जंगल और महासागर का जलवायु युद्ध: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। विशेष रूप से, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से संबंधित प्रश्न विभिन्न परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाते हैं। आज हम “जंगलों और महासागरों के बीच छिड़ा जलवायु युद्ध” जैसे सामयिक विषय से प्रेरित होकर भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के 25 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) लेकर आए हैं, जो आपकी तैयारी को धार देने में सहायक होंगे।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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निम्नलिखित में से कौन सी गैस वनों से निकलने वाली वाष्पोत्सर्जन (transpiration) प्रक्रिया से सबसे अधिक संबंधित है, जो वायुमंडल में जलवाष्प की मात्रा को प्रभावित करती है?
- (a) ऑक्सीजन (O₂)
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
- (c) जलवाष्प (H₂O)
- (d) नाइट्रोजन (N₂)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वाष्पोत्सर्जन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पौधों के हवा में मौजूद भागों, मुख्य रूप से पत्तियों से जल वाष्प के रूप में पानी का नुकसान होता है।
व्याख्या (Explanation): वाष्पोत्सर्जन पौधों द्वारा अवशोषित पानी का एक बड़ा हिस्सा वायुमंडल में जलवाष्प के रूप में छोड़ता है। यह जलवाष्प बादलों के निर्माण और वर्षा चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे जलवायु प्रभावित होती है। कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है, लेकिन वाष्पोत्सर्जन का प्रत्यक्ष उत्पाद नहीं है। ऑक्सीजन (O₂) प्रकाश संश्लेषण का उत्पाद है और नाइट्रोजन (N₂) वायुमंडल की मुख्य गैस है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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महासागरों द्वारा अवशोषित की जाने वाली प्राथमिक ग्रीनहाउस गैस कौन सी है, जो “छिपे हुए जलवायु युद्ध” का एक महत्वपूर्ण पहलू है?
- (a) मीथेन (CH₄)
- (b) ओजोन (O₃)
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
- (d) नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): महासागर वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) को अवशोषित करके जलवायु परिवर्तन को कम करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
व्याख्या (Explanation): महासागर मानव गतिविधियों द्वारा उत्सर्जित CO₂ का लगभग 25% अवशोषित करते हैं। यह CO₂ महासागरों में घुलकर कार्बोनिक एसिड (H₂CO₃) बनाता है, जिससे महासागरों का अम्लीकरण (ocean acidification) होता है। यह प्रक्रिया समुद्री जीवन, विशेषकर कैल्शियम कार्बोनेट के खोल वाले जीवों के लिए हानिकारक है। मीथेन, ओजोन और नाइट्रस ऑक्साइड भी ग्रीनहाउस गैसें हैं, लेकिन CO₂ की तुलना में महासागरों द्वारा इनका अवशोषण कम होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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समुद्री शैवाल (seaweed) और फाइटोप्लांकटन (phytoplankton) प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से वायुमंडल से कौन सी गैस निकालते हैं, जो वनों के समान कार्य करती है?
- (a) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
- (b) ऑक्सीजन (O₂)
- (c) मीथेन (CH₄)
- (d) अमोनिया (NH₃)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव सूर्य के प्रकाश को ऊर्जा के रूप में उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से पोषक तत्व बनाते हैं, और ऑक्सीजन को उप-उत्पाद के रूप में छोड़ते हैं।
व्याख्या (Explanation): समुद्री शैवाल और फाइटोप्लांकटन, जो महासागरों में उत्पादक हैं, वनों की तरह ही प्रकाश संश्लेषण करते हैं। वे CO₂ का उपयोग करते हैं और ऑक्सीजन (O₂) को छोड़ते हैं। वास्तव में, फाइटोप्लांकटन पृथ्वी पर उत्पन्न होने वाली आधी से अधिक ऑक्सीजन के लिए जिम्मेदार हैं। कार्बन मोनोऑक्साइड, मीथेन और अमोनिया इस प्रक्रिया में नहीं निकलते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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महासागरों के अम्लीकरण (ocean acidification) से समुद्री जीवों के खोल (shells) और कंकाल (skeletons) पर क्या प्रभाव पड़ता है, जो कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO₃) से बने होते हैं?
- (a) वे अधिक मजबूत हो जाते हैं।
- (b) वे अधिक आसानी से घुल जाते हैं।
- (c) उनका रंग बदल जाता है।
- (d) वे तेजी से बढ़ते हैं।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): महासागरों के अम्लीकरण के कारण पानी में हाइड्रोजन आयनों (H⁺) की सांद्रता बढ़ जाती है, जिससे कार्बोनेट आयनों (CO₃²⁻) की उपलब्धता कम हो जाती है। कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO₃) के निर्माण के लिए कार्बोनेट आयनों की आवश्यकता होती है।
व्याख्या (Explanation): जब CO₂ महासागरों में घुलती है, तो यह कार्बोनिक एसिड बनाती है, जो पानी को अधिक अम्लीय बनाता है (pH कम होता है)। यह अम्लीय वातावरण कैल्शियम कार्बोनेट के गोले और कंकाल वाले समुद्री जीवों के लिए हानिकारक है क्योंकि इससे उनके कैल्शियम कार्बोनेट का निर्माण कठिन हो जाता है और मौजूदा संरचनाएं घुलने लगती हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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वनों के कटाई (deforestation) का सीधा प्रभाव वायुमंडल में किस गैस की मात्रा पर पड़ता है, जो वैश्विक ऊष्मन (global warming) को बढ़ाती है?
- (a) मीथेन (CH₄)
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
- (c) सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂)
- (d) ओजोन (O₃)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पेड़ प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) को अवशोषित करते हैं और इसे अपने बायोमास में संग्रहित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): वनों की कटाई का मतलब है कि CO₂ को अवशोषित करने वाले पेड़ कम हो जाते हैं, और जब पेड़ों को जलाया जाता है, तो उनमें संग्रहित कार्बन CO₂ के रूप में वायुमंडल में वापस चला जाता है। इससे वायुमंडल में CO₂ की सांद्रता बढ़ जाती है, जो एक प्रमुख ग्रीनहाउस गैस है और वैश्विक ऊष्मन में योगदान करती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में, फाइटोप्लांकटन की वृद्धि के लिए महासागरों में आवश्यक प्राथमिक पोषक तत्व (limiting nutrient) कौन सा है, जिसकी कमी उनकी कार्बन अवशोषण क्षमता को सीमित कर सकती है?
- (a) सोडियम (Na)
- (b) पोटेशियम (K)
- (c) लोहा (Fe)
- (d) कैल्शियम (Ca)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फाइटोप्लांकटन प्रकाश संश्लेषण के लिए कई पोषक तत्वों पर निर्भर करते हैं, जिनमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और आयरन शामिल हैं। कई समुद्री क्षेत्रों में, विशेष रूप से खुले महासागरों में, आयरन की उपलब्धता सीमित कारक होती है।
व्याख्या (Explanation): आयरन फाइटोप्लांकटन के क्लोरोफिल संश्लेषण और अन्य आवश्यक एंजाइमेटिक प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण है। जब समुद्री जल में आयरन की मात्रा कम होती है, तो फाइटोप्लांकटन की वृद्धि दर धीमी हो जाती है, जिससे CO₂ अवशोषण भी कम हो जाता है। वैज्ञानिकों ने कुछ क्षेत्रों में फाइटोप्लांकटन की वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए कृत्रिम रूप से आयरन मिलाने के प्रभाव का अध्ययन किया है, जिसे ‘समुद्री उर्वरक’ (ocean fertilization) कहा जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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वन पारिस्थितिकी तंत्र में, मृत कार्बनिक पदार्थों का अपघटन (decomposition) किस गैस का उत्पादन करता है, जो एक ग्रीनहाउस गैस है और इसे कार्बन चक्र में वापस लाता है?
- (a) मीथेन (CH₄)
- (b) नाइट्रोजन (N₂)
- (c) अमोनिया (NH₃)
- (d) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अवायवीय (anaerobic) स्थितियों में, सूक्ष्मजीव, विशेष रूप से बैक्टीरिया, मृत कार्बनिक पदार्थों का अपघटन करते हैं और मीथेन (CH₄) गैस का उत्पादन करते हैं।
व्याख्या (Explanation): दलदली भूमि (swamps), दलदल (marshes) और जलमग्न मिट्टी जैसे वातावरण में, जहाँ ऑक्सीजन की कमी होती है, मीथेनोजेनिक बैक्टीरिया कार्बनिक पदार्थों को तोड़ते हैं, जिससे मीथेन निकलती है। मीथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है। वनों में, जहाँ मिट्टी आमतौर पर अधिक वातित (aerated) होती है, कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) अपघटन का मुख्य उत्पाद होता है, लेकिन जलभराव वाले या दलदली वनों में मीथेन का उत्पादन हो सकता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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समुद्री धाराओं (ocean currents) का तापमान और CO₂ वितरण पर क्या प्रभाव पड़ता है, जो जलवायु को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं?
- (a) वे केवल सतह के पानी को गर्म करती हैं।
- (b) वे पृथ्वी के चारों ओर गर्मी और CO₂ को स्थानांतरित करती हैं।
- (c) वे CO₂ को अवशोषित करने की महासागरों की क्षमता को कम करती हैं।
- (d) वे तापमान को स्थानीयकृत करती हैं, लेकिन CO₂ वितरण पर कोई प्रभाव नहीं डालतीं।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): समुद्री धाराएं विशाल महासागरीय जल प्रणालियाँ हैं जो सतह और गहरे पानी दोनों में गर्मी, लवणता और घुली हुई गैसों (जैसे CO₂) को स्थानांतरित करती हैं।
व्याख्या (Explanation): समुद्री धाराएं, जैसे गल्फ स्ट्रीम, वैश्विक जलवायु प्रणाली का एक अभिन्न अंग हैं। वे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से ध्रुवीय क्षेत्रों तक गर्म पानी ले जाती हैं, और ठंडे क्षेत्रों से गर्म क्षेत्रों तक। इसके अलावा, वे वायुमंडल से CO₂ को अवशोषित करने और इसे महासागरों की गहराई में ले जाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, इस प्रकार CO₂ के वितरण और वायुमंडल में इसकी सांद्रता को प्रभावित करती हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के लिए पौधों को सूर्य के प्रकाश के अलावा दो मुख्य अकार्बनिक पदार्थों की आवश्यकता होती है। वे कौन से हैं?
- (a) ऑक्सीजन और नाइट्रोजन
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड और पानी
- (c) ग्लूकोज और ऑक्सीजन
- (d) मिट्टी और खनिज
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण का सामान्य रासायनिक समीकरण है: 6CO₂ + 6H₂O + प्रकाश ऊर्जा → C₆H₁₂O₆ + 6O₂।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण में, पौधे वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) और मिट्टी से पानी (H₂O) लेते हैं। सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके, वे इन अकार्बनिक पदार्थों को शर्करा (ग्लूकोज) में परिवर्तित करते हैं, जो उनके भोजन का स्रोत है, और ऑक्सीजन (O₂) को उप-उत्पाद के रूप में छोड़ते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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वनस्पति के जलने पर या उसके क्षय होने पर कौन सी गैसें निकलती हैं, जो वायु प्रदूषण और अम्लीय वर्षा में योगदान कर सकती हैं?
- (a) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) और जलवाष्प (H₂O)
- (b) मीथेन (CH₄) और नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O)
- (c) सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx)
- (d) ओजोन (O₃) और क्लोरीन (Cl₂)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वनस्पति में सल्फर और नाइट्रोजन जैसे तत्व भी मौजूद होते हैं। उनके जलने या अपघटन से सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) और नाइट्रोजन के ऑक्साइड (NOx) जैसी गैसें निकल सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): जब लकड़ी या वनस्पति जलती है, तो इसमें मौजूद सल्फर और नाइट्रोजन ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके क्रमशः SO₂ और NOx बनाते हैं। ये गैसें वायुमंडल में पहुँचकर जल के साथ मिलकर सल्फ्यूरिक एसिड (H₂SO₄) और नाइट्रिक एसिड (HNO₃) बनाती हैं, जो अम्लीय वर्षा का कारण बनती हैं। CO₂ और जलवाष्प भी निकलते हैं, लेकिन SO₂ और NOx अम्लीय वर्षा के प्राथमिक कारण हैं। मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड मुख्य रूप से अवायवीय अपघटन से निकलते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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“काला सागर” (Black Sea) के तलछट (sediments) में एक विशिष्ट रासायनिक यौगिक की उच्च सांद्रता पाई जाती है, जो इसे काला रंग देती है। यह यौगिक मुख्य रूप से किसके अपघटन से बनता है?
- (a) कैल्शियम कार्बोनेट
- (b) सिलिका
- (c) हाइड्रोजन सल्फाइड (H₂S)
- (d) आयरन ऑक्साइड
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): काला सागर एक अनूठा महासागर है जिसमें गहरे जल में ऑक्सीजन की कमी होती है। इस अवायवीय वातावरण में, सल्फेट-कम करने वाले बैक्टीरिया (sulfate-reducing bacteria) जैविक पदार्थों के अपघटन के दौरान सल्फेट को हाइड्रोजन सल्फाइड (H₂S) में परिवर्तित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): हाइड्रोजन सल्फाइड (H₂S) एक रंगहीन गैस है, लेकिन यह लोहे के आयनों (जैसे समुद्री जल में पाए जाने वाले) के साथ प्रतिक्रिया करके काले रंग के धातु सल्फाइड, जैसे आयरन सल्फाइड (FeS) का निर्माण करती है। यह काला पदार्थ काला सागर के तलछट में जमा हो जाता है, जिससे उसे उसका विशिष्ट काला रंग मिलता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जंगल की आग से निकलने वाला धुआं वायुमंडल में कौन से कण (particles) छोड़ता है, जो सूर्य के प्रकाश को बिखेर सकते हैं और स्थानीय तथा क्षेत्रीय जलवायु को प्रभावित कर सकते हैं?
- (a) केवल जलवाष्प
- (b) केवल कार्बन डाइऑक्साइड
- (c) एयरोसोल (aerosols) जैसे राख और कार्बन कण
- (d) ओजोन (O₃)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जंगल की आग अपूर्ण दहन (incomplete combustion) का परिणाम है, जो वायुमंडल में विभिन्न कणों और गैसों को छोड़ती है।
व्याख्या (Explanation): जंगल की आग से निकलने वाले धुएं में कालिख (soot), राख, और छोटे कार्बनिक व अकार्बनिक कण शामिल होते हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से एयरोसोल कहा जाता है। ये एयरोसोल सूर्य के प्रकाश को अवशोषित (absorb) और बिखेर (scatter) सकते हैं, जिससे स्थानीय तापमान बदल सकता है और वर्षा पैटर्न प्रभावित हो सकता है। ये वायुमंडलीय परिसंचरण को भी प्रभावित कर सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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महासागरों में ‘कार्बन सिंक’ (carbon sink) के रूप में कार्य करने की क्षमता मुख्य रूप से किस प्रक्रिया पर निर्भर करती है?
- (a) पानी का वाष्पीकरण
- (b) बर्फ का पिघलना
- (c) CO₂ का अवशोषण और गहराइयों में भंडारण (biological pump and solubility pump)
- (d) ज्वार-भाटा
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): महासागर वायुमंडल से CO₂ को दो मुख्य तरीकों से अवशोषित करते हैं: घुलनशीलता पंप (solubility pump) जो CO₂ को सीधे पानी में घोलता है, और जैविक पंप (biological pump) जो फाइटोप्लांकटन द्वारा CO₂ को कार्बनिक पदार्थों में परिवर्तित करता है और फिर उसे महासागर की गहराई में जमा करता है।
व्याख्या (Explanation): महासागर पृथ्वी के सबसे बड़े कार्बन सिंक में से एक हैं। वे CO₂ को अपने पानी में घोलकर और फाइटोप्लांकटन द्वारा प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से कार्बनिक पदार्थों में परिवर्तित करके वायुमंडल से CO₂ को हटाते हैं। जब ये जीव मर जाते हैं, तो उनका कार्बन महासागर की गहराई में चला जाता है, जिससे CO₂ का एक महत्वपूर्ण भंडार बनता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भूमि पर वनों का घनत्व (density) और विस्तार (extent) वर्षा पैटर्न को कैसे प्रभावित करता है?
- (a) घने वन वर्षा को कम करते हैं।
- (b) वन वाष्पोत्सर्जन के माध्यम से वातावरण में जलवाष्प जोड़ते हैं, जिससे वर्षा बढ़ सकती है।
- (c) वनों का वर्षा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
- (d) वन केवल बर्फबारी को बढ़ाते हैं।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वाष्पोत्सर्जन (transpiration) पौधों द्वारा छोड़ी गई जलवाष्प को वायुमंडल में जोड़ता है, जो बादलों के निर्माण और वर्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
व्याख्या (Explanation): पेड़ अपनी पत्तियों से वाष्पोत्सर्जन की प्रक्रिया द्वारा बड़ी मात्रा में जलवाष्प छोड़ते हैं। यह अतिरिक्त आर्द्रता स्थानीय और क्षेत्रीय वर्षा के पैटर्न को प्रभावित कर सकती है, अक्सर वर्षा को बढ़ाने में मदद करती है। घने जंगल न केवल CO₂ को अवशोषित करते हैं बल्कि जल चक्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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महासागरों का pH (सामुद्रिक अम्लता) तब कम होता है जब उसमें घुलित कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) की मात्रा बढ़ जाती है। pH पैमाने पर, pH मान का कम होना क्या दर्शाता है?
- (a) यह अधिक क्षारीय (alkaline) हो जाता है।
- (b) यह कम अम्लीय (acidic) हो जाता है।
- (c) यह अधिक अम्लीय (acidic) हो जाता है।
- (d) यह तटस्थ (neutral) हो जाता है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): pH पैमाना अम्लता या क्षारीयता को मापता है। 7 से कम pH मान अम्लीय होता है, 7 तटस्थ होता है, और 7 से अधिक क्षारीय होता है।
व्याख्या (Explanation): जब CO₂ पानी में घुलती है, तो यह कार्बोनिक एसिड (H₂CO₃) बनाती है, जो हाइड्रोजन आयनों (H⁺) को छोड़ता है। H⁺ आयनों की सांद्रता में वृद्धि से pH मान कम हो जाता है, जिससे घोल अधिक अम्लीय हो जाता है। चूँकि महासागरों का pH स्वाभाविक रूप से थोड़ा क्षारीय (लगभग 8.1) होता है, CO₂ के अवशोषण से यह मान कम होकर अधिक अम्लीय की ओर बढ़ता है, जिसे महासागरीय अम्लीकरण कहते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रवाल भित्तियाँ (coral reefs) समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। महासागरों के अम्लीकरण से उनकी संरचना (जो कैल्शियम कार्बोनेट से बनी होती है) पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- (a) प्रवाल भित्तियाँ अधिक तेजी से बढ़ेंगी।
- (b) प्रवाल भित्तियाँ अधिक मजबूत होंगी।
- (c) प्रवाल भित्तियाँ कमजोर हो सकती हैं और उनका निर्माण धीमा हो सकता है।
- (d) प्रवाल भित्तियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रवाल (corals) अपने कंकाल कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO₃) से बनाते हैं, जिसके लिए कार्बोनेट आयनों (CO₃²⁻) की आवश्यकता होती है।
व्याख्या (Explanation): जैसा कि प्रश्न 4 में बताया गया है, महासागरों का अम्लीकरण कार्बोनेट आयनों की उपलब्धता को कम करता है। प्रवाल, जो कैल्शियम कार्बोनेट के ढांचे पर रहते हैं, इस कमी से सीधे प्रभावित होते हैं। इससे उनके लिए अपने कंकाल बनाना कठिन हो जाता है, उनके कंकाल कमजोर हो जाते हैं, और वे धीरे-धीरे घुल भी सकते हैं। यह प्रवाल भित्तियों के स्वास्थ्य और अस्तित्व के लिए एक बड़ा खतरा है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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वनों का ‘कार्बन सिंक’ के रूप में कार्य करने का मुख्य कारण क्या है?
- (a) वे मिट्टी से नमी अवशोषित करते हैं।
- (b) वे प्रकाश संश्लेषण के दौरान CO₂ को अवशोषित कर उसे अपने बायोमास (लकड़ी, पत्ते) में संग्रहित करते हैं।
- (c) वे ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं।
- (d) वे हवा को ठंडा करते हैं।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) पौधों द्वारा CO₂ को कार्बनिक यौगिकों में परिवर्तित करने की प्रक्रिया है।
व्याख्या (Explanation): पेड़, अपनी वृद्धि के लिए, वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) को अवशोषित करते हैं और इसे प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से शर्करा (जैसे ग्लूकोज) में बदलते हैं। यह कार्बन पौधे के ऊतकों (जैसे तना, शाखाएं, जड़ें, पत्ते) में संग्रहित हो जाता है। इस प्रकार, वन वायुमंडल से CO₂ को हटाकर और उसे अपने बायोमास में जमा करके कार्बन सिंक के रूप में कार्य करते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा समुद्री जीव बायोमास का एक प्रमुख उत्पादक है और पृथ्वी पर ऑक्सीजन उत्पादन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है?
- (a) व्हेल (Whales)
- (b) फाइटोप्लांकटन (Phytoplankton)
- (c) शार्क (Sharks)
- (d) मैक्रोएल्गी (Macroalgae) जैसे समुद्री शैवाल
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फाइटोप्लांकटन सूक्ष्म, प्रकाश संश्लेषक जीव (मुख्य रूप से प्रोकैरियोटिक और यूकेरियोटिक शैवाल) हैं जो महासागरों और अन्य जल निकायों की सतह के पास तैरते हैं।
व्याख्या (Explanation): फाइटोप्लांकटन पृथ्वी के प्राथमिक उत्पादकों (primary producers) का एक बड़ा हिस्सा बनाते हैं। वे प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से CO₂ को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन (O₂) का उत्पादन करते हैं। अनुमान है कि वे पृथ्वी पर उत्पन्न होने वाली कुल ऑक्सीजन का 50-85% हिस्सा प्रदान करते हैं। मैक्रोएल्गी भी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन फाइटोप्लांकटन की तुलना में उनका योगदान कम है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जंगल की आग के बाद, मिट्टी की संरचना में अक्सर परिवर्तन देखा जाता है। आग द्वारा कार्बनिक पदार्थों के जलने से मिट्टी की जल धारण क्षमता (water retention capacity) पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
- (a) यह बढ़ जाती है।
- (b) यह कम हो जाती है।
- (c) इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
- (d) यह अप्रत्याशित रूप से बदल जाती है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ (humus) जल धारण क्षमता और मिट्टी की संरचना में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
व्याख्या (Explanation): जंगल की आग कार्बनिक पदार्थों को जला देती है, जिससे मिट्टी में ह्यूमस की मात्रा कम हो जाती है। ह्यूमस एक स्पंज की तरह काम करता है, पानी को सोखता है और मिट्टी को बांधे रखता है। जब ह्यूमस जल जाता है, तो मिट्टी की कणों को एक साथ बांधने की क्षमता कम हो जाती है, और पानी को बनाए रखने की क्षमता भी घट जाती है, जिससे कटाव (erosion) का खतरा बढ़ जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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महासागरों में CO₂ के बढ़ते अवशोषण से “कार्बनिक कार्बन” (dissolved organic carbon – DOC) के चक्र पर क्या संभावित प्रभाव पड़ सकता है?
- (a) DOC का अपघटन तेज होगा, जिससे CO₂ अधिक मुक्त होगी।
- (b) DOC का उत्पादन कम हो जाएगा।
- (c) DOC की घुलनशीलता बढ़ेगी, जिससे वह अधिक आसानी से जीवाणु क्रिया के लिए उपलब्ध होगा।
- (d) DOC पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): समुद्री जल की अम्लता में परिवर्तन सूक्ष्मजीवों की चयापचय (metabolism) गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है, जिसमें कार्बनिक पदार्थों का अपघटन भी शामिल है।
व्याख्या (Explanation): महासागरों का अम्लीकरण सीधे तौर पर पानी की रसायन शास्त्र को बदलता है। यह परिवर्तन जीवाणु समुदायों को प्रभावित कर सकता है जो कार्बनिक पदार्थों को तोड़ते हैं। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि अम्लीय वातावरण में, घुलित कार्बनिक पदार्थों का माइक्रोबियल अपघटन तेज हो सकता है, जिससे CO₂ और अन्य पोषक तत्व अधिक तेजी से मुक्त हो सकते हैं। हालांकि, यह एक जटिल प्रक्रिया है और प्रभाव भिन्न हो सकते हैं। विकल्प (c) एक संभावित प्रभाव को दर्शाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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वनों की कटाई के कारण मिट्टी का क्षरण (soil erosion) बढ़ सकता है। मिट्टी के कटाव के मुख्य कारण कौन से भौतिक या रासायनिक कारक हैं?
- (a) हवा का तेज बहाव और बारिश का सीधा प्रभाव
- (b) मिट्टी में मौजूद जीवाणुओं की कमी
- (c) मिट्टी में पोषक तत्वों की अधिकता
- (d) भूमिगत जल स्तर का बढ़ना
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मिट्टी के कणों को बांधे रखने के लिए वनस्पति आवरण (vegetation cover) और मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ महत्वपूर्ण होते हैं।
व्याख्या (Explanation): वनों की कटाई से मिट्टी वनस्पति आवरण से रहित हो जाती है। इससे मिट्टी के कणों पर हवा और वर्षा की सीधी मार पड़ती है। जब वनस्पति नहीं होती, तो मिट्टी के कणों को बांधे रखने वाले जड़ें और कार्बनिक पदार्थ भी कम हो जाते हैं, जिससे हवा और पानी द्वारा मिट्टी का कटाव आसान हो जाता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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समुद्री जीव, जैसे कि केल्प (kelp) और अन्य बड़े समुद्री शैवाल, प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से CO₂ को अवशोषित करते हैं। उनके क्षय या सड़ने पर, यह कार्बन किस रूप में वापस समुद्र या वायुमंडल में जा सकता है?
- (a) केवल घुली हुई CO₂
- (b) मुख्य रूप से मीथेन (CH₄) और CO₂
- (c) केवल ऑक्सीजन (O₂)
- (d) केवल कार्बनिक पदार्थ (DOC)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जब समुद्री जैविक पदार्थ, विशेष रूप से ऑक्सीजन की कमी वाले वातावरण में, सड़ता है, तो विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीव अपघटन में भाग लेते हैं।
व्याख्या (Explanation): जब केल्प या अन्य समुद्री शैवाल मर जाते हैं और समुद्र तल पर बैठ जाते हैं, खासकर यदि वे तलछट में गहराई तक दब जाते हैं जहां ऑक्सीजन कम होती है, तो उनका अवायवीय अपघटन हो सकता है। इस प्रक्रिया में मीथेन (CH₄) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) गैसें उत्पन्न हो सकती हैं। मीथेन विशेष रूप से तब बनती है जब सल्फेट-कम करने वाले बैक्टीरिया कार्बनिक पदार्थों को तोड़ते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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वैश्विक जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में, वनों और महासागरों के बीच “छिपा हुआ जलवायु युद्ध” इस तथ्य को दर्शाता है कि दोनों ही प्रमुख भूमिकाएँ निभाते हैं:
- (a) दोनों ही केवल CO₂ उत्सर्जित करते हैं।
- (b) दोनों ही CO₂ को अवशोषित और संग्रहित करते हैं, लेकिन उनकी क्षमताएँ और प्रक्रियाएँ अलग-अलग हैं।
- (c) दोनों ही ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार हैं।
- (d) दोनों ही तापमान को बढ़ाते हैं।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वन और महासागर पृथ्वी की जलवायु को विनियमित करने वाले सबसे बड़े प्राकृतिक सिंक हैं, विशेष रूप से कार्बन चक्र के संबंध में।
व्याख्या (Explanation): यह कथन “छिपा हुआ जलवायु युद्ध” का सार है। वन प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से CO₂ को अवशोषित करते हैं और उसे अपने बायोमास में संग्रहीत करते हैं। महासागर CO₂ को घुलनशीलता और जैविक पंप के माध्यम से अवशोषित करते हैं और इसे गहरे पानी में संग्रहीत करते हैं। दोनों ही वायुमंडल से अतिरिक्त CO₂ को हटाकर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं, लेकिन उनके द्वारा की जाने वाली प्रक्रियाओं (प्रकाश संश्लेषण बनाम घुलनशीलता/जैविक पंप) और भंडारण के तरीके (बायोमास बनाम महासागरीय जल/तलछट) भिन्न हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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वन पारिस्थितिकी तंत्र में, प्रकाश संश्लेषण के दौरान क्लोरोफिल (chlorophyll) अणु का मुख्य कार्य क्या है?
- (a) जड़ों से पानी का अवशोषण
- (b) सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करना
- (c) CO₂ को संग्रहित करना
- (d) पौधों की शाखाओं को सहारा देना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्लोरोफिल एक हरा वर्णक (pigment) है जो पौधों, शैवाल और साइनोबैक्टीरिया में पाया जाता है, और प्रकाश संश्लेषण के लिए ऊर्जा प्राप्त करने हेतु प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करने के लिए जिम्मेदार है।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा पर निर्भर करती है। क्लोरोफिल अणु सूर्य के प्रकाश में मौजूद फोटॉन को अवशोषित करता है, विशेष रूप से लाल और नीले तरंग दैर्ध्य में। इस अवशोषित ऊर्जा का उपयोग CO₂ और पानी को ग्लूकोज (एक प्रकार की चीनी) में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है, जो पौधे के लिए ऊर्जा स्रोत का काम करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।