डायमंड के पीछे का विज्ञान: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की गहरी समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है। भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के सिद्धांतों को आत्मसात करने से न केवल आपके ज्ञान का विस्तार होता है, बल्कि आपको जटिल प्रश्नों को हल करने की क्षमता भी मिलती है। यहाँ डायमंड (हीरा) के संदर्भ में इन विषयों से संबंधित 25 अभ्यास प्रश्न दिए गए हैं, जो आपकी तैयारी को परखने और मजबूत करने में सहायक होंगे।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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भौतिकी: हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) अपेक्षाकृत उच्च क्यों होता है?
- (a) क्योंकि इसमें कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधन होते हैं।
- (b) क्योंकि यह प्रकाश को बहुत अच्छी तरह से परावर्तित करता है।
- (c) क्योंकि इसमें इलेक्ट्रॉनों का एक विशेष विन्यास होता है जो प्रकाश की गति को धीमा कर देता है।
- (d) क्योंकि इसका गलनांक (melting point) बहुत अधिक होता है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक (n) किसी माध्यम में प्रकाश की गति (c) और उस माध्यम में प्रकाश की गति (v) का अनुपात है, अर्थात n = c/v। एक उच्च अपवर्तनांक का मतलब है कि प्रकाश उस माध्यम में धीमा हो जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणु एक त्रि-आयामी जाली संरचना में बहुत कसकर बंधे होते हैं। यह सघन संरचना और इलेक्ट्रॉनों का विशेष विन्यास प्रकाश के साथ इस तरह से इंटरैक्ट करता है कि प्रकाश की गति हीरे के भीतर काफी कम हो जाती है। प्रकाश की गति में यह कमी उच्च अपवर्तनांक का कारण बनती है, जिसके परिणामस्वरूप हीरे का “चमक” (brilliance) और “आग” (fire) जैसा गुण प्रदर्शित होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान: हीरे का रासायनिक सूत्र क्या है?
- (a) CO
- (b) CO₂
- (c) C
- (d) Si
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र किसी यौगिक या तत्व में मौजूद परमाणुओं के प्रकार और संख्या को दर्शाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन (Carbon) का एक अपरूप (allotrope) है। यह केवल कार्बन परमाणुओं से बना होता है, जो एक विशिष्ट क्रिस्टल संरचना में व्यवस्थित होते हैं। इसलिए, इसका रासायनिक सूत्र केवल ‘C’ है। CO कार्बन मोनोऑक्साइड है, CO₂ कार्बन डाइऑक्साइड है, और Si सिलिकॉन है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान: निम्नलिखित में से कौन सा कार्बन का एक जैविक अपरूप नहीं है?
- (a) ग्रेफाइट (Graphite)
- (b) चारकोल (Charcoal)
- (c) फूलरीन (Fullerenes)
- (d) शर्करा (Sugar)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन के अपरूप वे विभिन्न रूप हैं जिनमें कार्बन तत्व एक ही भौतिक अवस्था में मौजूद हो सकता है। शर्करा (जैसे ग्लूकोज) कार्बनिक यौगिक हैं जिनमें कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन होते हैं, न कि केवल शुद्ध कार्बन।
व्याख्या (Explanation): हीरा, ग्रेफाइट, चारकोल (जो काफी हद तक अक्रिस्टलीय कार्बन है), और फूलरीन (जैसे बकीबॉल) सभी कार्बन के अपरूप या मुख्य रूप से कार्बन से बने पदार्थ हैं। शर्करा, हालांकि कार्बनिक हैं, वे शुद्ध कार्बन नहीं हैं; वे कार्बोहाइड्रेट हैं जिनमें कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के अलग-अलग अनुपात होते हैं (जैसे ग्लूकोज का सूत्र C₆H₁₂O₆ है)।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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भौतिकी: हीरे की कठोरता का मुख्य कारण क्या है?
- (a) परमाणुओं के बीच कमजोर वैन डेर वाल्स बल
- (b) कार्बन परमाणुओं के बीच आयनिक बंधन
- (c) कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधन (covalent bonds)
- (d) परमाणुओं के बीच बड़े रिक्त स्थान
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्रिस्टल संरचना में परमाणुओं को एक साथ रखने वाले बंधन की प्रकृति पदार्थ की कठोरता और अन्य भौतिक गुणों को निर्धारित करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधनों द्वारा जुड़ा होता है, जो एक अत्यधिक स्थिर और त्रि-आयामी चतुष्फलकीय (tetrahedral) जाली संरचना बनाते हैं। ये सहसंयोजक बंधन बहुत मजबूत होते हैं, जिससे हीरा प्रकृति का सबसे कठोर ज्ञात पदार्थ बन जाता है। वैन डेर वाल्स बल (जो आणविक क्रिस्टल में होते हैं) कमजोर होते हैं, आयनिक बंधन (जो आयनों के बीच होते हैं) सहसंयोजक बंधनों की तुलना में अलग व्यवहार करते हैं, और परमाणुओं के बीच बड़े रिक्त स्थान पदार्थ को नरम बनाते हैं, कठोर नहीं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान: हीरे की क्रिस्टल संरचना का नाम क्या है?
- (a) घनाकार (Cubic)
- (b) षट्कोणीय (Hexagonal)
- (c) चतुष्फलकीय (Tetrahedral)
- (d) फलक-केंद्रित घनाकार (Face-centered cubic – FCC)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्रिस्टल संरचना किसी क्रिस्टल में परमाणुओं, आयनों या अणुओं की व्यवस्था का वर्णन करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की सबसे आम और स्थिर क्रिस्टल संरचना है “हीरा घन जाली” (diamond cubic lattice), जो एक प्रकार की फलक-केंद्रित घनाकार (FCC) व्यवस्था का एक विस्तार है। हालांकि, प्रत्येक परमाणु चतुष्फलकीय रूप से व्यवस्थित होता है, संपूर्ण जाली को घनाकार (cubic) माना जाता है। FCC की जाली में 8 परमाणु होते हैं, जबकि हीरा जाली में 8 परमाणु प्रति यूनिट सेल होते हैं, जो FCC से भिन्न है। सबसे उपयुक्त उत्तर ‘घनाकार’ है क्योंकि यह समग्र जाली की समरूपता को दर्शाता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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जीव विज्ञान: निम्नलिखित में से कौन सा जीव प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) करता है?
- (a) कवक (Fungi)
- (b) जीवाणु (Bacteria)
- (c) शैवाल (Algae)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे, शैवाल और कुछ जीवाणु सूर्य के प्रकाश, पानी और कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके अपना भोजन (ग्लूकोज) बनाते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं।
व्याख्या (Explanation): कवक विषमपोषी (heterotrophic) होते हैं और अपना भोजन अवशोषित करते हैं। कुछ जीवाणु प्रकाश संश्लेषण करते हैं (जैसे साइनोबैक्टीरिया), लेकिन यह सामान्य जीवाणु के लिए सत्य नहीं है। शैवाल (जैसे हरे शैवाल, डायटम) यूकेरियोटिक जीव हैं जिनमें क्लोरोप्लास्ट होते हैं और वे प्रकाश संश्लेषण करते हैं। इसलिए, दिए गए विकल्पों में से, शैवाल सबसे उपयुक्त उत्तर है जो प्रकाश संश्लेषण करता है। यदि ‘कुछ जीवाणु’ विकल्प में शामिल होता, तो वह भी सही होता, लेकिन यहां शैवाल एक प्रमुख प्रकाश संश्लेषक समूह है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भौतिकी: हीरे द्वारा उत्पन्न इंद्रधनुषी रंगों (fire) का कारण क्या है?
- (a) अवशोषण (Absorption)
- (b) विवर्तन (Diffraction)
- (c) फैलाव (Dispersion)
- (d) परावर्तन (Reflection)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फैलाव (Dispersion) वह घटना है जब सफेद प्रकाश एक माध्यम से गुजरते समय अपने घटक रंगों में विभाजित हो जाता है, क्योंकि प्रत्येक रंग का अपवर्तनांक थोड़ा भिन्न होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक और उसके विभिन्न रंगों के प्रति भिन्न अपवर्तन के कारण, जब सफेद प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह अपने घटक रंगों में बिखर जाता है। यह घटना फैलाव कहलाती है, जो हीरे में इंद्रधनुषी रंगों (fire) के लिए जिम्मेदार है। परावर्तन प्रकाश को वापस लौटाता है, अवशोषण प्रकाश को सोख लेता है, और विवर्तन प्रकाश के मुड़ने की घटना है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ग्रेफाइट के बारे में सत्य है, जो हीरे से भिन्न है?
- (a) यह अत्यंत कठोर होता है।
- (b) यह विद्युत का सुचालक होता है।
- (c) यह प्रकाश को उच्च अपवर्तनांक के साथ दर्शाता है।
- (d) यह एक उत्कृष्ट ऊष्मारोधी (thermal insulator) है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न अपरूपों के परमाणुओं की व्यवस्था और उनके बीच के बंधनों के कारण उनके भौतिक गुण भिन्न होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, सभी कार्बन परमाणु सहसंयोजक बंधनों से बंधे होते हैं, जिससे यह कठोर और विद्युत का कुचालक होता है। ग्रेफाइट की संरचना में, कार्बन परमाणु परतों में व्यवस्थित होते हैं, और प्रत्येक परत के भीतर सहसंयोजक बंधन होते हैं, लेकिन परतों के बीच वैन डेर वाल्स बल होते हैं। प्रत्येक कार्बन परमाणु तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से बंधा होता है, और एक इलेक्ट्रॉन प्रत्येक परमाणु पर ‘डीलोकलाइज़्ड’ (delocalized) होता है, जिससे यह विद्युत का सुचालक बन जाता है। ग्रेफाइट नरम और चिकना होता है, जो इसे स्नेहक (lubricant) के रूप में उपयोगी बनाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जीव विज्ञान: कोशिका की ऊर्जा मुद्रा (energy currency) किसे कहा जाता है?
- (a) ग्लूकोज (Glucose)
- (b) एटीपी (ATP – Adenosine Triphosphate)
- (c) डीएनए (DNA – Deoxyribonucleic Acid)
- (d) आरएनए (RNA – Ribonucleic Acid)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एटीपी (Adenosine Triphosphate) एक उच्च-ऊर्जा वाला अणु है जो कोशिका के भीतर अधिकांश जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं के लिए ऊर्जा प्रदान करता है।
व्याख्या (Explanation): जब एटीपी अणु में फॉस्फेट बंधन टूटता है, तो ऊर्जा निकलती है जिसका उपयोग कोशिका विभिन्न कार्यों के लिए करती है, जैसे कि पेशी संकुचन, तंत्रिका आवेगों का संचार, और रासायनिक संश्लेषण। इसलिए, इसे कोशिका की ऊर्जा मुद्रा कहा जाता है। ग्लूकोज ऊर्जा का स्रोत है, लेकिन सीधे ऊर्जा मुद्रा नहीं है। डीएनए और आरएनए आनुवंशिक सामग्री और प्रोटीन संश्लेषण में भूमिका निभाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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भौतिकी: निम्नलिखित में से कौन सा प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection) का उदाहरण है, जो हीरे की चमक में योगदान देता है?
- (a) साबुन के बुलबुले के रंग
- (b) ऑप्टिकल फाइबर
- (c) प्रकाश का फैलाव
- (d) पानी में पेंसिल का मुड़ा हुआ दिखना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पूर्ण आंतरिक परावर्तन तब होता है जब प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में क्रांतिक कोण (critical angle) से अधिक कोण पर आपतित होता है, जिससे प्रकाश विरल माध्यम में अपवर्तित होने के बजाय पूरी तरह से सघन माध्यम में परावर्तित हो जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, अपने उच्च अपवर्तनांक के कारण, क्रांतिक कोण बहुत कम होता है। जब प्रकाश हीरे के अंदर प्रवेश करता है, तो यह कई बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन से गुजरता है, जो इसकी तीव्र चमक में योगदान देता है। ऑप्टिकल फाइबर भी पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर काम करते हैं, जो प्रकाश को लंबी दूरी तक संचारित करने की अनुमति देता है। साबुन के बुलबुले के रंग व्यतिकरण (interference) के कारण होते हैं। प्रकाश का फैलाव इंद्रधनुषी रंगों के लिए जिम्मेदार है। पानी में पेंसिल का मुड़ा हुआ दिखना अपवर्तन (refraction) के कारण होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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रसायन विज्ञान: हीरे को जलाने पर (पूर्ण दहन की स्थिति में) क्या उत्पाद बनता है?
- (a) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
- (c) पानी (H₂O)
- (d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जब कोई कार्बनिक पदार्थ (जैसे कार्बन) ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलता है, तो वह कार्बन डाइऑक्साइड और ऊर्जा उत्पन्न करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरा शुद्ध कार्बन है। जब इसे पर्याप्त ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलाया जाता है, तो यह कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) और गर्मी (ऊर्जा) उत्पन्न करता है। प्रतिक्रिया इस प्रकार है: C (हीरा) + O₂ (गैस) → CO₂ (गैस)। कार्बन मोनोऑक्साइड एक अपूर्ण दहन का उत्पाद है। पानी केवल तब बनता है जब पदार्थ में हाइड्रोजन भी मौजूद हो।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जीव विज्ञान: निम्नलिखित में से कौन सा जीव पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन का सबसे बड़ा स्रोत है?
- (a) जंगल
- (b) महासागरों में प्लवक (Phytoplankton)
- (c) ज्वालामुखी
- (d) जानवर
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अधिकांश ऑक्सीजन का उत्पादन पृथ्वी पर प्रकाश संश्लेषण द्वारा होता है, और इसमें समुद्री प्लवक (फाइटोप्लांकटन) की प्रमुख भूमिका होती है।
व्याख्या (Explanation): महासागरों में मौजूद फाइटोप्लांकटन (सूक्ष्म शैवाल) पृथ्वी पर होने वाले प्रकाश संश्लेषण का एक बड़ा हिस्सा करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वायुमंडल में भारी मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ी जाती है। अनुमान है कि पृथ्वी पर उत्पादित ऑक्सीजन का 50-70% फाइटोप्लांकटन द्वारा होता है। जंगल भी ऑक्सीजन का महत्वपूर्ण स्रोत हैं, लेकिन फाइटोप्लांकटन की तुलना में कम। जानवर ऑक्सीजन का उपभोग करते हैं, उत्पादन नहीं। ज्वालामुखी सीधे ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं करते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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भौतिकी: हीरे को किस अन्य प्रकार के कार्बन से अलग करने के लिए अवशोषण स्पेक्ट्रोस्कोपी (Absorption Spectroscopy) का उपयोग किया जाता है?
- (a) ग्रेफाइट
- (b) चारकोल
- (c) फुलरीन
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अवशोषण स्पेक्ट्रोस्कोपी किसी पदार्थ द्वारा विशिष्ट तरंग दैर्ध्य के प्रकाश के अवशोषण का विश्लेषण करके उसकी पहचान और संरचना निर्धारित करती है।
व्याख्या (Explanation): विभिन्न कार्बन अपरूपों (जैसे हीरा, ग्रेफाइट, चारकोल, फुलरीन) में इलेक्ट्रॉनों की अलग-अलग व्यवस्था और ऊर्जा स्तर होते हैं। नतीजतन, वे प्रकाश के विभिन्न तरंग दैर्ध्य को अवशोषित करते हैं, जिससे उनके अवशोषण स्पेक्ट्रा (absorption spectra) भिन्न होते हैं। यह अंतर अवशोषण स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग करके उन्हें एक-दूसरे से अलग करने की अनुमति देता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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रसायन विज्ञान: निम्नलिखित में से कौन सा एक सिंथेटिक (कृत्रिम) हीरा बनाने की विधि नहीं है?
- (a) उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT)
- (b) रासायनिक वाष्प जमाव (CVD – Chemical Vapor Deposition)
- (c) पिघला हुआ धातु उत्प्रेरक (Molten Metal Catalyst)
- (d) इलेक्ट्रोप्लेटिंग (Electroplating)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कृत्रिम हीरे बनाने की विधियों में कार्बन को अत्यधिक दबाव और तापमान पर या रासायनिक प्रक्रियाओं के माध्यम से हीरे की संरचना में परिवर्तित करना शामिल है।
व्याख्या (Explanation): HPHT विधि और CVD विधि दोनों ही कृत्रिम हीरे बनाने की मुख्य तकनीकें हैं। पिघला हुआ धातु उत्प्रेरक (जैसे निकल, लोहा) HPHT प्रक्रिया में उपयोग किया जाता है। इलेक्ट्रोप्लेटिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें विद्युत धारा का उपयोग करके धातु की एक पतली परत को दूसरे वस्तु पर चढ़ाया जाता है, इसका हीरे के निर्माण से कोई सीधा संबंध नहीं है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जीव विज्ञान: कोशिका भित्ति (cell wall) किसमें पाई जाती है?
- (a) केवल जंतु कोशिका में
- (b) केवल पादप कोशिका में
- (c) पादप कोशिका और कवक कोशिका में
- (d) केवल जीवाणु कोशिका में
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिका भित्ति कोशिका झिल्ली के बाहर एक सुरक्षात्मक और संरचनात्मक परत है।
व्याख्या (Explanation): कोशिका भित्ति पादप कोशिकाओं, कवक कोशिकाओं और जीवाणु कोशिकाओं में पाई जाती है। यह जंतु कोशिकाओं में अनुपस्थित होती है। पादप कोशिका भित्ति मुख्य रूप से सेल्युलोज से बनी होती है, जबकि कवक कोशिका भित्ति काइटिन से बनी होती है। जीवाणु कोशिका भित्ति पेप्टिडोग्लाइकन से बनी होती है। इसलिए, सबसे सटीक विकल्प (c) है क्योंकि यह दोनों उदाहरण प्रदान करता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भौतिकी: यदि आप हीरे की कठोरता को मापना चाहते हैं, तो आप मोह्स कठोरता पैमाने (Mohs Hardness Scale) पर इसका मान क्या पाएंगे?
- (a) 5.5
- (b) 7
- (c) 10
- (d) 3.5
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मोह्स कठोरता पैमाना किसी खनिज की सापेक्ष खरोंच कठोरता को मापने का एक गुणात्मक (qualitative) पैमाना है।
व्याख्या (Explanation): मोह्स पैमाने पर, हीरा 10 के मान के साथ सबसे कठोर पदार्थ है। यह पैमाना इस सिद्धांत पर आधारित है कि एक कठोर पदार्थ एक नरम पदार्थ को खरोंच सकता है। उदाहरण के लिए, 10 कठोरता वाला हीरा 9 कठोरता वाले कोरंडम को खरोंच देगा।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान: हीरे के निर्माण के लिए किन मुख्य तत्वों या यौगिकों की आवश्यकता होती है?
- (a) केवल कार्बन (C)
- (b) कार्बन (C) और हाइड्रोजन (H)
- (c) कार्बन (C) और ऑक्सीजन (O)
- (d) सिलिकॉन (Si) और कार्बन (C)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरा कार्बन का एक शुद्ध अपरूप है, जिसका अर्थ है कि यह केवल कार्बन परमाणुओं से बना है।
व्याख्या (Explanation): प्राकृतिक हीरे अत्यंत उच्च दबाव और तापमान पर कार्बन के परमाणुओं के पुनर्व्यवस्थित होने से बनते हैं। कृत्रिम हीरे बनाने के लिए भी कार्बन स्रोत (जैसे मीथेन गैस) का उपयोग किया जाता है, लेकिन अंतिम उत्पाद शुद्ध कार्बन का क्रिस्टलीय रूप होता है। अन्य तत्वों की उपस्थिति हीरे की संरचना को दूषित कर सकती है या अन्य यौगिक बना सकती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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जीव विज्ञान: कोशिका के भीतर ऊर्जा का उत्पादन करने वाला मुख्य अंगक (organelle) कौन सा है?
- (a) राइबोसोम (Ribosome)
- (b) एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Endoplasmic Reticulum)
- (c) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)
- (d) गॉल्जी उपकरण (Golgi Apparatus)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का ‘पावरहाउस’ कहा जाता है क्योंकि वे कोशिकीय श्वसन (cellular respiration) की प्रक्रिया द्वारा एटीपी (ऊर्जा) उत्पन्न करते हैं।
व्याख्या (Explanation): कोशिकीय श्वसन में, माइटोकॉन्ड्रिया ग्लूकोज और ऑक्सीजन का उपयोग करके एटीपी, कार्बन डाइऑक्साइड और पानी का उत्पादन करते हैं। राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण में शामिल होते हैं। एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम प्रोटीन और लिपिड के संश्लेषण और परिवहन में भूमिका निभाता है। गॉल्जी उपकरण प्रोटीन और लिपिड के प्रसंस्करण और पैकेजिंग के लिए जिम्मेदार है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भौतिकी: हीरे के “चमक” (brilliance) और “आग” (fire) के संयोजन को क्या कहा जाता है?
- (a) पारदर्शिता (Transparency)
- (b) कठोरता (Hardness)
- (c) प्रदीप्ति (Luminescence)
- (d) प्रतिबिंब (Scintillation)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रतिबिंब (Scintillation) शब्द अक्सर हीरे जैसे रत्नों में प्रकाश के परावर्तन, अपवर्तन और फैलाव के कारण उत्पन्न होने वाले चमक और रंगीन स्पार्कल के प्रभाव को संदर्भित करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की चमक (brilliance) कुल आंतरिक परावर्तन और उच्च अपवर्तनांक के कारण होती है, जो प्रकाश को हीरे के भीतर फंसाकर और फिर उसे बाहर निकालकर अत्यधिक परावर्तन पैदा करती है। हीरे की आग (fire) प्रकाश के फैलाव के कारण विभिन्न रंगों के रूप में दिखाई देती है। इन दोनों गुणों के संयुक्त प्रभाव को कभी-कभी प्रतिबिंब (scintillation) के रूप में वर्णित किया जाता है, जो हीरे को उसकी विशिष्ट चमक प्रदान करता है। प्रदीप्ति (luminescence) में प्रकाश के उत्सर्जन शामिल है जो उत्तेजना (जैसे गर्मी या प्रकाश) के बाद होता है, जो हीरे की आग से भिन्न है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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रसायन विज्ञान: हीरे को ग्रेफाइट में बदलने के लिए किस स्थिति की आवश्यकता होगी?
- (a) उच्च तापमान, कम दबाव
- (b) कम तापमान, उच्च दबाव
- (c) वायुमंडलीय तापमान और दबाव
- (d) पानी की उपस्थिति
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ग्रेफाइट कार्बन का अधिक स्थिर अपरूप है, खासकर पृथ्वी की सतह के पास। हीरे को ग्रेफाइट में बदलने के लिए, उसे कार्बन के अधिक स्थिर रूप में संक्रमण की आवश्यकता होती है।
व्याख्या (Explanation): हीरा, कार्बन का एक मेटास्टेबल (metastable) रूप है। उच्च तापमान पर, विशेष रूप से कम दबाव की स्थिति में, हीरा धीरे-धीरे अधिक स्थिर ग्रेफाइट में परिवर्तित हो जाएगा। यह प्रक्रिया बहुत धीमी होती है और सामान्य परिस्थितियों में दिखाई नहीं देती है, लेकिन उच्च तापमान इसे तेज कर सकता है। उच्च दबाव हीरे के निर्माण के लिए अनुकूल होता है, न कि उसके रूपांतरण के लिए।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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जीव विज्ञान: कोशिका विभाजन (cell division) के दौरान स्पिंडल फाइबर (spindle fibers) किससे बनते हैं?
- (a) सेंट्रोसोम (Centrosome)
- (b) सेंट्रोमियर (Centromere)
- (c) क्रोमोसोम (Chromosome)
- (d) माइक्रो ट्यूब्यूल (Microtubules)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): स्पिंडल फाइबर कोशिका कंकाल (cytoskeleton) के घटक हैं जो कोशिका विभाजन के दौरान गुणसूत्रों (chromosomes) को अलग करने में मदद करते हैं।
व्याख्या (Explanation): स्पिंडल फाइबर प्रोटीन ट्यूबुलिन (tubulin) से बने माइक्रो ट्यूब्यूल होते हैं। ये कोशिका विभाजन के दौरान तर्कु (spindle) बनाते हैं, जो गुणसूत्रों को कोशिका के विपरीत ध्रुवों की ओर खींचते हैं। सेंट्रोसोम कोशिका विभाजन को व्यवस्थित करने में भूमिका निभाते हैं, सेंट्रोमियर गुणसूत्रों के वे हिस्से होते हैं जहाँ स्पिंडल फाइबर जुड़ते हैं, और क्रोमोसोम आनुवंशिक सामग्री के वाहक होते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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भौतिकी: हीरे की कटाई और पॉलिशिंग के लिए किस प्रकार के औजारों का उपयोग किया जाता है?
- (a) साधारण स्टील के ब्लेड
- (b) हीरे के कणों से लेपित डिस्क और तार
- (c) प्लास्टिक के उपकरण
- (d) लकड़ी के घर्षण उपकरण
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ को काटने या पॉलिश करने के लिए, उपयोग किए जाने वाले औजार में उस पदार्थ से अधिक कठोरता होनी चाहिए।
व्याख्या (Explanation): चूंकि हीरा प्रकृति का सबसे कठोर पदार्थ है (मोह्स स्केल पर 10), इसे काटने और पॉलिश करने के लिए बहुत कठोर औजारों की आवश्यकता होती है। इसलिए, हीरे की कटाई और पॉलिशिंग के लिए हीरे के कणों से लेपित डिस्क (जैसे डायमंड सॉ) और तार (डायमंड वायर सॉ) का उपयोग किया जाता है। ये उपकरण हीरे की कठोरता का लाभ उठाकर उसे आकार देते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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रसायन विज्ञान: हीरे की पहचान करने के लिए निम्नलिखित में से कौन सी तकनीक का उपयोग नहीं किया जाता है?
- (a) अपवर्तनांक मापन
- (b) ऊष्मीय चालकता (Thermal Conductivity) मापन
- (c) घनत्व (Density) मापन
- (d) रासायनिक प्रतिक्रियाओं में विलेयता (Solubility)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे के विशिष्ट भौतिक और रासायनिक गुण उसकी पहचान में सहायक होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42), उच्च ऊष्मीय चालकता, और विशिष्ट घनत्व (लगभग 3.52 g/cm³) इसे आसानी से पहचानने योग्य बनाते हैं। हीरा रासायनिक रूप से बहुत निष्क्रिय होता है और अधिकांश सामान्य एसिड या बेस में अविलेय होता है, इसलिए विलेयता का मापन इसकी पहचान का एक मानक तरीका नहीं है, बल्कि इसकी अक्रियता ही एक पहचान बिंदु है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जीव विज्ञान: पौधे अपना भोजन किस प्रक्रिया से बनाते हैं?
- (a) श्वसन (Respiration)
- (b) वाष्पोत्सर्जन (Transpiration)
- (c) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
- (d) परागण (Pollination)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पौधे सूर्य के प्रकाश, जल और कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके अपना भोजन (ग्लूकोज) बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जो पौधों को अपना भोजन स्वयं बनाने में सक्षम बनाती है। श्वसन ऊर्जा जारी करने की प्रक्रिया है। वाष्पोत्सर्जन पौधों से पानी का वाष्पीकरण है। परागण प्रजनन की एक प्रक्रिया है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भौतिकी: निम्नलिखित में से कौन सा कारक हीरे के अपवर्तनांक को प्रभावित करता है?
- (a) रंग
- (b) तापमान
- (c) दबाव
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी माध्यम का अपवर्तनांक माध्यम की प्रकाशीय घनत्व (optical density) को दर्शाता है, और यह माध्यम के घनत्व, तापमान, और उसमें मौजूद घटकों के अनुसार बदल सकता है।
व्याख्या (Explanation): किसी पदार्थ का अपवर्तनांक कई कारकों से प्रभावित हो सकता है। हीरे के संदर्भ में:
- रंग: विभिन्न रंगों (तरंग दैर्ध्य) के प्रकाश का अपवर्तनांक थोड़ा भिन्न होता है, यही कारण है कि फैलाव होता है।
- तापमान: तापमान में परिवर्तन से माध्यम के घनत्व में परिवर्तन होता है, जो अपवर्तनांक को थोड़ा प्रभावित कर सकता है।
- दबाव: दबाव में वृद्धि से घनत्व बढ़ता है, जिससे अपवर्तनांक भी बढ़ता है।
यह सभी कारक हीरे के प्रकाश को मोड़ने की क्षमता को सूक्ष्म रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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