ज्ञान की कसौटी: 25 प्रश्न, इतिहास का संपूर्ण सफ़र!
इतिहास के गलियारों में एक रोमांचक यात्रा के लिए तैयार हो जाइए! आज हम आपको प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक युग के महत्वपूर्ण मोड़ों तक ले जाएंगे। अपने ज्ञान को परखें और जानें कि आप अतीत के कितने बड़े ज्ञाता हैं। पेन और पेपर तैयार रखिए, क्योंकि यह परीक्षा आपके इतिहास प्रेम की असली कसौटी है!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: हड़प्पा सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु का बाग’ (Garden of Sindh) कहलाता था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: मोहनजोदड़ो को ‘सिंधु का बाग’ या ‘मृतकों का टीला’ (Mound of the Dead) भी कहा जाता था। यह सिंधु नदी के तट पर स्थित एक प्रमुख हड़प्पा स्थल था।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ सिंधी भाषा में ‘मृतकों का टीला’ है, अपनी उन्नत शहरी नियोजन, ग्रेट बाथ, कांस्य की नर्तकी की मूर्ति और टेराकोटा की मुहरों के लिए प्रसिद्ध है। यह उस काल की सबसे बड़ी बस्तियों में से एक थी।
- गलत विकल्प: हड़प्पा पहला खोजा गया हड़प्पा स्थल था। लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था, जबकि कालीबंगा अग्निकुंडों और चूड़ियों के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस जैन तीर्थंकर को ‘नारायण’ के रूप में भी पूजा जाता था?
- ऋषभनाथ
- पार्श्वनाथ
- नेमिनाथ
- महावीर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 22वें जैन तीर्थंकर, नेमिनाथ, जिन्हें अरिष्टनेमि भी कहा जाता है, भगवान कृष्ण के चचेरे भाई माने जाते हैं और इसलिए उन्हें ‘नारायण’ के रूप में भी पूजा जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: नेमिनाथ जैन धर्म के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं, जिनका संबंध महाभारत काल से जोड़ा जाता है। उन्हें जैन परंपरा में अक्सर विष्णु के अवतारों से जोड़ा जाता है।
- गलत विकल्प: ऋषभनाथ (आदिनाथ) पहले तीर्थंकर थे, पार्श्वनाथ 23वें थे और महावीर 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे। इन्हें विशेष रूप से नारायण से नहीं जोड़ा जाता है।
प्रश्न 3: ‘अष्टप्रधान’ का गठन किस मराठा शासक ने किया था?
- शिवाजी महाराज
- साहू महाराज
- बाजीराव प्रथम
- पेशवा बालाजी विश्वनाथ
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: शिवाजी महाराज ने अपनी प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए आठ मंत्रियों की एक परिषद का गठन किया था, जिसे ‘अष्टप्रधान’ कहा जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान में पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्तमंत्री), सचिव (गृहसचिव), सुमंत (विदेशमंत्री), पंडितराव (धर्माध्यक्ष), सेनापति (सेना प्रमुख), वाकयानवीस (संचार मंत्री) और न्यायाधीश (न्यायमंत्री) शामिल थे। यह एक कुशल केंद्रीकृत प्रशासन का प्रतीक था।
- गलत विकल्प: साहू महाराज और बाजीराव प्रथम के समय मराठा प्रशासन में महत्वपूर्ण बदलाव हुए, लेकिन अष्टप्रधान का मूल ढांचा शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित किया गया था। पेशवा बालाजी विश्वनाथ ने पेशवा पद की शक्ति बढ़ाई।
प्रश्न 4: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ‘ब्लिट्जक्रेग’ (Blitzkrieg) शब्द का क्या अर्थ था?
- तेज और निर्णायक हवाई हमले
- सामरिक हवाई बमबारी
- बिजली की गति से आगे बढ़ने वाली समन्वित सैन्य कार्रवाई
- दुश्मन की आपूर्ति लाइनों को काटना
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘ब्लिट्जक्रेग’ (Blitzkrieg) जर्मन शब्द है जिसका अर्थ है ‘बिजली का युद्ध’। यह प्रथम विश्व युद्ध के दौरान विकसित एक सैन्य सिद्धांत था, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी ने प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया। इसका मतलब था दुश्मन को जल्दी और निर्णायक रूप से हराने के लिए टैंक, तोपखाने और वायु सेना का त्वरित, समन्वित हमला।
- संदर्भ और विस्तार: इस रणनीति का उद्देश्य दुश्मन की रक्षा को तोड़ना और देश के भीतर तक तेजी से घुसपैठ करना था, जिससे दुश्मन की सेनाएं बिखर जाएं और उनका मनोबल टूट जाए।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प युद्ध की विभिन्न रणनीतियों का वर्णन करते हैं, लेकिन ‘ब्लिट्जक्रेग’ का मूल अर्थ बिजली की गति से समन्वित हमला है।
प्रश्न 5: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कौन सा अधिवेशन ‘पूर्ण स्वराज्य’ के प्रस्ताव के लिए जाना जाता है?
- 1929 का लाहौर अधिवेशन
- 1931 कराची अधिवेशन
- 1937 फैजपुर अधिवेशन
- 1946 मेरठ अधिवेशन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1929 में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ लाहौर अधिवेशन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इतिहास में एक युगांतरकारी घटना थी, जिसने ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का लक्ष्य घोषित किया।
- संदर्भ और विस्तार: इसी अधिवेशन में 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ मनाने का निर्णय लिया गया था, और भारतीय लोगों से आग्रह किया गया था कि वे स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाएं। इस अधिवेशन ने स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी।
- गलत विकल्प: कराची अधिवेशन (1931) मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीतियों पर केंद्रित था। फैजपुर अधिवेशन (1937) ग्रामीण भारत में आयोजित पहला कांग्रेस अधिवेशन था। मेरठ अधिवेशन (1946) स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व अंतिम अधिवेशन था।
प्रश्न 6: चंद्रगुप्त मौर्य ने किस यूनानी शासक को पराजित किया था?
- सिकंदर महान
- डेमेट्रियस
- सेल्यूकस निकेटर
- टॉलेमी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: चंद्रगुप्त मौर्य ने सेल्यूकस निकेटर को पराजित किया था, जो सिकंदर महान के सेनापतियों में से एक था और सिकंदर की मृत्यु के बाद उसके साम्राज्य का पूर्वी भाग का शासक बना था।
- संदर्भ और विस्तार: 305 ईसा पूर्व में हुए इस युद्ध के बाद, चंद्रगुप्त मौर्य और सेल्यूकस के बीच एक संधि हुई, जिसके तहत सेल्यूकस ने चंद्रगुप्त को एरियोस (वर्तमान हेरात), अराकोसिया (कंधार), पैरोपनिसैडे (अफगानिस्तान का पहाड़ी भाग) और पैम्फिलीस (बलूचिस्तान) के प्रांत सौंप दिए। इसके बदले में चंद्रगुप्त ने सेल्यूकस को 500 हाथी दिए। मेगस्थनीज इसी संधि के तहत चंद्रगुप्त के दरबार में आया था।
- गलत विकल्प: सिकंदर महान (326 ईसा पूर्व) से चंद्रगुप्त का सीधा संघर्ष नहीं हुआ था, हालांकि सिकंदर के भारत से लौटने के बाद मगध में मौर्य राजवंश का उदय हुआ। डेमेट्रियस और टॉलेमी अन्य यूनानी शासक थे, जिनका मौर्य साम्राज्य से सीधा टकराव नहीं हुआ।
प्रश्न 7: ‘इक्तादारी’ प्रणाली की शुरुआत किस दिल्ली सल्तनत के शासक ने की थी?
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: इक्तादारी प्रणाली की औपचारिक शुरुआत दिल्ली सल्तनत में इल्तुतमिश द्वारा की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इल्तुतमिश ने अपने साम्राज्य को प्रशासनिक और सैन्य इकाइयों में विभाजित किया, जिन्हें ‘इक्ता’ कहा जाता था। इन इक्ताओं के प्रशासकों को ‘इक्तादार’ या ‘मुक्ति’ कहा जाता था, जो इक्ता से प्राप्त राजस्व से अपनी सेना का रखरखाव करते थे और सुल्तान को सेवा प्रदान करते थे। इस प्रणाली ने साम्राज्य के विस्तार और सुदृढ़ीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक संस्थापक थे लेकिन उन्होंने यह प्रणाली औपचारिक रूप से लागू नहीं की। बलबन ने ‘इक्ता’ को वंशानुगत बनाने की प्रवृत्ति को रोकने का प्रयास किया। अलाउद्दीन खिलजी ने राजस्व सुधारों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया।
प्रश्न 8: ‘दीन-ए-इलाही’ की स्थापना किस मुगल सम्राट ने की थी?
- हुमायूँ
- अकबर
- जहांगीर
- शाहजहाँ
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) की स्थापना मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक संश्लेषणात्मक धर्म था जिसमें हिंदू, इस्लाम, ईसाई, पारसी और अन्य धर्मों के तत्वों को शामिल करने का प्रयास किया गया था। इसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता और साम्राज्य के विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच सद्भाव स्थापित करना था, हालांकि यह व्यापक रूप से स्वीकार्य नहीं हो पाया। टोडरमल जैसे कुछ दरबारी ही इसके अनुयायी बने।
- गलत विकल्प: हुमायूँ, जहांगीर और शाहजहाँ की धार्मिक नीतियाँ भिन्न थीं और उन्होंने इस पंथ को आगे नहीं बढ़ाया।
प्रश्न 9: वास्को-डी-गामा भारत कब आया था?
- 1492
- 1498
- 1502
- 1510
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: पुर्तगाली यात्री वास्को-डी-गामा 1498 में भारत के कालीकट (वर्तमान कोझिकोड) बंदरगाह पर उतरा था।
- संदर्भ और विस्तार: वास्को-डी-गामा ने यूरोप से भारत के लिए समुद्री मार्ग की खोज की थी। उसकी यात्रा का उद्देश्य मसालों के व्यापार पर एकाधिकार स्थापित करना था। उसके आगमन ने भारत और यूरोप के बीच सीधे समुद्री व्यापार की शुरुआत की, जिसने आगे चलकर यूरोपीय उपनिवेशवाद का मार्ग प्रशस्त किया।
- गलत विकल्प: 1492 में क्रिस्टोफर कोलंबस अमेरिका पहुंचा था। 1502 में वास्को-डी-गामा अपनी दूसरी यात्रा पर आया था, और 1510 में अल्बुकर्क ने गोवा पर कब्जा किया था।
प्रश्न 10: ‘अमरनायक’ प्रणाली किस साम्राज्य से संबंधित थी?
- मौर्य साम्राज्य
- गुप्त साम्राज्य
- विजयनगर साम्राज्य
- मुगल साम्राज्य
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘अमरनायक’ प्रणाली विजयनगर साम्राज्य की एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक और सैन्य व्यवस्था थी।
- संदर्भ और विस्तार: अमरनायक विजयनगर साम्राज्य के सैन्य कमांडर होते थे, जिन्हें राजा द्वारा क्षेत्र दिए जाते थे। वे उस क्षेत्र से कर एकत्र करते थे, अपने सैनिकों और घोड़ों का रखरखाव करते थे, और मंदिर निर्माण जैसे सार्वजनिक कार्यों के लिए धन का उपयोग करते थे। यह प्रणाली सामंती व्यवस्था का एक रूप थी और विजयनगर के सैन्य विस्तार और सुदृढ़ीकरण में महत्वपूर्ण थी।
- गलत विकल्प: मौर्य, गुप्त और मुगल साम्राज्यों में अपनी अलग प्रशासनिक और सैन्य व्यवस्थाएं थीं, जो अमरनायक प्रणाली से भिन्न थीं।
प्रश्न 11: ‘पाणीपत का प्रथम युद्ध’ किनके बीच लड़ा गया था?
- अकबर और हेमू
- बाबर और इब्राहिम लोदी
- हुमायूँ और शेरशाह सूरी
- अकबर और राणा सांगा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: पानीपत का प्रथम युद्ध 1526 ईस्वी में बाबर (मुगल साम्राज्य के संस्थापक) और इब्राहिम लोदी (दिल्ली सल्तनत के अंतिम सुल्तान) के बीच लड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में बाबर की विजय हुई और भारत में मुगल साम्राज्य की नींव पड़ी। बाबर ने इस युद्ध में तोपखाने और ‘तुलगमा’ युद्ध नीति का प्रभावी ढंग से उपयोग किया, जो भारतीय युद्धों में एक नई बात थी।
- गलत विकल्प: पानीपत का द्वितीय युद्ध (1556) अकबर और हेमू के बीच हुआ था। हुमायूँ और शेरशाह सूरी के बीच चौसा और बिलग्राम के युद्ध हुए थे। अकबर और राणा सांगा के बीच खानवा का युद्ध (1527) हुआ था।
प्रश्न 12: ‘संथाल विद्रोह’ का नेतृत्व निम्नलिखित में से किसने किया था?
- बिरसा मुंडा
- तिलक माझी
- सिद्दू और कान्हू
- रघुनाथ महतो
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1855-56 के संथाल विद्रोह का नेतृत्व सिद्धू मुर्मू और कान्हू मुर्मू नामक दो भाइयों ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह विद्रोह बिहार और बंगाल के संथाल परगना क्षेत्र में ब्रिटिश शासन, साहूकारों और जमींदारों के अत्याचारों के विरुद्ध हुआ था। संथाल समुदाय ने ब्रिटिश अधिकारियों और उनके सहयोगियों पर जोरदार हमला किया। यद्यपि यह विद्रोह बुरी तरह कुचल दिया गया, लेकिन इसने ब्रिटिश सरकार को भविष्य में आदिवासी समुदायों के प्रति नीतियों पर पुनर्विचार करने पर मजबूर किया।
- गलत विकल्प: बिरसा मुंडा ने 19वीं शताब्दी के अंत में मुंडा विद्रोह का नेतृत्व किया। तिलक माझी ने 18वीं शताब्दी में पहाड़िया विद्रोह का नेतृत्व किया था। रघुनाथ महतो भी एक आदिवासी नेता थे जिन्होंने चुआड़ विद्रोह में भूमिका निभाई।
प्रश्न 13: ‘भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत’ किसे कहा जाता है?
- स्वामी विवेकानंद
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- राजा राममोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: राजा राममोहन राय को ‘भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत’ और ‘आधुनिक भारत का पिता’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: राजा राममोहन राय ने 19वीं शताब्दी में सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक सुधारों के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने ब्रह्म समाज की स्थापना की, सती प्रथा के उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बाल विवाह का विरोध किया और आधुनिक शिक्षा का समर्थन किया। उनके विचारों ने भारतीय समाज में नई चेतना का संचार किया।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की और भारत की आध्यात्मिक श्रेष्ठता का प्रचार किया। स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की और ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा दिया। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह और स्त्री शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया।
प्रश्न 14: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1928
- 1929
- 1930
- 1931
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह समझौता वायसराय लॉर्ड इरविन और महात्मा गांधी के बीच सविनय अवज्ञा आंदोलन को समाप्त करने और कांग्रेस को दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए राजी करने के उद्देश्य से हुआ था। इस समझौते के तहत, सरकार ने राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और जब्त की गई संपत्तियों को वापस करने पर सहमति व्यक्त की, जबकि कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को निलंबित कर दिया।
- गलत विकल्प: 1928 में साइमन कमीशन का बहिष्कार हुआ। 1929 में कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित किया। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ और पहला गोलमेज सम्मेलन हुआ।
प्रश्न 15: ‘अकाल तख्त’ की स्थापना किस सिख गुरु ने की थी?
- गुरु नानक देव
- गुरु हरगोबिंद
- गुरु तेग बहादुर
- गुरु गोविंद सिंह
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘अकाल तख्त’ (ईश्वर का सिंहासन) की स्थापना छठे सिख गुरु, गुरु हरगोबिंद साहिब ने 1606 ईस्वी में अमृतसर में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: गुरु हरगोबिंद ने सिख धर्म में आध्यात्मिक और सैन्य दोनों परंपराओं को स्थापित किया। उन्होंने सिखों को मिरी (धार्मिक अधिकार) और पीरी (सांसारिक अधिकार) दोनों के महत्व को सिखाया। अकाल तख्त सिख समुदाय के लिए सर्वोच्च आध्यात्मिक और न्यायिक प्राधिकरण का केंद्र बना।
- गलत विकल्प: गुरु नानक देव संस्थापक थे। गुरु तेग बहादुर ने 1675 में शहादत दी। गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की और सिख धर्म को अंतिम रूप दिया।
प्रश्न 16: ‘प्लासी का युद्ध’ कब हुआ था?
- 1757
- 1764
- 1772
- 1789
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: प्लासी का युद्ध 23 जून 1757 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना (रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में) और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच लड़ा गया था। नवाब के सेनापति मीर जाफर के विश्वासघात के कारण यह युद्ध ब्रिटिश कंपनी के लिए निर्णायक जीत में समाप्त हुआ। इस युद्ध ने भारत में ब्रिटिश राजनीतिक प्रभुत्व की शुरुआत को चिह्नित किया।
- गलत विकल्प: 1764 में बक्सर का युद्ध हुआ, जिसने ब्रिटिशों की स्थिति को और मजबूत किया। 1772 में रेगुलेटिंग एक्ट आया। 1789 में फ्रांसीसी क्रांति हुई।
प्रश्न 17: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना किसने की थी?
- लाला हरदयाल
- बाल गंगाधर तिलक
- भगत सिंह
- सुभाष चंद्र बोस
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना 1913 में लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य भारतीय देशभक्तों द्वारा अमेरिका में की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस पार्टी का उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता के लिए क्रांतिकारी गतिविधियों को संगठित करना था। इसका मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को में था और इसने ‘गदर’ नामक एक पत्रिका भी प्रकाशित की, जो भारतीय सैनिकों और प्रवासियों के बीच स्वतंत्रता की भावना को फैलाने में सहायक हुई।
- गलत विकल्प: बाल गंगाधर तिलक और भगत सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अन्य प्रमुख नेता थे, लेकिन गदर पार्टी की स्थापना से सीधे तौर पर जुड़े नहीं थे। सुभाष चंद्र बोस बाद में आजाद हिंद फौज के संस्थापक बने।
प्रश्न 18: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ के पहले मुस्लिम अध्यक्ष कौन थे?
- सैयद अहमद खान
- बदरुद्दीन तैयबजी
- रहमतुल्लाह सयानी
- अबुल कलाम आज़ाद
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले मुस्लिम अध्यक्ष बदरुद्दीन तैयबजी थे, जिन्होंने 1887 में मद्रास अधिवेशन की अध्यक्षता की थी।
- संदर्भ और विस्तार: तैयबजी एक प्रमुख वकील और सामाजिक सुधारक थे। उनकी अध्यक्षता ने कांग्रेस के सांप्रदायिक सद्भाव के विचार को मजबूत किया और यह दर्शाया कि कांग्रेस सभी भारतीयों का प्रतिनिधित्व करती है।
- गलत विकल्प: सैयद अहमद खान ने कांग्रेस की स्थापना के समय उसका विरोध किया था। रहमतुल्लाह सयानी 1896 में कलकत्ता अधिवेशन के अध्यक्ष थे। अबुल कलाम आजाद कांग्रेस के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले अध्यक्ष थे।
प्रश्न 19: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ कब शुरू हुआ?
- 1940
- 1941
- 1942
- 1943
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ 8 अगस्त 1942 को शुरू हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए इस आंदोलन का नारा ‘करो या मरो’ था। इसका मुख्य उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत से तुरंत ब्रिटिश शासन की समाप्ति की मांग करना था। इस आंदोलन के दौरान गांधीजी सहित लगभग सभी प्रमुख कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।
- गलत विकल्प: 1940 में ‘व्यक्तिगत सत्याग्रह’ शुरू हुआ था। 1941 में गांधीजी ने डांडी मार्च स्थगित कर दिया था। 1942 में ही क्रिप्स मिशन भारत आया था।
प्रश्न 20: ‘पंचशील समझौता’ भारत और किस देश के बीच हुआ था?
- पाकिस्तान
- श्रीलंका
- चीन
- नेपाल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: पंचशील समझौता 29 अप्रैल 1954 को भारत और चीन के बीच हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस समझौते पर भारत की ओर से प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और चीन की ओर से प्रधानमंत्री चाऊ एन-लाई ने हस्ताक्षर किए थे। यह पाँच सिद्धांतों पर आधारित था, जो दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की रूपरेखा प्रदान करते थे। इन सिद्धांतों में एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान, एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना, समानता और आपसी लाभ, और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व शामिल थे।
- गलत विकल्प: अन्य पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंध हैं, लेकिन पंचशील समझौता विशेष रूप से चीन के साथ था।
प्रश्न 21: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ का मुख्य नारा क्या था?
- एक राष्ट्र, एक राजा, एक विश्वास
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- नाज़ीवाद अमर रहे
- समानता, बंधुत्व, राष्ट्रवाद
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का मुख्य नारा ‘Liberté, égalité, fraternité’ था, जिसका अनुवाद ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ होता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा क्रांति के आदर्शों का प्रतीक था और आज भी फ्रांसीसी गणराज्य का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है। इसने फ्रांसीसी समाज को पुरानी सामंती व्यवस्था से मुक्त कर आधुनिक नागरिक समाज की ओर अग्रसर किया।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प विभिन्न ऐतिहासिक आंदोलनों या विचारधाराओं से संबंधित हैं। ‘एक राष्ट्र, एक राजा, एक विश्वास’ निरंकुश राजशाही से जुड़ा है। ‘नाज़ीवाद अमर रहे’ नाजी जर्मनी से जुड़ा है।
प्रश्न 22: ‘अग्नि पूजा’ का विधान किस प्राचीन सभ्यता में मिलता है?
- मेसोपोटामिया
- मिस्र
- फ़ारस (ईरान)
- सिंधु घाटी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: अग्नि पूजा का विधान प्राचीन फ़ारसी (ईरानी) धर्म, विशेषकर ज़ोरोस्ट्रियन धर्म (पारसी धर्म) में एक केंद्रीय तत्व है।
- संदर्भ और विस्तार: ज़ोरोस्ट्रियन धर्म में अग्नि को पवित्रता, प्रकाश और ईश्वर का प्रतीक माना जाता है। पारसी मंदिरों (अग्निशिखाओं) में पवित्र अग्नि को निरंतर जलाए रखा जाता है और उसकी पूजा की जाती है। यह फ़ारसी संस्कृति और आध्यात्मिकता का एक अभिन्न अंग है।
- गलत विकल्प: मेसोपोटामिया, मिस्र और सिंधु घाटी सभ्यताओं में भी धार्मिक अनुष्ठान थे, लेकिन अग्नि पूजा उस तरह से केंद्रीय नहीं थी जैसे फ़ारसी धर्म में है। सिंधु घाटी में अग्निकुंड मिले हैं, जो बलि प्रथा के संकेत देते हैं, लेकिन यह फ़ारसी अग्नि पूजा से भिन्न है।
प्रश्न 23: ‘कुतुबुद्दीन ऐबक’ ने ______ की नींव रखी?
- मुगल साम्राज्य
- दिल्ली सल्तनत
- शेरशाह सूरी साम्राज्य
- आर्य समाज
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1206 ईस्वी में ‘दिल्ली सल्तनत’ की नींव रखी।
- संदर्भ और विस्तार: कुतुबुद्दीन ऐबक, जो मोहम्मद गोरी का एक गुलाम और सेनापति था, गोरी की मृत्यु के बाद दिल्ली का स्वतंत्र शासक बना और गुलाम वंश (दास वंश) की स्थापना की। उसने कुतुब मीनार का निर्माण शुरू करवाया। उसकी राजधानी लाहौर थी, लेकिन बाद में इल्तुतमिश ने राजधानी दिल्ली स्थानांतरित की।
- गलत विकल्प: मुगल साम्राज्य की नींव बाबर ने रखी। शेरशाह सूरी ने सूरी साम्राज्य की स्थापना की। आर्य समाज की स्थापना स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी।
प्रश्न 24: ‘भारतीय संविधान’ का जनक किसे कहा जाता है?
- जवाहरलाल नेहरू
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- डॉ. बी. आर. अंबेडकर
- महात्मा गांधी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: डॉ. भीमराव अंबेडकर को ‘भारतीय संविधान का जनक’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: डॉ. बी. आर. अंबेडकर भारतीय संविधान की मसौदा समिति के अध्यक्ष थे और उन्होंने भारत के संविधान के निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाई। वे एक महान विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री और समाज सुधारक थे। उनका योगदान संविधान के निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
- गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे और उन्होंने महत्वपूर्ण नीतियां बनाईं। सरदार वल्लभभाई पटेल ने रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। महात्मा गांधी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे, लेकिन संविधान निर्माण में उनकी प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी।
प्रश्न 25: ‘प्रथम गोलमेज सम्मेलन’ का आयोजन किस वर्ष हुआ था?
- 1928
- 1929
- 1930
- 1931
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: प्रथम गोलमेज सम्मेलन का आयोजन 1930-31 में लंदन में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह सम्मेलन भारत में संवैधानिक सुधारों पर चर्चा के लिए आयोजित किया गया था। इसमें ब्रिटिश सरकार, ब्रिटिश भारत और भारतीय राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कांग्रेस ने इस सम्मेलन का बहिष्कार किया क्योंकि सविनय अवज्ञा आंदोलन चल रहा था और उनके प्रमुख नेता जेल में थे।
- गलत विकल्प: 1928 में साइमन कमीशन भारत आया था। 1929 में कांग्रेस ने लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित किया। 1931 में गांधी-इरविन समझौता हुआ और दूसरा गोलमेज सम्मेलन आयोजित हुआ।