काल की कसौटी: आपकी ऐतिहासिक पकड़ का परीक्षण
समय की धूल फाँकते हुए, आइए आज इतिहास के उस यात्रा पर चलें जहाँ प्राचीन साम्राज्यों से लेकर आधुनिक क्रांतियों तक, ज्ञान की हर पगडंडी पर आपकी परख होगी। क्या आप तैयार हैं? अपने मस्तिष्क को अतीत के इस अनूठे संग्रहालय में ले चलें और देखें कि आप कितना जानते हैं!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सैंधव सभ्यता के किस स्थल से प्राप्त एक मुहर पर योगी की मुद्रा में एक आकृति अंकित है, जिसे पशुपति महादेव के रूप में पहचाना गया है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: मोहनजोदड़ो। मोहनजोदड़ो (सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल) से प्राप्त एक विशिष्ट मुहर पर एक पद्मासन मुद्रा में बैठी हुई आकृति अंकित है, जिसके चारों ओर हाथी, गैंडा, भैंसा और हिरण जैसे जानवर हैं। इसे जॉन मार्शल जैसे पुरातत्वविदों ने शिव के प्रारंभिक रूप, पशुपति महादेव के रूप में पहचाना है।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो (मृतकों का टीला) सिंधु नदी के किनारे स्थित था और यह सबसे सुनियोजित शहरों में से एक था। यहाँ से मिली विशाल स्नानागार, कांस्य नर्तकी की प्रतिमा आदि अन्य महत्वपूर्ण खोजें हैं।
- गलत विकल्प: हड़प्पा भी एक महत्वपूर्ण स्थल था जहाँ से कब्रिस्तान (R 37) और तांबे का पैमाना मिला। लोथल एक प्रमुख बंदरगाह था और यहाँ से गोदी (dockyard) के प्रमाण मिले। कालीबंगा से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा प्राचीन भारतीय ग्रंथ ‘अर्थशास्त्र’ के लेखक नहीं हैं?
- कौटिल्य
- विष्णुगुप्त
- चाणक्य
- कालिदास
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: कालिदास। ‘अर्थशास्त्र’ प्राचीन भारत का एक ग्रंथ है जो राज्य कला, आर्थिक नीति और सैन्य रणनीति से संबंधित है। इसके लेखक कौटिल्य (जिन्हें विष्णुगुप्त और चाणक्य के नाम से भी जाना जाता है) थे, जो मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे।
- संदर्भ और विस्तार: ‘अर्थशास्त्र’ को राजनीति, अर्थशास्त्र और सैन्य विज्ञान पर एक उत्कृष्ट कृति माना जाता है। यह शासन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।
- गलत विकल्प: कौटिल्य, विष्णुगुप्त और चाणक्य तीनों एक ही व्यक्ति के नाम हैं। कालिदास प्राचीन भारत के एक महान कवि और नाटककार थे, जो अपनी साहित्यिक कृतियों जैसे ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’, ‘मेघदूतम्’ आदि के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 3: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक एक विभाग की स्थापना की, जो दास (गुलाम) व्यवस्था से संबंधित था?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: फिरोज शाह तुगलक। फिरोज शाह तुगलक (1351-1388) ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ की स्थापना की, जो गुलामों के प्रबंधन के लिए एक विशेष विभाग था। उसने बड़ी संख्या में गुलामों को शाही सेवा में नियुक्त किया था।
- संदर्भ और विस्तार: फिरोज शाह तुगलक ने कई लोक कल्याणकारी कार्य किए, जैसे नहरों का निर्माण, मकबरों का निर्माण, और जकात कर को लागू करना। हालाँकि, उसकी दास नीति और अन्य कार्यों ने अंततः सल्तनत को कमजोर किया।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘तुर्क-ए-चहलगानी’ (चालीसा दल) का गठन किया। बलबन ने राजत्व के सिद्धांत को प्रतिपादित किया और ‘चालीसा’ को समाप्त किया। अलाउद्दीन खिलजी ने ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ (भूराजस्व विभाग) की स्थापना की।
प्रश्न 4: भारत में ‘सहायक संधि प्रणाली’ (Subsidiary Alliance) का जनक किसे माना जाता है?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड वेलेस्ली
- लॉर्ड विलियम बेंटिक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: लॉर्ड वेलेस्ली। लॉर्ड वेलेस्ली (1798-1805) ने भारत में ब्रिटिश प्रभाव का विस्तार करने के लिए ‘सहायक संधि प्रणाली’ को एक प्रमुख नीति के रूप में लागू किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संधि के तहत, भारतीय शासकों को अपनी सेना को भंग कर ब्रिटिश सेना को बनाए रखना पड़ता था, अपने राज्य में एक ब्रिटिश रेजीडेंट रखना पड़ता था, और ब्रिटिश अनुमति के बिना किसी अन्य यूरोपीय शक्ति से संबंध नहीं रखना पड़ता था। बदले में, ब्रिटिश कंपनी राज्य की रक्षा करने का वादा करती थी।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कर्जन ने 1905 में बंगाल का विभाजन किया। लॉर्ड विलियम बेंटिक ने सती प्रथा को समाप्त करने जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक सुधार किए।
प्रश्न 5: 1857 के विद्रोह के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन असत्य है?
- इस विद्रोह का तात्कालिक कारण चर्बी लगे कारतूसों का प्रयोग था।
- इस विद्रोह का प्रारंभ मेरठ छावनी से हुआ था।
- इस विद्रोह को ‘पहला स्वतंत्रता संग्राम’ कहा गया।
- इस विद्रोह में किसी भी भारतीय शासक ने भाग नहीं लिया।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: इस विद्रोह में किसी भी भारतीय शासक ने भाग नहीं लिया। यह कथन असत्य है। 1857 के विद्रोह में अनेक भारतीय शासकों, जैसे झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, अवध की बेगम हजरत महल, कानपुर के नाना साहब, तात्या टोपे, कुंवर सिंह (बिहार) आदि ने सक्रिय रूप से भाग लिया था।
- संदर्भ और विस्तार: चर्बी लगे कारतूसों का प्रयोग (जो गाय और सूअर की चर्बी से बने थे) सिपाहियों के धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला था, जिससे विद्रोह की ज्वाला भड़की। विद्रोह की शुरुआत 10 मई, 1857 को मेरठ छावनी से हुई। वीर सावरकर ने इसे ‘भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम’ कहा था।
- गलत विकल्प: बाकी तीनों कथन सत्य हैं।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: समुद्रगुप्त। समुद्रगुप्त (लगभग 335-375 ई.) को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है क्योंकि उसने अपने शासनकाल में उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों को विजित किया और दक्षिणापथ के कई शासकों को भी अपने अधीन किया।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त एक महान विजेता और कुशल प्रशासक था। उसके विजयों का उल्लेख प्रयाग प्रशस्ति (एहोल अभिलेख) में मिलता है, जिसकी रचना उसके दरबारी कवि हरिषेण ने की थी। वह संगीत का भी शौकीन था और उसे ‘कविराज’ की उपाधि भी दी गई थी।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का वास्तविक संस्थापक था। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने मालवा के शक शासकों को पराजित किया और शकों का अंत किया। स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना किया।
प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्ण देवराय
- हरिहर और बुक्का
- देवराय प्रथम
- बुक्का प्रथम
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: हरिहर और बुक्का। विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ई. में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों द्वारा की गई थी। उन्होंने तुंगभद्रा नदी के किनारे हंपी में अपनी राजधानी स्थापित की।
- संदर्भ और विस्तार: विजयनगर साम्राज्य दक्षिण भारत का एक अत्यंत शक्तिशाली और समृद्ध साम्राज्य था, जिसने लगभग 250 वर्षों तक शासन किया। यह अपनी कला, वास्तुकला, साहित्य और व्यापार के लिए प्रसिद्ध था। कृष्ण देवराय इस वंश के सबसे प्रतापी शासक थे।
- गलत विकल्प: कृष्ण देवराय विजयनगर के एक प्रसिद्ध सम्राट थे, लेकिन उन्होंने साम्राज्य की स्थापना नहीं की थी। देवराय प्रथम और बुक्का प्रथम भी महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन साम्राज्य की नींव हरिहर और बुक्का ने रखी थी।
प्रश्न 8: ‘अकाल तख्त’ का निर्माण किसने करवाया था?
- गुरु नानक
- गुरु अर्जन देव
- गुरु हरगोविंद
- गुरु गोविंद सिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: गुरु हरगोविंद। छठे सिख गुरु, गुरु हरगोविंद ने 1606 ई. में अमृतसर में ‘अकाल तख्त’ (ईश्वर का सिंहासन) का निर्माण करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: अकाल तख्त सिखों का सबसे पवित्र धार्मिक स्थल है और यह राजनीतिक, धार्मिक और सैन्य गतिविधियों का केंद्र रहा है। गुरु हरगोविंद ने सिखों को हथियार धारण करने और युद्ध के लिए तैयार रहने का आदेश दिया, जिससे सिख धर्म में एक नई सैन्य भावना का संचार हुआ।
- गलत विकल्प: गुरु नानक सिख धर्म के संस्थापक थे। गुरु अर्जन देव ने स्वर्ण मंदिर का निर्माण शुरू करवाया था। गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही सुमेलित नहीं है?
- ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ – जियाउद्दीन बरनी
- ‘कुवत-उल-इस्लाम मस्जिद’ – इल्तुतमिश
- ‘अलाई दरवाजा’ – अलाउद्दीन खिलजी
- ‘फुतूह-उस-सलातीन’ – अमीर खुसरो
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘फुतूह-उस-सलातीन’ – अमीर खुसरो। ‘फुतूह-उस-सलातीन’ का लेखक अमीर खुसरो नहीं, बल्कि伊斯ामी (Isami) है। यह ग्रंथ दिल्ली सल्तनत के प्रारंभिक काल का इतिहास बताता है।
- संदर्भ और विस्तार: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ जियाउद्दीन बरनी द्वारा फिरोज शाह तुगलक के शासनकाल पर लिखा गया महत्वपूर्ण ग्रंथ है। कुवत-उल-इस्लाम मस्जिद कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा शुरू की गई थी और इल्तुतमिश ने इसका विस्तार किया। अलाई दरवाजा अलाउद्दीन खिलजी द्वारा बनवाया गया था और यह इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। अमीर खुसरो को ‘भारत का तोता’ कहा जाता है और उन्होंने ‘तुगलकनामा’, ‘खजायन-उल-फुतूह’ आदि ग्रंथ लिखे।
- गलत विकल्प: विकल्प (d) में लेखक का नाम गलत दिया गया है।
प्रश्न 10: चंपारण सत्याग्रह, जो गांधीजी का भारत में पहला सत्याग्रह था, कब हुआ था?
- 1915
- 1916
- 1917
- 1918
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1917। महात्मा गांधी ने अपना पहला भारतीय सत्याग्रह 1917 में बिहार के चंपारण जिले में किसानों के अधिकारों के लिए किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह सत्याग्रह चंपारण में नील की खेती करने वाले किसानों पर तीन-कठिया प्रणाली (जहाँ किसानों को अपनी भूमि के 3/20वें हिस्से पर नील उगाना पड़ता था) के विरुद्ध था। इस आंदोलन में गांधीजी के साथ राजेंद्र प्रसाद, अनुग्रह नारायण सिन्हा जैसे नेता भी शामिल थे।
- गलत विकल्प: 1915 में गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। 1916 में उन्होंने लखनऊ अधिवेशन में भाग लिया। 1918 में अहमदाबाद मिल हड़ताल और खेड़ा सत्याग्रह हुए।
प्रश्न 11: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने किस युद्ध के बाद भारत में अपनी राजनीतिक सत्ता स्थापित कर ली?
- प्लासी का युद्ध
- बक्सर का युद्ध
- वांडीवाश का युद्ध
- प्रथम कर्नाटक युद्ध
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: बक्सर का युद्ध। 1764 में हुआ बक्सर का युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए निर्णायक सिद्ध हुआ। इस युद्ध में कंपनी ने मीर कासिम (बंगाल का पूर्व नवाब), अवध के नवाब शुजाउद्दौला और मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेना को हराया।
- संदर्भ और विस्तार: प्लासी का युद्ध (1757) एक महत्वपूर्ण जीत थी जिसने बंगाल में कंपनी की सत्ता की नींव रखी, लेकिन बक्सर के युद्ध ने कंपनी को भारत में एक प्रमुख राजनीतिक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया, जिससे उन्हें इलाहाबाद की संधि (1765) के तहत बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी (राजस्व वसूली का अधिकार) प्राप्त हुई।
- गलत विकल्प: वांडीवाश का युद्ध (1760) अंग्रेजों और फ्रांसीसियों के बीच हुआ था, जिसमें अंग्रेजों की जीत हुई और भारत में फ्रांसीसी शक्ति का अंत हो गया। प्रथम कर्नाटक युद्ध (1744-1748) भी भारत में ब्रिटिश और फ्रांसीसी कंपनियों के बीच संघर्ष का हिस्सा था।
प्रश्न 12: हर्यक वंश के किस शासक को ‘पितृहंता’ कहा जाता है?
- बिम्बिसार
- अजातशत्रु
- उदायिन
- नागदशक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: अजातशत्रु। हर्यक वंश के शासक अजातशत्रु ने अपने पिता बिम्बिसार को कारागार में डालकर स्वयं गद्दी हथिया ली थी। इस कारण उसे ‘पितृहंता’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: अजातशत्रु (लगभग 492-460 ईसा पूर्व) एक महत्वाकांक्षी शासक था जिसने अपने पिता बिम्बिसार को मारकर मगध के सिंहासन पर अधिकार किया। उसने कौशल राज्य की राजकुमारी से विवाह किया और वज्जि संघ (वैशाली) पर विजय प्राप्त की, जहाँ उसने रथ-मुसल और महाशिला-कंटक जैसे नवीन हथियारों का प्रयोग किया।
- गलत विकल्प: बिम्बिसार हर्यक वंश का संस्थापक था। उदायिन ने राजधानी को पाटलिपुत्र स्थानांतरित किया था। नागदशक हर्यक वंश का अंतिम शासक था।
प्रश्न 13: किस मुगल बादशाह ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म की शुरुआत की?
- अकबर
- जहांगीर
- शाहजहां
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: अकबर। मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ई. में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वरीय एकता) नामक एक नए धर्म या सुधार आंदोलन की शुरुआत की, जिसमें उसने विभिन्न धर्मों के सिद्धांतों को मिलाकर एक सारगर्भित विचारधारा प्रस्तुत करने का प्रयास किया।
- संदर्भ और विस्तार: दीन-ए-इलाही को किसी धर्म की तरह व्यापक रूप से स्वीकार नहीं किया गया और यह अकबर तक ही सीमित रहा। बिरबल इस धर्म को स्वीकार करने वाले एकमात्र प्रमुख हिंदू थे। इसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता और एकता को बढ़ावा देना था।
- गलत विकल्प: जहांगीर ने अपने शासनकाल में न्याय के लिए ‘जंजीर-ए-अदल’ स्थापित की। शाहजहां कला और वास्तुकला के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है (जैसे ताजमहल)। औरंगजेब ने धार्मिक कट्टरता की नीति अपनाई और गैर-मुस्लिमों पर जजिया कर पुनः लागू किया।
प्रश्न 14: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के दौरान निम्नलिखित में से कौन सा राष्ट्र मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) का हिस्सा नहीं था?
- ब्रिटेन
- फ्रांस
- इटली
- ऑस्ट्रिया-हंगरी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ऑस्ट्रिया-हंगरी। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, ऑस्ट्रिया-हंगरी केंद्रीय शक्तियों (Central Powers) का एक प्रमुख सदस्य था। मित्र राष्ट्रों में मुख्य रूप से ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, इटली (1915 के बाद), संयुक्त राज्य अमेरिका (1917 के बाद) और जापान शामिल थे।
- संदर्भ और विस्तार: प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत ऑस्ट्रिया-हंगरी के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या के बाद हुई थी। केंद्रीय शक्तियों में जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य और बुल्गारिया शामिल थे।
- गलत विकल्प: ब्रिटेन, फ्रांस और इटली (बाद में) मित्र राष्ट्रों के सदस्य थे। ऑस्ट्रिया-हंगरी युद्ध में केंद्रीय शक्तियों की ओर से लड़ा था।
प्रश्न 15: वेदों की ओर लौटो’ का नारा किसने दिया था?
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- स्वामी विवेकानंद
- राजा राम मोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: स्वामी दयानंद सरस्वती। स्वामी दयानंद सरस्वती (1824-1883), जो एक महान समाज सुधारक और आर्य समाज के संस्थापक थे, ने ‘वेदों की ओर लौटो’ (Back to the Vedas) का प्रसिद्ध नारा दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने वेदों को ज्ञान का अपरिवर्तनीय स्रोत माना और भारत में सामाजिक, धार्मिक और राष्ट्रीय जागरण को बढ़ावा देने के लिए आर्य समाज की स्थापना की। उन्होंने बाल विवाह, जातिवाद और मूर्ति पूजा जैसी कुरीतियों का विरोध किया।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे और उन्होंने पश्चिमी देशों में भारतीय दर्शन का प्रसार किया। राजा राम मोहन राय ‘ब्रह्म समाज’ के संस्थापक थे और उन्होंने सती प्रथा के उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया और इसे कानूनी मान्यता दिलाने में योगदान दिया।
प्रश्न 16: किस चोल शासक ने ‘गंगैकोंडचोलपुरम’ नामक नई राजधानी बसाई थी?
- राजराज प्रथम
- राजेंद्र चोल प्रथम
- कुलतुंग प्रथम
- विक्रम चोल
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: राजेंद्र चोल प्रथम। चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम (1014-1044 ई.) ने गंगा घाटी तक अपनी सफल सैन्य विजयों के उपलक्ष्य में ‘गंगैकोंडचोलपुरम’ (गंगा विजेता चोल) नामक नई राजधानी बसाई थी।
- संदर्भ और विस्तार: राजेंद्र चोल प्रथम एक महान विजेता था जिसने उत्तर भारत तक सैन्य अभियान चलाया था। उसने चोल साम्राज्य को अपने चरम पर पहुंचाया। गंगैकोंडचोलपुरम आज भी एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है जहाँ प्रसिद्ध राजेंद्रेश्वरम मंदिर स्थित है।
- गलत विकल्प: राजराज प्रथम ने तंजौर में बृहदेश्वर मंदिर का निर्माण करवाया था। कुलतुंग प्रथम और विक्रम चोल भी महत्वपूर्ण चोल शासक थे, लेकिन गंगैकोंडचोलपुरम की स्थापना का श्रेय राजेंद्र चोल प्रथम को ही जाता है।
प्रश्न 17: भारत के विभाजन के समय ब्रिटिश भारत का वायसराय कौन था?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड विलिंगडन
- लॉर्ड लिनलिथगो
- लॉर्ड माउंटबेटन
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: लॉर्ड माउंटबेटन। लॉर्ड माउंटबेटन (1947-1948) भारत के अंतिम वायसराय थे और उन्होंने ही भारत के विभाजन और स्वतंत्रता की प्रक्रिया का संचालन किया।
- संदर्भ और विस्तार: 15 अगस्त, 1947 को भारत का विभाजन हुआ और दो नए राष्ट्रों, भारत और पाकिस्तान का निर्माण हुआ। माउंटबेटन योजना के आधार पर यह विभाजन हुआ।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन (1905) बंगाल विभाजन के लिए जिम्मेदार थे। लॉर्ड विलिंगडन (1931-1936) और लॉर्ड लिनलिथगो (1936-1944) भारत के विभाजन से पहले वायसराय थे।
प्रश्न 18: किस गुप्त सम्राट ने विक्रम संवत की शुरुआत की?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: चंद्रगुप्त द्वितीय। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) (लगभग 380-415 ई.) ने शक शासकों पर अपनी विजय के उपलक्ष्य में ‘विक्रम संवत’ (58 ईसा पूर्व में शुरू हुआ) की परंपरा को आगे बढ़ाया और अपने सिक्कों पर ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि विक्रम संवत चंद्रगुप्त द्वितीय से सदियों पहले शुरू हुआ था, लेकिन गुप्त काल में इसका प्रयोग बढ़ा और चंद्रगुप्त द्वितीय ने शकों पर विजय पाकर इसे एक तरह से प्रतिष्ठित किया। चंद्रगुप्त द्वितीय अपने काल में कला, साहित्य और विज्ञान का महान संरक्षक था, और उनके दरबार में कालिदास जैसे विद्वान थे।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम को गुप्त साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। समुद्रगुप्त एक महान विजेता था। स्कंदगुप्त ने हूणों से सफलतापूर्वक लोहा लिया।
प्रश्न 19: ‘हड़प्पा’ नामक स्थल का सर्वप्रथम उत्खनन कब हुआ?
- 1921
- 1922
- 1924
- 1931
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1921। हड़प्पा सभ्यता के पहले प्रमुख स्थल, हड़प्पा का सर्वप्रथम उत्खनन 1921 ई. में दयाराम साहनी के नेतृत्व में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह उत्खनन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा किया गया था। हड़प्पा आधुनिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रावी नदी के किनारे स्थित है। इसी के कुछ वर्षों बाद, 1922 में, राखाल दास बनर्जी ने मोहनजोदड़ो का उत्खनन किया, जो सिंधु नदी के किनारे स्थित है। इन दोनों स्थलों की खोज ने सिंधु घाटी सभ्यता के अस्तित्व को प्रमाणित किया।
- गलत विकल्प: 1922 में मोहनजोदड़ो का उत्खनन हुआ। 1924 में सर जॉन मार्शल ने सिंधु घाटी सभ्यता की खोज की घोषणा की। 1931 में सारनाथ के उत्खनन हुए।
प्रश्न 20: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का प्रमुख नारा क्या था?
- शांति, रोटी, भूमि
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- राष्ट्र, सर्वहारा, क्रांति
- संघर्ष, बलिदान, विजय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व (Liberté, égalité, fraternité)। फ्रांसीसी क्रांति के दौरान यह नारा क्रांति के आदर्शों का प्रतीक बन गया।
- संदर्भ और विस्तार: फ्रांसीसी क्रांति ने निरंकुश राजशाही का अंत किया और गणतंत्र की स्थापना की। इसने पूरे यूरोप और दुनिया को राजनीतिक और सामाजिक विचारों से प्रेरित किया। स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्श आज भी कई लोकतांत्रिक देशों के संविधानों का आधार हैं।
- गलत विकल्प: ‘शांति, रोटी, भूमि’ रूसी क्रांति (1917) का नारा था। अन्य विकल्प क्रांति के संदर्भ में सटीक नहीं हैं।
प्रश्न 21: इल्तुतमिश ने किस वर्ष ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चहलगानी) का गठन किया?
- 1206
- 1210
- 1220
- 1236
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1220। गुलाम वंश के शासक इल्तुतमिश (1211-1236) ने तुर्की मूल के 40 शक्तिशाली अमीरों का एक समूह बनाया था, जिसे ‘चालीसा’ या ‘तुर्क-ए-चहलगानी’ कहा जाता था। इसका गठन संभवतः 1220 के आसपास हुआ माना जाता है, हालाँकि यह निश्चित नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: ‘चालीसा’ का उद्देश्य सुल्तान को महत्वपूर्ण मामलों में सलाह देना और प्रशासन में सहायता करना था, लेकिन कालांतर में यह समूह सत्ता का केंद्र बन गया और सुल्तानों की नियुक्ति और पदच्युति में भी भूमिका निभाने लगा। अंततः, बलबन ने इसे समाप्त कर दिया।
- गलत विकल्प: 1206 में कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली सल्तनत की स्थापना की। 1210 में ऐबक की मृत्यु हुई। 1236 में रजिया सुल्तान गद्दी पर बैठी।
प्रश्न 22: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव कांग्रेस के किस अधिवेशन में पारित हुआ?
- फैजपुर
- रामगढ़
- त्रिपुरी
- बम्बई
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: बम्बई। ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव 8 अगस्त, 1942 को बम्बई (अब मुंबई) में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विशेष अधिवेशन में पारित हुआ था। इसी अधिवेशन में महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ (Do or Die) का नारा दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक सविनय अवज्ञा आंदोलन था। इसका उद्देश्य भारत को तुरंत आज़ाद कराना था। आंदोलन को दबाने के लिए ब्रिटिश सरकार ने ‘ऑपरेशन जीरो आवर’ चलाया और कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
- गलत विकल्प: फैजपुर (1936), रामगढ़ (1940) और त्रिपुरी (1939) अन्य महत्वपूर्ण कांग्रेस अधिवेशन थे, लेकिन भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव बम्बई अधिवेशन में पारित हुआ था।
प्रश्न 23: कंबन ने अपनी किस कृति में ‘रामचरितमानस’ की तरह रामकथा का वर्णन किया है?
- रामचरित
- कंब रामायण
- तिरुवल्लुवर का तिरुक्कुरल
- रत्नकर का रामचरित
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: कंब रामायण। कंबन, जो चोल सम्राट कुलतुंग तृतीय के दरबारी कवि थे, ने 12वीं शताब्दी में तमिल भाषा में ‘कंब रामायण’ (जिसे ‘राम अवतारम्’ भी कहा जाता है) की रचना की। यह वाल्मीकि की रामायण से प्रेरित है लेकिन इसकी अपनी मौलिकता है।
- संदर्भ और विस्तार: ‘कंब रामायण’ को तमिल साहित्य की उत्कृष्ट कृतियों में से एक माना जाता है। कंबन ने अपनी भाषा और काव्य शैली से राम कथा को एक नया रूप दिया, जो दक्षिणी भारत में अत्यंत लोकप्रिय हुई।
- गलत विकल्प: ‘रामचरित’ संभवतः कंब रामायण को संदर्भित करता है। तिरुक्कुरल तिरुवल्लुवर की कृति है, जो नैतिक और दार्शनिक उपदेशों का संग्रह है। रत्नकर ने ‘रामचरित’ नामक एक और रामायण लिखी थी, लेकिन कंबन के ‘कंब रामायण’ को अधिक ख्याति प्राप्त है।
प्रश्न 24: खिलाफत आंदोलन का नेतृत्व किसने किया था?
- महात्मा गांधी
- अली बंधु (मौलाना शौकत अली और मौलाना मोहम्मद अली)
- सरदार पटेल
- जवाहरलाल नेहरू
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: अली बंधु (मौलाना शौकत अली और मौलाना मोहम्मद अली)। खिलाफत आंदोलन (1919-1924) तुर्क साम्राज्य के विघटन और खलीफा के पद को समाप्त करने के विरोध में शुरू हुआ था। इसका नेतृत्व मुख्य रूप से अली बंधुओं ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: महात्मा गांधी ने इस आंदोलन को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के असहयोग आंदोलन (1920-22) के साथ जोड़ा, जिससे यह आंदोलन और अधिक व्यापक हो गया। हालांकि, तुर्की गणराज्य की स्थापना और मुस्तफा कमाल अतातुर्क द्वारा खलीफा पद को समाप्त करने के बाद यह आंदोलन कमजोर पड़ गया।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने खिलाफत आंदोलन को अपना समर्थन दिया था लेकिन उसका नेतृत्व नहीं किया। सरदार पटेल और जवाहरलाल नेहरू भी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे, लेकिन खिलाफत आंदोलन के मुख्य नेतृत्वकर्ता अली बंधु थे।
प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन सा शासक ‘आधुनिक चीन का पिता’ कहलाता है?
- माओत्से तुंग
- सन यात-सेन
- चियांग काई-शेक
- डेंग शियाओपिंग
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: सन यात-सेन। डॉ. सन यात-सेन (Sun Yat-sen) को ‘आधुनिक चीन का पिता’ माना जाता है। वे 1911 की शीहाई क्रांति के प्रमुख नेता थे, जिसने सदियों पुरानी राजशाही का अंत किया और चीन गणराज्य की स्थापना की।
- संदर्भ और विस्तार: सन यात-सेन ने ‘तीन जन सिद्धांत’ (राष्ट्रवाद, लोकतंत्र, और लोगों की आजीविका) विकसित किए, जो आधुनिक चीन की राजनीतिक विचारधारा का आधार बने। उन्होंने चीन को एकीकृत करने और आधुनिकीकरण करने का प्रयास किया।
- गलत विकल्प: माओत्से तुंग ने 1949 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की और वे ‘जनवादी चीन के संस्थापक’ के रूप में जाने जाते हैं। चियांग काई-शेक राष्ट्रवादी सरकार के नेता थे। डेंग शियाओपिंग ने चीन में आर्थिक सुधारों की शुरुआत की।