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ज्ञान की कसौटी: आज की इतिहास की चुनौती

ज्ञान की कसौटी: आज की इतिहास की चुनौती

इतिहास के विशाल सागर में गोता लगाने और अपने ज्ञान को परखने के लिए तैयार हो जाइए! हम आपके लिए लाए हैं, 25 प्रश्नों का एक अनूठा सेट, जो आपको प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक विश्व तक के महत्वपूर्ण पड़ावों की सैर कराएगा। हर प्रश्न, एक नई कहानी, हर उत्तर, एक नई सीख। आइए, अपनी तैयारी को दें एक नई धार!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा हड़प्पा सभ्यता का सबसे पूर्वी स्थल था?

  1. लोथल
  2. हड़प्पा
  3. मांडा
  4. आलमगीरपुर

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: आलमगीरपुर, उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हिंडन नदी के किनारे स्थित, हड़प्पा सभ्यता का सबसे पूर्वी पुरातात्विक स्थल है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसकी खोज 1958 में हुई थी और यह हड़प्पा संस्कृति के विस्तार को पूर्व की ओर दर्शाता है। लोथल गुजरात में, हड़प्पा वर्तमान पाकिस्तान में और मांडा जम्मू और कश्मीर में स्थित प्रमुख स्थल हैं।
  • गलत विकल्प: लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था, हड़प्पा सभ्यता का उद्गम स्थल था, और मांडा सबसे उत्तरी स्थल था।

प्रश्न 2: “सप्तपर्णी गुफा” का संबंध किस बौद्ध संगीति से है?

  1. प्रथम बौद्ध संगीति
  2. द्वितीय बौद्ध संगीति
  3. तृतीय बौद्ध संगीति
  4. चतुर्थ बौद्ध संगीति

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: सप्तपर्णी गुफा (Saptaparni Cave) वह स्थान है जहाँ प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन मगध के सम्राट अजातशत्रु के संरक्षण में हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संगीति राजगृह (आधुनिक राजगीर) के पास सप्तपर्णी गुफा में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य बुद्ध की शिक्षाओं (विनय पिटक और सुत्त पिटक) को संकलित करना था। यह संगीति आनंद और उपाली जैसे प्रमुख शिष्यों की उपस्थिति में हुई थी।
  • गलत विकल्प: द्वितीय बौद्ध संगीति वैशाली में, तृतीय पाटलिपुत्र में (अशोक के काल में) और चतुर्थ कुंडलवन (कश्मीर) में हुई थी।

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से किस अभिलेख में अशोक के साम्राज्य की सीमाओं का उल्लेख मिलता है?

  1. मास्की अभिलेख
  2. जूनागढ़ अभिलेख
  3. शाहबाजगढ़ी अभिलेख
  4. कलिंग प्रशस्ति (13वां शिलालेख)

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: अशोक का 13वां शिलालेख, जिसे कलिंग प्रशस्ति के नाम से भी जाना जाता है, कलिंग युद्ध के बाद अशोक के पश्चाताप और उसके साम्राज्य की सीमाओं का वर्णन करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस शिलालेख में अशोक ने अपने साम्राज्य की विस्तारवादी नीति को त्यागने और धम्म विजय की ओर बढ़ने की बात कही है। यह उसके शासनकाल के बाद के वर्षों में उसके विचारों में आए बदलाव को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: मास्की अभिलेख अशोक के नाम का स्पष्ट उल्लेख करने वाला पहला अभिलेख है। जूनागढ़ अभिलेख (रुद्रदामन का) चंद्रगुप्त मौर्य और अशोक दोनों के उल्लेख के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यह अशोक के साम्राज्य की सीमाओं का प्रत्यक्ष वर्णन नहीं करता। शाहबाजगढ़ी और मनसेहरा अभिलेख खरोष्ठी लिपि में लिखे गए हैं और उनमें भी धम्म नीतियों का उल्लेख है, लेकिन विस्तृत भौगोलिक सीमा का वर्णन 13वें शिलालेख में है।

प्रश्न 4: ‘नक्की’_ (Nakkai) का अर्थ किस काल में “बेगार” या “बिना भुगतान के श्रम” था?

  1. गुप्त काल
  2. मौर्य काल
  3. वैदिक काल
  4. हर्षवर्धन काल

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: मौर्य काल में, ‘नक्की’ शब्द का प्रयोग बिना किसी पारिश्रमिक के लिए जाने वाले अनिवार्य श्रम, यानी बेगार के लिए किया जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: मौर्य अर्थव्यवस्था में, विशेषकर सार्वजनिक निर्माण कार्यों, जैसे सड़कों, नहरों आदि के लिए, इस प्रकार के श्रम का उपयोग आम था। अर्थशास्त्र जैसे ग्रन्थों में भी ऐसे श्रम की व्यवस्था का उल्लेख मिलता है।
  • गलत विकल्प: अन्य कालों में भी श्रम की विभिन्न व्यवस्थाएं थीं, लेकिन ‘नक्की’ का प्रयोग विशेष रूप से मौर्य काल के संदर्भ में बेगार के लिए हुआ था।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सी उपाधि ‘समुद्रगुप्त’ द्वारा धारण नहीं की गई थी?

  1. परक्रमांक
  2. विक्रम
  3. लक्ष्य-प्रदेय
  4. सर्व-राजोच्छेता

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘लक्ष्य-प्रदेय’ (Lakshya-pradeya) उपाधि समुद्रगुप्त द्वारा धारण नहीं की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त को उसकी विजयों और शौर्य के कारण ‘परक्रमांक’ (Parakramank) और ‘विक्रम’ (Vikram) जैसी उपाधियाँ दी गईं। ‘सर्व-राजोच्छेता’ (Sarva-rajochheta – सभी राजाओं का उच्छेदक) का उल्लेख उसके सिक्कों पर मिलता है, जो उसकी दिग्विजय की ओर संकेत करता है। ‘लक्ष्य-प्रदेय’ का अर्थ ‘इच्छित वस्तु प्रदान करने वाला’ हो सकता है, जो किसी अन्य शासक से संबंधित हो सकती है।
  • गलत विकल्प: ‘परक्रमांक’, ‘विक्रम’, और ‘सर्व-राजोच्छेता’ सभी समुद्रगुप्त से संबंधित हैं।

प्रश्न 6: ‘कविराज’ की उपाधि किस गुप्त शासक को दी गई थी?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. कुमारगुप्त प्रथम

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: समुद्रगुप्त को ‘कविराज’ की उपाधि दी गई थी, क्योंकि वह स्वयं एक उच्च कोटि का कवि था और संगीत का ज्ञाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: उसके सिक्कों पर उसे वीणा बजाते हुए दर्शाया गया है, जो उसके संगीत प्रेम और कलात्मक रुचि को प्रमाणित करता है। समुद्रगुप्त न केवल एक महान योद्धा था, बल्कि कला और साहित्य का भी संरक्षक था।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम को ‘महाराजाधिराज’ की उपाधि मिली थी। चंद्रगुप्त द्वितीय ‘विक्रमादित्य’ के नाम से प्रसिद्ध हुआ। कुमारगुप्त प्रथम को ‘महेंद्रादित्य’ कहा जाता था।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सा राजवंश ‘वराह’ को अपने राज्य-चिह्न के रूप में प्रयोग करता था?

  1. गुप्त
  2. चालुक्य
  3. पल्लव
  4. राष्ट्रकूट

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: चालुक्य वंश, विशेष रूप से बादामी के चालुक्य, अपने राज्य-चिह्न के रूप में ‘वराह’ (सूअर) का प्रयोग करते थे।
  • संदर्भ और विस्तार: यह वराह अवतार विष्णु का एक रूप है, और चालुक्य स्वयं को विष्णु का वंशज मानते थे। पुलकेशिन द्वितीय के कई अभिलेखों में वराह का उल्लेख उनके कुल-चिह्न के रूप में मिलता है।
  • गलत विकल्प: गुप्तों का गरुड़, पल्लवों का वृषभ (नंदी) और राष्ट्रकूटों का गरुड़ या सिंह राज्य-चिह्न थे।

प्रश्न 8: दिल्ली सल्तनत का कौन सा सुल्तान ‘लाख बख्श’ (हाथी दान करने वाला) के नाम से जाना जाता था?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. कुतुबुद्दीन ऐबक
  4. अलाउद्दीन खिलजी

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: कुतुबुद्दीन ऐबक, दिल्ली सल्तनत का संस्थापक और गुलाम वंश का पहला शासक, अपनी उदारता के कारण ‘लाख बख्श’ (लाखों का दान देने वाला) के रूप में प्रसिद्ध था।
  • संदर्भ और विस्तार: वह अपनी प्रजा के प्रति दयालु और दानशील था, और इसीलिए उसे यह उपाधि दी गई। वह दिल्ली की प्रसिद्ध कुतुब मीनार के निर्माण का आरंभकर्ता भी था।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश गुलामों का गुलाम और ऐबक का दामाद था, जो सल्तनत का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। बलबन लोह और रक्त की नीति के लिए जाना जाता है। अलाउद्दीन खिलजी एक महत्वाकांक्षी शासक था जिसने बाजार सुधार और सैन्य पुनर्गठन किया।

प्रश्न 9: ‘दीन-ए-इलाही’ की स्थापना किस मुगल सम्राट ने की थी?

  1. अकबर
  2. जहांगीर
  3. शाहजहां
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘दीन-ए-इलाही’ (Din-i-Ilahi) की स्थापना मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह एक धार्मिक दर्शन था जो सभी प्रमुख धर्मों के सिद्धांतों को मिलाकर एक नया धर्म बनाने का प्रयास था। इसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता और एकता को बढ़ावा देना था, लेकिन यह आम लोगों के बीच कभी लोकप्रिय नहीं हो सका और केवल कुछ ही दरबारी इसे मानते थे।
  • गलत विकल्प: जहांगीर कला और चित्रकला का संरक्षक था, शाहजहां स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है (ताजमहल), और औरंगजेब एक कट्टर सुन्नी मुसलमान था जिसने इस्लामी कानूनों को सख्ती से लागू किया।

प्रश्न 10: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक को ‘आंध्र पितामह’ कहा जाता था?

  1. कृष्णदेव राय
  2. देवराय प्रथम
  3. वीर नरसिंह
  4. देवराय द्वितीय

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक, कृष्णदेव राय को ‘आंध्र पितामह’ (Grandfather of Telugu literature) की उपाधि दी गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: उन्होंने तेलुगु साहित्य के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया और स्वयं एक कुशल कवि और लेखक थे। उन्होंने ‘अमुक्तमाल्यदा’ नामक एक महान कृति की रचना की। उनके शासनकाल को विजयनगर का स्वर्ण युग माना जाता है।
  • गलत विकल्प: देवराय प्रथम और द्वितीय भी महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन साहित्य में कृष्णदेव राय का योगदान अतुलनीय था। वीर नरसिंह ने संगम राजवंश के बाद तुलुव राजवंश की स्थापना की थी।

प्रश्न 11: ‘अष्टप्रधान’ का गठन किसने किया था?

  1. चंद्रगुप्त मौर्य
  2. अशोक
  3. समुद्रगुप्त
  4. शिवाजी

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज ने अपनी प्रशासनिक व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए ‘अष्टप्रधान’ (Ashtapradhan) नामक आठ मंत्रियों की एक परिषद का गठन किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस परिषद में पेशवा (प्रधान मंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (शाही पत्र व्यवहार), सुमंत (विदेश मंत्री), पंडितराव (धर्म अधिकारी),सेनापति (सेना प्रमुख), न्यायाधीश (न्याय प्रमुख), और पंडितराव (मुख्य पुरोहित) जैसे पद शामिल थे। यह परिषद राज्य के महत्वपूर्ण मामलों पर राजा को सलाह देती थी।
  • गलत विकल्प: मौर्य और गुप्त शासकों की अपनी मंत्री परिषदें थीं, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ शब्द विशेष रूप से शिवाजी की व्यवस्था से जुड़ा है।

प्रश्न 12: 1857 के विद्रोह के समय भारत का वायसराय कौन था?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड कैनिंग
  3. लॉर्ड लिटन
  4. लॉर्ड कर्जन

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल (जिसे बाद में वायसराय कहा जाने लगा) लॉर्ड कैनिंग था।
  • संदर्भ और विस्तार: विद्रोह के दमन के बाद, 1857 की क्रांति के परिणामस्वरूप भारत का शासन ब्रिटिश क्राउन के हाथों में चला गया, और कैनिंग भारत के पहले वायसराय बने।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी 1857 के विद्रोह से ठीक पहले गवर्नर-जनरल थे और उनकी व्यपगत सिद्धांत (Doctrine of Lapse) विद्रोह के कारणों में से एक मानी जाती है। लॉर्ड लिटन और लॉर्ड कर्जन बाद के वायसराय थे।

प्रश्न 13: ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा किसने दिया था?

  1. स्वामी विवेकानंद
  2. स्वामी दयानंद सरस्वती
  3. राजा राममोहन राय
  4. ईश्वर चंद्र विद्यासागर

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘वेदों की ओर लौटो’ (Go back to the Vedas) का प्रसिद्ध नारा स्वामी दयानंद सरस्वती ने दिया था, जो आर्य समाज के संस्थापक थे।
  • संदर्भ और विस्तार: उन्होंने वेदों को ज्ञान का सर्वोपरि स्रोत माना और समाज में फैली कुरीतियों, अंधविश्वासों और पश्चिमी प्रभाव का विरोध करते हुए प्राचीन भारतीय ज्ञान की ओर लौटने का आह्वान किया। उन्होंने ‘सत्यार्थ प्रकाश’ नामक पुस्तक भी लिखी।
  • गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे और उन्होंने भारतीय दर्शन को पश्चिमी देशों में प्रचारित किया। राजा राममोहन राय ब्रह्म समाज के संस्थापक थे, और ईश्वर चंद्र विद्यासागर एक महान समाज सुधारक थे जिन्होंने विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया।

प्रश्न 14: चौरी-चौरा कांड किस वर्ष हुआ था, जिसके कारण असहयोग आंदोलन स्थगित कर दिया गया था?

  1. 1920
  2. 1921
  3. 1922
  4. 1923

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: चौरी-चौरा कांड 5 फरवरी 1922 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में चौरी-चौरा नामक स्थान पर हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस घटना में, असहयोग आंदोलन के प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे। इस हिंसक घटना से आहत होकर, महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया, जो आंदोलन में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
  • गलत विकल्प: असहयोग आंदोलन 1920 में शुरू हुआ था, लेकिन चौरी-चौरा की घटना 1922 में हुई, जिसके कारण आंदोलन को रोका गया।

प्रश्न 15: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?

  1. 1928
  2. 1929
  3. 1930
  4. 1931

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: गांधी-इरविन समझौता (Gandhi-Irwin Pact) 5 मार्च 1931 को हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह समझौता महात्मा गांधी और तत्कालीन भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हुआ था। इसके तहत, सविनय अवज्ञा आंदोलन को निलंबित कर दिया गया और बदले में, सरकार ने राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और कुछ कानूनों को वापस लेने पर सहमति व्यक्त की। इस समझौते का उद्देश्य द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (Second Round Table Conference) में कांग्रेस की भागीदारी सुनिश्चित करना था।
  • गलत विकल्प: 1929 में लाहौर अधिवेशन हुआ जहाँ पूर्ण स्वराज की मांग की गई। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ और पहला गोलमेज सम्मेलन हुआ।

प्रश्न 16: ब्रिटिश भारत में ‘नियंत्रण का सिद्धांत’ (Doctrine of Paramountcy) किस वर्ष लागू किया गया?

  1. 1793
  2. 1813
  3. 1834
  4. 1858

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘नियंत्रण का सिद्धांत’ (Doctrine of Paramountcy) की औपचारिक घोषणा 1834 में की गई थी, जब लॉर्ड विलियम बेंटिंक भारत के गवर्नर-जनरल थे।
  • संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत के तहत, ब्रिटिश सरकार ने यह घोषित किया कि उसका भारतीय राज्यों पर सर्वोच्च अधिकार है और वह अपनी इच्छा के अनुसार उन राज्यों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर सकती है। यह सिद्धांत भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की विस्तारवादी और एकीकरणवादी नीतियों का एक महत्वपूर्ण पहलू था।
  • गलत विकल्प: 1793 में चार्टर अधिनियम आया, 1813 में कंपनी का एकाधिकार समाप्त किया गया, और 1858 में भारत शासन अधिनियम द्वारा भारत का शासन ब्रिटिश ताज के अधीन चला गया।

प्रश्न 17: 1947 में भारत के विभाजन के समय निम्नलिखित में से कौन सी रियासत ‘विलय पत्र’ पर हस्ताक्षर करने में सबसे अधिक हिचकिचा रही थी?

  1. जोधपुर
  2. हैदराबाद
  3. त्रावणकोर
  4. जूनागढ़

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: 1947 में भारत के विभाजन के समय, हैदराबाद रियासत (और कश्मीर भी) विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने में सबसे अधिक हिचकिचा रही थी। हालाँकि, हैदराबाद की स्थिति अधिक जटिल थी क्योंकि वह एक मुस्लिम शासक के अधीन बहुसंख्यक हिन्दू आबादी वाला राज्य था और पाकिस्तान में शामिल होने का प्रयास कर रहा था।
  • संदर्भ और विस्तार: अंततः, सितंबर 1948 में, भारतीय सेना द्वारा ‘ऑपरेशन पोलो’ चलाकर हैदराबाद को भारतीय संघ में मिलाया गया। जोधपुर, त्रावणकोर और जूनागढ़ (जो अंततः पाकिस्तान का हिस्सा बनने की कोशिश कर रहा था लेकिन भारत में मिला) ने भी शुरुआत में कुछ हिचकिचाहट दिखाई, लेकिन हैदराबाद का मामला अधिक चुनौतीपूर्ण था।
  • गलत विकल्प: जोधपुर, त्रावणकोर और जूनागढ़ ने भी देरी की, लेकिन हैदराबाद का मामला अपनी विशिष्ट परिस्थितियों के कारण अधिक प्रमुख था।

प्रश्न 18: ‘वन महोत्सव’ की शुरुआत किसने की थी?

  1. महात्मा गांधी
  2. जवाहरलाल नेहरू
  3. के. एम. मुंशी
  4. इंदिरा गांधी

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘वन महोत्सव’ (Van Mahotsav) की शुरुआत 1950 में भारत के तत्कालीन कृषि मंत्री के. एम. मुंशी (Kanaiyalal Maneklal Munshi) ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह एक वार्षिक वृक्षारोपण अभियान है जो भारत में जुलाई के पहले सप्ताह में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों में वृक्षारोपण और वनों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने पर्यावरण के संबंध में कई विचार रखे, लेकिन सीधे तौर पर वन महोत्सव की शुरुआत नहीं की। जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे और इंदिरा गांधी भी बाद में प्रधानमंत्री बनीं, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया, लेकिन वन महोत्सव की शुरुआत मुंशी ने की थी।

प्रश्न 19: ‘गीत गोविंद’ के रचयिता जयदेव किस शासक के दरबारी कवि थे?

  1. समरपाल
  2. लक्ष्मणसेन
  3. मदनपाल
  4. गोविंदचंद्र

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: जयदेव, संस्कृत के महान कवि और ‘गीत गोविंद’ के रचयिता, बंगाल के पाल वंश के शासक लक्ष्मणसेन (Laxman Sena) के दरबारी कवि थे।
  • संदर्भ और विस्तार: लक्ष्मणसेन 12वीं शताब्दी के अंत और 13वीं शताब्दी की शुरुआत में शासन करते थे और उनका दरबार कला और साहित्य के लिए प्रसिद्ध था। जयदेव के अलावा, हलायुध और उमापति धर जैसे अन्य विद्वान भी उनके दरबार में थे।
  • गलत विकल्प: ये सभी नाम पाल या संबंधित राजवंशों के शासकों के हो सकते हैं, लेकिन गीत गोविंद के रचनाकार जयदेव लक्ष्मणसेन के दरबारी थे।

प्रश्न 20: ‘कुतुब मीनार’ के निर्माण को किसने पूरा करवाया था?

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक
  2. इल्तुतमिश
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. फिरोजशाह तुगलक

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: दिल्ली की प्रसिद्ध कुतुब मीनार का निर्माण कार्य कुतुबुद्दीन ऐबक ने शुरू किया था, लेकिन इसे उनके दामाद और उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने पूरा करवाया था।
  • संदर्भ और विस्तार: ऐबक ने केवल पहली मंजिल का निर्माण करवाया था, जबकि इल्तुतमिश ने तीन और मंजिलें जुड़वाईं, जिससे मीनार पूरी हुई। बाद में, फिरोजशाह तुगलक ने मीनार के क्षतिग्रस्त ऊपरी मंजिलों की मरम्मत करवाई और एक और मंजिल जोड़ी।
  • गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक ने नींव रखी, अलाउद्दीन खिलजी का इसमें सीधा योगदान नहीं था, और फिरोजशाह तुगलक ने मरम्मत करवाई थी।

प्रश्न 21: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण क्या था?

  1. जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण
  2. ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फर्डिनेंड की हत्या
  3. रूस का ऑस्ट्रिया पर आक्रमण
  4. ब्रिटेन द्वारा जर्मनी पर युद्ध की घोषणा

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) का तात्कालिक कारण 28 जून 1914 को साराजेवो में ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की हत्या थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस हत्या को ऑस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य के सिंहासन के वारिस की हत्या के रूप में देखा गया, और यह घटना यूरोप में तनाव की एक श्रृंखला का हिस्सा थी जो अंततः युद्ध में परिणत हुई। इस हत्या के बाद ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया को अल्टीमेटम दिया, जिसके परिणामस्वरूप रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों को युद्ध में शामिल होना पड़ा।
  • गलत विकल्प: जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण द्वितीय विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण था। रूस का ऑस्ट्रिया पर आक्रमण या ब्रिटेन द्वारा जर्मनी पर युद्ध की घोषणा युद्ध के परिणाम थे, तात्कालिक कारण नहीं।

प्रश्न 22: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का प्रमुख नारा क्या था?

  1. स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
  2. राष्ट्रमंडल, गणतंत्र, स्वतंत्रता
  3. अधिकार, न्याय, शांति
  4. न्याय, विधि, व्यवस्था

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का सबसे प्रसिद्ध और केंद्रीय नारा ‘लिबर्टे, इगालिटे, फ्रेटरनिटे’ (Liberté, égalité, fraternité) था, जिसका अर्थ है ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’।
  • संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत क्रांति के मुख्य उद्देश्य थे और फ्रांसीसी गणराज्य के आदर्शों का आधार बने। इन्होंने राजाओं के निरंकुश शासन का विरोध किया और नागरिक अधिकारों तथा सामाजिक न्याय पर जोर दिया।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प सामान्य राजनीतिक या सामाजिक मूल्य व्यक्त करते हैं, लेकिन फ्रांसीसी क्रांति से विशेष रूप से ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ का नारा जुड़ा है।

प्रश्न 23: ‘पुनर्जागरण’ (Renaissance) की शुरुआत किस यूरोपीय देश में हुई?

  1. फ्रांस
  2. इंग्लैंड
  3. इटली
  4. स्पेन

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: पुनर्जागरण (Renaissance) की शुरुआत 14वीं शताब्दी में इटली में हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इटली के शहर जैसे फ्लोरेंस, वेनिस और रोम कला, साहित्य, विज्ञान और दर्शन के केंद्र बने। इस काल में प्राचीन ग्रीक और रोमन सभ्यताओं की कला और विचारों का पुनरुद्धार हुआ, जिसने मध्ययुगीन सोच से आधुनिक सोच की ओर परिवर्तन को बढ़ावा दिया। लियोनार्डो दा विंची, माइकल एंजेलो, राफेल जैसे महान कलाकार इसी काल के थे।
  • गलत विकल्प: फ्रांस, इंग्लैंड और स्पेन जैसे अन्य यूरोपीय देशों में भी पुनर्जागरण का प्रभाव पड़ा, लेकिन इसकी उत्पत्ति और प्रारंभिक विकास इटली में ही हुआ था।

प्रश्न 24: ‘औद्योगिक क्रांति’ का आरंभ सबसे पहले किस देश में हुआ?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. फ्रांस
  3. जर्मनी
  4. ग्रेट ब्रिटेन

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) की शुरुआत 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ग्रेट ब्रिटेन (इंग्लैंड) में हुई।
  • संदर्भ और विस्तार: ब्रिटेन में कई अनुकूल परिस्थितियाँ थीं, जैसे प्राकृतिक संसाधनों (कोयला, लौह अयस्क), नई तकनीकें (जैसे भाप इंजन), पूंजी की उपलब्धता, कुशल श्रम शक्ति और एक व्यापक औपनिवेशिक बाजार। इसने उत्पादन के तरीकों में बड़े बदलाव लाए, जिससे हस्तशिल्प से मशीनी उत्पादन की ओर बदलाव आया।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों में भी औद्योगिकीकरण हुआ, लेकिन वे ब्रिटेन के बाद के चरण में हुए।

प्रश्न 25: ‘साम्राज्यवाद’ (Imperialism) का एक महत्वपूर्ण चरण किस घटना के बाद शुरू हुआ?

  1. फ्रांसीसी क्रांति
  2. अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम
  3. प्रथम विश्व युद्ध
  4. औद्योगिक क्रांति

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘साम्राज्यवाद’ का एक महत्वपूर्ण और विस्तारित चरण औद्योगिक क्रांति के बाद शुरू हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: औद्योगिक क्रांति ने यूरोपीय देशों को बड़ी मात्रा में उत्पादन करने, नई तकनीकों (जैसे स्टीमशिप, टेलीग्राफ) का विकास करने और कच्चे माल की निरंतर आपूर्ति की आवश्यकता महसूस कराई। इसने उन्हें एशिया और अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में उपनिवेश स्थापित करने, बाजारों का विस्तार करने और अपने आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। 19वीं शताब्दी का उत्तरार्ध ‘नए साम्राज्यवाद’ का युग था।
  • गलत विकल्प: फ्रांसीसी क्रांति और अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम ने राष्ट्रीयता की भावना को बढ़ावा दिया, लेकिन वे सीधे तौर पर साम्राज्य विस्तार के कारक नहीं थे। प्रथम विश्व युद्ध के बाद साम्राज्यवाद का पतन शुरू हुआ, न कि विस्तार।

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