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कालचक्र का महासंग्राम: आज का इतिहास महा-मॉक टेस्ट

कालचक्र का महासंग्राम: आज का इतिहास महा-मॉक टेस्ट

इतिहास के अथाह सागर में गोता लगाने और अपने ज्ञान के क्षितिज को विस्तृत करने के लिए तैयार हो जाइए! आज का यह महा-मॉक टेस्ट आपको प्राचीन साम्राज्यों से लेकर स्वतंत्रता संग्राम की गूँज तक, समय की यात्रा पर ले जाएगा। हर प्रश्न एक परीक्षा है, और हर उत्तर एक नया सबक। तो, अपने पेन उठाइए और अपनी तैयारी को एक नई धार दीजिए!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।


प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सी सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताएँ थीं?

  1. शहरी नियोजन और जल निकासी व्यवस्था
  2. पत्थर के औजारों का व्यापक उपयोग
  3. पशुपालन पर अत्यधिक निर्भरता
  4. लोहे के औजारों का अविष्कार

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: सिंधु घाटी सभ्यता (लगभग 2500-1750 ईसा पूर्व) अपने उन्नत शहरी नियोजन, सुनियोजित सड़कों, ग्रिड पैटर्न और विशेष रूप से उनकी प्रभावशाली जल निकासी व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध थी। मोहनजोदड़ो और हड़प्पा जैसे शहर इसका प्रमुख उदाहरण हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: उनकी वास्तुकला में ईंटों का मानकीकृत उपयोग, सार्वजनिक स्नानघर, और अनाज भंडार गृह शामिल थे। शहरी नियोजन उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि थी।
  • गलत विकल्प: (b) पत्थर के औजारों का उपयोग नवपाषाण काल में अधिक प्रचलित था, हालांकि सिंधु घाटी में भी इनका उपयोग जारी रहा, पर धातु (तांबा, कांस्य) अधिक महत्वपूर्ण हो गई थी। (c) पशुपालन महत्वपूर्ण था, लेकिन यह उनकी “सबसे महत्वपूर्ण” विशेषता नहीं थी। (d) सिंधु घाटी सभ्यता कांस्य युग की सभ्यता थी; लोहे का ज्ञान बाद में आया।

प्रश्न 2: ऋग्वैदिक काल में ‘गविष्टि’ शब्द का अर्थ क्या था?

  1. भूमि का दान
  2. युद्ध या गायों के लिए संघर्ष
  3. पशुओं का वध
  4. ज्ञान की खोज

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ऋग्वैदिक काल (लगभग 1500-1000 ईसा पूर्व) में, ‘गविष्टि’ शब्द का शाब्दिक अर्थ ‘गौ’ (गाय) और ‘इष्टि’ (खोज) से बना है, जिसका अर्थ गायों की खोज या गायों के लिए किया जाने वाला संघर्ष/युद्ध था। गायें उस समय धन और सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक थीं।
  • संदर्भ और विस्तार: उस काल में छोटे-मोटे युद्ध अक्सर पशुधन, विशेष रूप से गायों को चुराने या पुनः प्राप्त करने के लिए लड़े जाते थे। इसलिए, ‘गविष्टि’ शब्द युद्ध का पर्याय बन गया था।
  • गलत विकल्प: (a), (c), और (d) ऋग्वैदिक काल के संदर्भ में ‘गविष्टि’ के अर्थ से संबंधित नहीं हैं।

प्रश्न 3: मौर्य साम्राज्य के किस शासक ने ‘शिलालेखों’ के माध्यम से अपने प्रजा तक संदेश पहुँचाने की एक अनूठी पहल की?

  1. चंद्रगुप्त मौर्य
  2. बिंदुसार
  3. अशोक
  4. बृहद्रथ

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: सम्राट अशोक (शासनकाल लगभग 268-232 ईसा पूर्व) ने अपने शासनकाल के 12वें वर्ष से अपने विचारों, धम्म (धार्मिकता) और जनता के कल्याण के संदेशों को शिलालेखों, स्तंभों और गुफाओं में उत्कीर्ण करवाकर प्रसारित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: ये शिलालेख मुख्य रूप से प्राकृत भाषा में ब्राह्मी लिपि में लिखे गए थे, लेकिन कुछ उत्तर-पश्चिम में खरोष्ठी और यूनानी-अरामाइक में भी पाए गए। यह जनता तक पहुँचने का एक प्रभावशाली और दूरगामी तरीका था।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य ने साम्राज्य की नींव रखी, बिंदुसार उनके उत्तराधिकारी थे, और बृहद्रथ अंतिम मौर्य शासक थे। किसी ने भी अशोक की तरह शिलालेखों के माध्यम से बड़े पैमाने पर प्रचार नहीं किया।

प्रश्न 4: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?

  1. साम्राज्य की विशालता के कारण
  2. अखंड शांति और समृद्धि के कारण
  3. कला, विज्ञान, साहित्य और वास्तुकला में हुई अभूतपूर्व उन्नति के कारण
  4. सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस अवधि में राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई।
  • संदर्भ और विस्तार: कालिदास जैसे कवियों, आर्यभट्ट जैसे गणितज्ञों और वैज्ञानिकों, और अजंता की गुफाओं जैसी कलाकृतियों का उदय इसी काल में हुआ। दशमलव प्रणाली और शून्य की अवधारणा का विकास भी इसी काल से जुड़ा है।
  • गलत विकल्प: जबकि साम्राज्य की विशालता (a) और शांति-समृद्धि (b) ने योगदान दिया, ‘स्वर्ण युग’ की उपाधि का मुख्य कारण सांस्कृतिक और बौद्धिक क्षेत्रों में हुई अभूतपूर्व उन्नति (c) है। इसलिए, ‘सभी’ (d) सबसे सटीक उत्तर है।

प्रश्न 5: दक्षिण भारत के किस राजवंश ने अपने समुद्री प्रभुत्व और व्यापारिक नेटवर्क के लिए ख्याति प्राप्त की?

  1. पल्लव
  2. चालुक्य
  3. चोल
  4. पांड्य

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: चोल राजवंश (9वीं से 12वीं शताब्दी ईस्वी) विशेष रूप से अपने शक्तिशाली नौसैनिक बल और दक्षिण पूर्व एशिया (श्रीविजय, जावा, सुमात्रा) तक फैले विशाल समुद्री व्यापार के लिए जाना जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: राजेंद्र चोल प्रथम के समय में चोलों ने अपने नौसैनिक बेड़े का उपयोग करके श्रीविजय (आधुनिक इंडोनेशिया) पर सफलतापूर्वक आक्रमण किया था। उनके व्यापारिक संबंध अरब, चीन और रोम तक फैले थे।
  • गलत विकल्प: पल्लवों ने कला और वास्तुकला में महत्वपूर्ण योगदान दिया, चालुक्यों ने दक्कन में शक्ति बनाए रखी, और पांड्य मालाबार तट पर व्यापार में महत्वपूर्ण थे, लेकिन चोलों का समुद्री प्रभुत्व अद्वितीय था।

प्रश्न 6: कुतुबुद्दीन ऐबक ने किस वास्तुकला शैली की नींव रखी, जिसे ‘इंडो-इस्लामिक’ वास्तुकला कहा जाता है?

  1. मकबरों का निर्माण
  2. स्तंभों पर आधारित निर्माण
  3. गुंबदों, मेहराबों और मीनारों का प्रयोग
  4. सामने की ओर विशाल द्वार

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: कुतुबुद्दीन ऐबक (दिल्ली सल्तनत का संस्थापक, 1206-1210 ईस्वी) ने भारत में इस्लामी वास्तुकला शैलियों जैसे गुंबदों (domes), मेहराबों (arches) और मीनारों (minarets) को प्रमुखता से स्थापित करना शुरू किया, जिन्हें बाद में इंडो-इस्लामिक वास्तुकला के रूप में विकसित किया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: कुतुब मीनार का निर्माण ऐबक ने शुरू किया था, जो इस शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। भारतीय तत्वों जैसे कमल, कलश आदि का भी समावेश बाद में देखने को मिला।
  • गलत विकल्प: (a) मकबरे इस्लामिक दुनिया में पहले से थे। (b) भारतीय परंपरा में स्तंभ आधारित निर्माण पहले से था, लेकिन इस्लामी शैली में मेहराबों पर जोर दिया गया। (d) विशाल द्वार (जैसे तोरण) भारतीय वास्तुकला का हिस्सा थे, इस्लामी वास्तुकला में मेहराब और गुंबद अधिक महत्वपूर्ण थे।

प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य के किस प्रसिद्ध शासक ने ‘कृष्णदेवराय’ को ‘आंध्र भोज’ की उपाधि दी थी?

  1. बुक्का प्रथम
  2. देवराय द्वितीय
  3. कृष्णदेवराय
  4. राम राय

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: यह प्रश्न थोड़ा भ्रामक है क्योंकि ‘आंध्र भोज’ की उपाधि स्वयं राजा कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529 ईस्वी) को दी गई थी, न कि उन्होंने किसी और को दी थी। यह उपाधि उनकी विद्या, कला और साहित्य प्रेम के कारण उन्हें दी गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: वह तेलुगु साहित्य के महान संरक्षक थे और उन्होंने स्वयं ‘आमुक्तमाल्यदा’ नामक एक प्रसिद्ध महाकाव्य की रचना की। उन्हें ‘अभिनव भोज’ भी कहा जाता था।
  • गलत विकल्प: बुक्का प्रथम और देवराय द्वितीय भी महत्वपूर्ण विजयनगर शासक थे, लेकिन ‘आंध्र भोज’ उपाधि कृष्णदेवराय से ही संबंधित है। राम राय एक बाद के शासक थे।

प्रश्न 8: ‘आइन-ए-अकबरी’ का लेखक कौन था, जिसने अकबर के शासनकाल का विस्तृत विवरण दिया है?

  1. अकबर
  2. फैजी
  3. अबुल फजल
  4. बदायूँनी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘आइन-ए-अकबरी’ (Ain-i-Akbari) अकबर के वजीर और विद्वान अबुल फजल इब्न मुबारक (1551-1602 ईस्वी) द्वारा लिखी गई थी। यह अकबरनामा का तीसरा खंड है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक अकबर के साम्राज्य, उसके प्रशासन, राजस्व प्रणाली, सैन्य व्यवस्था, संस्कृति, भूगोल और यहां तक कि उसके रसोइये और नौकरों के बारे में भी व्यापक जानकारी प्रदान करती है। इसे मुगल काल का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्रोत माना जाता है।
  • गलत विकल्प: फैजी अबुल फजल का भाई और अकबर के नवरत्नों में से एक था, लेकिन उसने ‘आइन-ए-अकबरी’ नहीं लिखी। बदायूँनी ने ‘मुंतखब-उत-तवारीख’ लिखी थी।

प्रश्न 9: 1857 के विद्रोह को ‘सिपाही विद्रोह’ के अलावा और क्या कहा जाता है?

  1. प्रथम स्वतंत्रता संग्राम
  2. विदेशी शासन का अंत
  3. ब्रिटिशों का भारत आगमन
  4. ईस्ट इंडिया कंपनी का पतन

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: 1857 के विद्रोह को इतिहासकार वी. डी. सावरकर जैसे लोगों द्वारा ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ के रूप में भी जाना जाता है। यह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के खिलाफ पहला व्यापक, संगठित और राष्ट्रव्यापी विद्रोह था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह विद्रोह मेरठ में शुरू हुआ और जल्द ही उत्तरी और मध्य भारत के बड़े हिस्से में फैल गया। यद्यपि इसे दबा दिया गया, इसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीयों के प्रतिरोध की भावना को जगाया और भारत सरकार अधिनियम 1858 के माध्यम से ब्रिटिश ताज को भारत का शासन सीधे अपने हाथ में लेने के लिए प्रेरित किया।
  • गलत विकल्प: (b) और (d) विद्रोह के परिणाम थे, कारण नहीं। (c) ब्रिटिशों का भारत आगमन विद्रोह से बहुत पहले हुआ था।

प्रश्न 10: राजा राममोहन राय को ‘आधुनिक भारत का अग्रदूत’ या ‘नव-जागरण का जनक’ क्यों कहा जाता है?

  1. उन्होंने सती प्रथा के उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
  2. उन्होंने ब्रह्म समाज की स्थापना की
  3. उन्होंने पाश्चात्य शिक्षा और भारतीय तर्कवाद का समर्थन किया
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: राजा राममोहन राय (1772-1833 ईस्वी) को ‘आधुनिक भारत का अग्रदूत’ कहा जाता है क्योंकि उन्होंने 19वीं शताब्दी के भारतीय समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ जोरदार आवाज उठाई और सामाजिक-धार्मिक सुधारों की शुरुआत की।
  • संदर्भ और विस्तार: उन्होंने 1828 में ब्रह्म समाज की स्थापना की, जो एकेश्वरवाद पर आधारित एक सुधारवादी आंदोलन था। उन्होंने सती प्रथा के खिलाफ अथक प्रयास किए, जिसके कारण 1829 में लॉर्ड विलियम बेंटिंक द्वारा इसे प्रतिबंधित कर दिया गया। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों, विधवा पुनर्विवाह और शिक्षा का भी समर्थन किया, जिसमें पाश्चात्य शिक्षा और भारतीय दर्शन के समन्वय पर जोर दिया।
  • गलत विकल्प: उनके सभी कार्य, (a), (b), और (c), उन्हें ‘आधुनिक भारत का अग्रदूत’ बनाने में महत्वपूर्ण थे, इसलिए (d) सही उत्तर है।

प्रश्न 11: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया था?

  1. 1905, बनारस
  2. 1906, कलकत्ता
  3. 1929, लाहौर
  4. 1931, कराची

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में, पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में, ‘पूर्ण स्वराज’ (संपूर्ण स्वतंत्रता) का ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन ने ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता को कांग्रेस के मुख्य लक्ष्य के रूप में घोषित किया और 26 जनवरी, 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इसने सविनय अवज्ञा आंदोलन के लिए मंच तैयार किया।
  • गलत विकल्प: 1905 बनारस में ‘स्वदेशी’ का प्रस्ताव पारित हुआ, 1906 कलकत्ता में ‘स्वराज’ (डोमिनियन स्टेटस) की मांग उठी, और 1931 कराची अधिवेशन में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीतियों पर प्रस्ताव पारित हुए।

प्रश्न 12: ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन (1942) के दौरान, महात्मा गांधी ने कौन सा प्रसिद्ध नारा दिया था?

  1. इंकलाब जिंदाबाद
  2. आराम हराम है
  3. करो या मरो
  4. सरफरोशी की तमन्ना

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: 8 अगस्त, 1942 को बॉम्बे में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन की शुरुआत करते हुए, महात्मा गांधी ने जनता से ‘करो या मरो’ (Do or Die) का आह्वान किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस नारे का अर्थ था कि स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए या तो बलिदान दें या विजयी हों। इसने आंदोलन को एक नई दिशा दी और इसे जन-आंदोलन का एक शक्तिशाली रूप बना दिया।
  • गलत विकल्प: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ भगत सिंह से जुड़ा है। ‘आराम हराम है’ जवाहरलाल नेहरू का नारा था। ‘सरफरोशी की तमन्ना’ राम प्रसाद बिस्मिल से जुड़ी एक देशभक्ति की भावना है।

प्रश्न 13: फ्रेंच क्रांति (1789) के प्रमुख सिद्धांत क्या थे, जिन्होंने दुनिया को प्रभावित किया?

  1. स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
  2. लोकतंत्र और गणराज्य
  3. राष्ट्रीयता और आत्मनिर्णय
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: 1789 की फ्रेंच क्रांति के मुख्य आदर्श ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, Égalité, Fraternité) थे। इस क्रांति ने पूरे यूरोप और दुनिया भर में लोकतंत्र, गणराज्य और राष्ट्रीयता के सिद्धांतों को बढ़ावा दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: क्रांति ने राजा के दैवीय अधिकार के सिद्धांत को चुनौती दी, जनता की संप्रभुता का विचार स्थापित किया, और नागरिक अधिकारों की घोषणा की। इसने स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के सार्वभौमिक मूल्यों को प्रचारित किया, जिनका भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर भी गहरा प्रभाव पड़ा।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) सभी फ्रेंच क्रांति के महत्वपूर्ण प्रभाव और सिद्धांत थे, इसलिए (d) सही उत्तर है।

प्रश्न 14: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) का तत्कालीन कारण (trigger) क्या था?

  1. जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण
  2. ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या
  3. ब्रिटेन का जर्मनी पर युद्ध की घोषणा
  4. रूस का ऑस्ट्रिया पर युद्ध की घोषणा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 28 जून, 1914 को साराजेवो में ऑस्ट्रिया-हंगरी के सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की एक सर्बियाई राष्ट्रवादी द्वारा हत्या थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस घटना ने यूरोप में पहले से मौजूद जटिल गठबंधन प्रणालियों, साम्राज्यवाद, सैन्यवाद और राष्ट्रवाद की भावनाओं को भड़का दिया, जिससे युद्ध की श्रृंखला शुरू हो गई। ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया पर युद्ध की घोषणा की, जिसके बाद रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे अन्य देश भी युद्ध में शामिल हो गए।
  • गलत विकल्प: (a) जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण द्वितीय विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण था। (c) और (d) युद्ध की शुरुआत के महत्वपूर्ण चरण थे, लेकिन हत्या सबसे पहला कारण थी।

प्रश्न 15: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कहाँ हुई थी और इसका मुख्य उद्देश्य क्या था?

  1. लंदन; भारतीय स्वतंत्रता के लिए प्रचार
  2. सैन फ्रांसिस्को; ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति
  3. टोक्यो; जापान के साथ गठबंधन
  4. बर्लिन; भारतीय युद्धबंदियों को संगठित करना

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति का आयोजन और समर्थन करना था।
  • संदर्भ और विस्तार: पार्टी की स्थापना मुख्य रूप से पंजाबी अप्रवासियों द्वारा की गई थी, जिनमें से कई ने कनाडा और अमेरिका में नस्लीय भेदभाव का अनुभव किया था। उन्होंने ‘गदर’ नामक एक समाचार पत्र प्रकाशित किया, जिसने स्वतंत्रता की भावना को बढ़ावा दिया।
  • गलत विकल्प: अन्य स्थानों पर भी भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन सक्रिय थे, लेकिन गदर पार्टी का मुख्य केंद्र सैन फ्रांसिस्को था और उसका लक्ष्य सशस्त्र क्रांति था।

प्रश्न 16: मगध के किस शासक को ‘कौटिल्य’ (चाणक्य) ने अपना शिष्य बनाया था?

  1. बिम्बिसार
  2. अजातशत्रु
  3. चंद्रगुप्त मौर्य
  4. बिन्दुसार

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: कौटिल्य (जिन्हें चाणक्य या विष्णुगुप्त भी कहा जाता है) ने मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य (लगभग 322-298 ईसा पूर्व) को अपना शिष्य बनाया, प्रशिक्षित किया और मगध के नंद वंश को उखाड़ फेंकने तथा एक विशाल साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • संदर्भ और विस्तार: कौटिल्य ने ‘अर्थशास्त्र’ नामक एक महत्वपूर्ण ग्रंथ की रचना की, जो शासन, कूटनीति, अर्थशास्त्र और सैन्य रणनीति पर आधारित है। वह चंद्रगुप्त के मुख्य सलाहकार थे।
  • गलत विकल्प: बिम्बिसार और अजातशत्रु हरयंक वंश के शासक थे, जो मौर्य वंश से पहले आए थे। बिन्दुसार चंद्रगुप्त मौर्य के पुत्र थे।

प्रश्न 17: ‘सूफीवाद’ की किस परंपरा का भारत में सबसे अधिक प्रभाव रहा?

  1. चिश्तिया
  2. कादिरिया
  3. नक्शबंदिया
  4. सुहरावर्दीया

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: चिश्ती सिलसिला (चिश्तिया परंपरा) भारत में सबसे प्रभावशाली और लोकप्रिय सूफी परंपराओं में से एक रही है। इस परंपरा के संत, जैसे ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी, बाबा फरीद और निजामुद्दीन औलिया, ने भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव डाला।
  • संदर्भ और विस्तार: चिश्ती संतों ने अक्सर फकीरों का जीवन जिया, प्रेम, सहिष्णुता और सेवा पर जोर दिया, और स्थानीय समुदायों के साथ घुलमिल गए। उन्होंने संगीत (कव्वाली) और ईश्वर की भक्ति पर जोर दिया, जिसने इसे आम लोगों के बीच लोकप्रिय बना दिया।
  • गलत विकल्प: अन्य सभी सिलसिलाएं भी महत्वपूर्ण थीं, लेकिन चिश्ती परंपरा का जनमानस पर सबसे व्यापक प्रभाव रहा, विशेषकर अपनी उदार और समावेशी प्रकृति के कारण।

प्रश्न 18: किस मुगल सम्राट ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नया धर्म शुरू करने की कोशिश की?

  1. बाबर
  2. हुमायूं
  3. अकबर
  4. जहाँगीर

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: मुगल सम्राट अकबर (शासनकाल 1556-1605 ईस्वी) ने 1582 में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक नए धर्म की स्थापना की।
  • संदर्भ और विस्तार: यह एक संश्लेषणवादी धर्म था जिसमें विभिन्न धर्मों (इस्लाम, हिंदू धर्म, ईसाई धर्म, पारसी धर्म, जैन धर्म) के तत्वों को शामिल करने का प्रयास किया गया था। इसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता और साम्राज्य में एकता को बढ़ावा देना था। हालाँकि, इसे केवल अकबर और उसके कुछ करीबी दरबारियों ने ही अपनाया और यह व्यापक रूप से लोकप्रिय नहीं हो सका।
  • गलत विकल्प: बाबर, हुमायूं और जहाँगीर ने ऐसे किसी धर्म की शुरुआत नहीं की थी।

प्रश्न 19: 1757 में प्लासी का युद्ध किनके बीच लड़ा गया था?

  1. ईस्ट इंडिया कंपनी और अवध के नवाब
  2. ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के नवाब
  3. ईस्ट इंडिया कंपनी और मैसूर के नवाब
  4. ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा साम्राज्य

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: 23 जून, 1757 को प्लासी का युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी (रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में) और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच लड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए एक निर्णायक जीत थी, जिसने भारत में ब्रिटिश शासन की नींव रखी। सिराजुद्दौला के सेनापति मीर जाफर के विश्वासघात के कारण युद्ध का परिणाम पूर्व निर्धारित हो गया था। इस विजय के बाद, कंपनी बंगाल पर अपना नियंत्रण बढ़ाने में सफल रही।
  • गलत विकल्प: अवध के नवाब, मैसूर के नवाब और मराठा साम्राज्य ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए बाद के चरणों में प्रतिद्वंद्वी बने।

प्रश्न 20: किस भारतीय राष्ट्रवादी नेता को ‘लोकमान्य’ के नाम से जाना जाता था?

  1. महात्मा गांधी
  2. बाल गंगाधर तिलक
  3. लाला लाजपत राय
  4. बिपिन चंद्र पाल

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: बाल गंगाधर तिलक (1856-1920) को उनके राष्ट्रवादी विचारों और जन-जन तक स्वतंत्रता की चेतना पहुँचाने के कारण ‘लोकमान्य’ (लोगों द्वारा प्रिय/माननीय) की उपाधि दी गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: वह ‘लाल-बाल-पाल’ (लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चंद्र पाल) की तिकड़ी के एक प्रमुख सदस्य थे, जिन्होंने भारत में गरम दल का नेतृत्व किया। उन्होंने ‘केसरी’ और ‘मराठा’ जैसे समाचार पत्रों के माध्यम से ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपनी आवाज उठाई और ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’ का नारा दिया।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ कहा जाता है। लाला लाजपत राय को ‘पंजाब केसरी’ और बिपिन चंद्र पाल को ‘गरम दल का नेता’ कहा जाता है।

प्रश्न 21: हड़प्पा सभ्यता में, ‘नर्तकी की कांस्य प्रतिमा’ किस पुरातात्विक स्थल से मिली है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: मोहनजोदड़ो ( the ‘Mound of the Dead’) सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख पुरातात्विक स्थल है, जहाँ से प्रसिद्ध ‘नर्तकी की कांस्य प्रतिमा’ (Dancing Girl) मिली थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह प्रतिमा लगभग 4.5 इंच लंबी है और इसे ट्रिपले कास्टिंग (lost-wax) तकनीक का उपयोग करके बनाया गया था। यह सिंधु घाटी सभ्यता की कलात्मक और तकनीकी दक्षता का एक अद्भुत उदाहरण है, जो उस काल के लोगों के शरीर की बनावट और गति की समझ को दर्शाती है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा से ‘पुरोहित राजा’ की प्रतिमा, लोथल से गोदी (dockyard) और कालीबंगा से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं।

प्रश्न 22: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य)
  4. स्कंदगुप्त

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: गुप्त शासक समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-380 ईस्वी) को उनके विजय अभियानों और विस्तृत साम्राज्य के कारण ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने दी थी।
  • संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त ने उत्तर भारत के कई राजाओं को हराया, दक्षिणापथ के राज्यों पर विजय प्राप्त की, और अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए अश्वमेध यज्ञ भी किया। प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) में उनके विजयों का विस्तृत वर्णन मिलता है।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त वंश की नींव रखी, चंद्रगुप्त द्वितीय ने अपनी राजधानी उज्जैन को सांस्कृतिक केंद्र बनाया, और स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमण को सफलतापूर्वक रोका, लेकिन समुद्रगुप्त की विजय गाथाएँ सबसे अधिक प्रसिद्ध हैं।

प्रश्न 23: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ लागू की थी?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. फिरोज शाह तुगलक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: अलाउद्दीन खिलजी (शासनकाल 1296-1316 ईस्वी), दिल्ली सल्तनत का एक प्रमुख शासक था, जिसने अपनी सेना को स्थायी रखने और नियंत्रण में रखने के लिए ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ (market control system) लागू की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, उन्होंने खाद्यान्न, वस्त्र, घोड़े और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए मूल्य निर्धारित किए और इनका कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया। इसके लिए उन्होंने ‘दीवान-ए-रियासत’ (बाजार अधीक्षक) और ‘शहना-ए- मंडी’ (बाजार निरीक्षक) जैसे अधिकारियों की नियुक्ति की। इसका उद्देश्य जमाखोरी को रोकना और सैनिकों व आम जनता के लिए वस्तुओं को सुलभ बनाना था।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश और बलबन ने सल्तनत को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया। फिरोज शाह तुगलक ने अपने सुधारों के लिए जाना जाता है, लेकिन बाजार नियंत्रण उनकी मुख्य नीति नहीं थी।

प्रश्न 24: ‘वंदे मातरम’ गीत किस भारतीय उपन्यास का एक अंश है?

  1. आनंद मठ
  2. गोरा
  3. देवदास
  4. पथेर पांचाली

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘वंदे मातरम’ गीत बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा 1882 में लिखित उनके प्रसिद्ध बंगाली उपन्यास ‘आनंद मठ’ का एक अंश है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह गीत भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक राष्ट्रीय प्रेरणा स्रोत बन गया। इसे 1950 में भारत के राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ के साथ-साथ भारत का राष्ट्रीय गीत भी घोषित किया गया। इसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सन्यासी विद्रोह (1760-1800) की पृष्ठभूमि को चित्रित किया।
  • गलत विकल्प: ‘गोरा’ रविंद्रनाथ टैगोर का उपन्यास है, ‘देवदास’ शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का और ‘पथेर पांचाली’ बिभूतिभूषण बंदोपाध्याय का।

प्रश्न 25: द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) में ‘धुरी राष्ट्र’ (Axis Powers) में मुख्य रूप से कौन से देश शामिल थे?

  1. जर्मनी, इटली, जापान
  2. ब्रिटेन, फ्रांस, रूस
  3. अमेरिका, ब्रिटेन, चीन
  4. जर्मनी, ऑस्ट्रिया, तुर्की

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: द्वितीय विश्व युद्ध में ‘धुरी राष्ट्र’ (Axis Powers) के मुख्य सदस्य जर्मनी, इटली और जापान थे।
  • संदर्भ और विस्तार: इन राष्ट्रों ने अपनी विस्तारवादी नीतियों और विभिन्न विचारधाराओं (जर्मनी में नाज़ीवाद, इटली में फासीवाद, जापान में सैन्यवाद) के कारण युद्ध छेड़ा। वे मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) जैसे ब्रिटेन, फ्रांस, सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ लड़े।
  • गलत विकल्प: (b) और (c) में मित्र राष्ट्रों के देश शामिल हैं। (d) में तुर्की प्रथम विश्व युद्ध में केंद्रीय शक्तियों का हिस्सा था, न कि द्वितीय विश्व युद्ध में धुरी राष्ट्रों का। ऑस्ट्रिया को जर्मनी में मिला लिया गया था।

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