गहन महासागरों में प्लास्टिक का गायब होना: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान का एक मजबूत आधार सफलता की कुंजी है। यह खंड भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को शामिल करता है, जो अक्सर हमारे आस-पास की दुनिया से जुड़े होते हैं। यह अभ्यास आपको उन महत्वपूर्ण अवधारणाओं को समझने में मदद करेगा जो आपकी तैयारी को परखने और मजबूत करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। आइए, गहन महासागरों में प्लास्टिक के विघटन जैसे रोचक वैज्ञानिक विषयों से जुड़े प्रश्नों के साथ अपने ज्ञान का परीक्षण करें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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गहन महासागरों में प्लास्टिक के क्षरण में मुख्य रूप से किस प्रकार के सूक्ष्मजीवों की भूमिका देखी जाती है?
- (a) विषाणु (Viruses)
- (b) कवक (Fungi)
- (c) बैक्टीरिया (Bacteria)
- (d) शैवाल (Algae)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बायोडेग्रेडेशन (Biodegradation) एक जैविक प्रक्रिया है जिसमें सूक्ष्मजीव (जैसे बैक्टीरिया और कवक) कार्बनिक पदार्थों को सरल यौगिकों में तोड़ते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्लास्टिक, विशेष रूप से कुछ प्रकार के बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक, को कुछ विशेष बैक्टीरिया द्वारा तोड़ा जा सकता है। ये बैक्टीरिया प्लास्टिक के लंबे बहुलक श्रृंखलाओं को छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित करने के लिए एंजाइमों का उत्पादन करते हैं, जिससे उनका क्षरण होता है। विषाणु और शैवाल आमतौर पर इस प्रक्रिया में प्रत्यक्ष भूमिका नहीं निभाते हैं, और कवक की भूमिका हो सकती है लेकिन बैक्टीरिया अधिक प्रमुख हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्लास्टिक के क्षरण से जुड़ी प्रक्रिया किस प्रकार के जैव-रासायनिक रूपांतरण का उदाहरण है?
- (a) ऑक्सीकरण (Oxidation)
- (b) अपचयन (Reduction)
- (c) जल-अपघटन (Hydrolysis)
- (d) पोलीमराइजेशन (Polymerization)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जल-अपघटन एक रासायनिक प्रतिक्रिया है जिसमें एक यौगिक पानी के साथ प्रतिक्रिया करके दो या दो से अधिक नए यौगिकों में टूट जाता है।
व्याख्या (Explanation): कई बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक, विशेष रूप से जिन्हें माइक्रोबियल क्षरण के लिए डिज़ाइन किया गया है, पॉलिएस्टर (polyester) या पॉलीयूरेथेन (polyurethane) जैसे बंधों से बने होते हैं। बैक्टीरिया द्वारा उत्पादित एंजाइम इन बंधों को तोड़ने के लिए पानी का उपयोग करते हैं, जिससे बहुलक श्रृंखलाएं छोटे मोनोमर्स (monomers) या ओलिगोमर्स (oligomers) में टूट जाती हैं, जिन्हें बैक्टीरिया द्वारा आगे उपापचय किया जा सकता है। यह प्रक्रिया जल-अपघटन का एक रूप है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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समुद्री वातावरण में प्लास्टिक के क्षरण के लिए कौन सी पर्यावरणीय परिस्थितियाँ विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं?
- (a) उच्च ऑक्सीजन स्तर और कम तापमान
- (b) कम ऑक्सीजन स्तर (एनारोबिक) और उच्च तापमान
- (c) पर्याप्त ऑक्सीजन स्तर (एरोबिक) और अनुकूल तापमान
- (d) उच्च लवणता और कम आर्द्रता
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अधिकांश एरोबिक बैक्टीरिया जो कार्बनिक पदार्थों का क्षरण करते हैं, उन्हें कार्य करने के लिए ऑक्सीजन, एक निश्चित तापमान सीमा और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।
व्याख्या (Explanation): जबकि एनारोबिक स्थितियाँ भी क्षरण कर सकती हैं, समुद्री वातावरण में, विशेष रूप से ऊपरी परतों में, एरोबिक (ऑक्सीजन युक्त) बैक्टीरिया की गतिविधि सबसे कुशल होती है। अनुकूल तापमान (न बहुत ठंडा, न बहुत गर्म) भी सूक्ष्मजीवों की चयापचय दर को बढ़ाता है, जिससे क्षरण तेज होता है। उच्च लवणता कुछ सूक्ष्मजीवों के विकास को सीमित कर सकती है, लेकिन यह समुद्री क्षरण का प्राथमिक चालक नहीं है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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गहन महासागरों में तापमान की स्थिति आमतौर पर प्लास्टिक क्षरण की दर को कैसे प्रभावित करती है?
- (a) तापमान जितना अधिक होगा, क्षरण उतना ही तेज होगा।
- (b) तापमान जितना कम होगा, क्षरण उतना ही तेज होगा।
- (c) तापमान का क्षरण की दर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
- (d) केवल बहुत कम तापमान क्षरण को बढ़ावा देता है।
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एंजाइम-उत्प्रेरित प्रतिक्रियाएँ, जिनमें सूक्ष्मजीवों द्वारा प्लास्टिक का क्षरण शामिल है, आमतौर पर तापमान के साथ बढ़ती हैं, एक इष्टतम बिंदु तक।
व्याख्या (Explanation): अधिकांश बायोडिग्रेडिंग बैक्टीरिया और उनके एंजाइमों की गतिविधि तापमान बढ़ने के साथ बढ़ती है, जब तक कि वे विकृत (denatured) न हो जाएं। गहन महासागरों में, तापमान आमतौर पर कम होता है, जो क्षरण की दर को धीमा कर सकता है। हालांकि, यदि “गहन महासागर” शब्द का प्रयोग उच्च दबाव वाले या विशिष्ट थर्मल क्षेत्रों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है, तो स्थिति भिन्न हो सकती है। लेकिन सामान्य समझ में, उच्च (लेकिन अत्यधिक नहीं) तापमान जैविक गतिविधि को बढ़ाता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा प्लास्टिक प्रकार आमतौर पर माइक्रोबियल क्षरण के प्रति अधिक प्रतिरोधी होता है?
- (a) पॉलीलैक्टिक एसिड (PLA)
- (b) पॉलीहाइड्रॉक्सीअल्केनोएट (PHA)
- (c) पॉलीविनाइल क्लोराइड (PVC)
- (d) स्टार्च-आधारित प्लास्टिक
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्लास्टिक का क्षरण उसकी रासायनिक संरचना और बहुलक श्रृंखलाओं की स्थिरता पर निर्भर करता है।
व्याख्या (Explanation): PLA, PHA और स्टार्च-आधारित प्लास्टिक को अक्सर बायोडिग्रेडेबल या कंपोस्टेबल माना जाता है क्योंकि उनमें ऐसे रासायनिक बंध होते हैं जिन्हें सूक्ष्मजीव तोड़ सकते हैं। दूसरी ओर, पॉलीविनाइल क्लोराइड (PVC) एक बहुत ही स्थिर और गैर-बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक है। इसमें मजबूत कार्बन-क्लोरीन बंध होते हैं जो माइक्रोबियल क्षरण के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्लास्टिक को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ना, जिन्हें माइक्रोप्लास्टिक्स कहा जाता है, मुख्य रूप से किस प्रकार के भौतिक प्रक्रिया से जुड़ा है?
- (a) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
- (b) अपक्षय (Weathering)
- (c) संघनन (Condensation)
- (d) वाष्पीकरण (Evaporation)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपक्षय (Weathering) पर्यावरण में चट्टानों और खनिजों के टूटने या घुलने की प्रक्रिया है। इसी तरह, प्लास्टिक के मामले में, भौतिक और रासायनिक प्रक्रियाएं उन्हें छोटे टुकड़ों में तोड़ सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): सूर्य की पराबैंगनी (UV) विकिरण, तापमान में उतार-चढ़ाव, समुद्री जल का खारापन और यांत्रिक क्रिया (जैसे लहरें) प्लास्टिक को धीरे-धीरे कमजोर कर सकती हैं और उन्हें छोटे टुकड़ों में तोड़ सकती हैं। इस प्रक्रिया को फोटो-अपक्षय (photo-weathering) भी कहा जाता है, जो प्लास्टिक के क्षरण का पहला चरण हो सकता है। प्रकाश संश्लेषण एक जैविक प्रक्रिया है, संघनन गैस से तरल बनना है, और वाष्पीकरण तरल से गैस बनना है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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एक समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में प्लास्टिक के क्षरण के लिए जिम्मेदार सूक्ष्मजीवों को अक्सर क्या कहा जाता है?
- (a) फोटोऑटोट्रॉफ़्स (Photoautotrophs)
- (b) कीमोऑटोट्रॉफ़्स (Chemoautotrophs)
- (c) हेटेरोट्रॉफ़्स (Heterotrophs)
- (d) परपोषी (Autotrophs)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीवों को उनके ऊर्जा और कार्बन स्रोत के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। हेटेरोट्रॉफ़्स वे जीव होते हैं जो अपने पोषण के लिए अन्य जीवों पर निर्भर करते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्लास्टिक को क्षरित करने वाले बैक्टीरिया और कवक जैसे सूक्ष्मजीव अपना पोषण स्रोत के रूप में प्लास्टिक के कार्बनिक यौगिकों का उपयोग करते हैं। वे जटिल कार्बनिक पदार्थों को ग्रहण करके ऊर्जा प्राप्त करते हैं, इसलिए उन्हें हेटेरोट्रॉफ़्स (परपोषी) कहा जाता है। फोटोऑटोट्रॉफ़्स सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा प्राप्त करते हैं, और कीमोऑटोट्रॉफ़्स अकार्बनिक रसायनों से ऊर्जा प्राप्त करते हैं। परपोषी (Autotrophs) सामान्य शब्द है जिसका अर्थ है अपना भोजन स्वयं बनाना, जो हेटेरोट्रॉफ़्स के विपरीत है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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गहन महासागरों में उच्च दबाव प्लास्टिक क्षरण की प्रक्रिया को कैसे प्रभावित कर सकता है?
- (a) दबाव बढ़ने से एंजाइमेटिक गतिविधि बढ़ जाती है।
- (b) दबाव बढ़ने से एंजाइमेटिक गतिविधि घट जाती है।
- (c) दबाव का एंजाइमेटिक गतिविधि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
- (d) केवल अत्यंत उच्च दबाव क्षरण को प्रभावित करता है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): उच्च दबाव एंजाइमों की त्रि-आयामी संरचना को बदल सकता है, जिससे उनकी गतिविधि प्रभावित होती है।
व्याख्या (Explanation): सामान्य तौर पर, अधिकांश एंजाइमों की गतिविधि उच्च दबाव में कम हो जाती है क्योंकि दबाव एंजाइम की सक्रिय साइट (active site) के आकार को बदल सकता है या सब्सट्रेट (substrate) के बंधन को बाधित कर सकता है। हालांकि, कुछ विशिष्ट “मैक्रोफ़ाइल” (piezophile) बैक्टीरिया हैं जो उच्च दबाव में पनपते हैं और उनके एंजाइम उच्च दबाव के प्रति अधिक प्रतिरोधी होते हैं, लेकिन यह एक सामान्य नियम नहीं है। गहन महासागरों में, उच्च दबाव आमतौर पर चयापचय प्रक्रियाओं को धीमा कर देता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कौन सा रासायनिक तत्व अक्सर प्लास्टिक के अपघटन में उत्पन्न होने वाले अंतिम उप-उत्पादों में शामिल हो सकता है, खासकर जब माइक्रोबियल गतिविधि होती है?
- (a) सोना (Gold)
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide)
- (c) हीलियम (Helium)
- (d) नाइट्रोजन (Nitrogen)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बनिक पदार्थों के पूर्ण जैव-ऑक्सीकरण (bio-oxidation) के अंत में कार्बन डाइऑक्साइड और पानी बनते हैं।
व्याख्या (Explanation): जब सूक्ष्मजीव प्लास्टिक के कार्बनिक बहुलकों को पचाते हैं, तो वे आमतौर पर कार्बनिक पदार्थों को सरल, अकार्बनिक यौगिकों में तोड़ते हैं। सबसे आम अंतिम उत्पाद, विशेष रूप से एरोबिक स्थितियों में, कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और पानी (H2O) हैं। यह सेलुलर श्वसन (cellular respiration) की प्रक्रिया के समान है। सोना और हीलियम अक्रिय तत्व हैं, और जबकि नाइट्रोजन जैविक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण है, यह प्लास्टिक के प्राथमिक कार्बनिक ढांचे का अंतिम उत्पाद नहीं है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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किस प्रकार के पॉलिमर को बायोडिग्रेडेबल होने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो संभावित रूप से समुद्री क्षरण में योगदान कर सकते हैं?
- (a) पॉलीइथाइलीन (Polyethylene)
- (b) पॉलीप्रोपाइलीन (Polypropylene)
- (c) पॉलीलैक्टिक एसिड (PLA)
- (d) पॉलीस्टाइरीन (Polystyrene)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बायोडिग्रेडेबल पॉलिमर वे होते हैं जिन्हें प्राकृतिक प्रक्रियाओं, विशेष रूप से सूक्ष्मजीवों द्वारा, छोटे, हानिरहित यौगिकों में तोड़ा जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): पॉलीइथाइलीन, पॉलीप्रोपाइलीन और पॉलीस्टाइरीन पारंपरिक प्लास्टिक हैं जो अत्यंत धीरे-धीरे विघटित होते हैं और उन्हें बायोडिग्रेडेबल नहीं माना जाता है। पॉलीलैक्टिक एसिड (PLA) एक बायोप्लास्टिक है जो मकई स्टार्च या गन्ने जैसे नवीकरणीय संसाधनों से प्राप्त होता है और इसे औद्योगिक कंपोस्टिंग या कुछ प्राकृतिक वातावरणों में बायोडिग्रेडेबल होने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्लास्टिक के समुद्री क्षरण से उत्पन्न होने वाले संभावित “अंतिम उत्पाद” के बारे में सबसे बड़ी चिंता क्या है?
- (a) केवल कार्बन डाइऑक्साइड, जो ग्रीनहाउस गैस है।
- (b) केवल पानी, जो हानिरहित है।
- (c) प्लास्टिक के छोटे टुकड़े (माइक्रोप्लास्टिक्स) और संभवतः सूक्ष्म मात्रा में खतरनाक रसायन।
- (d) प्लास्टिक पूरी तरह से हानिरहित गैसों में बदल जाता है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्लास्टिक का क्षरण हमेशा पूर्ण विघटन नहीं होता है, और यह प्रक्रिया जटिल हो सकती है।
व्याख्या (Explanation): जबकि कुछ प्लास्टिक पूरी तरह से CO2 और पानी में विघटित हो सकते हैं, कई मामलों में, विशेष रूप से पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल न होने वाले प्लास्टिक के साथ, प्रक्रिया माइक्रोप्लास्टिक्स (बहुत छोटे प्लास्टिक के टुकड़े) के उत्पादन पर रुक सकती है। ये माइक्रोप्लास्टिक्स समुद्री पारिस्थितिक तंत्र में बने रह सकते हैं और समुद्री जीवन द्वारा निगले जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, प्लास्टिक में एडिटिव्स (जैसे प्लास्टिसाइज़र, रंग) रिसाव कर सकते हैं और पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भौतिकी के संदर्भ में, प्लास्टिक को तोड़ने के लिए आवश्यक ऊर्जा का स्रोत मुख्य रूप से क्या है?
- (a) विद्युत ऊर्जा
- (b) ऊष्मीय ऊर्जा (गर्मी) और विद्युत चुम्बकीय विकिरण (जैसे UV प्रकाश)
- (c) यांत्रिक ऊर्जा (दबाव)
- (d) ध्वनि ऊर्जा
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक बंधों को तोड़ने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। प्लास्टिक के पॉलिमर बंधों को तोड़ने के लिए अक्सर ऊष्मीय या विकिरण ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
व्याख्या (Explanation): प्लास्टिक के क्षरण में, ऊष्मीय ऊर्जा (तापमान परिवर्तन) और विद्युत चुम्बकीय विकिरण (जैसे सूर्य से यूवी प्रकाश) पॉलिमर श्रृंखलाओं में कमजोर बंधों को तोड़ने या प्लास्टिक को भंगुर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यांत्रिक ऊर्जा (जैसे घर्षण, लहरों का प्रभाव) भी छोटे टुकड़ों में तोड़ने में योगदान कर सकती है, लेकिन प्राथमिक “तोड़” ऊर्जा अक्सर गर्मी और प्रकाश से आती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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समुद्री वातावरण में प्लास्टिक का क्षरण, अन्य यौगिकों की तुलना में, निम्नलिखित में से किस प्रकार की रासायनिक संरचना वाले प्लास्टिक के लिए अधिक आम है?
- (a) केवल कार्बन और हाइड्रोजन वाले अल्केन्स (Alkanes)
- (b) कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और अन्य विषम परमाणुओं वाले जटिल एस्टर (Esters) या एमाइड (Amides)
- (c) फ्लोरीन युक्त पॉलिमर (Fluorinated polymers)
- (d) पॉलीओलेफ़िन्स (Polyolefins) जैसे पॉलीइथाइलीन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बनिक रसायन विज्ञान में, एस्टर और एमाइड जैसे कार्यात्मक समूह (functional groups) अक्सर हाइड्रोलाइटिक (hydrolytic) क्लीवेज (cleavage) के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, खासकर एंजाइमों की उपस्थिति में।
व्याख्या (Explanation): पॉलीइथाइलीन (PE), पॉलीप्रोपाइलीन (PP) और पॉलीस्टाइरीन (PS) जैसी पॉलीओलेफ़िन्स में केवल कार्बन-कार्बन और कार्बन-हाइड्रोजन एकल बंध होते हैं, जो बहुत स्थिर होते हैं और माइक्रोबियल क्षरण के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी होते हैं। फ्लोरीन युक्त पॉलिमर (जैसे PTFE) भी बहुत स्थिर होते हैं। बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक जैसे PLA (पॉलीलैक्टिक एसिड) या PHA (पॉलीहाइड्रॉक्सीअल्केनोएट) में एस्टर बंध होते हैं, और कुछ विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए प्लास्टिक में एमाइड या अन्य संवेदनशील बंध हो सकते हैं, जिन्हें सूक्ष्मजीव आसानी से तोड़ सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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डीप सी (Deep sea) में, जहाँ प्रकाश कम पहुँचता है, प्लास्टिक क्षरण को कौन सी प्रक्रियाएं प्रभावित कर सकती हैं?
- (a) केवल फोटो-डिग्रेडेशन (Photo-degradation)
- (b) मुख्य रूप से हाइड्रो-डिग्रेडेशन (Hydro-degradation) और बायो-डिग्रेडेशन (Bio-degradation)
- (c) केवल अल्ट्रावायलेट (UV) विकिरण का प्रभाव
- (d) कोई भी क्षरण संभव नहीं है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्लास्टिक का क्षरण कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें पानी, तापमान, दबाव और सूक्ष्मजीव शामिल हैं।
व्याख्या (Explanation): जबकि फोटो-डिग्रेडेशन (UV प्रकाश द्वारा क्षरण) सतह के पास प्लास्टिक के लिए महत्वपूर्ण है, डीप सी में, जहाँ प्रकाश की कमी होती है, प्लास्टिक क्षरण मुख्य रूप से हाइड्रो-डिग्रेडेशन (पानी द्वारा रासायनिक टूटना) और बायो-डिग्रेडेशन (सूक्ष्मजीवों द्वारा टूटना) पर निर्भर करता है। तापमान और दबाव भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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माइक्रोबियल क्षरण में शामिल एंजाइम, प्लास्टिक बहुलक श्रृंखलाओं को तोड़ने के लिए कौन से रासायनिक बंधन को लक्षित करते हैं?
- (a) कार्बन-कार्बन (C-C) एकल बंधन
- (b) एस्टर (-COO-) या एमाइड (-CONH-) बंधन
- (c) कार्बन-कार्बन (C=C) द्वि बंधन
- (d) कार्बन-हाइड्रोजन (C-H) बंधन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक में अक्सर ऐसे कार्यात्मक समूह होते हैं जिन्हें एंजाइम द्वारा हाइड्रोलाइज (hydrolyze) किया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): PLA (पॉलीलैक्टिक एसिड) जैसे बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक में एस्टर बंध होते हैं, और बायोडिग्रेडेबल पॉलीएमाइड में एमाइड बंधन होते हैं। ये बंधन पानी के अणु द्वारा एंजाइम की मदद से आसानी से तोड़े जा सकते हैं (जल-अपघटन)। कार्बन-कार्बन एकल बंध, कार्बन-कार्बन द्वि बंधन, और कार्बन-हाइड्रोजन बंधन आमतौर पर बहुत मजबूत होते हैं और आसानी से माइक्रोबियल एंजाइमों द्वारा तोड़े नहीं जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्लास्टिक का क्षरण, विशेष रूप से माइक्रोबियल क्षरण, अक्सर एक धीमी प्रक्रिया क्यों होती है?
- (a) प्लास्टिक के बहुलक बहुत छोटे होते हैं।
- (b) आवश्यक सूक्ष्मजीव हर जगह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध नहीं होते हैं।
- (c) प्लास्टिक की बहुलक श्रृंखलाएं बहुत लंबी और मजबूत होती हैं, और उन्हें तोड़ने के लिए विशेष एंजाइम और ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- (d) महासागर का खारापन क्षरण को रोकता है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक संरचना और बंधन की मजबूती क्षरण की दर को निर्धारित करती है।
व्याख्या (Explanation): अधिकांश पारंपरिक प्लास्टिक, जैसे पॉलीइथाइलीन और पॉलीप्रोपाइलीन, बहुत स्थिर होते हैं और उनमें मजबूत कार्बन-कार्बन और कार्बन-हाइड्रोजन एकल बंधन होते हैं। इन बंधों को तोड़ने के लिए सूक्ष्मजीवों को बहुत विशिष्ट एंजाइमों का उत्पादन करना पड़ता है, और प्रक्रिया के लिए पर्याप्त समय और ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जबकि अन्य कारक भी भूमिका निभाते हैं, बहुलक श्रृंखलाओं की अंतर्निहित स्थिरता एक प्रमुख कारण है कि प्लास्टिक का क्षरण धीमा होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान में, एक माइक्रोबियल समुदाय जो प्लास्टिक को क्षरित कर सकता है, उसे क्या कहा जा सकता है?
- (a) एक सहजीवी (Symbiont)
- (b) एक परजीवी (Parasite)
- (c) एक प्लास्टिक-डिग्रेडिंग समुदाय (Plastic-degrading community) या बायोफिल्म (Biofilm)
- (d) एक उत्पादक (Producer)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सूक्ष्मजीव अक्सर सतहों पर एक साथ मिलकर कार्य करते हैं, जिससे बायोफिल्म बनती है।
व्याख्या (Explanation): जब सूक्ष्मजीव किसी सतह (जैसे प्लास्टिक) पर बस जाते हैं और उससे पोषण प्राप्त करते हैं, तो वे अक्सर एक साथ मिलकर बायोफिल्म बनाते हैं। इस बायोफिल्म के भीतर, विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीव (बैक्टीरिया, कवक) हो सकते हैं जो प्लास्टिक को क्षरित करने में सहयोगात्मक भूमिका निभाते हैं। इन्हें सामूहिक रूप से एक प्लास्टिक-डिग्रेडिंग समुदाय के रूप में वर्णित किया जा सकता है। सहजीवी और परजीवी विशिष्ट जैविक संबंध हैं, और उत्पादक अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान के दृष्टिकोण से, प्लास्टिक को क्षरित करने वाले एंजाइम किस प्रकार के कार्बनिक अणु होते हैं?
- (a) कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates)
- (b) लिपिड (Lipids)
- (c) प्रोटीन (Proteins)
- (d) न्यूक्लिक एसिड (Nucleic acids)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एंजाइम जैव-रासायनिक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करने वाले प्रोटीन अणु होते हैं।
व्याख्या (Explanation): अधिकांश एंजाइम, जो प्लास्टिक के क्षरण सहित सभी जैविक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, प्रोटीन से बने होते हैं। उनके पास एक विशिष्ट त्रि-आयामी संरचना होती है जो उन्हें अपने विशिष्ट सब्सट्रेट (इस मामले में, प्लास्टिक के पॉलिमर) से बांधने और रासायनिक प्रतिक्रिया को गति देने की अनुमति देती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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समुद्र में प्लास्टिक क्षरण की समग्र दक्षता को कौन सा कारक सीमित कर सकता है?
- (a) प्लास्टिक की बहुत कम सांद्रता
- (b) आवश्यक पोषक तत्वों की कमी (जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस)
- (c) सूक्ष्मजीवों की उच्च गतिविधि
- (d) पानी का उच्च pH स्तर
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सूक्ष्मजीवों के विकास और चयापचय के लिए आवश्यक पोषक तत्व महत्वपूर्ण हैं।
व्याख्या (Explanation): जबकि प्लास्टिक कार्बन स्रोत प्रदान करता है, सूक्ष्मजीवों को पनपने और प्लास्टिक को कुशलतापूर्वक क्षरित करने के लिए अन्य पोषक तत्वों, जैसे कि नाइट्रोजन, फास्फोरस, सल्फर और कुछ ट्रेस खनिजों की भी आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों की कमी, जो खुले समुद्र में आम हो सकती है, माइक्रोबियल गतिविधि को सीमित कर सकती है और इस प्रकार प्लास्टिक क्षरण की समग्र दक्षता को कम कर सकती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्लास्टिक के क्षरण में “बायो-एक्सेलेरेशन” (bio-acceleration) का क्या अर्थ हो सकता है?
- (a) प्लास्टिक का क्षरण जो केवल सौर ऊर्जा से होता है।
- (b) प्लास्टिक का क्षरण जो केवल यांत्रिक बल से होता है।
- (c) किसी प्रक्रिया को तेज करने के लिए सूक्ष्मजीवों का उपयोग करना।
- (d) प्लास्टिक का क्षरण जो किसी भी जैविक प्रक्रिया के बिना होता है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): “एक्सेलेरेशन” का अर्थ है गति बढ़ाना, और “बायो” का अर्थ है जीव।
व्याख्या (Explanation): बायो-एक्सेलेरेशन, इस संदर्भ में, प्लास्टिक के क्षरण की दर को बढ़ाने के लिए जैविक एजेंटों (सूक्ष्मजीवों या उनके एंजाइमों) के उपयोग को संदर्भित करता है। यह प्राकृतिक क्षरण की तुलना में एक तेज प्रक्रिया है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भौतिकी का कौन सा नियम बताता है कि ऊर्जा एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित हो सकती है, जैसा कि प्लास्टिक क्षरण में होता है?
- (a) न्यूटन का गति का पहला नियम
- (b) थर्मोडायनामिक्स का पहला नियम (ऊर्जा संरक्षण का नियम)
- (c) ओम का नियम
- (d) आर्किमिडीज का सिद्धांत
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): थर्मोडायनामिक्स का पहला नियम बताता है कि ऊर्जा न तो बनाई जा सकती है और न ही नष्ट की जा सकती है, केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित की जा सकती है।
व्याख्या (Explanation): प्लास्टिक के क्षरण में, रासायनिक ऊर्जा जो प्लास्टिक के बहुलक बंधों में संग्रहीत होती है, सूक्ष्मजीवों द्वारा उपापचयित होने पर ऊष्मीय ऊर्जा और रासायनिक ऊर्जा (नए, छोटे अणुओं में) में परिवर्तित हो जाती है। यह ऊर्जा परिवर्तन ऊर्जा संरक्षण के सिद्धांत का एक उदाहरण है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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समुद्री प्लास्टिक को क्षरित करने वाले माइक्रोबियल एंजाइमों को सक्रिय करने या स्थिर करने में समुद्री जल की कौन सी भौतिक-रासायनिक विशेषता महत्वपूर्ण हो सकती है?
- (a) केवल ऑक्सीजन की मात्रा
- (b) केवल pH और तापमान
- (c) pH, तापमान, और आयनिक शक्ति (जैसे लवणता)
- (d) केवल दबाव
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एंजाइमों की गतिविधि पर्यावरण की स्थिति से बहुत प्रभावित होती है।
व्याख्या (Explanation): एंजाइमों की गतिविधि pH (अम्लता/क्षारकता), तापमान, और आयनिक शक्ति (जो लवणता से प्रभावित होती है) जैसे कारकों के प्रति बहुत संवेदनशील होती है। समुद्री जल की ये विशेषताएँ एंजाइमों की संरचना और सब्सट्रेट से उनके बंधन की क्षमता को प्रभावित करती हैं, जिससे प्लास्टिक क्षरण की दर प्रभावित होती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्लास्टिक को “बायोडिग्रेडेबल” के रूप में वर्गीकृत करने के लिए किन विशिष्ट मानदंडों को पूरा करना पड़ सकता है, खासकर पर्यावरणीय नियमों के अनुसार?
- (a) यह केवल प्रकाश द्वारा विघटित होना चाहिए।
- (b) इसे एक निश्चित अवधि के भीतर, विशिष्ट पर्यावरणीय परिस्थितियों में, हानिरहित उप-उत्पादों में विघटित होना चाहिए।
- (c) यह पानी में घुलनशील होना चाहिए।
- (d) इसे आग लगने पर राख में बदल जाना चाहिए।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बायोडिग्रेडेबिलिटी एक समय-निर्भर और पर्यावरण-निर्भर प्रक्रिया है।
व्याख्या (Explanation): बायोडिग्रेडेबल होने के लिए, एक सामग्री को आमतौर पर यह प्रदर्शित करना होता है कि यह एक निश्चित समय सीमा के भीतर, विशिष्ट पर्यावरणीय परिस्थितियों (जैसे कि औद्योगिक कंपोस्टिंग, मिट्टी, या जलीय वातावरण) के तहत, प्राकृतिक प्रक्रियाओं (मुख्य रूप से सूक्ष्मजीवों द्वारा) द्वारा हानिरहित पदार्थों (जैसे CO2, पानी, बायोमास) में विघटित हो जाती है। केवल प्रकाश या पानी में घुलनशीलता बायोडिग्रेडेबिलिटी को परिभाषित नहीं करती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि कोई प्लास्टिक “बायोडिग्रेडेबल” है, तो क्या इसका मतलब है कि वह समुद्री वातावरण में तेजी से और पूरी तरह से विघटित हो जाएगा?
- (a) हाँ, सभी बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक समुद्री वातावरण में बहुत तेजी से विघटित होते हैं।
- (b) नहीं, बायोडिग्रेडेबल होने के लिए आवश्यक स्थितियाँ (जैसे तापमान, सूक्ष्मजीवों की प्रजातियाँ) समुद्री वातावरण में भिन्न हो सकती हैं।
- (c) हाँ, क्योंकि समुद्र में पानी प्रचुर मात्रा में है।
- (d) नहीं, क्योंकि सभी बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक में केवल प्लास्टिक घटक ही होते हैं।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बायोडिग्रेडेशन की दर और सीमा विशिष्ट सामग्री और पर्यावरणीय परिस्थितियों पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): “बायोडिग्रेडेबल” लेबल का अर्थ है कि सामग्री को जैविक रूप से तोड़ा जा सकता है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि किन परिस्थितियों में। कुछ प्लास्टिक “औद्योगिक रूप से कंपोस्टेबल” हो सकते हैं, जिसका अर्थ है कि उन्हें विशिष्ट उच्च तापमान और नमी की आवश्यकता होती है जो खुले समुद्र में उपलब्ध नहीं हो सकती है। इसके अलावा, समुद्री वातावरण में मौजूद सूक्ष्मजीवों की प्रजातियाँ और प्रचुरता एक सामग्री के क्षरण के लिए इष्टतम नहीं हो सकती हैं। इसलिए, समुद्री वातावरण में बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का क्षरण धीमा या अधूरा हो सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।