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कालचक्र का सफर: 25 प्रश्नों के साथ अपनी ऐतिहासिक समझ को परखें!

कालचक्र का सफर: 25 प्रश्नों के साथ अपनी ऐतिहासिक समझ को परखें!

नमस्कार, इतिहास के जिज्ञासु साथियों! आज हम एक बार फिर समय की गहराइयों में गोता लगाने और अपने ज्ञान को तराशने के लिए तैयार हैं। यह 25 प्रश्नों की विशेष प्रश्नोत्तरी आपको प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक युग और विश्व इतिहास के महत्वपूर्ण मोड़ों तक ले जाएगी। तो कमर कस लीजिए और अपनी ऐतिहासिक यात्रा शुरू कीजिए!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: हड़प्पा सभ्यता के किस स्थल से विशाल सार्वजनिक स्नानगार (Great Bath) के प्रमाण मिले हैं?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मोहनजोदड़ो (सिंधी में ‘मृतकों का टीला’) से विशाल सार्वजनिक स्नानगार के स्पष्ट और आश्चर्यजनक प्रमाण मिले हैं। यह संरचना संभवतः धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयोग की जाती थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह स्नानगार संभवतः हड़प्पा सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक संरचनाओं में से एक थी, जो जल-प्रबंधन और नगर नियोजन की उन्नत तकनीक को दर्शाता है। इसके चारों ओर ईंटों के बने कमरे थे और पानी के रिसाव को रोकने के लिए बिटुमेन (गोंद) का प्रयोग किया गया था।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा पहला स्थल था जिसकी खुदाई हुई थी, लोथल एक बंदरगाह शहर था, और कालीबंगा कृषि और अग्नि पूजा के प्रमाण के लिए जाना जाता है, लेकिन विशाल स्नानगार यहाँ नहीं मिला।

प्रश्न 2: ‘आजीवक’ संप्रदाय के संस्थापक कौन थे?

  1. मक्खलिपुत्र गोशाल
  2. अनिरुद्ध
  3. नंद थेर
  4. सुमना

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: आजीवक संप्रदाय की स्थापना मक्खलिपुत्र गोशाल ने की थी। यह एक प्राचीन भारतीय श्रमण परंपरा थी जो भाग्य (नियति) में दृढ़ विश्वास रखती थी।
  • संदर्भ और विस्तार: गोशाल, गौतम बुद्ध और महावीर के समकालीन थे। आजीवक कर्म और पुनर्जन्म के सिद्धांत को मानते थे, लेकिन उनका मानना था कि नियति सर्वोपरि है और सभी कर्म पूर्वनिर्धारित हैं। इस संप्रदाय को मौर्य सम्राट बिंदुसार ने भी संरक्षण दिया था।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प बौद्ध और जैन धर्म से संबंधित व्यक्तियों के नाम हो सकते हैं, लेकिन वे आजीवक संप्रदाय के संस्थापक नहीं थे।

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा वेद ‘साम गान’ से संबंधित है?

  1. ऋग्वेद
  2. यजुर्वेद
  3. सामवेद
  4. अथर्ववेद

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: सामवेद, जो ‘साम गान’ (साम गान) से संबंधित है, प्राचीन भारतीय संगीत का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
  • संदर्भ और विस्तार: सामवेद में मुख्य रूप से यज्ञों के अवसर पर गाए जाने वाले मंत्रों का संग्रह है। इसके अधिकांश मंत्र ऋग्वेद से लिए गए हैं, लेकिन उन्हें गाने के लिए विशेष लय और धुन में व्यवस्थित किया गया है। भारतीय शास्त्रीय संगीत की उत्पत्ति का श्रेय काफी हद तक सामवेद को दिया जाता है।
  • गलत विकल्प: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है जिसमें स्तुति मंत्र हैं, यजुर्वेद यज्ञों की विधियों और मंत्रों का संग्रह है, और अथर्ववेद जादू, टोना, औषधि और दैनिक जीवन से संबंधित मंत्रों का वर्णन करता है।

प्रश्न 4: अशोक का कौन सा शिलालेख कलिंग युद्ध के बाद उसके पश्चाताप को व्यक्त करता है?

  1. पहला शिलालेख
  2. चौथा शिलालेख
  3. तेरहवां शिलालेख
  4. सबसे छोटा शिलालेख

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: अशोक का तेरहवां शिलालेख कलिंग युद्ध (लगभग 261 ईसा पूर्व) के बाद हुए विनाश और उसके पश्चाताप का सबसे स्पष्ट विवरण देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस शिलालेख में अशोक ने कलिंग के युद्ध में हुई भारी जनहानि का वर्णन किया है और बताया है कि कैसे इस युद्ध ने उसे मानवता की पीड़ा का अनुभव कराया। इसी के फलस्वरूप उसने भविष्य में युद्ध न करने और धम्म (धर्म) के प्रसार का संकल्प लिया।
  • गलत विकल्प: अन्य शिलालेख अशोक के धम्म, उसके अधिकारियों (धम्म महामात्त), और उसके जीवन के अन्य पहलुओं पर प्रकाश डालते हैं, लेकिन कलिंग युद्ध का प्रत्यक्ष और मार्मिक वर्णन तेरहवें शिलालेख में ही है।

प्रश्न 5: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?

  1. केवल सैन्य विजय के कारण
  2. साहित्य, कला, विज्ञान और वास्तुकला में हुई अभूतपूर्व प्रगति के कारण
  3. कठोर कर प्रणाली के कारण
  4. विदेशी आक्रमणों की अधिकता के कारण

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस काल में साहित्य, कला, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, चिकित्सा और वास्तुकला के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: कालिदास जैसे महान कवियों का उदय, आर्यभट्ट द्वारा दशमलव प्रणाली और पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमने की अवधारणा का प्रतिपादन, गुप्तकालीन वास्तुकला और मूर्तिकला की उत्कृष्ट कृतियाँ (जैसे अजंता की गुफाएँ) इस युग की महान उपलब्धियाँ हैं।
  • गलत विकल्प: यह केवल सैन्य विजय या कठोर कर प्रणाली का युग नहीं था, और न ही इसमें विदेशी आक्रमण अधिक थे। बल्कि, यह एक राजनीतिक स्थिरता और सांस्कृतिक समृद्धि का काल था।

प्रश्न 6: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक नए कृषि विभाग की स्थापना की थी?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. मोहम्मद बिन तुगलक

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: दिल्ली सल्तनत के शासक मोहम्मद बिन तुगलक (शासनकाल 1325-1351 ईस्वी) ने कृषि के विकास और सुधार के लिए ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक नया विभाग स्थापित किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस विभाग का मुख्य उद्देश्य किसानों को ऋण (सौंनर/तावी) प्रदान करना, खेती की नई विधियों को बढ़ावा देना और बंजर भूमि को कृषि योग्य बनाना था। यह उस समय की एक दूरदर्शी योजना थी, हालांकि इसके क्रियान्वयन में कुछ समस्याएं आईं।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (40 सरदारों का समूह) का गठन किया, बलबन ने राजत्व की नई अवधारणा पेश की और ‘चालीसा’ को समाप्त किया, और अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार सुधार और भू-राजस्व नीति में परिवर्तन किए।

प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था, जिसने ‘कृष्णदेवराय’ की उपाधि धारण की?

  1. हरिहर प्रथम
  2. बुक्का प्रथम
  3. देवराय द्वितीय
  4. कृष्णदेवराय

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध और प्रतापी शासक कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529 ईस्वी) था।
  • संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेवराय तुलुव राजवंश के सबसे महान शासक थे। उन्होंने साहित्य, कला और वास्तुकला को भरपूर संरक्षण दिया। उनके शासनकाल को विजयनगर साम्राज्य का ‘स्वर्ण युग’ माना जाता है। उन्होंने उड़ीसा के गजपतियों और दक्कन सल्तनत के सुल्तानों के खिलाफ कई सफल सैन्य अभियान चलाए। उनकी पुस्तक ‘अमुक्तमाल्यदा’ तेलुगु साहित्य का एक रत्न मानी जाती है।
  • गलत विकल्प: हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम विजयनगर साम्राज्य के संस्थापक थे, और देवराय द्वितीय एक महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन कृष्णदेवराय की प्रसिद्धि और उपलब्धियाँ अद्वितीय थीं।

प्रश्न 8: ‘अष्टप्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की परिषद किस साम्राज्य में थी?

  1. मौर्य साम्राज्य
  2. गुप्त साम्राज्य
  3. मुगल साम्राज्य
  4. मराठा साम्राज्य

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘अष्टप्रधान’ आठ मंत्रियों की एक परिषद थी जो मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के शासनकाल में उनके सलाहकारों के रूप में कार्य करती थी।
  • संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान के सदस्य थे: पेशवा (प्रधान मंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (गृह मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), पंडितराव (धर्माध्यक्ष), सेनापति (सेना प्रमुख), सुमंत (गुप्तचर), और न्यायाधीश (न्यायाधीश)। यह परिषद शिवाजी के सुचारू शासन और राज्य के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी।
  • गलत विकल्प: मौर्य, गुप्त और मुगल साम्राज्यों में भी मंत्री परिषदें थीं, लेकिन उन्हें ‘अष्टप्रधान’ के नाम से नहीं जाना जाता था और उनकी संरचना भी भिन्न थी।

प्रश्न 9: 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण क्या था?

  1. डलहौजी की ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse)
  2. सहायक संधि (Subsidiary Alliance)
  3. एनफील्ड राइफल में प्रयुक्त चर्बी वाले कारतूस
  4. बहादुर शाह जफर को पेंशन से वंचित करना

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण सैनिकों के लिए नई एनफील्ड राइफलों में इस्तेमाल होने वाले कारतूसों को लेकर उत्पन्न हुआ धार्मिक विवाद था।
  • संदर्भ और विस्तार: ऐसी अफवाहें फैली थीं कि इन कारतूसों पर गाय और सूअर की चर्बी लगी होती है, जिन्हें इस्तेमाल करने से पहले दांतों से खोलना पड़ता था। इससे हिंदू और मुस्लिम दोनों सैनिकों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं, जिसने विद्रोह की चिंगारी को भड़काया। हालांकि, विद्रोह के पीछे अन्य कारण भी थे जैसे डलहौजी की नीतियां, आर्थिक शोषण और भारतीयों का अपमान।
  • गलत विकल्प: डलहौजी की व्यपगत का सिद्धांत और सहायक संधि जैसे कारण पहले से ही असंतोष पैदा कर रहे थे, लेकिन चर्बी वाले कारतूस सीधे तौर पर विद्रोह के प्रमुख कारण बने।

प्रश्न 10: ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा किसने दिया था?

  1. स्वामी विवेकानंद
  2. स्वामी दयानंद सरस्वती
  3. राजा राम मोहन राय
  4. ईश्वर चंद्र विद्यासागर

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘वेदों की ओर लौटो’ का प्रसिद्ध नारा स्वामी दयानंद सरस्वती ने दिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती (1824-1883) एक महान समाज सुधारक और आर्य समाज के संस्थापक थे। उनका मानना था कि वैदिक काल के हिंदू धर्म में शुद्धता थी और बाद के काल में उसमें कई कुरीतियाँ आ गईं। उन्होंने वेदों को ज्ञान का सर्वोच्च स्रोत माना और लोगों को वैदिक सिद्धांतों पर वापस लौटने का आग्रह किया।
  • गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने ‘उठो, जागो और तब तक रुको नहीं जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए’ जैसे प्रेरणादायक वाक्य कहे, राजा राम मोहन राय ब्रह्म समाज के संस्थापक थे, और ईश्वर चंद्र विद्यासागर विधवा पुनर्विवाह के प्रबल समर्थक थे।

प्रश्न 11: भारत के प्रथम वायसराय कौन थे?

  1. लॉर्ड कैनिंग
  2. लॉर्ड डलहौजी
  3. लॉर्ड विलियम बेंटिंक
  4. लॉर्ड कर्जन

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: 1857 के विद्रोह के बाद, ब्रिटिश ताज ने भारत का शासन ईस्ट इंडिया कंपनी से अपने हाथ में ले लिया, और लॉर्ड कैनिंग भारत के प्रथम वायसराय बने (1856-1862)।
  • संदर्भ और विस्तार: वायसराय का पद गवर्नर-जनरल के पद के स्थान पर आया और यह ब्रिटिश सम्राट का सीधा प्रतिनिधि होता था। लॉर्ड कैनिंग के कार्यकाल में ही 1857 का विद्रोह हुआ और ‘भारतीय परिषद अधिनियम 1861’ पारित हुआ, जिसने भारतीय विधान परिषद की स्थापना की।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी गवर्नर-जनरल थे, लॉर्ड विलियम बेंटिंक पहले गवर्नर-जनरल थे जिन्होंने भारत में प्रशासनिक सुधार किए, और लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था।

प्रश्न 12: 1905 में लॉर्ड कर्जन द्वारा किए गए बंगाल विभाजन को किस वर्ष रद्द किया गया?

  1. 1906
  2. 1909
  3. 1911
  4. 1919

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: लॉर्ड कर्जन द्वारा 1905 में किए गए बंगाल विभाजन को 1911 में लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय के शासनकाल में रद्द कर दिया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: बंगाल विभाजन के विरोध में स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन शुरू हुआ, जिसने पूरे भारत में ब्रिटिश राज के खिलाफ एक जन आंदोलन का रूप ले लिया। जन दबाव और बढ़ते विरोध को देखते हुए, ब्रिटिश सरकार ने 1911 में इसे रद्द करने का निर्णय लिया। इसी अवसर पर राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने की भी घोषणा की गई थी।
  • गलत विकल्प: अन्य वर्ष किसी महत्वपूर्ण घटना से जुड़े हो सकते हैं, लेकिन बंगाल विभाजन को 1911 में रद्द किया गया था।

प्रश्न 13: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?

  1. 1928
  2. 1929
  3. 1930
  4. 1931

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च, 1931 को हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह समझौता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष महात्मा गांधी और भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच गोलमेज सम्मेलन (Round Table Conference) में कांग्रेस की भागीदारी के संबंध में हुआ था। इस समझौते के तहत, गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित कर दिया और लॉर्ड इरविन ने राजनीतिक कैदियों की रिहाई और कुछ प्रशासनिक सुधारों पर सहमति व्यक्त की।
  • गलत विकल्प: 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन अपने चरम पर था, और 1928-29 में साइमन कमीशन का विरोध हुआ था।

प्रश्न 14: भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) के दौरान महात्मा गांधी ने कौन सा प्रसिद्ध नारा दिया था?

  1. सत्याग्रह
  2. स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है
  3. करो या मरो (Do or Die)
  4. पूर्ण स्वराज

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ (Do or Die) का प्रसिद्ध नारा दिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: 8 अगस्त, 1942 को बॉम्बे में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में इस आंदोलन की शुरुआत हुई। गांधीजी ने जनता से अहिंसक तरीके से लेकिन पूर्ण दृढ़ संकल्प के साथ देश की आजादी के लिए अंतिम प्रयास करने का आह्वान किया। इस नारे ने आंदोलन को एक नई ऊर्जा दी और यह स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।
  • गलत विकल्प: ‘सत्याग्रह’ गांधीजी का प्रमुख सिद्धांत था, ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ बाल गंगाधर तिलक का प्रसिद्ध नारा था, और ‘पूर्ण स्वराज’ 1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में घोषित लक्ष्य था।

प्रश्न 15: किस चोल राजा को ‘गंगईकोंड चोल’ की उपाधि प्राप्त थी?

  1. राजराज प्रथम
  2. राजेंद्र प्रथम
  3. विजयालय
  4. कुलोतुंग प्रथम

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: राजेंद्र प्रथम (शासनकाल 1014-1044 ईस्वी) को ‘गंगईकोंड चोल’ (गंगा नदी तक विजय प्राप्त करने वाला चोल) की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: राजेंद्र प्रथम ने उत्तर भारत पर सफलतापूर्वक सैन्य अभियान चलाया और गंगा नदी तक पहुंचे। इस विजय के उपलक्ष्य में उन्होंने ‘गंगईकोंड चोलपुरम’ नामक एक नई राजधानी बसाई और इस उपाधि को धारण किया। उन्होंने समुद्री शक्ति का भी विस्तार किया और दक्षिण-पूर्व एशिया के श्रीविजय साम्राज्य पर भी आक्रमण किया।
  • गलत विकल्प: राजराज प्रथम एक महान चोल शासक थे जिन्होंने तंजौर में बृहदीश्वर मंदिर का निर्माण करवाया, विजयालय चोल वंश के संस्थापक थे, और कुलोतुंग प्रथम एक बाद के चोल शासक थे।

प्रश्न 16: ‘मनसबदारी’ प्रथा की शुरुआत भारत में किस शासक ने की थी?

  1. शेरशाह सूरी
  2. अकबर
  3. जहाँगीर
  4. शाहजहाँ

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मनसबदारी प्रथा, जो एक एकीकृत राजस्व, प्रशासनिक और सैन्य व्यवस्था थी, की शुरुआत मुगल सम्राट अकबर ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: मनसबदारी प्रणाली में, प्रत्येक अधिकारी को एक ‘मनसब’ (पद) प्रदान किया जाता था, जिसे दो संख्याओं (ज़ात और सवार) द्वारा दर्शाया जाता था। ‘ज़ात’ अधिकारी का व्यक्तिगत पद और वेतन निर्धारित करता था, जबकि ‘सवार’ उस अधिकारी द्वारा रखे जाने वाले घोड़ों की संख्या को दर्शाता था। यह प्रणाली साम्राज्य की सैन्य शक्ति को संगठित करने और उसका प्रबंधन करने के लिए महत्वपूर्ण थी।
  • गलत विकल्प: शेरशाह सूरी ने प्रशासन में कई सुधार किए थे, लेकिन मनसबदारी का संस्थागत रूप अकबर के शासनकाल में विकसित हुआ। जहाँगीर और शाहजहाँ ने इस प्रणाली को जारी रखा और उसमें कुछ संशोधन किए।

प्रश्न 17: ‘रेड क्लिफ रेखा’ भारत और किस देश के बीच सीमा का निर्धारण करती है?

  1. चीन
  2. नेपाल
  3. पाकिस्तान
  4. बांग्लादेश

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: रेड क्लिफ रेखा भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा का निर्धारण करती है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारत के विभाजन के समय, 1947 में, ब्रिटिश वकील सर सिरिल रेडक्लिफ की अध्यक्षता में एक सीमा आयोग का गठन किया गया था। इस आयोग ने भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमाओं का निर्धारण किया, जिसे ‘रेड क्लिफ रेखा’ के नाम से जाना जाता है। यह रेखा पंजाब और बंगाल प्रांतों को विभाजित करती है।
  • गलत विकल्प: भारत की चीन के साथ मैकमोहन रेखा, नेपाल के साथ कोई विशिष्ट नामित सीमा रेखा नहीं है, और पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के साथ भी रेड क्लिफ रेखा का एक हिस्सा सीमा बनाता है, लेकिन मुख्य रूप से यह भारत-पाकिस्तान को संदर्भित करता है।

प्रश्न 18: प्रथम विश्व युद्ध कब से कब तक चला?

  1. 1905-1910
  2. 1914-1918
  3. 1939-1945
  4. 1919-1923

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध (World War I) 28 जुलाई, 1914 को शुरू हुआ और 11 नवंबर, 1918 को समाप्त हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध मुख्य रूप से यूरोप में केंद्रित था और इसमें केंद्रीय शक्तियों (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य, बुल्गारिया) और मित्र राष्ट्रों (फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, आदि) के बीच लड़ा गया था। इसने दुनिया के राजनीतिक परिदृश्य को नाटकीय रूप से बदल दिया।
  • गलत विकल्प: 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध का काल था।

प्रश्न 19: भारत में ‘सती प्रथा’ को समाप्त करने का श्रेय किस गवर्नर-जनरल को जाता है?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड विलियम बेंटिंक
  3. लॉर्ड कैनिंग
  4. लॉर्ड कर्जन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: लॉर्ड विलियम बेंटिंक (शासनकाल 1828-1835) को राजा राम मोहन राय के प्रयासों से 1829 में ‘सती प्रथा’ को समाप्त करने का श्रेय जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: बेंटिंक ने ‘बंगाल सती विनियमन, 1829’ पारित किया, जिसने पूरे ब्रिटिश भारत में सती प्रथा को प्रतिबंधित और दंडनीय अपराध घोषित किया। राजा राम मोहन राय ने इस प्रथा के विरुद्ध लंबे समय तक संघर्ष किया था।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ने व्यपगत का सिद्धांत लागू किया, लॉर्ड कैनिंग प्रथम वायसराय थे, और लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया।

प्रश्न 20: ‘अकबरनामा’ का लेखक कौन था?

  1. फैजी
  2. अबुल फजल
  3. बदायूनी
  4. टोडरमल

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘अकबरनामा’ के लेखक अबुल फजल थे, जो मुगल सम्राट अकबर के दरबार के नौ रत्नों (नवरत्न) में से एक थे।
  • संदर्भ और विस्तार: अकबरनामा मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल का एक विस्तृत ऐतिहासिक विवरण है। यह तीन खंडों में विभाजित है, जिसमें पहले दो खंड ऐतिहासिक हैं और तीसरा खंड ‘आइने-अकबरी’ कहलाता है, जिसमें अकबर के प्रशासन, सैन्य व्यवस्था, राजस्व प्रणाली, भूगोल, संस्कृति और बहुत कुछ का विस्तृत विवरण है।
  • गलत विकल्प: फैजी अकबर के राजकवि थे, बदायूनी ने ‘तारीख-ए-बदायूनी’ लिखी, और टोडरमल अकबर के राजस्व मंत्री थे।

प्रश्न 21: फ्रांसीसी क्रांति (French Revolution) कब हुई थी?

  1. 1776
  2. 1789
  3. 1815
  4. 1848

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 में शुरू हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: 1789 में बास्तील के पतन के साथ शुरू हुई इस क्रांति का उद्देश्य राजशाही को समाप्त करना और समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व (Liberty, Equality, Fraternity) के सिद्धांतों पर आधारित एक नए गणराज्य की स्थापना करना था। इसने न केवल फ्रांस को, बल्कि पूरे यूरोप और दुनिया के राजनीतिक विचारों को गहराई से प्रभावित किया।
  • गलत विकल्प: 1776 अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा का वर्ष था, 1815 वाटरलू का युद्ध और नेपोलियन का पतन हुआ, और 1848 यूरोप में कई क्रांतियों का वर्ष था।

प्रश्न 22: ‘पानीपत का द्वितीय युद्ध’ किनके बीच हुआ था?

  1. बाबर और इब्राहिम लोदी
  2. अकबर और हेमू
  3. अकबर और राणा प्रताप
  4. बाबर और राणा सांगा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: पानीपत का द्वितीय युद्ध 5 नवंबर, 1556 को मुगल सम्राट अकबर और अफगान शासक हेमू (हेमचंद्र विक्रमादित्य) के बीच हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में अकबर की सेना ने, बैरम खान के नेतृत्व में, हेमू को निर्णायक रूप से पराजित किया। हेमू दिल्ली पर कब्जा करने के बाद अपनी सेना के साथ आया था। इस युद्ध ने मुगल शासन की भारत में स्थिति को और मजबूत किया।
  • गलत विकल्प: पानीपत का प्रथम युद्ध (1526) बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच हुआ था। अकबर और राणा प्रताप के बीच हल्दीघाटी का युद्ध (1576) हुआ था, और बाबर और राणा सांगा के बीच खानवा का युद्ध (1527) हुआ था।

प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सा आंदोलन ‘असहयोग आंदोलन’ (Non-Cooperation Movement) से जुड़ा नहीं था?

  1. खिलाफत आंदोलन
  2. चौरी-चौरा घटना
  3. सविनय अवज्ञा आंदोलन
  4. स्वदेशी आंदोलन

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: स्वदेशी आंदोलन (1905-1908) असहयोग आंदोलन (1920-1922) से पहले हुआ था और यह सीधे तौर पर असहयोग आंदोलन का हिस्सा नहीं था, हालांकि दोनों में ब्रिटिश वस्तुओं के बहिष्कार का तत्व समान था।
  • संदर्भ और विस्तार: असहयोग आंदोलन को खिलाफत आंदोलन के साथ जोड़ा गया था, जिसने हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा दिया। चौरी-चौरा घटना (1922) के कारण महात्मा गांधी ने इस आंदोलन को अचानक स्थगित कर दिया था। सविनय अवज्ञा आंदोलन असहयोग आंदोलन के बाद का एक प्रमुख आंदोलन था।
  • गलत विकल्प: खिलाफत आंदोलन असहयोग आंदोलन का एक अभिन्न अंग था। चौरी-चौरा घटना ने असहयोग आंदोलन को समाप्त किया। सविनय अवज्ञा आंदोलन असहयोग के बाद कांग्रेस का एक बड़ा जन आंदोलन था।

प्रश्न 24: ‘इंडिका’ नामक पुस्तक किसने लिखी थी?

  1. टॉलेमी
  2. प्लिनी
  3. मेगस्थनीज
  4. ह्वेन त्सांग

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘इंडिका’ नामक पुस्तक यूनानी राजदूत मेगस्थनीज ने लिखी थी।
  • संदर्भ और विस्तार: मेगस्थनीज सेल्यूकस प्रथम का राजदूत था, जिसे चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में भेजा गया था। ‘इंडिका’ मौर्य साम्राज्य, भारतीय समाज, संस्कृति और रीति-रिवाजों का एक महत्वपूर्ण प्रारंभिक स्रोत है। हालांकि मूल पुस्तक अब उपलब्ध नहीं है, इसके अंश अन्य प्राचीन लेखकों के कार्यों में संरक्षित हैं।
  • गलत विकल्प: टॉलेमी एक भूगोलवेत्ता थे, प्लिनी एक प्राकृतिक इतिहासकार थे, और ह्वेन त्सांग सातवीं शताब्दी में भारत आए एक चीनी यात्री थे जिन्होंने ‘सि-यू-की’ नामक पुस्तक लिखी।

प्रश्न 25: 1947 में भारत के विभाजन के समय, कांग्रेस के अध्यक्ष कौन थे?

  1. महात्मा गांधी
  2. जवाहरलाल नेहरू
  3. जे.बी. कृपलानी
  4. सरदार वल्लभभाई पटेल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: 1947 में, जब भारत को स्वतंत्रता मिली और विभाजन हुआ, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष जे.बी. कृपलानी (जबी कृपलानी) थे।
  • संदर्भ और विस्तार: कृपलानी स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे और उन्होंने कांग्रेस के मेरठ अधिवेशन (1946) और उसके बाद के महत्वपूर्ण समय में पार्टी का नेतृत्व किया। वे विभाजन के प्रस्ताव पर मतदान के दौरान कांग्रेस के अध्यक्ष थे।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी राष्ट्रपिता थे लेकिन उन्होंने कांग्रेस के पदभार से खुद को अलग कर लिया था। जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधान मंत्री बने, और सरदार वल्लभभाई पटेल ने स्वतंत्रता के बाद भारत को एकीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन 1947 में वे कांग्रेस के अध्यक्ष नहीं थे।

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