदाहरण के लिए, नाइट्रोजन परमाणुओं का हीरे की कार्बन संरचना में समावेश (विशेष रूप से ‘टाइप Ia’ हीरे में) पीला रंग पैदा कर सकता है। ‘टाइप IIb’ हीरे में बोरॉन की उपस्थिति उन्हें नीला रंग देती है। बिंदु दोष (जैसे खाली स्थान या अतिरिक्त परमाणु) भी रंग पैदा कर सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रश्न 23: “जैस्पर” (Jasper) जैसे खनिजों के चमकीले रंग का कारण उनमें मौजूद कौन सी अशुद्धियाँ होती हैं?
- (a) कार्बन
- (b) सिलिकॉन
- (c) धातु ऑक्साइड (जैसे आयरन ऑक्साइड)
- (d) सल्फर
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न धातु आयनों के कारण खनिजों के रंग में भिन्नता।
व्याख्या (Explanation): जबकि हीरा कार्बन है, अन्य खनिजों के रंग अक्सर उनमें मौजूद धातु अशुद्धियों के कारण होते हैं। जैस्पर, जो एक प्रकार का क्वार्ट्ज (SiO₂) है, के चमकीले रंग (लाल, पीला, भूरा) मुख्य रूप से लौह ऑक्साइड (Iron oxide) जैसी विभिन्न धातु ऑक्साइड अशुद्धियों की उपस्थिति के कारण होते हैं। यह प्रश्न सामान्य खनिज विज्ञान से संबंधित है, न कि विशेष रूप से हीरे से, लेकिन यह सामान्य विज्ञान के तहत उपयोगी है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 24: लेजर (LASER) प्रकाश की विशेषता क्या है जो इसे उच्च-ऊर्जा काटने वाले औजारों में उपयोग के लिए उपयुक्त बनाती है?
- (a) यह कम तीव्रता वाला होता है।
- (b) यह असंगत (incoherent) होता है।
- (c) यह अत्यधिक दिशात्मक (highly directional) और मोनोक्रोमैटिक (monochromatic) होता है।
- (d) यह विभिन्न तरंग दैर्ध्य का मिश्रण होता है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): लेजर की मूल विशेषताएं और उनके अनुप्रयोग।
व्याख्या (Explanation): लेजर (Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation) प्रकाश अत्यधिक दिशात्मक (बहुत संकीर्ण बीम), मोनोक्रोमैटिक (एकल तरंग दैर्ध्य), और सुसंगत (coherent) होता है। ये गुण इसे केंद्रित करने और उच्च ऊर्जा घनत्व प्राप्त करने की अनुमति देते हैं, जो इसे सटीक रूप से सामग्री काटने, वेल्डिंग और उत्कीर्णन (engraving) के लिए बहुत प्रभावी बनाता है। हीरे जैसी कठोर सामग्री को काटने के लिए भी लेजर का उपयोग किया जा सकता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 25: जीव विज्ञान में, “डायमंड” शब्द का प्रयोग किस संदर्भ में किया जा सकता है?
- (a) कोशिका झिल्ली का एक प्रकार
- (b) डीएनए (DNA) का एक संरचनात्मक रूप
- (c) नेत्र की कॉर्निया (cornea) का बाहरी आवरण
- (d) किसी भी जीव में पाए जाने वाले कठोर आवरण
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीव विज्ञान में विभिन्न शब्दावली और उनके अनुप्रयोग।
व्याख्या (Explanation): नेत्र विज्ञान (Ophthalmology) में, कॉर्निया का सबसे बाहरी, पारदर्शी, सुरक्षात्मक परत एक “डायमंड” के रूप में संदर्भित किया जा सकता है, हालांकि इसे अक्सर “एपिथेलियम” (epithelium) कहा जाता है। यह शब्द “डायमंड” का उपयोग अक्सर इसके चमकीले, पारदर्शी स्वरूप और कॉर्निया के समग्र गोलार्ध (hemispherical) आकार के कारण किया जाता है। हालांकि यह भौतिक हीरे से अलग है, यह एक प्रासंगिक उपयोग है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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