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जल शुद्धिकरण और रसायन विज्ञान: आपकी परीक्षा की तैयारी के लिए विज्ञान प्रश्न

जल शुद्धिकरण और रसायन विज्ञान: आपकी परीक्षा की तैयारी के लिए विज्ञान प्रश्न

परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान का एक मजबूत आधार होना सफलता की कुंजी है। चाहे वह भौतिकी के सिद्धांत हों, रसायन विज्ञान के अनुप्रयोग हों, या जीव विज्ञान की जटिलताएँ हों, प्रत्येक विषय महत्वपूर्ण है। आज, हम “Simple solar device extracts ammonia from wastewater” जैसे आधुनिक नवाचारों से प्रेरित होकर, इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करने वाले बहुमुखी प्रश्नों का अभ्यास करेंगे। ये प्रश्न आपकी समझ का परीक्षण करेंगे और आपको परीक्षा के लिए बेहतर ढंग से तैयार करेंगे।


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. सौर उपकरणों द्वारा अपशिष्ट जल से अमोनिया निकालने की प्रक्रिया मुख्य रूप से किस वैज्ञानिक सिद्धांत पर आधारित है?

    • (a) ऊष्मीय संवहन
    • (b) प्रकाश-उत्प्रेरक (Photocatalysis)
    • (c) विद्युत अपघटन
    • (d) गुरुत्वाकर्षण पृथक्करण

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश-उत्प्रेरक (Photocatalysis) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग रासायनिक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करने के लिए किया जाता है। अर्धचालक उत्प्रेरक (जैसे टाइटेनियम डाइऑक्साइड) प्रकाश को अवशोषित करते हैं और इलेक्ट्रॉन-होल जोड़े बनाते हैं, जो फिर अपशिष्ट जल में मौजूद प्रदूषकों (जैसे अमोनिया) को तोड़ने या परिवर्तित करने में मदद करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): सौर उपकरण सूर्य के प्रकाश का उपयोग करते हैं, जो प्रकाश-उत्प्रेरक के लिए आवश्यक है। इस प्रक्रिया में, प्रकाश ऊर्जा रासायनिक बंधों को तोड़ने और अमोनिया जैसे यौगिकों को हानिरहित पदार्थों में परिवर्तित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऊष्मीय संवहन गर्मी के स्थानांतरण से संबंधित है, विद्युत अपघटन विद्युत प्रवाह का उपयोग करता है, और गुरुत्वाकर्षण पृथक्करण घनत्व अंतर पर आधारित है, जो इस विशिष्ट प्रक्रिया के लिए प्राथमिक सिद्धांत नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  2. अपशिष्ट जल में अमोनिया (NH3) की उपस्थिति का मुख्य कारण क्या है?

    • (a) औद्योगिक विलायक
    • (b) कृषि उर्वरकों का बहना
    • (c) कीटनाशकों का विघटन
    • (d) खनिजों का प्राकृतिक रिसाव

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अमोनिया, विशेष रूप से यूरिया के रूप में, कृषि में व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले नाइट्रोजन उर्वरकों का एक प्रमुख घटक है। जब इन उर्वरकों का उपयोग किया जाता है, तो उनका कुछ अंश वर्षा या सिंचाई के माध्यम से अपशिष्ट जल प्रणालियों में बह सकता है, जिससे अपशिष्ट जल में अमोनिया का स्तर बढ़ जाता है।

    व्याख्या (Explanation): औद्योगिक विलायक, कीटनाशक और खनिज अपशिष्ट जल में अन्य प्रदूषक हो सकते हैं, लेकिन अमोनिया की वृद्धि का सबसे आम और महत्वपूर्ण स्रोत कृषि अपवाह है। अन्य विकल्प अमोनिया की उच्च सांद्रता के लिए प्राथमिक योगदानकर्ता नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. अमोनिया को अपशिष्ट जल से निकालने के लिए सौर उपकरण में किस प्रकार के अर्धचालक (semiconductor) का उपयोग आम तौर पर किया जाता है?

    • (a) सिलिकॉन (Si)
    • (b) गैलियम आर्सेनाइड (GaAs)
    • (c) टाइटेनियम डाइऑक्साइड (TiO2)
    • (d) कैडमियम सल्फाइड (CdS)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): टाइटेनियम डाइऑक्साइड (TiO2) एक व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला अर्धचालक प्रकाश-उत्प्रेरक है जो अपने स्थायित्व, कम लागत और प्रभावी ऑक्सीकरण क्षमताओं के कारण प्रकाश-उत्प्रेरक प्रतिक्रियाओं में प्रयोग किया जाता है। यह सूर्य के प्रकाश के तहत प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों (ROS) का उत्पादन कर सकता है।

    व्याख्या (Explanation): जबकि सिलिकॉन और गैलियम आर्सेनाइड का उपयोग सौर सेल में किया जाता है, TiO2 प्रकाश-उत्प्रेरक अनुप्रयोगों के लिए अधिक उपयुक्त है। कैडमियम सल्फाइड भी एक प्रकाश-उत्प्रेरक है, लेकिन TiO2 को अक्सर इसके पर्यावरण-अनुकूल गुणों और स्थिरता के लिए पसंद किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  4. प्रकाश-उत्प्रेरक प्रक्रिया में, प्रकाश की ऊर्जा अर्धचालक में क्या उत्पन्न करती है?

    • (a) मुक्त इलेक्ट्रॉन और होल
    • (b) ऊष्मीय ऊर्जा
    • (c) अवशिष्ट प्रकाश
    • (d) जल वाष्प

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जब एक अर्धचालक (जैसे TiO2) पर्याप्त ऊर्जा (आमतौर पर पराबैंगनी या दृश्य प्रकाश से) अवशोषित करता है, तो इसके संयोजी बैंड (valence band) से चालन बैंड (conduction band) में एक इलेक्ट्रॉन उत्तेजित होता है। यह एक मुक्त इलेक्ट्रॉन (e-) और एक छिद्र (h+), जिसे होल कहा जाता है, उत्पन्न करता है। ये आवेश वाहक (charge carriers) रासायनिक प्रतिक्रियाओं में भाग लेते हैं।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश-उत्प्रेरक का मुख्य तंत्र प्रकाश अवशोषण से इलेक्ट्रॉन-होल जोड़े का निर्माण है। ये आवेश वाहक फिर अन्य अणुओं के साथ प्रतिक्रिया करते हैं, जैसे कि पानी और ऑक्सीजन, जिससे अत्यधिक प्रतिक्रियाशील प्रजातियाँ बनती हैं जो प्रदूषकों को नीचा दिखाती हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  5. अपशिष्ट जल से अमोनिया निकालने के लिए सौर उपकरणों का उपयोग करने का एक मुख्य लाभ क्या है?

    • (a) बिजली की बहुत कम खपत
    • (b) भारी धातुओं का पुनर्चक्रण
    • (c) उच्च दक्षता वाले सूक्ष्मजीवों का विकास
    • (d) जटिल निस्पंदन प्रणाली की आवश्यकता

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सौर उपकरण सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करते हैं, जो एक नवीकरणीय और मुफ्त ऊर्जा स्रोत है। यह पारंपरिक जल उपचार विधियों के विपरीत है जिन्हें अक्सर महत्वपूर्ण मात्रा में बिजली की आवश्यकता होती है।

    व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा का उपयोग बिजली की खपत को काफी कम करता है, जिससे यह एक लागत प्रभावी और टिकाऊ समाधान बन जाता है। अन्य विकल्प इस तकनीक के प्रत्यक्ष लाभ नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  6. अमोनिया (NH3) एक यौगिक है जिसका रासायनिक सूत्र क्या है?

    • (a) N2O
    • (b) NO2
    • (c) NH4+
    • (d) NH3

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अमोनिया एक रासायनिक यौगिक है जो नाइट्रोजन और हाइड्रोजन परमाणुओं से बना होता है। इसका रासायनिक सूत्र NH3 है, जिसका अर्थ है कि इसके प्रत्येक अणु में एक नाइट्रोजन परमाणु और तीन हाइड्रोजन परमाणु होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): N2O नाइट्रस ऑक्साइड है, NO2 नाइट्रोजन डाइऑक्साइड है, और NH4+ अमोनियम आयन है (जो पानी में अमोनिया से बनता है)। हालांकि अमोनियम आयन प्रासंगिक है, अमोनिया का मूल सूत्र NH3 है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  7. अपशिष्ट जल से अमोनिया को हटाने के लिए प्रकाश-उत्प्रेरक का एक संभावित उत्पाद क्या हो सकता है?

    • (a) मीथेन (CH4)
    • (b) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
    • (c) नाइट्रोजन गैस (N2)
    • (d) सल्फर डाइऑक्साइड (SO2)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश-उत्प्रेरक प्रक्रिया में, अमोनिया (NH3) को अक्सर नाइट्रोजन गैस (N2) और पानी (H2O) में परिवर्तित किया जा सकता है। यह एक ऑक्सीकरण-अपचयन प्रतिक्रिया है जहां अमोनिया को विघटित किया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया का विघटन नाइट्रोजन गैस और पानी का उत्पादन करता है, जो पर्यावरण के लिए कम हानिकारक हैं। मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड इस विशिष्ट प्रतिक्रिया के सामान्य उत्पाद नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. सौर उपकरणों में प्रयुक्त प्रकाश-उत्प्रेरक उत्प्रेरक (catalyst) की मुख्य भूमिका क्या है?

    • (a) पानी को गर्म करना
    • (b) प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करना और प्रतिक्रिया को तेज करना
    • (c) अमोनिया को घोलना
    • (d) निस्पंदन को रोकना

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): उत्प्रेरक एक ऐसा पदार्थ है जो स्वयं उपभोग किए बिना रासायनिक प्रतिक्रिया की दर को बढ़ाता है। प्रकाश-उत्प्रेरक में, उत्प्रेरक (जैसे TiO2) प्रकाश को अवशोषित करता है और सक्रिय प्रजातियाँ उत्पन्न करता है जो प्रदूषकों के साथ प्रतिक्रिया करती हैं, जिससे प्रतिक्रिया तेज हो जाती है।

    व्याख्या (Explanation): उत्प्रेरक का मुख्य कार्य प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करना और उसे रासायनिक प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध कराना है, जिससे अमोनिया जैसे प्रदूषकों का विघटन हो सके।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  9. अपशिष्ट जल उपचार में pH मान का क्या महत्व है?

    • (a) यह जल की चालकता निर्धारित करता है
    • (b) यह अमोनिया के अमोनियम आयन (NH4+) में रूपांतरण को प्रभावित करता है
    • (c) यह जल के वाष्पीकरण की दर को बढ़ाता है
    • (d) यह केवल ऑक्सीजन की घुलनशीलता को प्रभावित करता है

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अमोनिया (NH3) और अमोनियम आयन (NH4+) एक संतुलन में मौजूद होते हैं जो pH पर निर्भर करता है। अम्लीय परिस्थितियों में, अमोनिया अमोनियम आयन के रूप में अधिक मौजूद होता है, जबकि क्षारीय परिस्थितियों में, यह अमोनिया के रूप में अधिक होता है। प्रकाश-उत्प्रेरक प्रक्रियाएं अक्सर इन दोनों रूपों से प्रभावित होती हैं।

    व्याख्या (Explanation): pH, अमोनिया की घुलनशीलता और उसके आयनीकरण की डिग्री को प्रभावित करता है, जो सीधे तौर पर प्रकाश-उत्प्रेरक या अन्य जल उपचार विधियों की दक्षता को प्रभावित कर सकता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  10. कार्बनिक यौगिकों के अपघटन के लिए सौर प्रकाश-उत्प्रेरक प्रक्रिया द्वारा उत्पन्न प्रतिक्रियाशील प्रजातियाँ (reactive species) कौन सी हैं?

    • (a) हाइड्रॉक्साइड आयन (OH-)
    • (b) सुपरऑक्साइड रेडिकल्स (O2•-)
    • (c) हाइड्रॉक्सिल रेडिकल्स (•OH)
    • (d) ये सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश-उत्प्रेरक प्रतिक्रियाओं में, अर्धचालक द्वारा उत्पन्न मुक्त इलेक्ट्रॉन और होल विभिन्न प्रतिक्रियाओं में भाग लेते हैं। मुक्त इलेक्ट्रॉन ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके सुपरऑक्साइड रेडिकल्स (O2•-) बनाते हैं, जबकि होल पानी या हाइड्रॉक्साइड आयनों के साथ प्रतिक्रिया करके अत्यधिक प्रतिक्रियाशील हाइड्रॉक्सिल रेडिकल्स (•OH) बनाते हैं। ये प्रजातियाँ कार्बनिक प्रदूषकों को विघटित करने में शक्तिशाली ऑक्सीकारक हैं।

    व्याख्या (Explanation): सौर प्रकाश-उत्प्रेरक प्रक्रिया में, अमोनिया जैसे यौगिकों के अपघटन के लिए कई प्रतिक्रियाशील प्रजातियाँ जिम्मेदार हो सकती हैं, जिनमें हाइड्रॉक्सिल रेडिकल्स (•OH), सुपरऑक्साइड रेडिकल्स (O2•-) और अन्य ऑक्सीकरण एजेंट शामिल हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  11. सौर जल शुद्धिकरण में उपयोग किए जाने वाले फोटोकैталиटिक (photocatalytic) झिल्लियों (membranes) का मुख्य कार्य क्या है?

    • (a) केवल पानी को वाष्पित करना
    • (b) प्रदूषकों को अलग करना और उनका अपघटन करना
    • (c) पानी में ऑक्सीजन घोलना
    • (d) पानी को गर्म करना

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): फोटोकैталиटिक झिल्लियाँ, फोटोकैталиटिक गतिविधि वाले अर्धचालक कणों के साथ लेपित या मिश्रित होती हैं। ये झिल्लियाँ न केवल पानी से प्रदूषकों को भौतिक रूप से रोकती हैं (निस्पंदन की तरह) बल्कि सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में उत्प्रेरक के माध्यम से उनका रासायनिक रूप से अपघटन भी करती हैं।

    व्याख्या (Explanation): फोटोकैталиटिक झिल्लियाँ एक दोहरी भूमिका निभाती हैं: वे एक भौतिक अवरोधक के रूप में कार्य करती हैं और साथ ही सक्रिय प्रकाश-उत्प्रेरक के रूप में प्रदूषकों को नष्ट करती हैं, जिससे वे एक कुशल जल उपचार समाधान बन जाती हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  12. अमोनिया को हटाना क्यों महत्वपूर्ण है, भले ही यह सीधे विषाक्त न हो?

    • (a) यह पानी के pH को स्थिर करता है
    • (b) यह जल निकायों में यूट्रोफिकेशन (eutrophication) का कारण बनता है
    • (c) यह पानी में क्लोरीन को निष्क्रिय कर देता है
    • (d) यह केवल एक गंध पैदा करता है

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अमोनिया पानी में पोषक तत्व के रूप में कार्य करता है। जब यह जल निकायों में छोड़ा जाता है, तो यह शैवाल और अन्य जलीय पौधों की अत्यधिक वृद्धि को बढ़ावा दे सकता है। इस प्रक्रिया को यूट्रोफिकेशन कहा जाता है, जो ऑक्सीजन के स्तर को कम कर सकती है और जलीय जीवन के लिए हानिकारक हो सकती है।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया की उच्च सांद्रता जलीय पारिस्थितिक तंत्र को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकती है। यूट्रोफिकेशन एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है जो अमोनिया जैसे पोषक तत्वों के कारण होती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  13. प्रकाश-उत्प्रेरक प्रक्रिया में “बैंड गैप” (band gap) का क्या महत्व है?

    • (a) यह अवशोषित प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करता है
    • (b) यह अर्धचालक की चालकता निर्धारित करता है
    • (c) यह उस प्रकाश की तरंग दैर्ध्य (wavelength) निर्धारित करता है जिसे वह अवशोषित कर सकता है
    • (d) यह प्रतिक्रिया की गति को सीमित करता है

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एक अर्धचालक का बैंड गैप वह ऊर्जा अंतर है जिसे एक इलेक्ट्रॉन को संयोजी बैंड से चालन बैंड में कूदने के लिए पार करना पड़ता है। यह ऊर्जा सीधे प्रकाश की ऊर्जा (E = hc/λ) से संबंधित है, जिसका अर्थ है कि बैंड गैप उस सबसे लंबी तरंग दैर्ध्य (सबसे कम ऊर्जा) को निर्धारित करता है जिसे अर्धचालक प्रकाश-उत्प्रेरक गतिविधि के लिए अवशोषित कर सकता है।

    व्याख्या (Explanation): एक छोटा बैंड गैप वाले अर्धचालक कम ऊर्जा वाले प्रकाश (जैसे दृश्य प्रकाश) को अवशोषित कर सकते हैं, जबकि बड़े बैंड गैप वाले अर्धचालक को अवशोषण के लिए उच्च ऊर्जा वाले प्रकाश (जैसे यूवी प्रकाश) की आवश्यकता होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  14. विद्युत-रसायनिक (electrochemical) जल उपचार विधियों की तुलना में सौर प्रकाश-उत्प्रेरक जल उपचार का एक संभावित नुकसान क्या है?

    • (a) कम ऊर्जा दक्षता
    • (b) विषाक्त उप-उत्पादों का उत्पादन
    • (c) निम्न प्रक्रिया दर
    • (d) रासायनिक अभिकर्मकों की आवश्यकता

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जबकि प्रकाश-उत्प्रेरक कई फायदे प्रदान करता है, कुछ इलेक्ट्रोकेमिकल विधियाँ, जो सीधे विद्युत प्रवाह का उपयोग करती हैं, विशेष रूप से कुछ प्रकार के प्रदूषकों के लिए उच्च प्रक्रिया दर या अधिक दक्षता प्रदान कर सकती हैं। प्रकाश-उत्प्रेरक प्रक्रिया की दर अक्सर प्रकाश की तीव्रता और उत्प्रेरक की गुणवत्ता से सीमित होती है।

    व्याख्या (Explanation): यह एक तुलनात्मक नुकसान है, और यह विशिष्ट अनुप्रयोग पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में, इलेक्ट्रोकेमिकल विधियाँ तेज़ हो सकती हैं। हालांकि, सौर प्रकाश-उत्प्रेरक में अभिकर्मकों की आवश्यकता नहीं होती है और यह नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करता है, जो इसे एक टिकाऊ विकल्प बनाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  15. अपशिष्ट जल से अमोनिया को हटाने की प्रक्रिया में, अमोनिया का ऑक्सीकरण किस रूप में हो सकता है?

    • (a) नाइट्राइट (NO2-)
    • (b) नाइट्रेट (NO3-)
    • (c) नाइट्रोजन गैस (N2)
    • (d) ये सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जैविक और रासायनिक ऑक्सीकरण प्रक्रियाओं में, अमोनिया को विभिन्न चरणों में ऑक्सीकृत किया जा सकता है। पहले, यह नाइट्राइट (NO2-) में ऑक्सीकृत होता है, और फिर नाइट्राइट को नाइट्रेट (NO3-) में ऑक्सीकृत किया जा सकता है। कुछ उन्नत ऑक्सीकरण प्रक्रियाओं या विशिष्ट परिस्थितियों में, अमोनिया को सीधे नाइट्रोजन गैस (N2) में परिवर्तित किया जा सकता है।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश-उत्प्रेरक सहित विभिन्न जल उपचार विधियाँ, अमोनिया के ऑक्सीकरण के माध्यम से इसे हानिरहित रूप में परिवर्तित कर सकती हैं, जिसमें नाइट्राइट, नाइट्रेट और नाइट्रोजन गैस जैसे उत्पाद शामिल हो सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  16. जैविक उपचार (biological treatment) की तुलना में सौर प्रकाश-उत्प्रेरक विधि का क्या लाभ है?

    • (a) यह कम जटिल है
    • (b) यह कम रखरखाव की मांग करता है
    • (c) यह व्यापक तापमान रेंज पर काम कर सकता है
    • (d) ये सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जैविक उपचार के लिए विशिष्ट तापमान, pH और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इसके विपरीत, प्रकाश-उत्प्रेरक प्रक्रियाएं अक्सर अधिक लचीली होती हैं, कम जटिल होती हैं, और विशेष रूप से निष्क्रिय होने पर कम रखरखाव की मांग करती हैं। ये प्रक्रियाएं तापमान की एक विस्तृत श्रृंखला पर कार्य कर सकती हैं।

    व्याख्या (Explanation): सौर प्रकाश-उत्प्रेरक विधियाँ अक्सर जैविक उपचारों की तुलना में अधिक मजबूत और संचालित करने में आसान होती हैं, जिससे वे विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए आकर्षक हो जाती हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  17. सौर प्रकाश-उत्प्रेरक प्रक्रिया में, शुद्ध सिलिका (SiO2) के कणों को आम तौर पर क्या कहा जाता है?

    • (a) उत्प्रेरक
    • (b) विलायक
    • (c) अधिशोषक (adsorbent)
    • (d) संवाहक (conductor)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सिलिका (SiO2) अपनी उच्च सतह क्षेत्र और अधिशोषण (adsorption) गुणों के लिए जानी जाती है। यह पानी से कुछ प्रदूषकों को अपनी सतह पर बांध सकती है। हालांकि, फोटोकैталиटिक अनुप्रयोगों में, सक्रिय उत्प्रेरक (जैसे TiO2) को अक्सर सिलिका कणों पर लेपित या मिश्रित किया जाता है ताकि उत्प्रेरक समर्थन के रूप में कार्य किया जा सके या कणों के फैलाव में सुधार किया जा सके। जब अकेले उपयोग किया जाता है, तो यह मुख्य रूप से अधिशोषक के रूप में कार्य करता है।

    व्याख्या (Explanation): प्रश्न में “शुद्ध सिलिका” के बारे में पूछा गया है। यदि यह एक फोटोकैталиटिक प्रणाली का हिस्सा है, तो यह एक समर्थन हो सकता है, लेकिन यदि अकेले माना जाए, तो यह एक अधिशोषक है। प्रकाश-उत्प्रेरक का मुख्य कार्य फोटोकैталиस्ट द्वारा किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  18. ऑप्टिकल सक्रियता (optical activity) क्या है?

    • (a) किसी पदार्थ द्वारा प्रकाश के तरंग दैर्ध्य को बदलने की क्षमता
    • (b) किसी पदार्थ द्वारा समतल-ध्रुवीकृत प्रकाश (plane-polarized light) के तल को घुमाने की क्षमता
    • (c) किसी पदार्थ द्वारा प्रकाश की तीव्रता को बढ़ाने की क्षमता
    • (d) किसी पदार्थ द्वारा प्रकाश को प्रतिबिंबित करने की क्षमता

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ऑप्टिकल सक्रियता किसी पदार्थ का वह गुण है जिसके कारण वह अपने माध्यम से गुजरने वाले समतल-ध्रुवीकृत प्रकाश के ध्रुवीकरण के तल को घुमा सकता है। यह गुण अणु की चिरायता (chirality) के कारण होता है, अर्थात, जब अणु अपनी दर्पण छवि पर अध्यारोपित नहीं हो सकता।

    व्याख्या (Explanation): सौर उपकरण प्रकाश के साथ इंटरैक्ट करते हैं, और हालांकि मुख्य रूप से प्रकाश-उत्प्रेरक पर ध्यान केंद्रित किया गया है, ऑप्टिकल सक्रियता एक मौलिक भौतिक गुण है। यह रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान दोनों में महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से चिरल अणुओं में।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  19. जीव विज्ञान में, प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) प्रक्रिया का मुख्य ऊर्जा स्रोत क्या है?

    • (a) रासायनिक ऊर्जा
    • (b) भूतापीय ऊर्जा
    • (c) सौर ऊर्जा
    • (d) यांत्रिक ऊर्जा

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसका उपयोग हरे पौधे और कुछ अन्य जीव ऊर्जा के लिए प्रकाश का उपयोग करके कार्बनिक यौगिक बनाने के लिए करते हैं। इस प्रक्रिया में, सूर्य के प्रकाश से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ग्लूकोज (शर्करा) और ऑक्सीजन में बदलने के लिए किया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण सूर्य की ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने का एक प्राथमिक उदाहरण है, जो पृथ्वी पर अधिकांश जीवन का आधार है। यह सौर उपकरणों के साथ ऊर्जा के उपयोग में एक समानता दिखाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  20. जीवों के लिए आवश्यक आवश्यक पोषक तत्वों में से एक, जो अपशिष्ट जल में अमोनिया के रूप में भी पाया जाता है, वह कौन सा तत्व है?

    • (a) फास्फोरस
    • (b) नाइट्रोजन
    • (c) पोटेशियम
    • (d) सल्फर

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): नाइट्रोजन एक आवश्यक मैक्रोन्यूट्रिएंट है जो सभी जीवित जीवों के लिए महत्वपूर्ण है। यह अमीनो एसिड (प्रोटीन का निर्माण खंड), न्यूक्लिक एसिड (डीएनए और आरएनए) और अन्य महत्वपूर्ण जैविक अणुओं का एक प्रमुख घटक है। अमोनिया (NH3) और अमोनियम आयन (NH4+) नाइट्रोजन के सामान्य रूप हैं जो अपशिष्ट जल में पाए जाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया में मौजूद नाइट्रोजन, पौधों और अन्य जीवों के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। हालांकि, इसकी अधिकता हानिकारक हो सकती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. सौर ऊष्मीय (solar thermal) उपकरणों का उपयोग आमतौर पर किसमें किया जाता है?

    • (a) प्रकाश-उत्प्रेरक प्रतिक्रियाएँ
    • (b) सौर ऊर्जा को सीधे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करना
    • (c) सूर्य के प्रकाश से गर्मी उत्पन्न करना
    • (d) प्रकाश संश्लेषण को बढ़ावा देना

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सौर ऊष्मीय उपकरण सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करते हैं और उस ऊर्जा को गर्मी में परिवर्तित करते हैं। इस गर्मी का उपयोग पानी गर्म करने, भवनों को गर्म करने या बिजली उत्पन्न करने के लिए भाप बनाने के लिए किया जा सकता है।

    व्याख्या (Explanation): जब सौर उपकरण “अमोनिया निकालते हैं,” तो वे सौर ऊर्जा का उपयोग करते हैं। यदि वे सीधे ऊष्मा का उपयोग करते हैं, तो वे सौर ऊष्मीय उपकरण होते हैं। प्रकाश-उत्प्रेरक सौर फोटोकैमिस्ट्री का एक रूप है, जबकि फोटोवोल्टिक उपकरण सौर ऊर्जा को विद्युत में बदलते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  22. किसी पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा (specific heat) क्या दर्शाती है?

    • (a) उस पदार्थ का क्वथनांक
    • (b) उस पदार्थ के तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि करने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा
    • (c) उस पदार्थ का गलनांक
    • (d) उस पदार्थ का घनत्व

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विशिष्ट ऊष्मा किसी पदार्थ के प्रति इकाई द्रव्यमान के तापमान को एक डिग्री सेल्सियस (या केल्विन) बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा है। यह किसी पदार्थ की ऊष्मा को अवशोषित करने या छोड़ने की क्षमता का एक माप है।

    व्याख्या (Explanation): सौर जल उपचार में, पानी की विशिष्ट ऊष्मा एक महत्वपूर्ण कारक है जो यह निर्धारित करती है कि उसे गर्म करने के लिए कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  23. अपशिष्ट जल में घुली हुई ऑक्सीजन (DO) का स्तर कम होने का क्या संकेत है?

    • (a) पानी की गुणवत्ता में सुधार
    • (b) पानी में उच्च स्तर के कार्बनिक प्रदूषक
    • (c) पानी का तापमान बढ़ना
    • (d) पानी में अमोनिया की कमी

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जब पानी में कार्बनिक प्रदूषकों की मात्रा अधिक होती है, तो बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीव इन प्रदूषकों को विघटित करने के लिए अधिक ऑक्सीजन का उपभोग करते हैं। इसके परिणामस्वरूप पानी में घुली हुई ऑक्सीजन (DO) का स्तर कम हो जाता है।

    व्याख्या (Explanation): अपशिष्ट जल में अमोनिया, अन्य पोषक तत्वों और कार्बनिक पदार्थों की उपस्थिति DO स्तर को प्रभावित कर सकती है। कम DO अक्सर खराब पानी की गुणवत्ता और उच्च प्रदूषण भार का सूचक होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  24. द्रवों में संवहन (convection) का अर्थ क्या है?

    • (a) अणुओं के माध्यम से ऊष्मा का स्थानांतरण
    • (b) ऊर्जा के बिना अणुओं का स्थानांतरण
    • (c) द्रव के कणों की गति के कारण ऊष्मा का स्थानांतरण
    • (d) विकिरण के माध्यम से ऊष्मा का स्थानांतरण

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): संवहन ऊष्मा स्थानांतरण का एक रूप है जो द्रव (तरल या गैस) के भीतर गति के माध्यम से होता है। जब द्रव का कोई हिस्सा गर्म होता है, तो वह कम घना हो जाता है और ऊपर उठ जाता है, जिससे ठंडा, सघन द्रव नीचे आ जाता है। यह संवहन धाराएँ बनाता है जो ऊष्मा का परिवहन करती हैं।

    व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा के अवशोषण या प्रकाश-उत्प्रेरक प्रतिक्रियाओं से उत्पन्न गर्मी को जल में वितरित करने में संवहन एक भूमिका निभा सकता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  25. प्रकाश-उत्प्रेरक प्रक्रिया में, यदि उत्प्रेरक के कण बहुत छोटे हों, तो क्या हो सकता है?

    • (a) वे प्रकाश को अधिक कुशलता से बिखेरेंगे
    • (b) वे प्रकाश को कम कुशलता से अवशोषित करेंगे
    • (c) वे कणों को एकत्रित (aggregate) कर सकते हैं, जिससे प्रतिक्रिया की दर कम हो जाएगी
    • (d) वे प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं निभाएंगे

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): बहुत छोटे नैनो-कणों में सतह तनाव अधिक होने के कारण एक साथ जुड़ने (aggregate) की प्रवृत्ति होती है। यदि उत्प्रेरक कण एकत्रित हो जाते हैं, तो उनका प्रभावी सतह क्षेत्र कम हो जाता है, जिससे प्रकाश को अवशोषित करने और प्रतिक्रियाशील प्रजातियों को उत्पन्न करने की उनकी क्षमता कम हो जाती है, और इस प्रकार समग्र प्रतिक्रिया दर धीमी हो जाती है।

    व्याख्या (Explanation): कणों का उचित फैलाव (dispersion) प्रकाश-उत्प्रेरक की दक्षता के लिए महत्वपूर्ण है। फैलाव को बढ़ाने के लिए अक्सर स्थिरीकरण एजेंटों (stabilizing agents) का उपयोग किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

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