कालचक्र से प्रश्न: अपनी ऐतिहासिक पकड़ मज़बूत करें
आइए, समय की गहराइयों में गोता लगाएँ और अपनी ऐतिहासिक समझ को परखें! यह रोज़ाना की वह यात्रा है जो आपको प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक युग के महत्वपूर्ण मोड़ों तक ले जाएगी। क्या आप अपने प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए तैयार हैं? आज के 25 अनूठे प्रश्नों के साथ अपनी पकड़ को और मज़बूत करें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस स्थल से प्राचीनतम ज्ञात 7-कक्षीय घर के अवशेष प्राप्त हुए हैं?
- मेहरगढ़
- कालीबंगा
- बनवाली
- लोथल
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: बलूचिस्तान में स्थित मेहरगढ़ से 7-कक्षीय घर के प्राचीनतम ज्ञात अवशेष मिले हैं। यह स्थल नवपाषाण काल (लगभग 7000 ईसा पूर्व) से संबंधित है और दक्षिण एशिया में कृषि और पशुपालन की शुरुआत के प्रमाण प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: मेहरगढ़ में पाए गए आवास आयताकार ईंटों से बने थे और उनमें कई कमरे होते थे, जो दर्शाता है कि उस काल के लोग व्यवस्थित जीवन जी रहे थे। यह सिंधु घाटी सभ्यता के विकास का प्रारंभिक चरण भी माना जाता है।
- गलत विकल्प: कालीबंगा (राजस्थान) से हल जोते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं, बनवाली (हरियाणा) से तांबे के औजार और उत्कृष्ट गुणवत्ता वाली जौ की फसल के प्रमाण मिले हैं, और लोथल (गुजरात) एक प्रमुख गोदी (डॉकयार्ड) शहर था।
प्रश्न 2: ऋग्वैदिक काल में ‘नदी-स्तuti’ (नदी-स्तुति) का अर्थ क्या था?
- नदियों की पूजा
- नदियों के महत्व का वर्णन
- नदियों का जल से सिंचाई
- नदियों को पार करने के उपाय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ऋग्वेद में ‘नदी-स्तुति’ का अर्थ नदियों के महत्व का वर्णन या उनकी प्रशंसा करना था। ऋग्वेद में अनेक नदियों का उल्लेख मिलता है, जिनमें सरस्वती, सिंधु, गंगा, यमुना आदि प्रमुख हैं।
- संदर्भ और विस्तार: नदियों को जीवनदायिनी माना जाता था और उनके जल, उपजाऊपन और संचार के माध्यम के रूप में महत्व को ऋग्वैदिक काल के भजन (सूक्त) में वर्णित किया गया है। सरस्वती को तो सबसे पवित्र नदी माना गया था।
- गलत विकल्प: यद्यपि नदियों की पूजा होती थी, ‘नदी-स्तुति’ विशेष रूप से उनकी प्रशंसा का वर्णन था। जल से सिंचाई और नदियों को पार करने के उपाय भी संबंधित थे, लेकिन मूल अर्थ वर्णन है।
प्रश्न 3: किस बौद्ध संगीति के दौरान ‘त्रिपिटक’ को संकलित किया गया था?
- प्रथम बौद्ध संगीति
- द्वितीय बौद्ध संगीति
- तृतीय बौद्ध संगीति
- चतुर्थ बौद्ध संगीति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: प्रथम बौद्ध संगीति, जो राजगृह में हर्यक वंश के राजा अजातशत्रु के संरक्षण में हुई थी, के दौरान बुद्ध की शिक्षाओं को ‘त्रिपिटक’ के रूप में संकलित करने का कार्य प्रारंभ हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: यह संगीति बुद्ध की महापरिनिर्वाण के तुरंत बाद (लगभग 483 ईसा पूर्व) आयोजित की गई थी। आनंद ने सुत्त पिटक और उपाली ने विनय पिटक का पाठ किया। अभिधम्म पिटक का संकलन बाद में हुआ।
- गलत विकल्प: द्वितीय संगीति वैशाली में, तृतीय संगीति पाटलिपुत्र में (अशोक के समय) और चतुर्थ संगीति कश्मीर में (कनिष्क के समय) हुई थी। तृतीय संगीति में अभिधम्म पिटक को अंतिम रूप दिया गया था, लेकिन संपूर्ण त्रिपिटक का प्रारंभिक संकलन प्रथम संगीति में ही हुआ।
प्रश्न 4: किस गुप्त सम्राट को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-380 ई.) को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि उन्हें इतिहासकार वी.ए. स्मिथ ने दी थी।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त ने अपने शासनकाल में एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया और उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों को विजित किया। उन्होंने दक्षिण भारत में भी दिग्विजय यात्रा की थी। उनकी सैन्य विजयों और राजनीतिक कुशलता के कारण उन्हें यह तुलनात्मक उपाधि दी गई।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त साम्राज्य के संस्थापक थे, चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) के काल में गुप्त साम्राज्य अपने चरमोत्कर्ष पर था, और कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
प्रश्न 5: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दास विभाग) की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोजशाह तुगलक
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: फिरोजशाह तुगलक (शासनकाल 1351-1388 ई.) ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक एक विभाग की स्थापना की थी, जो गुलामों (बंदगान) के प्रबंधन के लिए था।
- संदर्भ और विस्तार: फिरोजशाह तुगलक ने बड़ी संख्या में गुलामों की भर्ती की और उन्हें विभिन्न सैन्य और प्रशासनिक पदों पर नियुक्त किया। उसने गुलामों के कल्याण और प्रशिक्षण के लिए यह विशेष विभाग बनाया था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चहलगानी) की स्थापना की थी, बलबन ने ‘दीवान-ए-आरिज’ (सैन्य विभाग) को सुदृढ़ किया था, और अलाउद्दीन खिलजी ने ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ (राजस्व विभाग) की स्थापना की थी।
प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था, जिसे ‘आंध्र भोज’ भी कहा जाता है?
- देवराय प्रथम
- कृष्णदेव राय
- राम राय
- सदाशिव राय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: कृष्णदेव राय (शासनकाल 1509-1529 ई.) विजयनगर साम्राज्य के महानतम शासकों में से एक थे और उन्हें ‘आंध्र भोज’ के नाम से भी जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेव राय एक कुशल प्रशासक, महान सेनापति और कला तथा साहित्य के संरक्षक थे। उन्होंने तेलुगु साहित्य को बहुत बढ़ावा दिया और स्वयं एक विद्वान थे। उनके शासनकाल को विजयनगर साम्राज्य का स्वर्णकाल माना जाता है।
- गलत विकल्प: देवराय प्रथम ने तुंगभद्रा नदी पर बांध बनवाया था, राम राय ने तालीकोटा के युद्ध (1565 ई.) में नेतृत्व किया था, और सदाशिव राय के शासनकाल में ही तालीकोटा का युद्ध हुआ था।
प्रश्न 7: ‘रयतवाड़ी व्यवस्था’ की शुरुआत सर्वप्रथम मद्रास प्रेसीडेंसी में किस वर्ष हुई?
- 1793
- 1800
- 1820
- 1858
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: रयतवाड़ी व्यवस्था की शुरुआत मद्रास प्रेसीडेंसी में 1820 में हुई थी। हालांकि, इसके शुरुआती प्रयोग 1792 में मद्रास के बारामहल जिले में कैप्टन रीड द्वारा किए गए थे, लेकिन एक व्यवस्थित नीति के रूप में इसे 1820 में थॉमस मुनरो द्वारा लागू किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: रयतवाड़ी व्यवस्था में, सरकार सीधे किसानों (रयत) से कर वसूल करती थी, बिचौलियों को समाप्त कर दिया गया था। यह व्यवस्था ब्रिटिश भारत के लगभग 51% क्षेत्र में लागू की गई थी, जिसमें मद्रास, बॉम्बे, असम और कूर्ग शामिल थे।
- गलत विकल्प: 1793 में स्थायी बंदोबस्त (Settlement) की शुरुआत हुई थी। 1800 में लॉर्ड वेलेजली आए और 1858 में भारत सरकार अधिनियम पारित हुआ।
प्रश्न 8: 1857 के विद्रोह के दौरान कानपुर से इसका नेतृत्व किसने किया था?
- रानी लक्ष्मीबाई
- बेगम हजरत महल
- नाना साहब
- कुंवर सिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1857 के विद्रोह के दौरान कानपुर से विद्रोह का नेतृत्व नाना साहब ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहब ने अंग्रेजों द्वारा पेंशन बंद किए जाने और अन्य शिकायतों के कारण विद्रोह का झंडा उठाया। उनके सेनापति तात्या टोपे थे।
- गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से, बेगम हजरत महल ने लखनऊ से, और कुंवर सिंह ने जगदीशपुर (बिहार) से नेतृत्व किया था।
प्रश्न 9: ‘ठगी प्रथा’ के उन्मूलन से कौन सा ब्रिटिश अधिकारी संबंधित था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: लॉर्ड विलियम बेंटिंक (गवर्नर-जनरल 1828-1835) ठगी प्रथा के उन्मूलन से प्रमुख रूप से संबंधित थे।
- संदर्भ और विस्तार: कैप्टन स्लीमैन के प्रयासों से 1830 के दशक में ठगी प्रथा का सफलतापूर्वक दमन किया गया। ठग भारतीय उपमहाद्वीप में सक्रिय लुटेरों का एक संगठित समूह थे जो यात्रा करने वालों को लूटते और मारते थे।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी विलय की नीतियों के लिए जाने जाते हैं, लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय गवर्नर-जनरल थे, और लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल में बंगाल का विभाजन हुआ था।
प्रश्न 10: स्वदेशी आंदोलन की पहली औपचारिक घोषणा कब और कहाँ की गई थी?
- 1905, कलकत्ता
- 1905, ढाका
- 1906, बॉम्बे
- 1907, मद्रास
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: स्वदेशी आंदोलन की पहली औपचारिक घोषणा 7 अगस्त 1905 को कलकत्ता के टाउन हॉल में की गई थी, जो बंगाल के विभाजन के विरोध में शुरू हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन में विदेशी माल का बहिष्कार और भारतीय निर्मित वस्तुओं के उपयोग पर बल दिया गया। यह आंदोलन राष्ट्रवादी भावनाओं के प्रसार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
- गलत विकल्प: ढाका, बॉम्बे और मद्रास अन्य प्रमुख शहर थे जहाँ आंदोलन फैला, लेकिन घोषणा कलकत्ता से हुई थी।
प्रश्न 11: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कहाँ हुई थी?
- लंदन
- पेरिस
- सैन फ्रांसिस्को
- टोक्यो
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसके संस्थापक लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य भारतीय राष्ट्रवादी थे जो अमेरिका और कनाडा में बस गए थे। पार्टी का उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था, और इसका मुख्य प्रकाशन ‘गदर’ नामक साप्ताहिक समाचार पत्र था।
- गलत विकल्प: लंदन, पेरिस और टोक्यो भी भारतीय क्रांतिकारियों की गतिविधियों के केंद्र रहे थे, लेकिन गदर पार्टी की स्थापना सैन फ्रांसिस्को में हुई।
प्रश्न 12: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?
- 1928, कलकत्ता
- 1929, लाहौर
- 1930, कराची
- 1931, दिल्ली
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 में लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन के अध्यक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरू थे। इसी अधिवेशन में यह भी तय किया गया कि 26 जनवरी 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
- गलत विकल्प: कलकत्ता अधिवेशन (1928) में डोमिनियन स्टेटस की मांग की गई थी, कराची अधिवेशन (1930) में मौलिक अधिकारों का प्रस्ताव पारित हुआ, और दिल्ली अधिवेशन (1931) का महत्व उस समय की राजनीतिक परिस्थितियों के कारण था।
प्रश्न 13: 1947 में भारत विभाजन के समय ब्रिटिश भारत का वायसराय कौन था?
- लॉर्ड लिनलिथगो
- लॉर्ड वेवेल
- लॉर्ड माउंटबेटन
- लॉर्ड कैनिंग
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1947 में भारत के विभाजन के समय लॉर्ड माउंटबेटन भारत के वायसराय थे।
- संदर्भ और विस्तार: उन्हें भारतीय उपमहाद्वीप को स्वतंत्र करने और विभाजन की प्रक्रिया की देखरेख करने का काम सौंपा गया था। उन्होंने ही 3 जून 1947 को विभाजन योजना (माउंटबेटन योजना) प्रस्तुत की थी।
- गलत विकल्प: लॉर्ड लिनलिथगो 1936-1943 तक, लॉर्ड वेवेल 1943-1947 तक वायसराय रहे थे, जबकि लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय थे।
प्रश्न 14: ‘इंडियन रिपब्लिकन आर्मी’ का गठन किसने किया था?
- भगत सिंह
- चंद्रशेखर आजाद
- सूर्य सेन
- सुभाष चंद्र बोस
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘इंडियन रिपब्लिकन आर्मी’ (IRA) का गठन क्रांतिकारी सूर्य सेन ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: सूर्य सेन, जिन्हें ‘मास्टर दा’ के नाम से भी जाना जाता था, चटगांव शस्त्रागार पर हमले (1930) के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने IRA का गठन ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष के लिए किया था।
- गलत विकल्प: भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) से जुड़े थे, और सुभाष चंद्र बोस फॉरवर्ड ब्लॉक और INA के संस्थापक थे।
प्रश्न 15: भारत में पहला समाचार पत्र ‘द बंगाल गजट’ कब प्रकाशित हुआ?
- 1770
- 1780
- 1790
- 1800
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: भारत में पहला समाचार पत्र, ‘द बंगाल गजट’, 1780 में जेम्स ऑगस्टस हिक्की द्वारा प्रकाशित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक साप्ताहिक अंग्रेजी समाचार पत्र था जिसे कलकत्ता से प्रकाशित किया गया था। हालांकि, यह ज्यादा समय तक नहीं चल सका और ब्रिटिश सरकार द्वारा सेंसरशिप के कारण बंद कर दिया गया।
- गलत विकल्प: अन्य वर्ष जो समाचार पत्रों के प्रकाशन से जुड़े हैं, वे गलत हैं; 1780 ही सही वर्ष है।
प्रश्न 16: फ्रांसीसी क्रांति (1789) के मुख्य नारे क्या थे?
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- न्याय, समानता, समृद्धि
- लोकतंत्र, स्वतंत्रता, एकता
- गणतंत्र, बंधुत्व, सुरक्षा
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति का सबसे प्रसिद्ध नारा ‘Liberté, égalité, fraternité’ था, जिसका अर्थ है ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’।
- संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत फ्रांसीसी गणराज्य के आदर्श बन गए और आज भी फ्रांस के राष्ट्रीय आदर्शों का प्रतिनिधित्व करते हैं। क्रांति का उद्देश्य निरंकुश राजशाही और सामंती व्यवस्था को समाप्त कर एक नए, न्यायपूर्ण समाज का निर्माण करना था।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प आदर्शों को मिलाते हैं, लेकिन स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व ही मूल और सर्वमान्य नारा था।
प्रश्न 17: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) का तात्कालिक कारण क्या था?
- जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण
- फ्रांस और ब्रिटेन के बीच गठबंधन
- ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फर्डिनेंड की हत्या
- रूस का युद्ध से हटना
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 28 जून 1914 को साराजेवो (बोस्निया) में ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की हत्या थी, जो गैवरिलो प्रिंसिप नामक एक सर्बियाई राष्ट्रवादी द्वारा की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस घटना ने ऑस्ट्रिया-हंगरी को सर्बिया पर युद्ध घोषित करने के लिए प्रेरित किया, जिससे विभिन्न यूरोपीय देशों के गठबंधन सक्रिय हो गए और एक वैश्विक युद्ध शुरू हो गया।
- गलत विकल्प: जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण द्वितीय विश्व युद्ध का कारण बना, रूस युद्ध से 1917 में हटा था, और गठबंधन युद्ध के कारण थे, कारण नहीं।
प्रश्न 18: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किस मुगल बादशाह ने की थी?
- अकबर
- जहांगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: मुगल बादशाह अकबर ने 1582 ई. में ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म या धार्मिक व्यवस्था की शुरुआत की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के बीच समन्वय स्थापित करना और एक सर्व-समावेशी धार्मिक विचार को बढ़ावा देना था। इसमें एकेश्वरवाद (तौहीद-ए-इलाही) पर बल दिया गया था, और अकबर स्वयं इसके प्रमुख अनुयायी थे। इसे बिरबल ने स्वीकार किया था।
- गलत विकल्प: जहांगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने अपने-अपने शासनकाल में भिन्न धार्मिक और राजनीतिक नीतियाँ अपनाईं।
प्रश्न 19: ‘सिख धर्मग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब’ को कब अंतिम रूप दिया गया?
- 1604
- 1675
- 1708
- 1801
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: गुरु ग्रंथ साहिब को पांचवें सिख गुरु, गुरु अर्जुन देव द्वारा 1604 ई. में संकलित करके अंतिम रूप दिया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ सिख धर्म का पवित्र धर्मग्रंथ है, जिसमें गुरुओं की शिक्षाओं और अन्य संतों के उपदेश शामिल हैं। इसे आदि ग्रंथ भी कहा जाता है।
- गलत विकल्प: 1675 में गुरु तेग बहादुर का बलिदान हुआ, 1708 में गुरु गोबिंद सिंह ने गुरु ग्रंथ साहिब को ‘गुरु’ घोषित किया, और 1801 में महाराजा रणजीत सिंह ने लाहौर में राज्य की स्थापना की।
प्रश्न 20: चोल साम्राज्य की नौसेना का प्रमुख केंद्र कौन सा था?
- तंजावुर
- कांचीपुरम
- मदुरई
- पुहार
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: चोल साम्राज्य की नौसेना का प्रमुख केंद्र पुहार (कावेरीपट्टनम) था।
- संदर्भ और विस्तार: पुहार चोलों का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था और उनकी नौसैनिक शक्ति का आधार था, जिसने उन्हें दक्षिण पूर्व एशिया (जैसे श्रीलंका, मलय प्रायद्वीप) के साथ व्यापार और सैन्य अभियानों में सफलता दिलाई।
- गलत विकल्प: तंजावुर राजधानी थी, कांचीपुरम पांड्यों की राजधानी थी, और मदुरई एक महत्वपूर्ण शहर था, लेकिन पुहार नौसेना का प्रमुख केंद्र था।
प्रश्न 21: ‘कुतुब मीनार’ का निर्माण किस शासक के शासनकाल में पूरा हुआ?
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- इल्तुतमिश
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोजशाह तुगलक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: कुतुब मीनार का निर्माण कार्य कुतुबुद्दीन ऐबक ने शुरू किया था, लेकिन इसे इल्तुतमिश (शासनकाल 1211-1236 ई.) ने पूरा किया था।
- संदर्भ और विस्तार: ऐबक ने 1200 ई. में इसका निर्माण शुरू कराया था और पहली मंजिल बनवाई थी। इल्तुतमिश ने बाद में तीन और मंजिलें जुड़वाईं, जिससे यह पांच मंजिला हो गया। फिरोजशाह तुगलक ने भी इसकी मरम्मत और पुनर्निर्माण कराया था।
- गलत विकल्प: केवल कुतुबुद्दीन ऐबक से निर्माण शुरू हुआ, लेकिन पूर्ण इल्तुतमिश ने किया। अलाउद्दीन खिलजी और फिरोजशाह तुगलक का योगदान बाद का था।
प्रश्न 22: ‘महायान’ और ‘हीनयान’ बौद्ध धर्म की प्रमुख शाखाएँ हैं, यह भेद किस बौद्ध संगीति में स्पष्ट हुआ?
- प्रथम बौद्ध संगीति
- द्वितीय बौद्ध संगीति
- तृतीय बौद्ध संगीति
- चतुर्थ बौद्ध संगीति
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: महायान और हीनयान के बीच मतभेद चतुर्थ बौद्ध संगीति (कश्मीर में कनिष्क के संरक्षण में) में अधिक स्पष्ट हो गए थे।
- संदर्भ और विस्तार: यद्यपि मतभेद पहले से थे, चतुर्थ संगीति में महायान शाखा का प्रभाव बढ़ा और इसने अपने दर्शन को व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत किया। हीनयान (थेरवाद) वह शाखा है जो बुद्ध की मूल शिक्षाओं का पालन करती है, जबकि महायान ने बुद्ध को देवत्व प्रदान किया और बोधिसत्व की अवधारणा पेश की।
- गलत विकल्प: पहली तीन संगतियों में मुख्य रूप से संघ के अनुशासन और धर्मग्रंथों पर चर्चा हुई थी, न कि प्रमुख मतभेदों पर।
प्रश्न 23: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी?
- 1885
- 1890
- 1895
- 1900
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना ए.ओ. ह्यूम, एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी, द्वारा की गई थी। पहले अधिवेशन का आयोजन बॉम्बे (अब मुंबई) में हुआ था और इसके अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी थे।
- गलत विकल्प: अन्य वर्षों में कांग्रेस ने महत्वपूर्ण अधिवेशन किए, लेकिन स्थापना 1885 में ही हुई थी।
प्रश्न 24: ‘सती प्रथा’ को प्रतिबंधित करने वाला ब्रिटिश गवर्नर-जनरल कौन था?
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड कैनिंग
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने 1829 में राजा राम मोहन राय के प्रयासों से सती प्रथा को प्रतिबंधित करने वाला विनियमन (Regulation XVII) पारित किया।
- संदर्भ और विस्तार: यह भारतीय समाज सुधार के इतिहास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम था, जिसने महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाने में मदद की।
- गलत विकल्प: अन्य गवर्नर-जनरल भी महत्वपूर्ण सुधारों से जुड़े थे, लेकिन सती प्रथा का उन्मूलन बेंटिंक के कार्यकाल में हुआ।
प्रश्न 25: ‘लॉक्ड आउट’ (Locked Out) की घटना किस आंदोलन से संबंधित है?
- असहयोग आंदोलन
- सविनय अवज्ञा आंदोलन
- भारत छोड़ो आंदोलन
- साइमन कमीशन विरोधी आंदोलन
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘लॉक्ड आउट’ की घटना साइमन कमीशन विरोधी आंदोलन से जुड़ी है, विशेष रूप से 1928 में साइमन कमीशन के भारत आगमन के दौरान।
- संदर्भ और विस्तार: जब साइमन कमीशन भारत आया, तो पूरे देश में इसका विरोध हुआ। प्रदर्शनकारियों के नारों में “साइमन वापस जाओ” (Simon Go Back) प्रमुख था। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कई शहरों में पुलिस द्वारा बल प्रयोग किया गया और आंदोलनकारियों को ‘लॉक्ड आउट’ (बाधित या बंद कर दिया गया) किया गया। हालाँकि, यह शब्द प्रत्यक्ष रूप से किसी एक घटना से नहीं जुड़ा है, बल्कि विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने या नियंत्रित करने के व्यापक संदर्भ में प्रयोग किया जाता है। साइमन कमीशन के बहिष्कार का राष्ट्रीय आंदोलन में एक महत्वपूर्ण स्थान है।
- गलत विकल्प: असहयोग, सविनय अवज्ञा और भारत छोड़ो आंदोलन अलग-अलग समय पर और अलग-अलग कारणों से हुए।