कृषि अनुसंधान में सरकारी पुनर्गठन: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में विज्ञान एक महत्वपूर्ण खंड है, और हाल की घटनाओं से जुड़े प्रश्न सामान्य ज्ञान और प्रासंगिक मुद्दों की आपकी समझ का परीक्षण कर सकते हैं। यह अभ्यास सत्र आपको कृषि अनुसंधान में संभावित सरकारी पुनर्गठन के संदर्भ में भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण विषयों में अपनी तैयारी को परखने में मदद करेगा। तो, आइए इन महत्वपूर्ण अवधारणाओं को समझें और अपनी परीक्षा की तैयारी को मजबूत करें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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कृषि में अनुसंधान में कटौती का पारिस्थितिकी तंत्र पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
- (a) जैव विविधता में वृद्धि
- (b) पारिस्थितिक संतुलन का बिगड़ना
- (c) मिट्टी की उर्वरता में सुधार
- (d) कीटों का प्राकृतिक उन्मूलन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पारिस्थितिकी तंत्र परस्पर जुड़े जीवों और उनके पर्यावरण का एक जटिल जाल है। अनुसंधान, विशेष रूप से कृषि में, टिकाऊ प्रथाओं, कीट नियंत्रण और प्रजातियों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
व्याख्या (Explanation): अनुसंधान में कटौती का मतलब हो सकता है कि टिकाऊ कृषि पद्धतियों, जैव विविधता संरक्षण और प्राकृतिक कीट नियंत्रण विधियों के विकास में बाधा आएगी। इससे पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे कुछ प्रजातियों की संख्या में कमी या वृद्धि हो सकती है, जो पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। जैव विविधता में वृद्धि, मिट्टी की उर्वरता में सुधार और कीटों का प्राकृतिक उन्मूलन संभावित नकारात्मक परिणाम हैं, अनुसंधान कटौती के कारण नहीं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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फसल सुधार के लिए प्रयोग की जाने वाली जेनेटिक इंजीनियरिंग का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- (a) पौधों के रंग को बदलना
- (b) पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना
- (c) पौधों की उम्र बढ़ाना
- (d) पौधों के स्वाद में बदलाव करना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जेनेटिक इंजीनियरिंग (Genetic Engineering) में किसी जीव के जीन (genes) को संशोधित करके उसके लक्षणों को बदलना शामिल है। कृषि में, इसका उपयोग अक्सर उपज, पोषण मूल्य, या तनाव (जैसे रोग, सूखा) के प्रति प्रतिरोध को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): जेनेटिक इंजीनियरिंग का एक प्राथमिक लक्ष्य पौधों को रोगों के प्रति अधिक प्रतिरोधी बनाना है, जिससे फसल की हानि कम होती है और कीटनाशकों पर निर्भरता घटती है। जबकि अन्य लक्षण (रंग, उम्र, स्वाद) भी संशोधित किए जा सकते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता (disease resistance) एक प्रमुख अनुप्रयोग है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए निम्नलिखित में से कौन सी प्रक्रिया सबसे महत्वपूर्ण है?
- (a) प्रकाश संश्लेषण
- (b) श्वसन
- (c) नाइट्रोजन स्थिरीकरण
- (d) वाष्पोत्सर्जन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Nitrogen Fixation) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा गैसीय नाइट्रोजन (N₂) को अमोनिया (NH₃) जैसे अधिक प्रतिक्रियाशील यौगिकों में परिवर्तित किया जाता है, जिसे पौधे अवशोषित कर सकते हैं। यह मिट्टी में नाइट्रोजन की उपलब्धता को बढ़ाता है, जो पौधों के विकास के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) ऊर्जा उत्पादन है, श्वसन (respiration) ऊर्जा का उपयोग है, और वाष्पोत्सर्जन (transpiration) पौधों से पानी का नुकसान है। नाइट्रोजन स्थिरीकरण मिट्टी में नाइट्रोजन के स्तर को सीधे प्रभावित करता है, जो मिट्टी की उर्वरता के लिए महत्वपूर्ण है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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वन अनुसंधान में कटौती से किस प्रकार की पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं?
- (a) वायु प्रदूषण में कमी
- (b) कार्बन चक्र का स्थिरीकरण
- (c) वनों की कटाई और मृदा अपरदन में वृद्धि
- (d) जल स्रोतों का संरक्षण
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वन अनुसंधान वनों के स्थायी प्रबंधन, वनों की कटाई को रोकने और मृदा के क्षरण को नियंत्रित करने के तरीकों को विकसित करने में मदद करता है।
व्याख्या (Explanation): वन अनुसंधान में कटौती का मतलब यह हो सकता है कि वनों के स्थायी उपयोग और संरक्षण पर वैज्ञानिक ज्ञान और तकनीकों का विकास धीमा हो जाएगा। इसके परिणामस्वरूप वनों की कटाई में वृद्धि हो सकती है, जिससे मिट्टी का कटाव (soil erosion) बढ़ सकता है, जो जल स्रोतों को भी प्रभावित कर सकता है। वायु प्रदूषण में कमी, कार्बन चक्र का स्थिरीकरण और जल स्रोतों का संरक्षण वन अनुसंधान के सकारात्मक प्रभाव हैं, न कि कटौती के।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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“ओजोन परत” जो सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी (UV) किरणों को अवशोषित करती है, वायुमंडल की किस परत में पाई जाती है?
- (a) क्षोभमंडल (Troposphere)
- (b) समताप मंडल (Stratosphere)
- (c) मध्यमंडल (Mesosphere)
- (d) आयनमंडल (Ionosphere)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पृथ्वी का वायुमंडल विभिन्न परतों से बना है, जिनमें से प्रत्येक की अपनी विशिष्ट विशेषताएँ हैं। ओजोन (O₃) की एक उच्च सांद्रता वाली परत समताप मंडल में स्थित है।
व्याख्या (Explanation): ओजोन परत समताप मंडल में स्थित है, जो पृथ्वी की सतह से लगभग 10 से 50 किलोमीटर ऊपर है। यह परत सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी (UV) विकिरण के बड़े हिस्से को अवशोषित करती है, जिससे पृथ्वी पर जीवन की रक्षा होती है। क्षोभमंडल वह परत है जिसमें मौसम होता है, मध्यमंडल उल्काओं को जलाता है, और आयनमंडल रेडियो तरंगों को परावर्तित करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की प्रक्रिया में, पौधे वायुमंडल से कौन सी गैस लेते हैं और कौन सी गैस छोड़ते हैं?
- (a) ऑक्सीजन लेते हैं, कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं, ऑक्सीजन छोड़ते हैं
- (c) नाइट्रोजन लेते हैं, ऑक्सीजन छोड़ते हैं
- (d) ऑक्सीजन लेते हैं, नाइट्रोजन छोड़ते हैं
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से शर्करा (glucose) का निर्माण करते हैं, और उप-उत्पाद के रूप में ऑक्सीजन छोड़ते हैं। इसका रासायनिक समीकरण है: 6CO₂ + 6H₂O + Light Energy → C₆H₁₂O₆ + 6O₂।
व्याख्या (Explanation): पौधों को प्रकाश संश्लेषण के लिए कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) की आवश्यकता होती है, जिसे वे वायुमंडल से अवशोषित करते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान, वे ऑक्सीजन (O₂) को एक उप-उत्पाद के रूप में छोड़ते हैं, जो पृथ्वी पर अधिकांश जीवन के लिए आवश्यक है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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“पहाड़ी क्षेत्रों में वृक्षारोपण” का मुख्य उद्देश्य क्या होता है, जो अक्सर वन अनुसंधान का हिस्सा होता है?
- (a) भूस्खलन को बढ़ावा देना
- (b) मृदा अपरदन को रोकना
- (c) वायुमंडलीय CO₂ बढ़ाना
- (d) वन्यजीवों के लिए आवास का विनाश
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वृक्षों की जड़ें मिट्टी को बांधे रखती हैं, जिससे मिट्टी का कटाव (erosion) कम होता है। यह विशेष रूप से पहाड़ी ढलानों पर महत्वपूर्ण है जहाँ गुरुत्वाकर्षण और पानी के कारण मिट्टी के खिसकने का खतरा अधिक होता है।
व्याख्या (Explanation): पहाड़ी क्षेत्रों में वृक्षारोपण का प्राथमिक उद्देश्य मिट्टी को स्थिर करना और मृदा अपरदन को रोकना है। पेड़ की जड़ें मिट्टी के कणों को एक साथ रखती हैं, जिससे बारिश या हवा से मिट्टी का क्षरण नहीं होता। भूस्खलन को बढ़ावा देना, वायुमंडलीय CO₂ बढ़ाना (पेड़ CO₂ अवशोषित करते हैं), और वन्यजीवों के लिए आवास का विनाश, वृक्षारोपण के उद्देश्य नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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पौधों में “परासरण” (Osmosis) की प्रक्रिया का क्या महत्व है?
- (a) प्रकाश संश्लेषण के लिए ऊर्जा प्रदान करना
- (b) मिट्टी से पानी का अवशोषण
- (c) परागण (Pollination) में मदद करना
- (d) श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परासरण (Osmosis) एक अर्ध-पारगम्य झिल्ली (semi-permeable membrane) के पार विलायक (solvent) (आमतौर पर पानी) के अणुओं की गति है, जो कम विलेय सांद्रता वाले क्षेत्र से उच्च विलेय सांद्रता वाले क्षेत्र की ओर होती है।
व्याख्या (Explanation): पौधों की जड़ें मिट्टी से पानी का अवशोषण परासरण की प्रक्रिया द्वारा करती हैं। जड़ कोशिकाओं में पानी की सांद्रता मिट्टी के पानी की तुलना में कम होती है, जिससे पानी जड़ों में प्रवेश करता है। प्रकाश संश्लेषण के लिए ऊर्जा सूर्य के प्रकाश से आती है, परागण फूलों के प्रजनन का हिस्सा है, और श्वसन के लिए ऑक्सीजन वायु से ली जाती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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“जैविक उर्वरक” (Biofertilizers) का उपयोग मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में कैसे मदद करता है?
- (a) केवल रासायनिक प्रतिक्रियाओं को तेज करके
- (b) मिट्टी में लाभकारी सूक्ष्मजीवों को जोड़कर
- (c) पौधों की जड़ों से सीधे पोषक तत्व निकालकर
- (d) पौधों की वृद्धि हार्मोन का छिड़काव करके
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जैविक उर्वरक ऐसे पदार्थ होते हैं जिनमें जीवित सूक्ष्मजीव होते हैं, जो मिट्टी में पोषक तत्वों की उपलब्धता को बढ़ाते हैं या पौधों के विकास को बढ़ावा देते हैं। इनमें अक्सर नाइट्रोजन-फिक्सिंग बैक्टीरिया, फॉस्फेट-घोलने वाले बैक्टीरिया या माइकोराइज़ल फंगी शामिल होते हैं।
व्याख्या (Explanation): जैविक उर्वरक मिट्टी में लाभकारी सूक्ष्मजीवों (जैसे राइजोबियम, एजोटोबैक्टर) को जोड़ते हैं जो वायुमंडलीय नाइट्रोजन को पौधों के लिए उपलब्ध रूप में परिवर्तित करते हैं (नाइट्रोजन स्थिरीकरण) या मिट्टी में अघुलनशील फॉस्फोरस को घुलनशील रूप में बदलते हैं। यह रासायनिक प्रतिक्रियाओं को तेज करने से अलग है, पौधों की जड़ों से सीधे पोषक तत्व निकालने से, या केवल वृद्धि हार्मोन का छिड़काव करने से।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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“कीटनाशकों” (Pesticides) का अत्यधिक उपयोग मिट्टी के स्वास्थ्य पर क्या नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है?
- (a) मिट्टी में लाभकारी सूक्ष्मजीवों की वृद्धि
- (b) मिट्टी की जल धारण क्षमता में वृद्धि
- (c) मिट्टी में पोषक तत्वों के चक्रण (nutrient cycling) में कमी
- (d) मिट्टी की संरचना में सुधार
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मिट्टी में पोषक तत्वों का चक्रण (nutrient cycling) सूक्ष्मजीवों द्वारा कार्बनिक पदार्थों को सरल अकार्बनिक पोषक तत्वों में तोड़ने की प्रक्रिया है, जिसे पौधे अवशोषित कर सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग मिट्टी में लाभकारी सूक्ष्मजीवों (जैसे बैक्टीरिया, फंगी) को मार सकता है जो पोषक तत्वों के चक्रण के लिए आवश्यक हैं। इससे मिट्टी में पोषक तत्वों की उपलब्धता कम हो जाती है और मिट्टी का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। लाभकारी सूक्ष्मजीवों की वृद्धि, जल धारण क्षमता में वृद्धि, और मिट्टी की संरचना में सुधार, कीटनाशकों के उपयोग के संभावित नकारात्मक प्रभाव नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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“पुष्पन” (Flowering) की प्रक्रिया को प्रेरित करने में पौधे का कौन सा हार्मोन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है?
- (a) ऑक्सिन (Auxin)
- (b) साइटोकिनिन (Cytokinin)
- (c) जिबरेलिन (Gibberellin)
- (d) फ्लोरिजेन (Florigen)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फ्लोरिजेन (Florigen) एक परिकल्पित (hypothetical) पादप हार्मोन है जो फूल बनने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। यह पत्तियों में निर्मित होता है और तने में मौजूद फूल कली (floral bud) तक पहुँचता है, जिससे फूल बनने की प्रक्रिया शुरू होती है।
व्याख्या (Explanation): जबकि ऑक्सिन, साइटोकिनिन और जिबरेलिन पौधों की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, फ्लोरिजेन (या फूल-प्रेरक संकेत) विशेष रूप से पुष्पन को प्रेरित करने के लिए जिम्मेदार है। यह अक्सर दिन की लंबाई (photoperiodism) जैसे पर्यावरणीय संकेतों का जवाब देता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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“क्लोरोफिल” (Chlorophyll) का मुख्य कार्य क्या है, जो पौधों के हरे रंग के लिए जिम्मेदार है?
- (a) पानी का अवशोषण
- (b) सूर्य के प्रकाश का अवशोषण
- (c) परागण को आकर्षित करना
- (d) कार्बन डाइऑक्साइड का ग्रहण
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्लोरोफिल (Chlorophyll) एक हरा वर्णक (pigment) है जो पौधों में क्लोरोप्लास्ट (chloroplasts) नामक संरचनाओं में पाया जाता है। यह प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया का एक अनिवार्य घटक है।
व्याख्या (Explanation): क्लोरोफिल का प्राथमिक कार्य सूर्य के प्रकाश (विशेष रूप से लाल और नीली तरंग दैर्ध्य) को अवशोषित करना है, जो प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है। पौधे प्रकाश संश्लेषण के लिए कार्बन डाइऑक्साइड को स्टोमेटा (stomata) के माध्यम से ग्रहण करते हैं, पानी को जड़ों से अवशोषित करते हैं, और परागण के लिए अक्सर पराग कणों और गंध का उपयोग करते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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“फोटोपीरियडिज्म” (Photoperiodism) क्या है, जो पौधों के विकास और पुष्पन को प्रभावित करता है?
- (a) दिन की लंबाई के प्रति पौधों की प्रतिक्रिया
- (b) तापमान में बदलाव के प्रति पौधों की प्रतिक्रिया
- (c) पानी की उपलब्धता के प्रति पौधों की प्रतिक्रिया
- (d) मिट्टी की पोषक सामग्री के प्रति पौधों की प्रतिक्रिया
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फोटोपीरियडिज्म (Photoperiodism) किसी जीव की दिन की लंबाई (प्रकाश और अंधेरे की अवधि) के प्रति जैविक प्रतिक्रिया है। पौधों में, यह पुष्पन, कंद निर्माण और प्रसुप्ति (dormancy) जैसी प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
व्याख्या (Explanation): पौधों के लिए, दिन की लंबाई (यानी, प्रकाश की अवधि) एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय संकेत हो सकती है जो पुष्पन (flowering) जैसी विकासात्मक घटनाओं को नियंत्रित करती है। उदाहरण के लिए, कुछ पौधे केवल तब फूलते हैं जब दिन की लंबाई एक निश्चित सीमा से अधिक या कम होती है (जैसे, छोटे दिन वाले पौधे, लंबे दिन वाले पौधे)।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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“कार्बन चक्र” (Carbon Cycle) को नियंत्रित करने में वनों की भूमिका क्या है?
- (a) वायुमंडल में CO₂ की मात्रा को बढ़ाना
- (b) प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से CO₂ को अवशोषित करना
- (c) CO₂ को सीधे मिट्टी में छोड़ना
- (d) CO₂ को जल स्रोतों में मिलाना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन चक्र (Carbon Cycle) पृथ्वी पर कार्बन परमाणुओं के विभिन्न रूपों में आंदोलन की प्रक्रिया है। इसमें वातावरण, महासागरों, भूमि और जीवों के बीच कार्बन का आदान-प्रदान शामिल है।
व्याख्या (Explanation): वन प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) के माध्यम से वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) को अवशोषित करते हैं, इसे अपने बायोमास (लकड़ी, पत्तियां) में संग्रहीत करते हैं। यह प्रक्रिया वायुमंडल में CO₂ की सांद्रता को कम करके कार्बन चक्र को विनियमित करने में मदद करती है। वन CO₂ को सीधे मिट्टी में नहीं छोड़ते हैं, और जल स्रोतों में मिलाना कार्बन चक्र का प्रत्यक्ष तंत्र नहीं है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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“मृदा अपरदन” (Soil Erosion) को रोकने के लिए सबसे प्रभावी कृषि प्रथाओं में से एक क्या है?
- (a) मोनोकल्चर (Monoculture)
- (b) गहरी जुताई (Deep Ploughing)
- (c) फसल चक्रण (Crop Rotation) और कंटूर फार्मिंग (Contour Farming)
- (d) कीटनाशकों का अंधाधुंध उपयोग
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मृदा अपरदन (Soil Erosion) मिट्टी की ऊपरी परत का पानी, हवा या गुरुत्वाकर्षण द्वारा हटना है। कृषि पद्धतियाँ अपरदन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): फसल चक्रण (Crop Rotation) मिट्टी को विभिन्न प्रकार की फसलों के लिए बारी-बारी से लगाकर मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करता है और अपरदन को कम करता है। कंटूर फार्मिंग (Contour Farming) ढलानों पर जुताई और बुवाई करना है जो ढलान के समकोण पर होती है, जिससे पानी का बहाव धीमा होता है और मिट्टी का कटाव कम होता है। मोनोकल्चर, गहरी जुताई और कीटनाशकों का अंधाधुंध उपयोग अक्सर मिट्टी के स्वास्थ्य को खराब कर सकता है और अपरदन को बढ़ा सकता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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“पारिस्थितिकी तंत्र” (Ecosystem) में “उत्पादक” (Producers) कौन होते हैं?
- (a) जो अन्य जीवों को खाते हैं
- (b) जो सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा बनाते हैं
- (c) जो मृत जीवों का विघटन करते हैं
- (d) जो ऊर्जा प्राप्त करने के लिए रसायनों का उपयोग करते हैं
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एक पारिस्थितिकी तंत्र में, उत्पादक (Producers) वे जीव होते हैं जो अकार्बनिक पदार्थों (जैसे CO₂ और पानी) को सूर्य के प्रकाश या रासायनिक ऊर्जा का उपयोग करके अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): पौधों और शैवाल (algae) जैसे उत्पादक प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) के माध्यम से सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा प्राप्त करते हैं और अपना भोजन बनाते हैं। उपभोक्ता (consumers) वे जीव होते हैं जो अन्य जीवों को खाते हैं, और विघटनकारी (decomposers) मृत कार्बनिक पदार्थों को तोड़ते हैं। ऊर्जा प्राप्त करने के लिए रसायनों का उपयोग करने वाले जीवों को रसायनपोषी (chemoautotrophs) कहा जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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“जैव-विविधता” (Biodiversity) के महत्व पर प्रकाश डालने वाली एक वैज्ञानिक अवधारणा क्या है?
- (a) केवल मानव उपभोग के लिए प्रजातियों का संरक्षण
- (b) विभिन्न प्रजातियों की उच्च संख्या जो एक पारिस्थितिकी तंत्र को अधिक स्थिर बनाती है
- (c) केवल पालतू पशुओं की आनुवंशिक विविधता का संरक्षण
- (d) सभी प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाना, भले ही वे पारिस्थितिकी तंत्र में भूमिका न निभाएं
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जैव-विविधता (Biodiversity) किसी दिए गए क्षेत्र में जीवन की विविधता को संदर्भित करती है, जिसमें प्रजातियों की विविधता, आनुवंशिक विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र की विविधता शामिल है।
व्याख्या (Explanation): एक उच्च जैव-विविधता वाला पारिस्थितिकी तंत्र आमतौर पर अधिक स्थिर (stable) और लचीला (resilient) होता है। इसका मतलब है कि यह पर्यावरणीय परिवर्तनों या व्यवधानों (जैसे रोग, चरम मौसम) का बेहतर ढंग से सामना कर सकता है। केवल प्रजातियों का संरक्षण, केवल पालतू पशुओं की विविधता, या सभी प्रजातियों को बचाने पर जोर देना, जैव-विविधता के महत्व को पूरी तरह से नहीं दर्शाता है, जो पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य और स्थिरता से गहराई से जुड़ा हुआ है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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“कृत्रिम गर्भाधान” (Artificial Insemination) का उपयोग पशुधन प्रजनन में किस उद्देश्य के लिए किया जाता है?
- (a) केवल बीमारियों को फैलाना
- (b) आनुवंशिक सुधार और प्रजनन दक्षता बढ़ाना
- (c) पशुओं को सुस्त बनाना
- (d) प्रजनन प्रक्रिया को जटिल बनाना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) पशु प्रजनन में एक तकनीक है जहाँ मानव हस्तक्षेप से एक नर से वीर्य (semen) एकत्र किया जाता है और फिर मादा के प्रजनन पथ में डाला जाता है।
व्याख्या (Explanation): कृत्रिम गर्भाधान का उपयोग अच्छी आनुवंशिक गुणवत्ता वाले नर पशुओं के वीर्य का उपयोग करके पशुओं में आनुवंशिक सुधार (genetic improvement) को बढ़ावा देने और प्रजनन दक्षता (reproductive efficiency) बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह बीमारियों को फैलाना, पशुओं को सुस्त बनाना या प्रक्रिया को जटिल बनाना जैसे उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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“डीएनए” (DNA) की संरचना में कौन से चार मुख्य “न्यूक्लियोटाइड बेस” (Nucleotide Bases) पाए जाते हैं?
- (a) एडेनिन (A), गुआनिन (G), साइटोसिन (C), थाइमिन (T)
- (b) एडेनिन (A), गुआनिन (G), साइटोसिन (C), यूरेसिल (U)
- (c) एडेनिन (A), गुआनिन (G), थाइमिन (T), यूरेसिल (U)
- (d) साइटोसिन (C), थाइमिन (T), यूरेसिल (U), एड्रीन (Adren)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) एक डबल हेलिक्स (double helix) संरचना है जो आनुवंशिक जानकारी को संग्रहीत करती है। यह न्यूक्लियोटाइड (nucleotides) से बनी होती है, जिनमें से प्रत्येक में एक फॉस्फेट समूह, एक डीऑक्सीराइबोज शर्करा और एक नाइट्रोजनयुक्त क्षार (nitrogenous base) होता है।
व्याख्या (Explanation): डीएनए में चार मुख्य न्यूक्लियोटाइड बेस होते हैं: एडेनिन (Adenine, A), गुआनिन (Guanine, G), साइटोसिन (Cytosine, C), और थाइमिन (Thymine, T)। आरएनए (RNA) में, थाइमिन (T) के स्थान पर यूरेसिल (Uracil, U) होता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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“एंजाइम” (Enzymes) क्या हैं, और वे जैविक प्रक्रियाओं में क्या भूमिका निभाते हैं?
- (a) ऊर्जा के स्रोत जो सीधे उपयोग किए जाते हैं
- (b) शरीर द्वारा उत्पादित ऐसे प्रोटीन जो जैव-रासायनिक प्रतिक्रियाओं को तेज करते हैं
- (c) हार्मोन जो सीधे कोशिकाओं के बीच संकेत भेजते हैं
- (d) विटामिन जो सह-कारक (co-factors) के रूप में कार्य करते हैं
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एंजाइम (Enzymes) जैविक उत्प्रेरक (biological catalysts) हैं, जो आमतौर पर प्रोटीन से बने होते हैं, जो विशिष्ट जैव-रासायनिक प्रतिक्रियाओं की दर को बढ़ाते हैं।
व्याख्या (Explanation): एंजाइम बिना स्वयं उपभोग हुए, प्रतिक्रियाओं को बहुत तेज कर देते हैं। वे विभिन्न चयापचय (metabolic) प्रक्रियाओं, पाचन, डीएनए प्रतिकृति (DNA replication) और मांसपेशियों के संकुचन (muscle contraction) जैसी अनगिनत जैविक क्रियाओं के लिए आवश्यक हैं। वे ऊर्जा स्रोत नहीं हैं, सीधे संकेत भेजने वाले हार्मोन नहीं हैं, हालांकि वे सह-कारक के साथ काम कर सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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“प्रकाश संश्लेषण” में “ATP” (Adenosine Triphosphate) का क्या कार्य है?
- (a) प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करना
- (b) शर्करा बनाने के लिए रासायनिक ऊर्जा का संचय और हस्तांतरण
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड को परिवर्तित करना
- (d) ऑक्सीजन का उत्पादन करना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) सभी जीवित कोशिकाओं के लिए प्राथमिक ऊर्जा मुद्रा (energy currency) है। प्रकाश संश्लेषण के दौरान, प्रकाश ऊर्जा का उपयोग ATP और NADPH बनाने के लिए किया जाता है, जो बाद में कार्बन डाइऑक्साइड को शर्करा में परिवर्तित करने के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण के “प्रकाश-निर्भर” (light-dependent) चरणों में, सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा ATP में संग्रहित की जाती है। फिर, ATP और NADPH “प्रकाश-स्वतंत्र” (light-independent) या केल्विन चक्र (Calvin cycle) में कार्बन डाइऑक्साइड को शर्करा (ग्लूकोज) में बदलने के लिए उपयोग किए जाते हैं। ATP सीधे प्रकाश को अवशोषित नहीं करता, CO₂ को परिवर्तित नहीं करता, या ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं करता, बल्कि यह उस ऊर्जा को ले जाता है जो इन प्रक्रियाओं को चलाती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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“जीन थेरेपी” (Gene Therapy) का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- (a) किसी व्यक्ति के जीन को बदलना ताकि बीमारियों का इलाज किया जा सके
- (b) केवल रोगों का निदान करना
- (c) जीन को निष्क्रिय करना
- (d) आनुवंशिक रूप से संशोधित जीव बनाना
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीन थेरेपी (Gene Therapy) एक प्रायोगिक चिकित्सा तकनीक है जो किसी रोग के इलाज या रोकथाम के लिए जीन को पेश करने, बदलने या हटाने का प्रयास करती है।
व्याख्या (Explanation): जीन थेरेपी का मुख्य लक्ष्य किसी व्यक्ति के जीन में परिवर्तन करके आनुवंशिक बीमारियों (genetic diseases) का इलाज करना है। यह आमतौर पर रोग पैदा करने वाले दोषपूर्ण जीन को स्वस्थ जीन से बदलकर या अनुपस्थित जीन को प्रदान करके किया जाता है। यह केवल निदान करने, जीन को निष्क्रिय करने (जैसे RNAi में), या सीधे तौर पर GMOs (genetically modified organisms) बनाने से अलग है, हालांकि कुछ तकनीकें ओवरलैप कर सकती हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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“तापमान” (Temperature) के किस बिंदु पर पानी जम जाता है (ठोस बर्फ बन जाता है)?
- (a) 0 डिग्री सेल्सियस (32 डिग्री फारेनहाइट)
- (b) 100 डिग्री सेल्सियस (212 डिग्री फारेनहाइट)
- (c) 50 डिग्री सेल्सियस (122 डिग्री फारेनहाइट)
- (d) -10 डिग्री सेल्सियस (-14 डिग्री फारेनहाइट)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पानी का गलनांक (freezing point) वह तापमान है जिस पर यह तरल से ठोस अवस्था में बदल जाता है। यह दबाव पर निर्भर करता है, लेकिन मानक वायुमंडलीय दबाव पर, यह एक निश्चित बिंदु पर होता है।
व्याख्या (Explanation): मानक वायुमंडलीय दबाव (1 atm) पर, शुद्ध पानी 0 डिग्री सेल्सियस (या 32 डिग्री फारेनहाइट) पर जमता है। 100 डिग्री सेल्सियस (212 डिग्री फारेनहाइट) वह क्वथनांक (boiling point) है जहाँ पानी उबलता है और भाप बनता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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“गुरुत्वाकर्षण बल” (Gravitational Force) के कारण कौन सी घटनाएँ होती हैं?
- (a) प्रकाश का सीधी रेखा में चलना
- (b) चंद्रमा का पृथ्वी के चारों ओर घूमना
- (c) चुंबक द्वारा लोहे को आकर्षित करना
- (d) ध्वनि तरंगों का प्रसार
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): गुरुत्वाकर्षण (Gravity) वह बल है जो द्रव्यमान वाली किन्हीं दो वस्तुओं के बीच आकर्षण पैदा करता है। यह बल उन्हें एक दूसरे की ओर खींचता है।
व्याख्या (Explanation): चंद्रमा का पृथ्वी के चारों ओर घूमना गुरुत्वाकर्षण बल के कारण होता है, जो पृथ्वी के द्रव्यमान द्वारा चंद्रमा पर लगाया जाता है। प्रकाश का सीधी रेखा में चलना प्रकाशिकी (optics) का सिद्धांत है, चुंबक द्वारा लोहे को आकर्षित करना विद्युत चुंबकत्व (electromagnetism) है, और ध्वनि तरंगों का प्रसार ध्वनि (acoustics) का क्षेत्र है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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“इलेक्ट्रॉन” (Electron) पर क्या आवेश होता है?
- (a) धनात्मक (Positive)
- (b) ऋणात्मक (Negative)
- (c) कोई आवेश नहीं (Neutral)
- (d) कभी धनात्मक, कभी ऋणात्मक
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परमाणु में तीन प्राथमिक कण होते हैं: प्रोटॉन (धन आवेशित), न्यूट्रॉन (कोई आवेश नहीं), और इलेक्ट्रॉन (ऋण आवेशित)।
व्याख्या (Explanation): एक इलेक्ट्रॉन एक उप-परमाणु कण है जिसमें ऋणात्मक विद्युत आवेश होता है। प्रोटॉन में धनात्मक आवेश होता है, और न्यूट्रॉन में कोई आवेश नहीं होता।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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“ऊष्मा” (Heat) का एक रूप से दूसरे रूप में स्थानांतरण (transfer) निम्न में से किस विधि द्वारा होता है?
- (a) केवल चालन (Conduction)
- (b) केवल संवहन (Convection)
- (c) केवल विकिरण (Radiation)
- (d) चालन, संवहन और विकिरण
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऊष्मा (Heat) ऊर्जा का एक रूप है जो तापमान के अंतर के कारण स्थानांतरित होती है। इसके स्थानांतरण की तीन मुख्य विधियाँ हैं: चालन, संवहन और विकिरण।
व्याख्या (Explanation): चालन (Conduction) ठोस पदार्थों में कणों के सीधे संपर्क से ऊष्मा का स्थानांतरण है। संवहन (Convection) तरल पदार्थ और गैसों में कणों की गति से ऊष्मा का स्थानांतरण है। विकिरण (Radiation) विद्युत चुम्बकीय तरंगों के माध्यम से ऊष्मा का स्थानांतरण है, जिसके लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती (जैसे सूर्य से पृथ्वी तक ऊष्मा)।
अतः, सही उत्तर (d) है।