कृषि और वन अनुसंधान को प्रभावित करने वाले विज्ञान प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की एक मजबूत पकड़ आवश्यक है। यह खंड भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्नों का एक संग्रह प्रदान करता है, जो आपको अपनी तैयारी को परखने और वैज्ञानिक अवधारणाओं की गहरी समझ विकसित करने में मदद करेगा। ये प्रश्न विशेष रूप से उन विषयों पर केंद्रित हैं जो कृषि और वन अनुसंधान से संबंधित हो सकते हैं, जिससे आपको परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के पैटर्न को समझने में आसानी होगी।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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वन अनुसंधान में वनों की आयु निर्धारित करने के लिए निम्नलिखित में से किस तकनीक का उपयोग किया जाता है?
- (a) रेडियोकार्बन डेटिंग
- (b) डेंड्रोक्रोनोलॉजी
- (c) थर्मोल्यूमिनिसेंस डेटिंग
- (d) पोटेशियम-आर्गन डेटिंग
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): डेंड्रोक्रोनोलॉजी (Dendrochronology) वृक्षों की वलयों (tree rings) के विश्लेषण पर आधारित एक वैज्ञानिक विधि है। प्रत्येक वलय एक वर्ष का प्रतिनिधित्व करता है, और वलयों की संख्या और चौड़ाई से वृक्ष की आयु और उस वर्ष की जलवायु परिस्थितियों के बारे में जानकारी मिलती है।
व्याख्या (Explanation): रेडियोकार्बन डेटिंग कार्बन-14 का उपयोग करके जैविक सामग्री की आयु निर्धारित करती है। थर्मोल्यूमिनिसेंस डेटिंग मिट्टी या सिरेमिक जैसी सामग्रियों में संग्रहित प्रकाश ऊर्जा की मात्रा को मापती है। पोटेशियम-आर्गन डेटिंग ज्वालामुखी चट्टानों की आयु के लिए प्रयोग की जाती है। वनों की आयु के लिए सबसे उपयुक्त तकनीक डेंड्रोक्रोनोलॉजी है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मृदा में नाइट्रोजन स्थिरीकरण (nitrogen fixation) के लिए कौन सा जीवाणु (bacteria) जिम्मेदार है?
- (a) ई. कोलाई (E. coli)
- (b) बैसिलस एन्थ्रेसिस (Bacillus anthracis)
- (c) राइजोबियम (Rhizobium)
- (d) स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नाइट्रोजन स्थिरीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा वायुमंडलीय नाइट्रोजन (N₂) को अमोनिया (NH₃) जैसे अमोनियम आयन (NH₄⁺) में बदला जाता है, जिसे पौधे अवशोषित कर सकते हैं। राइजोबियम जीवाणु फलीदार पौधों (leguminous plants) की जड़ों में सहजीवी संबंध (symbiotic relationship) में रहते हैं और इस प्रक्रिया को अंजाम देते हैं।
व्याख्या (Explanation): ई. कोलाई मानव आंत में पाया जाने वाला एक सामान्य जीवाणु है। बैसिलस एन्थ्रेसिस एंथ्रेक्स रोग का कारण बनता है। स्टैफिलोकोकस ऑरियस त्वचा के संक्रमण का कारण बन सकता है। राइजोबियम विशेष रूप से नाइट्रोजन स्थिरीकरण के लिए जाना जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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पौधों में क्लोरोफिल (chlorophyll) का मुख्य कार्य क्या है?
- (a) प्रकाश संश्लेषण के लिए प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करना
- (b) पौधों को संरचनात्मक सहायता प्रदान करना
- (c) जल अवशोषण में सहायता करना
- (d) परागण (pollination) को आकर्षित करना
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्लोरोफिल एक हरा वर्णक (pigment) है जो पौधों की कोशिकाओं में, विशेष रूप से क्लोरोप्लास्ट (chloroplasts) में पाया जाता है। यह प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसमें सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा को अवशोषित करके उसे रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): पौधों को संरचनात्मक सहायता कोशिका भित्ति (cell wall) द्वारा प्रदान की जाती है। जल अवशोषण जड़ों द्वारा किया जाता है। परागण को आकर्षित करने के लिए फूलों के रंग और सुगंध जिम्मेदार होते हैं। क्लोरोफिल का प्राथमिक कार्य प्रकाश ऊर्जा को पकड़ना है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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वन पारिस्थितिकी तंत्र (forest ecosystem) में, अपघटक (decomposers) क्या भूमिका निभाते हैं?
- (a) प्राथमिक उत्पादक (primary producers)
- (b) प्राथमिक उपभोक्ता (primary consumers)
- (c) कार्बनिक पदार्थों को अकार्बनिक पदार्थों में तोड़ना
- (d) सीधे पौधों को ऊर्जा प्रदान करना
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपघटक, जैसे कि बैक्टीरिया और कवक, मृत पौधों और जानवरों के जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल अकार्बनिक पोषक तत्वों में तोड़ देते हैं। ये पोषक तत्व फिर से मिट्टी में मिल जाते हैं और पौधों द्वारा उपयोग किए जाते हैं, जिससे पोषक तत्वों का पुनर्चक्रण (nutrient cycling) होता है।
व्याख्या (Explanation): प्राथमिक उत्पादक पौधे हैं जो प्रकाश संश्लेषण करते हैं। प्राथमिक उपभोक्ता शाकाहारी जीव होते हैं जो पौधों को खाते हैं। अपघटक सीधे पौधों को ऊर्जा प्रदान नहीं करते हैं; वे पोषक तत्वों को पुनः प्राप्त करते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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फसल चक्र (crop rotation) का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- (a) मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाना और कीटों के प्रकोप को कम करना
- (b) प्रति एकड़ उत्पादन को कम करना
- (c) केवल एक ही प्रकार की फसल उगाना
- (d) मिट्टी से पोषक तत्वों को पूरी तरह से निकालना
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फसल चक्र एक कृषि पद्धति है जिसमें एक ही खेत में एक के बाद एक विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं। यह मिट्टी में पोषक तत्वों के संतुलन को बनाए रखने, मिट्टी के क्षरण (soil erosion) को रोकने, और कुछ कीटों और बीमारियों के जीवन चक्र को बाधित करने में मदद करता है, जिससे समग्र मिट्टी स्वास्थ्य और फसल की पैदावार में सुधार होता है।
व्याख्या (Explanation): फसल चक्र का उद्देश्य उत्पादन को बढ़ाना है, न कि कम करना। विभिन्न फसलें उगाने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और मिट्टी के पोषक तत्वों का पूरी तरह से निष्कर्षण नहीं होता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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निम्नलिखित में से कौन सी गैस श्वसन (respiration) के दौरान पौधों द्वारा अवशोषित की जाती है?
- (a) ऑक्सीजन (O₂)
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
- (c) नाइट्रोजन (N₂)
- (d) हाइड्रोजन (H₂)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पौधों में भी जंतुओं की तरह श्वसन होता है। श्वसन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कोशिकाएं ऊर्जा मुक्त करने के लिए शर्करा (जैसे ग्लूकोज) को ऑक्सीजन की उपस्थिति में तोड़ती हैं। इस प्रक्रिया में, ऑक्सीजन का उपयोग होता है और कार्बन डाइऑक्साइड और जल मुक्त होते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण के दौरान पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं, लेकिन श्वसन के दौरान वे ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। नाइट्रोजन वायुमंडल का एक प्रमुख घटक है लेकिन श्वसन में सीधे उपयोग नहीं होता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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कीटनाशकों (pesticides) का मिट्टी की गुणवत्ता पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
- (a) मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना
- (b) लाभकारी सूक्ष्मजीवों को मारना
- (c) मिट्टी को अधिक सघन बनाना
- (d) मिट्टी में पानी धारण क्षमता बढ़ाना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कई कीटनाशक व्यापक-स्पेक्ट्रम (broad-spectrum) होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे लक्षित कीटों के साथ-साथ मिट्टी में रहने वाले फायदेमंद सूक्ष्मजीवों (जैसे कि नाइट्रोजन-स्थिरीकरण जीवाणु और कवक) को भी मार सकते हैं। इन सूक्ष्मजीवों की कमी से मिट्टी की उर्वरता और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
व्याख्या (Explanation): कीटनाशकों का उपयोग मिट्टी की उर्वरता को सीधे बढ़ाने के बजाय अक्सर कम करता है। वे मिट्टी की सघनता या जल धारण क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से नहीं बदलते हैं, लेकिन सूक्ष्मजीवों पर उनका प्रभाव विनाशकारी हो सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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पादप कोशिका भित्ति (plant cell wall) मुख्य रूप से किस पदार्थ से बनी होती है?
- (a) प्रोटीन
- (b) लिपिड
- (c) सेलूलोज़ (Cellulose)
- (d) न्यूक्लिक एसिड
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पादप कोशिका भित्ति पादप कोशिकाओं को संरचनात्मक समर्थन और सुरक्षा प्रदान करती है। यह मुख्य रूप से एक जटिल कार्बोहाइड्रेट, सेलूलोज़ से बनी होती है, जो कोशिका को एक निश्चित आकार बनाए रखने में मदद करती है और बाहरी दबावों से बचाती है।
व्याख्या (Explanation): प्रोटीन और लिपिड कोशिका झिल्ली (cell membrane) के प्रमुख घटक हैं। न्यूक्लिक एसिड (जैसे डीएनए और आरएनए) आनुवंशिक सामग्री के लिए जिम्मेदार हैं। सेलूलोज़ पादप कोशिका भित्ति की मुख्य संरचनात्मक इकाई है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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वन क्षेत्रों में डिफॉरेस्टेशन (deforestation) का एक प्रमुख रासायनिक प्रभाव क्या है?
- (a) वायुमंडल में ऑक्सीजन की सांद्रता में वृद्धि
- (b) मिट्टी के कटाव और पोषक तत्वों के बहिर्वाह (leaching) में वृद्धि
- (c) वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता में कमी
- (d) जल चक्र में कोई परिवर्तन नहीं
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पेड़-पौधे अपनी जड़ों से मिट्टी को बांधे रखते हैं और अपने आवरण से वर्षा की सीधी मार को कम करते हैं। जब जंगल काटे जाते हैं, तो मिट्टी खुली रह जाती है, जिससे वर्षा के पानी से मिट्टी का क्षरण (erosion) बढ़ जाता है। साथ ही, बारिश से पोषक तत्व मिट्टी से बहकर जल स्रोतों में चले जाते हैं (leaching)।
व्याख्या (Explanation): डिफॉरेस्टेशन वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता को बढ़ाता है (क्योंकि पेड़ CO₂ को अवशोषित करते हैं) और ऑक्सीजन की सांद्रता को कम करता है। जल चक्र पर भी इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, लेकिन कटाव और बहिर्वाह सबसे प्रत्यक्ष रासायनिक/भौतिक प्रभाव हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के लिए निम्न में से कौन सा प्रकाश का तरंग दैर्ध्य (wavelength) सबसे प्रभावी है?
- (a) हरा प्रकाश
- (b) नीला और लाल प्रकाश
- (c) पीला प्रकाश
- (d) अवरक्त (infrared) प्रकाश
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण मुख्य रूप से क्लोरोफिल द्वारा संचालित होता है, जो नीले (लगभग 400-450 nm) और लाल (लगभग 650-700 nm) तरंग दैर्ध्य के प्रकाश को सबसे अधिक कुशलता से अवशोषित करता है। हरे रंग का प्रकाश पौधों द्वारा परावर्तित (reflected) किया जाता है, यही कारण है कि पौधे हरे दिखाई देते हैं।
व्याख्या (Explanation): हरा प्रकाश क्लोरोफिल द्वारा अवशोषित नहीं होता है। पीला प्रकाश आंशिक रूप से अवशोषित होता है, लेकिन नीला और लाल प्रकाश की तुलना में कम। अवरक्त प्रकाश गर्मी उत्पन्न करता है लेकिन प्रकाश संश्लेषण के लिए सीधे उपयोगी नहीं है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कृषि में, “ब्लैक सॉइल” (Black Soil) या “रेगर” (Regur) का मुख्य घटक क्या है जो इसे कपास उगाने के लिए उपयुक्त बनाता है?
- (a) बलुआ पत्थर (Sandstone)
- (b) चिकनी मिट्टी (Clay) में उच्च मात्रा में सिलिका और एल्यूमिना
- (c) चूना पत्थर (Limestone)
- (d) पीट (Peat)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): काली मिट्टी, जिसे रेगर मिट्टी भी कहा जाता है, मुख्य रूप से बारीक कणों वाली चिकनी मिट्टी से बनी होती है, जिसमें उच्च मात्रा में सिलिका (silica) और एल्यूमिना (alumina) होता है। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटाश और चूना (lime) भी होता है, लेकिन नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी होती है। इसकी उत्कृष्ट जल धारण क्षमता और हवा के साथ विस्तार करने व सिकुड़ने की प्रवृत्ति इसे कपास जैसी फसलों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त बनाती है।
व्याख्या (Explanation): बलुआ पत्थर बलुई कणों से बना होता है। चूना पत्थर मुख्य रूप से कैल्शियम कार्बोनेट होता है। पीट कार्बनिक पदार्थों से समृद्ध होता है। काली मिट्टी की विशेषता उसकी महीन चिकनी मिट्टी की बनावट है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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पौधों में जल परिवहन (water transport) के लिए कौन सा ऊतक (tissue) जिम्मेदार है?
- (a) फ्लोएम (Phloem)
- (b) जाइलम (Xylem)
- (c) एपिडर्मिस (Epidermis)
- (d) कॉर्टेक्स (Cortex)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जाइलम एक संवहनी ऊतक (vascular tissue) है जो पौधों में जड़ों से पत्तियों तक जल और कुछ खनिजों के ऊपर की ओर परिवहन के लिए जिम्मेदार होता है। इसमें मृत कोशिकाएं (जैसे वाहिकाएं और ट्रेकेइड) शामिल होती हैं जो एक सतत नली बनाती हैं।
व्याख्या (Explanation): फ्लोएम शर्करा (जैसे सुक्रोज) का पौधे के विभिन्न भागों में परिवहन करता है। एपिडर्मिस बाहरी सुरक्षात्मक ऊतक है, और कॉर्टेक्स तने और जड़ का एक आंतरिक क्षेत्र है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रकाश संश्लेषण में उत्पन्न होने वाली प्राथमिक गैस कौन सी है?
- (a) नाइट्रोजन (N₂)
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
- (c) ऑक्सीजन (O₂)
- (d) मीथेन (CH₄)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण के दौरान, पौधे पानी (H₂O) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) का उपयोग करके सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा के साथ ग्लूकोज (C₆H₁₂O₆) बनाते हैं। इस प्रक्रिया का एक उप-उत्पाद (by-product) ऑक्सीजन (O₂) है, जो वातावरण में छोड़ी जाती है।
व्याख्या (Explanation): कार्बन डाइऑक्साइड प्रकाश संश्लेषण के लिए एक अभिकारक (reactant) है, उत्पाद नहीं। नाइट्रोजन और मीथेन इस प्रक्रिया में सीधे उत्पन्न नहीं होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मिट्टी के pH को मापने के लिए किस उपकरण का उपयोग किया जाता है?
- (a) थर्मामीटर
- (b) बैरोमीटर
- (c) पीएच मीटर (pH meter)
- (d) हाइड्रोमीटर
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पीएच मीटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो किसी घोल की अम्लता (acidity) या क्षारीयता (alkalinity) को मापता है। मिट्टी का पीएच पौधों की वृद्धि और पोषक तत्वों की उपलब्धता के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है।
व्याख्या (Explanation): थर्मामीटर तापमान मापता है, बैरोमीटर वायुमंडलीय दबाव मापता है, और हाइड्रोमीटर तरल पदार्थों के घनत्व को मापता है। पीएच मीटर विशेष रूप से पीएच मान को मापने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा एक मैक्रो-पोषक तत्व (macro-nutrient) है जो पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक है?
- (a) लोहा (Iron)
- (b) मैंगनीज (Manganese)
- (c) फास्फोरस (Phosphorus)
- (d) जस्ता (Zinc)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को मैक्रो-पोषक तत्वों (जो बड़ी मात्रा में चाहिए) और माइक्रो-पोषक तत्वों (जो कम मात्रा में चाहिए) में वर्गीकृत किया जाता है। मैक्रो-पोषक तत्वों में कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, कैल्शियम और मैग्नीशियम शामिल हैं। माइक्रो-पोषक तत्वों में लोहा, मैंगनीज, जस्ता, तांबा, बोरॉन, मोलिब्डेनम और क्लोरीन शामिल हैं।
व्याख्या (Explanation): लोहा, मैंगनीज और जस्ता सभी आवश्यक माइक्रो-पोषक तत्व हैं। फास्फोरस एक आवश्यक मैक्रो-पोषक तत्व है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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तापमान और प्रकाश की तीव्रता में परिवर्तन का पौधों की वृद्धि दर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- (a) कोई प्रभाव नहीं
- (b) हमेशा वृद्धि दर को बढ़ाते हैं
- (c) वृद्धि दर को प्रभावित कर सकते हैं, इष्टतम सीमाएँ होती हैं
- (d) हमेशा वृद्धि दर को कम करते हैं
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): तापमान और प्रकाश की तीव्रता दोनों ही पौधों की वृद्धि और प्रकाश संश्लेषण की दर को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं। प्रत्येक पौधे की प्रजाति के लिए एक इष्टतम (optimal) तापमान और प्रकाश की तीव्रता की सीमा होती है। इन सीमाओं से नीचे या ऊपर जाने पर वृद्धि दर कम हो सकती है या रुक भी सकती है।
व्याख्या (Explanation): बहुत कम या बहुत अधिक तापमान और प्रकाश की तीव्रता पौधों के लिए हानिकारक हो सकती है। वे हमेशा वृद्धि को नहीं बढ़ाते हैं, और न ही वे हमेशा उसे कम करते हैं; वे एक निश्चित सीमा के भीतर ही अनुकूल होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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वनस्पति विज्ञान में, “वसंत लकड़ी” (spring wood) की तुलना में “ग्रीष्मकालीन लकड़ी” (summer wood) में क्या अंतर होता है?
- (a) वसंत लकड़ी संकरी होती है और कोशिका भित्ति पतली होती है
- (b) ग्रीष्मकालीन लकड़ी चौड़ी होती है और कोशिका भित्ति मोटी होती है
- (c) दोनों समान होते हैं
- (d) वसंत लकड़ी में कैम्बिअम (cambium) की गतिविधि अधिक होती है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पेड़ के तने में वार्षिक वलय (annual rings) का निर्माण होता है। वसंत ऋतु में, जब विकास दर तेज होती है, तो कैम्बिअम अधिक सक्रिय होता है और चौड़ी वाहिकाएं (vessels) बनती हैं, जिससे “वसंत लकड़ी” (जिसे अर्ली वुड – early wood भी कहते हैं) बनती है। ग्रीष्म ऋतु में, जब विकास दर धीमी हो जाती है, तो कैम्बिअम कम सक्रिय होता है और संकरी वाहिकाएं बनती हैं, जिससे “ग्रीष्मकालीन लकड़ी” (जिसे लेट वुड – late wood भी कहते हैं) बनती है। ग्रीष्मकालीन लकड़ी का घनत्व और कोशिका भित्ति अधिक मोटी होती है।
व्याख्या (Explanation): वसंत लकड़ी आमतौर पर पतली होती है और कोशिका भित्ति पतली होती है, जबकि ग्रीष्मकालीन लकड़ी चौड़ी होती है और कोशिका भित्ति मोटी होती है। कैम्बिअम की गतिविधि वसंत में अधिक होती है, जिसके परिणामस्वरूप पतली कोशिका भित्ति वाली लकड़ी बनती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रकाश संश्लेषण में पानी का विभाजन (splitting of water) क्या उत्पन्न करता है?
- (a) कार्बन डाइऑक्साइड और ग्लूकोज
- (b) ऑक्सीजन, प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन
- (c) ATP और NADPH
- (d) क्लोरोफिल और प्रकाश
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण के प्रकाश-निर्भर प्रतिक्रियाओं (light-dependent reactions) के दौरान, जल (H₂O) को प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करके ऑक्सीजन (O₂), प्रोटॉन (H⁺) और इलेक्ट्रॉनों (e⁻) में विभाजित किया जाता है। इस प्रक्रिया को ‘फोटोलाइसिस’ (photolysis) कहते हैं।
व्याख्या (Explanation): कार्बन डाइऑक्साइड और ग्लूकोज प्रकाश संश्लेषण के समग्र समीकरण में शामिल हैं, लेकिन पानी के विभाजन से सीधे उत्पन्न नहीं होते। ATP और NADPH प्रकाश-निर्भर प्रतिक्रियाओं के उत्पाद हैं, लेकिन वे पानी के विभाजन से उत्पन्न होने वाली प्राथमिक चीजें नहीं हैं। क्लोरोफिल और प्रकाश अभिकारक हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मिट्टी के कणों के आकार के आधार पर, सबसे बारीक कणों का आकार क्या होता है?
- (a) बालू (Sand)
- (b) गाद (Silt)
- (c) चिकनी मिट्टी (Clay)
- (d) बजरी (Gravel)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मिट्टी को कणों के आकार के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है। सबसे बड़े कण बजरी (2 मिमी से अधिक) के होते हैं, उसके बाद बालू (0.02 मिमी से 2 मिमी) का स्थान आता है, फिर गाद (0.002 मिमी से 0.02 मिमी) का, और सबसे बारीक कण चिकनी मिट्टी (0.002 मिमी से कम) के होते हैं।
व्याख्या (Explanation): बालू, गाद और चिकनी मिट्टी सभी मिट्टी के घटक हैं, लेकिन चिकनी मिट्टी सबसे बारीक कण आकार रखती है। बजरी मिट्टी का एक घटक नहीं मानी जाती है, बल्कि एक अलग प्रकार का पदार्थ है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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वनस्पति तेलों (vegetable oils) का हाइड्रोजनीकरण (hydrogenation) करने पर वे किसमें परिवर्तित हो जाते हैं?
- (a) संतृप्त वसा (Saturated fats)
- (b) असंतृप्त वसा (Unsaturated fats)
- (c) कार्बोहाइड्रेट
- (d) प्रोटीन
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हाइड्रोजनीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें वनस्पति तेलों (जो असंतृप्त वसा से बने होते हैं, जिनमें कार्बन-कार्बन दोहरे बंध होते हैं) में हाइड्रोजन गैस मिलाई जाती है, अक्सर एक उत्प्रेरक (जैसे निकल) की उपस्थिति में। यह प्रक्रिया दोहरे बंधों को तोड़ती है और उन्हें एकल बंधों में परिवर्तित करती है, जिससे तेल संतृप्त वसा में बदल जाते हैं, जो कमरे के तापमान पर अर्ध-ठोस या ठोस होते हैं (जैसे वनस्पति घी)।
व्याख्या (Explanation): वनस्पति तेल स्वाभाविक रूप से असंतृप्त वसा होते हैं। कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन भिन्न प्रकार के कार्बनिक यौगिक हैं। हाइड्रोजनीकरण असंतृप्त वसा को संतृप्त वसा में परिवर्तित करता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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पारिस्थितिकी में “पारिस्थितिक पिरामिड” (ecological pyramid) का क्या प्रतिनिधित्व करता है?
- (a) केवल प्राथमिक उत्पादकों की संख्या
- (b) विभिन्न पोषण स्तरों (trophic levels) पर जीवों की संख्या, बायोमास (biomass) या ऊर्जा का तुलनात्मक प्रतिनिधित्व
- (c) केवल अंतिम उपभोक्ता
- (d) पर्यावरण में जल की मात्रा
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पारिस्थितिक पिरामिड एक ग्राफिकल प्रतिनिधित्व है जो एक पारिस्थितिकी तंत्र में विभिन्न पोषण स्तरों के बीच संबंधों को दर्शाता है। यह या तो प्रत्येक पोषण स्तर पर जीवों की संख्या, कुल बायोमास (जीवित पदार्थों का कुल वजन), या स्थानांतरित ऊर्जा की मात्रा को प्रदर्शित कर सकता है। सबसे सामान्य पिरामिड सीधा (upright) होता है, जहां प्रत्येक उच्चतर पोषण स्तर पर मात्रा कम होती जाती है।
व्याख्या (Explanation): पिरामिड केवल संख्या, अंतिम उपभोक्ता या जल की मात्रा का प्रतिनिधित्व नहीं करता है; यह विभिन्न पोषण स्तरों पर ऊर्जा, बायोमास या संख्या का समग्र तुलनात्मक अध्ययन है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मिट्टी में ह्यूमस (humus) का निर्माण किस प्रक्रिया द्वारा होता है?
- (a) प्रकाश संश्लेषण
- (b) खनिजकरण (Mineralization)
- (c) अपघटन (Decomposition)
- (d) वाष्पीकरण (Evaporation)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ह्यूमस मृत कार्बनिक पदार्थों (जैसे पौधे और पशु अवशेष) के अपूर्ण अपघटन का परिणाम है। यह प्रक्रिया सूक्ष्मजीवों (जैसे बैक्टीरिया और कवक) द्वारा पूरी की जाती है, जो जटिल कार्बनिक अणुओं को तोड़ते हैं और स्थिर, गहरे रंग के कार्बनिक यौगिक बनाते हैं जिसे ह्यूमस कहा जाता है। ह्यूमस मिट्टी की संरचना, जल धारण क्षमता और पोषक तत्वों की उपलब्धता में सुधार करता है।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण पौधों द्वारा भोजन बनाने की प्रक्रिया है। खनिजकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कार्बनिक पदार्थ अकार्बनिक रूपों में परिवर्तित होते हैं। वाष्पीकरण पानी का गैस में परिवर्तन है। अपघटन वह प्रक्रिया है जिससे ह्यूमस बनता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा एक प्राकृतिक प्रदूषक (natural pollutant) नहीं है?
- (a) ज्वालामुखी से निकलने वाली राख
- (b) जंगल की आग से निकलने वाला धुआं
- (c) औद्योगिक उत्सर्जन
- (d) बीजों का पराग (pollen)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्राकृतिक प्रदूषक वे होते हैं जो प्राकृतिक प्रक्रियाओं (जैसे ज्वालामुखी विस्फोट, जंगल की आग, हवा के प्रभाव से उड़ने वाली मिट्टी) से उत्पन्न होते हैं। औद्योगिक उत्सर्जन मानव गतिविधियों, विशेष रूप से कारखानों और बिजली संयंत्रों से होते हैं और इन्हें अक्सर मानव-निर्मित (anthropogenic) प्रदूषक माना जाता है। पराग भी एक प्राकृतिक वायुजनित कण है।
व्याख्या (Explanation): ज्वालामुखी राख, जंगल का धुआं और पराग सभी प्राकृतिक घटनाएं हैं। औद्योगिक उत्सर्जन मानव-निर्मित प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मिट्टी में मौजूद नाइट्रेट (nitrate) का वातावरण में नाइट्रोजन गैस (N₂) के रूप में वापस जाने की प्रक्रिया क्या कहलाती है?
- (a) नाइट्रीकरण (Nitrification)
- (b) अमोनिकरण (Ammonification)
- (c) डिनिट्रीफिकेशन (Denitrification)
- (d) स्थिरीकरण (Fixation)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): डिनिट्रीफिकेशन एक जैव-रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें मिट्टी में मौजूद नाइट्रेट (NO₃⁻) जैसे नाइट्रोजन यौगिकों को विशिष्ट प्रकार के जीवाणुओं द्वारा गैसीय नाइट्रोजन (N₂) में परिवर्तित किया जाता है। यह नाइट्रोजन चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो वायुमंडलीय नाइट्रोजन की आपूर्ति को पुनः भरता है।
व्याख्या (Explanation): नाइट्रीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें अमोनिया को नाइट्राइट और फिर नाइट्रेट में बदला जाता है। अमोनिकरण मृत कार्बनिक पदार्थों से अमोनिया का मुक्त होना है। स्थिरीकरण वायुमंडलीय नाइट्रोजन को अमोनिया में परिवर्तित करने की प्रक्रिया है।
अतः, सही उत्तर (c) है।