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डायनासोर युग के समुद्री जीव: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

डायनासोर युग के समुद्री जीव: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

परिचय: प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में विज्ञान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्राचीन जीवाश्मों की खोज हमें पृथ्वी के इतिहास और जीवन के विकास की अनमोल जानकारी देती है। यह अभ्यास सेट आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के उन प्रमुख अवधारणाओं को समझने में मदद करेगा जो अक्सर परीक्षाओं में पूछी जाती हैं, खासकर जीवाश्म विज्ञान और संबंधित विषयों से जुड़े सवालों के संदर्भ में। अपनी तैयारी को मजबूत करने के लिए इन प्रश्नों का अभ्यास करें!


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. जीवाश्मों का अध्ययन किस वैज्ञानिक शाखा के अंतर्गत किया जाता है?

    • (a) जीवाश्म विज्ञान (Paleontology)
    • (b) पुरातत्व (Archaeology)
    • (c) भूविज्ञान (Geology)
    • (d) जैव रसायन (Biochemistry)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जीवाश्म विज्ञान (Paleontology) विज्ञान की वह शाखा है जो जीवाश्मों का अध्ययन करती है।

    व्याख्या (Explanation): जीवाश्म भूवैज्ञानिक काल में पृथ्वी पर रहने वाले जीवों के परिरक्षित अवशेष या उनके द्वारा छोड़े गए निशान होते हैं। पुरातत्व मानव इतिहास का अध्ययन करता है, भूविज्ञान पृथ्वी की संरचना और इतिहास का, और जैव रसायन जीवों में होने वाली रासायनिक प्रक्रियाओं का। इसलिए, जीवाश्मों का सीधा संबंध जीवाश्म विज्ञान से है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  2. “47-वर्षीय जीवाश्म” का पुनः परीक्षण और एक नए जुरासिक समुद्री राक्षस की खोज किस प्रमुख वैज्ञानिक क्षेत्र से संबंधित है?

    • (a) खगोल विज्ञान (Astronomy)
    • (b) भूविज्ञान और जीवाश्म विज्ञान (Geology and Paleontology)
    • (c) सामग्री विज्ञान (Materials Science)
    • (d) क्वांटम भौतिकी (Quantum Physics)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): भूविज्ञान पृथ्वी के भौतिक संरचना, उसके इतिहास, और उसकी प्रक्रियाओं का अध्ययन है, जबकि जीवाश्म विज्ञान पृथ्वी के प्राचीन जीवों के अवशेषों का अध्ययन है।

    व्याख्या (Explanation): जीवाश्मों का संबंध सीधे तौर पर भूविज्ञान (जो पृथ्वी के इतिहास का अध्ययन करता है) और जीवाश्म विज्ञान (जो जीवाश्मों का अध्ययन करता है) से है। जुरासिक काल पृथ्वी के इतिहास का एक महत्वपूर्ण भूवैज्ञानिक काल था।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. जुरासिक काल (Jurassic Period) किस भूवैज्ञानिक युग (Geological Era) का हिस्सा है?

    • (a) सेनोजोइक (Cenozoic)
    • (b) मेसोजोइक (Mesozoic)
    • (c) पेलियोजोइक (Paleozoic)
    • (d) प्रीकैम्ब्रियन (Precambrian)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): भूवैज्ञानिक समय-सारणी (Geological Time Scale) पृथ्वी के इतिहास को विभिन्न युगों, कालों और युगखंडों में विभाजित करती है।

    व्याख्या (Explanation): जुरासिक काल (लगभग 201.3 से 145 मिलियन वर्ष पूर्व) मेसोजोइक युग का एक महत्वपूर्ण काल था, जो ट्रायेसिक और क्रीटेशियस काल के बीच आता है। इस दौरान डायनासोर का प्रभुत्व था और समुद्री सरीसृप भी व्यापक रूप से फैले हुए थे।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  4. जीवाश्म में कार्बन-14 डेटिंग (Carbon-14 dating) का उपयोग आमतौर पर कितने वर्ष पुराने नमूनों के लिए किया जाता है?

    • (a) 50,000 वर्ष से अधिक
    • (b) 10,000 वर्ष से अधिक
    • (c) 70,000 वर्ष से अधिक
    • (d) 60,000 वर्ष से अधिक

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन-14 (¹⁴C) एक रेडियोधर्मी आइसोटोप है जिसका उपयोग रेडियोमेट्रिक डेटिंग के लिए किया जाता है। इसका अर्ध-आयु काल (half-life) लगभग 5,730 वर्ष है।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन-14 डेटिंग उन नमूनों के लिए सबसे प्रभावी है जिनकी आयु लगभग 50,000 वर्ष तक होती है। इससे पुराने नमूनों में ¹⁴C की मात्रा इतनी कम हो जाती है कि उसका सटीक मापन मुश्किल हो जाता है। जुरासिक काल के जीवाश्म (145-201 मिलियन वर्ष पुराने) इस विधि से डेट नहीं किए जा सकते; उनके लिए पोटेशियम-आर्गन या यूरेनियम-लेड डेटिंग जैसी विधियों का उपयोग होता है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  5. निम्नलिखित में से कौन सा तत्व जीवाश्मों के निर्माण (fossilization) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खासकर जब खनिजकरण (mineralization) की प्रक्रिया होती है?

    • (a) सोडियम (Sodium)
    • (b) पोटेशियम (Potassium)
    • (c) सिलिकॉन (Silicon)
    • (d) नाइट्रोजन (Nitrogen)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): खनिजकरण वह प्रक्रिया है जिसमें किसी जीवित जीव के जैविक ऊतकों को खनिजों द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): जीवाश्मों के निर्माण में, विशेष रूप से पेट्रिफिकेशन (petrification) प्रक्रिया में, पानी में घुले हुए खनिज जैसे सिलिका (silicon dioxide), कैल्शियम कार्बोनेट, और आयरन ऑक्साइड धीरे-धीरे कार्बनिक पदार्थों को प्रतिस्थापित करते हैं। सिलिका (क्वार्ट्ज, चेर्ट आदि के रूप में) जीवाश्मों को संरक्षित करने में एक आम खनिज है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  6. “समुद्री राक्षस” (sea monster) शब्द का प्रयोग आमतौर पर किस प्रकार के विलुप्त सरीसृपों (extinct reptiles) के लिए किया जाता है जो जुरासिक काल में महासागरों में रहते थे?

    • (a) टेरोसॉर (Pterosaurs)
    • (b) डायनासॉर (Dinosaurs)
    • (c) समुद्री सरीसृप (Marine Reptiles)
    • (d) उभयचर (Amphibians)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जुरासिक काल में विभिन्न प्रकार के समुद्री सरीसृप पृथ्वी पर पाए जाते थे।

    व्याख्या (Explanation): टेरोसॉर उड़ने वाले सरीसृप थे, डायनासोर मुख्य रूप से स्थलीय थे (हालांकि कुछ अपवाद हैं), और उभयचर स्थलीय और जलीय जीवन के बीच संक्रमणकालीन थे। समुद्री सरीसृप जैसे कि इचिथियोसॉर (Ichthyosaurs), प्लीओसॉर (Plesiosaurs), और मोसासॉर (Mosasaurus – जो क्रेटेशियस में अधिक प्रमुख थे) विशाल समुद्री जीव थे जिन्हें अक्सर “समुद्री राक्षस” कहा जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  7. डायनासोर के समय के समुद्री जीवन से संबंधित निम्नलिखित में से कौन सा जीवाश्म आज के किस आधुनिक जीव के समान दिखता है?

    • (a) शार्क (Shark)
    • (b) डॉल्फ़िन (Dolphin)
    • (c) कछुआ (Turtle)
    • (d) स्टारफिश (Starfish)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): इचिथियोसॉर (Ichthyosaurs) एक प्रकार के समुद्री सरीसृप थे जो जुरासिक काल में पाए जाते थे।

    व्याख्या (Explanation): इचिथियोसॉर, अपने सुव्यवस्थित शरीर, बड़े पंखों (flippers) और डार्टिंग गति के साथ, आधुनिक डॉल्फ़िन (जो स्तनधारी हैं) और मछली के समान दिखते थे। हालाँकि, वे सरीसृप थे, न कि स्तनधारी या मछली। शार्क भी प्राचीन समुद्री जीव हैं जो डायनासोर के समय से मौजूद हैं, और कुछ आधुनिक शार्क भी जुरासिक काल के समुद्री जीवों के समान दिखते हैं, जैसे कि ग्रेट व्हाइट शार्क। लेकिन इचिथियोसॉर की शारीरिक बनावट डॉल्फ़िन/मछली के अधिक करीब थी। प्रश्न में “समान दिखता है” पूछा गया है, और इचिथियोसॉर की शारीरिक संरचना आधुनिक डॉल्फ़िन और शार्क दोनों से कुछ हद तक मिलती है। संदर्भ में, यह समझना महत्वपूर्ण है कि वे स्तनधारी या मछली नहीं थे। लेकिन दिए गए विकल्पों में, शार्क सबसे प्रासंगिक है क्योंकि वे भी प्राचीन और आज भी मौजूद समुद्री जीव हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  8. प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पौधे और कुछ अन्य जीव सूर्य के प्रकाश को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं। जुरासिक काल के समुद्री वातावरण में प्रकाश संश्लेषण करने वाले प्रमुख जीव कौन थे?

    • (a) कीड़े (Insects)
    • (b) शैवाल (Algae) और साइनोबैक्टीरिया (Cyanobacteria)
    • (c) फफूंद (Fungi)
    • (d) भूमि-आधारित पेड़ (Land-based trees)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण प्राथमिक उत्पादकों (primary producers) द्वारा किया जाता है जो खाद्य श्रृंखला की नींव बनाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): जुरासिक काल के समुद्री वातावरण में, शैवाल (जैसे डायटम, डायनोफ्लैगेलेट्स) और साइनोबैक्टीरिया (जिन्हें कभी-कभी नीले-हरे शैवाल भी कहा जाता है) प्राथमिक उत्पादक थे जो प्रकाश संश्लेषण करते थे, पृथ्वी के वायुमंडल में ऑक्सीजन का महत्वपूर्ण योगदान देते थे और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र का आधार बनते थे। कीड़े स्थलीय जीवों के समूह हैं, फफूंद विषमपोषी (heterotrophs) होते हैं, और जबकि कुछ पौधे पानी में उगते हैं, प्राथमिक समुद्री उत्पादक आमतौर पर शैवाल होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  9. समुद्री जीवाश्मों का अध्ययन हमें किन प्रमुख वैज्ञानिक निष्कर्षों पर पहुंचाता है?

    • (a) केवल स्थलीय जीवों का विकास
    • (b) महासागरों के इतिहास, जल-चक्र और प्लेट टेक्टोनिक्स के बारे में जानकारी
    • (c) केवल भूगर्भीय संरचनाओं का निर्माण
    • (d) वायुमंडल में ऑक्सीजन की वृद्धि का कोई संबंध नहीं

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जीवाश्म भूवैज्ञानिक और जैविक इतिहास को समझने की कुंजी हैं।

    व्याख्या (Explanation): समुद्री जीवाश्म न केवल समुद्री जीवन के विकास को दर्शाते हैं, बल्कि वे प्राचीन महासागरों की स्थिति, खारेपन, तापमान और गहराई के बारे में भी सुराग देते हैं। वे महासागरों के जैव-भू-रासायनिक चक्रों (biogeochemical cycles), जल-चक्र के पैटर्न और प्लेट टेक्टोनिक्स (जैसे महाद्वीपीय बहाव) के प्रमाण भी प्रदान कर सकते हैं, जिससे प्राचीन महाद्वीपों के वितरण का पता चलता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  10. समुद्री जीवों में पाए जाने वाले हाइड्रोडायनामिक (hydrodynamic) आकार, जैसे कि मछली और डॉल्फ़िन के सुव्यवस्थित शरीर, किस भौतिकी के सिद्धांत से संबंधित हैं?

    • (a) गुरुत्वाकर्षण (Gravitation)
    • (b) आर्किमिडीज का सिद्धांत (Archimedes’ Principle)
    • (c) तरल गतिकी (Fluid Dynamics)
    • (d) ऊष्मागतिकी (Thermodynamics)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): तरल गतिकी (Fluid Dynamics) तरल पदार्थों (तरल और गैस) की गति और उन पर कार्य करने वाले बलों का अध्ययन है।

    व्याख्या (Explanation): सुव्यवस्थित (streamlined) आकार तरल (पानी) के माध्यम से गति करते समय ड्रैग (drag) या प्रतिरोध (resistance) को कम करने के लिए विकसित होते हैं। यह तरल गतिकी का एक प्रमुख अनुप्रयोग है। आर्किमिडीज का सिद्धांत उत्प्लावन बल (buoyancy) से संबंधित है, गुरुत्वाकर्षण बल की व्याख्या करता है, और ऊष्मागतिकी ऊर्जा के रूपांतरण से संबंधित है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  11. पुराने जीवाश्मों से “नए समुद्री राक्षस” की खोज में, वैज्ञानिक किस प्रकार के डेटा का विश्लेषण करते हैं?

    • (a) केवल जीवाश्म की बाहरी आकृति
    • (b) केवल जीवाश्म की रासायनिक संरचना
    • (c) जीवाश्म की आकृति विज्ञान (morphology), शरीर रचना विज्ञान (anatomy), और भूवैज्ञानिक संदर्भ (geological context)
    • (d) केवल जीवाश्म मिलने का स्थान

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जीवाश्मों का अध्ययन एक बहुआयामी प्रक्रिया है जिसके लिए विभिन्न प्रकार के डेटा की आवश्यकता होती है।

    व्याख्या (Explanation): जीवाश्मों के सफल अध्ययन में जीवाश्म के आकारिकी (जैसे हड्डियाँ कैसी दिखती हैं), उसकी आंतरिक रचना (यदि संभव हो), और जिस चट्टान (भूवैज्ञानिक संदर्भ) में वह पाया गया था, उसका विश्लेषण शामिल है। यह जानकारी जीव के वर्गीकरण, उसके व्यवहार, उसके पर्यावरण और उसके मिलने के काल को समझने में मदद करती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  12. डायनासोर के युग में, समुद्री जल के pH (अम्लता/क्षारीयता) का संतुलन किन जैव-रासायनिक प्रक्रियाओं से प्रभावित होता था?

    • (a) केवल ज्वालामुखी गतिविधि (Volcanic activity)
    • (b) केवल कार्बन डाइऑक्साइड का वाष्पीकरण
    • (c) समुद्री जीवों द्वारा कैल्शियम कार्बोनेट का उपयोग और कार्बन चक्र (Carbon Cycle)
    • (d) प्रकाश संश्लेषण की अनुपस्थिति

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी का कार्बन चक्र महासागरों के pH को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

    व्याख्या (Explanation): समुद्री जीवों, विशेष रूप से प्लवक (plankton) और मोलस्क (mollusks) जैसे कैल्शियम युक्त कंकाल वाले जीव, पानी से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) और कैल्शियम आयनों (Ca²⁺) का उपयोग करके कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO₃) के गोले या कंकाल बनाते हैं। जब ये जीव मरते हैं, तो उनके कंकाल तलछट (sediment) बनाते हैं, जो कार्बन को महासागरों से अलग करता है। यह प्रक्रिया समुद्री जल में CO₂ की मात्रा और फलस्वरूप pH को प्रभावित करती है, जो महासागर अम्लीकरण (ocean acidification) के लिए भी प्रासंगिक है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  13. यदि नए खोजे गए “समुद्री राक्षस” के जीवाश्म में अच्छी तरह से संरक्षित फेफड़े (lungs) पाए जाते हैं, तो इससे क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है?

    • (a) वह एक मछली था
    • (b) वह हवा में सांस लेने वाला सरीसृप था
    • (c) वह पूरी तरह से गलफड़ों (gills) पर निर्भर था
    • (d) वह समुद्री शैवाल से बना था

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जीवों के श्वसन अंग उनके पर्यावरण और विकासवादी इतिहास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।

    व्याख्या (Explanation): फेफड़े हवा से ऑक्सीजन लेने के लिए अनुकूलन हैं। जबकि कई समुद्री जीव (जैसे डॉल्फ़िन, व्हेल – स्तनधारी) फेफड़ों का उपयोग करते हैं, सरीसृप (जैसे इचिथियोसॉर, प्लीओसॉर) भी हवा में सांस लेते थे। मछली गलफड़ों का उपयोग करके पानी से ऑक्सीजन लेती है। गलफड़े पानी से ऑक्सीजन निकालने के लिए विशेष संरचनाएं हैं, जबकि फेफड़े हवा से।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  14. जुरासिक काल के समुद्री पारिस्थितिक तंत्र में, “सर्वोच्च शिकारी” (apex predator) कौन सा जीव होने की सबसे अधिक संभावना थी?

    • (a) छोटी मछलियाँ (Small fish)
    • (b) प्लीओसॉर (Plesiosaurs) या क्रॉडिलीफ़ॉर्म (Crocodylomorphs)
    • (c) प्लवक (Plankton)
    • (d) समुद्री अर्चिन (Sea urchins)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पारिस्थितिक तंत्र में, सर्वोच्च शिकारी वे जीव होते हैं जिनके कोई प्राकृतिक शिकारी नहीं होते और जो खाद्य श्रृंखला के शीर्ष पर होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): जुरासिक काल में, विशाल समुद्री सरीसृप जैसे कि प्लीओसॉर (जैसे एलिगेटर-जैसे जबड़े वाले और लंबी गर्दन वाले) और कुछ बड़े क्रॉडिलीफ़ॉर्म (जैसे मैक्रोपोडस) उच्च-स्तरीय शिकारी थे जो अन्य समुद्री जीवन, जिनमें इचिथियोसॉर और अन्य सरीसृप भी शामिल थे, का शिकार करते थे। प्लवक और छोटी मछलियाँ निम्न स्तर के उपभोक्ता थे, और समुद्री अर्चिन आमतौर पर प्राथमिक उपभोक्ता या डेट्रिटिवोर (detritivore) होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  15. यदि जीवाश्म को “समुद्री राक्षस” के रूप में वर्गीकृत किया गया है, और यह जुरासिक काल का है, तो यह किस प्रकार के जीव समूह से संबंधित होने की सबसे अधिक संभावना है?

    • (a) स्तनधारी (Mammals)
    • (b) सरीसृप (Reptiles)
    • (c) पक्षी (Birds)
    • (d) उभयचर (Amphibians)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जुरासिक काल में प्रमुख समुद्री जीवन रूप सरीसृप थे।

    व्याख्या (Explanation): जुरासिक काल में, स्तनधारी और पक्षी अपने शुरुआती विकासवादी चरणों में थे और बहुत विविध नहीं थे। सरीसृप, विशेष रूप से समुद्री सरीसृप जैसे इचिथियोसॉर, प्लीओसॉर, और ओरोफ़ेन्गिस (ichthyosaurs, plesiosaurs, and ophthalmosaurus), समुद्री पारिस्थितिक तंत्र पर हावी थे। जबकि कुछ आधुनिक समुद्री जीव सरीसृप नहीं हैं (जैसे व्हेल), जुरासिक काल के “समुद्री राक्षस” मुख्य रूप से सरीसृप थे।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  16. शरीर के तापमान को विनियमित करने की क्षमता के संबंध में, जीवाश्म “समुद्री राक्षस” के बारे में क्या कहा जा सकता है?

    • (a) वे निश्चित रूप से समतापी (warm-blooded) थे
    • (b) वे निश्चित रूप से असमतापी (cold-blooded) थे
    • (c) वे या तो समतापी या असमतापी हो सकते थे, या मेसोटेर्मी (mesothermy) जैसी मध्यवर्ती स्थिति में हो सकते थे, जो आगे के शोध पर निर्भर करता है
    • (d) वे पूर्णतः स्व-ऊष्मीय (endothermic) थे

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): डायनासोर और उनके समकालीन जीवों के शरीर के तापमान के नियमन पर वैज्ञानिक बहस जारी है।

    व्याख्या (Explanation): डायनासोरों के शरीर के तापमान के नियमन (समतापी बनाम असमतापी) पर व्यापक बहस है। कुछ साक्ष्य बताते हैं कि वे शायद आधुनिक सरीसृपों की तुलना में अधिक सक्रिय थे, जिससे मेसोटेर्मी (मध्यम गर्म-रक्तता) जैसी स्थितियाँ संभव हैं। समुद्री सरीसृपों के लिए भी यही लागू हो सकता है। पूर्ण निश्चितता के बिना, यह मानना ​​अधिक सुरक्षित है कि वे आधुनिक सरीसृपों की तरह असमतापी थे, या मेसोटेर्मी जैसी मध्यवर्ती स्थिति में हो सकते थे, यह जीवाश्म के विशिष्ट गुणों पर निर्भर करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  17. यदि एक जीवाश्म “समुद्री राक्षस” की रीढ़ (spine) में बहुत पतली और लंबी हड्डियाँ पाई जाती हैं, तो यह किस शारीरिक विशेषता का संकेत दे सकता है?

    • (a) तैरने में अत्यधिक फुर्तीलापन
    • (b) पंखों (flippers) का समर्थन
    • (c) पानी से ऑक्सीजन अवशोषित करने की क्षमता
    • (d) प्रकाश संश्लेषण करने की क्षमता

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जीवों के कंकाल की संरचना उनकी गति और अन्य शारीरिक कार्यों से निकटता से जुड़ी होती है।

    व्याख्या (Explanation): पतली और लंबी हड्डियाँ, विशेष रूप से जब वे पंखों (flippers) या पतवार (paddles) का समर्थन करती हैं, तो पानी में पैंतरेबाज़ी और प्रणोदन (propulsion) के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। यह समुद्री सरीसृपों में आम है जो पानी में कुशलता से तैरते थे।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  18. एक नए जुरासिक समुद्री राक्षस की खोज में, वैज्ञानिक जीवाश्म की हड्डियों में पाए जाने वाले ऊतकों (tissues) का विश्लेषण करने के लिए किस रसायन विज्ञान तकनीक का उपयोग कर सकते हैं?

    • (a) वर्णलेखन (Chromatography)
    • (b) स्पेक्ट्रोस्कोपी (Spectroscopy)
    • (c) टाइट्रेशन (Titration)
    • (d) इलेक्ट्रोफोरेसिस (Electrophoresis)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): स्पेक्ट्रोस्कोपी विभिन्न प्रकार के अणुओं और तत्वों की पहचान करने के लिए प्रकाश या अन्य विकिरण के साथ पदार्थ की परस्पर क्रिया का अध्ययन करती है।

    व्याख्या (Explanation): स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीकों (जैसे अवशोषण स्पेक्ट्रोस्कोपी, उत्सर्जन स्पेक्ट्रोस्कोपी, मास स्पेक्ट्रोस्कोपी) का उपयोग जीवाश्मों में पाए जाने वाले खनिजों, कार्बनिक अणुओं और तत्वों की पहचान और मात्रा का निर्धारण करने के लिए किया जाता है। यह हड्डियों की संरचना और संरक्षण की स्थिति को समझने में मदद कर सकता है। वर्णलेखन मिश्रणों को अलग करने के लिए, टाइट्रेशन रासायनिक अनुमापन के लिए, और इलेक्ट्रोफोरेसिस बड़े अणुओं (जैसे डीएनए, प्रोटीन) को अलग करने के लिए उपयोग किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  19. यदि जीवाश्म को “समुद्री राक्षस” के रूप में पहचाना जाता है, और उसके दांतों को नुकीला और चीरने वाला (sharp and serrated) पाया जाता है, तो इसका क्या अर्थ है?

    • (a) यह एक शाकाहारी (herbivore) था
    • (b) यह एक सर्वाहारी (omnivore) था
    • (c) यह एक मांसाहारी (carnivore) था
    • (d) यह केवल शैवाल खाता था

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): दांतों की संरचना जीव के आहार का एक प्रमुख संकेतक है।

    व्याख्या (Explanation): नुकीले, चीरने वाले दांत मांस को फाड़ने और चबाने के लिए अनुकूलित होते हैं, जो मांसाहारी जीवों की एक विशिष्ट विशेषता है। शाकाहारीयों के दांत आम तौर पर चपटे और पीसने वाले होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  20. जीवाश्मों का अध्ययन पृथ्वी पर जीवन के विकासवादी इतिहास को कैसे दर्शाता है?

    • (a) यह बताता है कि सभी प्रजातियाँ हमेशा से ऐसी ही रही हैं।
    • (b) यह प्रजातियों में क्रमिक परिवर्तन और विलुप्त होने के पैटर्न को दिखाता है।
    • (c) यह केवल वर्तमान समय में जीवित प्रजातियों का अध्ययन करता है।
    • (d) यह सीधे तौर पर भविष्य की प्रजातियों की भविष्यवाणी करता है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जीवाश्म प्रमाण विकासवाद का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।

    व्याख्या (Explanation): जीवाश्मों का रिकॉर्ड विभिन्न भूवैज्ञानिक अवधियों में पाए जाने वाले जीवों के नमूनों को प्रस्तुत करता है, जिससे वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलती है कि जीवन समय के साथ कैसे बदला है, कौन सी प्रजातियाँ विलुप्त हो गईं, और नई प्रजातियाँ कैसे विकसित हुईं। यह क्रमिक विकास और विलुप्त होने के पैटर्न को दर्शाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. एक नए समुद्री राक्षस की खोज में, भूवैज्ञानिकों ने जीवाश्म को एक विशिष्ट तलछटी चट्टान (sedimentary rock) में पाया। यह क्या बताता है?

    • (a) जीव शायद आग से मारा गया था।
    • (b) जीव एक जलीय या अर्ध-जलीय वातावरण में मर गया था, जहाँ तलछट जमा हो रहे थे।
    • (c) जीव शायद हवा में उड़ा था।
    • (d) तलछटी चट्टान का जीव से कोई संबंध नहीं है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): तलछटी चट्टानें उन वातावरणों में बनती हैं जहाँ अवसाद (sediment) जमा होते हैं, जैसे कि झीलें, नदियाँ या महासागर।

    व्याख्या (Explanation): जीवाश्मों का तलछटी चट्टानों में पाया जाना एक सामान्य घटना है। यह इंगित करता है कि जीव की मृत्यु एक ऐसे वातावरण में हुई जहाँ तलछट (जैसे रेत, गाद, मिट्टी) जमा हो रहे थे, जो अक्सर पानी के नीचे का वातावरण होता है। समय के साथ, इन तलछटों के दबने और खनिजकरण से तलछटी चट्टानें बनती हैं, जो जीव को संरक्षित कर लेती हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  22. समुद्री जीव अपने पर्यावरण से किस प्रकार की रासायनिक ऊर्जा प्राप्त करते हैं?

    • (a) सीधे सूर्य से (Solar energy)
    • (b) भोजन के माध्यम से (Chemical energy from food)
    • (c) पृथ्वी की कोर से (Geothermal energy)
    • (d) वायुमंडलीय ऑक्सीजन से (Atmospheric oxygen)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अधिकांश जीव ऊर्जा के लिए अन्य जीवों पर निर्भर करते हैं, जो प्रकाश संश्लेषण या रसायन संश्लेषण से प्राप्त होती है।

    व्याख्या (Explanation): समुद्री जीव (ज्यादातर) सीधे सूर्य से ऊर्जा प्राप्त नहीं करते हैं; यह कार्य मुख्य रूप से उत्पादकों (जैसे शैवाल) द्वारा प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से किया जाता है। इन उत्पादकों को खाने वाले शाकाहारी (herbivores) और फिर मांसाहारी (carnivores) रासायनिक ऊर्जा को एक जीव से दूसरे जीव में स्थानांतरित करते हैं। पृथ्वी की कोर से भूतापीय ऊर्जा (geothermal energy) कुछ विशिष्ट जीवाणुओं (chemosynthetic bacteria) के लिए स्रोत हो सकती है, लेकिन अधिकांश समुद्री जीवन के लिए मुख्य ऊर्जा स्रोत भोजन है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  23. यदि नए समुद्री राक्षस के जीवाश्म में मौजूद कैल्शियम (Calcium) की मात्रा का विश्लेषण किया जाता है, तो यह किस बारे में जानकारी दे सकता है?

    • (a) उसकी तैरने की गति
    • (b) उसके कंकाल (skeleton) की मजबूती और संरचना
    • (c) उसकी श्वसन दर
    • (d) उसके द्वारा खाए गए भोजन का प्रकार

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कैल्शियम हड्डियों और दांतों के निर्माण का एक प्रमुख घटक है।

    व्याख्या (Explanation): कैल्शियम हड्डियों और अन्य कठोर ऊतकों के निर्माण के लिए आवश्यक है। जीवाश्म में कैल्शियम की मात्रा का विश्लेषण उसके कंकाल की समग्र संरचना, घनत्व और मजबूती को समझने में मदद कर सकता है। यह अन्य तत्वों के साथ मिलकर उसके कंकाल के खनिज विज्ञान (mineralogy) के बारे में भी बता सकता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  24. डायनासोर युग में, पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की गति (movement of tectonic plates) ने समुद्री जीवन को कैसे प्रभावित किया होगा?

    • (a) कोई प्रभाव नहीं पड़ा, क्योंकि वे समुद्र में थे।
    • (b) महासागरों के आकार, गहराई और धाराओं में परिवर्तन, जिससे आवासों और प्रजातियों के वितरण पर असर पड़ा।
    • (c) केवल तापमान में मामूली बदलाव हुए।
    • (d) टेक्टोनिक गतिविधि ने केवल भूमि को प्रभावित किया।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्लेट टेक्टोनिक्स पृथ्वी के भूविज्ञान और भूगोल को आकार देने वाली एक मौलिक प्रक्रिया है।

    व्याख्या (Explanation): महाद्वीपीय बहाव (continental drift) के कारण महासागरों के आकार, उनकी गहराई, और समुद्री धाराओं के पैटर्न में बड़े पैमाने पर बदलाव आए। यह समुद्री जीवन के आवासों, उनके प्रवासन (migration) के मार्गों और प्रजातियों के वितरण को सीधे प्रभावित करता था। नए समुद्री मार्ग खुल सकते थे या पुराने बंद हो सकते थे, जिससे विभिन्न समुद्री पारिस्थितिक तंत्रों का विकास और अलगाव हो सकता था।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  25. वैज्ञानिकों द्वारा खोजे गए किसी भी नए जीवाश्म के “आयु” (age) को निर्धारित करने के लिए सबसे संभावित तरीका कौन सा है?

    • (a) केवल उसके आकार को देखकर
    • (b) रेडियोमेट्रिक डेटिंग (Radiometric dating) तकनीकों का उपयोग करके, जैसे कि यूरेनियम-लेड या पोटेशियम-आर्गन डेटिंग
    • (c) वह जिस स्थान पर मिला, उसके इतिहास को याद करके
    • (d) केवल उसकी रासायनिक संरचना का अध्ययन करके

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रेडियोमेट्रिक डेटिंग रेडियोधर्मी समस्थानिकों (radioactive isotopes) के क्षय (decay) की दर का उपयोग करके चट्टानों और जीवाश्मों की आयु निर्धारित करने की एक विधि है।

    व्याख्या (Explanation): जुरासिक काल (लगभग 145-201 मिलियन वर्ष पुराने) के जीवाश्मों की आयु निर्धारित करने के लिए, कार्बन-14 डेटिंग (जो केवल 50,000 वर्ष तक के लिए उपयुक्त है) के बजाय रेडियोमेट्रिक डेटिंग विधियों का उपयोग किया जाता है। यूरेनियम-लेड (U-Pb) और पोटेशियम-आर्गन (K-Ar) डेटिंग जैसी तकनीकें, जो लंबे अर्ध-आयु काल (long half-lives) वाले रेडियोधर्मी समस्थानिकों का उपयोग करती हैं, इन प्राचीन नमूनों की आयु का सटीक अनुमान लगा सकती हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

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