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जीवाश्म खोज और प्राचीन जीवन: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

जीवाश्म खोज और प्राचीन जीवन: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण खंड है। हाल के जीवाश्म संबंधी खुलासों से प्रेरित होकर, हम आज के विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को कवर करने वाले 25 बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) का एक विशेष सेट प्रस्तुत कर रहे हैं। ये प्रश्न आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान की अपनी समझ को परखने और अपनी तैयारी को बेहतर बनाने में मदद करेंगे। आइए, इन आकर्षक प्रश्नों के माध्यम से अपने ज्ञान को ताज़ा करें!


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. वैज्ञानिकों द्वारा 47 साल पुराने जीवाश्म की पुनः जांच में जुरासिक काल के किस प्रकार के जीव की नई प्रजाति की खोज की गई?

    • (a) उड़ने वाला सरीसृप
    • (b) समुद्री राक्षस
    • (c) विशाल डायनासोर
    • (d) प्राचीन स्तनपायी

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जीवाश्म विज्ञान (Paleontology) विलुप्त जीवों के अध्ययन से संबंधित है।

    व्याख्या (Explanation): दिए गए समाचार शीर्षक के अनुसार, 47 साल पुराने जीवाश्म की पुनः जांच में जुरासिक काल के “समुद्री राक्षस” (sea monster) की नई प्रजाति की खोज का उल्लेख है। यह समुद्री सरीसृपों या अन्य बड़े समुद्री जीवों को संदर्भित कर सकता है जो उस युग में मौजूद थे।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  2. जीवाश्मों के निर्माण में कौन सी भूवैज्ञानिक प्रक्रिया सबसे महत्वपूर्ण है, जिसके द्वारा जैविक पदार्थ धीरे-धीरे चट्टान में बदल जाता है?

    • (a) ज्वालामुखी विस्फोट
    • (b) अवसादन और खनिजकरण
    • (c) भूस्खलन
    • (d) क्षरण

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जीवाश्म विज्ञान (Paleontology) और भूविज्ञान (Geology) में जीवाश्मीकरण (Fossilization) की प्रक्रिया।

    व्याख्या (Explanation): जीवाश्मीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें मृत जीवों के अवशेष (जैसे हड्डियाँ, दाँत, या शेल) धीरे-धीरे तलछट (sediment) के नीचे दब जाते हैं। समय के साथ, पानी में घुले खनिज इन जैविक पदार्थों के छिद्रों में जमा हो जाते हैं, जिससे वे धीरे-धीरे पत्थर में बदल जाते हैं। इस प्रक्रिया को खनिजकरण (mineralization) कहते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. जुरासिक काल, जिसमें जीवाश्म की खोज की गई थी, किस भूवैज्ञानिक युग का हिस्सा है?

    • (a) पेलियोज़ोइक युग
    • (b) मेसोज़ोइक युग
    • (c) सेनोज़ोइक युग
    • (d) प्रीकैम्ब्रियन युग

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): भूवैज्ञानिक समय-सारणी (Geological Time Scale)।

    व्याख्या (Explanation): भूवैज्ञानिक समय-सारणी के अनुसार, जुरासिक काल (Jurassic Period) मेसोज़ोइक युग (Mesozoic Era) का दूसरा काल है, जो लगभग 201.3 मिलियन वर्ष पूर्व से 145 मिलियन वर्ष पूर्व तक चला। यह वह युग था जब डायनासोर पृथ्वी पर हावी थे।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  4. पुरातात्विक कालक्रम को निर्धारित करने के लिए रेडियोधर्मी डेटिंग में कार्बन-14 (¹⁴C) का उपयोग किस प्रकार के जीवाश्मों के लिए सबसे उपयुक्त है?

    • (a) अत्यंत प्राचीन चट्टानों (अरबों साल पुराने)
    • (b) डायनासोर के जीवाश्म (लाखों साल पुराने)
    • (c) हाल के जैविक अवशेष (50,000 साल तक पुराने)
    • (d) उल्कापिंड

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रेडियोधर्मी डेटिंग (Radiometric Dating) और कार्बन-14 का क्षय (Decay of Carbon-14)।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन-14 एक रेडियोधर्मी आइसोटोप है जिसका अर्ध-जीवन (half-life) लगभग 5,730 वर्ष है। यह प्रक्रिया केवल तभी उपयोगी होती है जब जैविक सामग्री की आयु इतनी हो कि कार्बन-14 का कुछ क्षय हो चुका हो, लेकिन पर्याप्त मात्रा बची हो। यह लगभग 50,000 साल तक की आयु वाले जीवाश्मों और कलाकृतियों के लिए उपयुक्त है। जुरासिक काल के जीव बहुत पुराने हैं, इसलिए उनके लिए पोटेशियम-आर्गन या यूरेनियम-लेड जैसी अन्य विधियाँ उपयोग की जाती हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  5. वैज्ञानिकों द्वारा जीवाश्म की पुनः जांच में नई प्रजाति की खोज का अर्थ है कि पहले के अध्ययनों में क्या कमी थी?

    • (a) पर्याप्त तकनीकी उपकरण
    • (b) पर्याप्त नमूने
    • (c) विश्लेषण की गहराई
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): वैज्ञानिक अनुसंधान की प्रगति और पुनर्मूल्यांकन।

    व्याख्या (Explanation): वैज्ञानिक शोध अक्सर प्रगतिशील होता है। नई प्रौद्योगिकियाँ (जैसे उन्नत इमेजिंग या DNA विश्लेषण), अधिक विस्तृत विश्लेषण तकनीकें, या कभी-कभी बड़ी संख्या में नमूनों का विश्लेषण करने पर ही पुराने निष्कर्षों को परिष्कृत या संशोधित किया जाता है। यह संभावना है कि नए उपकरण या बेहतर समझ ने उन्हें जीवाश्म में नई विशेषताओं को पहचानने में मदद की हो।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  6. जुरासिक काल के समुद्री जीवों के जीवाश्म, जैसे कि समुद्री राक्षस, का अध्ययन करने से हमें उस समय के बारे में क्या जानकारी मिल सकती है?

    • (a) पृथ्वी का वायुमंडल
    • (b) समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और जलवायु
    • (c) महाद्वीपीय बहाव
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जीवाश्म साक्ष्य से पारिस्थितिक पुनर्निर्माण (Paleoecological Reconstruction)।

    व्याख्या (Explanation): जीवाश्म न केवल जीवों के बारे में बताते हैं, बल्कि वे अपने पर्यावरण के भी सूचक होते हैं। समुद्री जीवों के जीवाश्म हमें उस समय के समुद्री जीवन, पानी की लवणता, तापमान, गहराई, और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की संरचना के बारे में बता सकते हैं। यह अप्रत्यक्ष रूप से उस समय के वायुमंडल और जलवायु के बारे में भी संकेत दे सकता है। साथ ही, जीवाश्मों का भौगोलिक वितरण महाद्वीपीय बहाव (continental drift) के अध्ययन में भी सहायक होता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  7. जीवाश्म की भौतिकी में, स्थायित्व (stability) के लिए कौन सा कारक महत्वपूर्ण है, जो लाखों वर्षों तक अवशेषों को संरक्षित करने में मदद करता है?

    • (a) उच्च तापमान
    • (b) उच्च दबाव और ऑक्सीजन की अनुपस्थिति
    • (c) पराबैंगनी विकिरण
    • (d) तीव्र रासायनिक क्रिया

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जीवाश्मीकरण के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ।

    व्याख्या (Explanation): जीवाश्मों के संरक्षण के लिए, जैविक सामग्री को अपघटन (decomposition) से बचाना आवश्यक है। उच्च दबाव (तलछट के नीचे) और ऑक्सीजन की अनुपस्थिति (anaerobic conditions) अपघटन करने वाले सूक्ष्मजीवों की गतिविधि को रोकती है, जिससे अवशेषों का लंबे समय तक संरक्षण होता है। उच्च तापमान या तीव्र रासायनिक क्रियाओं से जैविक पदार्थ नष्ट हो सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  8. यदि एक जीवाश्म में कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO₃) की उच्च सांद्रता पाई जाती है, तो यह जीव के किस भाग से संबंधित होने की सबसे अधिक संभावना है?

    • (a) मांसपेशियाँ
    • (b) त्वचा
    • (c) हड्डियाँ या शंख (Shells)
    • (d) बाल

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जैविक संरचनाओं में खनिज (Minerals in Biological Structures)।

    व्याख्या (Explanation): कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO₃) कई समुद्री जीवों के शंख (shells) और कवच (exoskeletons) के साथ-साथ कशेरुकी जीवों की हड्डियों के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में पाया जाता है। मांस, त्वचा, या बाल जैसे कोमल ऊतक आमतौर पर जीवाश्म नहीं बनते हैं क्योंकि वे जल्दी अपघटित हो जाते हैं, और उनमें कैल्शियम कार्बोनेट की मात्रा बहुत कम होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  9. जब वैज्ञानिक जीवाश्मों का अध्ययन करते हैं, तो वे अक्सर “पैलियो-एनर्जी” (paleo-energy) की अवधारणा पर विचार करते हैं। इसका क्या अर्थ है?

    • (a) जीवाश्म से निकलने वाली ऊर्जा
    • (b) जुरासिक काल में उपलब्ध कुल ऊर्जा
    • (c) जीवाश्म बनाने वाले जीवों की चयापचय ऊर्जा (Metabolic Energy)
    • (d) जीवाश्म में संग्रहित रासायनिक ऊर्जा

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पारिस्थितिकी और विकासवादी जीव विज्ञान (Ecology and Evolutionary Biology)।

    व्याख्या (Explanation): “पैलियो-एनर्जी” से तात्पर्य उस ऊर्जा से है जो किसी विशेष भूवैज्ञानिक काल के दौरान पारिस्थितिकी तंत्र में उपलब्ध थी और जो जीवों द्वारा उपयोग की जाती थी। यह मुख्य रूप से उत्पादकों (जैसे पौधे या शैवाल) द्वारा प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से प्राप्त ऊर्जा से संबंधित है, जिसे फिर खाद्य श्रृंखला के माध्यम से अन्य जीवों में स्थानांतरित किया जाता है। जीवाश्म इस ऊर्जा प्रवाह के इतिहास को समझने में मदद करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  10. यदि एक समुद्री राक्षस के जीवाश्म में वायु-कोश (air sacs) के संकेत मिलते हैं, तो यह सुझाव दे सकता है कि वह जीव किसके लिए अनुकूलित था?

    • (a) गहराई में डाइविंग
    • (b) सतह पर तैरना या गोता लगाना
    • (c) केवल समुद्र तल पर चलना
    • (d) मीठे पानी में जीवन

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जलीय जीवों की संरचना और कार्य (Structure and Function in Aquatic Organisms)।

    व्याख्या (Explanation): वायु-कोश (air sacs) या गैस-युक्त अंग (gas-filled organs) अक्सर जलीय जीवों को तैरने (buoyancy control) या गोता लगाने (diving) में मदद करते हैं। ये सतह पर रहने या पानी में अपनी स्थिति को नियंत्रित करने की क्षमता का संकेत दे सकते हैं, बजाय इसके कि वे केवल गहराई में डाइविंग या तल पर जीवन के लिए पूरी तरह से अनुकूलित हों।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  11. जुरासिक काल के समुद्री जीवन के अध्ययन में, ‘बायोजेओकेमिकल साइकिल्स’ (biogeochemical cycles) कैसे प्रासंगिक हो सकते हैं?

    • (a) यह बताता है कि जीवाश्म कैसे बनते हैं।
    • (b) यह उस समय के समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में पोषक तत्वों के प्रवाह को समझने में मदद करता है।
    • (c) यह बताता है कि पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र कैसे बदलता है।
    • (d) यह बताता है कि जुरासिक काल में ज्वालामुखी कितने सक्रिय थे।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पारिस्थितिकी और भू-रसायन विज्ञान (Ecology and Geochemistry)।

    व्याख्या (Explanation): बायोजेओकेमिकल साइकिल्स (जैसे कार्बन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस चक्र) यह वर्णन करते हैं कि तत्व जीवित जीवों (bio-), भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं (geo-) और रासायनिक (chemical) तरीकों से पृथ्वी के विभिन्न घटकों (वायुमंडल, जलमंडल, स्थलमंडल) के बीच कैसे घूमते हैं। जीवाश्म हमें बता सकते हैं कि कौन से जीव मौजूद थे और वे इन चक्रों में कैसे योगदान करते थे, जिससे उस समय के समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के कार्यप्रणाली का पता चलता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  12. जीवाश्मों में पाए जाने वाले कार्बनिक अणुओं (organic molecules) के अध्ययन से क्या जानकारी प्राप्त हो सकती है?

    • (a) जीव का रंग
    • (b) जीव के विकासवादी संबंध और जीवन शैली
    • (c) जीव की लंबाई
    • (d) जीव का वास स्थान

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पैलियोजेनोमिक्स (Paleogenomics) और बायोकेमिकल पैलियोन्टोलॉजी (Biochemical Paleontology)।

    व्याख्या (Explanation): यद्यपि कार्बनिक अणु समय के साथ नष्ट हो जाते हैं, कुछ विशेष परिस्थितियों में उनके अवशेष मिल सकते हैं। इन अणुओं (जैसे एमिनो एसिड, लिपिड) का विश्लेषण करके, वैज्ञानिक किसी जीव के फाइलोजेनेटिक (phylogenetic) संबंधों को समझने में मदद कर सकते हैं, कि वह क्या खाता था, या उसके चयापचय (metabolism) के बारे में अनुमान लगा सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  13. यदि जीवाश्म में पायरेट (pyrite) की उपस्थिति है, तो यह सामान्यतः किस प्रकार के वातावरण का संकेत देता है?

    • (a) शुष्क रेगिस्तान
    • (b) अत्यधिक ऑक्सीजन युक्त वातावरण
    • (c) एनारोबिक (ऑक्सीजन रहित) जलीय वातावरण
    • (d) उच्च अम्लता वाला वातावरण

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): खनिज विज्ञान (Mineralogy) और जीवाश्मीकरण (Fossilization)।

    व्याख्या (Explanation): पायरेट (FeS₂) एक सामान्य खनिज है जो अक्सर तलछटी चट्टानों में पाया जाता है, विशेष रूप से उन वातावरणों में जहाँ ऑक्सीजन की कमी होती है (एनारोबिक)। इन स्थितियों में, सल्फेट-कम करने वाले बैक्टीरिया (sulfate-reducing bacteria) सल्फेट को सल्फाइड में परिवर्तित करते हैं, जो फिर लौह (iron) के साथ मिलकर पायरेट बनाता है। यह अक्सर उन जीवाश्मों के साथ पाया जाता है जो दलदल, लैगून, या गहरे समुद्री तलछट में दबे थे।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  14. जुरासिक काल में किस प्रकार के पौधों का प्रभुत्व था, जो अक्सर उस काल के समुद्री जीवों से जुड़े जीवाश्मों में भी पाए जाते हैं?

    • (a) फूल वाले पौधे (Angiosperms)
    • (b) फर्न, जिम्नोस्पर्म और साइकैड
    • (c) काई (Mosses)
    • (d) शैवाल

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): वनस्पति इतिहास (Plant History) और जीवाश्म (Fossils)।

    व्याख्या (Explanation): जुरासिक काल मुख्य रूप से जिम्नोस्पर्म (जैसे कोनिफर, जिन्कगो) और साइकैड (cycads) जैसे पौधों द्वारा चिह्नित किया गया था। फर्न (ferns) भी आम थे। फूल वाले पौधे (angiosperms) देर से जुरासिक या प्रारंभिक क्रेटेशियस काल में विकसित होना शुरू हुए और बाद में अधिक प्रमुख हुए। शैवाल (algae) महासागरों में मौजूद थे, लेकिन “प्रभुत्व” वाले स्थलीय पौधों में जिम्नोस्पर्म और फर्न शामिल थे।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  15. जब वैज्ञानिक जीवाश्मों का अध्ययन करने के लिए ‘कम्प्यूटेशनल फ्लूइड डायनेमिक्स’ (CFD) का उपयोग करते हैं, तो वे किस पहलू का अनुमान लगा सकते हैं?

    • (a) जीवाश्म की उम्र
    • (b) जीव की गति और पानी में प्रतिरोध
    • (c) जीव का आहार
    • (d) जीव की प्रजाति

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): बायोमैकेनिक्स (Biomechanics) और कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग (Computational Modeling)।

    व्याख्या (Explanation): CFD का उपयोग तरल पदार्थों (जैसे पानी) के प्रवाह के व्यवहार का अनुकरण करने के लिए किया जाता है। जीवाश्मों पर CFD लागू करके, वैज्ञानिक किसी जीव के शरीर के आकार और गति के आधार पर यह अनुमान लगा सकते हैं कि वह पानी में कितनी कुशलता से तैरता होगा, उस पर कितना ड्रैग (drag) लगता होगा, या वह कितनी तेज़ी से आगे बढ़ सकता था।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  16. एक “समुद्री राक्षस” के जीवाश्म में टेथिस सागर (Tethys Sea) के तलछट के निशान पाए जाने पर, यह किस भूवैज्ञानिक काल के समुद्री जीवन से संबंधित होने की सबसे अधिक संभावना है?

    • (a) आधुनिक काल
    • (b) मध्यवर्ती काल
    • (c) मेसोज़ोइक या सेनोज़ोइक युग
    • (d) पुरापाषाण काल

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): टेथिस सागर का इतिहास (History of the Tethys Sea)।

    व्याख्या (Explanation): टेथिस सागर एक विशाल महासागर था जो मेसोज़ोइक और प्रारंभिक सेनोज़ोइक युगों के दौरान मौजूद था, जो यूरेशियाई और अफ्रीकी टेक्टोनिक प्लेटों के बीच स्थित था। कई समुद्री सरीसृप (जैसे इचथ्योसॉर, प्लेओसॉर, मोसासॉर) और अन्य समुद्री जीवन इसी काल में पनपे और टेथिस सागर में पाए जाते थे। जुरासिक काल इस सागर के चरम पर था।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  17. जीवाश्मों के रासायनिक विश्लेषण में, आइसोटोप अनुपात (isotope ratios), जैसे कि ऑक्सीजन आइसोटोप (¹⁸O/¹⁶O), का उपयोग किस उद्देश्य के लिए किया जा सकता है?

    • (a) जीव का लिंग निर्धारित करना
    • (b) उस समय के समुद्री जल का तापमान अनुमान लगाना
    • (c) जीव द्वारा खाए जाने वाले भोजन के प्रकार का पता लगाना
    • (d) जीव की हड्डियों का घनत्व मापना

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पैलियोक्लाइमेटोलॉजी (Paleoclimatology) और आइसोटोप भू-रसायन विज्ञान (Isotope Geochemistry)।

    व्याख्या (Explanation): ऑक्सीजन आइसोटोप (¹⁸O/¹⁶O) का अनुपात समुद्री जीवों के कैल्शियम कार्बोनेट-आधारित कंकालों (जैसे शंख, कोरल) में उस समय के समुद्री जल के तापमान का एक विश्वसनीय संकेतक होता है। यह अनुपात तापमान परिवर्तन के साथ बदलता है, जिससे वैज्ञानिक प्राचीन जलवायु का पुनर्निर्माण कर सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  18. जीवाश्मों का अध्ययन करने के लिए एक्स-रे (X-ray) या सीटी स्कैन (CT Scan) जैसी तकनीकों का उपयोग करने का मुख्य लाभ क्या है?

    • (a) जीवाश्म को और अधिक खनिजों से भरना
    • (b) जीवाश्म की आंतरिक संरचना को नुकसान पहुंचाए बिना देखना
    • (c) जीवाश्म की रासायनिक संरचना को बदलना
    • (d) जीवाश्म को चमकाना

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): नॉन-डिस्ट्रक्टिव इमेजिंग टेक्निक्स (Non-destructive Imaging Techniques)।

    व्याख्या (Explanation): एक्स-रे और सीटी स्कैन जैसी तकनीकें “नॉन-डिस्ट्रक्टिव” होती हैं, जिसका अर्थ है कि वे नमूने को नष्ट या क्षतिग्रस्त किए बिना उसकी आंतरिक संरचना की विस्तृत छवियां प्रदान करती हैं। यह विशेष रूप से मूल्यवान है जब जीवाश्म दुर्लभ या नाजुक होते हैं, क्योंकि यह वैज्ञानिकों को अध्ययन के लिए नमूने को काटना नहीं पड़ता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  19. यदि एक समुद्री सरीसृप के जीवाश्म में मछली जैसे दाँत पाए जाते हैं, तो यह किस प्रकार के आहार का संकेत देता है?

    • (a) शाकाहारी
    • (b) मांसाहारी (Ichthyophagous – मछली खाने वाला)
    • (c) सर्वाहारी
    • (d) कीटभक्षी

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): दंत संरचना और आहार (Dental Structure and Diet)।

    व्याख्या (Explanation): दाँतों की आकृति और संरचना जीव के आहार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है। मछली जैसे, नुकीले और शंकु के आकार के दाँत आमतौर पर उन शिकारियों के लिए अनुकूलित होते हैं जो चिकनी-धार वाली मछलियों को पकड़ते हैं और निगलते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  20. जीवाश्मों के अध्ययन में “एज ऑफ डायनासोर” (Age of Dinosaurs) सामान्यतः किस भूवैज्ञानिक युग को संदर्भित करता है?

    • (a) पेलियोज़ोइक युग
    • (b) मेसोज़ोइक युग
    • (c) सेनोज़ोइक युग
    • (d) आर्कियन युग

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): भूवैज्ञानिक समय-सारणी (Geological Time Scale)।

    व्याख्या (Explanation): “एज ऑफ डायनासोर” या डायनासोर का युग, मेसोज़ोइक युग (Mesozoic Era) का पर्याय है, जो लगभग 252 मिलियन वर्ष पूर्व से 66 मिलियन वर्ष पूर्व तक चला। इस युग में तीन काल शामिल थे: ट्रायसिक (Triassic), जुरासिक (Jurassic), और क्रेटेशियस (Cretaceous), जिनमें डायनासोर पृथ्वी पर प्रमुख कशेरुकी जीव थे।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. यदि एक जीवाश्म में “बकल कैविटी” (buccal cavity) के बारे में अध्ययन किया जा रहा है, तो वैज्ञानिक किस शारीरिक रचना का विश्लेषण कर रहे हैं?

    • (a) पैर
    • (b) पंख
    • (c) मुख गुहा (Mouth Cavity)
    • (d) पूंछ

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जंतु विज्ञान (Zoology) में शब्दावली।

    व्याख्या (Explanation): “बकल कैविटी” (buccal cavity) शब्द का अर्थ मुख गुहा या मुंह के अंदर का स्थान है। यह भोजन को ग्रहण करने, चबाने (यदि लागू हो), और निगलने के लिए प्राथमिक स्थल होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  22. जुरासिक काल के समुद्री जीवों के अध्ययन से, वैज्ञानिकों ने “वार्म-ब्लडेड” (warm-blooded) या “कोल्ड-ब्लडेड” (cold-blooded) होने के बारे में क्या निष्कर्ष निकाले हैं?

    • (a) सभी जुरासिक समुद्री जीव निश्चित रूप से कोल्ड-ब्लडेड थे।
    • (b) कुछ बड़े समुद्री सरीसृप अपनी शारीरिक गर्मी को विनियमित करने में सक्षम हो सकते थे (जैसे एंडोथर्मी का एक रूप)।
    • (c) सभी जुरासिक समुद्री जीव निश्चित रूप से वार्म-ब्लडेड थे।
    • (d) इस बारे में कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पैलियोफिजियोलॉजी (Paleophysiology) और मेटाबोलिज्म (Metabolism)।

    व्याख्या (Explanation): यह एक सक्रिय शोध क्षेत्र है। जबकि कई सरीसृप कोल्ड-ब्लडेड माने जाते हैं, बड़े आकार (Gigantothermy) या अन्य शारीरिक अनुकूलन (जैसे उन्नत परिसंचरण तंत्र) के माध्यम से कुछ बड़े सरीसृप, विशेष रूप से जुरासिक काल के, अपनी आंतरिक शारीरिक गर्मी को बनाए रखने में कुछ हद तक सक्षम हो सकते थे। निश्चित रूप से सभी को कोल्ड-ब्लडेड कहना अतिसरलीकरण होगा, और वर्तमान में कई अलग-अलग मत हैं।

  23. अतः, सही उत्तर (b) है।

  24. जीवाश्मों में पाए जाने वाले “ट्रैस फ्यूल्स” (trace fossils) क्या होते हैं, और वे क्या जानकारी देते हैं?

    • (a) विलुप्त जीवों के शरीर के सीधे अवशेष।
    • (b) विलुप्त जीवों द्वारा छोड़े गए पदचिह्न, बिल, या पाचन तंत्र के निशान, जो उनके व्यवहार को दर्शाते हैं।
    • (c) किसी जीव के जीवन काल में उपयोग किए जाने वाले ईंधन के अवशेष।
    • (d) चट्टानों में पाए जाने वाले जीवाश्म ईंधन के स्रोत।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जीवाश्म विज्ञान (Paleontology) – ट्रैक जीवाश्म (Trace Fossils)।

    व्याख्या (Explanation): ट्रेस जीवाश्म (ichnofossils) किसी जीव के भौतिक अस्तित्व के प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं होते, बल्कि उनके कार्यों या गतिविधियों के उत्पाद होते हैं। इनमें पदचिह्न (footprints), पटरियाँ (tracks), कृमि-बिल (worm burrows), और मल (coprolites) शामिल हैं। ये हमें यह समझने में मदद करते हैं कि जीव कैसे चलते थे, कहाँ रहते थे, या क्या खाते थे।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  25. वैज्ञानिक जीवाश्मों के “बायोसिग्नेचर” (biosignatures) का अध्ययन करते हैं। इसका क्या अर्थ है?

    • (a) जीवाश्म से प्राप्त होने वाले रासायनिक सिग्नल जो जीवन की उपस्थिति या गतिविधि का संकेत देते हैं।
    • (b) जीवाश्म के नीचे की चट्टानों के भूवैज्ञानिक हस्ताक्षर।
    • (c) जीवाश्म का विशिष्ट भौतिक आकार।
    • (d) जीवाश्म को पहचानने के लिए उपयोग किया जाने वाला कोड।

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एस्ट्रोबायोलॉजी (Astrobiology) और पैलियोबायोलॉजी (Paleobiology)।

    व्याख्या (Explanation): बायोसिग्नेचर वे पदार्थ, संरचनाएं या पैटर्न होते हैं जो जीवन की उपस्थिति का प्रमाण देते हैं। जीवाश्मों के संदर्भ में, यह उन कार्बनिक अणुओं, आइसोटोपिक असंतुलन, या विशिष्ट माइक्रोस्ट्रक्चर का संदर्भ दे सकता है जो केवल जैविक प्रक्रियाओं द्वारा उत्पन्न हो सकते थे।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  26. यदि एक जीवाश्म के अध्ययन से पता चलता है कि उसमें ‘कॉर्ड्स’ (cords) या ‘फिलामेंट्स’ (filaments) की संरचना थी, तो यह किस प्रकार के प्रारंभिक जीवन का संकेत दे सकता है?

    • (a) जटिल स्तनधारी
    • (b) सूक्ष्मजीव जैसे बैक्टीरिया या शैवाल
    • (c) बड़े सरीसृप
    • (d) आधुनिक पक्षी

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology) और पैलियोमाइक्रोबायोलॉजी (Paleomicrobiology)।

    व्याख्या (Explanation): जीवाश्मों में पाए जाने वाले फिलामेंटस (filamentous) या कॉर्ड-जैसे (cord-like) स्ट्रक्चर अक्सर सूक्ष्मजीवों, जैसे कुछ प्रकार के बैक्टीरिया (जैसे साइनोबैक्टीरिया) या शैवाल (algae) से जुड़े होते हैं, जो प्रारंभिक पृथ्वी पर जीवन के सबसे पुराने रूपों में से थे।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

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