ज्ञान की कसौटी: 25 सवालों से करें अपने इतिहास ज्ञान को धारदार!
नमस्कार, भविष्य के दिग्गजों! इतिहास के विशाल सागर में गोता लगाने और अपनी ज्ञान की तलवार को पैना करने का समय आ गया है। आज हम आपके लिए लाए हैं 25 ऐसे प्रश्न जो प्राचीन, मध्यकालीन, आधुनिक भारत और विश्व इतिहास के महत्वपूर्ण पहलुओं को छूते हैं। कमर कस लें और देखें कि आप अतीत की गलियों में कितना दूर तक पहुँच पाते हैं!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस सिंधु घाटी सभ्यता स्थल पर ‘मोहनजोदड़ो’ के बाद सबसे बड़ा अन्नागार मिला है?
- हड़प्पा
- लोथल
- कालीबंगन
- धौलावीरा
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: हड़प्पा, सिंधु घाटी सभ्यता का एक महत्वपूर्ण स्थल है, जहाँ मोहनजोदड़ो के बाद सबसे बड़ा अन्नागार (granary) पाया गया है। यह संरचना सभ्यता के कृषि अधिशेष और संगठित भंडारण क्षमता का प्रमाण है।
- संदर्भ और विस्तार: हड़प्पा की खुदाई में ईंटों से बने कई विशाल भंडार कक्ष मिले थे, जो संभवतः अनाज या अन्य वस्तुओं के भंडारण के लिए उपयोग किए जाते थे। ये मोहनजोदड़ो के विशाल अन्नागार के बाद सिंधु घाटी के सबसे बड़े सार्वजनिक भवनों में से हैं।
- गलत विकल्प: लोथल एक बंदरगाह शहर था जहाँ डॉकयार्ड के प्रमाण मिले हैं। कालीबंगन में हल चलाने के प्रमाण मिले हैं, और धौलावीरा एक अनूठी जल प्रबंधन प्रणाली के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 2: जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर कौन थे?
- ऋषभनाथ
- महावीर
- पार्श्वनाथ
- अजिनाथ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: पार्श्वनाथ, जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर थे। वे 23वें स्थान पर थे, जो भगवान महावीर (24वें) से ठीक पहले आते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: पार्श्वनाथ का जन्म वाराणसी में इक्ष्वाकु वंश के राजा विश्वसेन के यहाँ हुआ था। वे अहिंसा, सत्य, अस्तेय (चोरी न करना) और अपरिग्रह (संग्रह न करना) जैसे सिद्धांतों के लिए जाने जाते थे। उन्होंने चतुर्याम (चार प्रतिज्ञाओं) की शिक्षा दी, जिसे बाद में महावीर ने ब्रह्मचर्य को जोड़कर पंचमहाव्रत (पांच महाव्रतों) में बदल दिया।
- गलत विकल्प: ऋषभनाथ (आदिनाथ) प्रथम तीर्थंकर थे, जबकि महावीर 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे। अजिनाथ दूसरे तीर्थंकर थे।
प्रश्न 3: ‘गौतम बुद्ध’ को ज्ञान प्राप्त हुआ था?
- सारनाथ
- बोधगया
- राजगृह
- कुशीनगर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गौतम बुद्ध को बोधगया में एक पीपल वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: ज्ञान प्राप्ति के बाद, सिद्धार्थ गौतम ‘बुद्ध’ (प्रबुद्ध) कहलाए। बोधगया, जो वर्तमान में बिहार में स्थित है, वह स्थान है जहाँ उन्हें निर्वाण (ज्ञानोदय) प्राप्त हुआ। उन्होंने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया था, जिसे धर्मचक्रप्रवर्तन कहा जाता है। राजगृह बौद्ध और जैन दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान था, और कुशीनगर वह स्थान है जहाँ बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था।
- गलत विकल्प: सारनाथ में बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश दिया। राजगृह बौद्ध संगीतियों का स्थान रहा है। कुशीनगर वह स्थान है जहाँ बुद्ध का निधन हुआ।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा अभिलेख ‘प्रयाग प्रशस्ति’ से संबंधित है?
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- स्कंदगुप्त
- हर्षवर्धन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: प्रयाग प्रशस्ति (या इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) समुद्रगुप्त के शासनकाल से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रशस्ति समुद्रगुप्त के दरबारी कवि हरिषेण द्वारा संस्कृत में रची गई थी। यह समुद्रगुप्त की विजयों, उसके साम्राज्य की सीमाओं और उसकी प्रशासनिक नीतियों का विस्तृत विवरण देती है। यह अशोक के स्तंभ पर खुदी हुई है, जिस पर बाद में जहांगीर का फरमान भी उत्कीर्ण है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) भी एक महान गुप्त शासक थे, लेकिन प्रयाग प्रशस्ति मुख्य रूप से समुद्रगुप्त के बारे में है। स्कंदगुप्त गुप्त साम्राज्य के अंतिम शक्तिशाली राजा थे, और हर्षवर्धन सातवीं शताब्दी के शासक थे।
प्रश्न 5: ‘सिजदा’ और ‘पैबोस’ प्रथाएँ किसने शुरू कीं?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- मोहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: सिजदा (शासक के सामने झुकना) और पैबोस (शासक के पैरों को चूमना) प्रथाएँ बलबन ने शुरू कीं।
- संदर्भ और विस्तार: गियासुद्दीन बलबन, दिल्ली सल्तनत के मामलुक वंश का शासक था। उसने अपनी सत्ता को मजबूत करने और मंगोलों के खतरे का सामना करने के लिए ईरानी शिष्टाचार को अपनाया। सिजदा और पैबोस जैसी प्रथाएँ राजत्व की दैवीय शक्ति और सुल्तान की पूर्ण अधीनता को दर्शाती थीं, जो उस समय के भारतीय संदर्भ में एक नया और कठोर कदम था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने चालीसा (तुर्क-ए-चिहलगानी) का गठन किया। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण प्रणाली और दक्कन पर विजय प्राप्त की। मोहम्मद बिन तुगलक अपनी सांकेतिक मुद्रा और राजधानी परिवर्तन के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब हुई?
- 1336 ई.
- 1347 ई.
- 1325 ई.
- 1400 ई.
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ई. में हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम द्वारा की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: हरिहर और बुक्का, तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित विजयनगर नामक स्थान पर इस शक्तिशाली दक्षिण भारतीय साम्राज्य के संस्थापक थे। इस साम्राज्य का उद्देश्य उत्तर भारत से मुस्लिम शासकों के विस्तार को रोकना और दक्षिण भारत में एक स्वतंत्र हिंदू शासन स्थापित करना था। यह अपने वैभव, कला, साहित्य और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध था।
- गलत विकल्प: 1347 ई. में बहमनी सल्तनत की स्थापना हुई। 1325 ई. में मुहम्मद बिन तुगलक गद्दी पर बैठा। 1400 ई. तक विजयनगर साम्राज्य स्थापित हो चुका था और अपने शुरुआती दौर में था।
प्रश्न 7: ‘अष्टप्रधान’ नामक मंत्रिपरिषद किस साम्राज्य में थी?
- मौर्य साम्राज्य
- गुप्त साम्राज्य
- चोल साम्राज्य
- मराठा साम्राज्य
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘अष्टप्रधान’ नामक मंत्रिपरिषद मराठा साम्राज्य में थी।
- संदर्भ और विस्तार: छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए आठ मंत्रियों की एक परिषद का गठन किया था, जिसे ‘अष्टप्रधान’ कहा जाता था। इन मंत्रियों के पद थे: पेशवा (प्रधान मंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), मंत्री (दरबार का कार्य विवरण), सचिव (शाही पत्र व्यवहार), सुमंत (विदेश मंत्री), सेनापति (सेना प्रमुख), पंडितराव (धर्माध्यक्ष) और न्यायाधीश (न्याय प्रमुख)।
- गलत विकल्प: मौर्य साम्राज्य में ‘मंत्रिपरिषद’ होती थी, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ नहीं। गुप्त और चोल साम्राज्यों में भी अपनी प्रशासनिक संरचनाएँ थीं, पर ‘अष्टप्रधान’ विशेष रूप से मराठा साम्राज्य से जुड़ा है।
प्रश्न 8: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना कब और कहाँ हुई?
- 1866, लंदन
- 1875, न्यूयॉर्क
- 1885, मुंबई
- 1892, कोलकाता
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ईस्ट इंडिया एसोसिएशन की स्थापना 1866 में दादाभाई नौरोजी द्वारा लंदन में की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य भारत के शासन और प्रशासन के बारे में ब्रिटिश जनता में जागरूकता बढ़ाना तथा भारत के सुधारों की वकालत करना था। यह एसोसिएशन भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के शुरुआती चरणों में एक महत्वपूर्ण संस्था थी।
- गलत विकल्प: 1875 में ‘न्यूयॉर्क इंडियन लीग’ की स्थापना हुई थी। 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई। 1892 में दादाभाई नौरोजी ब्रिटिश संसद के लिए चुने गए थे।
प्रश्न 9: ‘नील दर्पण’ के लेखक कौन थे?
- बंकिम चंद्र चटर्जी
- दीनबंधु मित्र
- शरत चंद्र चट्टोपाध्याय
- रवींद्रनाथ टैगोर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘नील दर्पण’ के लेखक दीनबंधु मित्र थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक बंगाली नाटक है जो 1859-60 के नील विद्रोह के समय लिखा गया था। इसमें यूरोपीय नील बागान मालिकों द्वारा भारतीय किसानों पर किए गए अत्याचारों और शोषण का मार्मिक चित्रण किया गया है। इस नाटक ने नील विद्रोह के प्रति जनसमर्थन जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: बंकिम चंद्र चटर्जी ने ‘आनंद मठ’ लिखा। शरत चंद्र चट्टोपाध्याय ‘देवदास’ के लिए प्रसिद्ध हैं। रवींद्रनाथ टैगोर ने ‘गीतांजलि’ लिखी।
प्रश्न 10: 1857 के विद्रोह के समय भारत का वायसराय कौन था?
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1857 के विद्रोह के समय लॉर्ड कैनिंग भारत के गवर्नर-जनरल थे, और विद्रोह के बाद उन्हें भारत का पहला वायसराय बनाया गया।
- संदर्भ और विस्तार: 1857 के विद्रोह का दमन कैनिंग के कार्यकाल के दौरान हुआ। विद्रोह के बाद, ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश क्राउन को सत्ता हस्तांतरित कर दी गई, और गवर्नर-जनरल का पद वायसराय के पद में बदल दिया गया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी की ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) विद्रोह के कारणों में से एक माना जाता है, लेकिन वे विद्रोह के समय पद पर नहीं थे। लॉर्ड लिटन और लॉर्ड कर्जन बाद के वायसराय थे।
प्रश्न 11: ‘खुदाई खिदमतगार’ के संस्थापक कौन थे?
- मोहम्मद अली जिन्ना
- अल्लामा मुहम्मद इकबाल
- खान अब्दुल गफ्फार खान
- सर सैयद अहमद खान
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: खान अब्दुल गफ्फार खान, जिन्हें ‘सीमांत गांधी’ के नाम से भी जाना जाता है, ने ‘खुदाई खिदमतगार’ (ईश्वर के सेवक) आंदोलन की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत (वर्तमान पाकिस्तान का हिस्सा) में एक अहिंसक राष्ट्रवादी आंदोलन था। इसके सदस्य अपने लाल शर्ट के लिए जाने जाते थे, इसलिए उन्हें ‘लाल कुर्ती’ के नाम से भी जाना जाता था। यह आंदोलन सविनय अवज्ञा आंदोलन के साथ मिलकर कार्य करता था।
- गलत विकल्प: मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के संस्थापक थे। अल्लामा मुहम्मद इकबाल ने ‘सारे जहाँ से अच्छा’ लिखा और द्विराष्ट्र सिद्धांत का समर्थन किया। सर सैयद अहमद खान ने अलीगढ़ आंदोलन का नेतृत्व किया।
प्रश्न 12: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण क्या था?
- जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण
- ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फर्डिनेंड की हत्या
- जापान का पर्ल हार्बर पर हमला
- रूसी क्रांति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 28 जून 1914 को साराजेवो में ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड और उनकी पत्नी सोफी की हत्या थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस हत्या के बाद, ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया पर युद्ध की घोषणा की, जिससे विभिन्न देशों के बीच गठबंधन की श्रृंखला शुरू हो गई और यूरोप युद्ध की आग में झुलस गया। यह घटना यूरोप में पहले से मौजूद तनावों, जैसे राष्ट्रवाद, साम्राज्यवाद, सैन्यीकरण और गुप्त संधियों का परिणाम थी।
- गलत विकल्प: जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण द्वितीय विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण था। जापान का पर्ल हार्बर पर हमला द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुआ था। रूसी क्रांति 1917 में हुई थी और इसने रूस को प्रथम विश्व युद्ध से बाहर कर दिया।
प्रश्न 13: ‘दीवाने-बंदगान’ नामक दासों के विभाग की स्थापना किस सुल्तान ने की थी?
- इल्तुतमिश
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
- सिकंदर लोदी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: फिरोजशाह तुगलक ने ‘दीवाने-बंदगान’ नामक एक विभाग की स्थापना की थी, जो गुलामों (बंदगान) की देखरेख करता था।
- संदर्भ और विस्तार: फिरोजशाह तुगलक अपनी प्रशासनिक सुधारों के लिए जाना जाता है। उसने बड़ी संख्या में दासों को रखा और उनके लिए एक विशेष विभाग बनाया, जिसका उद्देश्य उन्हें सैन्य और प्रशासनिक कार्यों में प्रशिक्षित करना था। यह दिल्ली सल्तनत के इतिहास में पहली बार था जब दासों के लिए इतना बड़ा और संगठित विभाग स्थापित किया गया।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ का गठन किया। अलाउद्दीन खिलजी ने ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ (बकाया लगान वसूलने का विभाग) की स्थापना की। सिकंदर लोदी ने ‘भूमि मापन’ प्रणाली शुरू की।
प्रश्न 14: ‘हरिजन सेवक संघ’ की स्थापना कब हुई?
- 1920
- 1932
- 1935
- 1942
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘हरिजन सेवक संघ’ की स्थापना महात्मा गांधी ने 1932 में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह संघ हरिजन (अस्पृश्य) समुदाय के उत्थान और उनके प्रति समाज में व्याप्त छुआछूत की भावना को समाप्त करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। पूना समझौते (1932) के बाद गांधीजी ने इस दिशा में विशेष प्रयास किए।
- गलत विकल्प: 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ। 1935 में भारत सरकार अधिनियम पारित हुआ। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सी पुस्तक ‘अल-बरूनी’ ने लिखी थी?
- किताब-उल-हिंद
- तारीख-ए-फिरोजशाही
- हुमायूंनामा
- इंडिका
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: अल-बरूनी ने ‘किताब-उल-हिंद’ (जिसे ‘तहकीक-ए-हिंद’ भी कहा जाता है) नामक महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखा था।
- संदर्भ और विस्तार: अल-बरूनी, महमूद गजनवी के साथ भारत आया था और उसने भारत के समाज, धर्म, संस्कृति, भूगोल और इतिहास का गहन अध्ययन किया। उसकी यह पुस्तक 11वीं शताब्दी के भारत का एक अनमोल ऐतिहासिक स्रोत है।
- गलत विकल्प: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ जियाउद्दीन बरनी ने लिखी। ‘हुमायूंनामा’ गुलबदन बेगम ने लिखा। ‘इंडिका’ मेगस्थनीज ने लिखी थी।
प्रश्न 16: ‘अभिनव भारत’ नामक गुप्त क्रांतिकारी संगठन की स्थापना किसने की थी?
- भगत सिंह
- चंद्रशेखर आजाद
- विनायक दामोदर सावरकर
- खुदीराम बोस
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) ने 1904 में ‘अभिनव भारत’ नामक गुप्त क्रांतिकारी संगठन की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह मूल रूप से ‘मित्र मेला’ नामक संगठन का पुनर्गठित रूप था, जिसकी स्थापना सावरकर ने अपने भाई गणेश सावरकर के साथ मिलकर की थी। इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति को बढ़ावा देना था।
- गलत विकल्प: भगत सिंह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) से जुड़े थे। चंद्रशेखर आजाद भी HSRA का हिस्सा थे। खुदीराम बोस एक क्रांतिकारी थे जिन्होंने मुजफ्फरपुर बमकांड में भाग लिया था।
प्रश्न 17: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?
- लाहौर अधिवेशन (1929)
- कलकत्ता अधिवेशन (1920)
- हरिपुरा अधिवेशन (1938)
- त्रिपुरी अधिवेशन (1939)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यहीं पर यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस का मुख्य लक्ष्य पूर्ण स्वराज होगा और 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया गया। इस प्रस्ताव ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी।
- गलत विकल्प: 1920 का कलकत्ता अधिवेशन असहयोग आंदोलन के प्रस्ताव से संबंधित था। हरिपुरा और त्रिपुरी अधिवेशन सुभाष चंद्र बोस की अध्यक्षता से जुड़े थे।
प्रश्न 18: ‘आजाद हिंद फौज’ की स्थापना किसने की थी?
- मोहन सिंह
- सुभाष चंद्र बोस
- शाहनवाज खान
- राज बिहारी बोस
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘आजाद हिंद फौज’ (इंडियन नेशनल आर्मी – INA) की मूल स्थापना कैप्टन मोहन सिंह ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मलाया में ब्रिटिश सेना के भारतीय सैनिकों को इकट्ठा कर करिब 1942 में कैप्टन मोहन सिंह ने INA का गठन किया। हालांकि, बाद में सुभाष चंद्र बोस ने 1943 में सिंगापुर में इसका पुनर्गठन किया और इसे अधिक प्रभावी बनाया, इसलिए अक्सर बोस का नाम इससे जोड़ा जाता है।
- गलत विकल्प: हालांकि सुभाष चंद्र बोस ने INA का नेतृत्व किया और उसे प्रसिद्धि दिलाई, लेकिन मूल संस्थापक कैप्टन मोहन सिंह थे। शाहनवाज खान INA के महत्वपूर्ण सदस्य थे। राज बिहारी बोस ने INA के गठन की प्रारंभिक योजना में भूमिका निभाई थी।
प्रश्न 19: 1947 में भारत के विभाजन के समय ब्रिटिश भारत का वायसराय कौन था?
- लॉर्ड वेवेल
- लॉर्ड माउंटबेटन
- लॉर्ड लिनलिथगो
- सर क्लेमेंट एटली
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1947 में भारत के विभाजन और स्वतंत्रता के समय लॉर्ड माउंटबेटन भारत के अंतिम वायसराय थे।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने भारत के विभाजन की योजना (माउंटबेटन योजना) प्रस्तुत की और देश की स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया। वे भारत के पहले गवर्नर-जनरल भी बने, लेकिन उन्होंने जल्द ही यह पद चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को सौंप दिया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड वेवेल विभाजन से पहले वायसराय थे। लॉर्ड लिनलिथगो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वायसराय थे। सर क्लेमेंट एटली ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता की घोषणा की।
प्रश्न 20: ‘जॉर्ज पंचम’ की दिल्ली दरबार (1911) की क्या विशेषता थी?
- बंगाल का विभाजन रद्द हुआ
- भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित हुई
- दोनों (a) और (b)
- कोई नहीं
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1911 में दिल्ली दरबार में दो प्रमुख घोषणाएँ की गईं: बंगाल का विभाजन रद्द कर दिया गया और यह भी घोषणा की गई कि भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित कर दी जाएगी।
- संदर्भ और विस्तार: यह दरबार सम्राट जॉर्ज पंचम और महारानी मैरी के भारत आगमन के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। बंगाल विभाजन (1905) के बाद उत्पन्न हुए तीव्र राष्ट्रवाद और विरोध को देखते हुए, ब्रिटिश सरकार ने इसे रद्द करने का निर्णय लिया। साथ ही, प्रशासनिक सुविधा और उत्तरी भारत पर बेहतर नियंत्रण के उद्देश्य से राजधानी को दिल्ली स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया, जो 1911 में घोषित हुआ और 1912 में प्रभावी हुआ।
- गलत विकल्प: दोनों ही विकल्प सही हैं, इसलिए (c) सही उत्तर है।
प्रश्न 21: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ किस वर्ष हुई?
- 1776
- 1789
- 1815
- 1848
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 में शुरू हुई।
- संदर्भ और विस्तार: यह क्रांति फ्रांस में राजशाही के पतन, सामंतवाद की समाप्ति और गणतंत्र की स्थापना के लिए एक युगांतरकारी घटना थी। इसके आदर्श (स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व) ने पूरे यूरोप और दुनिया भर में राजनीतिक विचारों को गहराई से प्रभावित किया। 1789 में बास्तील का पतन क्रांति की शुरुआत का प्रतीक है।
- गलत विकल्प: 1776 अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा का वर्ष है। 1815 वाटरलू का युद्ध और नेपोलियन का पतन का वर्ष है। 1848 यूरोप में क्रांतियों का वर्ष था, जिसे ‘राष्ट्रों का वसंत’ भी कहा जाता है।
प्रश्न 22: ‘गांधी-इर्विन समझौता’ कब हुआ था?
- 1925
- 1930
- 1931
- 1935
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गांधी-इर्विन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह समझौता महात्मा गांधी और तत्कालीन भारत के वायसराय लॉर्ड इर्विन के बीच हुआ था। इस समझौते के माध्यम से कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित कर दिया, जबकि सरकार ने राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और आंदोलन से संबंधित कुछ अध्यादेशों को वापस लेने पर सहमति व्यक्त की। इस समझौते का उद्देश्य लंदन में होने वाले गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस की भागीदारी सुनिश्चित करना था।
- गलत विकल्प: 1925 में काकोरी कांड हुआ। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ और प्रथम गोलमेज सम्मेलन हुआ। 1935 भारत सरकार अधिनियम का वर्ष है।
प्रश्न 23: ‘दास कैपिटल’ (Das Kapital) का लेखक कौन है?
- कार्ल मार्क्स
- फ्रेडरिक एंजल्स
- वी.आई. लेनिन
- रोज़ा लक्ज़मबर्ग
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘दास कैपिटल’ (Das Kapital) का लेखक कार्ल मार्क्स है।
- संदर्भ और विस्तार: यह मार्क्सवादी विचारधारा का एक मौलिक ग्रंथ है, जो पूंजीवाद के विश्लेषण, उसके आंतरिक विरोधाभासों और सर्वहारा वर्ग के शोषण का विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत करता है। इसके प्रकाशन ने समाजवादी और साम्यवादी आंदोलनों को गहन वैचारिक आधार प्रदान किया।
- गलत विकल्प: फ्रेडरिक एंजल्स कार्ल मार्क्स के घनिष्ठ सहयोगी थे और उन्होंने ‘दास कैपिटल’ के कुछ खंडों को पूरा करने में मदद की, लेकिन मुख्य लेखक मार्क्स हैं। लेनिन और रोज़ा लक्ज़मबर्ग मार्क्सवादी सिद्धांतकार थे जिन्होंने मार्क्स के विचारों को आगे बढ़ाया।
प्रश्न 24: ‘कुषाण वंश’ के सबसे प्रसिद्ध राजा कौन थे?
- कनिष्क
- विम कडफिसेस
- कनिष्क द्वितीय
- हिविष्क
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 25: ‘वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट’ कब पारित हुआ?
- 1875
- 1878
- 1882
- 1885
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट 1878 में पारित हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह कानून लॉर्ड लिटन के कार्यकाल के दौरान पारित किया गया था। इसका उद्देश्य भारतीय भाषाओं के प्रेस पर सेंसरशिप लगाना और सरकार की आलोचना को दबाना था। इस अधिनियम ने मजिस्ट्रेटों को बिना किसी अपील के समाचार पत्रों को जब्त करने का अधिकार दिया। इसने विशेष रूप से भारतीय भाषा के समाचार पत्रों को निशाना बनाया, जबकि अंग्रेजी समाचार पत्रों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा, जिससे इसे ‘गैगिंग एक्ट’ भी कहा गया। 1882 में लॉर्ड रिपन ने इसे रद्द कर दिया था।
- गलत विकल्प: 1875 में आर्य समाज की स्थापना हुई। 1882 में लॉर्ड रिपन ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट को रद्द किया। 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई।