क्रिकेट से UPSC तक: भारत के 350+ रन और जडेजा का अर्धशतक – सफलता की ‘ऑल-राउंडर’ रणनीति!
चर्चा में क्यों? (Why in News?):
हाल ही में भारत और इंग्लैंड के बीच एक रोमांचक क्रिकेट मुकाबले में भारतीय टीम ने 350 रन का आंकड़ा पार किया, जिसमें रवींद्र जडेजा जैसे एक ‘ऑल-राउंडर’ खिलाड़ी ने अर्धशतकीय पारी खेलकर टीम को एक मजबूत स्थिति में पहुँचाया। यह खबर भले ही खेल जगत से जुड़ी हो, लेकिन एक UPSC अभ्यर्थी के लिए इसमें सिर्फ स्कोरकार्ड से कहीं अधिक गहराई है। यह घटना हमें टीम वर्क, रणनीति, दबाव प्रबंधन, व्यक्तिगत उत्कृष्टता और सामूहिक लक्ष्य प्राप्त करने के लिए आवश्यक विभिन्न कौशलों के बारे में गहन पाठ पढ़ाती है। आइए, इस क्रिकेट मैच के लेंस से शासन, प्रशासन और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए बहुमूल्य सबक सीखें।
क्रिकेट: केवल एक खेल या उससे कहीं अधिक?
क्रिकेट, भारत में सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक जुनून है, एक धर्म है। यह लाखों लोगों की भावनाओं को जोड़ता है और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बन जाता है। लेकिन एक UPSC अभ्यर्थी के रूप में, हमें किसी भी घटना को सतही तौर पर नहीं देखना चाहिए। क्रिकेट के मैदान पर होने वाली हर घटना – एक शतक, एक विकेट, एक शानदार कैच या 350 रन का विशाल स्कोर – में प्रबंधन, नेतृत्व, रणनीति और यहां तक कि नैतिकता के गूढ़ सिद्धांत छिपे होते हैं, जो सीधे तौर पर शासन और सार्वजनिक जीवन के लिए प्रासंगिक हैं।
“खेल हमें सिखाता है कि कैसे जीतना है, कैसे हारना है, कैसे विनम्र रहना है और कैसे चुनौतियों का सामना करना है। ये सभी गुण एक सफल प्रशासक के लिए आवश्यक हैं।”
जिस प्रकार एक क्रिकेट टीम का लक्ष्य एक विशाल स्कोर खड़ा कर जीत हासिल करना होता है, उसी प्रकार एक राष्ट्र का लक्ष्य भी अपने नागरिकों के लिए सतत विकास, समृद्धि और सुशासन सुनिश्चित करना होता है। दोनों ही परिदृश्यों में, लक्ष्य प्राप्ति के लिए सुनियोजित रणनीति, असाधारण व्यक्तिगत कौशल, अटूट टीम वर्क और विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य बनाए रखने की क्षमता अनिवार्य है।
UPSC के लेंस से क्रिकेट का विश्लेषण: सफलता के सूत्र
भारतीय टीम द्वारा 350+ का स्कोर हासिल करना और रवींद्र जडेजा का अर्धशतक बनाना, ये दोनों ही घटनाएँ UPSC की तैयारी और सिविल सेवा के गुणों से सीधे जुड़ती हैं:
1. लक्ष्य निर्धारण और दृढ़ता: 350+ का स्कोर
- क्रिकेट में: 350+ का स्कोर एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। इसे प्राप्त करने के लिए शुरुआती बल्लेबाजों से लेकर निचले क्रम तक, हर खिलाड़ी को अपना योगदान देना होता है, भले ही पिच मुश्किल हो या गेंदबाजी आक्रमण मजबूत। यह बताता है कि लक्ष्य केवल बड़े नहीं होते, उन्हें हासिल करने के लिए निरंतरता और दृढ़ता चाहिए।
- UPSC में: UPSC परीक्षा अपने आप में एक ‘महा-लक्ष्य’ है। इसे क्रैक करने के लिए वर्षों की निरंतर मेहनत, दैनिक अध्ययन, नोट्स बनाना, उत्तर लेखन का अभ्यास और असफलता के बावजूद उठ खड़े होने की दृढ़ता आवश्यक है। आपका लक्ष्य IAS/IPS बनना है, और यह 350+ के स्कोर जैसा ही चुनौतीपूर्ण है।
- शासन में: भारत सरकार ने 2047 तक ‘विकसित भारत’ का लक्ष्य रखा है। यह एक विशाल लक्ष्य है, जिसे प्राप्त करने के लिए प्रत्येक विभाग, प्रत्येक अधिकारी और प्रत्येक नागरिक को अपना योगदान देना होगा। इसमें आर्थिक विकास, सामाजिक समावेश, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन के लक्ष्य शामिल हैं।
2. व्यक्तिगत निपुणता बनाम सामूहिक प्रयास: जडेजा और टीम
- क्रिकेट में: जडेजा का अर्धशतक उनकी व्यक्तिगत निपुणता, धैर्य और परिस्थितियों को पढ़ने की क्षमता का प्रमाण है। वह ‘ऑल-राउंडर’ हैं, जो बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण तीनों में उत्कृष्टता रखते हैं। लेकिन यह अर्धशतक तभी महत्वपूर्ण होता है जब टीम पहले से ही एक मजबूत स्थिति में हो, और बाकी बल्लेबाजों ने भी योगदान दिया हो। एक अकेला खिलाड़ी मैच नहीं जीत सकता।
- UPSC में: सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने के लिए आपको व्यक्तिगत रूप से विषयों पर महारत हासिल करनी होगी। आपको इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, राजनीति, विज्ञान और नैतिकता जैसे विभिन्न विषयों में ‘ऑल-राउंडर’ बनना होगा। लेकिन आपकी सफलता अंततः एक बड़े लक्ष्य – देश की सेवा – का हिस्सा बनती है। सिविल सेवा में आने के बाद, आप अकेले काम नहीं करते; आप एक बड़ी प्रशासनिक टीम का हिस्सा होते हैं, जहाँ प्रत्येक अधिकारी का व्यक्तिगत कौशल सामूहिक लक्ष्य को आगे बढ़ाता है।
- शासन में: एक ज़िलाधिकारी, एक पुलिस अधीक्षक या एक विभागीय सचिव की व्यक्तिगत निपुणता अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। उनकी निर्णय लेने की क्षमता, समस्या-समाधान कौशल और नेतृत्व गुण सीधे तौर पर प्रशासन की दक्षता को प्रभावित करते हैं। हालांकि, ये सभी अधिकारी एक बड़े तंत्र – सरकार – का हिस्सा होते हैं। उनकी व्यक्तिगत सफलता तभी सार्थक है जब वे टीम के रूप में काम करें, विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करें और एक साझा लक्ष्य की ओर बढ़ें। ‘ग्राम स्वराज’ से लेकर ‘पंचायती राज’ तक, हर स्तर पर व्यक्तिगत प्रयासों को सामूहिक उद्देश्यों से जोड़ा जाता है।
3. रणनीतिक योजना और अनुकूलनशीलता
- क्रिकेट में: 350+ रन बनाने के लिए एक स्पष्ट रणनीति होती है: किस ओवर में कितने रन बनाने हैं, किस गेंदबाज को लक्ष्य बनाना है, साझेदारी कैसे बनानी है। लेकिन पिच और गेंदबाजों के बदलने पर इस रणनीति को अनुकूलित करना पड़ता है। बारिश आने पर डकवर्थ-लुईस नियम के तहत रणनीति बदल जाती है।
- UPSC में: आपकी तैयारी की भी एक रणनीति होनी चाहिए: किस विषय को कितना समय देना है, कब रिवीजन करना है, कब टेस्ट सीरीज देनी है। लेकिन परीक्षा पैटर्न में बदलाव, करेंट अफेयर्स की प्रकृति और आपकी अपनी कमजोरियों के आधार पर इस रणनीति को लगातार अनुकूलित करते रहना पड़ता है।
- शासन में: कोई भी नीति या योजना बनाने से पहले विस्तृत रणनीतिक योजना बनाई जाती है। उदाहरण के लिए, ‘मेक इन इंडिया’ या ‘स्वच्छ भारत अभियान’ जैसी योजनाओं के लिए विस्तृत रोडमैप तैयार किए जाते हैं। लेकिन जमीनी हकीकत, वैश्विक परिवर्तनों (जैसे महामारी, आर्थिक मंदी) या अप्रत्याशित चुनौतियों के सामने इन रणनीतियों में लचीलेपन और अनुकूलनशीलता की आवश्यकता होती है। एक अच्छा प्रशासक वही है जो बदलती परिस्थितियों के अनुसार अपनी रणनीति में सुधार कर सके।
4. दबाव प्रबंधन और लचीलापन
- क्रिकेट में: 350 रन बनाना आसान नहीं होता। जब विकेट गिरते हैं या रन रेट धीमा होता है, तो खिलाड़ियों पर दबाव आता है। जडेजा जैसे खिलाड़ी इस दबाव में भी शांत रहते हैं और धैर्य के साथ खेलते हैं, अपनी रणनीति पर टिके रहते हैं।
- UPSC में: यह परीक्षा अत्यधिक दबाव वाली होती है। असफलता का डर, पाठ्यक्रम का विशालकाय होना, समय की कमी और प्रतिस्पर्धी माहौल – ये सभी कारक भारी दबाव डालते हैं। आपको शांत रहकर अपनी तैयारी पर ध्यान केंद्रित करना सीखना होगा, असफलता से सीखना होगा और लचीलापन (resilience) बनाए रखना होगा।
- शासन में: सार्वजनिक जीवन में, प्रशासकों को लगातार दबाव का सामना करना पड़ता है – मीडिया का दबाव, राजनीतिक दबाव, जनता की अपेक्षाओं का दबाव और संकट प्रबंधन का दबाव। चाहे वह प्राकृतिक आपदा हो, कानून-व्यवस्था की स्थिति हो या कोई सामाजिक आंदोलन, एक सिविल सेवक को अत्यधिक दबाव में भी सटीक और प्रभावी निर्णय लेने पड़ते हैं। ‘लचीलापन’ यानी विपरीत परिस्थितियों में भी अपने मनोबल को बनाए रखना और समाधान खोजना, एक कुशल प्रशासक की पहचान है।
5. संसाधन प्रबंधन और ऑप्टिमाइजेशन
- क्रिकेट में: 50 ओवर के मैच में हर गेंद एक संसाधन है। विकेट, खिलाड़ी का फॉर्म, पिच की स्थिति – सभी संसाधनों का कुशल प्रबंधन स्कोर बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। एक टीम को पता होता है कि किस गेंदबाज को कब इस्तेमाल करना है, किस बल्लेबाज को कब भेजना है।
- UPSC में: आपका समय, ऊर्जा, अध्ययन सामग्री और मानसिक स्वास्थ्य – ये सभी आपके संसाधन हैं। आपको इन संसाधनों का अधिकतम उपयोग (ऑप्टिमाइजेशन) करना सीखना होगा। कहाँ अधिक समय देना है, कहाँ कम, किस किताब से पढ़ना है, किस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग करना है।
- शासन में: सार्वजनिक प्रशासन मूलतः संसाधनों के कुशल प्रबंधन का ही नाम है। वित्तीय संसाधन, मानव संसाधन, प्राकृतिक संसाधन, समय – इन सभी का अधिकतम उपयोग करके जनकल्याण सुनिश्चित करना होता है। मनरेगा जैसी योजनाओं में श्रमशक्ति का प्रबंधन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में स्वास्थ्य सेवाओं का वितरण या आपदा प्रबंधन में राहत सामग्री का कुशल आवंटन, सभी संसाधन प्रबंधन के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
6. नैतिकता और खेल भावना
- क्रिकेट में: खेल के नियम होते हैं और उनका पालन करना अनिवार्य है। ‘स्पोर्ट्समैनशिप’ सिर्फ मैदान पर अच्छा व्यवहार करना नहीं है, बल्कि ईमानदारी, सम्मान और निष्पक्षता के सिद्धांतों का पालन करना है, भले ही परिणाम कुछ भी हो।
- UPSC में: आपकी तैयारी में ईमानदारी (अपनी कमजोरियों के प्रति), अध्ययन में निष्ठा और परीक्षा हॉल में नैतिक आचरण अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- शासन में: सिविल सेवा का आधार ही नैतिकता और ईमानदारी है। भ्रष्टाचार मुक्त शासन, पारदर्शिता, जवाबदेही और सेवाभाव – ये सभी सिद्धांत ‘खेल भावना’ के समान हैं, जो एक प्रशासक के लिए अनिवार्य हैं। गांधीजी का ‘ट्रस्टीशिप’ का सिद्धांत या कौटिल्य के ‘अर्थशास्त्र’ में लोक सेवक के कर्तव्य, सभी नैतिक शासन पर बल देते हैं।
7. नेतृत्व और दिशा
- क्रिकेट में: कप्तान की भूमिका टीम को दिशा देने, निर्णय लेने और खिलाड़ियों को प्रेरित करने की होती है। 350+ के स्कोर के पीछे एक मजबूत नेतृत्व की भूमिका होती है, जो सही समय पर सही निर्णय लेता है।
- UPSC में: आपकी तैयारी के दौरान, आपको अपना स्वयं का ‘कप्तान’ बनना होगा। आपको अपनी पढ़ाई को दिशा देनी होगी, अपनी कमजोरियों पर काम करना होगा और खुद को लगातार प्रेरित करना होगा।
- शासन में: सिविल सेवक, अपने-अपने स्तर पर नेतृत्वकर्ता होते हैं। एक ज़िलाधिकारी अपने ज़िले का कप्तान होता है, जो विभिन्न विभागों के साथ मिलकर विकास और कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करता है। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या किसी विभाग के सचिव जैसे पद बड़े पैमाने पर नेतृत्व की भूमिका निभाते हैं, जो नीतियों को आकार देते हैं और देश को एक दिशा प्रदान करते हैं। ‘नेतृत्व’ की अवधारणा UPSC के GS-II और GS-IV (नीतिशास्त्र) दोनों में महत्वपूर्ण है।
शासन में ‘ऑल-राउंडर’ दृष्टिकोण की आवश्यकता
रवींद्र जडेजा को ‘ऑल-राउंडर’ कहा जाता है क्योंकि वह बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण तीनों में निपुण हैं। आधुनिक प्रशासन में भी ‘ऑल-राउंडर’ सिविल सेवक की आवश्यकता है। आज के जटिल शासन परिवेश में, एक अधिकारी को न केवल अपने मूल विभाग का विशेषज्ञ होना चाहिए, बल्कि उसे:
- आर्थिक नीतियों की समझ होनी चाहिए।
- सामाजिक न्याय के मुद्दों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
- पर्यावरण संरक्षण के सिद्धांतों से अवगत होना चाहिए।
- तकनीकी नवाचारों को समझने और लागू करने में सक्षम होना चाहिए।
- कानून और व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ विकास परियोजनाओं का भी प्रबंधन करना आना चाहिए।
- प्रभावी संचारक और समस्या समाधानकर्ता होना चाहिए।
ठीक वैसे ही जैसे एक टीम को विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए विभिन्न कौशल वाले खिलाड़ियों की आवश्यकता होती है, सरकार को भी ऐसे अधिकारियों की आवश्यकता होती है जो विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखते हों और एक एकीकृत दृष्टिकोण के साथ काम कर सकें। ‘मिशन कर्मयोगी’ जैसी पहल भी इसी ‘ऑल-राउंडर’ सिविल सेवक बनाने की दिशा में एक कदम है।
UPSC उम्मीदवारों के लिए सबक: ‘मैच’ कैसे जीतें?
इस क्रिकेट मैच और भारतीय टीम की सफलता से UPSC अभ्यर्थी कई महत्वपूर्ण सबक सीख सकते हैं:
- लक्ष्य निर्धारित करें: प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू के लिए स्पष्ट और प्राप्त करने योग्य लक्ष्य निर्धारित करें।
- एक ‘ऑल-राउंडर’ बनें: सभी GS पेपर्स, निबंध और वैकल्पिक विषय पर समान ध्यान दें। किसी भी एक विषय को कमजोर न पड़ने दें।
- रणनीति बनाएं और अनुकूलित करें: अपनी अध्ययन योजना बनाएं, लेकिन आवश्यकतानुसार उसमें बदलाव करने के लिए तैयार रहें।
- निरंतरता और दृढ़ता: प्रतिदिन अध्ययन करें, भले ही कम समय के लिए हो। असफलता से निराश न हों, बल्कि उससे सीखें।
- दबाव प्रबंधन: मॉक टेस्ट दें ताकि परीक्षा के दबाव में प्रदर्शन करने का अभ्यास हो सके। ध्यान और योग जैसी तकनीकें अपनाएं।
- संसाधन प्रबंधन: समय और अध्ययन सामग्री का बुद्धिमानी से उपयोग करें। अनावश्यक सामग्री के ढेर से बचें।
- टीम वर्क (अगर संभव हो): सहपाठियों के साथ मिलकर ग्रुप डिस्कशन करें, एक-दूसरे की मदद करें।
- नैतिकता: अपनी तैयारी के प्रति ईमानदार रहें और किसी भी अनैतिक तरीके से बचें।
चुनौतियाँ और आगे की राह: खेल और शासन में समानताएँ
जिस प्रकार क्रिकेट में 350+ का स्कोर बनाना चुनौतियों से भरा होता है (कठिन पिच, मजबूत गेंदबाजी, खराब मौसम), उसी प्रकार शासन में भी अनेकों चुनौतियाँ होती हैं:
- आर्थिक असमानता: गरीबी, बेरोजगारी।
- सामाजिक मुद्दे: लैंगिक असमानता, जातिगत भेदभाव, सांप्रदायिक तनाव।
- पर्यावरण क्षरण: जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण।
- कानून-व्यवस्था: अपराध, आतंकवाद।
- शासन में चुनौतियाँ: भ्रष्टाचार, लालफीताशाही, नीतिगत पक्षाघात (policy paralysis)।
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए एक ‘ऑल-राउंडर’ दृष्टिकोण, दूरदर्शिता, प्रभावी रणनीति और सबसे बढ़कर, सिविल सेवकों द्वारा प्रदर्शित की जाने वाली प्रतिबद्धता और लचीलापन अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिस प्रकार एक खिलाड़ी हर गेंद पर ध्यान केंद्रित करता है, उसी प्रकार एक प्रशासक को हर समस्या को एक अवसर मानकर उसका समाधान खोजना चाहिए।
निष्कर्ष
भारत और इंग्लैंड के बीच क्रिकेट मैच का स्कोरकार्ड केवल संख्याओं का खेल नहीं है। यह प्रबंधन, रणनीति, व्यक्तिगत कौशल और टीम वर्क के सिद्धांतों का एक जीवंत उदाहरण है। UPSC अभ्यर्थी और भावी सिविल सेवक के रूप में, हमें इन घटनाओं से प्रेरणा लेनी चाहिए। 350+ का स्कोर हमें लक्ष्य की विशालता और उसे प्राप्त करने के लिए आवश्यक सामूहिक प्रयास की याद दिलाता है। रवींद्र जडेजा जैसे ‘ऑल-राउंडर’ खिलाड़ी हमें अपनी तैयारी में व्यापकता और बहुमुखी प्रतिभा लाने के लिए प्रेरित करते हैं। अंततः, UPSC की परीक्षा और सिविल सेवा का जीवन, दोनों ही एक बड़े और महत्वपूर्ण ‘मैच’ के समान हैं, जहाँ आपकी दृढ़ता, नैतिकता, और ‘ऑल-राउंडर’ क्षमता ही आपको सफलता की ओर ले जाएगी। याद रखें, खेल के मैदान की सफलता और शासन की सफलता, दोनों के मूल में मानवीय क्षमता और सामूहिक सद्भावना ही होती है।
UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs
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निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- किसी भी बड़ी परियोजना की सफलता के लिए व्यक्तिगत कौशल से अधिक सामूहिक प्रयास महत्वपूर्ण होता है।
- दबाव प्रबंधन की क्षमता केवल खेल के मैदान तक ही सीमित है, प्रशासन में इसका महत्व कम होता है।
- आधुनिक शासन में ‘ऑल-राउंडर’ सिविल सेवक की आवश्यकता बढ़ती जा रही है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(A) केवल a और b
(B) केवल b और c
(C) केवल a और c
(D) a, b और cउत्तर: (C)
व्याख्या: कथन (a) और (c) सही हैं। किसी भी बड़े लक्ष्य की प्राप्ति में व्यक्तिगत कौशल के साथ-साथ टीम वर्क का सामंजस्य आवश्यक होता है। आधुनिक प्रशासन में जटिल मुद्दों को संभालने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में ज्ञान रखने वाले ‘ऑल-राउंडर’ प्रशासकों की आवश्यकता है। कथन (b) गलत है, क्योंकि प्रशासन में दबाव प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, खासकर संकट की स्थितियों में।
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भारत में खेल के सामाजिक और आर्थिक महत्व के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- खेल राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा दे सकते हैं।
- मेगा स्पोर्ट्स इवेंट्स जैसे आईपीएल, देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान नहीं देते।
- भारत सरकार ने खेल को बढ़ावा देने और खेल प्रतिभाओं की पहचान के लिए ‘खेलो इंडिया’ जैसे कार्यक्रम शुरू किए हैं।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से गलत है/हैं?
(A) केवल a
(B) केवल b
(C) केवल c
(D) a और bउत्तर: (B)
व्याख्या: कथन (a) और (c) सही हैं। खेल राष्ट्रीय भावना को मजबूत करते हैं और ‘खेलो इंडिया’ जैसी पहल खेल विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। कथन (b) गलत है, क्योंकि आईपीएल जैसे मेगा स्पोर्ट्स इवेंट्स प्रसारण अधिकारों, विज्ञापन, पर्यटन और रोजगार सृजन के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
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सुशासन (Good Governance) के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से गुण एक सिविल सेवक के लिए ‘क्रिकेट की ऑल-राउंडर क्षमता’ के समान हो सकता है?
- नीति निर्माण, कार्यान्वयन और समस्या-समाधान की क्षमता।
- विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने की योग्यता।
- तकनीकी नवाचारों को समझने और उनका उपयोग करने की प्रवृत्ति।
- जनता की शिकायतों को धैर्यपूर्वक सुनने और उन पर कार्रवाई करने की संवेदनशीलता।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनें:
(A) केवल a और b
(B) केवल b, c और d
(C) केवल a, c और d
(D) a, b, c और dउत्तर: (D)
व्याख्या: सभी विकल्प एक ‘ऑल-राउंडर’ सिविल सेवक के गुणों को दर्शाते हैं। आधुनिक प्रशासन में एक अधिकारी को बहुआयामी होना चाहिए, जिसमें नीतिगत ज्ञान, समन्वय कौशल, तकनीकी दक्षता और संवेदनशीलता शामिल हो।
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नेतृत्व (Leadership) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- नेतृत्व केवल औपचारिक पदों पर बैठे व्यक्तियों तक ही सीमित होता है।
- एक प्रभावी नेता दबाव में भी शांत रहने और सही निर्णय लेने की क्षमता रखता है।
- लोक प्रशासन में नेतृत्व को अक्सर ‘मिशन कर्मयोगी’ जैसी पहलों के माध्यम से बढ़ावा दिया जाता है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(A) केवल a और b
(B) केवल b और c
(C) केवल a और c
(D) a, b और cउत्तर: (B)
व्याख्या: कथन (b) और (c) सही हैं। एक प्रभावी नेता दबाव में भी सही निर्णय लेता है, और ‘मिशन कर्मयोगी’ जैसी पहल सिविल सेवकों में नेतृत्व क्षमता विकसित करने पर केंद्रित हैं। कथन (a) गलत है, क्योंकि नेतृत्व किसी भी स्तर पर प्रदर्शित किया जा सकता है, न कि केवल औपचारिक पदों पर।
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संसाधन प्रबंधन (Resource Management) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सबसे उपयुक्त है?
(A) संसाधन प्रबंधन का अर्थ केवल वित्तीय संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करना है।
(B) यह समय, मानव शक्ति और भौतिक संसाधनों के अधिकतम उपयोग से संबंधित है।
(C) संसाधन प्रबंधन की आवश्यकता केवल निजी क्षेत्र में होती है, सार्वजनिक क्षेत्र में नहीं।
(D) इसका लक्ष्य केवल अल्पकालिक लाभ प्राप्त करना है, दीर्घकालिक स्थिरता नहीं।उत्तर: (B)
व्याख्या: संसाधन प्रबंधन में वित्तीय, मानव, भौतिक और समय जैसे सभी प्रकार के संसाधनों का कुशल और अधिकतम उपयोग शामिल है। यह सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है और इसका लक्ष्य दीर्घकालिक स्थिरता के साथ-साथ अल्पकालिक दक्षता भी है।
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निम्नलिखित में से कौन-सा सिद्धांत एक प्रशासक के लिए ‘खेल भावना’ (Sportsmanship) के सबसे करीब है?
(A) पारदर्शिता और जवाबदेही
(B) नीतिगत निर्णय लेने में गति
(C) केवल अपने विभाग के लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करना
(D) राजनीतिक प्रभाव में आकर निर्णय लेनाउत्तर: (A)
व्याख्या: ‘खेल भावना’ में ईमानदारी, निष्पक्षता और नियमों का पालन शामिल है। ‘पारदर्शिता और जवाबदेही’ ये सभी गुण एक प्रशासक के लिए आवश्यक नैतिक सिद्धांत हैं जो खेल भावना के समान हैं। अन्य विकल्प या तो अधूरे हैं या नकारात्मक अर्थ रखते हैं।
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UPSC परीक्षा की तैयारी में ‘अनुकूलनशीलता’ (Adaptability) का क्या महत्व है?
- बदलते परीक्षा पैटर्न के अनुसार अपनी रणनीति में परिवर्तन करना।
- पाठ्यक्रम में नए विषयों को शामिल होने पर उन्हें सीखना।
- अध्ययन सामग्री की अनुपलब्धता के बावजूद वैकल्पिक स्रोतों का उपयोग करना।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनें:
(A) केवल a और b
(B) केवल b और c
(C) केवल a और c
(D) a, b और cउत्तर: (D)
व्याख्या: ‘अनुकूलनशीलता’ का अर्थ है बदलती परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को ढालना। UPSC की तैयारी में यह परीक्षा पैटर्न, पाठ्यक्रम और अध्ययन संसाधनों के संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण है। सभी कथन अनुकूलनशीलता के महत्व को दर्शाते हैं।
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‘टीम वर्क’ और ‘सहयोग’ के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सार्वजनिक प्रशासन के लिए सबसे उपयुक्त है?
(A) सरकारी विभागों को एक-दूसरे से स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए ताकि दक्षता बढ़े।
(B) बड़ी राष्ट्रीय परियोजनाओं की सफलता के लिए विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों के बीच समन्वय आवश्यक है।
(C) नागरिक समाज संगठनों की भूमिका केवल सरकार की नीतियों की आलोचना तक सीमित होनी चाहिए।
(D) एक ज़िलाधिकारी का काम केवल अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को आदेश देना है।उत्तर: (B)
व्याख्या: सार्वजनिक प्रशासन में ‘टीम वर्क’ और ‘सहयोग’ अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। बड़ी परियोजनाओं जैसे ‘स्वच्छ भारत अभियान’ या ‘आधार’ के सफल कार्यान्वयन के लिए विभिन्न सरकारी स्तरों और विभागों के बीच गहन समन्वय आवश्यक है। अन्य कथन या तो गलत हैं या अधूरे हैं।
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दृढ़ता (Perseverance) के संबंध में, निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(A) यह विपरीत परिस्थितियों में भी लक्ष्य पर टिके रहने की क्षमता है।
(B) UPSC परीक्षा की लंबी प्रक्रिया में दृढ़ता एक महत्वपूर्ण गुण है।
(C) यह केवल शारीरिक सहनशक्ति से संबंधित है, मानसिक शक्ति से नहीं।
(D) असफलता से सीखने और आगे बढ़ने में दृढ़ता सहायक होती है।उत्तर: (C)
व्याख्या: दृढ़ता (Perseverance) शारीरिक और मानसिक दोनों सहनशक्ति से संबंधित है, खासकर UPSC जैसी मानसिक रूप से थकाऊ परीक्षा में। अन्य सभी कथन दृढ़ता के सही पहलुओं को दर्शाते हैं।
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‘विकास के लिए खेल’ (Sports for Development) की अवधारणा में क्या-क्या शामिल हो सकता है?
- युवाओं में अनुशासन और नेतृत्व गुणों का विकास।
- स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देना।
- सामाजिक समावेश और लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करना।
- एक सॉफ्ट पावर उपकरण के रूप में देश की छवि को बढ़ाना।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनें:
(A) केवल a, b और c
(B) केवल b, c और d
(C) केवल a, c और d
(D) a, b, c और dउत्तर: (D)
व्याख्या: ‘विकास के लिए खेल’ की अवधारणा एक व्यापक दृष्टिकोण है जिसमें खेल को केवल मनोरंजन के रूप में नहीं, बल्कि व्यक्तिगत, सामाजिक और यहां तक कि कूटनीतिक विकास के साधन के रूप में देखा जाता है। इसमें उपरोक्त सभी पहलू शामिल हैं।
मुख्य परीक्षा (Mains)
- “खेल के मैदान पर दिखाई देने वाले व्यक्तिगत कौशल और सामूहिक सामंजस्य के सिद्धांत एक प्रभावी सार्वजनिक प्रशासन की नींव रखते हैं।” इस कथन का समालोचनात्मक परीक्षण करें और आधुनिक भारतीय प्रशासन में ‘ऑल-राउंडर’ सिविल सेवक की आवश्यकता का विश्लेषण करें। (GS-II, GS-IV)
- रणनीतिक योजना, दबाव प्रबंधन और संसाधन अनुकूलन (resource optimization) के सिद्धांत, जो खेल में सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं, उन्हें आप भारत में नीति निर्माण और कार्यान्वयन में कैसे लागू करेंगे? उदाहरणों सहित समझाइए। (GS-II, GS-III)
- “नैतिकता और खेल भावना किसी भी महान टीम या राष्ट्र की पहचान होती है।” खेल के मैदान पर नैतिक आचरण के महत्व पर चर्चा करें और बताएं कि सिविल सेवकों के लिए ये सिद्धांत क्यों अपरिहार्य हैं। (GS-IV)
- UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी एक ‘मैराथन’ है, ‘स्प्रिंट’ नहीं। इस कथन के आलोक में, एक UPSC अभ्यर्थी के लिए ‘धैर्य’, ‘दृढ़ता’ और ‘अनुकूलनशीलता’ के महत्व का विस्तृत विश्लेषण करें। (निबंध, GS-I, GS-IV)