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कृषि अनुसंधान में कटौती: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

कृषि अनुसंधान में कटौती: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की गहरी समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह खंड आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के उन प्रमुख सिद्धांतों से परिचित कराता है जो अक्सर परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। कृषि अनुसंधान में सरकारी पुनर्गठन जैसे सामयिक मुद्दों से प्रेरित होकर, यह अभ्यास आपको विभिन्न वैज्ञानिक अवधारणाओं पर अपनी पकड़ को मजबूत करने और परीक्षा के लिए बेहतर तैयारी करने में मदद करेगा। आइए, इन महत्वपूर्ण प्रश्नों के माध्यम से अपने ज्ञान का परीक्षण करें!


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. निम्नलिखित में से कौन सी प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के लिए आवश्यक एक प्रमुख गैस है, जिसका कृषि उत्पादकता पर अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ सकता है?

    • (a) नाइट्रोजन
    • (b) ऑक्सीजन
    • (c) कार्बन डाइऑक्साइड
    • (d) मीथेन

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पौधे सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से अपना भोजन (ग्लूकोज) बनाते हैं, और ऑक्सीजन छोड़ते हैं।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण के लिए वायुमंडल से ली जाती है। CO2 की उपलब्धता सीधे तौर पर पौधे की वृद्धि और उपज को प्रभावित करती है। यदि कृषि अनुसंधान कम होता है, तो CO2 के उपयोग में दक्षता बढ़ाने या पौधों की CO2 ग्रहण क्षमता में सुधार करने वाले तरीकों पर शोध कम हो सकता है, जिसका दीर्घकालिक उत्पादकता पर प्रभाव पड़ सकता है। ऑक्सीजन (O2) प्रकाश संश्लेषण का उप-उत्पाद है, नाइट्रोजन (N2) वायुमंडल का प्रमुख घटक है लेकिन सीधे प्रकाश संश्लेषण में उपयोग नहीं होती, और मीथेन (CH4) एक ग्रीनहाउस गैस है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  2. वन अनुसंधान में कटौती का संबंध पौधों में पाए जाने वाले किस महत्वपूर्ण तत्व की कमी से हो सकता है, जो उनकी वृद्धि के लिए आवश्यक है?

    • (a) सोडियम
    • (b) पोटेशियम
    • (c) मैग्नीशियम
    • (d) सल्फर

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पौधों को स्वस्थ वृद्धि के लिए विभिन्न मैक्रो- और माइक्रो-पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। क्लोरोफिल अणु के निर्माण में मैग्नीशियम एक केंद्रीय परमाणु है, जो प्रकाश संश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण है।

    व्याख्या (Explanation): मैग्नीशियम (Mg) क्लोरोफिल का एक अनिवार्य घटक है, जो प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है। क्लोरोफिल सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करता है। इसकी कमी से पत्तियां पीली पड़ सकती हैं (क्लोरोसिस) और पौधे की वृद्धि रुक ​​सकती है। वन अनुसंधान में कटौती से मिट्टी में पोषक तत्वों के प्रबंधन और पौधों के पोषण पर शोध सीमित हो सकता है। पोटेशियम (K) कोशिका गतिविधि और पानी संतुलन के लिए, सल्फर (S) अमीनो एसिड और प्रोटीन संश्लेषण के लिए, और सोडियम (Na) कुछ पौधों में वैकल्पिक तत्व के रूप में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन मैग्नीशियम क्लोरोफिल के लिए सीधे तौर पर महत्वपूर्ण है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  3. कृषि में उपयोग किए जाने वाले कीटनाशकों और उर्वरकों के उत्पादन में रसायन विज्ञान का कौन सा सिद्धांत केंद्रीय भूमिका निभाता है?

    • (a) ऊष्मागतिकी (Thermodynamics)
    • (b) रासायनिक कैनेटीक्स (Chemical Kinetics)
    • (c) कार्बनिक रसायन विज्ञान (Organic Chemistry)
    • (d) अकार्बनिक रसायन विज्ञान (Inorganic Chemistry)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कीटनाशक और उर्वरक अक्सर जटिल कार्बनिक अणु होते हैं। कार्बनिक रसायन विज्ञान कार्बन और उसके यौगिकों का अध्ययन है, जिसमें बड़े पैमाने पर जीवन और कृत्रिम सामग्री शामिल हैं।

    व्याख्या (Explanation): अधिकांश आधुनिक कीटनाशक (जैसे ऑर्गेनोफॉस्फेट्स, पाइरेथ्रोइड्स) और कुछ उर्वरक (जैसे यूरिया) कार्बनिक यौगिक होते हैं। उनके संश्लेषण, क्रियाविधि और पर्यावरणीय प्रभाव को समझने के लिए कार्बनिक रसायन विज्ञान का ज्ञान आवश्यक है। अकार्बनिक रसायन विज्ञान का उपयोग कुछ उर्वरकों (जैसे अमोनियम नाइट्रेट, सुपरफॉस्फेट) के लिए होता है, लेकिन कार्बनिक अणु अधिक प्रमुख हैं। ऊष्मागतिकी प्रतिक्रियाओं की व्यवहार्यता और रासायनिक कैनेटीक्स प्रतिक्रियाओं की दर का अध्ययन करते हैं, जो महत्वपूर्ण हैं लेकिन सीधे तौर पर कीटनाशकों की प्रकृति से संबंधित नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  4. मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए उपयोग की जाने वाली ‘कवर क्रॉप्स’ (Cover Crops) का जैविक महत्व क्या है?

    • (a) ये मिट्टी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाती हैं।
    • (b) ये मिट्टी की संरचना को स्थिर करने के लिए कार्बनिक पदार्थ जोड़ती हैं।
    • (c) ये परागणकों को आकर्षित करती हैं।
    • (d) ये मिट्टी के pH को कम करती हैं।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मिट्टी का स्वास्थ्य मिट्टी के कणों के समुचित एकत्रीकरण और कार्बनिक पदार्थ की उपस्थिति पर निर्भर करता है। कवर क्रॉप्स, जब रोपण के बाद खेत में छोड़ी जाती हैं, तो वे विघटित होकर मिट्टी में ह्यूमस के रूप में मिल जाती हैं।

    व्याख्या (Explanation): कवर क्रॉप्स (जैसे फलीदार पौधे, घास) मिट्टी की सतह को ढकती हैं और जब वे परिपक्व होकर खेत में ही सड़ी-गली खाद के रूप में मिला दी जाती हैं, तो मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ (जैसे ह्यूमस) की मात्रा बढ़ती है। यह कार्बनिक पदार्थ मिट्टी के कणों को बांधता है, जिससे उसकी संरचना में सुधार होता है, जल धारण क्षमता बढ़ती है और मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद मिलती है। ये ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ा सकती हैं, लेकिन यह उनका प्राथमिक कार्य नहीं है। परागणकों को आकर्षित करना कुछ कवर क्रॉप्स का द्वितीयक लाभ हो सकता है, और pH पर उनका प्रभाव प्रजातियों पर निर्भर करता है, लेकिन कार्बनिक पदार्थ जोड़ना मुख्य लाभ है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  5. एक प्रजाति के पौधों को विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुकूल बनाने के लिए किस जैव प्रौद्योगिकी प्रक्रिया का उपयोग किया जा सकता है, जो अब शोध में कटौती के कारण सीमित हो सकती है?

    • (a) किण्वन (Fermentation)
    • (b) रेशम कीट पालन (Sericulture)
    • (c) ऊतक संवर्धन (Tissue Culture)
    • (d) मत्स्य पालन (Pisiculture)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ऊतक संवर्धन (इन विट्रो कल्चर) एक ऐसी तकनीक है जिसमें पौधों के छोटे से हिस्से (जैसे जड़, तना, पत्ती) को पोषक माध्यम में नियंत्रित परिस्थितियों में विकसित किया जाता है। यह प्रजातियों को रोग-मुक्त पौधे बनाने, तेजी से गुणन करने और प्रतिकूल परिस्थितियों के प्रति प्रतिरोधी विविधताएं विकसित करने में मदद करता है।

    व्याख्या (Explanation): ऊतक संवर्धन पौधों की विभिन्न प्रजातियों को तेजी से और बड़ी संख्या में उगाने के लिए एक प्रभावी तरीका है। इसका उपयोग रोग-प्रतिरोधी किस्मों को विकसित करने, विलुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने और तनाव-सहिष्णु (जैसे सूखा, लवणता) पौधों का उत्पादन करने के लिए किया जा सकता है। ये सभी कार्य कृषि और वन अनुसंधान के महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। किण्वन सूक्ष्मजीवों द्वारा कार्बनिक यौगिकों का उपापचय है, रेशम कीट पालन रेशम उत्पादन के लिए है, और मत्स्य पालन मछली पालन के लिए है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  6. प्रकाश के किस रंग का उपयोग पौधों में अधिकांश प्रकाश संश्लेषण के लिए किया जाता है, जो पौधों की वृद्धि के लिए एक मौलिक पहलू है?

    • (a) हरा
    • (b) नीला और लाल
    • (c) पीला
    • (d) नारंगी

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पौधों में क्लोरोफिल वर्णक प्रकाश को अवशोषित करता है। क्लोरोफिल नीले और लाल प्रकाश को सबसे अधिक अवशोषित करता है, जबकि हरे प्रकाश को परावर्तित करता है (जिससे पौधे हरे दिखते हैं)।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण के लिए ऊर्जा प्रकाश के रूप में प्राप्त होती है। क्लोरोफिल ‘ए’ और ‘बी’ मुख्य वर्णक हैं जो प्रकाश संश्लेषण करते हैं। ये वर्णक स्पेक्ट्रम के लाल और नीले क्षेत्रों में प्रकाश को सबसे अधिक कुशलता से अवशोषित करते हैं। हरे प्रकाश का बहुत कम हिस्सा अवशोषित होता है। यदि पौधों को उपयुक्त स्पेक्ट्रम का प्रकाश नहीं मिलता है, तो प्रकाश संश्लेषण दर धीमी हो जाती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  7. खेती के दौरान मिट्टी की नाइट्रोजन सामग्री को स्वाभाविक रूप से बढ़ाने के लिए किस प्रकार के सूक्ष्मजीवों का उपयोग किया जाता है?

    • (a) खमीर (Yeast)
    • (b) कवक (Fungi)
    • (c) सहजीवी जीवाणु (Symbiotic Bacteria)
    • (d) वायरस (Viruses)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कुछ जीवाणु, विशेष रूप से फलीदार पौधों की जड़ों में पाए जाने वाले राइजोबियम (Rhizobium) प्रजाति के, वायुमंडलीय नाइट्रोजन (N2) को अमोनिया (NH3) में परिवर्तित कर सकते हैं, जो पौधों के लिए उपलब्ध होता है। इस प्रक्रिया को नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Nitrogen Fixation) कहते हैं।

    व्याख्या (Explanation): राइजोबियम जैसे सहजीवी जीवाणु फलीदार पौधों (जैसे मटर, चना, सोयाबीन) की जड़ों में गांठें बनाते हैं और वायुमंडलीय नाइट्रोजन को पौधों के लिए प्रयोग करने योग्य रूप में बदलते हैं। यह मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने का एक प्राकृतिक तरीका है और उर्वरक की आवश्यकता को कम करता है। खमीर और कवक विघटनकारी (decomposers) या रोगजनक (pathogens) हो सकते हैं, और वायरस रोग पैदा करने वाले एजेंट हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. पौधों के विकास के लिए आवश्यक मैक्रोन्यूट्रिएंट्स में से एक, जो प्रोटीन संश्लेषण और न्यूक्लिक एसिड निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है, वह कौन सा है?

    • (a) फास्फोरस (Phosphorus)
    • (b) पोटेशियम (Potassium)
    • (c) नाइट्रोजन (Nitrogen)
    • (d) कैल्शियम (Calcium)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): नाइट्रोजन पौधों में अमीनो एसिड (जो प्रोटीन बनाते हैं) और न्यूक्लिक एसिड (DNA और RNA) के निर्माण खंडों का एक महत्वपूर्ण घटक है। यह क्लोरोफिल का भी एक हिस्सा है।

    व्याख्या (Explanation): नाइट्रोजन पौधों के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण मैक्रोन्यूट्रिएंट्स में से एक है। इसके बिना, पौधे छोटे रह जाते हैं और पत्तियां पीली पड़ जाती हैं। फास्फोरस ऊर्जा हस्तांतरण (ATP) और न्यूक्लिक एसिड के लिए महत्वपूर्ण है, पोटेशियम एंजाइम सक्रियण और जल संतुलन के लिए, और कैल्शियम कोशिका भित्ति की संरचना के लिए आवश्यक है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  9. वन अनुसंधान में कटौती के कारण पेड़ों की कटाई से मिट्टी में कौन सी गैस की सांद्रता बढ़ सकती है, जो ग्लोबल वार्मिंग में योगदान करती है?

    • (a) ऑक्सीजन (O2)
    • (b) नाइट्रोजन (N2)
    • (c) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
    • (d) मीथेन (CH4)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पेड़ प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) को अवशोषित करते हैं और इसे अपने बायोमास में संग्रहीत करते हैं। जब पेड़ों को काटा या जलाया जाता है, तो संग्रहीत कार्बन वातावरण में CO2 के रूप में मुक्त हो जाता है।

    व्याख्या (Explanation): जंगल कार्बन सिंक (carbon sinks) के रूप में कार्य करते हैं, जो वायुमंडल से CO2 को हटाते हैं। वनों की कटाई (deforestation) न केवल CO2 अवशोषण को कम करती है, बल्कि पेड़ों के जलने या सड़ने से संग्रहीत कार्बन को CO2 के रूप में जारी भी करती है। CO2 एक प्रमुख ग्रीनहाउस गैस है जो ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनती है। वनों के स्वास्थ्य और कार्बन पृथक्करण पर शोध में कमी का मतलब है कि इस प्रक्रिया को नियंत्रित करने और कम करने के नए तरीके खोजना धीमा हो सकता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  10. पौधों में जल के परिवहन के लिए कौन सा ऊतक जिम्मेदार है, और वन अनुसंधान में कमी इस प्रक्रिया की समझ को कैसे प्रभावित कर सकती है?

    • (a) फ्लोएम (Phloem)
    • (b) जाइलम (Xylem)
    • (c) पैरेन्काइमा (Parenchyma)
    • (d) स्क्लेरेन्काइमा (Sclerenchyma)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जाइलम एक संवहनी ऊतक है जो पौधों में जड़ों से पत्तियों तक पानी और कुछ खनिज लवणों के ऊपर की ओर परिवहन के लिए जिम्मेदार है। यह पौधे को यांत्रिक सहायता भी प्रदान करता है।

    व्याख्या (Explanation): जाइलम का कार्य पौधों के अस्तित्व के लिए मौलिक है। यह जल-चालन (transpiration stream) के माध्यम से पानी को ऊपर खींचता है। वन अनुसंधान में कटौती से जल की कमी, विभिन्न प्रजातियों में जल के उपयोग की दक्षता, और सूखे की स्थिति में जाइलम की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर शोध सीमित हो सकता है। फ्लोएम भोजन (शर्करा) का परिवहन करता है। पैरेन्काइमा सामान्य भराव ऊतक है, और स्क्लेरेन्काइमा यांत्रिक सहायता प्रदान करता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  11. मिट्टी में मौजूद किस प्रकार के यौगिकों को रासायनिक रूप से विघटित करने से पौधों के लिए फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ सकती है?

    • (a) सिलिकेट (Silicates)
    • (b) कार्बोनेट (Carbonates)
    • (c) ह्यूमस (Humus)
    • (d) सल्फेट (Sulfates)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ह्यूमस, जो पौधों और जानवरों के कार्बनिक अवशेषों के अपघटन से बनता है, मिट्टी की संरचना, जल धारण क्षमता और पोषक तत्वों की उपलब्धता में सुधार करता है। इसमें मौजूद कार्बनिक अम्ल फॉस्फोरस जैसे अघुलनशील खनिजों को घुलनशील रूपों में परिवर्तित कर सकते हैं।

    व्याख्या (Explanation): ह्यूमस मिट्टी में पोषक तत्वों का एक भंडार है। इसके अपघटन से निकलने वाले कार्बनिक अम्ल (जैसे ह्यूमिक और फुल्विक एसिड) मिट्टी में अघुलनशील फॉस्फेट को घुलनशील रूपों में बदल देते हैं, जिन्हें पौधे आसानी से अवशोषित कर सकते हैं। यह प्रक्रिया (जैविक सक्रियता) मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। कृषि अनुसंधान में कमी से मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने के जैविक तरीकों पर शोध धीमा हो सकता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  12. पौधों में चीनी (शर्करा) के परिवहन के लिए कौन सा संवहनी ऊतक जिम्मेदार है, और यह सीधे तौर पर कृषि उत्पादन को कैसे प्रभावित करता है?

    • (a) जाइलम (Xylem)
    • (b) फ्लोएम (Phloem)
    • (c) कैम्बियम (Cambium)
    • (d) स्क्लेरेन्काइमा (Sclerenchyma)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): फ्लोएम एक संवहनी ऊतक है जो प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से पत्तियों में बने शर्करा (भोजन) को पौधे के अन्य भागों (जैसे जड़, फल, तने) तक ले जाता है।

    व्याख्या (Explanation): फ्लोएम द्वारा शर्करा का कुशल परिवहन पौधे के विभिन्न भागों में ऊर्जा की आपूर्ति सुनिश्चित करता है, जो वृद्धि, विकास और उपज के लिए महत्वपूर्ण है। यदि वन या कृषि अनुसंधान में कटौती के कारण पौधों में भोजन परिवहन की प्रक्रिया को समझने या सुधारने के तरीके कम हो जाते हैं, तो यह फसल की पैदावार को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। जाइलम पानी का परिवहन करता है। कैम्बियम द्वितीयक वृद्धि के लिए जिम्मेदार है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  13. पौधों को विभिन्न कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए उपयोग की जाने वाली रासायनिक प्रक्रियाएँ, जिनमें अक्सर धातु-आधारित यौगिक शामिल होते हैं, रसायन विज्ञान की किस शाखा से संबंधित हैं?

    • (a) कार्बनिक रसायन विज्ञान (Organic Chemistry)
    • (b) भौतिक रसायन विज्ञान (Physical Chemistry)
    • (c) अकार्बनिक रसायन विज्ञान (Inorganic Chemistry)
    • (d) विश्लेषणात्मक रसायन विज्ञान (Analytical Chemistry)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अकार्बनिक रसायन विज्ञान उन यौगिकों का अध्ययन करता है जिनमें कार्बन-हाइड्रोजन बंधन नहीं होते हैं, जिसमें धातुएं और उनके यौगिक शामिल हैं। कवकनाशी (fungicides) और कुछ कीटनाशक अक्सर अकार्बनिक धातु लवण (जैसे कॉपर सल्फेट, जिंक ऑक्साइड) होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हालांकि कई आधुनिक कीटनाशक कार्बनिक होते हैं, लेकिन कई पुराने और प्रभावी कृषि रसायन, विशेष रूप से कवकनाशी और कुछ कीटाणुनाशक, अकार्बनिक यौगिक होते हैं। उदाहरण के लिए, कॉपर सल्फेट का उपयोग फफूंदी से बचाने के लिए किया जाता है। इन यौगिकों के संश्लेषण, गुणों और क्रियाविधि को समझने के लिए अकार्बनिक रसायन विज्ञान का ज्ञान आवश्यक है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  14. वन पारिस्थितिकी में, पेड़ों की उम्र का निर्धारण करने के लिए उनके तने के पार अनुभागों में पाई जाने वाली वलय (rings) का क्या महत्व है?

    • (a) ये वलय केवल लकड़ी के घनत्व को दर्शाते हैं।
    • (b) ये वलय वार्षिक वृद्धि को दर्शाते हैं, जो जलवायु और पर्यावरणीय परिस्थितियों से प्रभावित होते हैं।
    • (c) ये वलय प्रजाति की आनुवंशिक विविधता को दर्शाते हैं।
    • (d) ये वलय पेड़ की ऊंचाई के अनुपात को दर्शाते हैं।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): डेंड्रोक्रोनोलॉजी (Dendrochronology) नामक वैज्ञानिक विधि पेड़ों की वार्षिक वृद्धि वलयों का अध्ययन करती है। अधिकांश समशीतोष्ण क्षेत्रों में, पेड़ वसंत ऋतु में तेजी से बढ़ते हैं (हल्की लकड़ी) और गर्मी के अंत में धीमे हो जाते हैं (गहरी लकड़ी), जिससे एक स्पष्ट वलय बनता है।

    व्याख्या (Explanation): प्रत्येक वार्षिक वलय पेड़ के जीवनकाल के एक वर्ष का प्रतिनिधित्व करता है। वलय की चौड़ाई पिछले वर्ष की वृद्धि की स्थिति को दर्शाती है; चौड़े वलय अच्छे विकास की स्थिति (जैसे पर्याप्त वर्षा, धूप) और संकीर्ण वलय खराब स्थिति (जैसे सूखा, कीट संक्रमण) का संकेत देते हैं। वन अनुसंधान में कटौती से इन वलयों के अध्ययन के माध्यम से प्राचीन जलवायु पैटर्न (जिसे डेंड्रोक्लाइमेटोलॉजी कहा जाता है) को समझने की हमारी क्षमता कम हो सकती है, जो भविष्य की जलवायु और वन प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  15. पौधों के विकास के लिए आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों में से एक, जो कई एंजाइमों के लिए एक सह-कारक (cofactor) के रूप में कार्य करता है और स्टोमेटा के खुलने और बंद होने को नियंत्रित करता है, वह कौन सा है?

    • (a) बोरॉन (Boron)
    • (b) लोहा (Iron)
    • (c) जस्ता (Zinc)
    • (d) मैंगनीज (Manganese)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जस्ता (Zn) एक आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व है जो पौधे के विकास हार्मोन (जैसे ऑक्सिन) के संश्लेषण और कई एंजाइमों की गतिविधि के लिए महत्वपूर्ण है। यह स्टोमेटा के कार्य को भी प्रभावित करता है।

    व्याख्या (Explanation): जस्ता कई महत्वपूर्ण एंजाइमों के लिए एक आवश्यक सह-कारक है, जो कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन चयापचय में शामिल होते हैं। यह स्टोमेटा के खुलने और बंद होने को नियंत्रित करने में भी भूमिका निभाता है, जो गैस विनिमय और वाष्पोत्सर्जन के लिए महत्वपूर्ण है। कृषि अनुसंधान में कमी से जस्ता जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी वाले क्षेत्रों की पहचान और उपचार के तरीकों पर शोध धीमा हो सकता है। बोरॉन फूल और फल लगने के लिए, लोहा क्लोरोफिल संश्लेषण के लिए, और मैंगनीज प्रकाश संश्लेषण और श्वसन में शामिल एंजाइमों के लिए महत्वपूर्ण है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  16. फोटोरेस्पिरेशन (photorespiration) वह प्रक्रिया है जहाँ पौधे CO2 के बजाय O2 को फिक्स करते हैं, जिससे प्रकाश संश्लेषण की दक्षता कम हो जाती है। इस प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाले एंजाइम का नाम क्या है, जो संभावित रूप से कृषि अनुसंधान का विषय हो सकता है?

    • (a) एटीपी सिंथेज़ (ATP Synthase)
    • (b) रुबिस्को (RuBisCO)
    • (c) डीएनए पॉलीमरेज़ (DNA Polymerase)
    • (d) हेमोग्लोबिन (Hemoglobin)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रुबिस्को (Ribulose-1,5-bisphosphate carboxylase/oxygenase) एक एंजाइम है जो प्रकाश संश्लेषण में कार्बन डाइऑक्साइड को कार्बोहाइड्रेट में बदलने की प्रक्रिया (कैल्विन चक्र) शुरू करता है। हालाँकि, यह ऑक्सीजन के साथ भी प्रतिक्रिया कर सकता है, जिससे फोटोरेस्पिरेशन होता है।

    व्याख्या (Explanation): रुबिस्को की दोहरी क्रिया (कार्बोक्सीलेशन और ऑक्सीजनेशन) फोटोरेस्पिरेशन की ओर ले जाती है, जो तब होता है जब CO2 की सांद्रता कम और O2 की सांद्रता अधिक होती है। फोटोरेस्पिरेशन से ऊर्जा की हानि होती है और पौधे की वृद्धि दर कम हो जाती है। कृषि अनुसंधान का उद्देश्य रुबिस्को की ऑक्सीजनase गतिविधि को कम करना या अन्य CO2-संवेदी एंजाइमों को विकसित करना है ताकि फसल की पैदावार बढ़ाई जा सके। हेमोग्लोबिन ऑक्सीजन परिवहन के लिए है, एटीपी सिंथेज़ एटीपी उत्पादन के लिए, और डीएनए पॉलीमरेज़ डीएनए प्रतिकृति के लिए है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  17. वन्यजीवों और पौधों की प्रजातियों के संरक्षण के लिए, आनुवंशिक विविधता को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। यह किस वैज्ञानिक क्षेत्र का अध्ययन है?

    • (a) पारिस्थितिकी (Ecology)
    • (b) आनुवंशिकी (Genetics)
    • (c) भूविज्ञान (Geology)
    • (d) खगोल विज्ञान (Astronomy)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): आनुवंशिकी (Genetics) वंशानुक्रम और विभिन्न जीवों में जीन की विविधता का अध्ययन है। आनुवंशिक विविधता प्रजातियों को बदलते पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुकूल होने की क्षमता प्रदान करती है।

    व्याख्या (Explanation): वन अनुसंधान में कटौती से उन प्रजातियों की आनुवंशिक संरचना का अध्ययन करने के प्रयासों को बाधित किया जा सकता है जो जलवायु परिवर्तन या नई बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हैं। इन अध्ययनों से ऐसी प्रजातियों की पहचान करने में मदद मिलती है जिन्हें संरक्षण की आवश्यकता है या आनुवंशिक रूप से मजबूत बनाने के लिए क्रॉस-ब्रीडिंग की आवश्यकता है। पारिस्थितिकी जीव-जंतुओं और उनके पर्यावरण के बीच संबंधों का अध्ययन है, भूविज्ञान पृथ्वी की संरचना और इतिहास का अध्ययन है, और खगोल विज्ञान ब्रह्मांड का अध्ययन है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  18. कृषि में, मृदा में सूक्ष्मजीवों की गतिविधि को प्रभावित करने वाले कुछ रासायनिक उर्वरक, जो अप्रत्यक्ष रूप से पोषक तत्व चक्र को बदल सकते हैं, रसायन विज्ञान के किस क्षेत्र से अधिक संबंधित होंगे?

    • (a) ऊष्मारसायन (Thermochemistry)
    • (b) जैव रसायन (Biochemistry)
    • (c) परमाणु रसायन विज्ञान (Nuclear Chemistry)
    • (d) इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री (Electrochemistry)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जैव रसायन (Biochemistry) जीवित जीवों के भीतर होने वाली रासायनिक प्रक्रियाओं का अध्ययन है। उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की चयापचय गतिविधि (metabolic activity) बदल सकती है।

    व्याख्या (Explanation): उर्वरकों (जैसे नाइट्रेट, अमोनियम) का मिट्टी के सूक्ष्मजीवों पर सीधा प्रभाव पड़ता है, जो नाइट्रोजन चक्र जैसी महत्वपूर्ण जैव-रासायनिक प्रक्रियाओं के लिए जिम्मेदार होते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ उर्वरक नाइट्रिफिकेशन (nitrification) या डीनाइट्रिफिकेशन (denitrification) में शामिल जीवाणुओं की गतिविधि को बढ़ा या घटा सकते हैं। इन प्रक्रियाओं को समझने के लिए जैव रसायन का ज्ञान आवश्यक है। कृषि अनुसंधान में कटौती इन जैव-रासायनिक मार्गों पर उर्वरकों के प्रभावों की हमारी समझ को सीमित कर सकती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  19. पत्तियों पर पाई जाने वाली छोटी छिद्रिकाएं जो गैस विनिमय (CO2 का प्रवेश और O2 व जल वाष्प का निकास) को नियंत्रित करती हैं, उन्हें क्या कहते हैं?

    • (a) लेंटिसेल (Lenticels)
    • (b) स्टोमेटा (Stomata)
    • (c) रंध्र (Pores)
    • (d) वाहिनी (Vessels)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): स्टोमेटा (एकवचन: स्टोमा) पौधों की पत्तियों, तनों और अन्य अंगों पर पाए जाने वाले छोटे छिद्र होते हैं। प्रत्येक स्टोमा दो गार्ड कोशिकाओं से घिरा होता है जो इसके खुलने और बंद होने को नियंत्रित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): स्टोमेटा गैसों के आदान-प्रदान (CO2 ग्रहण और O2 का निष्कासन) और वाष्पोत्सर्जन (जल वाष्प का निष्कासन) के लिए मुख्य मार्ग हैं। यह प्रक्रिया पौधों के श्वसन और प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है। यदि वन या कृषि अनुसंधान में कमी आती है, तो स्टोमेटा की संरचना, कार्य और विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों (जैसे सूखा, उच्च तापमान) के प्रति उनकी प्रतिक्रिया पर हमारा ज्ञान सीमित हो सकता है। लेंटिसेल तनों पर पाए जाने वाले छिद्र होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  20. पेड़ों के तनों में मौजूद कौन सा ऊतक, जो जल परिवहन के लिए जिम्मेदार है, उसकी कोशिका भित्ति लिग्निन (lignin) नामक एक मजबूत, कठोर पदार्थ से बनी होती है?

    • (a) जाइलम (Xylem)
    • (b) फ्लोएम (Phloem)
    • (c) कॉर्क कैम्बियम (Cork Cambium)
    • (d) एपिडर्मिस (Epidermis)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जाइलम में जल-परिवहन करने वाली कोशिकाएं (जैसे वाहिका तत्व – vessel elements और ट्रेकिड्स – tracheids) लिग्निन से भरपूर द्वितीयक कोशिका भित्ति धारण करती हैं। लिग्निन कोशिका भित्ति को कठोर और अभेद्य बनाता है, जिससे यह पानी के दबाव का सामना कर सके और जल प्रवाह के लिए कुशल चैनल प्रदान कर सके।

    व्याख्या (Explanation): लिग्निन जाइलम को यांत्रिक शक्ति प्रदान करता है, जिससे बड़े पेड़ खड़े रह सकते हैं। यह जल संचरण के दौरान उत्पन्न होने वाले ऋणात्मक दबाव (negative pressure) का भी सामना करने में मदद करता है। वन अनुसंधान में, पेड़ों की संरचनात्मक अखंडता और जल परिवहन की दक्षता को समझने के लिए लिग्निन की भूमिका का अध्ययन महत्वपूर्ण है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  21. मिट्टी में उर्वरकों के कारण होने वाले अत्यधिक यूट्रोफिकेशन (eutrophication) की प्रक्रिया, जो जल निकायों में शैवाल के अत्यधिक विकास का कारण बनती है, रसायन विज्ञान की किस अवधारणा से संबंधित है?

    • (a) अम्ल-क्षार संतुलन (Acid-Base Equilibrium)
    • (b) रेडॉक्स प्रतिक्रियाएं (Redox Reactions)
    • (c) घुलनशीलता और अवक्षेपण (Solubility and Precipitation)
    • (d) पोषक तत्व की सांद्रता और बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): यूट्रोफिकेशन तब होता है जब जल निकायों में नाइट्रेट और फॉस्फेट जैसे पोषक तत्वों की अत्यधिक मात्रा जमा हो जाती है, जिससे शैवाल का अत्यधिक विकास होता है। जब ये शैवाल मर जाते हैं और विघटित होते हैं, तो बैक्टीरिया बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं, जिससे जल में घुलित ऑक्सीजन का स्तर गिर जाता है (उच्च BOD)।

    व्याख्या (Explanation): कृषि में अत्यधिक उर्वरक उपयोग से पोषक तत्व जल स्रोतों में बह जाते हैं, जिससे यूट्रोफिकेशन होता है। यह पानी की गुणवत्ता और जलीय जीवन के लिए एक गंभीर समस्या है। कृषि अनुसंधान में इस मुद्दे को संबोधित करने और पोषक तत्वों के अपवाह को कम करने के तरीके खोजना शामिल है। यह अवधारणा मुख्य रूप से पोषक तत्वों की सांद्रता और जैविक ऑक्सीजन मांग (BOD) से संबंधित है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  22. पेड़ों की छाल में मौजूद फेनोलिक यौगिक (phenolic compounds) जो उनकी रक्षा करते हैं, वे किस प्रकार के रसायन माने जाते हैं?

    • (a) अकार्बनिक लवण (Inorganic Salts)
    • (b) कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates)
    • (c) प्राकृतिक उत्पाद (Natural Products)
    • (d) प्रोटीन (Proteins)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्राकृतिक उत्पाद (Natural Products) पौधों, जानवरों या सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पादित जैविक रूप से सक्रिय यौगिक होते हैं। फेनोलिक यौगिक पौधों में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण माध्यमिक चयापचयों (secondary metabolites) में से एक हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट और रक्षात्मक गुण प्रदान करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): फेनोलिक यौगिक पौधों को कीटों, रोगजनकों और पर्यावरणीय तनावों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वन अनुसंधान में इन यौगिकों की पहचान और उनके औषधीय या औद्योगिक अनुप्रयोगों का अध्ययन किया जाता है। इन प्राकृतिक उत्पादों के उत्पादन और निष्कर्षण में अनुसंधान की कटौती इन मूल्यवान संसाधनों तक हमारी पहुँच को सीमित कर सकती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  23. पौधों में प्रकाश संश्लेषण के दौरान, क्लोरोफिल अणु का मुख्य कार्य क्या है?

    • (a) प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करना
    • (b) कार्बन डाइऑक्साइड को ठीक करना
    • (c) पानी को विघटित करना
    • (d) ATP का संश्लेषण करना

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): क्लोरोफिल एक हरा वर्णक है जो पौधों की क्लोरोप्लास्ट में पाया जाता है। यह सूर्य के प्रकाश से फोटॉन (ऊर्जा) को अवशोषित करने के लिए जिम्मेदार है, जो प्रकाश संश्लेषण की ‘प्रकाश-निर्भर’ प्रतिक्रियाओं को शुरू करता है।

    व्याख्या (Explanation): अवशोषित प्रकाश ऊर्जा का उपयोग पानी को विभाजित करने (photolysis) और ATP और NADPH बनाने के लिए किया जाता है, जो बाद में प्रकाश-स्वतंत्र प्रतिक्रियाओं (कैल्विन चक्र) में CO2 को शर्करा में बदलने के लिए उपयोग किए जाते हैं। क्लोरोफिल का प्राथमिक कार्य ऊर्जा को पकड़ना है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  24. बायोमास (Biomass) के अपघटन से बनने वाले सरल कार्बनिक पदार्थ, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं, उन्हें क्या कहा जाता है?

    • (a) खनिज (Minerals)
    • (b) लवण (Salts)
    • (c) ह्यूमस (Humus)
    • (d) जलीय घोल (Aqueous solution)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ह्यूमस पौधे और पशु सामग्री के धीमे, माइक्रोबियल अपघटन का अंतिम उत्पाद है। यह एक गहरा, कोलाइडल पदार्थ है जो मिट्टी की संरचना, जल-धारण क्षमता और पोषक तत्वों को पौधों के लिए उपलब्ध कराने की क्षमता में सुधार करता है।

    व्याख्या (Explanation): ह्यूमस मिट्टी के कार्बनिक पदार्थ का एक स्थिर रूप है। इसका निर्माण मिट्टी के सूक्ष्मजीवों द्वारा जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल, घुलनशील रूपों में तोड़ने की एक जैव-रासायनिक प्रक्रिया है। कृषि और वन अनुसंधान में मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ह्यूमस निर्माण को समझना महत्वपूर्ण है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  25. पौधों में कोशिका भित्ति (cell wall) मुख्य रूप से किस जटिल कार्बोहाइड्रेट से बनी होती है, जो उन्हें संरचनात्मक सहायता प्रदान करती है?

    • (a) स्टार्च (Starch)
    • (b) ग्लाइकोजन (Glycogen)
    • (c) सेल्यूलोज (Cellulose)
    • (d) सुक्रोज (Sucrose)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पौधों की कोशिका भित्ति मुख्य रूप से सेल्यूलोज से बनी होती है, जो ग्लूकोज इकाइयों की एक लंबी, सीधी श्रृंखला से बना एक पॉलीसेकेराइड है। यह कोशिका को कठोरता और आकार प्रदान करता है।

    व्याख्या (Explanation): सेल्यूलोज का मजबूत ढांचा पौधों को सीधा खड़ा रहने और पर्यावरणीय ताकतों का सामना करने में मदद करता है। वन अनुसंधान में, लकड़ी की संरचना और गुणों को समझने के लिए सेल्यूलोज की भूमिका महत्वपूर्ण है। स्टार्च ऊर्जा भंडारण के लिए पौधों में पाया जाता है, ग्लाइकोजन जानवरों में ऊर्जा भंडारण के लिए, और सुक्रोज एक सामान्य शर्करा है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

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