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कालचक्र के पार: इतिहास की परीक्षा के लिए तैयार हो जाइए!

कालचक्र के पार: इतिहास की परीक्षा के लिए तैयार हो जाइए!

नमस्कार, युवा इतिहास के जिज्ञासुओं! आज हम समय के विशाल महासागर में एक रोमांचक यात्रा पर निकल रहे हैं। क्या आप प्राचीन सभ्यताओं की गहराइयों, मध्ययुगीन साम्राज्यों के वैभव और आधुनिक युग के उथल-पुथल के लिए तैयार हैं? अपनी तैयारी को परखने और अपने ज्ञान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का यह सुनहरा अवसर है। आइए, आज के इन 25 प्रश्नों के साथ इतिहास के दिग्गजों से मुठभेड़ करें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पाकालीन स्थल से “पक्की ईंटों का एक संलग्न जलाशय” (great bath) प्राप्त हुआ है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगा

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: मोहनजोदड़ो (वर्तमान पाकिस्तान में सिंध प्रांत में स्थित) से पक्की ईंटों से बना विशाल स्नानागार (Great Bath) प्राप्त हुआ है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली संरचनाओं में से एक है। इसे संभवतः अनुष्ठानिक स्नान के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इसके निर्माण में जिप्सम मोर्टार का प्रयोग किया गया था, जो इसकी जलरोधी क्षमता को बढ़ाता था। मोहनजोदड़ो को ‘मृतकों का टीला’ भी कहा जाता है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा से जॉन मार्शल को अन्नागार और कब्रिस्तान मिले। लोथल से बंदरगाह और युगल समाधि मिली, जबकि कालीबंगा से जूते हुए खेत के प्रमाण और अलंकृत ईंटें मिलीं।

प्रश्न 2: ऋग्वैदिक काल में ‘विस्पति’ (Vishpati) कौन होता था?

  1. कबीले का प्रमुख
  2. भूमि का स्वामी
  3. जन (समूह) का प्रमुख
  4. गांव का प्रधान

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ऋग्वैदिक समाज में ‘विस्पति’ (Vishpati) उस कबीले का प्रमुख होता था, जिसे ‘विश’ कहा जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: ऋग्वैदिक काल में समाज की सबसे छोटी इकाई ‘कुल’ (परिवार) थी, जिसके मुखिया को ‘गृहपति’ कहा जाता था। कई कुल मिलकर ‘ग्राम’ बनाते थे, जिसके मुखिया को ‘ग्रामणी’ कहते थे। कई ग्राम मिलकर ‘विश’ बनाते थे, जिसके प्रमुख को ‘विस्पति’ कहा जाता था, और कई विश मिलकर ‘जन’ बनाते थे, जिसके प्रमुख को ‘जनपति’ कहते थे।
  • गलत विकल्प: ‘भूमि का स्वामी’ और ‘गांव का प्रधान’ (ग्रामणी) क्रमशः बाद के या अलग अर्थ वाले पद हैं। ‘जन’ का प्रमुख ‘जनपति’ होता था, न कि ‘विस्पति’।

प्रश्न 3: मौर्य काल में ‘अमुक्त’ (Amukta) वस्त्रों का क्या अर्थ था?

  1. ऊन से बुने वस्त्र
  2. रेशम से बुने वस्त्र
  3. पशुओं की खाल से बने वस्त्र
  4. ऐसे वस्त्र जो बिना सिलाए पहने जाते थे

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: मौर्य काल में ‘अमुक्त’ (Amukta) शब्द का प्रयोग ऐसे वस्त्रों के लिए किया जाता था जिन्हें बिना सिलाए ही पहना जाता था, जैसे कि अधोवस्त्र (धोती) या उत्तरवस्त्र (शॉल)।
  • संदर्भ और विस्तार: मौर्य काल (322-185 ईसा पूर्व) में सामाजिक और आर्थिक जीवन काफी विकसित था। वस्त्रों के निर्माण में सूती, ऊनी और रेशमी धागों का प्रयोग होता था। ‘अमुक्त’ के अलावा, ‘उत्तरीय’ (ऊपरी वस्त्र) और ‘अधोवस्त्र’ (नीचे पहनने का वस्त्र) भी प्रचलित थे। अर्थशास्त्र में भी वस्त्रों के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख मिलता है।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प वस्त्रों के निर्माण की सामग्री या विधि बताते हैं, न कि उनके पहनने के तरीके को।

प्रश्न 4: प्रसिद्ध ‘तक्षशिला विश्वविद्यालय’ किस काल में ज्ञान का एक प्रमुख केंद्र था?

  1. मौर्य काल
  2. गुप्त काल
  3. हर्षवर्धन काल
  4. सिंधु घाटी सभ्यता

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: तक्षशिला विश्वविद्यालय, जो वर्तमान पाकिस्तान में स्थित था, मौर्य काल (और उससे भी पहले) में ज्ञान का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय केंद्र था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह विश्वविद्यालय विभिन्न विषयों जैसे वेद, व्याकरण, दर्शन, चिकित्सा, खगोल विज्ञान, गणित, अर्थशास्त्र, राजनीति, युद्ध कला आदि की शिक्षा प्रदान करता था। कौटिल्य (चाणक्य) यहीं के एक प्रसिद्ध आचार्य थे। सिकंदर के समकालीन कई यूनानी लेखकों ने इसका उल्लेख किया है।
  • गलत विकल्प: गुप्त काल (चौथी से छठी शताब्दी ईस्वी) में नालंदा विश्वविद्यालय का उत्कर्ष हुआ। हर्षवर्द्धन काल (सातवीं शताब्दी ईस्वी) में भी नालंदा प्रमुख था। सिंधु घाटी सभ्यता शहरीकरण के लिए जानी जाती है, न कि बड़े विश्वविद्यालयों के लिए।

प्रश्न 5: प्रसिद्ध ‘संगम साहित्य’ किस दक्षिण भारतीय राजवंश के शासनकाल में रचा गया?

  1. पल्लव
  2. चोल
  3. पांड्य
  4. चेर

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: संगम साहित्य, जो तमिल भाषा में रचा गया, मुख्यतः पांड्य (Pandya) राजवंश के शासनकाल (ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी से ईस्वी तीसरी शताब्दी तक) के दौरान फला-फूला।
  • संदर्भ और विस्तार: संगम साहित्य को तीन संगमों में विभाजित किया गया है, जो मदुरै (पांड्य राजधानी) में आयोजित किए गए थे। इस साहित्य में तत्कालीन समाज, संस्कृति, राजनीति और जीवन शैली का विशद वर्णन मिलता है। इसमें ‘तोल्काप्पियम’, ‘एट्टुत्तोगई’ (आठ काव्य संग्रह) और ‘पतुप्पट्टु’ (दस इडीली) जैसी महत्वपूर्ण रचनाएं शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: पल्लव (चौथी से आठवीं शताब्दी) और चोल (नौवीं से बारहवीं शताब्दी) बाद के राजवंश थे, जिनके काल में भी साहित्य रचा गया, लेकिन संगम साहित्य मुख्यतः पांड्यों से जुड़ा है। चेर भी समकालीन थे, लेकिन पांड्यों का योगदान इसमें अधिक प्रमुख रहा।

प्रश्न 6: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ (कृषि विभाग) की स्थापना की थी?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. मुहम्मद बिन तुगलक

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: दिल्ली सल्तनत के तुगलक वंश के शासक मुहम्मद बिन तुगलक (शासनकाल 1325-1351 ई.) ने कृषि के विकास और सुधार के लिए ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक नए कृषि विभाग की स्थापना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस विभाग का मुख्य उद्देश्य किसानों को सीधे सहायता देना, बंजर भूमि को खेती योग्य बनाना और कृषि उत्पादन को बढ़ाना था। उन्होंने किसानों को ऋण (सौंंदर या तक्वी) भी प्रदान किए। हालांकि, उनकी कई कृषि सुधार योजनाएं सफल नहीं हो सकीं।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीस सरदारों का दल’ (चेहलगानी) का गठन किया। बलबन ने राजत्व के सिद्धांत पर बल दिया और ‘चेहलगानी’ को समाप्त किया। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और प्रशासनिक सुधारों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया।

प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था, जिसने ‘अष्टदिग्गज’ के संरक्षण के लिए जाना जाता है?

  1. देवराय प्रथम
  2. देवराय द्वितीय
  3. कृष्णदेव राय
  4. सदाशिव राय

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: विजयनगर साम्राज्य के सबसे प्रतापी शासक कृष्णदेव राय (शासनकाल 1509-1529 ई.) को उनके दरबार में तेलुगु साहित्य के आठ महान कवियों के समूह, जिन्हें ‘अष्टदिग्गज’ कहा जाता था, के संरक्षण के लिए जाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेव राय स्वयं एक विद्वान, कवि और लेखक थे। उन्होंने ‘आमुक्तमाल्यदा’ नामक तेलुगु महाकाव्य की रचना की। उनके शासनकाल में विजयनगर का कला, साहित्य और वास्तुकला के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ। उन्होंने उड़ीसा के गजपति शासकों को परास्त किया और बहमनी सुल्तानों के साथ भी युद्ध किए।
  • गलत विकल्प: देवराय प्रथम ने इटली के यात्री निकोलो कोंटी का स्वागत किया था। देवराय द्वितीय ‘इम्मैडी देवराय’ के नाम से जाने जाते थे और उन्होंने साहित्य को भी संरक्षण दिया। सदाशिव राय के समय में तालीकोटा का युद्ध (1565 ई.) हुआ था।

प्रश्न 8: ‘सूफीवाद’ का सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत क्या है?

  1. इस्लाम की शरिया (कानून) का कठोर पालन
  2. ईश्वर के प्रति प्रेम और भक्ति के माध्यम से मोक्ष
  3. ईश्वर के अलावा किसी अन्य को न पूजना
  4. धार्मिक अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों का पालन

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: सूफीवाद, जो इस्लाम का एक रहस्यवादी (mystical) आंदोलन है, का केंद्रीय सिद्धांत ईश्वर के प्रति गहन प्रेम और भक्ति के माध्यम से आध्यात्मिक मिलन या मोक्ष प्राप्त करना है।
  • संदर्भ और विस्तार: सूफी संत ईश्वर की एकता में विश्वास करते थे और मानवता की सेवा को महत्व देते थे। वे बाहरी कर्मकांडों के बजाय आंतरिक शुद्धि, आत्म-नियंत्रण और हृदय की पवित्रता पर जोर देते थे। उन्होंने अपने अनुयायियों के लिए कई ‘सिलसिले’ (परंपराएं) स्थापित कीं, जैसे चिश्ती, कादिरी, नक्शबंदी आदि।
  • गलत विकल्प: जबकि सूफी इस्लाम का हिस्सा हैं, वे शरिया के कठोर शाब्दिक अर्थ के बजाय उसके आध्यात्मिक अर्थ पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं। ईश्वर के अलावा किसी अन्य को न पूजना (तौहीद) सभी मुसलमानों के लिए है, लेकिन सूफीवाद में प्रेम एक विशिष्ट तत्व है। धार्मिक अनुष्ठानों का पालन भी होता है, पर व्यक्तिगत अनुभव अधिक महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 9: 1793 ई. में लॉर्ड कार्नवालिस द्वारा लागू की गई ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) व्यवस्था के तहत, कंपनी को भू-राजस्व किस दर से निश्चित किया गया था?

  1. लगभग 90%
  2. लगभग 80%
  3. लगभग 60%
  4. लगभग 50%

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: 1793 ई. में लॉर्ड कार्नवालिस द्वारा बंगाल, बिहार, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में लागू की गई ‘स्थायी बंदोबस्त’ व्यवस्था के तहत, कंपनी को कृषकों से वसूल किए जाने वाले कुल राजस्व का लगभग 80% (उत्पाद का 89% या 10/11वां हिस्सा) निश्चित भू-राजस्व के रूप में प्राप्त होता था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस व्यवस्था के तहत, जमींदारों को भूमि का मालिक बना दिया गया और उनसे अपेक्षा की गई कि वे निश्चित तिथि तक कंपनी को निश्चित राशि जमा करा दें। शेष राशि (लगभग 10% या 1/11वां हिस्सा) उन्हें अपने पास रखनी थी, जो लाभ का हिस्सा था। यह व्यवस्था कंपनी के लिए राजस्व का एक स्थिर स्रोत सुनिश्चित करती थी।
  • गलत विकल्प: निश्चित की गई दर 80% थी, न कि 90%, 60% या 50%।

प्रश्न 10: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड कैनिंग
  3. लॉर्ड लिटन
  4. लॉर्ड डफरिन

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: 1857 के भारतीय विद्रोह (सिपाही विद्रोह) के समय भारत के गवर्नर-जनरल लॉर्ड कैनिंग थे।
  • संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कैनिंग (1856-1862) वह गवर्नर-जनरल थे जिनके कार्यकाल में 1857 का विद्रोह हुआ। इसी विद्रोह के परिणामस्वरूप, भारत का शासन ब्रिटिश क्राउन के अधीन आ गया और गवर्नर-जनरल का पद वायसराय के पद में बदल गया, और लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय बने।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी (1848-1856) के कार्यकाल के अंत में विद्रोह की पृष्ठभूमि तैयार हुई थी। लॉर्ड लिटन (1876-1880) के समय वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट और आर्म्स एक्ट आया। लॉर्ड डफरिन (1884-1888) के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई थी।

प्रश्न 11: ‘नील दर्पण’ (Nil Darpan) नामक नाटक के लेखक कौन थे, जो नील की खेती करने वाले किसानों के दुखों का चित्रण करता है?

  1. बंकिम चंद्र चटर्जी
  2. रवींद्रनाथ टैगोर
  3. दीनबंधु मित्र
  4. ईश्वर चंद्र विद्यासागर

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘नील दर्पण’ नामक प्रसिद्ध नाटक के लेखक दीनबंधु मित्र थे। इस नाटक में 19वीं सदी के मध्य में बंगाल के नील बागान मालिकों द्वारा भारतीय किसानों पर किए गए अत्याचारों और शोषण का सजीव चित्रण किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नाटक 1860 में प्रकाशित हुआ था और इसने नील विद्रोह (1859-1860) के समय आम लोगों और बुद्धिजीवियों को प्रभावित किया। यह नाटक अंग्रेजी में भी अनुवादित हुआ और इसने ब्रिटिश सरकार पर किसानों की स्थिति सुधारने का दबाव बनाया।
  • गलत विकल्प: बंकिम चंद्र चटर्जी ‘आनंदमठ’ के लेखक थे। रवींद्रनाथ टैगोर ने ‘गोरा’ और ‘गीतांजलि’ जैसे साहित्य की रचना की। ईश्वर चंद्र विद्यासागर एक प्रमुख समाज सुधारक थे।

प्रश्न 12: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना किस वर्ष हुई थी?

  1. 1857
  2. 1885
  3. 1905
  4. 1919

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना स्कॉटिश अधिकारी ए.ओ. ह्यूम (Allan Octavian Hume) की पहल पर हुई थी, और इसके पहले अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी (W.C. Banerjee) थे। यह भारत में एक प्रमुख राजनीतिक दल के रूप में उभरा जिसने स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया। पहली बैठक बॉम्बे (अब मुंबई) के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत पाठशाला में हुई थी।
  • गलत विकल्प: 1857 विद्रोह का वर्ष है। 1905 में बंगाल का विभाजन हुआ। 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड और रॉलेट एक्ट आया।

प्रश्न 13: ‘गांधी-इरविन समझौता’ (Gandhi-Irwin Pact) कब हुआ था?

  1. 1920
  2. 1925
  3. 1930
  4. 1931

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस समझौते पर महात्मा गांधी और भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हस्ताक्षर किए गए थे। यह सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil Disobedience Movement) को स्थगित करने के बदले में किया गया था, जिसमें ब्रिटिश सरकार ने राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और कुछ आंदोलनकारियों की संपत्ति वापस करने का वादा किया था। इस समझौते के परिणामस्वरूप गांधीजी लंदन में दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने को सहमत हुए।
  • गलत विकल्प: 1920 में असहयोग आंदोलन की शुरुआत हुई। 1925 में काकोरी षड्यंत्र केस हुआ। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुई थी।

प्रश्न 14: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (Quit India Movement) का प्रस्ताव कांग्रेस के किस अधिवेशन में पारित किया गया?

  1. लाहौर अधिवेशन (1929)
  2. रामगढ़ अधिवेशन (1940)
  3. बॉम्बे अधिवेशन (1942)
  4. फैजपुर अधिवेशन (1936)

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव 8 अगस्त 1942 को मुंबई (तत्कालीन बंबई) में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में पारित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में महात्मा गांधी द्वारा दिए गए “करो या मरो” (Do or Die) के नारे ने आंदोलन को नई दिशा दी। यह आंदोलन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश शासन को समाप्त करने की मांग के साथ शुरू किया गया था। इसके तुरंत बाद, कांग्रेस के कई प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।
  • गलत विकल्प: लाहौर अधिवेशन (1929) में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित हुआ। रामगढ़ अधिवेशन (1940) में व्यक्तिगत सत्याग्रह का प्रस्ताव स्वीकार किया गया। फैजपुर अधिवेशन (1936) ग्रामीण भारत में आयोजित पहला कांग्रेस अधिवेशन था।

प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सा कार्य लॉर्ड कर्जन (1905) के कार्यकाल से संबंधित नहीं है?

  1. बंगाल का विभाजन
  2. पुलिस सुधार
  3. भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम
  4. नमक अधिनियम

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘नमक अधिनियम’ (Salt Act) का लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल (1899-1905) से सीधा संबंध नहीं है। नमक पर करों का इतिहास ब्रिटिश काल में पुराना रहा है, और नमक से संबंधित कई अधिनियम आए, लेकिन 1905 में बंगाल विभाजन के बाद कर्जन के कार्यकाल से इसका सीधा जुड़ाव नहीं है।
  • संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कर्जन का कार्यकाल कई महत्वपूर्ण और विवादास्पद कार्यों के लिए जाना जाता है, जिनमें 1905 में बंगाल का विभाजन, 1904 में भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 1902 में थॉमस रैले की अध्यक्षता में पुलिस आयोग का गठन और उसके सुझावों का कार्यान्वयन, पुरातत्व सर्वेक्षण अधिनियम (1904) आदि प्रमुख हैं।
  • गलत विकल्प: बंगाल का विभाजन, पुलिस सुधार और भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम सभी लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल की महत्वपूर्ण घटनाएं हैं।

प्रश्न 16: ‘स्वदेशी आंदोलन’ का प्रमुख नारा क्या था?

  1. पूर्ण स्वराज
  2. एक राष्ट्र, एक भाषा
  3. स्वदेशी का बहिष्कार, स्वदेशी का अर्जन
  4. जय जवान, जय किसान

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘स्वदेशी आंदोलन’ (1905-1908), जो बंगाल विभाजन के विरोध में शुरू हुआ था, का प्रमुख नारा ‘बहिष्कार और स्वदेशी’ था, जिसका अर्थ था ब्रिटिश वस्तुओं का बहिष्कार करना और अपने देश में निर्मित वस्तुओं (स्वदेशी) का अधिक से अधिक प्रयोग करना।
  • संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन ने भारतीय उद्योग, हस्तशिल्प और शिक्षा को बढ़ावा दिया। इसने राजनीतिक चेतना फैलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ‘स्वदेशी’ केवल वस्तुओं के प्रयोग तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें राष्ट्रीय शिक्षा, राष्ट्रीय उद्यम और राष्ट्रीय संस्कृति को बढ़ावा देना भी शामिल था।
  • गलत विकल्प: ‘पूर्ण स्वराज’ का नारा 1929 के लाहौर अधिवेशन से जुड़ा है। ‘एक राष्ट्र, एक भाषा’ का नारा हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के संदर्भ में बाद में आया। ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा लाल बहादुर शास्त्री ने दिया था।

प्रश्न 17: भारतीय संविधान के निर्माण में ‘प्रारूप समिति’ (Drafting Committee) के अध्यक्ष कौन थे?

  1. जवाहरलाल नेहरू
  2. सरदार वल्लभभाई पटेल
  3. डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
  4. डॉ. राजेंद्र प्रसाद

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: भारतीय संविधान की ‘प्रारूप समिति’ के अध्यक्ष डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर थे।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रारूप समिति का गठन 29 अगस्त 1947 को किया गया था और इसका मुख्य कार्य संविधान का मसौदा तैयार करना था। इसमें कुल सात सदस्य थे, लेकिन डॉ. अम्बेडकर इसके सबसे प्रमुख सदस्य थे और संविधान को अंतिम रूप देने में उनका योगदान अमूल्य था। वे भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पी माने जाते हैं।
  • गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू संघ संविधान समिति के अध्यक्ष थे। सरदार पटेल मूल अधिकारों पर समिति और राज्यों पर समिति के अध्यक्ष थे। डॉ. राजेंद्र प्रसाद संचालन समिति के अध्यक्ष थे।

प्रश्न 18: ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ (Servants of India Society) की स्थापना किसने की थी?

  1. महात्मा गांधी
  2. स्वामी विवेकानंद
  3. गोपाल कृष्ण गोखले
  4. बाल गंगाधर तिलक

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना 1905 ई. में गोपाल कृष्ण गोखले ने पुणे में की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संस्था का उद्देश्य भारत के लोगों की सेवा करना, भारतीयों को आत्मनिर्भर बनाना और देश के लिए काम करने वाले राष्ट्रीय कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण करना था। गोखले, जो एक उदारवादी नेता थे, सामाजिक सुधार और राष्ट्रीय शिक्षा पर बहुत जोर देते थे।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने ‘सेवाग्राम आश्रम’ की स्थापना की थी। स्वामी विवेकानंद ने ‘रामकृष्ण मिशन’ की स्थापना की थी। बाल गंगाधर तिलक ने ‘डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी’ की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

प्रश्न 19: फ्रांस की क्रांति (1789) का प्रमुख नारा क्या था?

  1. समानता, स्वतंत्रता, भ्रातृत्व
  2. नस्लवाद नहीं, मानवता
  3. स्वतंत्रता, समानता, शांति
  4. स्वतंत्रता, गरिमा, न्याय

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: फ्रांस की क्रांति (1789) का उद्घोष “स्वतंत्रता, समानता, भ्रातृत्व” (Liberté, égalité, fraternité) था, जिसने क्रांति के आदर्शों को परिभाषित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नारा क्रांति के दौरान फ्रांसीसी गणराज्य का प्रतीक बन गया और आज भी फ्रांस के आदर्श वाक्य के रूप में प्रतिष्ठित है। इसने पूरे यूरोप और दुनिया में लोकशाही, मानवाधिकार और राष्ट्रीयता के विचारों को प्रेरित किया।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प आधुनिक नारे हो सकते हैं, लेकिन फ्रांस की क्रांति के लिए विशिष्ट नारा “स्वतंत्रता, समानता, भ्रातृत्व” ही है।

प्रश्न 20: औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) का प्रारंभ सर्वप्रथम किस देश में हुआ?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. फ्रांस
  3. जर्मनी
  4. ग्रेट ब्रिटेन

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: औद्योगिक क्रांति का प्रारंभ सर्वप्रथम 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ग्रेट ब्रिटेन (इंग्लैंड) में हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: यह एक ऐसा परिवर्तनकारी काल था जब उत्पादन की विधियों में भारी बदलाव आया। नई मशीनों (जैसे स्टीम इंजन, स्पिनिंग जेनी, पावर लूम) के आविष्कार और कारखानों की स्थापना से बड़े पैमाने पर उत्पादन संभव हुआ। इसके परिणामस्वरूप शहरीकरण, जनसंख्या वृद्धि और नए सामाजिक वर्गों (जैसे पूंजीपति और श्रमिक वर्ग) का उदय हुआ।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी में औद्योगिकीकरण बाद में फैला, हालांकि उन्होंने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रश्न 21: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) का तात्कालिक कारण क्या था?

  1. जर्मनी का ऑस्ट्रिया पर आक्रमण
  2. सर्बियाई राष्ट्रवाद का उदय
  3. ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फर्डिनेंड की हत्या
  4. रूस का जर्मनी के विरुद्ध युद्ध की घोषणा

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 28 जून 1914 को साराजेवो में ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फर्डिनेंड और उनकी पत्नी सोफी की सेर्बियन राष्ट्रवादी संगठन ‘ब्लैक हैंड’ के सदस्य गैवरिलो प्रिंसिपल द्वारा हत्या थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस घटना ने यूरोप में तनाव बढ़ा दिया, जिसके कारण ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया पर युद्ध की घोषणा कर दी। इसके बाद, विभिन्न देशों के बीच गठबंधनों (जैसे ट्रिपल एलायंस और ट्रिपल एंटेंटे) के कारण, यह संघर्ष तेजी से एक विश्व युद्ध में बदल गया। हालांकि, इसके पीछे साम्राज्यवाद, सैन्यवाद, गुप्त संधियां और राष्ट्रवाद जैसे गहरे कारण भी थे।
  • गलत विकल्प: जर्मनी का ऑस्ट्रिया पर आक्रमण (यह अप्रत्यक्ष परिणाम था) या सर्बियाई राष्ट्रवाद (गहरा कारण था) तात्कालिक कारण नहीं थे, बल्कि फर्डिनेंड की हत्या ही तत्कालीन घटना थी जिसने श्रृंखला शुरू की। रूस ने ऑस्ट्रिया के विरुद्ध हस्तक्षेप किया, जो इसके बाद की घटना है।

प्रश्न 22: ‘अस्पृश्यता’ के उन्मूलन के लिए महात्मा गांधी द्वारा स्थापित संगठन का क्या नाम था?

  1. सर्वोदय समाज
  2. हरिजन सेवक संघ
  3. ग्रामोद्योग संघ
  4. अभिनव भारत

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: महात्मा गांधी ने ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) को समाप्त करने के उद्देश्य से 1932 में ‘हरिजन सेवक संघ’ की स्थापना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: गांधीजी हरिजन (जिन्हें वे ईश्वर के लोग कहते थे) के उत्थान के लिए गहराई से प्रतिबद्ध थे और उन्होंने इसे भारतीय समाज की एक प्रमुख बुराई माना। इस संघ का उद्देश्य अस्पृश्यों के लिए शिक्षा, स्वच्छता और सामाजिक समानता को बढ़ावा देना था। उन्होंने ‘हरिजन’ नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र भी निकाला।
  • गलत विकल्प: सर्वोदय समाज (विनोबा भावे से संबंधित) विनोबा भावे द्वारा स्थापित था। ग्रामोद्योग संघ (खादी और ग्रामोद्योग आयोग) भी बाद में स्थापित हुआ। अभिनव भारत एक क्रांतिकारी संगठन था।

प्रश्न 23: ‘लॉर्ड विलियम बेंटिंक’ को भारतीय इतिहास में क्यों याद किया जाता है?

  1. सती प्रथा का अंत
  2. पेशावर को ब्रिटिश साम्राज्य में मिलाना
  3. रणनीतिक आरक्षित निधि (Doctrine of Lapse) का आरंभ
  4. प्रथम अफीम युद्ध को प्रोत्साहित करना

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: लॉर्ड विलियम बेंटिंक (1828-1835) को मुख्य रूप से 1829 में राजा राम मोहन राय के सहयोग से ‘सती प्रथा’ को समाप्त करने के लिए याद किया जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण सुधार हुए, जिसमें ठगी प्रथा का दमन, कन्या भ्रूण हत्या पर रोक और शिक्षा का पश्चिमीकरण (1835 का मैकॉले का प्रस्ताव) शामिल है। सती प्रथा का अंत भारतीय समाज सुधार के इतिहास में एक मील का पत्थर था।
  • गलत विकल्प: पेशावर को मिलाना या प्रथम अफीम युद्ध (जो डलहौजी और लॉर्ड एलिनबरो के काल में हुए) से उनका संबंध नहीं है। ‘रणनीतिक आरक्षित निधि’ (Doctrine of Lapse) लॉर्ड डलहौजी की नीति थी।

प्रश्न 24: 1906 में मुस्लिम लीग की स्थापना कहाँ हुई थी?

  1. लखनऊ
  2. अलीगढ़
  3. ढाका
  4. कराची

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: अखिल भारतीय मुस्लिम लीग (All-India Muslim League) की स्थापना 1906 में ढाका (जो उस समय ब्रिटिश भारत का हिस्सा था, अब बांग्लादेश की राजधानी है) में हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना आगा खान तृतीय, नवाब मोहमद अली मिंटो (भारत के तत्कालीन वायसराय) के समर्थन से हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय मुसलमानों के राजनीतिक अधिकारों की रक्षा करना और ब्रिटिश सरकार के प्रति वफादारी बनाए रखना था। इस संगठन ने अंततः भारत के विभाजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • गलत विकल्प: लखनऊ (1916 में कांग्रेस-लीग समझौता हुआ), अलीगढ़ (अलीगढ़ आंदोलन का केंद्र) और कराची (पाकिस्तान का प्रमुख शहर) मुस्लिम लीग की स्थापना के स्थान नहीं थे।

प्रश्न 25: ‘दांडी मार्च’ (Dandi March) या ‘नमक सत्याग्रह’ (Salt Satyagraha) कब शुरू हुआ था?

  1. 12 मार्च 1930
  2. 6 अप्रैल 1930
  3. 30 जनवरी 1930
  4. 5 मार्च 1931

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी (गुजरात) तक 241 मील की ‘दांडी मार्च’ की शुरुआत की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस मार्च का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए नमक कानून का उल्लंघन करना था, क्योंकि नमक पर एकाधिकार और उस पर कर लगाना जन सामान्य के लिए एक बड़ा अन्याय था। 6 अप्रैल 1930 को, गांधीजी ने दांडी पहुँचकर मुट्ठी भर नमक उठाकर कानून तोड़ा और सविनय अवज्ञा आंदोलन की विधिवत शुरुआत की।
  • गलत विकल्प: 6 अप्रैल 1930 को नमक कानून तोड़ा गया था, न कि मार्च शुरू हुआ था। 30 जनवरी 1930 को साइमन कमीशन के विरोध में लाला लाजपत राय की मृत्यु हुई थी, जो एक अलग घटना थी। 5 मार्च 1931 को गांधी-इरविन समझौता हुआ था।

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