डायमंड पर गहराई से: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान प्रश्न
परिचय: नमस्कार, भविष्य के सफल अधिकारियों! प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण खंड है जो आपकी विश्लेषणात्मक क्षमताओं और वैज्ञानिक समझ का परीक्षण करता है। “Doubling Down on Diamond” जैसे सामयिक संकेत हमें भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के उन मूलभूत सिद्धांतों को खंगालने का अवसर देते हैं जो हमारे आसपास की दुनिया को आकार देते हैं। यह अभ्यास सत्र आपको परीक्षा के लिए तैयार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो आपको प्रमुख अवधारणाओं की एक मजबूत पकड़ प्रदान करेगा। आइए, ज्ञान की इस यात्रा पर निकलें और अपनी तैयारी को और मज़बूत करें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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कार्बन का कौन सा अपरूप (allotrope) अपने अत्यधिक कठोरता के लिए जाना जाता है?
- (a) ग्रेफाइट
- (b) फुलरीन
- (c) हीरा (Diamond)
- (d) चारकोल
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन के विभिन्न अपरूपों की क्रिस्टल संरचना और बंधन प्रकृति उनकी भौतिक गुणों को निर्धारित करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों (covalent bonds) द्वारा चतुष्फलकीय (tetrahedral) रूप से जुड़ा होता है। यह त्रिविमीय (three-dimensional) नेटवर्क अत्यधिक मजबूत होता है, जिससे हीरा प्राकृतिक रूप से सबसे कठोर पदार्थों में से एक बन जाता है। ग्रेफाइट की परतदार संरचना में कमजोर अंतरा-आणविक बल होते हैं, जिससे यह चिकना और नरम होता है। फुलरीन कार्बन के गोले या नलिकाएं होती हैं, और चारकोल एक अक्रिस्टलीय (amorphous) रूप है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) उच्च क्यों होता है?
- (a) इसकी कम घनत्व
- (b) इसके विशिष्ट क्रिस्टल संरचना में इलेक्ट्रॉनों का सघन जमाव
- (c) इसकी उच्च विद्युत चालकता
- (d) इसमें मौजूद अशुद्धियाँ
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक पदार्थ में प्रकाश की गति और उसकी इलेक्ट्रॉनिक संरचना से संबंधित है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण चमक और जगमगाहट (sparkle) का मुख्य कारण उसका उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) और उच्च फैलाव (dispersion) है। उच्च अपवर्तनांक का मतलब है कि प्रकाश हीरे के अंदर धीरे चलता है। यह उच्च घनत्व और कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधों के कारण इलेक्ट्रॉनों के सघन जमाव के कारण होता है, जो प्रकाश के साथ प्रबलता से परस्पर क्रिया करते हैं। यह इलेक्ट्रॉनों का सघन जमाव प्रकाश के प्रकीर्णन (scattering) और पुनर्विचार (refraction) को बढ़ाता है, जिससे हीरे में ‘आग’ (fire) जैसा प्रभाव उत्पन्न होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का उपयोग किसमें नहीं किया जाता है?
- (a) कटिंग और ग्राइंडिंग उपकरण
- (b) आभूषण
- (c) अत्यधिक कुशल कंप्यूटर चिप्स
- (d) प्रयोगशाला में ग्लासवेयर
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न सामग्रियों के भौतिक और रासायनिक गुण उनके विशिष्ट अनुप्रयोगों को निर्धारित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे की कठोरता इसे कटिंग, ग्राइंडिंग और पॉलिशिंग उपकरणों के लिए एक आदर्श सामग्री बनाती है। इसकी सुंदरता इसे आभूषणों में मूल्यवान बनाती है। इसके उत्कृष्ट विद्युतरोधी (electrically insulating) गुणों और उच्च तापीय चालकता (thermal conductivity) के कारण, विशेष रूप से सिंथेटिक हीरे का उपयोग उच्च-प्रदर्शन इलेक्ट्रॉनिक्स में गर्मी अपव्यय (heat dissipation) के लिए हीट सिंक के रूप में या विशेष अर्धचालक (semiconductor) अनुप्रयोगों में किया जा सकता है। हालांकि, प्रयोगशाला में ग्लासवेयर के लिए, जो आमतौर पर कांच (सिलिका) से बने होते हैं, हीरे का उपयोग नहीं किया जाता क्योंकि कांच की रासायनिक स्थिरता और कम लागत अधिक उपयुक्त है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे के निर्माण में निम्नलिखित में से कौन सी स्थिति सबसे अधिक योगदान करती है?
- (a) कम दबाव और उच्च तापमान
- (b) वायुमंडलीय दबाव और कमरे का तापमान
- (c) उच्च दबाव और उच्च तापमान
- (d) कम दबाव और कम तापमान
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): चरण आरेख (phase diagrams) विभिन्न दाब और तापमान पर किसी पदार्थ की स्थिर अवस्थाओं को दर्शाते हैं।
व्याख्या (Explanation): पृथ्वी के भीतर, हीरे का निर्माण अत्यधिक उच्च दाब (लगभग 4.5-6 GPa) और उच्च तापमान (लगभग 900-1300 °C) पर होता है। ये स्थितियाँ पृथ्वी के मेंटल (mantle) में पाई जाती हैं। उच्च दाब कार्बन परमाणुओं को एक साथ कसकर पैक करने के लिए मजबूर करता है, जिससे हीरे की घनी क्रिस्टल संरचना बनती है, जबकि उच्च तापमान इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है। प्रयोगशाला में भी कृत्रिम हीरे का निर्माण समान उच्च दाब और उच्च तापमान (HPHT) विधियों का उपयोग करके किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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शुद्ध हीरा विद्युत का क्या होता है?
- (a) अतिचालक (Superconductor)
- (b) सुचालक (Conductor)
- (c) अर्धचालक (Semiconductor)
- (d) विद्युतरोधी (Insulator)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ की विद्युत चालकता उसकी संरचना में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): शुद्ध हीरे में, सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन (valence electrons) सहसंयोजक बंधों (covalent bonds) में मजबूती से बंधे होते हैं और वे विद्युत धारा प्रवाहित करने के लिए स्वतंत्र नहीं होते हैं। इसलिए, शुद्ध हीरा एक उत्कृष्ट विद्युतरोधी (insulator) होता है। हालांकि, डोपिंग (doping) जैसी प्रक्रियाओं के माध्यम से, हीरे को अर्धचालक या यहाँ तक कि संवाहक (conductive) गुणों के साथ संशोधित किया जा सकता है, लेकिन प्राकृतिक या शुद्ध रूप से, यह एक विद्युतरोधी है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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कार्बन परमाणु हीरे में किस प्रकार के बंध द्वारा जुड़े होते हैं?
- (a) आयनिक बंध (Ionic bond)
- (b) सहसंयोजक बंध (Covalent bond)
- (c) धात्विक बंध (Metallic bond)
- (d) हाइड्रोजन बंध (Hydrogen bond)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधों में, परमाणु इलेक्ट्रॉन साझा करते हैं, जिससे एक मजबूत, स्थिर नेटवर्क बनता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु अपने चार संयोजी इलेक्ट्रॉनों को चार पड़ोसी कार्बन परमाणुओं के साथ साझा करता है। यह इलेक्ट्रॉनों का साझाकरण मजबूत सहसंयोजक बंध बनाता है। ये सहसंयोजक बंध एक विस्तारित त्रिविमीय नेटवर्क बनाते हैं, जो हीरे की अत्यधिक कठोरता और उच्च गलनांक (high melting point) के लिए जिम्मेदार है। आयनिक बंधों में इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण, धात्विक बंधों में इलेक्ट्रॉनों का एक ‘समुद्र’, और हाइड्रोजन बंधों में हाइड्रोजन की भागीदारी शामिल होती है, जो हीरे की संरचना के लिए प्रासंगिक नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का उच्च फैलाव (high dispersion) किस घटना के लिए जिम्मेदार है?
- (a) इसकी कठोरता
- (b) इसकी पारदर्शिता
- (c) इसका ‘आग’ या इंद्रधनुषी रंग (rainbow colours)
- (d) इसकी विद्युत चालकता
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश का फैलाव (Dispersion of light) विभिन्न तरंग दैर्ध्य (wavelengths) के प्रकाश के लिए माध्यम के अपवर्तनांक में भिन्नता के कारण होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च फैलाव (लगभग 0.044) का अर्थ है कि लाल और बैंगनी प्रकाश के लिए इसका अपवर्तनांक काफी भिन्न होता है। जब सफेद प्रकाश हीरे से गुजरता है, तो यह अपने घटक रंगों में विभाजित हो जाता है, ठीक वैसे ही जैसे एक प्रिज्म में होता है। यह घटना हीरे को विभिन्न कोणों पर प्रकाश को अलग-अलग दिशाओं में मोड़ने का कारण बनती है, जिससे ‘आग’ या इंद्रधनुषी रंग का प्रभाव उत्पन्न होता है, जो हीरे की सुंदरता का एक प्रमुख कारक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव शरीर में, ‘हीरा’ (Diamond) जैसा मजबूत पदार्थ क्या है?
- (a) हड्डी (Bone)
- (b) दांतों का इनेमल (Tooth enamel)
- (c) उपास्थि (Cartilage)
- (d) पेशी (Muscle)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जैविक सामग्री की संरचना और खनिजों की संरचना में समानताएं उनके गुणों में प्रतिबिंबित हो सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): मानव शरीर में, दांतों का इनेमल शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है। यह मुख्य रूप से हाइड्रॉक्सीपैटाइट (hydroxyapatite) नामक खनिज से बना होता है, जिसके क्रिस्टल एक जटिल, सघन मैट्रिक्स में व्यवस्थित होते हैं। हालांकि यह हीरे जितना कठोर नहीं है, यह शरीर के अन्य ऊतकों जैसे हड्डी, उपास्थि या पेशी की तुलना में काफी मजबूत और खरोंच प्रतिरोधी होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे के रासायनिक सूत्र में कौन सा तत्व शामिल है?
- (a) सिलिकॉन (Si)
- (b) कार्बन (C)
- (c) बोरॉन (B)
- (d) नाइट्रोजन (N)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपरूपता (Allotropy) एक ही तत्व के विभिन्न रूपों को संदर्भित करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक अपरूप है। इसका मतलब है कि यह पूरी तरह से कार्बन परमाणुओं से बना है। हीरे का रासायनिक सूत्र केवल ‘C’ है, जो दर्शाता है कि इसमें केवल कार्बन तत्व है। बोरॉन और नाइट्रोजन जैसी अशुद्धियाँ हीरे के रंग और गुणों को प्रभावित कर सकती हैं (जैसे नीले हीरे में नाइट्रोजन), लेकिन शुद्ध हीरे में केवल कार्बन ही होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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तापमान की इकाई जो हीरे के निर्माण के लिए आवश्यक है (उच्च तापमान) वह क्या है?
- (a) सेल्सियस (°C)
- (b) फारेनहाइट (°F)
- (c) केल्विन (K)
- (d) जूल (J)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वैज्ञानिक संदर्भों में, विशेष रूप से भौतिकी और रसायन विज्ञान में, तापमान को अक्सर केल्विन पैमाने पर मापा जाता है, जो परम शून्य (absolute zero) से शुरू होता है।
व्याख्या (Explanation): हालांकि सामान्य बातचीत में सेल्सियस और फारेनहाइट का उपयोग किया जाता है, वैज्ञानिक और विशेष रूप से भूविज्ञान और पदार्थ विज्ञान जैसे क्षेत्रों में, उच्च तापमान को अक्सर केल्विन (K) में व्यक्त किया जाता है। हीरे के निर्माण के लिए आवश्यक तापमान लगभग 900-1300 °C है, जिसे केल्विन में बदलने पर लगभग 1173-1573 K होता है। जूल (J) ऊर्जा की इकाई है, तापमान की नहीं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे को गर्म करने पर, यदि ऑक्सीजन की उपस्थिति हो, तो यह मुख्य रूप से किस गैस में परिवर्तित हो जाएगा?
- (a) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
- (b) सल्फर डाइऑक्साइड (SO2)
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
- (d) मीथेन (CH4)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): दहन (Combustion) एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ ऑक्सीजन के साथ मिलकर ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न करता है।
व्याख्या (Explanation): जब हीरे (कार्बन) को ऑक्सीजन की उपस्थिति में उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है, तो दहन की प्रतिक्रिया होती है। कार्बन ऑक्सीजन के साथ मिलकर कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) बनाता है। यह प्रतिक्रिया इस प्रकार है: C (s) + O2 (g) → CO2 (g)। यदि ऑक्सीजन की आपूर्ति सीमित हो, तो कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) भी बन सकता है, लेकिन पूर्ण दहन में CO2 प्रमुख उत्पाद होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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पृथ्वी के किस भाग में प्राकृतिक हीरे सबसे अधिक पाए जाते हैं?
- (a) ज्वालामुखी की राख (Volcanic ash)
- (b) अवसादी चट्टानें (Sedimentary rocks)
- (c) कायांतरित चट्टानें (Metamorphic rocks)
- (d) मैग्मा (Magma)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ज्वालामुखी उद्गार (volcanic eruptions) पृथ्वी की गहराई से पदार्थ को सतह पर ला सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्राकृतिक हीरे मुख्य रूप से किम्बरलाइट (kimberlite) और लैम्प्रोइट (lamproite) नामक आग्नेय चट्टानों (igneous rocks) में पाए जाते हैं, जो पृथ्वी के मेंटल से उत्पन्न होती हैं और ज्वालामुखी उद्गार के माध्यम से सतह पर लाई जाती हैं। ये चट्टानें अक्सर ‘ज्वालामुखी की राख’ के रूप में जमा होती हैं। हीरे के निर्माण के लिए आवश्यक उच्च दाब और तापमान की स्थिति पृथ्वी की सतह के नीचे बहुत गहराई में होती है, और इन विशेष चट्टानों के माध्यम से ही वे सतह पर पहुंचते हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा हीरे के ‘कट’ (cut) को प्रभावित करने वाला एक कारक नहीं है?
- (a) कोण (Angles)
- (b) समरूपता (Symmetry)
- (c) पॉलिश (Polish)
- (d) घनत्व (Density)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे का ‘कट’ उसकी संरचनात्मक विशेषताओं को संदर्भित करता है जो प्रकाश के प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे के कट का मूल्यांकन उसकी चमक (brightness), आग (fire), और झिलमिलाहट (scintillation) को बढ़ाने की क्षमता के आधार पर किया जाता है। कोण, समरूपता और पॉलिश ये सभी प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं कि प्रकाश हीरे के माध्यम से कैसे गुजरता है और परावर्तित होता है। हीरे का घनत्व (लगभग 3.52 g/cm³) एक अंतर्निहित भौतिक गुण है जो कटाई से नहीं बदलता और सीधे तौर पर कट के प्रदर्शन को प्रभावित नहीं करता है, हालांकि यह अन्य गुणों में योगदान कर सकता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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डायमंड नैनोक्रिस्टल (diamond nanocrystals) के निम्नलिखित में से कौन से संभावित अनुप्रयोग हैं?
- (a) बायोमेडिकल इमेजिंग
- (b) कटाई के औजार
- (c) इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नैनोमैटेरियल्स (Nanomaterials) अपने अद्वितीय गुणों के कारण विभिन्न क्षेत्रों में नए अनुप्रयोगों के द्वार खोलते हैं।
व्याख्या (Explanation): डायमंड नैनोक्रिस्टल, अपने छोटे आकार और उच्च सतह क्षेत्र के कारण, विशेष गुण प्रदर्शित करते हैं। बायोमेडिकल इमेजिंग में, उन्हें फ्लोरोसेंट मार्कर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। उनकी कठोरता के कारण, उन्हें उन्नत कटाई और पॉलिशिंग औजारों में शामिल किया जा सकता है। उनके इलेक्ट्रॉनिक गुणों (जैसे अर्धचालक क्षमता) के कारण, वे अगली पीढ़ी के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के विकास में भी भूमिका निभा सकते हैं। इसलिए, सभी विकल्प संभावित अनुप्रयोग हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे के वजन को मापने के लिए किस इकाई का उपयोग किया जाता है?
- (a) ग्राम (Gram)
- (b) कैरेट (Carat)
- (c) पाउंड (Pound)
- (d) किलोग्राम (Kilogram)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कीमती पत्थरों और धातुओं के लिए विशेष माप इकाइयाँ ऐतिहासिक रूप से विकसित हुई हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे और अन्य कीमती पत्थरों के वजन को मापने के लिए ‘कैरेट’ (carat) नामक इकाई का उपयोग किया जाता है। एक कैरेट 200 मिलीग्राम (0.2 ग्राम) के बराबर होता है। ग्राम, पाउंड और किलोग्राम सामान्य वजन की इकाइयाँ हैं जिनका उपयोग हीरे के संदर्भ में नहीं किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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“Doubling Down on Diamond” शीर्षक विज्ञान के किस क्षेत्र से संबंधित हो सकता है?
- (a) खगोल भौतिकी (Astrophysics)
- (b) पदार्थ विज्ञान (Materials Science)
- (c) भूविज्ञान (Geology)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे के अध्ययन में विभिन्न वैज्ञानिक विषयों का योगदान होता है।
व्याख्या (Explanation): ‘डायमंड’ शब्द कई वैज्ञानिक क्षेत्रों से जुड़ सकता है। पदार्थ विज्ञान हीरे के गुणों, निर्माण और अनुप्रयोगों का अध्ययन करता है। भूविज्ञान पृथ्वी के भीतर हीरे के निर्माण और उनके निष्कर्षण का अध्ययन करता है। खगोल भौतिकी में, वैज्ञानिक ब्रह्मांड में हीरे की खोज करते हैं, जैसे कि हीरे के ग्रहों (diamond planets) का अस्तित्व। इसलिए, शीर्षक इन सभी क्षेत्रों से संबंधित हो सकता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे में मौजूद निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता प्रकाश के प्रकीर्णन (scattering) को अधिकतम करती है?
- (a) उच्च अपवर्तनांक
- (b) निम्न फैलाव
- (c) कम घनत्व
- (d) पारदर्शी होना
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश का प्रकीर्णन और अपवर्तन किसी माध्यम के अपवर्तनांक से सीधे संबंधित होते हैं।
व्याख्या (Explanation): उच्च अपवर्तनांक का मतलब है कि प्रकाश हीरे के अंदर अधिक झुकता है। यह झुकाव बार-बार होने वाले आंतरिक परावर्तन (internal reflection) और अपवर्तन के साथ मिलकर प्रकाश को हीरे के भीतर फंसाता है, जिससे वह बाहर निकलने से पहले कई बार प्रकीर्णित (scattered) और परावर्तित (reflected) होता है। यही कारण है कि हीरा इतना जगमगाता है। निम्न फैलाव, कम घनत्व, या पारदर्शी होना, प्रकाश के प्रकीर्णन को इस हद तक नहीं बढ़ाते हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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यदि किसी हीरे में नाइट्रोजन अशुद्धियाँ (nitrogen impurities) हों, तो वह सामान्यतः किस रंग का होगा?
- (a) नीला
- (b) लाल
- (c) पीला या भूरा
- (d) हरा
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ अशुद्धियाँ (trace elements) क्रिस्टल संरचना में शामिल होने पर यौगिकों को रंग प्रदान करती हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में नाइट्रोजन की उपस्थिति सबसे आम अशुद्धियों में से एक है। जब नाइट्रोजन परमाणु कार्बन जाली (carbon lattice) में छोटी मात्रा में शामिल हो जाते हैं, तो वे प्रकाश के नीले-बैंगनी क्षेत्र से ऊर्जा को अवशोषित करते हैं, जिससे हीरा पीला या भूरा दिखाई देता है। हीरे में बोरॉन की उपस्थिति से नीला रंग आता है, और कुछ विशेष विकिरणों से हरा रंग आता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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पृथ्वी पर प्राकृतिक हीरे किस प्रक्रिया से बनते हैं?
- (a) अवसादन (Sedimentation)
- (b) वाष्पीकरण (Evaporation)
- (c) ज्वालामुखी गतिविधि (Volcanic activity)
- (d) क्षरण (Erosion)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): उच्च दाब और उच्च तापमान की भूगर्भीय प्रक्रियाएं हीरे के निर्माण के लिए आवश्यक हैं।
व्याख्या (Explanation): प्राकृतिक हीरे पृथ्वी के मेंटल में बहुत गहराई में, उच्च दाब (4.5-6 GPa) और उच्च तापमान (900-1300°C) पर बनते हैं। इन स्थितियों में कार्बन परमाणु हीरे की घनी क्रिस्टल संरचना में व्यवस्थित हो जाते हैं। जब ज्वालामुखी उद्गार होता है, तो ये हीरे युक्त पिघली हुई चट्टानें (किम्बरलाइट और लैम्प्रोइट) पृथ्वी की सतह पर लाई जाती हैं, जिससे उन्हें खदानों से निकाला जा सकता है। अन्य प्रक्रियाएं, जैसे अवसादन, वाष्पीकरण और क्षरण, हीरे के निर्माण के लिए आवश्यक चरम स्थितियों को प्रदान नहीं करती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे की कटाई के लिए आजकल सबसे आम उपकरण क्या है?
- (a) लोहे की आरी (Iron saw)
- (b) हीरे के कणों से युक्त तार (Wire embedded with diamond particles)
- (c) लेज़र (Laser)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एक कठोर पदार्थ को काटने के लिए, काटने वाले औजार को स्वयं पदार्थ से अधिक कठोर होना चाहिए।
व्याख्या (Explanation): हीरे को काटने और आकार देने के लिए, काटने वाले औजार की कठोरता हीरे की कठोरता से अधिक या उसके बराबर होनी चाहिए। हीरे की कठोरता के कारण, हीरे के कणों से युक्त तार (wire saws) का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है। आधुनिक तकनीक में, लेजर कटिंग भी एक प्रभावी विधि है जिसका उपयोग सटीक कटाई के लिए किया जाता है। ऐतिहासिक रूप से, अन्य हीरे के टुकड़ों या कठोर खनिजों का भी उपयोग किया जाता था। इसलिए, सभी विकल्प विभिन्न तरीकों से उपयोग किए जा सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे का तापीय चालकता (thermal conductivity) बहुत उच्च क्यों होती है?
- (a) मुक्त इलेक्ट्रॉनों की बड़ी संख्या
- (b) मजबूत सहसंयोजक बंधों के कारण कंपन का कुशल संचरण
- (c) कम घनत्व
- (d) आयनिक बंधों की उपस्थिति
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थों में ऊष्मा का संचरण मुख्य रूप से कंपन (phonons) या मुक्त इलेक्ट्रॉनों द्वारा होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, तापीय चालकता मुख्य रूप से कार्बन परमाणुओं के मजबूत सहसंयोजक बंधों के कारण होने वाले कंपन के कुशल संचरण (phonons) के कारण होती है। ये कंपन ऊष्मा ऊर्जा को क्रिस्टल जाली के माध्यम से बहुत तेजी से ले जाते हैं। शुद्ध हीरे में कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं, इसलिए यह विद्युत चालकता से भिन्न है। आयनिक बंध तापीय चालकता को कम करते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कौन सा खनिज, हीरे की तरह, कार्बन से बना होता है लेकिन बहुत नरम होता है?
- (a) क्वार्ट्ज (Quartz)
- (b) पाइराइट (Pyrite)
- (c) ग्रेफाइट (Graphite)
- (d) अभ्रक (Mica)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एक ही तत्व के अपरूपों के भौतिक गुण उनकी क्रिस्टल संरचना के आधार पर बहुत भिन्न हो सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट कार्बन का एक अपरूप है, जो हीरे से बहुत अलग होता है। जबकि हीरे में कार्बन परमाणु एक मजबूत त्रि-आयामी नेटवर्क में बंधे होते हैं, ग्रेफाइट में कार्बन परमाणु षट्कोणीय परतों (hexagonal layers) में व्यवस्थित होते हैं। इन परतों के बीच कमजोर वैन डेर वाल्स बल (van der Waals forces) होते हैं, जिससे ग्रेफाइट बहुत नरम, परतदार और एक अच्छा स्नेहक (lubricant) होता है। क्वार्ट्ज सिलिकॉन डाइऑक्साइड है, पाइराइट आयरन सल्फाइड है, और अभ्रक सिलिकेट खनिज है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कृत्रिम हीरे (synthetic diamonds) का उत्पादन निम्नलिखित में से किस विधि द्वारा नहीं किया जाता है?
- (a) HPHT (High Pressure, High Temperature)
- (b) CVD (Chemical Vapor Deposition)
- (c) LPE (Liquid Phase Epitaxy)
- (d) HCL (Hydrochloric Acid)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कृत्रिम हीरे का निर्माण विशिष्ट भौतिक और रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा होता है।
व्याख्या (Explanation): कृत्रिम हीरे का उत्पादन मुख्य रूप से HPHT (उच्च दाब, उच्च तापमान) विधि द्वारा किया जाता है, जो प्राकृतिक हीरे के निर्माण की नकल करती है, और CVD (रासायनिक वाष्प जमाव) विधि द्वारा, जिसमें गैसीय पूर्ववर्तियों (gaseous precursors) से हीरे की परतें उगाई जाती हैं। LPE (लिक्विड फेज एपिटैक्सी) का उपयोग अर्धचालक सामग्री के लिए किया जाता है, न कि सीधे हीरे के संश्लेषण के लिए। हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCL) एक मजबूत एसिड है और इसका उपयोग हीरे के संश्लेषण में नहीं किया जाता है; बल्कि, यह हीरे को घोलने के लिए बहुत ही अविशिष्ट (non-specific) है, जो इसे अन्य विधियों में अवशेषों को साफ करने के लिए उपयोग किया जा सकता है, लेकिन संश्लेषण विधि के रूप में नहीं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे में पाए जाने वाले कार्बन-कार्बन बंधों (C-C bonds) की लंबाई लगभग कितनी होती है?
- (a) 1.2 Å
- (b) 1.54 Å
- (c) 2.0 Å
- (d) 0.98 Å
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधों की लंबाई उन परमाणुओं और उनके इलेक्ट्रॉनों के बीच की दूरी है जो बंध बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में कार्बन-कार्बन सहसंयोजक बंधों की औसत लंबाई लगभग 1.54 Å (एंग्स्ट्रॉम) होती है। यह एक एकल सहसंयोजक बंध के लिए विशिष्ट लंबाई है और हीरे की संरचनात्मक स्थिरता और कठोरता में योगदान करती है। अन्य मान या तो बहुत छोटे (जैसे 0.98 Å, जो हाइड्रोजन-हाइड्रोजन बंध के लिए विशिष्ट है) या बहुत बड़े (जैसे 2.0 Å) हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।