डायनासोर युग के रहस्यों को उजागर करें: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह न केवल आपकी तार्किक क्षमता को बढ़ाता है बल्कि आपको अपने आसपास की दुनिया को बेहतर ढंग से समझने में भी मदद करता है। इस अभ्यास सत्र में, हम जीवाश्म विज्ञान, भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को छूने वाले 25 बहुविकल्पीय प्रश्नों का एक विस्तृत संग्रह प्रस्तुत कर रहे हैं, जो आपकी आगामी परीक्षाओं के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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प्राचीन समुद्री जीवों के जीवाश्मों के अध्ययन में मुख्य रूप से किस वैज्ञानिक शाखा का उपयोग किया जाता है?
- (a) जीवाश्म विज्ञान (Paleontology)
- (b) भूविज्ञान (Geology)
- (c) पुरातत्व (Archaeology)
- (d) जीवविज्ञान (Biology)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीवाश्म विज्ञान (Paleontology) वह वैज्ञानिक अध्ययन है जो पृथ्वी पर जीवन के इतिहास से संबंधित है, जिसमें विलुप्त जीवों के जीवाश्मों का अध्ययन शामिल है।
व्याख्या (Explanation): जीवाश्म विज्ञान सीधे तौर पर प्राचीन जीवों, विशेष रूप से जीवाश्मों के अध्ययन से संबंधित है। भूविज्ञान पृथ्वी की संरचना और इतिहास का अध्ययन करता है, पुरातत्व मानव इतिहास का अध्ययन करता है, और जीवविज्ञान सभी जीवित जीवों का अध्ययन करता है, लेकिन जीवाश्म विज्ञान विशेष रूप से जीवाश्मों पर केंद्रित है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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डायनासोर युग (मेसोज़ोइक युग) पृथ्वी के इतिहास के किस कालखंड से मेल खाता है?
- (a) 252 मिलियन से 66 मिलियन वर्ष पूर्व
- (b) 541 मिलियन से 252 मिलियन वर्ष पूर्व
- (c) 4.5 बिलियन से 252 मिलियन वर्ष पूर्व
- (d) 66 मिलियन से वर्तमान तक
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): भूवैज्ञानिक समय पैमाना (Geological Time Scale) पृथ्वी के इतिहास को विभिन्न युगों और कालों में विभाजित करता है। मेसोज़ोइक युग, जिसे डायनासोर का युग भी कहा जाता है, लगभग 252 मिलियन वर्ष पूर्व पर्मियन-ट्रायसिक विलुप्ति की घटना के बाद शुरू हुआ और लगभग 66 मिलियन वर्ष पूर्व क्रेटेशियस-पैलियोजीन विलुप्ति की घटना पर समाप्त हुआ।
व्याख्या (Explanation): विकल्प (a) मेसोज़ोइक युग की सही समय-सीमा दर्शाता है। पैलियोजीन युग (b) कैम्ब्रियन विस्फोट के बाद का समय है, (c) पृथ्वी के संपूर्ण इतिहास के प्रारंभिक भाग को इंगित करता है, और (d) डायनासोर युग के अंत के बाद का समय है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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जीवाश्मों के निर्माण की प्रक्रिया में, मूल कार्बनिक पदार्थ को धीरे-धीरे खनिजों द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है। इस प्रक्रिया को क्या कहा जाता है?
- (a) पेट्रिफिकेशन (Petrification)
- (b) जीवाश्मकरण (Fossilization)
- (c) परिक्षेपण (Sedimentation)
- (d) अपक्षय (Weathering)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पेट्रिफिकेशन एक प्रकार का जीवाश्मकरण है जहाँ किसी जीव के ऊतकों को सिलिका, कैल्साइट या पाइराइट जैसे खनिजों द्वारा धीरे-धीरे प्रतिस्थापित किया जाता है, जिससे वह पत्थर में बदल जाता है।
व्याख्या (Explanation): जीवाश्मकरण एक व्यापक शब्द है जिसमें विभिन्न प्रक्रियाएं शामिल हैं, लेकिन पेट्रिफिकेशन विशेष रूप से खनिज प्रतिस्थापन को संदर्भित करता है। परिक्षेपण अवसादों के जमा होने की प्रक्रिया है, और अपक्षय चट्टानों के टूटने की प्रक्रिया है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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डायनासोर जैसे विलुप्त जीवों के कंकाल की आयु का निर्धारण करने के लिए रेडियोधर्मी समस्थानिकों का उपयोग किया जाता है। यदि 5730 वर्ष के अर्ध-आयु काल (half-life) वाला कार्बन-14 (C-14) पाया जाता है, तो यह किस प्रकार के आयु निर्धारण के लिए उपयुक्त है?
- (a) हाल के जीवाश्म (लगभग 50,000 वर्ष तक पुराने)
- (b) बहुत पुराने जीवाश्म (लाखों वर्ष पुराने)
- (c) चट्टानों की आयु
- (d) यह आयु निर्धारण के लिए उपयुक्त नहीं है
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रेडियोकार्बन डेटिंग (Carbon-14 dating) कार्बन-14 समस्थानिक का उपयोग करके जैविक सामग्री की आयु का अनुमान लगाने की एक विधि है। कार्बन-14 का अर्ध-आयु काल 5730 वर्ष है, जिससे यह लगभग 50,000 वर्ष तक की आयु वाली वस्तुओं के लिए सबसे सटीक है।
व्याख्या (Explanation): विकल्प (a) सही है क्योंकि कार्बन-14 की अर्ध-आयु अपेक्षाकृत कम है, जो इसे हाल के जैविक नमूनों के लिए आदर्श बनाती है। बहुत पुराने जीवाश्मों या चट्टानों के लिए पोटेशियम-आर्गन या यूरेनियम-लेड डेटिंग जैसी विधियों का उपयोग किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पौधे सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके भोजन बनाते हैं। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित में से कौन सा प्रकाश-अवशोषक वर्णक (light-absorbing pigment) मुख्य भूमिका निभाता है?
- (a) क्लोरोफिल (Chlorophyll)
- (b) कैरोटीनॉयड (Carotenoids)
- (c) ज़ैंथोफिल (Xanthophylls)
- (d) एंथोसायनिन (Anthocyanins)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्लोरोफिल हरे रंग का वर्णक है जो पौधों की क्लोरोप्लास्ट में पाया जाता है और प्रकाश संश्लेषण के लिए सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
व्याख्या (Explanation): क्लोरोफिल प्रकाश संश्लेषण में मुख्य ऊर्जा संग्राहक है। कैरोटीनॉयड, ज़ैंथोफिल और एंथोसायनिन सहायक वर्णक हैं जो प्रकाश को अवशोषित करने या अतिरिक्त प्रकाश से सुरक्षा प्रदान करने में मदद करते हैं, लेकिन मुख्य भूमिका क्लोरोफिल की होती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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डायनासोर के युग में, वातावरण में ऑक्सीजन का स्तर वर्तमान स्तरों से भिन्न था। यह परिवर्तन उन जीवों के विकास को कैसे प्रभावित कर सकता है?
- (a) उच्च ऑक्सीजन स्तर बड़े आकार के जीवों के विकास को बढ़ावा दे सकता है।
- (b) निम्न ऑक्सीजन स्तर श्वास लेने की क्षमता को सीमित कर सकता है।
- (c) दोनों (a) और (b)
- (d) इसका जीवों के आकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा श्वसन की दक्षता और जीवों के श्वसन तंत्र के आकार को सीधे प्रभावित करती है। उच्च ऑक्सीजन स्तर श्वसन के लिए अधिक ऊर्जा प्रदान कर सकता है, जो बड़े आकार के जीवों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जबकि निम्न ऑक्सीजन स्तर श्वसन को कठिन बना सकता है।
व्याख्या (Explanation): पुरापाषाण युगों में, विशेष रूप से पर्मियन काल में, उच्च ऑक्सीजन स्तर के प्रमाण हैं, जो संभवतः विशालकाय कीड़ों और बड़े सरीसृपों के विकास में सहायक थे। वर्तमान वायुमंडल में ऑक्सीजन का स्तर (लगभग 21%) इससे कम है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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एक जीवाश्म समुद्री जीव के विश्लेषण में, वैज्ञानिकों ने कैल्साइट (CaCO3) की संरचना की जांच की। कैल्साइट किस प्रकार का रासायनिक यौगिक है?
- (a) एक लवण (Salt)
- (b) एक अम्ल (Acid)
- (c) एक क्षार (Base)
- (d) एक ऑक्साइड (Oxide)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कैल्साइट कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) का एक क्रिस्टलीय रूप है। रासायनिक रूप से, यह एक आयनिक यौगिक है जो कैल्शियम (Ca²⁺) धनायन और कार्बोनेट (CO₃²⁻) ऋणायन से बना होता है। इस प्रकार के यौगिकों को लवण कहा जाता है।
व्याख्या (Explanation): लवण आमतौर पर एक अम्ल और एक क्षार के बीच प्रतिक्रिया से बनते हैं, जिसके परिणामस्वरूप आयन एक साथ बंध जाते हैं। कैल्शियम कार्बोनेट एक क्षारीय ऑक्साइड (कैल्शियम ऑक्साइड) और कार्बनिक अम्ल (कार्बनिक अम्ल) की प्रतिक्रिया का उत्पाद हो सकता है, लेकिन इसे स्वयं एक लवण के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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जीवित जीवों में कोशिका झिल्ली (cell membrane) का मुख्य कार्य क्या है?
- (a) कोशिका को संरचनात्मक सहायता प्रदान करना
- (b) कोशिका के अंदर और बाहर पदार्थों के परिवहन को नियंत्रित करना
- (c) आनुवंशिक सामग्री का भंडारण
- (d) ऊर्जा उत्पादन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिका झिल्ली एक अर्ध-पारगम्य (semi-permeable) अवरोध है जो कोशिका के आंतरिक वातावरण को बाहरी वातावरण से अलग करती है। यह चयनात्मक रूप से (selectively) पदार्थों को अंदर और बाहर जाने की अनुमति देकर कोशिका की अखंडता और समस्थिति (homeostasis) बनाए रखने में मदद करती है।
व्याख्या (Explanation): कोशिका झिल्ली का मुख्य कार्य चयनात्मक पारगम्यता (selective permeability) के माध्यम से कोशिका के भीतर और बाहर पदार्थों के प्रवाह को नियंत्रित करना है। कोशिका भित्ति (plant cells) संरचनात्मक सहायता प्रदान करती है, केंद्रक (nucleus) आनुवंशिक सामग्री संग्रहीत करता है, और माइटोकॉन्ड्रिया ऊर्जा उत्पादन करते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जब प्राचीन जीवाश्मों की परतें पाई जाती हैं, तो वे अक्सर विभिन्न प्रकार के अवसादों (sediments) में दबी होती हैं। अवसादी चट्टानों (sedimentary rocks) के निर्माण की प्राथमिक प्रक्रिया क्या है?
- (a) मैग्मा का ठंडा होना और जमना
- (b) दबाव और ताप के कारण मौजूदा चट्टानों का परिवर्तन
- (c) अन्य चट्टानों के विघटन और परिवहन से प्राप्त कणों का जमा होना और संपीड़न
- (d) ज्वालामुखी विस्फोट से निकलने वाले लावा का जमना
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अवसादी चट्टानें अवसादों (जैसे रेत, गाद, मिट्टी, या जैविक सामग्री) के जमा होने, संपीड़न (compaction) और सिमेंटेशन (cementation) द्वारा बनती हैं। ये अवसाद अपक्षय और अपरदन (erosion) की प्रक्रियाओं द्वारा मूल चट्टानों से टूटकर पानी, हवा या बर्फ द्वारा ले जाए जाते हैं।
व्याख्या (Explanation): विकल्प (c) अवसादी चट्टानों के निर्माण की प्रक्रिया को सही ढंग से वर्णित करता है। मैग्मा का जमना आग्नेय चट्टानों (igneous rocks) का निर्माण करता है, और दबाव व ताप कायांतरित चट्टानों (metamorphic rocks) का निर्माण करते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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डायनासोर के दांतों में पाए जाने वाले एनामेल (enamel) का मुख्य घटक क्या है?
- (a) कैल्शियम फॉस्फेट (Calcium Phosphate)
- (b) सोडियम क्लोराइड (Sodium Chloride)
- (c) सिलिकॉन डाइऑक्साइड (Silicon Dioxide)
- (d) पोटेशियम क्लोराइड (Potassium Chloride)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): दांतों और हड्डियों का मुख्य खनिज घटक हाइड्रॉक्सीएपेटाइट (hydroxyapatite) है, जो कैल्शियम फॉस्फेट का एक रूप है। एनामेल, जो दांतों की सबसे बाहरी और सबसे कठोर परत है, इसमें कैल्शियम फॉस्फेट की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो इसे कठोरता प्रदान करती है।
व्याख्या (Explanation): कैल्शियम फॉस्फेट (Ca₁₀(PO₄)₆(OH)₂) दांतों के एनामेल और हड्डियों की संरचना का प्रमुख घटक है। अन्य विकल्प सोडियम क्लोराइड (साधारण नमक), सिलिकॉन डाइऑक्साइड (बालू का घटक) और पोटेशियम क्लोराइड (नमक का विकल्प) हैं, जो दांतों के एनामेल का हिस्सा नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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पौधे प्रकाश संश्लेषण के लिए कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) का उपयोग करते हैं। CO₂ अणु में कार्बन और ऑक्सीजन परमाणुओं के बीच किस प्रकार का रासायनिक बंधन (chemical bond) होता है?
- (a) आयनिक बंधन (Ionic Bond)
- (b) सहसंयोजक बंधन (Covalent Bond)
- (c) हाइड्रोजन बंधन (Hydrogen Bond)
- (d) धात्विक बंधन (Metallic Bond)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन तब बनता है जब दो परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) में, कार्बन परमाणु दो ऑक्सीजन परमाणुओं से डबल सहसंयोजक बंधों (double covalent bonds) द्वारा जुड़ा होता है। ये बंधन मजबूत होते हैं और इलेक्ट्रॉनों की साझा करने से बनते हैं।
व्याख्या (Explanation): आयनिक बंधन तब बनते हैं जब एक परमाणु दूसरे से इलेक्ट्रॉन लेता है, जिससे आयन बनते हैं। हाइड्रोजन बंधन तब बनते हैं जब हाइड्रोजन परमाणु एक अत्यधिक विद्युतीय परमाणु (जैसे ऑक्सीजन) से आकर्षित होता है। धात्विक बंधन धातुओं में पाए जाते हैं। CO₂ में, कार्बन और ऑक्सीजन अधातु हैं, और वे इलेक्ट्रॉनों को साझा करके सहसंयोजक बंधन बनाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जीवित कोशिकाओं में ऊर्जा का तात्कालिक स्रोत (immediate source of energy) क्या है?
- (a) ग्लूकोज (Glucose)
- (b) एटीपी (ATP – Adenosine Triphosphate)
- (c) डीएनए (DNA)
- (d) प्रोटीन (Proteins)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एटीपी (ATP) को “कोशिका की ऊर्जा मुद्रा” (energy currency of the cell) कहा जाता है। यह एक उच्च-ऊर्जा अणु है जो कोशिका की विभिन्न गतिविधियों को करने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है। कोशिकाएं ग्लूकोज जैसे पोषक तत्वों से ऊर्जा का उपयोग करके ATP का संश्लेषण करती हैं।
व्याख्या (Explanation): हालांकि ग्लूकोज ऊर्जा का स्रोत है, लेकिन कोशिकाएं इसे सीधे ऊर्जा के रूप में उपयोग नहीं करती हैं; वे इसे ATP में परिवर्तित करती हैं। DNA आनुवंशिक जानकारी रखता है, और प्रोटीन विभिन्न संरचनात्मक और कार्यात्मक भूमिकाएँ निभाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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डायनासोर के जीवाश्मों में पाए जाने वाले अस्थिभंग (bone fractures) का अध्ययन करने से उनके जीवनकाल के दौरान किन पहलुओं के बारे में जानकारी मिल सकती है?
- (a) उनके आहार की गुणवत्ता
- (b) उनके खतरों और जीवनशैली
- (c) उनकी गतिशीलता और शिकार के पैटर्न
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीवाश्म हड्डियों पर पाए जाने वाले चोट के निशान, जैसे अस्थिभंग, उस जीव के जीवन के दौरान हुई घटनाओं का प्रत्यक्ष प्रमाण प्रदान करते हैं। यह बताता है कि उसे किन कारणों से चोट लगी होगी, जैसे शिकारियों से बचाव, आपस में लड़ाई, या गिरना। इन चोटों का पैटर्न उनकी गतिशीलता, संभावित शिकार या शिकारी के साथ मुठभेड़, और पर्यावरणीय खतरों के बारे में जानकारी दे सकता है।
व्याख्या (Explanation): अस्थिभंग का प्रकार और स्थान यह बता सकता है कि क्या यह बलपूर्वक चोट थी (जैसे किसी शिकारी द्वारा हमला), बार-बार होने वाले तनाव से हुई थी (जो उनकी गतिशीलता से संबंधित हो सकता है), या किसी दुर्घटना का परिणाम थी। यह सब उनकी जीवनशैली और खतरों को समझने में मदद करता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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प्रकाश संश्लेषण के दौरान, पानी (H₂O) का क्या होता है?
- (a) यह CO₂ को अपचयित (reduces) करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
- (b) यह ऑक्सीजन (O₂) और प्रोटॉन (H⁺) में टूट जाता है।
- (c) यह सीधे ग्लूकोज (C₆H₁₂O₆) में परिवर्तित हो जाता है।
- (d) यह प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करता है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण के प्रकाश-निर्भर प्रतिक्रियाओं (light-dependent reactions) में, पानी के अणु प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करके हाइड्रोजन आयनों (प्रोटॉन) और इलेक्ट्रॉनों में टूट जाते हैं, और ऑक्सीजन गैस (O₂) को उप-उत्पाद के रूप में छोड़ते हैं। इस प्रक्रिया को जल-विच्छेदन (photolysis of water) कहते हैं।
व्याख्या (Explanation): CO₂ को अपचयित करने के लिए प्रकाश संश्लेषण में इलेक्ट्रॉनों और प्रोटॉनों का उपयोग किया जाता है, जो केल्विन चक्र (Calvin cycle) में होता है। पानी सीधे ग्लूकोज में परिवर्तित नहीं होता है। प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करने का मुख्य कार्य क्लोरोफिल करता है, पानी नहीं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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एक जीवाश्म के नमूने में पाए जाने वाले कार्बनिक अणु, जैसे एमिनो एसिड, की उपस्थिति का अध्ययन किस क्षेत्र से संबंधित है?
- (a) खगोल-जीव विज्ञान (Astrobiology)
- (b) जीवाश्म रसायन विज्ञान (Paleochemistry)
- (c) भू-रसायन विज्ञान (Geochemistry)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीवाश्मों में कार्बनिक अणुओं का अध्ययन जीवाश्मों की उत्पत्ति, उनके जीवन के दौरान उनके रासायनिक वातावरण और उनके संरक्षण की प्रक्रियाओं को समझने में मदद करता है। यह खगोल-जीव विज्ञान (क्योंकि यह पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति और अन्य ग्रहों पर जीवन की संभावना को समझने में मदद कर सकता है), जीवाश्म रसायन विज्ञान (जो जीवाश्मों की रासायनिक संरचना पर केंद्रित है), और भू-रसायन विज्ञान (जो पृथ्वी के रासायनिक चक्रों का अध्ययन करता है) के बीच एक अंतःविषय क्षेत्र है।
व्याख्या (Explanation): एमिनो एसिड जैसे कार्बनिक अणु जीवन के निर्माण खंड हैं। उनका विश्लेषण हमें यह समझने में मदद करता है कि प्राचीन जीवन रूपों की रासायनिक संरचना क्या थी, और वे उस वातावरण में कैसे संरक्षित हुए। यह सब तीनों सूचीबद्ध क्षेत्रों से संबंधित है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जीवित प्राणियों में, कोशिका का “ऊर्जा घर” (powerhouse of the cell) किसे कहा जाता है?
- (a) नाभिक (Nucleus)
- (b) एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Endoplasmic Reticulum)
- (c) गॉल्जी बॉडी (Golgi Body)
- (d) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका के भीतर ऐसे अंगक (organelles) होते हैं जो कोशिकीय श्वसन (cellular respiration) करते हैं, जिसके माध्यम से वे पोषक तत्वों को तोड़कर ATP (ऊर्जा) उत्पन्न करते हैं। इसलिए, उन्हें कोशिका का “ऊर्जा घर” कहा जाता है।
व्याख्या (Explanation): नाभिक आनुवंशिक सामग्री रखता है, एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम प्रोटीन और लिपिड संश्लेषण में भूमिका निभाता है, और गॉल्जी बॉडी प्रोटीन और लिपिड के प्रसंस्करण और पैकेजिंग में शामिल होता है। ऊर्जा उत्पादन मुख्य रूप से माइटोकॉन्ड्रिया में होता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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डायनासोर युग के मध्य के महासागरों में पाए जाने वाले शार्क जैसे शिकारी जीवों के जीवाश्मों का अध्ययन, उन समयों के पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) के बारे में क्या संकेत दे सकता है?
- (a) खाद्य श्रृंखला (food chain) की जटिलता
- (b) संभावित शिकार की उपलब्धता
- (c) महासागरों में ऊर्जा प्रवाह
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पारिस्थितिकी तंत्र में शीर्ष शिकारियों (जैसे शार्क) के जीवाश्मों की उपस्थिति और बहुतायत उस पारिस्थितिकी तंत्र की संरचना और कार्यप्रणाली के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है। यह बताता है कि खाद्य श्रृंखला कितनी जटिल थी, उपलब्ध शिकार की मात्रा कितनी थी, और ऊर्जा कैसे विभिन्न पोषी स्तरों (trophic levels) में प्रवाहित हो रही थी।
व्याख्या (Explanation): यदि शीर्ष शिकारी प्रचुर मात्रा में हैं, तो यह इंगित करता है कि उनके शिकार भी प्रचुर मात्रा में थे। शिकारी-शिकार संबंध खाद्य श्रृंखला की जटिलता और ऊर्जा के प्रवाह को समझने में मदद करते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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पौधे मिट्टी से पानी और खनिज अवशोषित करने के लिए किन विशेष संरचनाओं का उपयोग करते हैं?
- (a) पत्तियाँ (Leaves)
- (b) तने (Stems)
- (c) जड़ें (Roots)
- (d) फूल (Flowers)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पौधों की जड़ें भूमिगत संरचनाएं हैं जो मिट्टी में गहराई तक जाती हैं। उनकी मुख्य भूमिकाएं पौधे को मिट्टी में स्थिर करना, मिट्टी से पानी अवशोषित करना और मिट्टी से खनिज पोषक तत्व अवशोषित करना हैं।
व्याख्या (Explanation): पत्तियां मुख्य रूप से प्रकाश संश्लेषण और वाष्पोत्सर्जन (transpiration) के लिए जिम्मेदार होती हैं। तने पौधे को सहारा देते हैं और पानी व पोषक तत्वों को ऊपर ले जाते हैं। फूल प्रजनन के लिए होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीवित जीवों में, कोशिका के अंदर प्रोटीन के निर्माण का स्थान क्या है?
- (a) लाइसोसोम (Lysosomes)
- (b) राइबोसोम (Ribosomes)
- (c) रिक्तिका (Vacuoles)
- (d) प्लाज्मोडेस्मेटा (Plasmodesmata)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): राइबोसोम कोशिका के अंदर छोटे कण होते हैं जो mRNA (मैसेंजर राइबोन्यूक्लिक एसिड) पर स्थित आनुवंशिक जानकारी को पढ़कर प्रोटीन का संश्लेषण करते हैं। यह प्रक्रिया कोशिकाद्रव्य (cytoplasm) या एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम से जुड़ी हुई हो सकती है।
व्याख्या (Explanation): लाइसोसोम कोशिका के अपशिष्ट पदार्थों को पचाने में मदद करते हैं। रिक्तिकाएं कोशिका के अंदर पानी, पोषक तत्वों और अपशिष्ट पदार्थों को संग्रहीत करती हैं। प्लाज्मोडेस्मेटा पौधों की कोशिकाओं के बीच संचार के लिए कोशिका भित्ति में छिद्र होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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डायनासोर युग में पाए जाने वाले जीवाश्मों में पेड़ों के तनों के पेट्रिफाइड (petrified) या पत्थर जैसे रूप पाए जाते हैं। यह किस प्रकार के जीवाश्मकरण का उदाहरण है?
- (a) सांचा जीवाश्म (Mould Fossil)
- (b) कास्ट जीवाश्म (Cast Fossil)
- (c) छाप जीवाश्म (Impression Fossil)
- (d) परिरक्षित जीवाश्म (Preserved Fossil)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परिरक्षित जीवाश्म (Preserved Fossil) वह जीवाश्म होता है जिसमें मूल कार्बनिक पदार्थ को संरक्षित किया जाता है, अक्सर अंबर (amber), कीचड़ या बर्फ जैसे माध्यमों में। पेट्रिफाइड लकड़ी (petrified wood) इस श्रेणी में आती है, जहाँ मूल लकड़ी के पदार्थ को खनिज (आमतौर पर सिलिका) द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है, जिससे यह पत्थर की तरह कठोर हो जाता है, लेकिन मूल संरचनात्मक विवरण संरक्षित रहते हैं।
व्याख्या (Explanation): सांचा जीवाश्म किसी जीव के बाहरी आकार का एक नकारात्मक छाप होता है। कास्ट जीवाश्म सांचे में भरे खनिज से बनता है। छाप जीवाश्म किसी जीव की केवल एक छाप होती है, जिसमें पदार्थ का प्रतिस्थापन नहीं होता। पेट्रिफाइड लकड़ी को अक्सर सबसे अच्छी तरह से परिरक्षित जीवाश्मों में से एक माना जाता है क्योंकि यह खनिज प्रतिस्थापन के बावजूद मूल संरचना को बनाए रखता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जीवित जीवों में, “कोशिका का मस्तिष्क” (brain of the cell) किसे कहा जाता है, जो आनुवंशिक जानकारी और कोशिका की गतिविधियों को नियंत्रित करता है?
- (a) साइटोप्लाज्म (Cytoplasm)
- (b) राइबोसोम (Ribosomes)
- (c) नाभिक (Nucleus)
- (d) कोशिका झिल्ली (Cell Membrane)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नाभिक (nucleus) कोशिका का सबसे प्रमुख अंगक है जिसमें कोशिका का अधिकांश आनुवंशिक पदार्थ (DNA) होता है। यह कोशिका की वृद्धि, चयापचय और प्रजनन जैसी सभी महत्वपूर्ण गतिविधियों को नियंत्रित करता है, इसलिए इसे “कोशिका का मस्तिष्क” कहा जाता है।
व्याख्या (Explanation): साइटोप्लाज्म कोशिका का वह हिस्सा है जो नाभिक के बाहर और कोशिका झिल्ली के भीतर होता है। राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण में शामिल होते हैं। कोशिका झिल्ली कोशिका के बाहरी आवरण के रूप में कार्य करती है और पदार्थों के परिवहन को नियंत्रित करती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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डायनासोर युग के जीवों के जीवाश्मों में पाए जाने वाले रासायनिक समस्थानिकों (isotopic signatures) का विश्लेषण किस प्रकार की जानकारी प्रदान कर सकता है?
- (a) उनके द्वारा खाए जाने वाले भोजन का प्रकार
- (b) उनके द्वारा सांस ली जाने वाली हवा की संरचना
- (c) उस समय की जलवायु परिस्थितियाँ
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न समस्थानिकों (जैसे कार्बन, ऑक्सीजन, स्ट्रोंटियम) के अनुपात में सूक्ष्म अंतर जीवों द्वारा खाए जाने वाले भोजन, उनके द्वारा पीये जाने वाले पानी और उनके द्वारा सांस ली जाने वाली हवा को प्रतिबिंबित करते हैं। ये डेटा जीवों के आहार, उनके निवास स्थान और यहां तक कि उस समय की जलवायु और पर्यावरणीय परिस्थितियों के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): उदाहरण के लिए, कंकाल और दांतों में ऑक्सीजन समस्थानिकों का अनुपात इंगित कर सकता है कि जीव किस तापमान वाले पानी में रहता था या पीता था, जो उस समय की जलवायु का संकेत दे सकता है। कार्बन समस्थानिक (¹³C/¹²C) आहार में पौधों के प्रकार (घास या पत्तियाँ) को दर्शा सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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पौधे प्रकाश संश्लेषण के लिए जिस गैस को वातावरण से ग्रहण करते हैं, वह कौन सी है?
- (a) ऑक्सीजन (O₂)
- (b) नाइट्रोजन (N₂)
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
- (d) हाइड्रोजन (H₂)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पौधे, शैवाल और कुछ बैक्टीरिया सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को शर्करा (ग्लूकोज) में परिवर्तित करते हैं, और ऑक्सीजन को उप-उत्पाद के रूप में छोड़ते हैं। इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक मुख्य कच्ची सामग्री कार्बन डाइऑक्साइड है।
व्याख्या (Explanation): ऑक्सीजन श्वसन में उपयोग की जाती है और प्रकाश संश्लेषण का उत्पाद है। नाइट्रोजन एक आवश्यक पोषक तत्व है लेकिन सीधे प्रकाश संश्लेषण में उपयोग नहीं होती है। हाइड्रोजन गैस एक ईंधन है और प्रकाश संश्लेषण का हिस्सा नहीं है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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एक नया खोजा गया समुद्री राक्षस जीवाश्म एक सरीसृप (reptile) था। सरीसृपों की एक विशिष्ट विशेषता क्या है जो उन्हें डायनासोर युग में महासागरों में पनपने में मदद करती थी?
- (a) फेफड़ों से श्वास लेना (Lungs for respiration)
- (b) अंडे देना (Laying eggs)
- (c) शल्कों से ढका शरीर (Body covered in scales)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सरीसृपों की कई विशेषताएं हैं जिन्होंने उन्हें विभिन्न वातावरणों में जीवित रहने में मदद की। फेफड़ों से श्वास लेना उन्हें पानी के भीतर लंबे समय तक रहने और हवा में वापस आने की अनुमति देता है। अंडे देना (अक्सर जलीय वातावरण में) उन्हें प्रजनन करने में मदद करता था। शल्कों से ढका शरीर उन्हें निर्जलीकरण से बचाता था और कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान करता था।
व्याख्या (Explanation): समुद्री सरीसृपों, जैसे कि इचिथियोसॉर (ichthyosaurs) और प्लियोसॉर (plesiosaurs) में, इन सभी विशेषताओं के अनुकूलन देखे जाते हैं। फेफड़ों से श्वास लेने के लिए उन्हें सतह पर आना पड़ता था, जबकि अंडे देने की क्षमता ने उन्हें पानी में प्रजनन करने की अनुमति दी (कुछ प्रजातियों में आंतरिक निषेचन और जीवित बच्चों को जन्म देना भी पाया गया)। शल्क उन्हें सुरक्षा और सुव्यवस्थित (streamlined) आकार प्रदान करते थे।
अतः, सही उत्तर (d) है।