ज्ञान की दस्तक: इतिहास की गहनता को परखें!
नमस्कार, युवा इतिहास के जांबाज! आज हम समय की गलियों में एक रोमांचक यात्रा पर निकल रहे हैं। क्या आप प्राचीन भारत के रहस्यों, मध्यकालीन साम्राज्यों के वैभव, आधुनिक भारत के संघर्षों और विश्व इतिहास की निर्णायक घटनाओं पर अपनी पकड़ मज़बूत करने के लिए तैयार हैं? अपनी तैयारी को धार दें और इन 25 प्रश्नों के साथ ज्ञान की गहराई को नापें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: हड़प्पा सभ्यता के किस स्थल से फारस की खाड़ी के सील (Persian Gulf seal) प्राप्त हुए हैं?
- लोथल
- कालीबंगा
- बनावली
- रोपड़
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: लोथल, जो गुजरात में स्थित एक प्रमुख हड़प्पा स्थल है, से फारस की खाड़ी के सील प्राप्त हुए हैं। यह इस स्थल के विदेशी व्यापार, विशेषकर मेसोपोटामिया के साथ, का एक महत्वपूर्ण साक्ष्य है।
- संदर्भ और विस्तार: लोथल एक बंदरगाह शहर था और व्यापार का एक प्रमुख केंद्र था। यहां से मिली सीलें, जिनमें कुछ मेसोपोटामियाई शैली की हैं, बाहरी दुनिया के साथ इसके घनिष्ठ संबंधों को दर्शाती हैं।
- अincorrect विकल्प: कालीबंगा (राजस्थान) से जूते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं, और बनवाली (हरियाणा) से एक जल निकासी प्रणाली के प्रमाण मिले हैं। रोपड़ (पंजाब) से पालतू कुत्ते के साथ मानव कंकाल के प्रमाण मिले हैं।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस शिलालेख में अशोक को ‘बुद्ध शाक्य’ कहा गया है?
- मास्की लघु शिलालेख
- गुर्जरा लघु शिलालेख
- एर्गुडी शिलालेख
- कंधार द्विभाषी शिलालेख
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित गुर्जरा लघु शिलालेख में सम्राट अशोक को ‘बुद्ध शाक्य’ के रूप में संबोधित किया गया है, जो उनके बौद्ध धर्म से जुड़ाव को दर्शाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शिलालेख अशोक के व्यक्तिगत नाम का सबसे पहला ज्ञात अभिलेखीय प्रमाण है। ‘शाक्य’ उपाधि उनके गौतम बुद्ध के वंश से संबंधित होने की ओर इशारा करती है।
- अincorrect विकल्प: मास्की शिलालेख (कर्नाटक) में भी अशोक का नाम मिलता है, लेकिन ‘बुद्ध शाक्य’ की उपाधि नहीं। एर्गुडी शिलालेख (आंध्र प्रदेश) एक प्रमुख दीर्घ शिलालेख है, और कंधार द्विभाषी शिलालेख (अफगानिस्तान) ग्रीक और अरामाईक भाषाओं में है।
प्रश्न 3: गुप्त काल को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ कहने का मुख्य कारण क्या था?
- कला, साहित्य और विज्ञान का अभूतपूर्व विकास
- साम्राज्य का विशाल विस्तार
- समानता पर आधारित सामाजिक व्यवस्था
- विदेशी आक्रमणों का पूर्ण अभाव
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) में कला, साहित्य, वास्तुकला, खगोल विज्ञान, गणित और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में अत्यधिक उन्नति हुई, जिसके कारण इसे ‘स्वर्ण युग’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल में कालिदास जैसे महान कवियों, आर्यभट्ट जैसे खगोलशास्त्री-गणितज्ञों और वराहमिहिर जैसे विद्वानों का उदय हुआ। अजंता की गुफाओं में भित्तिचित्रों का निर्माण इसी काल की उत्कृष्ट कला का उदाहरण है।
- अincorrect विकल्प: यद्यपि साम्राज्य का विस्तार हुआ, लेकिन इसे ‘स्वर्ण युग’ का मुख्य कारण नहीं माना जाता। सामाजिक व्यवस्था में समानता थी, पर यह आदर्श नहीं थी, और विदेशी आक्रमणों का अभाव नहीं था (जैसे हूणों के आक्रमण)।
प्रश्न 4: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवान-ए-आरिज’ नामक एक सैन्य विभाग की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- मोहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: बलबन (1266-1287 ईस्वी) ने अपनी सैन्य शक्ति को सुदृढ़ करने और मंगोलों के बढ़ते खतरे का सामना करने के लिए ‘दीवान-ए-आरिज’ नामक एक सैन्य विभाग की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस विभाग का मुख्य कार्य सेना का संगठन, प्रशिक्षण, वेतन और रसद का प्रबंधन करना था। बलबन ने ‘रक्त और लोह’ की नीति अपनाई थी और अपनी सत्ता को मजबूत करने के लिए सैन्य सुधारों पर जोर दिया।
- अincorrect विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चहलगानी) का गठन किया था। अलाउद्दीन खिलजी ने स्थायी सेना, बाजार नियंत्रण और दाग (घोड़ों को दागना) व हुलिया (सैनिकों का विवरण) जैसी प्रथाएं शुरू कीं। मोहम्मद बिन तुगलक ने भी कई प्रशासनिक और सैन्य सुधार किए, लेकिन ‘दीवान-ए-आरिज’ की स्थापना बलबन ने की थी।
प्रश्न 5: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक को ‘आंध्र पितामह’ कहा जाता है?
- कृष्णदेव राय
- देव राय द्वितीय
- बुक्क प्रथम
- हरिहर प्रथम
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: कृष्णदेव राय (1509-1530 ईस्वी) को ‘आंध्र पितामह’ की उपाधि से विभूषित किया गया था, क्योंकि उन्होंने तेलुगु साहित्य और कला को बहुत बढ़ावा दिया और स्वयं एक महान विद्वान थे।
- संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेव राय विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक थे। उन्होंने कई युद्ध जीते, साम्राज्य का विस्तार किया और कला, साहित्य, वास्तुकला व धार्मिक सहिष्णुता को संरक्षण दिया। उनकी रचना ‘आमुक्तमाल्यदा’ तेलुगु साहित्य का एक अमूल्य रत्न है।
- अincorrect विकल्प: देव राय द्वितीय ने भी कला और साहित्य को संरक्षण दिया, जबकि हरिहर प्रथम और बुक्क प्रथम ने विजयनगर साम्राज्य की नींव रखी थी।
प्रश्न 6: 1857 के विद्रोह के दौरान, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने किस मुगल सम्राट को अपना संरक्षक घोषित किया था?
- बहादुर शाह प्रथम
- फर्रुखसियर
- बहादुर शाह द्वितीय (जफर)
- अकबर द्वितीय
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1857 के विद्रोह के दौरान, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह द्वितीय (जफर) को अपना सम्राट और संरक्षक घोषित किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह कदम विद्रोह को राष्ट्रीय स्वरूप देने और वैधता प्रदान करने के प्रयास का हिस्सा था। रानी लक्ष्मीबाई ने दिल्ली के पास विद्रोहियों के नेताओं से भी मुलाकात की थी।
- अincorrect विकल्प: बहादुर शाह प्रथम (जहाँदार शाह) 1712 तक शासन किया। फर्रुखसियर 1713-1719 तक शासक था। अकबर द्वितीय 1837 तक ब्रिटिश संरक्षण में रहे।
प्रश्न 7: ‘The Gospel of the Kingdom of God’ नामक पुस्तक के लेखक कौन थे?
- राममोहन राय
- स्वामी विवेकानंद
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- ज्योतिबा फुले
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: राजा राममोहन राय, जिन्हें आधुनिक भारत का अग्रदूत माना जाता है, ने ‘The Gospel of the Kingdom of God’ नामक पुस्तक लिखी थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक 1820 में प्रकाशित हुई थी और इसमें उन्होंने ईसा मसीह के उपदेशों का सार प्रस्तुत किया था, जो तर्क और ज्ञान पर आधारित थे। राय ने ईसाई धर्म की कुछ मान्यताओं की आलोचना भी की थी।
- अincorrect विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने ‘राज योग’ और ‘कर्म योग’ जैसी पुस्तकें लिखीं। स्वामी दयानंद सरस्वती ने ‘सत्यार्थ प्रकाश’ लिखी, और ज्योतिबा फुले ने ‘गुलामगिरी’ लिखी।
प्रश्न 8: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का प्रमुख नारा क्या था?
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- अधिकार या मृत्यु
- धर्म, राजा, देश
- एक राष्ट्र, एक शासक
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति का सबसे प्रसिद्ध नारा ‘Liberté, égalité, fraternité’ था, जिसका अनुवाद ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ है।
- संदर्भ और विस्तार: ये आदर्श क्रांति के मुख्य सिद्धांत थे, जिन्होंने फ्रांसीसी समाज और उसके बाद दुनिया भर के राजनीतिक विचारों को गहराई से प्रभावित किया।
- अincorrect विकल्प: ‘अधिकार या मृत्यु’ (Give me liberty or give me death) अमेरिकी क्रांति से जुड़ा है। ‘धर्म, राजा, देश’ (Gott, König, Vaterland) जर्मन साम्राज्यवादी भावना से संबंधित है।
प्रश्न 9: सिन्धु घाटी सभ्यता के किस स्थल से विशाल स्नानागार (Great Bath) मिला है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मोहनजोदड़ो (पाकिस्तान में स्थित) से एक विशाल स्नानागार प्राप्त हुआ है, जो सिन्धु घाटी सभ्यता की परिष्कृत वास्तुकला और शहरी नियोजन का एक प्रमुख उदाहरण है।
- संदर्भ और विस्तार: यह स्नानागार सार्वजनिक स्नान या धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयोग किया जाता था। इसकी जलरोधी ईंटों की संरचना और जल निकासी प्रणाली प्रभावशाली है।
- अincorrect विकल्प: हड़प्पा से सूती वस्त्र के प्रमाण मिले हैं। लोथल से गोदी (डॉकयार्ड) मिला है। कालीबंगा से जूते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं।
प्रश्न 10: सम्राट हर्षवर्धन ने अपनी राजधानी थानेश्वर से कहाँ स्थानांतरित की थी?
- पाटलिपुत्र
- प्रयाग
- कन्नौज
- मालवा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: सम्राट हर्षवर्धन (606-647 ईस्वी) ने अपनी राजधानी को थानेश्वर (वर्तमान हरियाणा) से कन्नौज (वर्तमान उत्तर प्रदेश) स्थानांतरित किया था।
- संदर्भ और विस्तार: कन्नौज उस समय गंगा के मैदान में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और आर्थिक केंद्र था। इस स्थानांतरण ने हर्षवर्धन के साम्राज्य की शक्ति और प्रभाव को बढ़ाया।
- अincorrect विकल्प: पाटलिपुत्र पहले महत्वपूर्ण केंद्र था, लेकिन हर्षवर्धन के समय तक इसकी प्रमुखता कम हो गई थी। प्रयाग और मालवा अन्य महत्वपूर्ण स्थान थे, लेकिन राजधानी का स्थानांतरण कन्नौज हुआ था।
प्रश्न 11: ‘अष्टप्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की परिषद किस साम्राज्य से संबंधित थी?
- मौर्य साम्राज्य
- गुप्त साम्राज्य
- चोल साम्राज्य
- मराठा साम्राज्य
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘अष्टप्रधान’ शिवाजी महाराज के नेतृत्व वाले मराठा साम्राज्य की एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक व्यवस्था थी, जिसमें आठ प्रमुख मंत्रियों को शामिल किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस परिषद में पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्तमंत्री), सचिव (गृहमंत्री), सुमंत (विदेशमंत्री), सर-ए-नौबत (सेनापति), पंडितराव (धर्म और दान मंत्री), न्यायाधीश (न्यायमंत्री) और वाक्यनवीस (गृहसचिव/गुप्तचर) जैसे पद शामिल थे।
- अincorrect विकल्प: मौर्य और गुप्त साम्राज्यों में भी मंत्री परिषदें थीं, लेकिन उन्हें ‘अष्टप्रधान’ नहीं कहा जाता था। चोल साम्राज्य में भी प्रशासनिक व्यवस्था थी, पर ‘अष्टप्रधान’ मराठों से जुड़ा है।
प्रश्न 12: वर्ष 1905 में बंगाल के विभाजन के समय भारत का वायसराय कौन था?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: लॉर्ड कर्जन (1899-1905) वह वायसराय थे जिनके कार्यकाल में 1905 में बंगाल का विभाजन हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: कर्जन ने प्रशासनिक सुविधा के नाम पर बंगाल का विभाजन किया था, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य बंगाली राष्ट्रवाद को कमजोर करना था। इस विभाजन के विरोध में स्वदेशी आंदोलन चलाया गया था।
- अincorrect विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत के सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय वायसराय थे। लॉर्ड लिटन वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट के लिए कुख्यात हैं।
प्रश्न 13: ‘गीत गोविंद’ के रचयिता जयदेव किस शासक के दरबारी कवि थे?
- सम्राट अशोक
- हर्षवर्धन
- लक्ष्मण सेन
- कनिष्क
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: जयदेव, प्रसिद्ध संस्कृत कवि और ‘गीत गोविंद’ के रचयिता, बंगाल के सेन राजवंश के शासक लक्ष्मण सेन (1178-1206 ईस्वी) के दरबारी कवि थे।
- संदर्भ और विस्तार: ‘गीत गोविंद’ भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम का काव्यात्मक वर्णन है और यह भारतीय साहित्य में एक महत्वपूर्ण रचना मानी जाती है। लक्ष्मण सेन एक प्रतापी शासक थे जिन्होंने कला और साहित्य को बहुत संरक्षण दिया।
- अincorrect विकल्प: सम्राट अशोक मौर्य वंश के थे, हर्षवर्धन गुप्तोत्तर काल के थे, और कनिष्क कुषाण शासक थे। ये सभी जयदेव से बहुत पहले के कालखंड के शासक थे।
प्रश्न 14: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) का तात्कालिक कारण क्या था?
- जर्मनी का बेल्जियम पर आक्रमण
- ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फर्डिनेंड की हत्या
- साम्राज्यवाद और राष्ट्रवाद की भावना
- रूस का ऑस्ट्रिया पर युद्ध की घोषणा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 28 जून, 1914 को साराजेवो में ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की हत्या थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह हत्या बोस्नियाई सर्ब राष्ट्रवादी गैवरिलो प्रिंसिप द्वारा की गई थी, जिसने ऑस्ट्रिया-हंगरी को सर्बिया पर युद्ध की घोषणा करने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद विभिन्न देशों की गठबंधन संधियों के कारण यह एक विश्व युद्ध में बदल गया।
- अincorrect विकल्प: जर्मनी का बेल्जियम पर आक्रमण युद्ध शुरू होने के बाद हुआ। साम्राज्यवाद और राष्ट्रवाद दीर्घकालिक कारण थे, लेकिन तात्कालिक नहीं। रूस की घोषणा भी एक महत्वपूर्ण घटना थी, लेकिन हत्या प्रथम ट्रिगर थी।
प्रश्न 15: ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- गोपाल कृष्ण गोखले
- लाला लाजपत राय
- बाल गंगाधर तिलक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना 1905 में गोपाल कृष्ण गोखले ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संस्था का मुख्य उद्देश्य भारत में राष्ट्रीय शिक्षा का प्रसार करना, सार्वजनिक सेवा की भावना को बढ़ावा देना और राष्ट्र निर्माण में योगदान देना था। गोखले को महात्मा गांधी अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।
- अincorrect विकल्प: महात्मा गांधी ने ‘सर्वोदय समाज’ और ‘साबरमती आश्रम’ की स्थापना की। लाला लाजपत राय ने ‘सर्वेंट्स ऑफ पीपल सोसाइटी’ की स्थापना की, और बाल गंगाधर तिलक ने ‘होम रूल लीग’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रश्न 16: किस गुप्त शासक ने ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की और चंद्रगुप्त द्वितीय के नाम से भी जाना जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त प्रथम
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: चंद्रगुप्त द्वितीय (लगभग 375-415 ईस्वी) वह गुप्त शासक थे जिन्होंने ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की थी और उन्हें चंद्रगुप्त द्वितीय के नाम से भी जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त द्वितीय ने शकों को पराजित कर यह उपाधि प्राप्त की थी। उनके शासनकाल में कला, साहित्य और विज्ञान का उत्कृष्ट विकास हुआ। प्रसिद्ध चीनी यात्री फाहियान इसी के शासनकाल में भारत आया था।
- अincorrect विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने ‘महाराजाधिराज’ की उपाधि ली। समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। कुमारगुप्त प्रथम ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
प्रश्न 17: भारत के किस वायसराय ने ‘वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट’ (1878) पारित किया था?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: लॉर्ड लिटन (1876-1880) वह वायसराय थे जिन्होंने भारतीय भाषाओं के समाचार-पत्रों पर नियंत्रण लगाने के लिए ‘वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट’ पारित किया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने भारतीय भाषाओं के समाचार-पत्रों को ब्रिटिश सरकार की नीतियों की आलोचना करने से रोका, जबकि अंग्रेजी समाचार-पत्रों को इससे छूट दी गई। इसने भारतीय राष्ट्रवादियों के बीच गहरा असंतोष पैदा किया।
- अincorrect विकल्प: लॉर्ड कर्जन ने प्रशासनिक सुधार किए। लॉर्ड डलहौजी ने ‘व्यपगत का सिद्धांत’ लागू किया। लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय भारत के गवर्नर-जनरल (बाद में वायसराय) थे।
प्रश्न 18: मध्यकालीन भारत में ‘इक्ता प्रणाली’ की शुरुआत किसने की थी?
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: इल्तुतमिश (1211-1236 ईस्वी) ने दिल्ली सल्तनत में ‘इक्ता प्रणाली’ की शुरुआत की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इक्ता प्रणाली के तहत, साम्राज्य को ‘इक्ता’ नामक क्षेत्रों में विभाजित किया गया था, जिन्हें इक्तादारों (अधिकारियों) को राजस्व संग्रह के बदले में आवंटित किया जाता था। यह प्रणाली सेना को बनाए रखने और प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू रखने में सहायक थी।
- अincorrect विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक दिल्ली सल्तनत का संस्थापक था। बलबन ने ‘चालीसा’ का दमन किया। अलाउद्दीन खिलजी ने भूमि को व्यक्तिगत जागीरों में विभाजित करने की बजाय सीधे राज्य के नियंत्रण में रखा था, हालांकि उसने इक्ता को जारी रखा और उसमें कुछ सुधार किए।
प्रश्न 19: अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम (1775-1783) का प्रमुख नारा क्या था?
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- प्रतिनिधित्व के बिना कर नहीं!
- साम्राज्य का विस्तार
- नई व्यवस्था
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख नारा था ‘No taxation without representation!’ जिसका अर्थ है ‘प्रतिनिधित्व के बिना कर नहीं!’।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा उपनिवेशवादियों की ब्रिटिश सरकार द्वारा बिना उनकी सहमति या प्रतिनिधित्व के उन पर कर लगाने के खिलाफ मुख्य शिकायत को व्यक्त करता था।
- अincorrect विकल्प: ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ फ्रांसीसी क्रांति का नारा था। ‘साम्राज्य का विस्तार’ और ‘नई व्यवस्था’ इस संदर्भ में प्रासंगिक नहीं हैं।
प्रश्न 20: कनिष्क के शासनकाल में चतुर्थ बौद्ध संगति कहाँ आयोजित की गई थी?
- पाटलिपुत्र
- वैशाली
- कुंडलवन (कश्मीर)
- राजगृह
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: कनिष्क (कुषाण वंश) के शासनकाल में चतुर्थ बौद्ध संगति कश्मीर के कुंडलवन में आयोजित की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संगति की अध्यक्षता वसुमित्र ने की थी और अश्वघोष भी इसमें शामिल थे। यह संगति हीनयान और महायान संप्रदायों के विभाजन का गवाह बनी, जहाँ महायान की विचारधारा को प्रमुखता मिली।
- अincorrect विकल्प: पहली बौद्ध संगति राजगृह में, दूसरी वैशाली में और तीसरी पाटलिपुत्र में आयोजित की गई थी।
प्रश्न 21: ‘इल्तुतमिश’ किस वंश का शासक था?
- गुलाम वंश
- खिलजी वंश
- तुगलक वंश
- सैयद वंश
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: इल्तुतमिश (1211-1236 ईस्वी) दिल्ली सल्तनत के गुलाम वंश (ममलुक वंश) का एक महत्वपूर्ण शासक था।
- संदर्भ और विस्तार: इल्तुतमिश कुतुबुद्दीन ऐबक का दामाद और उत्तराधिकारी था। उसने दिल्ली सल्तनत को एक एकीकृत साम्राज्य के रूप में स्थापित किया और कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार किए। उसने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चहलगानी) का गठन किया और ‘इक्ता’ प्रणाली की शुरुआत की।
- अincorrect विकल्प: खिलजी वंश की स्थापना जलालुद्दीन खिलजी ने, तुगलक वंश की स्थापना गयासुद्दीन तुगलक ने और सैय्यद वंश की स्थापना खिजर खान ने की थी।
प्रश्न 22: ‘सती प्रथा’ के विरुद्ध सर्वप्रथम किस मध्यकालीन शासक ने कानून बनाने का प्रयास किया था?
- अलाउद्दीन खिलजी
- मुहम्मद बिन तुगलक
- फिरोजशाह तुगलक
- अकबर
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मुगल सम्राट अकबर (1556-1605 ईस्वी) ने सती प्रथा के विरुद्ध कानून बनाने और इसे हतोत्साहित करने का प्रयास किया था।
- संदर्भ और विस्तार: अकबर ने अपने साम्राज्य में सती प्रथा को रोकने के लिए आदेश जारी किए थे और किसी भी महिला को उसकी इच्छा के विरुद्ध सती होने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता था। यद्यपि उसने पूर्णतः इसे प्रतिबंधित नहीं किया, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण कदम था।
- अincorrect विकल्प: अलाउद्दीन खिलजी, मुहम्मद बिन तुगलक और फिरोजशाह तुगलक जैसे सुल्तानों ने भी कुछ सामाजिक सुधार किए, लेकिन सती प्रथा के विरुद्ध स्पष्ट कानून बनाने का प्रयास अकबर ने ही किया था। राजा राममोहन राय ने 19वीं सदी में इसके उन्मूलन में प्रमुख भूमिका निभाई।
प्रश्न 23: 1919 का जलियांवाला बाग नरसंहार किस शहर में हुआ था?
- दिल्ली
- लाहौर
- अमृतसर
- लखनऊ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग नरसंहार अमृतसर (पंजाब) शहर में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: जनरल डायर के आदेश पर निहत्थे भारतीय प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई गई थीं, जो रॉलेट एक्ट के विरोध में एक शांतिपूर्ण सभा कर रहे थे। इस घटना ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया और ब्रिटिश शासन के प्रति घोर रोष उत्पन्न किया।
- अincorrect विकल्प: दिल्ली, लाहौर और लखनऊ उस घटना के स्थान नहीं थे।
प्रश्न 24: ‘The Spirit of Laws’ (1748) पुस्तक के लेखक कौन थे?
- जीन-जैक्स रूसो
- जॉन लॉक
- चार्ल्स-लुईस डी सेकेंडैट, बैरन डी मॉन्टेस्क्यू
- एडम स्मिथ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘The Spirit of Laws’ (De l’esprit des lois) पुस्तक के लेखक फ्रांसीसी दार्शनिक चार्ल्स-लुईस डी सेकेंडैट, बैरन डी मॉन्टेस्क्यू थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस पुस्तक में मॉन्टेस्क्यू ने शक्तियों के पृथक्करण (separation of powers) के सिद्धांत का प्रतिपादन किया, जिसने आधुनिक लोकतंत्रों की सरकारों के ढांचे को बहुत प्रभावित किया।
- अincorrect विकल्प: जीन-जैक्स रूसो ने ‘The Social Contract’ लिखी, जॉन लॉक ने ‘Two Treatises of Government’ लिखी, और एडम स्मिथ ने ‘The Wealth of Nations’ लिखी।
प्रश्न 25: किस प्राचीन भारतीय ग्रंथ को ‘भारतीय नेपोलियन’ समुद्रगुप्त के अभियानों का विवरण मिलता है?
- महाभारत
- रामयण
- प्रयाग प्रशस्ति
- अर्थशास्त्र
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: समुद्रगुप्त के सैन्य अभियानों और विजयों का विस्तृत विवरण ‘प्रयाग प्रशस्ति’ (जिसे इलाहाबाद स्तंभ लेख भी कहा जाता है) में मिलता है, जिसकी रचना समुद्रगुप्त के दरबारी कवि हरिषेण ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रशस्ति, जो मूल रूप से कौशांबी में थी और बाद में अकबर द्वारा इलाहाबाद (प्रयाग) में स्थापित की गई, समुद्रगुप्त की विजयों, उसकी विशाल सेनाओं और उसके शासनकाल की उपलब्धियों का प्रमुख स्रोत है।
- अincorrect विकल्प: महाभारत और रामायण महाकाव्य हैं। अर्थशास्त्र कौटिल्य द्वारा लिखित राजनीतिक-आर्थिक ग्रंथ है, जिसमें सैन्य रणनीतियों का वर्णन तो है, पर समुद्रगुप्त के प्रत्यक्ष अभियान का विवरण नहीं।