जैसलमेर में सेना का ड्रोन-विरोधी अभ्यास: सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी और भारत की रक्षा क्षमता

जैसलमेर में सेना का ड्रोन-विरोधी अभ्यास: सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी और भारत की रक्षा क्षमता

चर्चा में क्यों? (Why in News?): हाल ही में जैसलमेर के थार रेगिस्तान में भारतीय सेना ने एक बड़ा पैमाने पर ड्रोन-विरोधी और घुसपैठ विरोधी अभ्यास किया। इस अभ्यास में हेलिकॉप्टरों और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके ड्रोन हमलों और घुसपैठियों को रोकने और निष्क्रिय करने की क्षमता का प्रदर्शन किया गया। यह अभ्यास भविष्य में होने वाले किसी भी संभावित ड्रोन हमले या सीमा पार घुसपैठ के खतरे से निपटने के लिए सेना की तैयारियों को प्रदर्शित करता है।

यह अभ्यास भारतीय सेना की बढ़ती तकनीकी क्षमता और सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी का एक महत्वपूर्ण संकेत है। इसने यह भी प्रदर्शित किया कि भारत कैसे अपने रणनीतिक हितों की रक्षा के लिए अपनी रक्षा क्षमताओं का आधुनिकीकरण और उन्नयन कर रहा है।

अभ्यास का विवरण (Details of the Exercise):

जैसलमेर में आयोजित अभ्यास में विभिन्न परिदृश्यों का अनुकरण किया गया, जिसमें ड्रोन हमले और सीमा पार घुसपैठ शामिल थे। सेना ने अपनी एंटी-ड्रोन तकनीकों का इस्तेमाल करके ड्रोन को निष्क्रिय करने और घुसपैठियों को रोकने के तरीके का प्रदर्शन किया। इसमें हेलिकॉप्टरों और अन्य हवाई संपत्तियों का उपयोग करके ड्रोन को ट्रैक करने और उन्हें मार गिराने की क्षमता का प्रदर्शन किया गया। अभ्यास का उद्देश्य सेना की प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण करना और इसे बेहतर बनाना था।

  • उपयोग की गई तकनीकें: अभ्यास में विभिन्न प्रकार की तकनीकों का उपयोग किया गया, जिनमें रडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली और अन्य आधुनिक तकनीकें शामिल थीं।
  • सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी: अभ्यास का उद्देश्य केवल ड्रोन हमलों और घुसपैठियों से निपटना नहीं था, बल्कि यह सर्जिकल स्ट्राइक करने की क्षमता को भी बढ़ावा देने के लिए था। यह उच्च सटीकता और कम नुकसान वाले हमलों को करने की सेना की क्षमता को दर्शाता है।
  • सीमा सुरक्षा का महत्व: यह अभ्यास भारत की सीमा सुरक्षा के लिए सेना की प्रतिबद्धता का एक स्पष्ट संकेत है। यह संभावित खतरों से निपटने के लिए सेना की तैयारी और क्षमता का प्रदर्शन करता है।

रणनीतिक महत्व (Strategic Importance):

यह अभ्यास भारत के लिए कई रणनीतिक महत्व रखता है:

  • ड्रोन युद्धक्षेत्र का बढ़ता खतरा: ड्रोन तकनीक की व्यापक उपलब्धता के कारण, ड्रोन हमले एक बढ़ता हुआ सुरक्षा खतरा बन गए हैं। यह अभ्यास इन खतरों से निपटने के लिए भारत की तैयारी को दर्शाता है।
  • सीमा सुरक्षा का मजबूत होना: यह अभ्यास भारत की सीमा सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करेगा। यह अनधिकृत घुसपैठ और हमलों को रोकने में मदद करेगा।
  • सर्जिकल स्ट्राइक की क्षमता: अभ्यास सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाने और निष्पादित करने की सेना की क्षमता में सुधार करने में मदद करेगा। यह भारत की रक्षा क्षमता को बढ़ाता है।
  • तकनीकी प्रगति: इस अभ्यास ने भारत की बढ़ती तकनीकी प्रगति को दिखाया है। यह भारत की रक्षा उद्योग की क्षमता को दर्शाता है।

चुनौतियाँ और भविष्य की राह (Challenges and Future Roadmap):

हालांकि यह अभ्यास भारत की रक्षा क्षमता को प्रदर्शित करता है, फिर भी कुछ चुनौतियाँ हैं जिनका सामना करना होगा:

  • उन्नत ड्रोन प्रौद्योगिकी: ड्रोन प्रौद्योगिकी लगातार विकसित हो रही है, और भारत को हमेशा अपनी एंटी-ड्रोन प्रणालियों को अपडेट करना होगा।
  • जटिल भौगोलिक स्थिति: भारत का विशाल और जटिल भौगोलिक क्षेत्र एंटी-ड्रोन प्रणालियों की तैनाती के लिए चुनौतियाँ पैदा करता है।
  • समन्वय की आवश्यकता: विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता है ताकि प्रभावी ढंग से ड्रोन हमलों और घुसपैठियों से निपटा जा सके।

भविष्य में, भारत को अपनी एंटी-ड्रोन क्षमताओं को और मजबूत करने, अपनी तकनीक में निवेश करने और विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

  1. हाल ही में जैसलमेर में आयोजित सेना का अभ्यास किससे संबंधित था?
    1. साइबर सुरक्षा
    2. ड्रोन-विरोधी और घुसपैठ विरोधी कार्यवाही
    3. रसायन युद्ध
    4. जैविक युद्ध

    उत्तर: (b)

  2. इस अभ्यास में किस प्रकार की तकनीकों का उपयोग किया गया था?
    1. केवल पारंपरिक हथियार
    2. केवल आधुनिक हथियार
    3. रडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली और अन्य आधुनिक तकनीकें
    4. कोई नहीं

    उत्तर: (c)

  3. इस अभ्यास का उद्देश्य क्या था?
    1. केवल ड्रोन हमलों से निपटना
    2. केवल घुसपैठियों से निपटना
    3. ड्रोन हमलों और घुसपैठियों से निपटना और सर्जिकल स्ट्राइक की क्षमता बढ़ाना
    4. कोई नहीं

    उत्तर: (c)

  4. निम्नलिखित में से कौन सा इस अभ्यास का रणनीतिक महत्व नहीं है?
    1. ड्रोन युद्धक्षेत्र का बढ़ता खतरा
    2. सीमा सुरक्षा का मजबूत होना
    3. सर्जिकल स्ट्राइक की क्षमता
    4. देश में आर्थिक विकास

    उत्तर: (d)

  5. इस अभ्यास ने किसकी क्षमता का प्रदर्शन किया?
    1. केवल हवाई हमलों की क्षमता
    2. केवल थल सेना की क्षमता
    3. ड्रोन को निष्क्रिय करने और घुसपैठियों को रोकने की क्षमता
    4. कोई नहीं

    उत्तर: (c)

  6. यह अभ्यास किस राज्य में हुआ था?
    1. राजस्थान
    2. गुजरात
    3. पंजाब
    4. महाराष्ट्र

    उत्तर: (a)

  7. इस अभ्यास में किस प्रकार के हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल किया गया था? (यह जानकारी अभ्यास में उपलब्ध नहीं है, इसलिए यह प्रश्न हटा दिया गया है।)
  8. इस अभ्यास से भारत की रक्षा क्षमता पर क्या प्रभाव पड़ेगा? (यह एक व्याख्यात्मक प्रश्न है, इसलिए इसे मेन्स के प्रश्नो में शामिल किया गया है।)
  9. इस अभ्यास की सबसे बड़ी चुनौती क्या है?
  10. क्या इस अभ्यास ने भारत की सर्जिकल स्ट्राइक क्षमता को मजबूत किया है? अपने उत्तर का समर्थन करें।

मुख्य परीक्षा (Mains)

  1. जैसलमेर में हुए सेना के ड्रोन-विरोधी अभ्यास का भारत की रक्षा रणनीति पर विस्तृत विश्लेषण कीजिए। इस अभ्यास के रणनीतिक और तकनीकी पहलुओं पर चर्चा कीजिए और इसके संभावित प्रभावों का मूल्यांकन कीजिए।
  2. भारत के लिए ड्रोन हमलों का बढ़ता खतरा क्या है? इन खतरों से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए। क्या जैसलमेर अभ्यास इन चुनौतियों का पर्याप्त समाधान प्रदान करता है?
  3. जैसलमेर में हुए अभ्यास के परिणामों के आलोक में, भारत को अपनी ड्रोन-विरोधी क्षमताओं को और कैसे बढ़ाना चाहिए? अपने उत्तर में तकनीकी उन्नयन, प्रशिक्षण, और अंतर-एजेंसी समन्वय के महत्व पर चर्चा कीजिए।
  4. क्या जैसलमेर में आयोजित अभ्यास सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी का एक प्रभावी तरीका है? अपने उत्तर का विस्तार से विश्लेषण करें, इसमें शामिल तकनीकी और रणनीतिक चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करें।

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