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ज्ञान का रण: भारतीय संविधान पर आपकी पकड़ का इम्तिहान

ज्ञान का रण: भारतीय संविधान पर आपकी पकड़ का इम्तिहान

नमस्कार, भविष्य के प्रशासकों! भारतीय लोकतंत्र के विशाल और जटिल ढांचे को समझना आपके प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज, हम आपको राजव्यवस्था के इस समंदर में गहराई से उतरने और अपने वैचारिक ज्ञान की परख करने के लिए आमंत्रित करते हैं। तैयार हो जाइए, क्योंकि ये 25 प्रश्न आपकी तैयारी के स्तर को एक नई दिशा देंगे!

भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा रीट, सार्वजनिक प्राधिकरण को अपना कर्तव्य करने के लिए जारी किया जाता है?

  1. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
  2. परमादेश (Mandamus)
  3. उत्प्रेषण (Certiorari)
  4. प्रतिषेध (Prohibition)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘परमादेश’ (Mandamus) का शाब्दिक अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’। यह किसी उच्च न्यायालय द्वारा किसी निचली अदालत, न्यायाधिकरण या सार्वजनिक प्राधिकरण को एक सार्वजनिक या सांविधिक कर्तव्य करने के लिए जारी किया जाता है। यह अधिकार सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 226 के तहत प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसे किसी निजी व्यक्ति या निकाय के खिलाफ, या राष्ट्रपति या राज्यपालों के खिलाफ जारी नहीं किया जा सकता है। यह किसी ऐसे लोक कर्तव्य को करने का आदेश है जो कानून द्वारा अनिवार्य है।
  • गलत विकल्प: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ (Habeas Corpus) किसी व्यक्ति को अदालत में पेश करने के लिए जारी किया जाता है; ‘उत्प्रेषण’ (Certiorari) निचली अदालत के किसी आदेश को रद्द करने के लिए; और ‘प्रतिषेध’ (Prohibition) किसी निचली अदालत को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकने के लिए जारी किया जाता है।

प्रश्न 2: संसद सदस्य की, दलबदल के अतिरिक्त अन्य आधारों पर, निरर्हता (disqualification) के संबंध में निर्णय लेने की शक्ति किसमें निहित है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. लोकसभा का अध्यक्ष
  3. राज्यसभा का सभापति
  4. भारत का सर्वोच्च न्यायालय

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संसद सदस्य की, दलबदल (दसवीं अनुसूची) के अतिरिक्त अन्य आधारों (जैसे लाभ का पद धारण करना) पर निरर्हता के संबंध में निर्णय लेने की शक्ति भारत के राष्ट्रपति में निहित है, जैसा कि अनुच्छेद 103 में प्रावधान है।
  • संदर्भ और विस्तार: हालांकि, राष्ट्रपति ऐसे मामलों में चुनाव आयोग की राय के अनुसार कार्य करता है। दलबदल के आधार पर निरर्हता का निर्णय सदन के अध्यक्ष (लोकसभा में अध्यक्ष, राज्यसभा में सभापति) द्वारा दसवीं अनुसूची के तहत किया जाता है।
  • गलत विकल्प: लोकसभा का अध्यक्ष केवल दसवीं अनुसूची के तहत दलबदल के आधार पर निरर्हता का निर्णय लेता है, न कि सामान्य आधारों पर। भारत का सर्वोच्च न्यायालय न्यायिक समीक्षा कर सकता है, लेकिन प्रारंभिक निर्णयकर्ता राष्ट्रपति ही होता है।

प्रश्न 3: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘संप्रभुता’, ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘लोकतांत्रिक’ जैसे शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़े गए?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 61वां संशोधन अधिनियम, 1989

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ (Socialist), ‘धर्मनिरपेक्ष’ (Secular), और ‘अखंडता’ (Integrity) शब्द 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़े गए थे। ‘संप्रभु’ और ‘लोकतांत्रिक’ शब्द मूल रूप से प्रस्तावना में शामिल थे। (नोट: प्रश्न में ‘अखंडता’ नहीं पूछा गया है, केवल ‘संप्रभु’, ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘लोकतांत्रिक’ पूछा गया है। ‘संप्रभु’ और ‘लोकतांत्रिक’ मूल संविधान में थे, जबकि ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ 42वें संशोधन द्वारा जोड़े गए।)
  • संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारतीय राज्य की प्रकृति को और स्पष्ट करना और इसके सामाजिक-आर्थिक उद्देश्यों पर जोर देना था। केशवानंद भारती मामले (1973) के बाद यह संशोधन हुआ, जिसने प्रस्तावना को संविधान का हिस्सा माना।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटा दिया और कुछ अन्य बदलाव किए। 52वां संशोधन (1985) ने दसवीं अनुसूची (दलबदल विरोधी कानून) जोड़ी। 61वां संशोधन (1989) ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन भारतीय संसद का अनन्य अधिकार क्षेत्र है?

  1. संसद के समक्ष याचिकाएँ प्रस्तुत करना
  2. संसद के सदनों का सत्रावसान करना
  3. संसद के सदस्यों के विशेषाधिकारों का अवधारण (determination)
  4. संसद के समक्ष वार्षिक वित्तीय विवरण (Union Budget) प्रस्तुत करना

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संसद के सदस्यों के विशेषाधिकारों का अवधारण (determination) करना संसद का एक अनन्य अधिकार क्षेत्र है (अनुच्छेद 105)।
  • संदर्भ और विस्तार: संसद अपने सदस्यों के विशेषाधिकारों को निर्धारित कर सकती है, जो भारत के संविधान द्वारा उन्हें प्रदान किए गए हैं।
  • गलत विकल्प: (a) संसद के समक्ष याचिकाएँ प्रस्तुत करना एक सामान्य अधिकार है, लेकिन उसका अवधारण विशेषाधिकार है। (b) सदनों का सत्रावसान राष्ट्रपति करता है। (d) वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) राष्ट्रपति के नाम पर वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।

प्रश्न 5: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद संसद को यह शक्ति देता है कि वह कुछ सेवाओं में, या सेवाओं के लिए, प्रवेश के संबंध में कुछ शर्तों को लागू कर सके?

  1. अनुच्छेद 15(4)
  2. अनुच्छेद 16(3)
  3. अनुच्छेद 17
  4. अनुच्छेद 19(1)(g)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 16(3) संसद को यह शक्ति देता है कि वह कुछ सेवाओं या पदों के संबंध में निवास की कोई शर्त अधिरोपित कर सके, यदि ऐसा करना राज्य के किसी भी स्थानीय प्राधिकरण या अन्य प्राधिकरण के प्रतिभूतियों के संबंध में आवश्यक या वांछनीय है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह एक अपवाद है जो यह सुनिश्चित करता है कि किसी विशेष क्षेत्र में रोजगार के अवसर स्थानीय निवासियों के लिए आरक्षित किए जा सकें, यदि ऐसा आवश्यक हो।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 15(4) सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए विशेष प्रावधान करने की राज्य की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता (untouchability) का उन्मूलन करता है। अनुच्छेद 19(1)(g) व्यवसाय या कारोबार करने की स्वतंत्रता देता है।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन भारतीय संघवाद (Federalism) की एक विशेषता नहीं है?

  1. दोहरी सरकार (Dual Government)
  2. लिखित संविधान
  3. कठोर संविधान
  4. शक्तियों का विभाजन

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अवधारणा: ‘दोहरी सरकार’ (Dual Government) संघवाद की विशेषता नहीं है, बल्कि एकात्मक सरकार (Unitary Government) के प्रारंभिक चरणों या द्वि-राष्ट्रीय राज्यों (जैसे ब्रिटिश काल में) में देखा जाता था, जहाँ एक सरकार जनता के प्रति उत्तरदायी होती थी और दूसरी वायसराय के प्रति। संघवाद में, शक्ति का विभाजन केंद्र और राज्यों के बीच होता है, न कि दोहरी सरकार के रूप में।
  • संदर्भ और विस्तार: भारतीय संघवाद में लिखित संविधान, शक्तियों का स्पष्ट विभाजन (केंद्र और राज्यों के बीच) और संविधान की सर्वोच्चता जैसी विशेषताएं शामिल हैं। कुछ अर्थों में, भारत में ‘दोहरी सरकार’ नहीं, बल्कि ‘दोहरी राजव्यवस्था’ (dual polity) है, जहाँ केंद्र और राज्य दोनों सरकारें अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों में संप्रभु हैं।
  • गलत विकल्प: लिखित संविधान, कठोर संविधान (अधिकांश भाग में, कुछ संशोधन प्रक्रिया को छोड़कर) और शक्तियों का विभाजन (संघ सूची, राज्य सूची, समवर्ती सूची) भारतीय संघवाद की प्रमुख विशेषताएं हैं।

प्रश्न 7: किसी राज्य के विधानमंडल द्वारा पारित किसी विधेयक को, राज्यपाल, राष्ट्रपति के विचारार्थ आरक्षित (reserve) कर सकता है, यह प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 200
  2. अनुच्छेद 201
  3. अनुच्छेद 202
  4. अनुच्छेद 203

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 200 के अनुसार, जब कोई विधेयक किसी राज्य के विधानमंडल द्वारा पारित कर दिया जाता है, तो राज्यपाल या तो उस पर अपनी सहमति दे सकता है, या सहमति रोक सकता है, या वह विधेयक को (यदि वह धन विधेयक नहीं है) राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित कर सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 201 तब लागू होता है जब राष्ट्रपति द्वारा विचार के लिए आरक्षित किसी विधेयक पर वह अपनी सहमति देता है या सहमति नहीं देता है। राज्यपाल के पास यह शक्ति राज्य विधानमंडल और केंद्र सरकार के बीच एक सेतु का काम करती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 201 राष्ट्रपति द्वारा आरक्षित विधेयक पर कार्रवाई से संबंधित है। अनुच्छेद 202 वार्षिक वित्तीय विवरण (राज्य बजट) से संबंधित है। अनुच्छेद 203 में विधेयक के लिए प्रक्रिया बताई गई है।

प्रश्न 8: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) अपनी रिपोर्ट किसे प्रस्तुत करता है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. लोकसभा का अध्यक्ष
  3. राष्ट्रपति
  4. वित्त मंत्री

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) अपनी ऑडिट रिपोर्ट सीधे राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है। यह अनुच्छेद 149 के तहत CAG के कर्तव्यों का हिस्सा है, और अनुच्छेद 151 के तहत राष्ट्रपति उस रिपोर्ट को संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखता है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के समेकित निधि (Consolidated Fund) से व्यय की लेखा-परीक्षा करता है। यह रिपोर्ट सार्वजनिक खातों पर समिति (Public Accounts Committee) द्वारा जाँची जाती है, जो संसद की एक महत्वपूर्ण समिति है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या वित्त मंत्री प्रत्यक्ष रूप से CAG की रिपोर्ट प्राप्त नहीं करते। राष्ट्रपति ही वह माध्यम है जिसके द्वारा रिपोर्ट संसद तक पहुँचती है।

प्रश्न 9: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. प्रधानमंत्री की सलाह पर भारत के राष्ट्रपति
  3. भारत के राष्ट्रपति, एक चयन समिति की सिफारिश पर
  4. मानव संसाधन विकास मंत्री

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और वैधानिक प्रावधान: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, लोकसभा के अध्यक्ष, राज्यसभा के उप-सभापति, और संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (या सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश) की एक चयन समिति की सिफारिश पर करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह प्रक्रिया मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 (Protection of Human Rights Act, 1993) के तहत निर्धारित है। चयन समिति की सिफारिशें राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी होती हैं।
  • गलत विकल्प: केवल राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति (बिना समिति के) गलत है। प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति की नियुक्ति का प्रावधान यहाँ लागू नहीं होता, बल्कि यह राष्ट्रपति की स्व-विवेक शक्ति जैसा है, जो एक समिति की सिफारिश पर आधारित है। मानव संसाधन विकास मंत्री का कोई सीधा भूमिका नहीं है।

प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?

  1. विधि के समक्ष समानता (Article 14)
  2. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (Article 21)
  3. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (Article 25)
  4. भारत में कहीं भी आने-जाने, बसने और व्यवसाय करने की स्वतंत्रता (Article 19)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्वक और हथियार रहित इकट्ठा होने की स्वतंत्रता, संघ बनाने की स्वतंत्रता, भारत में कहीं भी आने-जाने की स्वतंत्रता, भारत के किसी भी भाग में निवास करने और बसने की स्वतंत्रता, और कोई भी पेशा, कारोबार या व्यवसाय करने की स्वतंत्रता) के तहत प्रदत्त अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: ये अधिकार भारतीय संविधान के भाग III में मौलिक अधिकारों का हिस्सा हैं और भारतीय राज्य व्यवस्था में नागरिकों की विशेष स्थिति को दर्शाते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा) भारत के क्षेत्र में रहने वाले सभी व्यक्तियों (नागरिकों और गैर-नागरिकों दोनों) को प्राप्त हैं। अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) भी सभी व्यक्तियों को प्राप्त है।

प्रश्न 11: भारत में राजनीतिक दल को मान्यता देने का अधिकार निम्नलिखित में से किसके पास है?

  1. भारत का राष्ट्रपति
  2. भारत का सर्वोच्च न्यायालय
  3. भारत का चुनाव आयोग
  4. संसदीय कार्य मंत्रालय

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और वैधानिक प्रावधान: भारत का चुनाव आयोग (Election Commission of India) संसद और राज्य विधानमंडलों के चुनावों के संचालन के साथ-साथ राजनीतिक दलों को मान्यता देने और उन्हें चुनाव चिह्न आवंटित करने के लिए भी जिम्मेदार है। यह निर्वाचनों के संचालन हेतु नियमों और विनियमों के तहत किया जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: चुनाव आयोग राष्ट्रीय और राज्य दलों को उनकी चुनावी प्रदर्शन के आधार पर मान्यता देता है। मान्यता प्राप्त दलों को कुछ विशेषाधिकार और लाभ मिलते हैं, जैसे आरक्षित चुनाव चिह्न और सार्वजनिक कोष से धन।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय या संसदीय कार्य मंत्रालय के पास यह विशिष्ट अधिकार नहीं है।

प्रश्न 12: पंचायती राज व्यवस्था को भारतीय संविधान की किस अनुसूची में शामिल किया गया है?

  1. सातवीं अनुसूची
  2. नौवीं अनुसूची
  3. ग्यारहवीं अनुसूची
  4. बारहवीं अनुसूची

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संवैधानिक संशोधन: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा प्रदान किया गया था, जिसने संविधान में ग्यारहवीं अनुसूची जोड़ी।
  • संदर्भ और विस्तार: ग्यारहवीं अनुसूची में पंचायतों के 29 विषयों की सूची दी गई है, जिन पर पंचायतें कानून बना सकती हैं और अपनी शक्तियों का प्रयोग कर सकती हैं। यह स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
  • गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों से संबंधित है। नौवीं अनुसूची में कुछ अधिनियमों और विनियमों को संरक्षण दिया गया है। बारहवीं अनुसूची नगर पालिकाओं से संबंधित है, जिसे 74वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया था।

प्रश्न 13: राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) की घोषणा भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जा सकती है, यदि…

  1. केवल बाह्य आक्रमण के आधार पर।
  2. केवल सशस्त्र विद्रोह के आधार पर।
  3. इनमें से किसी भी आधार पर या युद्ध और बाह्य आक्रमण के आधार पर।
  4. इनमें से किसी भी आधार पर या युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के अनुसार, राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं, यदि वह “युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह” के आधार पर भारत या उसके किसी भाग की सुरक्षा का खतरा पाता है। 44वें संशोधन से पहले ‘आंतरिक अशांति’ शब्द का प्रयोग होता था, जिसे बदलकर ‘सशस्त्र विद्रोह’ कर दिया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह घोषणा पूरे देश या उसके किसी विशिष्ट भाग पर लागू हो सकती है। आपातकाल की घोषणा का अनुमोदन संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर किया जाना आवश्यक है।
  • गलत विकल्प: केवल बाह्य आक्रमण या केवल सशस्त्र विद्रोह आधार नहीं हैं, बल्कि ये उन तीन मुख्य आधारों में से हैं। विकल्प (c) सशस्त्र विद्रोह को छोड़ देता है, जो कि पूर्ण नहीं है।

प्रश्न 14: ‘लोक व्यवस्था’ (Public Order) राज्य सूची का विषय है, लेकिन ‘आपराधिक प्रक्रिया’ (Criminal Procedure) समवर्ती सूची का विषय है। यह व्यवस्था संविधान के किस अनुच्छेद से स्पष्ट होती है?

  1. अनुच्छेद 246
  2. अनुच्छेद 247
  3. अनुच्छेद 248
  4. अनुच्छेद 249

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 246 संविधान की सातवीं अनुसूची से संबंधित है, जो संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में विधायी शक्तियों के वितरण को निर्धारित करती है। यही अनुच्छेद बताता है कि कौन सा विषय किस सूची के अंतर्गत आता है और उस पर कानून बनाने का अधिकार किसका है।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘लोक व्यवस्था’ (Public Order) राज्य सूची की प्रविष्टि 1 में है, जिसका अर्थ है कि इस पर कानून बनाने का प्राथमिक अधिकार राज्यों के पास है। ‘आपराधिक प्रक्रिया’ (Criminal Procedure) समवर्ती सूची की प्रविष्टि 2 में है, जिस पर केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 247 अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना से संबंधित है। अनुच्छेद 248 अवशिष्ट विधायी शक्तियों (residuary powers) से संबंधित है। अनुच्छेद 249 राष्ट्रीय हित में राज्य सूची के विषय पर कानून बनाने की संसद की शक्ति से संबंधित है।

प्रश्न 15: भारत में ‘विधि का शासन’ (Rule of Law) किस अनुच्छेद के अंतर्गत आता है?

  1. अनुच्छेद 13
  2. अनुच्छेद 14
  3. अनुच्छेद 15
  4. अनुच्छेद 21

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अवधारणा: ‘विधि का शासन’ (Rule of Law) एक व्यापक अवधारणा है जो भारतीय संविधान में कई अनुच्छेदों में परिलक्षित होती है, लेकिन अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता और कानूनों का समान संरक्षण) इसका एक प्रमुख आधार है। सर्वोच्च न्यायालय ने कई मामलों में विधि के शासन को संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा माना है।
  • संदर्भ और विस्तार: विधि का शासन सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है। इसमें कानून के समक्ष समानता और कानून का समान अनुप्रयोग शामिल है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 न्यायिक समीक्षा के आधार प्रदान करता है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा प्रदान करता है, जो विधि के शासन का एक महत्वपूर्ण पहलू है, लेकिन अनुच्छेद 14 इसका मुख्य आधार है।

प्रश्न 16: धन विधेयक (Money Bill) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?

  1. यह केवल लोकसभा में पेश किया जा सकता है।
  2. यह केवल राज्यसभा में पेश किया जा सकता है।
  3. यह किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है।
  4. यह पहले राज्यसभा में पेश किया जाता है, फिर लोकसभा में।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 109 स्पष्ट रूप से कहता है कि धन विधेयक केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: धन विधेयक के संबंध में राज्यसभा की शक्तियाँ सीमित हैं। राज्यसभा इसे अधिकतम 14 दिनों तक रोक सकती है या इसमें संशोधन का सुझाव दे सकती है, लेकिन लोकसभा इन सुझावों को मानने या न मानने के लिए बाध्य नहीं है। अंततः, विधेयक दोनों सदनों द्वारा पारित होने के बाद राष्ट्रपति की सहमति के लिए भेजा जाता है।
  • गलत विकल्प: राज्यसभा को धन विधेयक पेश करने या पारित करने का अधिकार नहीं है।

प्रश्न 17: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ के निम्नलिखित कौन से रूप का उल्लेख नहीं है?

  1. सामाजिक न्याय
  2. आर्थिक न्याय
  3. राजनीतिक न्याय
  4. धार्मिक न्याय

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और प्रस्तावना का पाठ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का आश्वासन देती है। इसमें ‘धार्मिक न्याय’ (Religious Justice) का विशेष रूप से उल्लेख नहीं है, यद्यपि धर्मनिरपेक्षता (Secularism) के सिद्धांत के माध्यम से सभी धर्मों के प्रति समान व्यवहार सुनिश्चित किया जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना भारत को एक ‘संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य’ बनाने का संकल्प व्यक्त करती है और अपने सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सुनिश्चित करती है।
  • गलत विकल्प: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय प्रस्तावना के मुख्य घटक हैं।

प्रश्न 18: किसी राज्य के मुख्यमंत्री की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के मुख्य न्यायाधीश
  3. संबंधित राज्य का राज्यपाल
  4. संबंधित राज्य का विधानमंडल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 164(1) के अनुसार, किसी राज्य के मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: सामान्यतः, राज्यपाल उस दल या गठबंधन के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त करता है जिसे विधान सभा में बहुमत प्राप्त हो। यदि किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है, तो राज्यपाल अपने विवेक का प्रयोग करके किसी ऐसे व्यक्ति को नियुक्त कर सकता है जिसे बहुमत साबित करने की संभावना हो।
  • गलत विकल्प: भारत के राष्ट्रपति या मुख्य न्यायाधीश की कोई भूमिका नहीं है। राज्य का विधानमंडल सीधे मुख्यमंत्री की नियुक्ति नहीं करता, बल्कि बहुमत के आधार पर विधायक नेता का चुनाव करता है, जिसे राज्यपाल नियुक्त करता है।

प्रश्न 19: भारतीय संविधान में ‘संसदीय प्रणाली’ (Parliamentary System) किस देश के संविधान से प्रेरित है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. कनाडा
  3. ब्रिटेन
  4. ऑस्ट्रेलिया

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और स्रोत: भारत ने अपनी संसदीय प्रणाली, मंत्रिपरिषद की उत्तरदायित्व की अवधारणा, अध्यक्षीय प्रणाली (Speaker) और विधायी-कार्यकारी संबंध को ब्रिटेन के संविधान से अपनाया है।
  • संदर्भ और विस्तार: ब्रिटिश मॉडल की तरह, भारत में भी कार्यपालिका (प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद) विधायिका (संसद) के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी है। राष्ट्रपति, ब्रिटेन के सम्राट की तरह, राज्य का प्रमुख है, लेकिन प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका एक अध्यक्षीय प्रणाली का अनुसरण करता है। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की प्रणालियाँ भी ब्रिटिश मॉडल से प्रभावित हैं, लेकिन भारत ने सीधे ब्रिटेन से इन प्रावधानों को ग्रहण किया है।

प्रश्न 20: भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है?

  1. वह भारत सरकार का मुख्य विधि अधिकारी होता है।
  2. वह संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही में भाग ले सकता है, लेकिन मतदान नहीं कर सकता।
  3. उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  4. वह केवल एक निश्चित अवधि के लिए ही पद धारण करता है।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76 के अनुसार, महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। वह भारत सरकार का मुख्य विधि अधिकारी होता है और संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही में भाग ले सकता है, लेकिन मतदान का अधिकार नहीं होता।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी का कार्यकाल निश्चित नहीं होता। वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत (at the pleasure of the President) पद धारण करता है, जिसका अर्थ है कि राष्ट्रपति उसे कभी भी हटा सकते हैं, यद्यपि यह आमतौर पर सरकार के बदल जाने पर होता है।
  • गलत विकल्प: (d) गलत है क्योंकि महान्यायवादी का कार्यकाल निश्चित नहीं होता; वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत कार्य करता है। अन्य सभी कथन सही हैं।

प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सा निकाय ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?

  1. वित्त आयोग (Finance Commission)
  2. चुनाव आयोग (Election Commission)
  3. नीति आयोग (NITI Aayog)
  4. लोक सेवा आयोग (Public Service Commission)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संवैधानिक स्थिति: वित्त आयोग (अनुच्छेद 280), चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324) और लोक सेवा आयोग (संघ के लिए अनुच्छेद 315, राज्यों के लिए अनुच्छेद 315) भारतीय संविधान द्वारा स्थापित संवैधानिक निकाय हैं। नीति आयोग (NITI Aayog) एक कार्यकारी प्रस्ताव द्वारा स्थापित एक गैर-संवैधानिक, गैर-वैधानिक निकाय है।
  • संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकायों का गठन सीधे संविधान के प्रावधानों के तहत होता है और उनकी शक्तियाँ व कार्य संविधान में वर्णित होते हैं। नीति आयोग को योजना आयोग के स्थान पर 2015 में स्थापित किया गया था।
  • गलत विकल्प: अन्य सभी विकल्प (a, b, d) संवैधानिक निकाय हैं।

प्रश्न 22: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव के संबंध में कौन सी बात असत्य है?

  1. निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
  2. निर्वाचक मंडल में राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
  3. निर्वाचक मंडल में दिल्ली और पुडुचेरी विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
  4. राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश की उपस्थिति में शपथ लेता है।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 54 के तहत एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। 70वें संशोधन के बाद दिल्ली और पुडुचेरी विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्यों को भी शामिल किया गया है। राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश की अनुपस्थिति में, सर्वोच्च न्यायालय के किसी वरिष्ठतम न्यायाधीश की उपस्थिति में पद की शपथ लेता है (अनुच्छेद 60)।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति का चुनाव एकल संक्रमणीय मत प्रणाली द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व के अनुसार होता है।
  • गलत विकल्प: (d) गलत है। राष्ट्रपति मुख्य न्यायाधीश की अनुपस्थिति में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश के समक्ष शपथ लेता है।

प्रश्न 23: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सदस्यों की संख्या का निर्धारण कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. संसद
  3. प्रधानमंत्री
  4. लोक सेवा आयोग (सदस्यता और सेवा की शर्तें) नियम

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 316(1) के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। हालाँकि, सदस्यों की कुल संख्या निर्धारित करने का अधिकार भारत सरकार के पास होता है, जो ‘संघ लोक सेवा आयोग (सदस्यता और सेवा की शर्तें) नियम’ के माध्यम से किया जाता है, लेकिन अंतिम शक्ति राष्ट्रपति के पास होती है। प्रश्न में ‘निर्धारण’ (determination) का अर्थ नियुक्ति और कुल संख्या दोनों से हो सकता है, लेकिन राष्ट्रपति ही अंतिम प्राधिकारी है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति यह निर्धारण नियमों के अनुसार करता है, लेकिन यह सीधे राष्ट्रपति के आदेश से ही होता है।
  • गलत विकल्प: संसद सीधे संख्या तय नहीं करती, यह नियम बनाने की शक्ति राष्ट्रपति के पास होती है। प्रधानमंत्री और नियम स्वयं (राष्ट्रपति के अनुमोदन के बिना) निर्धारण नहीं कर सकते।

प्रश्न 24: मूल अधिकारों को निलंबित करने की राष्ट्रपति की शक्ति का वर्णन किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 32
  2. अनुच्छेद 33
  3. अनुच्छेद 34
  4. अनुच्छेद 35

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 33 संसद को सशस्त्र बलों या बलों के प्रयोजनों के लिए मूल अधिकारों के अनुप्रयोग के संबंध में प्रतिबंध लगाने या उन्हें निरस्त करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 32 मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन हेतु उपचार से संबंधित है। अनुच्छेद 34 सैन्य शासन के दौरान मूल अधिकारों पर प्रतिबंध से संबंधित है। अनुच्छेद 35 मूल अधिकारों के संबंध में कुछ विशिष्ट कानूनों को प्रभावी करने के लिए संसद को शक्ति देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: आपातकाल के दौरान, अनुच्छेद 359 के तहत राष्ट्रपति अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर अन्य मूल अधिकारों को निलंबित कर सकते हैं। अनुच्छेद 33 का संबंध विशेष रूप से सैन्य या सशस्त्र बलों से है।
  • गलत विकल्प: यह प्रश्न थोड़ा भ्रामक हो सकता है क्योंकि ‘निलंबित’ शब्द का प्रयोग आपातकाल (अनुच्छेद 359) में अधिक स्पष्ट रूप से होता है। लेकिन मूल अधिकारों पर प्रतिबंध लगाने की शक्ति अनुच्छेद 33 और 34 में भी निहित है, जो विशिष्ट परिस्थितियों (जैसे सशस्त्र बल) के लिए है। यदि प्रश्न सीधे आपातकाल के संदर्भ में पूछ रहा होता, तो अनुच्छेद 359 सही होता। यहाँ, अनुच्छेद 33 को सबसे प्रासंगिक माना जा सकता है जो विशिष्ट समूहों के अधिकारों को प्रतिबंधित करता है। (यह मानते हुए कि प्रश्न ‘निलंबित’ का अर्थ ‘प्रतिबंधित’ के रूप में ले रहा है)।

*सुधार/स्पष्टीकरण:* यदि प्रश्न विशेष रूप से राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान मूल अधिकारों के निलंबन (अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर) के बारे में पूछ रहा है, तो **अनुच्छेद 359** सही उत्तर होगा। हालाँकि, दिए गए विकल्पों में अनुच्छेद 359 नहीं है। अनुच्छेद 33 सशस्त्र बलों के लिए अधिकारों के अनुप्रयोग को प्रतिबंधित (suspend/restrict) करने की बात करता है। यदि प्रश्न का अभिप्राय सामान्य प्रतिबंध है, तो अनुच्छेद 33 अधिक प्रासंगिक है, जबकि आपातकालीन निलंबन के लिए 359 सबसे सटीक है। दिए गए विकल्पों में, सबसे निकट का उत्तर **अनुच्छेद 33** है यदि इसे ‘प्रतिबंध’ के व्यापक अर्थ में लिया जाए।

*वैकल्पिक विचार:* कुछ स्रोत अनुच्छेद 33 को भी ‘निलंबन’ के दायरे में मानते हैं, खासकर सशस्त्र बलों के संदर्भ में। परीक्षा के दृष्टिकोण से, अगर 359 उपलब्ध नहीं है, तो 33 को चुना जा सकता है।

*अंतिम उत्तर चयन (दिए गए विकल्पों के अनुसार):* (b) अनुच्छेद 33


प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन सा कथन पंचायत (ग्राम सभा) के संबंध में सत्य नहीं है?

  1. ग्राम सभा, पंचायत राज की नींव है।
  2. ग्राम सभा में केवल निर्वाचित पंचायत सदस्य होते हैं।
  3. ग्राम सभा, सरकार की एक महत्वपूर्ण संस्था है।
  4. ग्राम सभा, ग्राम स्तर पर निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और परिभाषा: ग्राम सभा, पंचायत राज की नींव है, जो ग्राम स्तर पर सीधे लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करती है। यह ग्राम पंचायत के अधिकार क्षेत्र के भीतर एक या एक से अधिक गांवों या उनके हिस्सों की एक सभा होती है, जिसमें उस क्षेत्र में पंजीकृत मतदाता शामिल होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: ग्राम सभा सरकार की एक महत्वपूर्ण संस्था है जहाँ ग्राम स्तर पर योजनाएं बनाई जाती हैं और विकास कार्यों की निगरानी की जाती है। यह ग्राम पंचायत के अधिकार क्षेत्र में ग्राम स्तर पर निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।
  • गलत विकल्प: (b) गलत है क्योंकि ग्राम सभा में केवल निर्वाचित पंचायत सदस्य नहीं होते, बल्कि उस पंचायत क्षेत्र में पंजीकृत सभी मतदाता सदस्य होते हैं।

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