ज्ञान की कसौटी: 25 ऐतिहासिक प्रश्न
आइए, इतिहास के गलियारों में एक ज्ञानवर्धक यात्रा पर चलें! आज का यह विशेष अभ्यास सत्र आपको प्राचीन काल से लेकर आधुनिक युग तक के महत्वपूर्ण पड़ावों पर ले जाएगा। अपनी समझ को परखें और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए अपनी तैयारी को धार दें। क्या आप इतिहास के इस रोमांचक सफर के लिए तैयार हैं?
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु का बाग’ (Garden of Sindh) कहलाता था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था और इसे ‘सिंधु का बाग’ या ‘सिंधु का खजाना’ भी कहा जाता था। यह अपनी सुनियोजित शहरी व्यवस्था, विशाल स्नानागार और कांस्य मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो की खोज 1922 में राखल दास बनर्जी ने की थी। यह वर्तमान में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है। इस स्थल पर मिली ‘नृत्य मुद्रा में लड़की’ की कांस्य प्रतिमा कला का एक उत्कृष्ट नमूना है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा पहला सिंधु स्थल था जिसे खोजा गया था। लोथल एक बंदरगाह शहर था जहाँ से व्यापार होता था, और कालीबंगा अपने ‘अग्नि वेदिकाओं’ के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस वेद में जादू-टोनों और मंत्रों का वर्णन है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: अथर्ववेद, वेदों में सबसे नया माना जाता है, जिसमें रोग निवारण, जादू-टोने, वशीकरण, श्राप, और दैनिक जीवन से जुड़े विभिन्न कर्मकांडों और मंत्रों का वर्णन मिलता है।
- संदर्भ और विस्तार: अथर्ववेद को अथर्व ऋषि द्वारा रचित माना जाता है। यह अन्य तीन वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद) से भिन्न है, जिनमें मुख्य रूप से यज्ञों, स्तुतियों और दार्शनिक विचारों पर जोर दिया गया है।
- गलत विकल्प: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है और इसमें देवताओं की स्तुतियों का वर्णन है। यजुर्वेद में यज्ञों के मंत्र और विधियाँ हैं, जबकि सामवेद में यज्ञों के समय गाए जाने वाले मंत्रों का संग्रह है।
प्रश्न 3: अशोक के शिलालेखों में प्रयुक्त भाषा कौन सी थी?
- संस्कृत
- पालि
- प्राकृत
- ब्राह्मी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: अशोक के अधिकांश शिलालेखों में प्राकृत भाषा का प्रयोग किया गया है, जो उस समय आम लोगों की भाषा थी। इसके अतिरिक्त, कुछ शिलालेखों में खरोष्ठी और यूनानी (ग्रीक) लिपियों का भी प्रयोग हुआ है।
- संदर्भ और विस्तार: प्राकृत भाषा आम लोगों की बोलचाल की भाषा थी, जबकि संस्कृत साहित्यिक और पुरोहित वर्ग की भाषा थी। अशोक ने अपनी प्रजा तक अपने संदेश को पहुंचाने के लिए प्राकृत का प्रयोग किया। ब्राह्मी लिपि अशोक के शिलालेखों में सर्वाधिक प्रयुक्त लिपि थी, न कि भाषा।
- गलत विकल्प: संस्कृत उस काल की साहित्यिक भाषा थी, न कि शिलालेखों की मुख्य भाषा। पालि भाषा बौद्ध धर्म से जुड़ी थी, लेकिन अशोक के प्रमुख शिलालेखों में प्राकृत ही प्रमुखता से मिलती है।
प्रश्न 4: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि उन्हें उनके सैन्य अभियानों, विजयों और विशाल साम्राज्य के विस्तार के कारण प्रदान की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) में उनके दिग्विजयों का विस्तृत वर्णन मिलता है, जिसमें कहा गया है कि उन्होंने उत्तर भारत के कई राज्यों को जीता और दक्षिण में भी अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) का शासनकाल गुप्त साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया।
प्रश्न 5: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्णदेव राय
- हरिहर और बुक्का
- देवराय द्वितीय
- राम राय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने 1336 ईस्वी में की थी। वे वारंगल के काकतीय शासक प्रताप रुद्र देव के सामंत थे।
- संदर्भ और विस्तार: इन भाइयों ने तुंगभद्रा नदी के किनारे एक शक्तिशाली साम्राज्य की नींव रखी, जिसका उद्देश्य उत्तर भारत से आने वाले मुस्लिम आक्रमणकारियों का मुकाबला करना था। हरिहर प्रथम इस साम्राज्य का पहला शासक बना।
- गलत विकल्प: कृष्णदेव राय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, जिन्होंने साम्राज्य को उसके शिखर पर पहुंचाया। देवराय द्वितीय और राम राय भी इस साम्राज्य के महत्वपूर्ण शासक थे।
प्रश्न 6: दिल्ली सल्तनत का कौन सा सुल्तान ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ के लिए जाना जाता है?
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- इल्तुतमिश
- अलाउद्दीन खिलजी
- मुहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: अलाउद्दीन खिलजी (1296-1316 ईस्वी) ने अपने शासनकाल में कठोर ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ लागू की थी। इसका मुख्य उद्देश्य अपनी विशाल सेना के लिए वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना और कीमतों को स्थिर रखना था।
- संदर्भ और विस्तार: उसने मूल्य नियंत्रक (शहना-ए- मंडी), गुप्तचर (बरीद) और अन्य अधिकारियों की नियुक्ति की, जो बाजार की निगरानी करते थे। उसने अनाज, कपड़े, और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें तय कर दी थीं।
- गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक दिल्ली सल्तनत का संस्थापक था। इल्तुतमिश ने कुतुब मीनार का निर्माण पूरा करवाया। मुहम्मद बिन तुगलक अपनी सांकेतिक मुद्रा और राजधानी परिवर्तन जैसी प्रयोगधर्मी नीतियों के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 7: ‘तुगलकनामा’ के रचनाकार कौन हैं?
- अमीर खुसरो
- ज़ियाउद्दीन बरनी
- मिन्हाज-उस-सिराज
- ईश्वरी प्रसाद
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘तुगलकनामा’ की रचना मध्यकालीन भारत के महान कवि, इतिहासकार और संगीतज्ञ अमीर खुसरो ने की थी। यह गाजी मलिक (गयासुद्दीन तुगलक) के तुगलक वंश की स्थापना के बारे में बताता है।
- संदर्भ और विस्तार: अमीर खुसरो ने ग्यासुद्दीन तुगलक के सत्ता में आने की घटना का वर्णन अपने इस ग्रंथ में किया है। वह सात सुल्तानों के शासनकाल का साक्षी रहा और उसने फारसी, अरबी, हिंदी और अन्य भाषाओं में विपुल साहित्य रचा।
- गलत विकल्प: जियाउद्दीन बरनी ने ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ और ‘फतुहा-ए-जहाँदारी’ जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखे। मिन्हाज-उस-सिराज ने ‘तबकात-ए-नासिरी’ लिखी। ईश्वरी प्रसाद एक आधुनिक इतिहासकार हैं।
प्रश्न 8: पानीपत का द्वितीय युद्ध कब हुआ था?
- 1526 ईस्वी
- 1556 ईस्वी
- 1565 ईस्वी
- 1761 ईस्वी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: पानीपत का द्वितीय युद्ध 5 नवंबर 1556 ईस्वी को मुग़ल बादशाह अकबर और अफगान शासक हेमू (हेमचंद्र विक्रमादित्य) के बीच हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में अकबर के संरक्षक बैरम खान की सेना ने हेमू को निर्णायक रूप से हराया, जिससे मुगल शासन की भारत में पुनः स्थापना हुई। हेमू दिल्ली पर विजय प्राप्त करके अपना राज्याभिषेक करने वाला था।
- गलत विकल्प: 1526 ईस्वी में पानीपत का प्रथम युद्ध हुआ था, जिसमें बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराया था। 1565 ईस्वी में तालीकोटा का युद्ध हुआ था। 1761 ईस्वी में पानीपत का तृतीय युद्ध हुआ था, जिसमें अहमद शाह अब्दाली ने मराठों को हराया था।
प्रश्न 9: ‘अष्टप्रधान’ नामक मंत्रिपरिषद का गठन किस मराठा शासक ने किया था?
- शिवाजी महाराज
- संभाजी
- बाजीराव प्रथम
- माधवराव
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: शिवाजी महाराज ने अपने प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए ‘अष्टप्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की एक परिषद का गठन किया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस परिषद में पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (राजकीय पत्र व्यवहार), सुमंत (विदेश मंत्री), सेनापति (सेना प्रमुख), पंडितराव (धर्माध्यक्ष), वाकयानवीस (गुप्तचर प्रमुख) और न्यायाधीश (न्याय प्रमुख) जैसे पद शामिल थे। यह व्यवस्था छत्रपति को सलाह देने के लिए थी।
- गलत विकल्प: संभाजी शिवाजी के पुत्र और उत्तराधिकारी थे। बाजीराव प्रथम एक कुशल योद्धा और पेशवा थे, जिन्होंने मराठा साम्राज्य का विस्तार किया। माधवराव एक सक्षम पेशवा थे जिन्होंने मराठा शक्ति को पुनर्जीवित किया।
प्रश्न 10: 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण क्या था?
- डलहौजी की हड़प नीति
- सती प्रथा का अंत
- चर्बी वाले कारतूस
- ईसाई मिशनरियों का प्रभाव
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1857 के विद्रोह का सबसे तात्कालिक कारण नई एनफील्ड राइफलों में प्रयुक्त होने वाले चर्बी वाले कारतूसों का प्रचलन था। ऐसी अफवाहें थीं कि इन कारतूसों में गाय और सुअर की चर्बी का इस्तेमाल किया गया है, जो हिंदू और मुसलमानों दोनों की धार्मिक भावनाओं को आहत करता था।
- संदर्भ और विस्तार: मंगल पांडे ने बैरकपुर में इन कारतूसों का प्रयोग करने से इंकार कर दिया और अपने अधिकारियों पर हमला कर दिया, जिसने विद्रोह की चिंगारी जलाई। हालाँकि, इस विद्रोह के पीछे डलहौजी की हड़प नीति, भारतीय सैनिकों के साथ भेदभाव, और सामाजिक-धार्मिक असंतोष जैसे कई दीर्घकालिक कारण भी थे।
- गलत विकल्प: डलहौजी की हड़प नीति विद्रोह के कारणों में से एक थी, लेकिन तात्कालिक नहीं। सती प्रथा का अंत और ईसाई मिशनरियों का प्रभाव भी असंतोष के कारण थे, लेकिन चर्बी वाले कारतूस सीधे विद्रोह का ट्रिगर बने।
प्रश्न 11: ‘अभिनव भारत’ नामक गुप्त क्रांतिकारी संगठन की स्थापना किसने की थी?
- भगत सिंह
- चंद्रशेखर आजाद
- विनायक दामोदर सावरकर
- सुभाष चंद्र बोस
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) ने 1904 ईस्वी में ‘अभिनव भारत’ नामक गुप्त क्रांतिकारी संगठन की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संगठन का उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से भारत को स्वतंत्रता दिलाना था। यह संगठन पूर्व में ‘मित्र मेला’ के नाम से भी जाना जाता था। सावरकर ने भारत में राष्ट्रवाद के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ से जुड़े थे। सुभाष चंद्र बोस ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ और ‘इंडियन नेशनल आर्मी’ के संस्थापक थे।
प्रश्न 12: महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन कब स्थगित किया?
- 1920
- 1921
- 1922
- 1924
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: महात्मा गांधी ने चौरी-चौरा कांड (4 फरवरी 1922) में हुई हिंसात्मक घटना के कारण 12 फरवरी 1922 को असहयोग आंदोलन को स्थगित कर दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: चौरी-चौरा में भीड़ ने एक पुलिस स्टेशन को आग लगा दी थी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे। गांधीजी अहिंसा के सिद्धांत में दृढ़ विश्वास रखते थे और इस हिंसक घटना से आहत होकर उन्होंने आंदोलन को वापस ले लिया।
- गलत विकल्प: 1920 में आंदोलन शुरू हुआ था। 1921 में यह अपने चरम पर था। 1924 में बेलगाम कांग्रेस अधिवेशन में गांधीजी अध्यक्ष बने थे।
प्रश्न 13: ‘गदर पार्टी’ का मुख्यालय कहाँ स्थित था?
- लंदन
- न्यूयॉर्क
- सैन फ्रांसिस्को
- टोक्यो
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘गदर पार्टी’ का मुख्यालय अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर में स्थित था। इसकी स्थापना 1913 में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस पार्टी का उद्देश्य भारतीय सैनिकों और प्रवासियों के बीच ब्रिटिश शासन के विरुद्ध क्रांति लाना था। लाला हरदयाल इसके प्रमुख नेता थे। इन्होंने ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र भी प्रकाशित किया।
- गलत विकल्प: लंदन में इंडिया हाउस जैसे क्रांतिकारी गतिविधियाँ होती थीं, लेकिन गदर पार्टी का मुख्य केंद्र सैन फ्रांसिस्को था। न्यूयॉर्क और टोक्यो से इसका सीधा संबंध मुख्यालय के रूप में नहीं था।
प्रश्न 14: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?
- कोलकाता अधिवेशन (1928)
- लाहौर अधिवेशन (1929)
- कराची अधिवेशन (1931)
- लखनऊ अधिवेशन (1936)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में पारित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस अब डोमिनियन स्टेटस (अधिराज्य का दर्जा) की मांग नहीं करेगी, बल्कि पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करेगी। 26 जनवरी 1930 को पहली बार स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया गया।
- गलत विकल्प: कोलकाता अधिवेशन (1928) में नेहरू रिपोर्ट पर विचार हुआ था। कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीतियों पर प्रस्ताव पारित हुए थे। लखनऊ अधिवेशन (1936) में कांग्रेस ने समाजवाद को अपनी नीति में शामिल किया।
प्रश्न 15: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ नामक राजनीतिक दल की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- सुभाष चंद्र बोस
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फॉरवर्ड ब्लॉक नामक राजनीतिक दल की स्थापना 1939 में सुभाष चंद्र बोस ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: कांग्रेस के भीतर त्रिपुरा संकट (1939) के बाद, जब गांधीजी के समर्थकों के साथ मतभेद बढ़ गए, तो सुभाष चंद्र बोस ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और एक नई पार्टी ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना की, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ अधिक आक्रामक रवैया अपनाना था।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे और उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना में प्रत्यक्ष भूमिका नहीं निभाई।
प्रश्न 16: भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ‘ऑपरेशन जीरो आवर’ के तहत गिरफ्तार किए गए प्रमुख नेता कौन थे?
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- महात्मा गांधी
- आचार्य कृपलानी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: भारत छोड़ो आंदोलन (1942) की शुरुआत से ठीक पहले, ‘ऑपरेशन जीरो आवर’ के तहत महात्मा गांधी सहित कांग्रेस के अधिकांश शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। गांधीजी को पुणे के आगा खान पैलेस में रखा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह ब्रिटिश सरकार की एक सुनियोजित कार्रवाई थी जिसका उद्देश्य आंदोलन के नेतृत्व को समाप्त करना था। हालाँकि, नेताओं की गिरफ्तारी के बावजूद, यह आंदोलन पूरे देश में फैल गया और इसका स्वरूप अधिक उग्र हो गया।
- गलत विकल्प: सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ. राजेंद्र प्रसाद और आचार्य कृपलानी भी गिरफ्तार किए गए नेताओं में से थे, लेकिन महात्मा गांधी इस आंदोलन के सर्वमान्य नेता थे और उनकी गिरफ्तारी प्रतीकात्मक रूप से सबसे महत्वपूर्ण थी।
प्रश्न 17: किस वायसराय के कार्यकाल में भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की गई?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो
- लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय (1910-1916) के कार्यकाल में 1911 में दिल्ली को भारत की राजधानी बनाने की घोषणा की गई थी और 1912 में इसे स्थानांतरित कर दिया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस फैसले की घोषणा 1911 में दिल्ली दरबार में किंग जॉर्ज पंचम द्वारा की गई थी। कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरण के कई कारण थे, जिनमें बंगाल विभाजन (1905) के बाद बंगाल में बढ़ते असंतोष को कम करना और देश के केंद्र में स्थित होने के कारण दिल्ली को एक रणनीतिक स्थान मानना शामिल था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल में 1905 में बंगाल का विभाजन हुआ था। लॉर्ड मिंटो 1909 के मार्ले-मिंटो सुधारों के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड चेम्सफोर्ड के समय में जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था।
प्रश्न 18: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक कौन हैं?
- बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
- दीनबंधु मित्र
- सुरेंद्रनाथ बनर्जी
- रबींद्रनाथ टैगोर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक दीनबंधु मित्र हैं। यह नाटक 1859-60 के नील विद्रोह के दौरान लिखा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस नाटक में तत्कालीन बंगाल के किसानों पर यूरोपीय नील उत्पादकों द्वारा किए गए अत्याचारों का यथार्थवादी चित्रण किया गया था। यह नाटक इतना प्रभावशाली था कि इसने नील विद्रोह को और हवा दी और ब्रिटिश सरकार पर कार्रवाई करने के लिए दबाव बनाया।
- गलत विकल्प: बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘आनंदमठ’ लिखा, जिसमें ‘वंदे मातरम’ गीत है। सुरेंद्रनाथ बनर्जी एक प्रमुख राष्ट्रवादी नेता थे। रवींद्रनाथ टैगोर एक विश्वविख्यात कवि और लेखक थे।
प्रश्न 19: फ्रांसीसी क्रांति का नारा क्या था?
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- रक्त और लोहा
- सभी शक्तियाँ राष्ट्र को
- जनता की इच्छा ही सर्वोपरि
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति (1789-1799) का मूल नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा क्रांति के तीन प्रमुख आदर्शों को दर्शाता है। स्वतंत्रता का अर्थ था निरंकुश राजशाही से मुक्ति, समानता का अर्थ था जन्म या वर्ग के आधार पर कोई विशेषाधिकार नहीं, और बंधुत्व का अर्थ था सभी नागरिकों के बीच भाईचारे का भाव।
- गलत विकल्प: ‘रक्त और लोहा’ बिस्मार्क का नारा था। ‘सभी शक्तियाँ राष्ट्र को’ और ‘जनता की इच्छा ही सर्वोपरि’ जैसे विचार अन्य क्रांतियों या राजनीतिक सिद्धांतों से जुड़े हो सकते हैं, लेकिन फ्रांसीसी क्रांति के मुख्य नारे नहीं थे।
प्रश्न 20: औद्योगिक क्रांति का प्रारंभ सर्वप्रथम किस देश में हुआ?
- फ्रांस
- जर्मनी
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- ग्रेट ब्रिटेन
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: औद्योगिक क्रांति का प्रारंभ सर्वप्रथम 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ग्रेट ब्रिटेन (इंग्लैंड) में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: कोयला, लौह अयस्क, पूंजी, श्रमशक्ति, तकनीकी नवाचार (जैसे भाप इंजन) और अनुकूल राजनीतिक-आर्थिक परिस्थितियों ने ब्रिटेन को औद्योगिक क्रांति का केंद्र बनाया। इसके बाद यह क्रांति यूरोप और उत्तरी अमेरिका के अन्य देशों में फैली।
- गलत विकल्प: फ्रांस, जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका ने बाद में औद्योगीकरण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण प्रगति की, लेकिन शुरुआत ब्रिटेन से ही हुई थी।
प्रश्न 21: ‘कम्युनिस्ट मैनिफेस्टो’ के लेखक कौन हैं?
- व्लादिमीर लेनिन
- कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स
- लियो टॉल्स्टॉय
- रोजा लक्जमबर्ग
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘कम्युनिस्ट मैनिफेस्टो’ (Communist Manifesto) के लेखक कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स हैं। इसे 1848 में प्रकाशित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक साम्यवाद के सिद्धांतों का एक मौलिक ग्रंथ है, जिसमें पूंजीवाद की आलोचना और सर्वहारा वर्ग के क्रांति के आह्वान का वर्णन है। यह दुनिया भर में साम्यवादी आंदोलनों के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत बनी।
- गलत विकल्प: व्लादिमीर लेनिन रूसी क्रांति के प्रमुख नेता थे। लियो टॉल्स्टॉय एक प्रसिद्ध रूसी लेखक थे। रोजा लक्जमबर्ग एक प्रभावशाली मार्क्सवादी सिद्धांतकार थीं, लेकिन मैनिफेस्टो के लेखक नहीं।
प्रश्न 22: द्वितीय विश्व युद्ध में जापान ने पर्ल हार्बर पर कब आक्रमण किया?
- 1939
- 1940
- 1941
- 1942
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जापान ने 7 दिसंबर 1941 को हवाई (Hawaii) में स्थित अमेरिकी नौसैनिक अड्डे पर्ल हार्बर पर अचानक हमला किया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस हमले ने संयुक्त राज्य अमेरिका को सीधे द्वितीय विश्व युद्ध में प्रवेश करने के लिए प्रेरित किया। पर्ल हार्बर पर हमले के बाद, अमेरिका ने जापान के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी।
- गलत विकल्प: 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ था। 1940 में फ्रांस का पतन हुआ। 1942 में जापान ने प्रशांत महासागर में कई विजय प्राप्त कीं, लेकिन पर्ल हार्बर पर हमला 1941 में ही हुआ था।
प्रश्न 23: प्राचीन भारतीय इतिहास में ‘पंच महायज्ञ’ का क्या अर्थ है?
- पांच प्रमुख देवता
- पांच प्रमुख दार्शनिक सिद्धांत
- पांच प्रकार के यज्ञ जो गृहस्थों द्वारा नित्य किए जाने चाहिए
- पांच प्रकार के दान
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: प्राचीन भारतीय परंपरा में, ‘पंच महायज्ञ’ (या पंच देवयज्ञ) पाँच नित्य यज्ञों को कहा जाता है जो प्रत्येक गृहस्थ व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन में करने चाहिए।
- संदर्भ और विस्तार: ये यज्ञ हैं: ब्रह्म यज्ञ (स्वाध्याय, देवताओं और ऋषियों का पूजन), देव यज्ञ (अग्निहोत्र, देवताओं की आहुति), पितृ यज्ञ (पिंडदान, पितरों का तर्पण), अतिथि यज्ञ (अतिथियों का सत्कार), और भूत यज्ञ (पशु-पक्षियों आदि को अन्न देना)। इनका उद्देश्य दैनिक कर्मों से होने वाले पापों का प्रायश्चित करना और देवताओं, पितरों, ऋषियों, मनुष्यों और अन्य जीवों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना था।
- गलत विकल्प: यह अन्य विकल्पों से भिन्न है जो धार्मिक अनुष्ठानों के विस्तृत विवरण में नहीं आते।
प्रश्न 24: बौद्ध धर्म में ‘त्रिरत्न’ (तीन रत्न) का क्या अर्थ है?
- बुद्ध, धर्म, संघ
- अहिंसा, सत्य, अस्तेय
- सम्यक दृष्टि, सम्यक ज्ञान, सम्यक आचरण
- ज्ञान, वैराग्य, कर्म
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: बौद्ध धर्म में ‘त्रिरत्न’ बुद्ध (जाग्रत व्यक्ति), धर्म (बुद्ध की शिक्षाएं) और संघ (बौद्ध भिक्षुओं का समुदाय) को कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: बौद्ध धर्म को स्वीकार करने वाला व्यक्ति इन त्रिरत्नों की शरण लेता है। बुद्ध ज्ञान के मार्गदर्शक हैं, धर्म वह मार्ग है जिसका अनुसरण करना है, और संघ वह समुदाय है जो इस मार्ग पर चलने वालों का समर्थन करता है।
- गलत विकल्प: ‘अहिंसा, सत्य, अस्तेय’ पंचशील के सिद्धांत हैं। ‘सम्यक दृष्टि, सम्यक ज्ञान, सम्यक आचरण’ अष्टांगिक मार्ग के प्रमुख भाग हैं। ‘ज्ञान, वैराग्य, कर्म’ सामान्य दार्शनिक अवधारणाएं हैं, न कि बौद्ध त्रिरत्न।
प्रश्न 25: किस गुप्त शासक ने ‘विक्रमांक’ की उपाधि धारण की थी?
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: चंद्रगुप्त द्वितीय (जिन्हें विक्रमादित्य भी कहा जाता है) ने ‘विक्रमांक’ की उपाधि धारण की थी।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त द्वितीय का शासनकाल (लगभग 380-415 ईस्वी) गुप्त साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है। उन्होंने शकों पर विजय प्राप्त की और अपनी शक्ति को सुदृढ़ किया। ‘विक्रमांक’ उपाधि उनकी वीरता और पराक्रम का प्रतीक थी।
- गलत विकल्प: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। कुमारगुप्त प्रथम को ‘महेंद्रादित्य’ कहा जाता था। स्कंदगुप्त को ‘प्रकारदत्त’ उपाधि से भी जाना जाता है और उन्होंने हूणों को हराया था।
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