कालचक्र का सफ़र: आपकी दैनिक इतिहास चुनौती!
आइए, इतिहास की गहराइयों में उतरें और अपने ज्ञान की मशाल जलाएं! आज की 25 सवालों की इस यात्रा में, हम प्राचीन भारत से लेकर विश्व युद्धों तक, हर कालखंड की झलक देखेंगे। क्या आप तैयार हैं बीते हुए कल के रहस्यों को सुलझाने के लिए? चलिए, शुरू करते हैं!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से जुताई वाले खेत का सबसे पहला साक्ष्य मिला है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- कालीबंगन
- धौलावीरा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: कालीबंगन (राजस्थान) हड़प्पा सभ्यता का वह स्थल है जहाँ से जुताई वाले खेत का सबसे पहला और स्पष्ट साक्ष्य प्राप्त हुआ है।
- संदर्भ और विस्तार: कालीबंगन से प्राप्त अवशेषों में खेत की जुताई के निशान (ploughed field) मिले हैं, जो इसके प्राचीन कृषि महत्व को दर्शाते हैं। यहाँ से एक साथ दो फ़सलों को उगाने (जैसे गेहूँ और सरसों) का भी प्रमाण मिलता है। चूँकि यह सैंधव सभ्यता (सिंधु घाटी सभ्यता) का भाग है, इसलिए यह पुरातात्विक खोज अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो प्रमुख सैंधव शहर थे जहाँ से महत्वपूर्ण अवशेष मिले हैं, लेकिन जुताई वाले खेत का पहला साक्ष्य कालीबंगन से ही मिला है। धौलावीरा (गुजरात) अपने जल प्रबंधन और बड़े शिलालेखों के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 2: ‘रैयतवाड़ी’ प्रणाली में, किसानों से सीधे भूमि कर वसूल किया जाता था। इस प्रणाली की शुरुआत किन क्षेत्रों में हुई?
- बंगाल और बिहार
- पंजाब और सिंध
- मद्रास और बॉम्बे
- उत्तर प्रदेश और अवध
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: रैयतवाड़ी प्रणाली की शुरुआत दक्षिण भारत में, विशेषकर मद्रास प्रेसीडेंसी और बॉम्बे प्रेसीडेंसी के कुछ हिस्सों में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रणाली ब्रिटिश भारत में लागू की गई भूमि राजस्व प्रणालियों में से एक थी। इसमें ब्रिटिश सरकार सीधे कृषक (रैयत) से भूमि कर वसूल करती थी, जिससे बिचौलियों को हटा दिया गया था। सर थॉमस मुनरो ने मद्रास प्रेसीडेंसी में 1820 के दशक में इसका बड़े पैमाने पर विस्तार किया।
- गलत विकल्प: बंगाल और बिहार में स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) लागू था, जहाँ जमींदार किसानों से कर वसूलते थे। पंजाब और सिंध पर बाद में इसका प्रभाव पड़ा, लेकिन इसकी शुरुआत मद्रास और बॉम्बे से हुई।
प्रश्न 3: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त प्रथम
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह उपाधि प्रसिद्ध इतिहासकार वी. ए. स्मिथ द्वारा दी गई थी। समुद्रगुप्त एक महान योद्धा और कुशल प्रशासक था, जिसने अपने शासनकाल में उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक कई राज्यों पर विजय प्राप्त की। उसके सिक्कों पर उसे ‘पराक्रमी’ और ‘सार्वभौम’ जैसे उपाधियों से भी नवाजा गया है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रश्न 4: 1916 में लखनऊ में हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग के अधिवेशन की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि क्या थी?
- भारत के लिए डोमिनियन स्टेटस की मांग
- दोनों दलों के बीच ‘लखनऊ समझौते’ पर हस्ताक्षर
- साइमन कमीशन का बहिष्कार
- पूर्ण स्वराज की घोषणा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: 1916 के लखनऊ अधिवेशन में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच ‘लखनऊ समझौते’ पर हस्ताक्षर हुए, जिसे ‘कांग्रेस-लीग योजना’ के नाम से भी जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस समझौते के तहत, कांग्रेस ने मुसलमानों के लिए सांप्रदायिक निर्वाचन (separate electorates) को स्वीकार कर लिया, और लीग ने स्वशासन (self-government) की मांग का समर्थन किया। यह घटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर थी, जिसने दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच एकता को बढ़ावा दिया, भले ही यह अल्पकालिक रहा।
- गलत विकल्प: डोमिनियन स्टेटस की मांग बाद में प्रमुखता से उठी (जैसे 1929 की पूर्ण स्वराज की मांग से पहले)। साइमन कमीशन का बहिष्कार 1927-28 में हुआ। पूर्ण स्वराज की घोषणा 1929 में की गई थी।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सा सुल्तानों का मकबरा ‘अष्टभुजीय’ (octagonal) शैली का उदाहरण है?
- बलबन का मकबरा
- अलाउद्दीन खिलजी का मकबरा
- इल्तुतमिश का मकबरा
- शेर शाह सूरी का मकबरा
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: शेर शाह सूरी का मकबरा (सासाराम, बिहार) अष्टभुजीय शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- संदर्भ और विस्तार: यह मकबरा भारतीय-इस्लामिक वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण स्मारक है, जो भारतीय और फारसी शैलियों का मिश्रण दिखाता है। इसकी अष्टभुजीय (आठ कोनों वाली) बनावट इसे दिल्ली सल्तनत के मकबरों से अलग करती है। यह अपने समय की वास्तुकला की सबसे परिष्कृत कृतियों में से एक माना जाता है।
- गलत विकल्प: बलबन, इल्तुतमिश और अलाउद्दीन खिलजी के मकबरे आम तौर पर चौकोर या आयातकार आधार वाले थे और उनमें इतनी प्रमुख अष्टभुजीय शैली का अभाव था।
प्रश्न 6: फ्रांस की क्रांति (1789) का तात्कालिक कारण क्या था?
- अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में फ्रांस की भागीदारी
- रूस की क्रांति
- आर्थिक संकट और भारी कर
- औद्योगिक क्रांति
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: फ्रांस की क्रांति का तात्कालिक कारण देश का गंभीर आर्थिक संकट और जनता पर लगाया गया भारी कर था।
- संदर्भ और विस्तार: लुई सोलहवें के शासनकाल में फ्रांस भारी कर्ज में डूबा हुआ था, जिसका एक बड़ा कारण अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में फ्रांस की भागीदारी थी। खराब फसल, बढ़ती महंगाई और करों का असमान वितरण (जहां आम जनता पर सबसे अधिक बोझ था) ने जनता में भारी असंतोष पैदा किया। नेशनल असेंबली का गठन और बास्तील के किले पर हमला इसी असंतोष का परिणाम था।
- गलत विकल्प: अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम ने फ्रांस के वित्तीय संकट को बढ़ाया, लेकिन यह स्वयं क्रांति का तात्कालिक कारण नहीं था। रूस की क्रांति 1917 में हुई। औद्योगिक क्रांति यूरोप के कई देशों में फैली, लेकिन फ्रांस की क्रांति को इसका सीधा तात्कालिक कारण नहीं माना जाता।
प्रश्न 7: ‘अमुक्तमाल्यद’ नामक महाकाव्य के लेखक कौन हैं?
- कल्हण
- सोमदेव
- कृष्णदेवराय
- तुलसीदास
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘अमुक्तमाल्यद’ के लेखक विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासक, कृष्णदेवराय थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह महाकाव्य तेलुगु भाषा में लिखा गया है और भगवान विष्णु की भक्त आंडाल (गोदा देवी) के जीवन पर आधारित है। कृष्णदेवराय स्वयं एक विद्वान कवि थे और उन्होंने कई महत्वपूर्ण ग्रंथों की रचना की, जिसमें ‘आमुक्तमाल्यद’ उनका सबसे प्रसिद्ध कार्य है।
- गलत विकल्प: कल्हण ने ‘राजतरंगिणी’ लिखी, सोमदेव ने ‘कथासरित्सागर’ लिखी, और तुलसीदास ने ‘रामचरितमानस’ लिखा।
प्रश्न 8: सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान, महात्मा गांधी ने प्रसिद्ध ‘नमक मार्च’ कहाँ से शुरू किया था?
- साबरमती आश्रम, अहमदाबाद
- दांडी, गुजरात
- वर्धा, महाराष्ट्र
- चंपारण, बिहार
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: नमक मार्च (दांडी मार्च) 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम, अहमदाबाद से शुरू हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: गांधीजी ने इस मार्च के माध्यम से ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए नमक कानून को तोड़ा। 240 मील की यात्रा के बाद, 6 अप्रैल 1930 को दांडी नामक स्थान पर समुद्र तट पर नमक बनाकर उन्होंने इस आंदोलन की शुरुआत की। इस आंदोलन में अहिंसक विरोध के माध्यम से ब्रिटिश शासन को चुनौती दी गई।
- गलत विकल्प: दांडी वह स्थान था जहाँ मार्च समाप्त हुआ था, न कि जहाँ से शुरू हुआ। वर्धा और चंपारण अन्य महत्वपूर्ण स्थान हैं जहाँ गांधीजी ने आंदोलन किए, लेकिन नमक मार्च साबरमती से शुरू हुआ।
प्रश्न 9: गुप्त काल को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- इस काल में गुप्त साम्राज्य का पतन हुआ
- इस काल में विज्ञान, कला, साहित्य और वास्तुकला का अत्यधिक विकास हुआ
- यह काल सैन्य विजयों के लिए सर्वाधिक जाना जाता है
- इस काल में ईसाई धर्म का प्रसार हुआ
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: गुप्त काल को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दौरान विज्ञान, कला, साहित्य, दर्शन और वास्तुकला के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई।
- संदर्भ और विस्तार: इस युग में आर्यभट्ट जैसे खगोलशास्त्री हुए जिन्होंने दशमलव प्रणाली और शून्य की अवधारणा को विकसित किया। कालिदास जैसे महान कवियों ने अपने साहित्य की रचना की। मंदिरों और मूर्तिकला का विकास भी इस काल की एक प्रमुख विशेषता थी।
- गलत विकल्प: गुप्त साम्राज्य का पतन इस युग के अंत में हुआ, न कि यह स्वर्ण युग का कारण था। सैन्य विजयें हुईं, लेकिन वे कला और विज्ञान के विकास के समान महत्वपूर्ण कारण नहीं थे। इस काल में हिंदू धर्म का प्रमुखता से विकास हुआ, न कि ईसाई धर्म का प्रसार।
प्रश्न 10: “हिन्दू या मुसलमान, यह मत भूलना कि तुम सब एक ही राष्ट्र के बच्चे हो।” यह कथन किसने कहा था?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सर सैय्यद अहमद खान
- बाल गंगाधर तिलक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: यह कथन सर सैय्यद अहमद खान का है।
- संदर्भ और विस्तार: सर सैय्यद अहमद खान, एक प्रमुख मुस्लिम सुधारक और विचारक थे, जिन्होंने मुसलमानों को आधुनिक शिक्षा प्राप्त करने और ब्रिटिश शासन के साथ सह-अस्तित्व बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उनका मानना था कि भारतीय हिंदू और मुसलमान दोनों एक ही राष्ट्र के अंग हैं और उन्हें मिलकर रहना चाहिए। उन्होंने अलीगढ़ आंदोलन का नेतृत्व किया।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी, नेहरू और तिलक राष्ट्रीय एकता के प्रबल समर्थक थे, लेकिन यह विशिष्ट कथन सर सैय्यद अहमद खान से जुड़ा है, जो अक्सर भारतीय राष्ट्रवाद के शुरुआती दौर में हिंदू-मुस्लिम एकता की बात करते थे।
प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा वेद कर्मकांडों और बलिदानों से संबंधित है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: यजुर्वेद मुख्य रूप से कर्मकांडों, मंत्रों और यज्ञ (बलिदान) विधियों से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: यजुर्वेद में विभिन्न प्रकार के यज्ञों के लिए आवश्यक श्लोक और प्रक्रियाएं दी गई हैं। यह गद्य और पद्य दोनों में लिखा गया है। यह वेदों में एकमात्र ऐसा वेद है जो ‘शुक्ल’ (शुद्ध) और ‘कृष्ण’ (अंधेरा/जटिल) दो शाखाओं में विभाजित है, जो इसके अनुष्ठानिक महत्व को दर्शाता है।
- गलत विकल्प: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है और इसमें प्रार्थनाएं और स्तुतियां हैं। सामवेद को ‘गीतों का वेद’ कहा जाता है और यह यज्ञों के दौरान गाए जाने वाले मंत्रों का संग्रह है। अथर्ववेद में जादू-टोना, औषधि और जीवन के व्यावहारिक पहलुओं से संबंधित मंत्र हैं।
प्रश्न 12: 1857 के विद्रोह को ‘सिपाही विद्रोह’ कहने के बजाय ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ किसने कहा?
- लॉर्ड कैनिंग
- सर जॉन लॉरेंस
- वीर सावरकर
- कार्ल मार्क्स
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 13: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब हुई थी?
- 1325 ईस्वी
- 1336 ईस्वी
- 1347 ईस्वी
- 1350 ईस्वी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस साम्राज्य की स्थापना हरिहर प्रथम और बुक़्क़ा प्रथम नामक दो भाइयों ने की थी, जो संगम वंश के थे। उन्होंने तुंगभद्रा नदी के किनारे हंपी नामक स्थान पर इस साम्राज्य की नींव रखी। यह दक्षिण भारत का एक अत्यंत शक्तिशाली और समृद्ध साम्राज्य था जिसने लगभग 200 वर्षों तक शासन किया।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प गलत हैं क्योंकि वे विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की सही तिथि का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
प्रश्न 14: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक कौन हैं, जो नील की खेती करने वाले किसानों की दुर्दशा को दर्शाता है?
- बंकिम चंद्र चटर्जी
- दीनबंधु मित्र
- शरत चंद्र चट्टोपाध्याय
- रवींद्रनाथ टैगोर
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक दीनबंधु मित्र हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह नाटक 1858-59 में लिखा गया था और इसमें ब्रिटिश बागान मालिकों द्वारा बंगाल के किसानों (विशेष रूप से नील किसानों) पर किए गए अत्याचारों और उनकी शोषणकारी प्रथाओं को मार्मिक ढंग से चित्रित किया गया है। इस नाटक ने नील विद्रोह (1859-60) को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: बंकिम चंद्र चटर्जी ने ‘आनंद मठ’ लिखा, शरत चंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘देवदास’ जैसी रचनाएँ कीं, और रवींद्रनाथ टैगोर ने ‘गीतांजलि’ लिखी।
प्रश्न 15: किस युद्ध के बाद भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की प्रभुत्व की स्थापना हुई?
- प्लासी का युद्ध (1757)
- बक्सर का युद्ध (1764)
- पानीपत का प्रथम युद्ध (1526)
- हल्दीघाटी का युद्ध (1576)
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: बक्सर के युद्ध (1764) के बाद भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की राजनीतिक प्रभुत्व की स्थापना हुई।
- संदर्भ और विस्तार: जबकि प्लासी के युद्ध (1757) ने बंगाल में कंपनी को प्रभावी शक्ति बना दिया था, बक्सर के युद्ध ने इसकी शक्ति को और अधिक मजबूत किया। इस युद्ध में कंपनी की सेना ने मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय, अवध के नवाब शुजा-उद-दौला और बंगाल के अपदस्थ नवाब मीर कासिम की संयुक्त सेना को निर्णायक रूप से हराया। इसके परिणामस्वरूप, कंपनी को दीवानी अधिकार (भूमि राजस्व और नागरिक न्याय का अधिकार) प्राप्त हुआ, जिससे इसकी राजनीतिक स्थिति अत्यंत मजबूत हो गई।
- गलत विकल्प: पानीपत का प्रथम युद्ध मुगलों की स्थापना से संबंधित था। हल्दीघाटी का युद्ध अकबर और महाराणा प्रताप के बीच हुआ था। प्लासी का युद्ध महत्वपूर्ण था, लेकिन बक्सर ने कंपनी की प्रभुत्व को निश्चित किया।
प्रश्न 16: ‘संथाल विद्रोह’ का नेतृत्व किसने किया था?
- बिरसा मुंडा
- सिद्धू और कान्हू
- रम्पा
- ताना भगत
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: संथाल विद्रोह (1855-56) का नेतृत्व सिद्धू और कान्हू नामक दो भाइयों ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह ब्रिटिश शासन और जमींदारों के खिलाफ संथालों का एक बड़ा आदिवासी विद्रोह था, जो मुख्य रूप से वर्तमान झारखंड और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में हुआ। विद्रोह का उद्देश्य संथालों के लिए ‘जंगल राज’ (स्वशासन) की स्थापना करना था।
- गलत विकल्प: बिरसा मुंडा ने ‘उलगुलान’ विद्रोह (1899-1900) का नेतृत्व किया था। ‘रम्पा’ और ‘ताना भगत’ भी अन्य आदिवासी आंदोलन हैं, लेकिन संथाल विद्रोह सिद्धू और कान्हू से जुड़ा है।
प्रश्न 17: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के दौरान, किस भारतीय नेता ने अंग्रेजों का समर्थन करने की वकालत की?
- महात्मा गांधी
- बाल गंगाधर तिलक
- गोपाल कृष्ण गोखले
- लाला लाजपत राय
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: गोपाल कृष्ण गोखले ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सरकार के समर्थन की वकालत की थी।
- संदर्भ और विस्तार: गोखले, जो गांधीजी के राजनीतिक गुरु थे, मानते थे कि युद्ध के समय अंग्रेजों का समर्थन करना भारत के लिए फायदेमंद होगा और इससे भारत को भविष्य में स्वशासन प्राप्त करने में मदद मिलेगी। वे नरम दल के नेता थे और संसदीय सुधारों में विश्वास रखते थे।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने इस दौरान ब्रिटिश शासन के प्रति पूर्ण सहयोग की नीति का पालन किया था, लेकिन प्रश्न “समर्थन की वकालत” की बात करता है, जिसे गोखले ने अधिक मुखर रूप से अपनाया। तिलक और लाला लाजपत राय (गरम दल के नेता) अंग्रेजों के प्रति अधिक संशयवादी थे और उन्होंने युद्ध का लाभ उठाकर स्वशासन की मांग की।
प्रश्न 18: ‘अजंता की गुफाएँ’ मुख्य रूप से किस धर्म से संबंधित हैं?
- हिंदू धर्म
- बौद्ध धर्म
- जैन धर्म
- सिख धर्म
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: अजंता की गुफाएँ मुख्य रूप से बौद्ध धर्म से संबंधित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ये गुफाएँ महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित हैं और इनमें चट्टानों को काटकर बनाई गई मूर्तियाँ और चित्रकलाएँ हैं, जो बौद्ध जातक कथाओं, बुद्ध के जीवन और बौद्ध धर्म से संबंधित दृश्यों को दर्शाती हैं। ये गुप्त काल और उसके आसपास के समय की कला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
- गलत विकल्प: यद्यपि कुछ अन्य धर्मों के प्रभाव के संकेत मिल सकते हैं, लेकिन मुख्य विषय-वस्तु और कलात्मक अभिव्यक्ति बौद्ध धर्म की है।
प्रश्न 19: ‘चौरी-चौरा की घटना’ जिसके कारण असहयोग आंदोलन को वापस ले लिया गया, कब हुई थी?
- 1919
- 1920
- 1922
- 1923
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: चौरी-चौरा की घटना 5 फरवरी 1922 को हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) जिले के चौरी-चौरा नामक स्थान पर असहयोग आंदोलन के प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने पुलिस थाने में आग लगा दी थी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी जिंदा जल गए थे। गांधीजी, जो अहिंसा के प्रबल समर्थक थे, इस हिंसक घटना से बहुत आहत हुए और उन्होंने 12 फरवरी 1922 को असहयोग आंदोलन को तत्काल स्थगित करने की घोषणा कर दी।
- गलत विकल्प: 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था। 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ था। 1923 में चौरी-चौरा के बाद स्वराज पार्टी का गठन हुआ था।
प्रश्न 20: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (गुलामों का विभाग) की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: फिरोज शाह तुगलक (शासनकाल: 1351-1388) ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह विभाग विशेष रूप से राज्य के गुलामों (दास) के प्रबंधन के लिए बनाया गया था। फिरोजशाह तुगलक दासों की एक बड़ी सेना रखता था और उन्हें विभिन्न प्रशासनिक और सैन्य पदों पर नियुक्त करता था। इस विभाग का उद्देश्य दासों के कल्याण और उनकी कार्यकुशलता को सुनिश्चित करना था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (40 तुर्की सरदारों का समूह) की स्थापना की। बलबन ने चालीसा को समाप्त किया और अपनी शक्ति को केंद्रीकृत किया। अलाउद्दीन खिलजी ने ‘दीवान-ए-रियासत’ (बाजार नियंत्रण) जैसे विभाग स्थापित किए।
प्रश्न 21: ‘वन्दे मातरम्’ गीत किस उपन्यास से लिया गया है?
- आनंद मठ
- दुर्गेश नंदिनी
- कपाल कुंडला
- गोरा
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘वन्दे मातरम्’ गीत बंकिम चंद्र चटर्जी के प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनंद मठ’ से लिया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: यह गीत 1882 में प्रकाशित हुआ था और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राष्ट्रीय चेतना जगाने में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस उपन्यास की पृष्ठभूमि 18वीं सदी के अंत में बंगाल के संन्यासी विद्रोह से संबंधित है।
- गलत विकल्प: दुर्गेश नंदिनी और कपाल कुंडला भी बंकिम चंद्र चटर्जी के उपन्यास हैं, लेकिन ‘वन्दे मातरम्’ ‘आनंद मठ’ से संबंधित है। गोरा रवींद्रनाथ टैगोर का उपन्यास है।
प्रश्न 22: द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) का प्रमुख कारण क्या था?
- साम्राज्यवाद का अंत
- राष्ट्र संघ की विफलता और आक्रामक राष्ट्रवाद
- विश्वव्यापी आर्थिक मंदी का समाधान
- साम्यवादी क्रांति का प्रसार
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: राष्ट्र संघ (League of Nations) की विफलता, आक्रामक राष्ट्रवाद (विशेषकर जर्मनी, इटली और जापान में) और तुष्टिकरण की नीति को द्वितीय विश्व युद्ध का प्रमुख कारण माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: वर्साय की संधि की कठोर शर्तों से उत्पन्न असंतोष, राष्ट्र संघ की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असमर्थता, और जर्मनी द्वारा आक्रामक विस्तारवादी नीतियों (जैसे पोलैंड पर आक्रमण) ने युद्ध की शुरुआत की। इटली का इथियोपिया पर आक्रमण और जापान का चीन पर आक्रमण भी इसी क्रम की कड़ियाँ थीं।
- गलत विकल्प: साम्राज्यवाद का अंत द्वितीय विश्व युद्ध का परिणाम था, कारण नहीं। विश्वव्यापी आर्थिक मंदी ने निश्चित रूप से युद्ध के लिए माहौल बनाया, लेकिन यह आक्रामक राष्ट्रवाद जितना प्रत्यक्ष कारण नहीं था। साम्यवादी क्रांति का प्रसार (जैसे रूस की क्रांति) वैश्विक राजनीति का हिस्सा था, लेकिन यह द्वितीय विश्व युद्ध का मुख्य कारण नहीं था।
प्रश्न 23: किस दिल्ली सुल्तान ने ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ लागू की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: अलाउद्दीन खिलजी (शासनकाल: 1296-1316) ने प्रभावी बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की थी।
- संदर्भ और विस्तार: अपनी विशाल सेना के खर्चों को वहन करने के लिए, अलाउद्दीन खिलजी ने वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सख्त नियम बनाए। उसने अनाज, कपड़े, घोड़े और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए मूल्य तय किए, और इन नियमों के उल्लंघन पर कठोर दंड का प्रावधान था। इस प्रणाली को ‘बाजार सुधार’ भी कहा जाता है।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश और बलबन के शासनकाल में ऐसी व्यवस्थित बाजार नियंत्रण प्रणाली नहीं थी। फिरोज शाह तुगलक ने कुछ आर्थिक सुधार किए, लेकिन वे अलाउद्दीन खिलजी की तरह सख्त बाजार नियंत्रण से संबंधित नहीं थे।
प्रश्न 24: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ की स्थापना का उद्देश्य क्या था?
- ब्रिटिश शासन का तत्काल अंत करना
- भारत में सांप्रदायिकता को बढ़ावा देना
- भारतीयों को राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारों में हिस्सेदारी दिलाना
- केवल जमींदारों के हितों की रक्षा करना
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना का प्रारंभिक उद्देश्य भारतीयों को ब्रिटिश सरकार के तहत राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारों में अधिक हिस्सेदारी दिलाना था।
- संदर्भ और विस्तार: 1885 में ए.ओ. ह्यूम द्वारा स्थापित, कांग्रेस का प्रारंभिक लक्ष्य भारतीयों को सरकारी नौकरियों में अधिक प्रतिनिधित्व दिलाना, विधान परिषदों का विस्तार करना और भारतीयों के लिए प्रशासनिक सुधार की मांग करना था। हालाँकि, समय के साथ, इसका उद्देश्य पूर्ण स्वराज्य प्राप्त करना बन गया।
- गलत विकल्प: प्रारंभिक चरण में कांग्रेस का लक्ष्य ब्रिटिश शासन का तत्काल अंत करना नहीं था। कांग्रेस का उद्देश्य सांप्रदायिकता को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना था। यह केवल जमींदारों के हितों तक सीमित नहीं थी, बल्कि सभी भारतीयों के अधिकारों की बात करती थी।
प्रश्न 25:FATF (वित्तीय कार्रवाई कार्य बल) का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
- न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका
- पेरिस, फ्रांस
- जिनेवा, स्विट्जरलैंड
- लंदन, यूनाइटेड किंगडम
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: FATF (Financial Action Task Force) का मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में स्थित है।
- संदर्भ और विस्तार: FATF एक अंतर-सरकारी निकाय है जिसकी स्थापना 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण जैसी वित्तीय अनियमितताओं से निपटने के लिए की गई थी। यह देशों के लिए मानक निर्धारित करता है और इन मानकों के अनुपालन की निगरानी करता है।
- गलत विकल्प: न्यूयॉर्क, जिनेवा और लंदन अन्य महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संगठनों के मुख्यालय हो सकते हैं, लेकिन FATF का मुख्यालय पेरिस में है।