डायमंड के पीछे का विज्ञान: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रिय परीक्षार्थियों, प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की मजबूत पकड़ अत्यंत आवश्यक है। अक्सर, समाचारों में आने वाले विषय भी विज्ञान के महत्वपूर्ण सिद्धांतों से जुड़े होते हैं। “Doubling Down on Diamond” जैसे शीर्षक हमें विज्ञान के विभिन्न पहलुओं, जैसे भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान, के बारे में सोचने पर मजबूर करते हैं। आज हम ऐसे ही 25 अभ्यास प्रश्न लेकर आए हैं, जो आपकी तैयारी को परखने और विभिन्न अवधारणाओं को स्पष्ट करने में मदद करेंगे। इन प्रश्नों के विस्तृत हल आपको परीक्षा में आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक होंगे।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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हीरे का कठोरतम रूप से जुड़े होने का मुख्य कारण क्या है?
- (a) आयनिक बंध
- (b) सहसंयोजक बंध
- (c) धात्विक बंध
- (d) वैन डेर वाल्स बल
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ठोस पदार्थों के गुणधर्म उनमें उपस्थित रासायनिक बंधों पर निर्भर करते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंध (covalent bond) द्वारा जुड़ा होता है। यह त्रिविमीय (three-dimensional) नेटवर्क संरचना अत्यधिक मजबूत होती है, जिसके कारण हीरा प्रकृति का सबसे कठोर पदार्थ है। आयनिक बंध आयनों के बीच, धात्विक बंध धातुओं में और वैन डेर वाल्स बल दुर्बल अंतराण्विक बल हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) लगभग कितना होता है?
- (a) 1.5
- (b) 2.0
- (c) 2.42
- (d) 3.0
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक प्रकाश की गति में सामग्री के प्रभाव को मापता है और किसी रत्न की चमक (brilliance) और अग्नि (fire) को प्रभावित करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.417) ही इसके असाधारण चमक और इंद्रधनुषी रंगों (fire) का कारण है। यह प्रकाश को हीरे के भीतर कई बार परावर्तित और अपवर्तित करता है, जिससे यह विशिष्ट रूप से चमकदार दिखता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे की संरचना में कार्बन परमाणुओं की संकरण अवस्था (hybridization) क्या होती है?
- (a) sp
- (b) sp²
- (c) sp³
- (d) d²sp³
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परमाणुओं की संकरण अवस्था उनकी आणविक ज्यामिति और बंधों की प्रकृति को निर्धारित करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य चार कार्बन परमाणुओं के साथ एकल सहसंयोजक बंध बनाता है, जिससे चतुष्फलकीय (tetrahedral) ज्यामिति बनती है। यह sp³ संकरण का परिणाम है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा कथन हीरे के लिए सत्य नहीं है?
- (a) यह एक अच्छा विद्युत का सुचालक है।
- (b) यह ऊष्मा का एक उत्कृष्ट सुचालक है।
- (c) यह अत्यंत कठोर होता है।
- (d) इसकी क्रिस्टल संरचना चतुष्फलकीय होती है।
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन स्थानीयकृत (localized) होते हैं और सहसंयोजक बंध बनाने में शामिल होते हैं। कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते, इसलिए हीरा विद्युत का कुचालक (insulator) होता है। हालांकि, इसकी क्रिस्टल जाली में कंपन (vibrations) के कारण यह ऊष्मा का उत्कृष्ट सुचालक है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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कार्बन का कौन सा अपररूप (allotrope) हीरे के समान ही मजबूत सहसंयोजक बंध बनाता है?
- (a) ग्रेफाइट
- (b) फुलरीन
- (c) ग्राफीन
- (d) चारकोल
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपररूप (allotropes) एक ही तत्व के विभिन्न रूप हैं जो विभिन्न संरचनाओं में व्यवस्थित होते हैं।
व्याख्या (Explanation): ग्राफीन, कार्बन का एक एकल-परत (single layer) रूप है, जिसमें कार्बन परमाणु षट्कोणीय (hexagonal) जाली में व्यवस्थित होते हैं और प्रबल सहसंयोजक बंधों से जुड़े होते हैं। यह भी अत्यंत मजबूत होता है, लेकिन हीरे की तरह त्रिविमीय रूप से मजबूत नहीं। ग्रेफाइट में परतें कमजोर वैन डेर वाल्स बलों से जुड़ी होती हैं, जबकि फुलरीन गोलाकार या दीर्घवृत्ताकार अणु होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का उपयोग कटिंग और पॉलिशिंग के लिए क्यों किया जाता है?
- (a) इसके निम्न गलनांक के कारण
- (b) इसकी उच्च ऊष्मीय चालकता के कारण
- (c) इसके अत्यधिक कठोर होने के कारण
- (d) इसके पारदर्शी होने के कारण
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कठोरता किसी पदार्थ की खरोंच या घर्षण का प्रतिरोध करने की क्षमता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का अद्वितीय कठोरता (Mohs scale पर 10) इसे अन्य कठोर पदार्थों को काटने, ड्रिल करने और चमकाने के लिए आदर्श बनाती है। इसकी उच्च ऊष्मीय चालकता भी महत्वपूर्ण है, लेकिन कठोरता मुख्य कारण है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे के ‘फायर’ (fire) का कारण क्या है, जो इसे रंगीन चमक देता है?
- (a) प्रकाश का विवर्तन (diffraction)
- (b) प्रकाश का प्रकीर्णन (scattering)
- (c) प्रकाश का व्यतिकरण (interference)
- (d) प्रकाश का फैलाव (dispersion)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश का फैलाव तब होता है जब सफेद प्रकाश अपने घटक रंगों में विभाजित हो जाता है, जो माध्यम के अपवर्तनांक पर तरंगदैर्ध्य की निर्भरता के कारण होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च फैलाव (dispersion) इसे सफेद प्रकाश को उसके घटक रंगों (स्पेक्ट्रम) में विभाजित करने की अनुमति देता है, जिससे ‘फायर’ या इंद्रधनुषी प्रभाव उत्पन्न होता है। यह हीरे के उच्च अपवर्तनांक और अपवर्तनांक की तरंगदैर्ध्य पर निर्भरता (chromatic dispersion) के कारण होता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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कृत्रिम हीरे (synthetic diamonds) बनाने के लिए निम्नलिखित में से कौन सी विधि का उपयोग किया जाता है?
- (a) उच्च दाब, उच्च ताप (HPHT)
- (b) रासायनिक वाष्प जमाव (CVD)
- (c) दोनों (a) और (b)
- (d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कृत्रिम हीरे बनाने के लिए नियंत्रित परिस्थितियों में कार्बन को हीरे की संरचना में परिवर्तित किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): कृत्रिम हीरे बनाने की दो मुख्य विधियाँ हैं: उच्च दाब, उच्च ताप (HPHT), जो प्राकृतिक हीरे के निर्माण के समान परिस्थितियाँ पैदा करती है, और रासायनिक वाष्प जमाव (CVD), जिसमें गैसों से कार्बन जमा होता है। दोनों विधियाँ व्यापक रूप से उपयोग की जाती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे की चमक (brilliance) का मुख्य कारण क्या है?
- (a) इसका निम्न घनत्व
- (b) इसका उच्च अपवर्तनांक
- (c) इसका स्पेक्ट्रम में रंगीन होना
- (d) इसका पारभासी होना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी रत्न की चमक उसके अपवर्तनांक पर निर्भर करती है, जो प्रकाश के मुड़ने की मात्रा है जब वह सामग्री में प्रवेश करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) प्रकाश को महत्वपूर्ण रूप से मोड़ता है, जिससे प्रकाश उसके अंदर फंस जाता है और बार-बार परावर्तित होता है, जिससे असाधारण चमक उत्पन्न होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे को पिघलाने के लिए बहुत उच्च तापमान की आवश्यकता होती है। इसका कारण क्या है?
- (a) उच्च गलनांक
- (b) उच्च ऊष्मीय चालकता
- (c) उच्च विसरण गुणांक
- (d) उच्च विशिष्ट ऊष्मा
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): गलनांक वह तापमान है जिस पर कोई ठोस पिघलकर द्रव बन जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में कार्बन-कार्बन सहसंयोजक बंधों की अत्यधिक मजबूती के कारण इसका गलनांक बहुत अधिक (लगभग 3550°C, हालांकि यह वायुमंडल पर निर्भर करता है और अक्सर यह विघटित हो जाता है) होता है। इसे पिघलाने के लिए उच्च तापमान की आवश्यकता होती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे का शुद्ध रूप किस रंग का होता है?
- (a) पीला
- (b) नीला
- (c) पारदर्शी/रंगहीन
- (d) हरा
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का रंग उसमें मौजूद अशुद्धियों या क्रिस्टल जाली में दोषों के कारण हो सकता है, जो प्रकाश को अवशोषित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): शुद्ध हीरा, जिसमें कोई अशुद्धियाँ या संरचनात्मक दोष नहीं होते, रंगहीन और पारदर्शी होता है। विभिन्न रंगों जैसे पीला, नीला, हरा आदि अशुद्धियों (जैसे नाइट्रोजन, बोरॉन) या क्रिस्टल जाली में विशेष प्रकार के दोषों के कारण होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरा किस प्रकार का यौगिक है?
- (a) आयनिक यौगिक
- (b) सहसंयोजक यौगिक (Network Covalent)
- (c) धात्विक यौगिक
- (d) अंतर-आणविक यौगिक
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): यौगिकों को उनके बंधों की प्रकृति और संरचना के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरा एक सहसंयोजक यौगिक है, लेकिन यह एक साधारण अणु नहीं है। यह एक विशाल त्रिविमीय नेटवर्क सहसंयोजक ठोस है जहाँ कार्बन परमाणु लगातार सहसंयोजक बंधों से जुड़े होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा कार्बन का एक महत्वपूर्ण जैविक कार्य है, जो ‘डायमंड’ जैसे कठोर संरचनाओं के विपरीत है?
- (a) रक्त में ऑक्सीजन का परिवहन
- (b) शरीर के ऊतकों को ऊर्जा प्रदान करना
- (c) प्रकाश संश्लेषण के लिए CO2 का अवशोषण
- (d) हड्डियों और दांतों का निर्माण
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जैविक प्रणालियों में कार्बन विभिन्न रूपों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसमें ऊर्जा स्रोत के रूप में भी शामिल है।
व्याख्या (Explanation): कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन जैसे कार्बनिक यौगिक शरीर की कोशिकाओं के लिए ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत हैं। ये अणु चयापचय (metabolism) प्रक्रियाओं के माध्यम से टूटते हैं, ऊर्जा जारी करते हैं। रक्त में ऑक्सीजन का परिवहन हीमोग्लोबिन (आयरन युक्त) द्वारा होता है। CO2 का अवशोषण प्रकाश संश्लेषण का प्रारंभिक बिंदु है, लेकिन यह पौधे की एक प्रक्रिया है। हड्डियों और दांतों में मुख्य रूप से कैल्शियम फॉस्फेट होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे की कठोरता पर वैज्ञानिक अध्ययन किस शाखा के अंतर्गत आता है?
- (a) खगोल भौतिकी (Astrophysics)
- (b) पदार्थ विज्ञान (Materials Science)
- (c) आनुवंशिकी (Genetics)
- (d) पारिस्थितिकी (Ecology)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थ विज्ञान विभिन्न सामग्रियों के गुणों, संरचनाओं और अनुप्रयोगों का अध्ययन करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे जैसे पदार्थों की कठोरता, उनके क्रिस्टल संरचना, बंधों की प्रकृति और अन्य भौतिक गुणों का अध्ययन पदार्थ विज्ञान के अंतर्गत आता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मानव शरीर में कार्बन का एक महत्वपूर्ण घटक क्या है, जो जीवन के लिए आवश्यक है?
- (a) प्रोटीन
- (b) विटामिन C
- (c) सोडियम क्लोराइड
- (d) जल
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीवित जीवों के शरीर में कार्बन विभिन्न जटिल अणुओं का मूल निर्माण खंड है।
व्याख्या (Explanation): प्रोटीन, डीएनए, आरएनए, कार्बोहाइड्रेट और वसा सभी कार्बन-आधारित अणु हैं जो जीवन के लिए आवश्यक हैं। प्रोटीन विशेष रूप से शरीर के निर्माण खंड और कई शारीरिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं। विटामिन C एक कार्बनिक अणु है, लेकिन प्रोटीन की तरह व्यापक रूप से घटक नहीं है। सोडियम क्लोराइड एक अकार्बनिक लवण है, और जल (H2O) एक अकार्बनिक यौगिक है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे के निर्माण में उपयोग होने वाली उच्च दाब की स्थितियाँ, पृथ्वी की क्रस्ट (crust) के किस क्षेत्र से मिलती-जुलती हैं?
- (a) महाद्वीपीय शेल्फ (Continental Shelf)
- (b) गहरी मेंटल (Deep Mantle)
- (c) समताप मंडल (Stratosphere)
- (d) ट्रोपोस्फीयर (Troposphere)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्राकृतिक हीरे पृथ्वी के अंदर बहुत उच्च दाब और ताप पर बनते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्राकृतिक हीरे पृथ्वी के मेंटल में, लगभग 150-200 किलोमीटर या उससे अधिक की गहराई पर, जहाँ दाब बहुत अधिक होता है (लगभग 4.5–6 GPa), बनते हैं। ये स्थितियाँ पृथ्वी की ऊपरी क्रस्ट या वायुमंडल के क्षेत्रों से मेल नहीं खाती हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे को चमकाने के लिए उपयोग किए जाने वाले कुछ उपकरण कार्बन के किस अन्य अपररूप से बने हो सकते हैं?
- (a) फुलरीन
- (b) ग्राफीन
- (c) बोरोन नाइट्राइड
- (d) सिलिकॉन कार्बाइड
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कठोर सामग्री को काटने या चमकाने के लिए, काटने वाले उपकरण की कठोरता सामग्री से अधिक या उसके बराबर होनी चाहिए।
व्याख्या (Explanation): हीरे को काटने या चमकाने के लिए अक्सर हीरे की कतरन (diamond abrasives) या अन्य अत्यंत कठोर सामग्री का उपयोग किया जाता है। बोरॉन नाइट्राइड (विशेष रूप से क्यूबिक बोरॉन नाइट्राइड, c-BN) हीरे के बाद दूसरा सबसे कठोर ज्ञात पदार्थ है और इसका उपयोग हीरे के साथ या उसे चमकाने के लिए किया जाता है। ग्राफीन और फुलरीन अपनी संरचना के कारण इस उद्देश्य के लिए उपयुक्त नहीं हैं। सिलिकॉन कार्बाइड भी कठोर है लेकिन हीरे से कम।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) एक महत्वपूर्ण ग्रीनहाउस गैस है। पृथ्वी के कार्बन चक्र में इसका क्या महत्व है?
- (a) यह वायुमंडल से कार्बन हटाती है।
- (b) यह प्रकाश संश्लेषण के लिए कच्चा माल है।
- (c) यह महासागरों को अम्लीय बनाती है।
- (d) यह ओजोन परत को नष्ट करती है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन चक्र पृथ्वी पर कार्बन परमाणुओं की गति का वर्णन करता है, जिसमें विभिन्न रासायनिक रूप और स्थान शामिल हैं।
व्याख्या (Explanation): पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं, इसे शर्करा (कार्बनिक यौगिक) में परिवर्तित करते हैं। यह कार्बन चक्र का एक अनिवार्य हिस्सा है। CO2 ग्रीनहाउस प्रभाव में योगदान करती है और अत्यधिक सांद्रता में महासागरों को अम्लीय बना सकती है, लेकिन प्रकाश संश्लेषण के लिए इसका उपयोग एक प्राथमिक, जीवन-रक्षक भूमिका है। यह ओजोन परत को प्रभावित नहीं करती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का रासायनिक सूत्र क्या है?
- (a) CO
- (b) CO2
- (c) C
- (d) CH4
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र किसी यौगिक या तत्व में परमाणुओं के प्रकार और संख्या को दर्शाते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक अपररूप है, जिसका अर्थ है कि यह केवल कार्बन परमाणुओं से बना है। इसलिए, इसका रासायनिक सूत्र केवल ‘C’ है। CO कार्बन मोनोऑक्साइड है, CO2 कार्बन डाइऑक्साइड है, और CH4 मीथेन है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे में कार्बन-कार्बन बंध की लंबाई कितनी होती है?
- (a) 154 pm
- (b) 134 pm
- (c) 120 pm
- (d) 200 pm
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बंध लंबाई दो परमाणुओं के नाभिकों के बीच की औसत दूरी है, जो उनकी परस्पर क्रिया को दर्शाती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में कार्बन-कार्बन एकल सहसंयोजक बंध की लंबाई लगभग 154 पिकोमीटर (pm) होती है। यह लंबाई कार्बन-कार्बन एकल बंधों के लिए विशिष्ट है और इसकी कठोरता में योगदान करती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे के ऑप्टिकल गुणों (जैसे चमक और आग) में सुधार के लिए किस प्रकार की कटिंग (cutting) तकनीकें उपयोग की जाती हैं?
- (a) केवल घिसाई (grinding)
- (b) फेसट कटिंग (facet cutting)
- (c) पॉलिशिंग (polishing)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रत्न को काटना और पॉलिश करना उसके समग्र सौंदर्यशास्त्र और ऑप्टिकल गुणों को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की चमक, आग और चमक को अधिकतम करने के लिए फेसट कटिंग (जटिल कोनों और सतहों को बनाना) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। घिसाई और पॉलिशिंग उन सतहों को चिकना करने और परिष्कृत करने के लिए आवश्यक हैं जो प्रकाश को ठीक से परावर्तित और अपवर्तित करते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे के साथ-साथ, कार्बन का एक और बहुत मजबूत, लेकिन अधिक लचीला अपररूप कौन सा है?
- (a) चारकोल
- (b) काजल (Soot)
- (c) ग्राफीन
- (d) कोक (Coke)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन के विभिन्न अपररूपों में अलग-अलग भौतिक गुण होते हैं, जिनमें शक्ति और लचीलापन शामिल हैं।
व्याख्या (Explanation): ग्राफीन, कार्बन का एक द्वि-आयामी (two-dimensional) रूप है, जो एकल-परत षट्कोणीय जाली से बना होता है। यह ज्ञात सबसे मजबूत और सबसे पतली सामग्रियों में से एक है, लेकिन यह हीरे की तुलना में अधिक लचीला भी है क्योंकि परतें एक-दूसरे पर स्लाइड कर सकती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे की कठोरताMohs पैमाने पर 10 है। यह Mohs पैमाने पर 9 वाले कोरंडम (corundum) से कितना कठोर है?
- (a) समान रूप से कठोर
- (b) थोड़ा कठोर
- (c) काफी कठोर
- (d) बहुत कम कठोर
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): Mohs कठोरता पैमाना खनिजों की सापेक्ष कठोरता का एक गुणात्मक (qualitative) माप है, जहाँ उच्च संख्या का मतलब अधिक कठोरता है।
व्याख्या (Explanation): Mohs पैमाना रैखिक (linear) नहीं है; प्रत्येक अगली संख्या पिछले से काफी अधिक कठोर होती है। हीरा (10) कोरंडम (9) से काफी कठोर है। उदाहरण के लिए, हीरे से कोरंडम को खरोंचा जा सकता है, लेकिन कोरंडम से हीरे को नहीं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का प्रयोग हीरे के औजारों में किया जाता है। इन औजारों के लिए सामान्यतः किस प्रकार के हीरे का उपयोग किया जाता है?
- (a) केवल रत्न-गुणवत्ता वाले हीरे
- (b) औद्योगिक-गुणवत्ता वाले हीरे (औद्योगिक हीरे)
- (c) कृत्रिम (synthetic) हीरे
- (d) (b) और (c) दोनों
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए सामग्री का चयन उनके गुणों और लागत-प्रभावशीलता पर आधारित होता है।
व्याख्या (Explanation): औजारों, काटने के औजारों, अपघर्षक (abrasives) और ड्रिल बिट्स में उपयोग किए जाने वाले हीरे आमतौर पर औद्योगिक-गुणवत्ता वाले प्राकृतिक हीरे होते हैं, जिनमें रत्न-गुणवत्ता वाले हीरे की तरह चमक या रंग की आवश्यकता नहीं होती है। कृत्रिम हीरे भी इन अनुप्रयोगों के लिए व्यापक रूप से उत्पादित और उपयोग किए जाते हैं क्योंकि वे समान या बेहतर प्रदर्शन प्रदान कर सकते हैं और अक्सर लागत प्रभावी होते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा कथन हीरे की ऊष्मीय चालकता (thermal conductivity) के बारे में सत्य है?
- (a) यह सबसे खराब ऊष्मीय चालकों में से एक है।
- (b) यह सामान्य धातुओं की तुलना में अधिक ऊष्मीय चालक है।
- (c) इसकी ऊष्मीय चालकता कमरे के तापमान पर बहुत कम होती है।
- (d) यह विद्युत का सुचालक है, इसलिए ऊष्मा का भी सुचालक है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऊष्मीय चालकता वह दर है जिस पर कोई सामग्री ऊष्मा का संचालन करती है।
व्याख्या (Explanation): आश्चर्यजनक रूप से, हीरा ऊष्मा का एक उत्कृष्ट सुचालक है, जो तांबे जैसी धातुओं से भी बेहतर प्रदर्शन करता है। इसकी उच्च ऊष्मीय चालकता हीरे की कठोर क्रिस्टल संरचना में कंपन (phonons) के कुशल संचरण के कारण होती है। हालांकि, यह विद्युत का कुचालक है।
अतः, सही उत्तर (b) है।