चौंकाने वाले आंकड़े: 5 वर्षों में 2 लाख से अधिक भारतीयों ने नागरिकता त्यागी – जानिए क्यों?
चर्चा में क्यों? (Why in News?):**
हाल ही में, भारत सरकार ने लोकसभा में एक चौंकाने वाला आंकड़ा पेश किया है। पिछले पाँच वर्षों में, विशेष रूप से 2024 में, दो लाख से अधिक भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है। यह संख्या 2020 की तुलना में ढाई गुना से अधिक है। केंद्र सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत ये आंकड़े देश के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने और शासन की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। आखिर क्या कारण हैं कि इतने बड़ी संख्या में भारतीय अपनी जन्मभूमि और नागरिकता को त्यागने को मजबूर हो रहे हैं? यह ब्लॉग पोस्ट इन आंकड़ों का विस्तृत विश्लेषण करेगा, इसके पीछे के संभावित कारणों, प्रभावों और UPSC परीक्षा के दृष्टिकोण से इसके महत्व पर प्रकाश डालेगा।
पृष्ठभूमि: भारतीय नागरिकता छोड़ने का बढ़ता चलन
नागरिकता छोड़ना, जिसे ‘ the renunciation of citizenship’ या ‘losing Indian citizenship’ कहा जाता है, कोई नई घटना नहीं है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 9 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता ग्रहण कर लेता है, तो वह भारत का नागरिक नहीं रह जाता। इसके अलावा, भारत में दोहरी नागरिकता (dual citizenship) की अनुमति नहीं है। इसलिए, जब कोई भारतीय किसी अन्य देश की नागरिकता स्वीकार करता है, तो वह स्वतः ही अपनी भारतीय नागरिकता खो देता है। हालांकि, कई लोग सक्रिय रूप से अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ने का आवेदन भी करते हैं।
हालिया आंकड़े इस प्रवृत्ति में एक चिंताजनक वृद्धि को दर्शाते हैं। 2020 के आंकड़ों की तुलना में 2024 में ढाई गुना की वृद्धि एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है। यह केवल संख्याओं का खेल नहीं है, बल्कि यह उन लाखों व्यक्तियों की कहानियों को दर्शाता है जिन्होंने विदेश में नए अवसरों की तलाश में या बेहतर जीवन शैली की आकांक्षा में अपनी जड़ों को पीछे छोड़ने का फैसला किया है।
आंकड़ों का विश्लेषण: 5 साल का सच
सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़े निम्नलिखित कालानुक्रमिक प्रवृत्ति को दर्शाते हैं (हालांकि सटीक वर्ष-दर-वर्ष आंकड़े इस ब्लॉक पोस्ट में उपलब्ध नहीं कराए जा सकते, लेकिन मुख्य रुझान स्पष्ट है):
- 2020: यह वह वर्ष था जब COVID-19 महामारी ने दुनिया को अपनी चपेट में लिया था। इस दौरान, बहुत से लोगों ने अपनी योजनाओं को स्थगित कर दिया होगा।
- 2021-2023: महामारी के बाद, आर्थिक गतिविधियां फिर से शुरू हुईं और वैश्विक यात्राएं बढ़ीं। इसी अवधि में, संभवतः नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या में वृद्धि देखी गई।
- 2024: यह वह वर्ष है जहाँ आंकड़े चरम पर पहुंचे, जिससे यह मुद्दा चर्चा का विषय बन गया।
प्रमुख बिंदु:
- कुल संख्या: पिछले 5 वर्षों में 2 लाख से अधिक।
- 2020 की तुलना में वृद्धि: ढाई गुना। यह एक महत्वपूर्ण उछाल है।
यह वृद्धि कई संभावित कारकों की ओर इशारा करती है, जिनमें आर्थिक अवसर, जीवन की गुणवत्ता, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, राजनीतिक स्थिरता और सामाजिक सुरक्षा जैसे पहलू शामिल हैं।
नागरिकता छोड़ने के पीछे के प्रमुख कारण (Why Are Indians Giving Up Citizenship?)
जब कोई व्यक्ति अपनी नागरिकता छोड़ता है, तो इसका मतलब केवल एक पासपोर्ट बदलना नहीं है, बल्कि यह अक्सर एक गहरे निर्णय का परिणाम होता है। भारतीयों द्वारा नागरिकता छोड़ने के मुख्य कारण बहुआयामी हैं:
1. आर्थिक अवसर और करियर ग्रोथ (Economic Opportunities and Career Growth):
कई विकसित देश, जैसे कि संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके और कुछ यूरोपीय राष्ट्र, भारतीय पेशेवरों के लिए आकर्षक करियर अवसर प्रदान करते हैं। उच्च वेतन, बेहतर पदोन्नति की संभावनाएं, उन्नत अनुसंधान सुविधाएं और विशिष्ट कौशल की मांग भारतीयों को इन देशों की ओर आकर्षित करती है। खासकर IT, स्वास्थ्य सेवा, इंजीनियरिंग और वित्त जैसे क्षेत्रों में यह चलन अधिक देखा जाता है।
“स्थिर अर्थव्यवस्था और बेहतर जीवन स्तर की तलाश भारतीयों को विदेशी नागरिकता अपनाने के लिए प्रेरित करती है।”
2. जीवन की गुणवत्ता (Quality of Life):
इसमें बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली, स्वच्छ वातावरण, कुशल सार्वजनिक परिवहन, उत्कृष्ट शिक्षा प्रणाली और बेहतर सामाजिक सुरक्षा जाल शामिल हैं। कई भारतीय ऐसे देशों को प्राथमिकता देते हैं जहाँ काम-जीवन संतुलन (work-life balance) बेहतर हो और सामाजिक सुविधाएं अधिक उन्नत हों।
3. शिक्षा (Education):
दुनिया के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय विदेशी छात्रों को आकर्षित करते हैं। कई भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाते हैं और पढ़ाई पूरी करने के बाद वहीं बस जाते हैं। कई मामलों में, वे स्थायी निवास (permanent residency) प्राप्त करते हैं और अंततः उस देश की नागरिकता ले लेते हैं।
4. पारिवारिक कारण (Family Reasons):
कुछ लोग अपने जीवनसाथी, बच्चों या अन्य परिवार के सदस्यों के साथ बसने के लिए नागरिकता बदलते हैं, खासकर यदि उनका परिवार पहले से ही किसी अन्य देश में रह रहा हो।
5. राजनीतिक और सामाजिक कारक (Political and Social Factors):
हालांकि यह भारत के लिए कम प्रमुख कारण हो सकता है, कुछ लोग अपने देश में राजनीतिक अस्थिरता, सामाजिक भेदभाव या व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर अंकुश जैसी चिंताओं के कारण भी विदेश में बसना चुन सकते हैं।
6. कर लाभ और निवेश (Tax Benefits and Investment):
कुछ देशों में भारतीय नागरिकों की तुलना में कम कर दरें हो सकती हैं, जो उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों (high net-worth individuals) को आकर्षित कर सकती हैं। इसके अतिरिक्त, विदेशी निवेश के अवसर भी एक कारण हो सकते हैं।
भारतीय नागरिकता छोड़ने के प्रभाव (Impacts of Renouncing Indian Citizenship)
भारतीय नागरिकों द्वारा नागरिकता का त्याग राष्ट्र के लिए कई तरह से महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है:
1. प्रतिभा पलायन (Brain Drain):
यह सबसे प्रत्यक्ष और चिंताजनक प्रभाव है। जब सबसे कुशल और शिक्षित भारतीय नागरिक देश छोड़ देते हैं, तो यह भारत के लिए “प्रतिभा पलायन” का कारण बनता है। इससे देश को कुशल कार्यबल, नवाचार और आर्थिक विकास में नुकसान होता है, क्योंकि ये व्यक्ति अपने ज्ञान और कौशल का योगदान बाहर कर रहे होते हैं।
2. आर्थिक प्रभाव (Economic Impact):
- राजस्व का नुकसान: नागरिकता छोड़ने वाले व्यक्तियों द्वारा भुगतान किए जाने वाले प्रत्यक्ष करों (income tax, wealth tax) का नुकसान हो सकता है।
- उपभोग में कमी: विदेश में बसने से घरेलू उपभोग पैटर्न में बदलाव आता है।
- निवेश का नुकसान: वे भारतीय नागरिक जो विदेश में बसते हैं, अपने लाभ का एक बड़ा हिस्सा वहीं निवेश कर सकते हैं, बजाय भारत में।
3. प्रेषण (Remittances):
हालांकि नागरिकता छोड़ने का मतलब भारत से संबंध तोड़ना नहीं है, फिर भी कुछ लोग पहले की तुलना में कम धन वापस भेज सकते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारतीय प्रवासी (NRI) द्वारा भेजे जाने वाले प्रेषण (remittances) भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और नागरिकता त्यागने वाले लोग भी अभी भी प्रेषण भेज सकते हैं।
4. सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव (Social and Cultural Impact):
बड़ी संख्या में भारतीयों का प्रवासन देश के सांस्कृतिक ताने-बाने को भी प्रभावित कर सकता है। हालांकि, यह एक जटिल मुद्दा है क्योंकि प्रवासी अक्सर अपनी संस्कृति को अपने साथ ले जाते हैं और उसे वैश्विक स्तर पर फैलाते हैं।
5. ‘ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया’ (OCI) स्थिति पर प्रभाव:
जो लोग भारतीय नागरिकता छोड़ देते हैं, वे भारतीय पासपोर्ट और ओसीआई कार्ड के लिए अपनी पात्रता खो सकते हैं (जब तक कि विशेष प्रावधान न हों)। ओसीआई भारत में रहने, संपत्ति खरीदने और कुछ अन्य सुविधाओं का आनंद लेने की अनुमति देता है।
संभावित समाधान और सरकारी पहल (Potential Solutions and Government Initiatives)
सरकार इस चुनौती को कम करने के लिए विभिन्न कदम उठा सकती है:
- रोजगार सृजन: भारत में ही आकर्षक रोजगार के अवसर पैदा करना।
- नवाचार को बढ़ावा: स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रमों को और मजबूत करना।
- जीवन की गुणवत्ता में सुधार: शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, बुनियादी ढांचे और सामाजिक सुरक्षा में निवेश बढ़ाना।
- लालफीताशाही को कम करना: व्यापार करने में आसानी (Ease of Doing Business) और जीवन जीने में आसानी (Ease of Living) को बढ़ाना।
- अनुसंधान एवं विकास (R&D) में निवेश: प्रतिभाशाली व्यक्तियों को देश में काम करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- प्रवासी भारतीयों से जुड़ाव: प्रवासी भारतीयों के साथ मजबूत संबंध बनाए रखना और उन्हें देश के विकास में भागीदार बनाना।
यह समझना महत्वपूर्ण है कि नागरिकता छोड़ना एक व्यक्तिगत निर्णय होता है, जो कई कारकों पर निर्भर करता है। सरकार का लक्ष्य एक ऐसा वातावरण बनाना होना चाहिए जहां भारतीयों को अपनी नागरिकता बनाए रखने और अपने देश में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
UPSC परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्व
यह मुद्दा UPSC सिविल सेवा परीक्षा के लिए अत्यंत प्रासंगिक है। यह:
- सामान्य अध्ययन पेपर I (GS-I): जनसंख्या से संबंधित मुद्दे, समाज की संरचना में परिवर्तन।
- सामान्य अध्ययन पेपर II (GS-II):
- सरकार और शासन: सरकार के आंकड़े पेश करने की भूमिका, नीति निर्माण, लोक प्रशासन।
- अंतर्राष्ट्रीय संबंध: प्रवासन, प्रतिभा पलायन, अन्य देशों के साथ भारत के संबंध।
- प्रवासी भारतीय: भारतीय डायस्पोरा की भूमिका और चुनौतियां।
- सामान्य अध्ययन पेपर III (GS-III):
- अर्थव्यवस्था: मानव पूंजी, प्रतिभा पलायन का आर्थिक प्रभाव, सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पर प्रभाव, विकास।
UPSC उम्मीदवार इस विषय का विश्लेषण करते समय इन सभी पहलुओं को ध्यान में रख सकते हैं। परीक्षा के लिए, न केवल आंकड़े प्रस्तुत करना महत्वपूर्ण है, बल्कि उनके पीछे के कारणों, प्रभावों और संभावित समाधानों पर एक संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत करना भी आवश्यक है।
आगे की राह
भारत को न केवल अपनी प्रतिभा को बनाए रखने, बल्कि विदेश में बसे भारतीयों को भी वापस लाने या भारत के विकास में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करने की रणनीति बनानी होगी। यह एक जटिल चुनौती है जिसके लिए बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। सरकार को न केवल बेहतर आर्थिक अवसर प्रदान करने होंगे, बल्कि एक ऐसा सामाजिक और राजनीतिक वातावरण भी बनाना होगा जो नागरिकों को गर्व और सुरक्षा का अनुभव कराए।
यह ट्रेंड एक चेतावनी संकेत है कि हमें आंतरिक रूप से सुधार करने की आवश्यकता है। केवल आंकड़ों पर चिंता व्यक्त करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि इन प्रवृत्तियों के मूल कारणों को संबोधित करना और उन्हें उलटने के लिए प्रभावी नीतियां बनाना महत्वपूर्ण है।
UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs
1. हालिया सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 5 वर्षों में कितने से अधिक भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी है?
a) 1 लाख
b) 1.5 लाख
c) 2 लाख
d) 2.5 लाख
उत्तर: c) 2 लाख
व्याख्या: सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 5 वर्षों में 2 लाख से अधिक भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी है।
2. 2024 में नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या 2020 की तुलना में लगभग कितनी गुना अधिक है?
a) डेढ़ गुना
b) दोगुना
c) ढाई गुना
d) तिगुना
उत्तर: c) ढाई गुना
व्याख्या: समाचार के अनुसार, यह संख्या 2020 की तुलना में ढाई गुना अधिक है।
3. भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद स्वेच्छा से विदेशी नागरिकता ग्रहण करने पर भारतीय नागरिकता की समाप्ति से संबंधित है?
a) अनुच्छेद 5
b) अनुच्छेद 7
c) अनुच्छेद 9
d) अनुच्छेद 10
उत्तर: c) अनुच्छेद 9
व्याख्या: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता ग्रहण कर लेता है, तो वह भारत का नागरिक नहीं रह जाता।
4. “प्रतिभा पलायन” (Brain Drain) का क्या अर्थ है?
a) किसी देश से कुशल और शिक्षित व्यक्तियों का बड़ी संख्या में दूसरे देशों में जाना।
b) किसी देश के संसाधनों का विदेशों में स्थानांतरण।
c) विदेशी निवेश का भारत से बाहर जाना।
d) देश के भीतर बौद्धिक क्षमता की कमी।
उत्तर: a) किसी देश से कुशल और शिक्षित व्यक्तियों का बड़ी संख्या में दूसरे देशों में जाना।
व्याख्या: प्रतिभा पलायन का सीधा अर्थ है देश की सर्वाधिक कुशल और शिक्षित मानव पूंजी का देश छोड़कर विदेश में बस जाना।
5. भारतीय नागरिकता छोड़ने का एक संभावित कारण निम्नलिखित में से कौन सा नहीं है?
a) बेहतर आर्थिक अवसर
b) उच्च जीवन स्तर की चाहत
c) देश में राजनीतिक अस्थिरता (यह एक संभावित कारण हो सकता है, लेकिन कम प्रमुख)
d) भारत सरकार द्वारा अप्रवासन नीतियों में ढील
उत्तर: d) भारत सरकार द्वारा अप्रवासन नीतियों में ढील
व्याख्या: भारत सरकार की अप्रवासन नीतियां आमतौर पर भारतीय नागरिकों को विदेश जाने के लिए प्रोत्साहित करने की बजाय नियंत्रण पर केंद्रित होती हैं, इसलिए यह नागरिकता छोड़ने का कारण नहीं बन सकती।
6. निम्नलिखित में से कौन सी योजना भारत सरकार द्वारा कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है?
a) मेक इन इंडिया
b) डिजिटल इंडिया
c) स्किल इंडिया
d) स्टार्टअप इंडिया
उत्तर: c) स्किल इंडिया
व्याख्या: स्किल इंडिया मिशन भारत में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की एक पहल है।
7. विदेशों में बसे भारतीयों द्वारा भारत भेजे जाने वाले धन को क्या कहते हैं?
a) विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI)
b) प्रेषण (Remittances)
c) विदेशी संस्थागत निवेश (FII)
d) पोर्टफोलियो निवेश
उत्तर: b) प्रेषण (Remittances)
व्याख्या: प्रेषण वह धन है जो प्रवासी अपने मूल देश में अपने परिवार या अन्य को भेजते हैं।
8. ‘ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया’ (OCI) कार्ड धारकों को क्या अधिकार प्राप्त होते हैं?
a) भारत में मतदान का अधिकार
b) भारत में सरकारी नौकरी प्राप्त करने का अधिकार
c) जीवन पर्यंत भारत में रहने और संपत्ति खरीदने का अधिकार (कुछ प्रतिबंधों के साथ)
d) भारतीय पासपोर्ट का अधिकार
उत्तर: c) जीवन पर्यंत भारत में रहने और संपत्ति खरीदने का अधिकार (कुछ प्रतिबंधों के साथ)
व्याख्या: OCI कार्ड भारतीय मूल के व्यक्तियों को कई सुविधाएँ देता है, लेकिन यह नागरिकता के बराबर नहीं है और इसमें मतदान या सरकारी नौकरी जैसे अधिकार शामिल नहीं हैं।
9. हालिया आंकड़ों के अनुसार, भारतीय नागरिकता त्यागने की प्रवृत्ति में वृद्धि का प्राथमिक चालक क्या माना जा सकता है?
a) भारत में बढ़ती महंगाई
b) विदेशी देशों में बेहतर करियर और जीवन स्तर के अवसर
c) अंतर्राष्ट्रीय योग की बढ़ती लोकप्रियता
d) भारतीय फिल्मों का वैश्विक प्रभाव
उत्तर: b) विदेशी देशों में बेहतर करियर और जीवन स्तर के अवसर
व्याख्या: आर्थिक अवसर, बेहतर जीवन स्तर, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे कारक विदेश में बसने के मुख्य कारण माने जाते हैं।
10. यदि कोई भारतीय नागरिक स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता स्वीकार कर लेता है, तो क्या होता है?
a) वह भारत का नागरिक बना रहता है और दोहरी नागरिकता का आनंद लेता है।
b) वह भारत का नागरिक नहीं रह जाता।
c) उसे एक विशेष ‘अनिवासी भारतीय’ (NRI) का दर्जा मिलता है।
d) उसे ओसीआई (OCI) कार्ड के लिए स्वतः पात्रता मिल जाती है।
उत्तर: b) वह भारत का नागरिक नहीं रह जाता।
व्याख्या: भारत में दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है, इसलिए किसी अन्य देश की नागरिकता लेने पर व्यक्ति भारतीय नागरिकता खो देता है।
मुख्य परीक्षा (Mains)
1. हालिया सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारतीयों द्वारा नागरिकता त्यागने की बढ़ती प्रवृत्ति पर एक विस्तृत टिप्पणी लिखें। इस प्रवृत्ति के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक कारणों का विश्लेषण करें और इसके दूरगामी प्रभावों पर प्रकाश डालें। (250 शब्द)
2. “प्रतिभा पलायन” (Brain Drain) भारत जैसे विकासशील देश के लिए एक बड़ी चुनौती है। भारतीयों द्वारा नागरिकता छोड़ने की बढ़ती संख्या के आलोक में, इस समस्या से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए जाने वाले संभावित नीतिगत उपायों का सुझाव दें। (150 शब्द)
3. विदेशों में भारतीय डायस्पोरा की भूमिका महत्वपूर्ण है। नागरिकता त्यागने वाले भारतीयों की बढ़ती संख्या के बावजूद, भारत सरकार अपने प्रवासी नागरिकों के साथ संबंध कैसे बनाए रख सकती है और उन्हें देश के विकास में भागीदार कैसे बना सकती है? (150 शब्द)
4. नागरिकता का त्याग केवल एक कानूनी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह व्यक्तिगत आकांक्षाओं और राष्ट्रीय विकास की अव्यक्त चिंताओं का प्रतिबिंब भी है। इस कथन के आलोक में, 2 लाख से अधिक भारतीयों द्वारा नागरिकता छोड़ने के हालिया आंकड़ों का विश्लेषण करें। (250 शब्द)