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ज्ञान की अग्निपरीक्षा: भारतीय राजव्यवस्था के 25 निर्णायक प्रश्न

ज्ञान की अग्निपरीक्षा: भारतीय राजव्यवस्था के 25 निर्णायक प्रश्न

नमस्कार, भारत के संविधान के विस्तृत और गतिशील परिदृश्य में आपका स्वागत है! अपनी संवैधानिक समझ की गहराई को परखने और ज्ञान के उच्चतम स्तर को प्राप्त करने के लिए तैयार हो जाइए। यह वो मंच है जहाँ आपकी संकल्पनाएं परखी जाएंगी, और आप भारतीय राजव्यवस्था की जटिलताओं में महारत हासिल करेंगे। आइए, आज के इस महा-परीक्षण के लिए कमर कस लें!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द किस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  4. 91वां संशोधन अधिनियम, 2003

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular) शब्द को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया था। इसी संशोधन द्वारा ‘समाजवादी’ (Socialist) और ‘अखंडता’ (Integrity) शब्दों को भी जोड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन ‘मिनी-कॉन्स्टीट्यूशन’ के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसने प्रस्तावना सहित संविधान के कई महत्वपूर्ण हिस्सों में परिवर्तन किए। इसका उद्देश्य भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित करना है।
  • गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर विधिक अधिकार बनाया, 73वें संशोधन ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया, और 91वें संशोधन ने दल-बदल विरोधी उपबंधों में संशोधन किया।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा कथन राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति के संबंध में सत्य नहीं है?

  1. यह शक्ति केवल तभी प्रयोग की जा सकती है जब संसद का कोई एक सदन सत्र में न हो।
  2. राष्ट्रपति अपनी संतुष्टि के अनुसार अध्यादेश जारी कर सकते हैं।
  3. संसद के दोनों सदनों के पुनः बैठने के छह सप्ताह के भीतर इसे अनुमोदित किया जाना चाहिए।
  4. यह राष्ट्रपति की विधायी शक्ति का एक असाधारण उपाय है।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान करता है। यह शक्ति तब प्रयोग की जाती है जब संसद के दोनों सदन सत्र में न हों, या जब केवल एक सदन सत्र में हो। कथन (a) गलत है क्योंकि अध्यादेश तब जारी किया जा सकता है जब संसद का कोई एक सदन या दोनों सदन सत्र में न हों, न कि केवल ‘कोई एक सदन’ सत्र में न हो।
  • संदर्भ और विस्तार: अध्यादेश का प्रभाव एक अधिनियम के समान ही होता है, लेकिन यह अस्थायी होता है। इसे संसद के पुनः सत्र में आने के छह सप्ताह के भीतर अनुमोदित होना चाहिए, अन्यथा यह समाप्त हो जाता है। यह एक असाधारण शक्ति है जिसका प्रयोग केवल तब किया जाता है जब तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता हो और संसद सत्र में न हो।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति अपनी संतुष्टि पर अध्यादेश जारी करते हैं (कथन b)। संसद के दोनों सदनों के पुनः बैठने के छह सप्ताह के भीतर (अर्थात् 42 दिन) इसे अनुमोदित किया जाना चाहिए (कथन c)। यह निश्चित रूप से राष्ट्रपति की विधायी शक्ति का एक असाधारण उपाय है (कथन d)।

प्रश्न 3: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत संसद को नए राज्यों के निर्माण और मौजूदा राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन करने की शक्ति प्राप्त है?

  1. अनुच्छेद 3
  2. अनुच्छेद 1
  3. अनुच्छेद 2
  4. अनुच्छेद 4

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 3 संसद को यह शक्ति देता है कि वह नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना, नए राज्यों का गठन, या ऐसे राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन कर सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह एक महत्वपूर्ण शक्ति है जो केंद्र सरकार को देश के भौगोलिक और राजनीतिक पुनर्गठन की अनुमति देती है। हालांकि, ऐसे किसी भी विधेयक को, जो किसी राज्य की सीमा या नाम बदलने से संबंधित हो, संबंधित राज्य विधानमंडल के समक्ष उसकी राय जानने के लिए भेजा जाना आवश्यक है, लेकिन यह राय संसद पर बाध्यकारी नहीं होती।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 1 भारत को ‘राज्यों का संघ’ बताता है। अनुच्छेद 2 नए राज्यों के प्रवेश या स्थापना से संबंधित है, जबकि अनुच्छेद 3 भारत के भीतर मौजूदा राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन से संबंधित है। अनुच्छेद 4 के अनुसार, अनुच्छेद 2 और 3 के तहत किए गए कानून अनुच्छेद 368 के तहत संविधान संशोधन नहीं माने जाएंगे।

प्रश्न 4: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में ‘कॉलेजियम प्रणाली’ का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में किया गया है?

  1. अनुच्छेद 124
  2. अनुच्छेद 217
  3. अनुच्छेद 129
  4. संविधान में कहीं भी नहीं

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: कॉलेजियम प्रणाली, जो न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया को नियंत्रित करती है, का संविधान में कहीं भी स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं है। यह न्यायिक व्याख्याओं (जैसे ‘द्वितीय न्यायाधीश मामले’ – 1993 और ‘तृतीय न्यायाधीश मामले’ – 1998) और विधायी अधिनियमों (जैसे 99वें संशोधन और NJAC अधिनियम, जिन्हें बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया) के माध्यम से विकसित हुई है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 124 (1) राष्ट्रपति को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति का अधिकार देता है, लेकिन यह बताता है कि नियुक्ति ‘अन्य न्यायाधीशों से परामर्श के बाद’ की जाएगी। यह ‘परामर्श’ ही कॉलेजियम प्रणाली का आधार बना। अनुच्छेद 217 उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित है, और अनुच्छेद 129 सर्वोच्च न्यायालय को एक ‘अभिलिखित न्यायालय’ (Court of Record) होने के नाते अपनी अवमानना के लिए दंडित करने की शक्ति देता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 124 नियुक्ति की प्रक्रिया को पूरी तरह से स्पष्ट नहीं करता, यह केवल राष्ट्रपति को नियुक्ति का अधिकार देता है। अनुच्छेद 217 उच्च न्यायालयों के लिए है। अनुच्छेद 129 न्यायिक अवमानना से संबंधित है।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत ‘जीवन के अधिकार’ (Right to Life) में शामिल नहीं है?

  1. गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार
  2. प्रदूषण मुक्त हवा में सांस लेने का अधिकार
  3. अस्पताल में उचित चिकित्सा उपचार प्राप्त करने का अधिकार
  4. सरकार द्वारा आयोजित निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 21 ‘जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा’ प्रदान करता है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने विभिन्न निर्णयों में इसका दायरा बहुत विस्तृत किया है। गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार, प्रदूषण मुक्त हवा में सांस लेने का अधिकार, और अस्पताल में उचित चिकित्सा उपचार का अधिकार सभी अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार में शामिल किए गए हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार’ (Right to a Fair Trial) मुख्य रूप से अनुच्छेद 20 (2) (दोहरे खतरे से सुरक्षा) और अनुच्छेद 22 (गिरफ्तारी और निरोध से सुरक्षा) के तहत आता है, न कि सीधे अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार के अंतर्गत। यद्यपि एक निष्पक्ष सुनवाई जीवन के अधिकार से जुड़ी हो सकती है, यह प्रत्यक्ष रूप से इसका भाग नहीं है जैसा कि अन्य विकल्प हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 21 के तहत सर्वोच्च न्यायालय ने अनेक अधिकार शामिल किए हैं, जैसे – गरिमापूर्ण जीवन (मेनका गांधी बनाम भारत संघ), स्वच्छ पर्यावरण (विकास चान्रा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया), शिक्षा (मोहिनी जैन बनाम कर्नाटक राज्य), निजता (के.एस. पुट्टस्वामी बनाम भारत संघ) आदि। निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार मुख्य रूप से आपराधिक प्रक्रिया से संबंधित है।

प्रश्न 6: किस अनुच्छेद के तहत, राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों को न्यायालय द्वारा लागू नहीं किया जा सकता?

  1. अनुच्छेद 37
  2. अनुच्छेद 36
  3. अनुच्छेद 39
  4. अनुच्छेद 40

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 37 स्पष्ट रूप से कहता है कि इस भाग में अंतर्विष्ट उपबंध किसी भी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं होंगे, तथापि, इन सिद्धांतों को देश के शासन में मूलभूत माना जाएगा और विधि बनाने में इस सिद्धांत को लागू करना राज्य का कर्तव्य होगा।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका अर्थ है कि निर्देशक सिद्धांत ‘न्यायिक प्रवर्तनीय’ (Justiciable) नहीं हैं, यानी इनके उल्लंघन पर आप सीधे न्यायालय में नहीं जा सकते। हालांकि, ये सरकार के लिए कानून बनाते समय मार्गदर्शन का काम करते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 36 में ‘राज्य’ की परिभाषा दी गई है। अनुच्छेद 39 कुछ नीति-निर्देशक सिद्धांतों का उल्लेख करता है, और अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों के गठन से संबंधित है।

प्रश्न 7: भारतीय संविधान में ‘समवर्ती सूची’ (Concurrent List) की अवधारणा किस देश के संविधान से ली गई है?

  1. ऑस्ट्रेलिया
  2. कनाडा
  3. संयुक्त राज्य अमेरिका
  4. जर्मनी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: समवर्ती सूची की अवधारणा, जिसमें संघ और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं (लेकिन गतिरोध की स्थिति में संघ का कानून मान्य होता है), को भारतीय संविधान में ऑस्ट्रेलिया के संविधान से प्रेरित होकर शामिल किया गया है। सातवीं अनुसूची में संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची का वर्णन है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह भारत की संघीय व्यवस्था में एक अनूठा पहलू है, जो कनाडा के संघवाद से भिन्न है जहाँ अवशिष्ट शक्तियाँ केंद्र के पास हैं। ऑस्ट्रेलिया के संविधान में भी संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के विभाजन के लिए एक समवर्ती सूची का प्रावधान है।
  • गलत विकल्प: कनाडा से ‘संघीय प्रणाली’ (अवशिष्ट शक्तियां केंद्र के पास) और ‘मंत्रिमंडल प्रणाली’ ली गई है। संयुक्त राज्य अमेरिका से ‘मौलिक अधिकार’, ‘न्यायिक पुनर्विलोकन’, ‘उपराष्ट्रपति का पद’ और ‘राज्यों की समानता’ (सीनेट में) ली गई है। जर्मनी से ‘आपातकालीन उपबंध’ लिए गए हैं।

प्रश्न 8: भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) अपना प्रतिवेदन किसको प्रस्तुत करता है?

  1. राष्ट्रपति को
  2. प्रधानमंत्री को
  3. लोकसभा अध्यक्ष को
  4. वित्त मंत्री को

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) अपना प्रतिवेदन, संघ के लेखाओं से संबंधित, राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है (अनुच्छेद 151(1))। इसी प्रकार, राज्यों के लेखाओं से संबंधित प्रतिवेदन संबंधित राज्य के राज्यपाल को प्रस्तुत करता है (अनुच्छेद 151(2))।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति इन प्रतिवेदनों को संसद या संबंधित राज्य के विधानमंडल के समक्ष रखवाते हैं, जहाँ उन पर लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) द्वारा विचार किया जाता है। CAG सरकार के व्यय की जांच करता है और सुनिश्चित करता है कि व्यय निर्धारित नियमों के अनुसार हुआ है।
  • गलत विकल्प: CAG सीधे प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या वित्त मंत्री को अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करता। राष्ट्रपति मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं।

प्रश्न 9: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रीय अनु0 जातियों (SC) आयोग का गठन किया गया है?

  1. अनुच्छेद 338
  2. अनुच्छेद 338A
  3. अनुच्छेद 339
  4. अनुच्छेद 340

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 338 मूल रूप से राष्ट्रीय अनु0 जातियों (SC) और अनु0 जन जातियों (ST) दोनों के लिए एक आयोग की व्यवस्था करता था। 89वें संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा, अनुच्छेद 338 को संशोधित किया गया और एक नया अनुच्छेद 338A जोड़ा गया, जिसने अनु0 जन जातियों (ST) के लिए एक अलग राष्ट्रीय आयोग की स्थापना की। इसलिए, राष्ट्रीय अनु0 जातियों (SC) आयोग का गठन अनुच्छेद 338 के तहत ही होता है (हालांकि बाद में उसमें संशोधन हुआ)।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय अनु0 जातियों का आयोग संवैधानिक निकाय है और इसका कार्य अनु0 जातियों के अधिकारों की सुरक्षा करना, उनके साथ हो रहे अत्याचारों की जांच करना और उनके विकास के लिए सिफारिशें करना है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 338A अब राष्ट्रीय अनु0 जन जातियों (ST) आयोग से संबंधित है। अनुच्छेद 339 SC/ST के प्रशासन और कल्याण से संबंधित कुछ राज्यों के संबंध में रिपोर्ट करने के लिए राष्ट्रपति को अधिकार देता है। अनुच्छेद 340 पिछड़े वर्गों की दशाओं की जांच के लिए आयोग की नियुक्ति से संबंधित है।

प्रश्न 10: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने वाला 73वां संशोधन अधिनियम, 1992, भारतीय संविधान के किस भाग में एक नया भाग IX जोड़ता है?

  1. भाग IX
  2. भाग VII
  3. भाग X
  4. भाग XI

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में एक नया भाग IX जोड़ा, जो ‘पंचायतें’ (The Panchayats) को समर्पित है। इस भाग में अनुच्छेद 243 से 243-O तक के अनुच्छेद शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने देश में पंचायती राज संस्थाओं (ग्राम पंचायत, ब्लॉक समिति, जिला परिषद) को त्रि-स्तरीय स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में संवैधानिक मान्यता दी, जिससे उन्हें अधिक अधिकार और वित्तीय संसाधन प्राप्त हुए। इसके साथ ही, संविधान में एक नई 11वीं अनुसूची भी जोड़ी गई।
  • गलत विकल्प: भाग VII (अब निरसित), भाग X (अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र), और भाग XI (संघ और राज्यों के बीच संबंध) पंचायती राज से संबंधित नहीं हैं।

प्रश्न 11: राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) की घोषणा केवल ______ के आधार पर की जा सकती है?

  1. युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह
  2. राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता
  3. देश की वित्तीय स्थिरता का संकट
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा केवल ‘युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह’ के आधार पर की जा सकती है। 1978 के 44वें संशोधन से पहले ‘आंतरिक अशांति’ आधार था, जिसे बदलकर ‘सशस्त्र विद्रोह’ कर दिया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि आपातकाल का दुरुपयोग न हो। राष्ट्रीय आपातकाल के तहत, मूल अधिकारों (अनुच्छेद 19 को छोड़कर) को निलंबित किया जा सकता है, और अनुच्छेद 19 के तहत अधिकारों का निलंबन अनुच्छेद 352 के तहत केवल युद्ध या बाह्य आक्रमण के आधार पर की गई घोषणा पर ही लागू होता है।
  • गलत विकल्प: राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता के आधार पर अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है, और देश की वित्तीय स्थिरता के संकट के आधार पर अनुच्छेद 360 के तहत वित्तीय आपातकाल लगाया जाता है।

प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘अनुच्छेद 14’ (समानता का अधिकार) के बारे में असत्य है?

  1. यह विधि के समक्ष समानता की बात करता है।
  2. यह विधियों के समान संरक्षण की बात करता है।
  3. यह केवल नागरिकों को प्राप्त है।
  4. यह तर्कसंगत वर्गीकरण की अनुमति देता है।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 14 ‘कानून के समक्ष समानता’ (विधि के समक्ष क्षमता) और ‘कानूनों के समान संरक्षण’ दोनों की बात करता है। ‘कानून के समक्ष क्षमता’ ब्रिटिश मूल की है, और ‘कानूनों के समान संरक्षण’ अमेरिकी मूल का है। ये अधिकार न केवल नागरिकों बल्कि राज्य क्षेत्र में रहने वाले सभी व्यक्तियों (गैर-नागरिकों सहित) को प्राप्त हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: हालांकि, यह अधिकार मनमाने ढंग से व्यक्तियों के साथ भेदभाव की अनुमति नहीं देता। यह तर्कसंगत वर्गीकरण की अनुमति देता है, जिसका अर्थ है कि समान लोगों के साथ समान व्यवहार किया जाएगा और असमान लोगों के साथ असमान व्यवहार किया जाएगा, बशर्ते वर्गीकरण मनमाना, अनिश्चित या अतार्किक न हो।
  • गलत विकल्प: कथन (a) और (b) सत्य हैं। कथन (d) भी सत्य है क्योंकि अनुच्छेद 14 तर्कसंगत वर्गीकरण की अनुमति देता है। कथन (c) असत्य है क्योंकि अनुच्छेद 14 सभी व्यक्तियों के लिए है, न कि केवल नागरिकों के लिए।

प्रश्न 13: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ का उल्लेख किस रूप में किया गया है?

  1. सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक
  2. केवल आर्थिक और राजनीतिक
  3. केवल सामाजिक और धार्मिक
  4. सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का आश्वासन देती है। यह हमारे संविधान का एक महत्वपूर्ण आदर्श है, जो यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिकों को समाज में समान दर्जा मिले, उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाए और उन्हें शासन में भाग लेने का अवसर मिले।
  • संदर्भ और विस्तार: इन तीनों प्रकार के न्याय को मौलिक अधिकारों (जैसे समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार) और राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों (जैसे समान कार्य के लिए समान वेतन, ग्राम पंचायत) के माध्यम से प्राप्त करने का प्रयास किया गया है।
  • गलत विकल्प: प्रस्तावना में धार्मिक न्याय का स्पष्ट उल्लेख नहीं है, हालांकि पंथनिरपेक्षता (Secularism) की अवधारणा अप्रत्यक्ष रूप से इसे समाहित करती है।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारत के उपराष्ट्रपति के संबंध में सत्य नहीं है?

  1. वह राज्यसभा का पदेन सभापति होता है।
  2. उसे संसद के दोनों सदनों द्वारा एक विशेष बहुमत से हटाया जा सकता है।
  3. वह राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए वेतन का हकदार होता है।
  4. उसकी अनुपस्थिति में, राष्ट्रपति का पद खाली होने पर, वह कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है (अनुच्छेद 64)। उसे राज्यसभा के तत्कालीन सभी सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प द्वारा हटाया जा सकता है, जिस पर लोक सभा की सहमति आवश्यक है (अनुच्छेद 67)। जब उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है, तब वह राष्ट्रपति के रूप में वेतन का हकदार होता है, न कि उपराष्ट्रपति के रूप में (अनुच्छेद 65)।
  • संदर्भ और विस्तार: जब राष्ट्रपति का पद आकस्मिक रिक्ति (मृत्यु, त्यागपत्र, पदच्युति) के कारण रिक्त होता है, तो उपराष्ट्रपति उस रिक्ति के समय तक राष्ट्रपति के कार्यों का निर्वहन करता है।
  • गलत विकल्प: उपराष्ट्रपति उपराष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान वेतन का हकदार होता है, न कि राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते समय। जब वह राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है, तब उसे राष्ट्रपति के पद के अनुसार वेतन मिलता है।

प्रश्न 15: संविधान के किस संशोधन ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों के आरक्षण की अवधि को 70 वर्ष तक बढ़ा दिया?

  1. 104वां संशोधन अधिनियम, 2019
  2. 95वां संशोधन अधिनियम, 2009
  3. 93वां संशोधन अधिनियम, 2005
  4. 103वां संशोधन अधिनियम, 2019

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 104वें संशोधन अधिनियम, 2019 ने संविधान के अनुच्छेद 334 में संशोधन किया, जिससे लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) के लिए सीटों के आरक्षण की अवधि को 25 जनवरी, 2020 से आगे 10 वर्षों के लिए, यानी 25 जनवरी, 2030 तक बढ़ा दिया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने एंग्लो-इंडियन समुदाय के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में नामांकन की व्यवस्था को समाप्त कर दिया। पहले यह आरक्षण 70 वर्ष (2020 तक) के लिए था, जिसे 104वें संशोधन ने 2030 तक बढ़ा दिया।
  • गलत विकल्प: 95वें संशोधन (2009) ने इसे 2010 तक बढ़ाया था। 93वें संशोधन (2005) ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की व्यवस्था की। 103वें संशोधन (2019) ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए आरक्षण प्रदान किया।

प्रश्न 16: सर्वोच्च न्यायालय के परामर्श क्षेत्राधिकार (Advisory Jurisdiction) का उल्लेख किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 143
  2. अनुच्छेद 131
  3. अनुच्छेद 132
  4. अनुच्छेद 137

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को यह शक्ति देता है कि वह सार्वजनिक महत्व के किसी भी प्रश्न पर, जो विधि या तथ्य के प्रश्न के रूप में हो, सर्वोच्च न्यायालय की राय मांग सकता है। यह सर्वोच्च न्यायालय का परामर्श क्षेत्राधिकार कहलाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय को ऐसे मामले सौंप सकता है: (1) कोई भी प्रश्न जो संविधान के लागू होने से पहले हुए किसी भी संधि, करार, अभिसमय, प्रसंविदा, सनद या उसी तरह के अन्य लिखतों से उत्पन्न हुआ हो, या (2) कोई भी प्रश्न जो सार्वजनिक महत्व का हो या किसी विशिष्ट विधि या तथ्य के प्रश्न पर राय रखना चाहता हो। सर्वोच्च न्यायालय की राय राष्ट्रपति पर बाध्यकारी नहीं होती।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 131 सर्वोच्च न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार से संबंधित है। अनुच्छेद 132 अपीलीय क्षेत्राधिकार से संबंधित है। अनुच्छेद 137 सर्वोच्च न्यायालय की अपने ही निर्णयों की पुनरीक्षा की शक्ति से संबंधित है।

प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सा संवैधानिक निकाय नहीं है?

  1. चुनाव आयोग
  2. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
  3. वित्त आयोग
  4. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) भारतीय संविधान द्वारा स्थापित संवैधानिक निकाय हैं, जिनके गठन और कार्यों का उल्लेख संविधान में किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक वैधानिक निकाय है। इसका गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत किया गया था, न कि सीधे संविधान के तहत।
  • गलत विकल्प: अन्य सभी विकल्प (a, b, c) संवैधानिक निकायों के उदाहरण हैं। NHRC का गठन संसद के एक अधिनियम द्वारा किया गया है, इसलिए यह संवैधानिक न होकर वैधानिक है।

प्रश्न 18: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत, संसद को नागरिकता के संबंध में विधि बनाने की शक्ति प्रदान की गई है?

  1. अनुच्छेद 11
  2. अनुच्छेद 9
  3. अनुच्छेद 10
  4. अनुच्छेद 12

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 11 स्पष्ट रूप से कहता है कि संसद को नागरिकता के संबंध में विधि बनाने की शक्ति होगी। इस शक्ति का प्रयोग करते हुए संसद ने नागरिकता अधिनियम, 1955 पारित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद संसद को नागरिकता प्राप्त करने और समाप्त करने के विषयों पर कानून बनाने का अधिकार देता है, जो मूल अधिकारों (भाग III) से अलग है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 9 कहता है कि जो व्यक्ति स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता प्राप्त कर लेता है, वह अब भारत का नागरिक नहीं होगा। अनुच्छेद 10 कहता है कि प्रत्येक व्यक्ति जो नागरिक समझा जाता है, या नागरिक माना जाता रहेगा, वह ऐसे सभी उपबंधों के अधीन होगा जो संसद द्वारा बनाए गए किसी भी विधि के अनुसार इस बारे में बनाए जाएं। अनुच्छेद 12 ‘राज्य’ की परिभाषा देता है।

प्रश्न 19: भारतीय संविधान की ‘मौलिक कत्र्तव्यों’ (Fundamental Duties) को किस समिति की सिफारिशों के आधार पर जोड़ा गया?

  1. सरदार स्वर्ण सिंह समिति
  2. एल.एम. सिंघवी समिति
  3. वेंकटचलैया समिति
  4. सहयोग समिति

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक कत्र्तव्यों को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51-A के तहत जोड़ा गया। ये कर्तव्य सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर आधारित थे।
  • संदर्भ और विस्तार: समिति ने मूल रूप से 8 मौलिक कर्तव्यों को जोड़ने की सिफारिश की थी, लेकिन 42वें संशोधन द्वारा 10 मौलिक कर्तव्यों को जोड़ा गया। बाद में 86वें संशोधन, 2002 द्वारा एक और कर्तव्य (शिक्षा के अवसर प्रदान करना) जोड़ा गया, जिससे कुल संख्या 11 हो गई।
  • गलत विकल्प: एल.एम. सिंघवी समिति ने पंचायती राज संस्थाओं के संवैधानिककरण की सिफारिश की थी। वेंकटचलैया समिति ने संविधान की कार्यप्रणाली की समीक्षा की थी।

प्रश्न 20: अनुच्छेद 368 के अनुसार, संविधान संशोधन विधेयक को पारित करने के लिए संसद के प्रत्येक सदन में क्या आवश्यक है?

  1. सदस्यों के कुल बहुमत तथा उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत
  2. सदस्यों के कुल बहुमत
  3. उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का साधारण बहुमत
  4. उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के तीन-चौथाई बहुमत

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 368 (2) के अनुसार, संविधान के अधिकांश उपबंधों में संशोधन के लिए संसद के प्रत्येक सदन में उस सदन की कुल सदस्यता के बहुमत द्वारा और उस सदन के कुल सदस्यों में से कम से कम दो-तिहाई उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के बहुमत द्वारा पारित होना आवश्यक है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह ‘विशेष बहुमत’ कहलाता है। कुछ विशिष्ट मामलों में (जैसे राष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित), आधे से अधिक राज्यों के विधानमंडलों द्वारा अनुसमर्थन की भी आवश्यकता होती है।
  • गलत विकल्प: केवल कुल बहुमत (b) या साधारण बहुमत (c) पर्याप्त नहीं है। तीन-चौथाई बहुमत (d) कुछ मामलों में आवश्यक हो सकता है, लेकिन मुख्य रूप से विशेष बहुमत (a) ही सामान्य नियम है।

प्रश्न 21: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की स्थापना किस वर्ष हुई?

  1. 1964
  2. 1954
  3. 1971
  4. 1980

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की स्थापना 1964 में हुई थी। यह एक वैधानिक निकाय है, जिसका गठन सरकार के प्रस्ताव द्वारा किया गया था। बाद में, 2003 में संसद द्वारा पारित एक अधिनियम द्वारा इसे वैधानिक दर्जा प्रदान किया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: CVC का मुख्य कार्य केंद्र सरकार की संस्थाओं में भ्रष्टाचार को रोकना है। यह किसी विशेष अनुच्छेद के तहत स्थापित नहीं है, बल्कि एक ‘असांविधिक’ (non-statutory) या ‘वैधानिक’ (statutory) निकाय है।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प गलत हैं।

प्रश्न 22: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘राज्य’ को 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खतरनाक व्यवसायों, कारखानों या खानों में नियोजित करने से रोकता है?

  1. अनुच्छेद 24
  2. अनुच्छेद 23
  3. अनुच्छेद 21
  4. अनुच्छेद 25

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 24 स्पष्ट रूप से कहता है कि 14 वर्ष से कम आयु के किसी भी बच्चे को किसी भी कारखाने या खान में काम करने के लिए या किसी अन्य नियोजन में नहीं लगाया जाएगा। यह बाल श्रम के विरुद्ध एक मौलिक अधिकार है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अधिकार पूर्ण है और केवल नागरिकों के लिए नहीं, बल्कि सभी व्यक्तियों (बच्चों) के लिए उपलब्ध है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 23 मानव के दुर्व्यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा से संबंधित है। अनुच्छेद 25 धर्म की स्वतंत्रता से संबंधित है।

प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारत के महान्यायवादी (Attorney General) के संबंध में असत्य है?

  1. वह राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
  2. वह भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है।
  3. वह संसद की किसी भी कार्यवाही में भाग ले सकता है, लेकिन मतदान नहीं कर सकता।
  4. उसकी योग्यताएँ सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान होती हैं।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 76 के तहत की जाती है। वह भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है। उसकी योग्यताएँ सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने की योग्यता के समान होती हैं (अनुच्छेद 76(4))।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी संसद के किसी भी सदन की कार्यवाही में भाग ले सकता है और उसकी समितियों में बोल सकता है, लेकिन उसे मत देने का अधिकार नहीं है (अनुच्छेद 88)।
  • गलत विकल्प: कथन (c) गलत है। महान्यायवादी को संसद के सदनों में बोलने का अधिकार है, न कि केवल भाग लेने का।

प्रश्न 24: भारतीय संविधान के किस भाग में ‘राज्य की कार्यपालिका’ (Executive of the States) का वर्णन है?

  1. भाग VI
  2. भाग V
  3. भाग IV
  4. भाग III

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग VI, अनुच्छेद 152 से 237 तक, राज्यों के प्रशासन से संबंधित है। इसमें राज्यपाल, राज्य की कार्यपालिका, राज्य विधानमंडल, उच्च न्यायालय आदि का वर्णन है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह भाग बताता है कि राज्य की कार्यपालिका में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद और राज्य का महाधिवक्ता शामिल होते हैं।
  • गलत विकल्प: भाग V संघ की कार्यपालिका से संबंधित है। भाग IV राज्य की नीति के निर्देशक तत्वों से संबंधित है। भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है।

प्रश्न 25: भारतीय संविधान में ‘संविधान की सर्वोच्चता’ (Supremacy of the Constitution) का सिद्धांत किस देश के संविधान से सबसे अधिक प्रभावित है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. यूनाइटेड किंगडम
  3. कनाडा
  4. आयरलैंड

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में ‘संविधान की सर्वोच्चता’ का सिद्धांत, जिसका अर्थ है कि संविधान सर्वोपरि है और सरकार की सभी शाखाएँ (विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका) उसी के अधीन हैं, संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से सबसे अधिक प्रभावित है। न्यायिक पुनर्विलोकन (Judicial Review) की शक्ति भी इसी से जुड़ी है।
  • संदर्भ और विस्तार: यद्यपि भारत का संविधान लिखित है और एक ‘लिखित संविधान’ की सर्वोच्चता का विचार अमेरिका से आता है, भारतीय संदर्भ में कुछ भिन्नताएँ हैं, जैसे कि संसद की संशोधन शक्ति, जो अमेरिका की तुलना में अधिक है। फिर भी, मूल सिद्धांत का प्रभाव स्पष्ट है।
  • गलत विकल्प: यूनाइटेड किंगडम में ‘संसद की सर्वोच्चता’ (Parliamentary Supremacy) है, संविधान की नहीं। कनाडा और आयरलैंड से लिए गए अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान हैं, लेकिन संविधान की सर्वोच्चता के सिद्धांत पर अमेरिका का प्रभाव सबसे प्रत्यक्ष है।

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