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ज्ञान की कसौटी: दैनिक इतिहास महा-अभ्यास

ज्ञान की कसौटी: दैनिक इतिहास महा-अभ्यास

नमस्कार, भविष्य के भारत के कर्णधारों! इतिहास के विशाल सागर में गोता लगाने और अपने ज्ञान के मोतियों को खोजने का समय आ गया है। आज हम प्राचीन, मध्यकालीन, आधुनिक भारत और विश्व इतिहास के पन्नों को पलटेंगे। क्या आप चुनौती के लिए तैयार हैं? चलिए, शुरू करते हैं यह ज्ञानवर्धक सफर!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: हड़प्पा सभ्यता के किस स्थल से एक प्रसिद्ध वृषभ मुद्रा (Bull Seal) प्राप्त हुई है?

  1. लोथल
  2. कालीबंगन
  3. मोहनजोदड़ो
  4. हड़प्पा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मोहनजोदड़ो (अर्थात ‘मृतकों का टीला’) सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल है, जहाँ से एक विशाल स्नानागार और एक प्रसिद्ध बैल मुद्रा (वृषभ मुद्रा) सहित कई महत्वपूर्ण कलाकृतियाँ मिली हैं। यह मुद्रा उस समय की कला और धार्मिक विश्वासों का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
  • संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है। यहाँ मिली मुहरें मुख्य रूप से स्टीटाइट (soapstone) से बनी होती थीं और उन पर जानवरों, जैसे बैल, हाथी, बाघ और काल्पनिक जीवों के चित्र और कुछ लिपि में लेखन होता था। यह वृषभ मुद्रा संभवतः किसी देवता या शक्ति का प्रतीक थी।
  • गलत विकल्प: लोथल एक बंदरगाह शहर था, कालीबंगन हल जोते हुए खेत के साक्ष्य के लिए जाना जाता है, और हड़प्पा वह स्थल है जिसके नाम पर पूरी सभ्यता का नाम रखा गया, लेकिन यह विशिष्ट वृषभ मुद्रा मोहनजोदड़ो से जुड़ी है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सी उपाधि समुद्रगुप्त ने धारण की थी?

  1. विक्रमादित्य
  2. लक्ष्छिवी दौहित्र
  3. सम्राट
  4. महाराजाधिराज

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: समुद्रगुप्त, गुप्त साम्राज्य के एक महान शासक, को ‘लक्ष्छिवी दौहित्र’ की उपाधि से जाना जाता था। इसका अर्थ है ‘लक्ष्छिवियों की पुत्री का पुत्र’, क्योंकि उनकी माँ कुमारदेवी, लक्ष्छिवी गणराज्य की राजकुमारी थीं।
  • संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त को उनके सिक्कों और अभिलेखों में ‘भारत का नेपोलियन’ भी कहा गया है, जो उनकी विजयों और सैन्य कौशल को दर्शाता है। उन्होंने अपने साम्राज्य का विस्तार किया और कई युद्ध जीते।
  • गलत विकल्प: ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि चंद्रगुप्त द्वितीय (समुद्रगुप्त के पुत्र) ने धारण की थी। ‘सम्राट’ और ‘महाराजाधिराज’ सामान्य उपाधियाँ हैं जो कई शासकों द्वारा धारण की जाती थीं, लेकिन ‘लक्ष्छिवी दौहित्र’ विशेष रूप से समुद्रगुप्त से जुड़ी है।

प्रश्न 3: सल्तनत काल में ‘दीवान-ए-आरिज’ का क्या कार्य था?

  1. न्याय प्रशासन
  2. राजस्व संग्रह
  3. सैन्य विभाग
  4. धार्मिक मामले

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: सल्तनत काल में ‘दीवान-ए-आरिज’ या ‘आरिज-ए-मुमालिक’ सैन्य विभाग का प्रमुख होता था। यह विभाग सेना के संगठन, भर्ती, प्रशिक्षण और रसद (लॉजिस्टिक्स) के लिए जिम्मेदार था।
  • संदर्भ और विस्तार: बलबन के शासनकाल में इस विभाग को अधिक संगठित किया गया था। यह सुनिश्चित करता था कि सेना हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहे।
  • गलत विकल्प: ‘दीवान-ए-विजारत’ (राजस्व और वित्त), ‘दीवान-ए-काजी’ (न्याय प्रशासन), और ‘दीवान-ए-इशतिहाक’ (पेंशन विभाग) जैसे अन्य विभाग थे, लेकिन ‘दीवान-ए-आरिज’ सीधे तौर पर सैन्य मामलों से संबंधित था।

प्रश्न 4: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था, जिसे ‘आंध्र पितामह’ भी कहा जाता है?

  1. कृष्ण देवराय
  2. देवराय द्वितीय
  3. राम राय
  4. अच्युत देवराय

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: कृष्ण देवराय, तुलुव वंश के सबसे महान शासक थे और विजयनगर साम्राज्य के शिखर काल का प्रतिनिधित्व करते थे। उन्हें ‘आंध्र पितामह’ (आंध्र के पिता) की उपाधि से भी जाना जाता था, क्योंकि उन्होंने तेलुगु साहित्य और कला को बहुत बढ़ावा दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: कृष्ण देवराय (शासनकाल 1509-1529) ने न केवल साम्राज्य का विस्तार किया बल्कि वास्तुकला, साहित्य और संगीत के महान संरक्षक भी थे। उनके दरबार में तेलुगु के आठ महान विद्वान थे, जिन्हें ‘अष्टदिग्गज’ कहा जाता था। उन्होंने ‘आमुक्तमाल्यदा’ नामक तेलुगु महाकाव्य की रचना की।
  • गलत विकल्प: देवराय द्वितीय एक महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन कृष्ण देवराय की प्रसिद्धि और साहित्यिक योगदान कहीं अधिक था। राम राय ने तालीकोटा के युद्ध में नेतृत्व किया और अच्युत देवराय भी कृष्ण देवराय के बाद शासक हुए, लेकिन वे उनके समान प्रभावशाली नहीं थे।

प्रश्न 5: 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण क्या था?

  1. डलहौजी की लैप्स नीति
  2. ईसाई धर्म के प्रसार का भय
  3. एनफील्ड राइफलों में प्रयुक्त चर्बी वाले कारतूस
  4. बहादुर शाह जफर का रंगून निर्वासित होना

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण नई एनफील्ड राइफलों के लिए कारतूसों का प्रचलन था, जिनके बारे में अफवाह थी कि वे गाय और सूअर की चर्बी से चिकनाई युक्त थे। यह हिंदू और मुस्लिम दोनों सैनिकों की धार्मिक भावनाओं के विरुद्ध था।
  • संदर्भ और विस्तार: इन कारतूसों को इस्तेमाल करने से पहले दांतों से खोलना पड़ता था, जिससे सैनिकों की धार्मिक आस्थाओं का उल्लंघन होता था। मंगल पांडे जैसे सैनिकों ने इसका विरोध किया, जिसने विद्रोह की चिंगारी को भड़काया।
  • गलत विकल्प: डलहौजी की लैप्स नीति (a) और ईसाइयों के प्रसार का भय (b) पहले से मौजूद असंतोष के कारण थे, लेकिन एनफील्ड कारतूसों ने इसे तुरंत भड़काया। बहादुर शाह जफर का निर्वासित होना (d) भी एक महत्वपूर्ण कारण था, लेकिन तात्कालिक कारण कारतूस ही थे।

प्रश्न 6: फ्रांस की क्रांति का प्रमुख नारा क्या था?

  1. प्रतिनिधित्व नहीं तो कर नहीं
  2. स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
  3. रक्त और लोहा
  4. सबके लिए शांति

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: फ्रांस की क्रांति (1789-1799) का सबसे प्रसिद्ध नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नारा फ्रांसीसी गणराज्य के आदर्शों का प्रतिनिधित्व करता है और आज भी फ्रांस का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है। यह उस समय की सामाजिक और राजनीतिक असमानताओं के खिलाफ एक आह्वान था, जिसमें आम जनता (तीसरे एस्टेट) विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों (पादरी और कुलीन वर्ग) के प्रभुत्व से मुक्ति चाहती थी।
  • गलत विकल्प: ‘प्रतिनिधित्व नहीं तो कर नहीं’ (No taxation without representation) अमेरिकी क्रांति से जुड़ा है। ‘रक्त और लोहा’ (Blood and Iron) बिस्मार्क का नारा था। ‘सबके लिए शांति’ (Peace for All) एक आधुनिक नारा है।

प्रश्न 7: ‘अष्टक’ (Ashtadhyayi) के लेखक कौन हैं?

  1. कालिदास
  2. पाणिनि
  3. चाणक्य
  4. वराहमिहिर

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘अष्टक’ (पूरा नाम ‘अष्टाध्यायी’) प्राचीन भारतीय व्याकरण का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और व्यवस्थित ग्रंथ है, जिसके लेखक पाणिनि हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: पाणिनि ने इस ग्रंथ में संस्कृत भाषा के व्याकरण को सूत्रबद्ध रूप में प्रस्तुत किया है। इसमें लगभग 4000 सूत्र हैं जो ध्वनि, शब्द-रूप, वाक्य-विन्यास और अर्थ विज्ञान को कवर करते हैं। यह भाषा विज्ञान के क्षेत्र में एक मौलिक कार्य माना जाता है।
  • गलत विकल्प: कालिदास एक महान कवि और नाटककार थे, चाणक्य अर्थशास्त्र के लेखक और एक प्रमुख राजनीतिक विचारक थे, और वराहमिहिर एक प्रसिद्ध खगोलशास्त्री और गणितज्ञ थे।

प्रश्न 8: इल्तुतमिश को किस लिए जाना जाता है?

  1. कुतुब मीनार का निर्माण पूरा कराना
  2. भारत में एकता प्रणाली की शुरुआत
  3. ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चहलगानी) का गठन
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: इल्तुतमिश, दिल्ली सल्तनत का तीसरा शासक और गुलाम वंश का एक प्रमुख सुल्तान, उपरोक्त सभी कार्यों के लिए जाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार:
    • कुतुब मीनार: इल्तुतमिश ने कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा शुरू किए गए कुतुब मीनार के निर्माण को पूरा कराया।
    • एकता प्रणाली: उन्होंने अपने साम्राज्य को प्रशासनिक सुविधा के लिए ‘इक्ताओं’ (प्रादेशिक जागीरों) में विभाजित किया और ‘इक्तादारों’ को नियुक्त किया, जो राजस्व वसूलते थे और अपनी सेना बनाए रखते थे। यह भारत में भूमि अनुदान की एक प्रारंभिक प्रणाली थी।
    • चालीसा: इल्तुतमिश ने 40 विश्वसनीय तुर्क अमीरों का एक समूह बनाया, जिसे ‘चालीसा’ या ‘तुर्क-ए-चहलगानी’ कहा जाता था, जो सुल्तान की शक्ति का आधार बनता था।
  • गलत विकल्प: सभी विकल्प इल्तुतमिश के महत्वपूर्ण योगदान हैं।

प्रश्न 9: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी?

  1. 1857
  2. 1885
  3. 1905
  4. 1947

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना बॉम्बे (अब मुंबई) में ए.ओ. ह्यूम, एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी, द्वारा की गई थी। इसके पहले अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी थे। इसका उद्देश्य भारतीयों को राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में एकजुट करना और ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाना था।
  • गलत विकल्प: 1857 विद्रोह का वर्ष है, 1905 लॉर्ड कर्जन द्वारा बंगाल विभाजन का वर्ष है, और 1947 भारत की स्वतंत्रता का वर्ष है।

प्रश्न 10: ‘तैश्र्नातिक’ (Tashkent) समझौता किन दो देशों के बीच हुआ था?

  1. भारत और पाकिस्तान
  2. भारत और चीन
  3. भारत और बांग्लादेश
  4. पाकिस्तान और अफगानिस्तान

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: 10 जनवरी 1966 को ताशकंद (वर्तमान उज्बेकिस्तान की राजधानी) में भारत और पाकिस्तान के बीच एक युद्धविराम और शांति समझौता हुआ था, जिसे ताशकंद समझौता के नाम से जाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह समझौता 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद हुआ था। इस पर भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे। दुर्भाग्य से, समझौता होने के तुरंत बाद लाल बहादुर शास्त्री का ताशकंद में ही निधन हो गया।
  • गलत विकल्प: भारत के अन्य देशों के साथ ऐतिहासिक समझौते हुए हैं, लेकिन ताशकंद समझौता विशेष रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 के युद्ध के बाद हुआ था।

प्रश्न 11: गुप्त काल को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?

  1. साम्राज्य का विशाल विस्तार
  2. कला, विज्ञान और साहित्य का चहुंमुखी विकास
  3. सटीक खगोल विज्ञान और गणितीय खोजें
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस अवधि में साम्राज्य का विस्तार हुआ, और कला, विज्ञान, साहित्य, वास्तुकला और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई।
  • संदर्भ और विस्तार: इस युग में कालिदास जैसे महान कवियों, आर्यभट्ट जैसे खगोलविदों और गणितज्ञों (जिन्होंने शून्य की अवधारणा दी), और वराहमिहिर जैसे विद्वानों का उदय हुआ। अजंता की गुफाओं के कुछ सर्वश्रेष्ठ चित्र भी इसी काल के हैं।
  • गलत विकल्प: सभी दिए गए बिंदु गुप्त काल की स्वर्ण युग की उपाधि के औचित्य को सिद्ध करते हैं।

प्रश्न 12: ‘मीरात-उल-अखबार’ का प्रकाशन किसने किया था?

  1. राजा राम मोहन राय
  2. ईश्वर चंद्र विद्यासागर
  3. स्वामी विवेकानंद
  4. ज्योतिबा फुले

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘मीरात-उल-अखबार’ (Mirat-ul-Akhbar) फारसी भाषा का एक साप्ताहिक समाचार पत्र था, जिसका प्रकाशन राजा राम मोहन राय ने 1822 में शुरू किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह भारत का पहला स्वदेशी समाचार पत्र था जो पर्शियन भाषा में प्रकाशित होता था। राजा राम मोहन राय एक महान समाज सुधारक और आधुनिक भारत के अग्रदूत थे, जिन्होंने सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक सुधारों पर जोर दिया। उन्होंने ‘संवाद कौमुदी’ (बंगाली) नामक एक और महत्वपूर्ण पत्र का भी संपादन किया।
  • गलत विकल्प: ईश्वर चंद्र विद्यासागर, स्वामी विवेकानंद और ज्योतिबा फुले प्रमुख समाज सुधारक थे, लेकिन ‘मीरात-उल-अखबार’ का संबंध राजा राम मोहन राय से है।

प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सा कथन चोल प्रशासन के बारे में सही नहीं है?

  1. चोल प्रशासन अत्यंत विकेन्द्रीकृत था।
  2. ग्राम सभाओं को ‘उर’ और ‘सभा’ कहा जाता था।
  3. स्थानीय स्वशासन की मजबूत परंपरा थी।
  4. ‘नगारा’ एक स्थानीय प्रशासनिक इकाई थी।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: चोल प्रशासन स्थानीय स्वशासन के लिए अत्यंत प्रसिद्ध था, लेकिन ‘नगारा’ का अर्थ शहर या नगर होता था, न कि कोई विशेष प्रशासनिक इकाई। चोलों की मुख्य प्रशासनिक इकाइयाँ मंडलम (प्रांत), नाडु (जिला) और कुर्रम (ग्राम समूह) थीं।
  • संदर्भ और विस्तार: चोलों के ग्राम प्रशासन बहुत व्यवस्थित थे। ‘उर’ सभी ग्रामीणों की सभा थी, जबकि ‘महा-सभा’ (या ‘सभा’) ब्राह्मणों की एक सभा थी जो केवल ब्राह्मण गांवों में होती थी। इन सभाओं को अपने कार्य करने के लिए स्वतंत्र अधिकार प्राप्त थे और वे ग्राम स्तर पर न्याय और राजस्व का प्रबंधन करती थीं।
  • गलत विकल्प: चोल प्रशासन अत्यधिक विकेन्द्रीकृत था (a), ग्राम सभाओं को ‘उर’ और ‘सभा’ कहा जाता था (b), और स्थानीय स्वशासन की मजबूत परंपरा थी (c), ये सभी कथन सही हैं। ‘नगारा’ (d) शब्द शहर का बोध कराता है, न कि किसी विशिष्ट प्रशासनिक इकाई का, इसलिए यह कथन गलत है।

प्रश्न 14: 1942 में गांधीजी द्वारा शुरू किए गए ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का मुख्य नारा क्या था?

  1. स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है
  2. करो या मरो
  3. आराम हराम है
  4. पूर्ण स्वराज

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: महात्मा गांधी ने 8 अगस्त 1942 को ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान ‘करो या मरो’ (Do or Die) का नारा दिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस नारे का उद्देश्य भारतीयों को स्वतंत्रता के लिए अंतिम प्रयास करने के लिए प्रेरित करना था। यह आंदोलन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सरकार पर दबाव बनाने के लिए शुरू किया गया था, जिसकी मांग थी कि ब्रिटिश तुरंत भारत छोड़ दें।
  • गलत विकल्प: ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ बाल गंगाधर तिलक का नारा था। ‘आराम हराम है’ जवाहरलाल नेहरू का नारा था। ‘पूर्ण स्वराज’ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का घोषित लक्ष्य था, जिसे 1929 में लाहौर अधिवेशन में अपनाया गया था।

प्रश्न 15: ‘ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया’ नामक पुस्तक किसने लिखी थी?

  1. जेम्स मिल
  2. विलियम कैरी
  3. चार्ल्स ग्रांट
  4. थॉमस मैकॉले

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया’ (The History of British India) नामक पुस्तक 1817 में जेम्स मिल द्वारा लिखी गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: जेम्स मिल एक स्कॉटिश दार्शनिक, अर्थशास्त्री और इतिहासकार थे। उन्होंने भारतीय इतिहास को तीन कालों में विभाजित किया: हिंदू काल, मुस्लिम काल और ब्रिटिश काल। हालाँकि उनकी पुस्तक में कई पूर्वाग्रह थे और उन्होंने भारतीय संस्कृति को निम्नतर दिखाया, फिर भी यह ब्रिटिश राज में भारत के इतिहास की महत्वपूर्ण प्रारंभिक कृतियों में से एक है।
  • गलत विकल्प: विलियम कैरी एक बैपटिस्ट मिशनरी थे, चार्ल्स ग्रांट ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी थे जिन्होंने भारतीयों के पश्चिमीकरण का समर्थन किया, और थॉमस मैकॉले ने भारतीय शिक्षा प्रणाली पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला, लेकिन ‘ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया’ का लेखक जेम्स मिल था।

प्रश्न 16: किस पुर्तगाली गवर्नर ने ‘ब्लू वॉटर पॉलिसी’ (शांत जल नीति) लागू की थी?

  1. वास्को डी गामा
  2. पेड्रो अल्वारेस कैब्राल
  3. फ्रांसिस्को डी अल्मेडा
  4. अल्फांसो डी अल्बुकर्क

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: फ्रांसिस्को डी अल्मेडा, भारत में पुर्तगाली क्षेत्रों के पहले गवर्नर (1505-1509), ने ‘ब्लू वॉटर पॉलिसी’ (शांत जल नीति) लागू की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस नीति का मुख्य उद्देश्य भारतीय महासागर पर पुर्तगाली प्रभुत्व स्थापित करना और उन्हें वहां के समुद्री व्यापार पर एकाधिकार प्राप्त करना था। अल्मेडा का मानना था कि पुर्तगाली अपनी नौसैनिक शक्ति का उपयोग करके अन्य यूरोपीय और एशियाई नौकाओं को हावी कर सकते हैं और समुद्री मार्गों को नियंत्रित कर सकते हैं।
  • गलत विकल्प: वास्को डी गामा भारत पहुँचने वाले पहले यूरोपीय थे, कैब्राल ने ब्राज़ील की खोज की, और अल्बुकर्क ने गोवा पर कब्जा किया और पुर्तगाली शक्ति को मजबूत किया, लेकिन ब्लू वॉटर पॉलिसी का श्रेय अल्मेडा को जाता है।

प्रश्न 17: ऋग्वेद में ‘अघन्य’ शब्द किसके लिए प्रयोग किया गया है?

  1. घोड़ा
  2. गाय
  3. बैल
  4. भेड़

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ऋग्वेद में ‘अघन्य’ (Aganya) शब्द का प्रयोग गाय के लिए किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘अघन्य’ का अर्थ है ‘जिसे मारा न जा सके’। ऋग्वैदिक काल में गाय को अत्यंत पवित्र और मूल्यवान माना जाता था, क्योंकि यह जीवन यापन का प्रमुख साधन थी (दूध, दही, घी आदि के लिए) और संपत्ति का प्रतीक थी। इसका वध करना घोर पाप माना जाता था।
  • गलत विकल्प: ऋग्वेद में अन्य पशुओं का भी उल्लेख है, लेकिन ‘अघन्य’ विशेष रूप से गाय के लिए प्रयुक्त होता है।

प्रश्न 18: बक्सर का युद्ध कब हुआ था?

  1. 1757
  2. 1764
  3. 1773
  4. 1857

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: बक्सर का युद्ध 22-23 अक्टूबर 1764 को हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना का नेतृत्व मेजर हेक्टर मुनरो ने किया था, जिसने संयुक्त भारतीय सेना (जिसमें बंगाल के नवाब मीर कासिम, अवध के नवाब शुजा-उद्द-दौला और मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय शामिल थे) को हराया था। इस युद्ध ने प्लासी के युद्ध के बाद भारत में ब्रिटिश शक्ति की स्थापना को और मजबूत किया और इलाहाबाद की संधि (1765) का मार्ग प्रशस्त किया, जिसने कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी अधिकार प्रदान किए।
  • गलत विकल्प: 1757 प्लासी का युद्ध है, 1773 रेगुलेटिंग एक्ट का वर्ष है, और 1857 प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का वर्ष है।

प्रश्न 19: ‘कौटिल्य’ का प्रसिद्ध ग्रंथ कौन सा है?

  1. अर्थशास्त्र
  2. इंडिका
  3. मुद्रा राक्षस
  4. महाभाष्य

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: कौटिल्य (जिन्हें चाणक्य या विष्णुगुप्त भी कहा जाता है) ने ‘अर्थशास्त्र’ नामक प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ प्राचीन भारतीय राजनीति, शासन, अर्थव्यवस्था, कूटनीति और सैन्य रणनीति पर एक महत्वपूर्ण कृति है। यह चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल की जानकारी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और इसमें राज्य के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई है।
  • गलत विकल्प: ‘इंडिका’ मेगस्थनीज द्वारा लिखी गई थी, ‘मुद्रा राक्षस’ विशाखदत्त द्वारा एक नाटक है, और ‘महाभाष्य’ पतंजलि द्वारा व्याकरण पर आधारित है।

प्रश्न 20: प्रथम विश्व युद्ध की अवधि क्या थी?

  1. 1905-1910
  2. 1914-1918
  3. 1939-1945
  4. 1942-1946

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध (World War I) 1914 से 1918 तक चला था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध मुख्य रूप से केंद्रीय शक्तियों (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य) और मित्र राष्ट्रों (फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, बाद में इटली और अमेरिका) के बीच लड़ा गया था। इसकी शुरुआत आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या से हुई थी और यह मानव इतिहास के सबसे घातक संघर्षों में से एक था।
  • गलत विकल्प: 1905-1910 एक अलग अवधि है, 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध की अवधि है, और 1942-1946 भारत में स्वतंत्रता संग्राम का अंतिम चरण है।

प्रश्न 21: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किसने की थी?

  1. अकबर
  2. शाहजहाँ
  3. औरंगजेब
  4. जहाँगीर

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मुगल सम्राट अकबर ने 1582 में ‘दीन-ए-इलाही’ (Divine Faith) नामक एक नए धर्म या धार्मिक विचार की शुरुआत की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अकबर की धार्मिक सहिष्णुता और सभी धर्मों से अच्छे तत्वों को मिलाकर एक नया संश्लेषण बनाने की इच्छा का परिणाम था। इसमें हिंदू, इस्लाम, ईसाई, पारसी और अन्य धर्मों के विचार शामिल थे। हालाँकि, यह कभी भी व्यापक रूप से नहीं फैला और अकबर के बाद इसका महत्व कम हो गया।
  • गलत विकल्प: शाहजहाँ, औरंगजेब और जहाँगीर सभी अकबर के उत्तराधिकारी थे, लेकिन दीन-ए-इलाही की शुरुआत केवल अकबर ने की थी।

प्रश्न 22: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के संदर्भ में ‘सुरक्षा वाल्व सिद्धांत’ (Safety Valve Theory) किससे संबंधित है?

  1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना
  2. गांधीजी का अहिंसक आंदोलन
  3. आजाद हिंद फौज का गठन
  4. साइमन कमीशन का बहिष्कार

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘सुरक्षा वाल्व सिद्धांत’ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना से संबंधित है। यह सिद्धांत मानता है कि ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों के असंतोष को बाहर निकालने के लिए एक सुरक्षित माध्यम के रूप में कांग्रेस की स्थापना की अनुमति दी थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत के अनुसार, ए.ओ. ह्यूम जैसे ब्रिटिश अधिकारियों ने भारतीयों के बीच बढ़ते असंतोष को एक संगठित राजनीतिक मंच पर लाने का प्रयास किया ताकि यह हिंसक क्रांति का रूप न ले ले। हालांकि, यह सिद्धांत विवादास्पद है और कई इतिहासकार कांग्रेस को भारतीयों के अपने संघर्ष का परिणाम मानते हैं।
  • गलत विकल्प: गांधीजी के अहिंसक आंदोलन, आजाद हिंद फौज का गठन और साइमन कमीशन का बहिष्कार, ये सभी राष्ट्रीय आंदोलन के अन्य महत्वपूर्ण चरण थे, लेकिन सुरक्षा वाल्व सिद्धांत कांग्रेस की स्थापना की व्याख्या से जुड़ा है।

प्रश्न 23: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा शहर अपने जल निकासी तंत्र के लिए विशेष रूप से जाना जाता है?

  1. हड़प्पा
  2. लोथल
  3. कालीबंगन
  4. मोहनजोदड़ो

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मोहनजोदड़ो अपनी उन्नत जल निकासी प्रणाली के लिए विशेष रूप से जाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो में पक्की ईंटों से बनी घर, सड़कें और सार्वजनिक भवन थे। सड़कों के किनारे नाले थे जो ढके हुए थे और घरों से निकलने वाले गंदे पानी को ले जाते थे। प्रत्येक घर में एक स्नानघर और शौचालय भी होता था, जिसका गंदा पानी मुख्य नालियों से जुड़ जाता था। यह तत्कालीन शहरी नियोजन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा, लोथल और कालीबंगन भी महत्वपूर्ण स्थल थे, लेकिन मोहनजोदड़ो का जल निकासी तंत्र सबसे प्रभावशाली और व्यवस्थित पाया गया है।

प्रश्न 24: भारत में ‘भूदान आंदोलन’ किसने शुरू किया था?

  1. महात्मा गांधी
  2. विनोबा भावे
  3. जयप्रकाश नारायण
  4. राम मनोहर लोहिया

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारत में ‘भूदान आंदोलन’ (Land Gift Movement) विनोबा भावे द्वारा शुरू किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: 1951 में तेलंगाना में एक सार्वजनिक बैठक के दौरान, विनोबा भावे ने भूमिहीन किसानों को भूमि दान करने का आग्रह किया। आंदोलन का उद्देश्य भूमि सुधार को स्वैच्छिक तरीके से बढ़ावा देना था। विनोबा भावे गांधीजी के अनुयायी थे और शांतिपूर्ण सामाजिक परिवर्तन में विश्वास रखते थे।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने विभिन्न आंदोलन चलाए, लेकिन भूदान आंदोलन का नेतृत्व विनोबा भावे ने किया। जयप्रकाश नारायण और राम मनोहर लोहिया भी प्रमुख समाजवादी नेता थे, लेकिन भूदान आंदोलन की शुरुआत विनोबा भावे ने की थी।

प्रश्न 25: ‘पिट्स इंडिया एक्ट’ किस वर्ष पारित किया गया था?

  1. 1773
  2. 1784
  3. 1813
  4. 1833

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘पिट्स इंडिया एक्ट’ (Pitt’s India Act) 1784 में ब्रिटिश संसद द्वारा पारित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम का नाम तत्कालीन ब्रिटिश प्रधान मंत्री विलियम पिट द यंगर के नाम पर रखा गया था। इसका मुख्य उद्देश्य 1773 के रेगुलेटिंग एक्ट की कमियों को दूर करना और भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन पर ब्रिटिश सरकार का नियंत्रण बढ़ाना था। इसने कंपनी के वाणिज्यिक और राजनीतिक कार्यों को अलग कर दिया और बोर्ड ऑफ कंट्रोल की स्थापना की, जो कंपनी के राजनीतिक मामलों की निगरानी करता था।
  • गलत विकल्प: 1773 रेगुलेटिंग एक्ट का वर्ष है, 1813 चार्टर एक्ट का वर्ष है (जिसने कंपनी के व्यापार एकाधिकार को कुछ हद तक समाप्त कर दिया), और 1833 भी एक चार्टर एक्ट का वर्ष है।

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