डायमंड पर डबलिंग: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की मजबूत समझ अत्यंत आवश्यक है। यह खंड आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान से संबंधित महत्वपूर्ण अवधारणाओं का अभ्यास करने में मदद करेगा, जिससे आपकी तैयारी को और बढ़ावा मिलेगा। आइए, “डायमंड पर डबलिंग” के विषय से प्रेरित होकर इन विज्ञान-केंद्रित बहुविकल्पीय प्रश्नों के माध्यम से अपनी ज्ञान की गहराई को परखें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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प्रश्न: हीरे (Diamond) की संरचना में कार्बन परमाणु किस प्रकार के बंध (Bond) द्वारा जुड़े होते हैं?
- (a) आयनिक बंध (Ionic Bond)
- (b) सहसंयोजक बंध (Covalent Bond)
- (c) धात्विक बंध (Metallic Bond)
- (d) हाइड्रोजन बंध (Hydrogen Bond)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंध परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉन साझा करने से बनता है। हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु अपने चार बाहरी इलेक्ट्रॉनों को चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ साझा करता है, जिससे एक त्रि-आयामी (3D) चतुष्फलकीय (tetrahedral) जाली संरचना बनती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण कठोरता और उच्च गलनांक (high melting point) इसके मजबूत सहसंयोजक बंधों के कारण ही होता है। आयनिक बंध आयनों के बीच आकर्षण से बनते हैं, धात्विक बंध धातुओं में पाए जाते हैं, और हाइड्रोजन बंध हाइड्रोजन और अधिक ऋणात्मक परमाणुओं (जैसे ऑक्सीजन, नाइट्रोजन) के बीच बनते हैं, जो हीरे की संरचना के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: हीरे का चमकना (brilliance) मुख्य रूप से किस भौतिक घटना के कारण होता है?
- (a) परावर्तन (Reflection)
- (b) अपवर्तन (Refraction)
- (c) पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection)
- (d) विवर्तन (Diffraction)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पूर्ण आंतरिक परावर्तन तब होता है जब प्रकाश एक सघन माध्यम से विरल माध्यम में क्रांतिक कोण (critical angle) से अधिक आपतन कोण (angle of incidence) पर प्रवेश करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (high refractive index) और विशेष कटिंग के कारण, उस पर पड़ने वाला प्रकाश बार-बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन से गुजरता है। जब यह प्रकाश अंततः बाहर निकलता है, तो यह अपने रंगों में विभाजित (dispersion) हो जाता है, जिससे हीरे की विशिष्ट चमक उत्पन्न होती है। परावर्तन प्रकाश को वापस मोड़ता है, अपवर्तन प्रकाश के माध्यम बदलने पर झुकना है, और विवर्तन प्रकाश का अवरोधों के चारों ओर फैलना है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न: हीरा कौन सी क्रिस्टल प्रणाली (Crystal System) से संबंधित है?
- (a) घनीय (Cubic)
- (b) षट्कोणीय (Hexagonal)
- (c) त्रिकोणीय (Trigonal)
- (d) चतुष्कोणीय (Tetragonal)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्रिस्टल प्रणाली खनिजों की आंतरिक परमाणु व्यवस्था के आधार पर उनके क्रिस्टल जाली (crystal lattice) का वर्गीकरण है।
व्याख्या (Explanation): हीरा घनीय क्रिस्टल प्रणाली से संबंधित है, जिसमें परमाणु तीन सम-लम्बी अक्षों (mutually perpendicular axes) के साथ समान दूरी पर व्यवस्थित होते हैं। यह व्यवस्था कार्बन परमाणुओं को एक अत्यंत स्थिर और कॉम्पैक्ट त्रि-आयामी नेटवर्क बनाने की अनुमति देती है, जो हीरे की कठोरता और घनत्व में योगदान करती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रश्न: निम्न में से कौन सा कथन हीरे के रासायनिक गुणधर्म (Chemical Properties) के बारे में सत्य नहीं है?
- (a) यह एक उत्कृष्ट विद्युत रोधी (electrical insulator) है।
- (b) यह सामान्य तापमान पर अभिक्रियाशील नहीं है।
- (c) यह मजबूत ऑक्सीकारकों (strong oxidizing agents) द्वारा ऑक्सीकृत हो सकता है।
- (d) यह अम्लों (acids) के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक गुणधर्म वे होते हैं जो किसी पदार्थ की अन्य पदार्थों से रासायनिक अभिक्रिया करने की क्षमता को दर्शाते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरा एक बहुत ही निष्क्रिय पदार्थ है और सामान्य तापमान पर किसी भी अम्ल या क्षार से अभिक्रिया नहीं करता है। यह एक उत्कृष्ट विद्युत रोधी भी है क्योंकि इसके सभी बाहरी इलेक्ट्रॉन बंधों में बंधे होते हैं। यद्यपि यह सामान्य परिस्थितियों में अभिक्रियाशील नहीं है, बहुत उच्च तापमान पर (लगभग 1000°C से ऊपर), यह मजबूत ऑक्सीकारकों जैसे पिघले हुए नाइट्रेट या परमैंगनेट द्वारा ऑक्सीकृत हो सकता है। इसलिए, कथन (c) सत्य नहीं है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न: हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु कितने अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है?
- (a) 2
- (b) 3
- (c) 4
- (d) 6
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन की चतुःसंयोजकता (tetravalency) का अर्थ है कि यह चार सहसंयोजक बंध बना सकता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की जाली संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु sp³ संकरण (hybridization) से गुजरता है और चतुष्फलकीय रूप से चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा होता है। यह व्यवस्था एक त्रि-आयामी नेटवर्क बनाती है जो हीरे को उसकी असाधारण कठोरता और स्थिरता प्रदान करती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न: निम्न में से कौन सा पदार्थ हीरे की तुलना मेंMohs कठोरता पैमाने (Mohs Hardness Scale) पर अधिक कठोर है?
- (a) क्वार्ट्ज (Quartz)
- (b) टंगस्टन कार्बाइड (Tungsten Carbide)
- (c) कोरन्डम (Corundum – Al₂O₃)
- (d) कोई नहीं
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): Mohs कठोरता पैमाना किसी खनिज की खरोंच के प्रति सापेक्षिक कठोरता को मापने की एक विधि है, जिसमें 10 सबसे कठोर माना जाता है।
व्याख्या (Explanation): Mohs पैमाने पर, हीरे को 10 का मान दिया गया है, जो कि उच्चतम है। क्वार्ट्ज की कठोरता 7, कोरन्डम (नीलम और रूबी) की 9, और टंगस्टन कार्बाइड की कठोरता लगभग 9-9.5 होती है। इसलिए, दिए गए विकल्पों में से कोई भी हीरे से अधिक कठोर नहीं है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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प्रश्न: हीरे का उपयोग मुख्य रूप से किस प्रकार के कटिंग औजारों (cutting tools) में किया जाता है?
- (a) लकड़ी काटने के लिए
- (b) धातु काटने के लिए
- (c) कांच काटने के लिए
- (d) प्लास्टिक काटने के लिए
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी सामग्री की कठोरता उसे अन्य कठोर सामग्रियों को काटने या घिसने में सक्षम बनाती है।
व्याख्या (Explanation): अपनी अत्यधिक कठोरता के कारण, हीरे का उपयोग औद्योगिक अनुप्रयोगों में कटिंग, ग्राइंडिंग और पॉलिशिंग के लिए किया जाता है, विशेष रूप से धातुओं और कंक्रीट जैसी कठोर सामग्री को काटने के लिए। हालांकि यह कांच को भी काट सकता है, धातुओं की कटाई में इसका अनुप्रयोग अधिक व्यापक है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: कार्बन का कौन सा अपररूप (allotrope) ग्रेफाइट (graphite) है?
- (a) बहुत मुलायम और चिकना
- (b) विद्युत का अच्छा सुचालक
- (c) परतदार संरचना
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपररूप एक ही तत्व के विभिन्न रूप होते हैं जो भौतिक गुणों में भिन्न होते हैं लेकिन रासायनिक गुणों में समान होते हैं।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट कार्बन का एक अपररूप है। इसकी क्रिस्टल संरचना परतों से बनी होती है, जहाँ प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य तीन कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है। इन परतों के बीच वैन डेर वाल्स बल (van der Waals forces) कमजोर होते हैं, जिसके कारण ग्रेफाइट बहुत मुलायम और चिकना होता है, और परतें एक-दूसरे पर फिसल सकती हैं। साथ ही, प्रत्येक कार्बन परमाणु का एक मुक्त इलेक्ट्रॉन (delocalized electron) होता है, जो ग्रेफाइट को विद्युत का अच्छा सुचालक बनाता है। इसलिए, तीनों कथन ग्रेफाइट के लिए सत्य हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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प्रश्न: हीरे के निर्माण के लिए किन दो प्रमुख घटकों की आवश्यकता होती है?
- (a) कार्बन और ऑक्सीजन
- (b) कार्बन और सिलिकॉन
- (c) कार्बन और जल
- (d) कार्बन और सल्फर
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे पृथ्वी की सतह के नीचे अत्यधिक दबाव और उच्च तापमान की स्थितियों में कार्बन परमाणुओं के पुनर्व्यवस्थापन से बनते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्राकृतिक हीरे का प्राथमिक घटक कार्बन (C) है। हालांकि, हीरे के निर्माण के लिए ऑक्सीजन (O₂) की उपस्थिति विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह उच्च तापमान पर कार्बन को हीरे के रूप में क्रिस्टलीकृत करने में मदद करती है। यह सीधे तौर पर रासायनिक यौगिक के रूप में नहीं, बल्कि प्रतिक्रिया माध्यम के रूप में कार्य कर सकता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रश्न: हीरे की कठोरता का एक कारण उसका क्या है?
- (a) निम्न घनत्व
- (b) बड़े अणु
- (c) मजबूत अंतरापरमाणुक बल
- (d) उच्च विद्युत चालकता
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ की कठोरता उसकी परमाणु या आणविक संरचना में बंधों की मजबूती पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणु मजबूत सहसंयोजक बंधों (covalent bonds) द्वारा एक त्रि-आयामी जाली में कसकर बंधे होते हैं। ये अंतरापरमाणुक बल (intramolecular forces) बहुत मजबूत होते हैं, जिसके कारण हीरे को खरोंचना या तोड़ना बहुत मुश्किल होता है। निम्न घनत्व, छोटे अणु या उच्च विद्युत चालकता कठोरता के कारण नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सा उपकरण हीरे की कठोरता के कारण इसके उपयोग का एक उदाहरण है?
- (a) माइक्रोस्कोप
- (b) लेजर
- (c) ग्लास कटर
- (d) दूरबीन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कठोर सामग्री का उपयोग नरम सामग्री को काटने या आकार देने के लिए किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): ग्लास कटर में हीरे की नोक का उपयोग कांच को काटने के लिए किया जाता है। हीरा कांच से बहुत कठोर होता है, इसलिए यह कांच पर एक निशान बना सकता है, जिससे वह आसानी से टूट जाता है। माइक्रोस्कोप, लेजर और दूरबीन में हीरे का उपयोग प्रत्यक्ष कटाई के लिए नहीं होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न: यदि एक हीरे को जल में डुबोया जाए, तो क्या होगा?
- (a) यह घुल जाएगा।
- (b) यह चमकने लगेगा।
- (c) इसका घनत्व थोड़ा बढ़ जाएगा।
- (d) यह पानी को अवशोषित कर लेगा।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जब किसी वस्तु को किसी द्रव में डुबोया जाता है, तो उसका भार कम हो जाता है, जो उत्प्लावन बल (buoyancy force) के कारण होता है। हालांकि, किसी पदार्थ के घनत्व में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होता है जब तक कि कोई रासायनिक अभिक्रिया न हो।
व्याख्या (Explanation): हीरा जल में अघुलनशील (insoluble) है और रासायनिक रूप से निष्क्रिय (inert) है। इसका घनत्व (लगभग 3.51 g/cm³) पानी के घनत्व (लगभग 1 g/cm³) से अधिक होता है, इसलिए यह जल में डूबेगा। जल में डुबोने से इसके घनत्व में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं होगा; बल्कि, यह जल के विस्थापन के कारण थोड़ा हल्का महसूस होगा (उत्प्लावन बल के कारण)। चमक पानी के संपर्क में आने से नहीं बदलती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न: हीरे का गलनांक (Melting Point) बहुत अधिक क्यों होता है?
- (a) कार्बन परमाणुओं के बीच कम अंतरापरमाणुक दूरी
- (b) मजबूत सहसंयोजक बंधों की विशाल त्रि-आयामी जाली
- (c) उच्च विद्युत चालकता
- (d) प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का गलनांक उसके क्रिस्टल जाली में बंधों को तोड़ने के लिए आवश्यक ऊर्जा की मात्रा पर निर्भर करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणु मजबूत सहसंयोजक बंधों द्वारा एक विशाल त्रि-आयामी जाली में जुड़े होते हैं। इन बंधों को तोड़ने के लिए अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसके कारण हीरे का गलनांक (लगभग 4027°C) बहुत अधिक होता है। यह ग्रेफाइट से भिन्न है, जहां कमजोर अंतरापरमाणुक बल होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: हीरे का रंगहीन (colorless) होना उसकी संरचना के किस गुण से संबंधित है?
- (a) उसमें विद्युत आवेश की अनुपस्थिति
- (b) उसमें मुक्त इलेक्ट्रॉनों की अनुपस्थिति
- (c) उसमें आयनिक बंधों की उपस्थिति
- (d) उसमें कम कठोरता
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थ का रंग दृश्य प्रकाश को अवशोषित करने या परावर्तित करने की उसकी क्षमता से निर्धारित होता है।
व्याख्या (Explanation): शुद्ध हीरे रंगहीन होते हैं क्योंकि उनके इलेक्ट्रॉनिक बैंड गैप (electronic band gap) के कारण वे दृश्य प्रकाश के स्पेक्ट्रम को अवशोषित नहीं करते हैं। उनके सभी बाहरी इलेक्ट्रॉन कार्बन परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बंधों में मजबूती से बंधे होते हैं और मुक्त रूप से घूम नहीं सकते। मुक्त इलेक्ट्रॉनों की अनुपस्थिति उन्हें रंगीन बनाने से रोकती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: कार्बन का वह अपररूप जो विद्युत का सुचालक नहीं है, कौन सा है?
- (a) हीरा
- (b) ग्रेफाइट
- (c) फुलरीन (Fullerene)
- (d) कोयला (Coal)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता के लिए मुक्त या विस्थानिकृत (delocalized) इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति आवश्यक है।
व्याख्या (Explanation): जैसा कि पहले बताया गया है, हीरे में सभी बाहरी इलेक्ट्रॉन सहसंयोजक बंधों में बंधे होते हैं और स्वतंत्र रूप से घूमने के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं, इसलिए यह विद्युत का कुचालक (insulator) है। ग्रेफाइट में विस्थानिकृत इलेक्ट्रॉन होते हैं, जो इसे सुचालक बनाते हैं। फुलरीन के विभिन्न प्रकार भी अर्धचालक या सुचालक हो सकते हैं, और कोयला भी विद्युत का एक खराब सुचालक होता है लेकिन हीरे जितना बुरा नहीं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रश्न: हीरे की चमक में रंगीन प्रकीर्णन (colorful dispersion) के लिए कौन सी घटना जिम्मेदार है?
- (a) अपवर्तन दर का तरंगदैर्ध्य पर निर्भरता
- (b) पूर्ण आंतरिक परावर्तन
- (c) प्रकाश का ध्रुवीकरण (Polarization)
- (d) प्रकाश का व्यतिकरण (Interference)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकीर्णन (Dispersion) प्रकाश की वह घटना है जिसमें सफेद प्रकाश अपने घटक रंगों में विभाजित हो जाता है, जब वह ऐसे माध्यम से गुजरता है जिसका अपवर्तनांक प्रकाश की तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) प्रकाश की विभिन्न तरंगदैर्ध्य (अर्थात, विभिन्न रंगों) के लिए थोड़ा भिन्न होता है। जब प्रकाश हीरे के भीतर से गुजरता है, तो विभिन्न रंग अलग-अलग कोणों पर अपवर्तित होते हैं, जिससे रंगीन प्रकीर्णन होता है, जिसे ‘फायर’ (fire) भी कहा जाता है। यह हीरे की चमक में योगदान देता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सा कथन हीरे के संश्लेषण (synthesis) से संबंधित है?
- (a) कम दबाव और कम तापमान
- (b) उच्च दबाव और उच्च तापमान
- (c) कम दबाव और उच्च तापमान
- (d) उच्च दबाव और कम तापमान
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे का निर्माण प्राकृतिक रूप से पृथ्वी की ऊपरी मैंटल (upper mantle) में अत्यधिक उच्च दबाव और तापमान की स्थितियों में होता है।
व्याख्या (Explanation): प्रयोगशालाओं में या औद्योगिक प्रक्रियाओं में हीरे का संश्लेषण करने के लिए, समान रूप से उच्च दबाव (जैसे 5-6 GPa) और उच्च तापमान (जैसे 1300-1600°C) की स्थितियों की आवश्यकता होती है। ये स्थितियाँ कार्बन परमाणुओं को हीरे की संरचना में व्यवस्थित होने के लिए प्रेरित करती हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: हीरे की शुद्धता का क्या अर्थ है?
- (a) यह कितना चमकदार है।
- (b) इसमें अन्य तत्वों की कितनी कम मात्रा है।
- (c) इसका आकार कितना बड़ा है।
- (d) यह कितना कठोर है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): शुद्धता किसी पदार्थ में मुख्य घटक की मात्रा को दर्शाती है, जिसमें अशुद्धियों की अनुपस्थिति या न्यूनतम मात्रा होती है।
व्याख्या (Explanation): एक हीरे की शुद्धता का अर्थ है कि उसमें अन्य तत्वों (जैसे नाइट्रोजन, बोरॉन) या संरचनात्मक दोषों (structural defects) की कितनी कम मात्रा है। ये अशुद्धियाँ हीरे के रंग, स्पष्टता और कभी-कभी कठोरता को भी प्रभावित कर सकती हैं। चमक, आकार और कठोरता हीरे के गुण हैं, न कि शुद्धता के सीधे मापक।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) लगभग कितना होता है?
- (a) 1.5
- (b) 2.0
- (c) 2.42
- (d) 3.14
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक किसी माध्यम में प्रकाश की गति में कमी को मापता है, जो निर्वात में प्रकाश की गति से तुलना में होती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) इसकी असाधारण चमक और प्रकीर्णन (dispersion) गुणों के लिए जिम्मेदार है। यह मान सामान्यतः उपयोग किए जाने वाले कई अन्य पारदर्शी पदार्थों से काफी अधिक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न: हीरे को “सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ” क्यों माना जाता है?
- (a) इसमें बहुत सारे इलेक्ट्रॉन होते हैं।
- (b) इसमें मजबूत हाइड्रोजन बंध होते हैं।
- (c) इसमें त्रिकोणीय क्रिस्टल संरचना होती है।
- (d) इसमें मजबूत सहसंयोजक बंधों की एक विशाल जाली होती है।
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कठोरता किसी पदार्थ के उन बंधों को तोड़ने के प्रतिरोध से संबंधित है जो उसके कणों (परमाणुओं, अणुओं) को एक साथ रखते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से मजबूत सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा होता है, जो एक अत्यंत स्थिर, त्रि-आयामी और लचीली (rigidity) जाली बनाते हैं। इन मजबूत बंधों को तोड़ने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसके कारण हीरा बहुत कठोर होता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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प्रश्न: हीरे के निर्माण के दौरान, कार्बन परमाणु किस संकरण (hybridization) अवस्था में होते हैं?
- (a) sp
- (b) sp²
- (c) sp³
- (d) dsp³
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): संकरण परमाणु कक्षकों (atomic orbitals) का मिश्रण है जो परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बंध बनाने के लिए आवश्यक होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणु sp³ संकरण से गुजरते हैं। इसका मतलब है कि प्रत्येक कार्बन परमाणु का एक s कक्षक और तीन p कक्षक मिश्रित होकर चार समतुल्य sp³ संकर कक्षक (hybrid orbitals) बनाते हैं। ये संकर कक्षक फिर चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सिग्मा (σ) बंध बनाते हैं, जिससे एक चतुष्फलकीय ज्यामिति (tetrahedral geometry) बनती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न: हीरे का औद्योगिक रूप से सबसे आम उपयोग क्या है?
- (a) आभूषण (Jewellery)
- (b) कटाई और घिसाई (Cutting and Grinding)
- (c) इलेक्ट्रॉनिक्स
- (d) चिकित्सा उपकरण
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ की अत्यधिक कठोरता उसे उन अनुप्रयोगों के लिए आदर्श बनाती है जहां सामग्री को काटना, घिसना या पॉलिश करना होता है।
व्याख्या (Explanation): जबकि हीरे का उपयोग आभूषणों के रूप में भी किया जाता है, औद्योगिक क्षेत्र में इसका सबसे आम और महत्वपूर्ण उपयोग कटाई, ड्रिलिंग, घिसाई और पॉलिशिंग के लिए किया जाता है। यह अपने असाधारण कठोरता और घिसाव प्रतिरोध (wear resistance) के कारण इन कार्यों के लिए अत्यधिक प्रभावी है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: हीरे का Mohs पैमाने पर मान 10 है। इसका क्या अर्थ है?
- (a) यह Mohs पैमाने पर सबसे नरम पदार्थ है।
- (b) यह Mohs पैमाने पर सबसे कठोर पदार्थ है।
- (c) यह Mohs पैमाने पर 10वें स्थान पर है, लेकिन सबसे कठोर नहीं।
- (d) यह Mohs पैमाने के लिए अनुपयुक्त है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): Mohs कठोरता पैमाना खनिजों की सापेक्षिक कठोरता को दर्शाता है, जिसमें 10 उच्चतम मान है।
व्याख्या (Explanation): Mohs पैमाने पर 10 का मान हीरे को सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ के रूप में इंगित करता है। इसका मतलब है कि हीरा Mohs पैमाने पर किसी भी अन्य पदार्थ को खरोंच सकता है, और केवल हीरा ही किसी अन्य हीरे को खरोंच सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: हीरे के निर्माण की प्रक्रिया को क्या कहा जाता है?
- (a) क्रिस्टलीकरण (Crystallization)
- (b) संघनन (Condensation)
- (c) ऊर्ध्वपातन (Sublimation)
- (d) वाष्पीकरण (Evaporation)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्रिस्टलीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा परमाणु या अणु एक अत्यधिक व्यवस्थित, दोहराई जाने वाली संरचना, जिसे क्रिस्टल जाली कहा जाता है, में व्यवस्थित होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे का निर्माण कार्बन परमाणुओं का उच्च दबाव और तापमान की स्थितियों में एक क्रिस्टल जाली में व्यवस्थित होना है। यह प्रक्रिया क्रिस्टलीकरण कहलाती है, जो हीरे को उसकी विशिष्ट त्रि-आयामी संरचना प्रदान करती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रश्न: क्या औद्योगिक रूप से निर्मित हीरे (synthetic diamonds) प्राकृतिक हीरे से रासायनिक रूप से भिन्न होते हैं?
- (a) हाँ, वे बहुत अलग होते हैं।
- (b) नहीं, वे रासायनिक रूप से समान होते हैं।
- (c) हाँ, उनमें कम कार्बन होता है।
- (d) नहीं, वे केवल आकार में भिन्न होते हैं।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): संश्लेषित (synthetic) या मानव निर्मित (lab-grown) हीरे उन रासायनिक और भौतिक प्रक्रियाओं द्वारा बनाए जाते हैं जो प्राकृतिक हीरे के निर्माण की नकल करती हैं।
व्याख्या (Explanation): औद्योगिक रूप से निर्मित हीरे, जब वे उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं, रासायनिक रूप से, भौतिक रूप से और ऑप्टिकली (optically) प्राकृतिक हीरे के समान ही होते हैं। मुख्य अंतर उनके निर्माण की प्रक्रिया और मूल (origin) में है। वे अभी भी कार्बन के क्रिस्टल हैं जो समान संरचना और गुणों को प्रदर्शित करते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।