कालचक्र का ज्ञान: आज की इतिहास परीक्षा
नमस्कार, ज्ञान के जिज्ञासुओं! इतिहास के विशाल महासागर में गोता लगाने और अपनी समझ को और गहरा करने के लिए तैयार हो जाइए। आज हम आपको समय के उन गलियारों में ले चलेंगे जहाँ प्राचीन सभ्यताएं, शक्तिशाली साम्राज्य और निर्णायक क्रांतियाँ घटित हुईं। अपनी तैयारी को परखने का यह बेहतरीन अवसर न चूकें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से एक विशाल सार्वजनिक स्नानागार (Great Bath) का प्रमाण मिला है?
- लोथल
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- कालीबंगा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो (सिंधु नदी के तट पर स्थित, वर्तमान पाकिस्तान में) हड़प्पा सभ्यता का एक प्रमुख स्थल है। यहाँ से एक विशाल और सुनियोजित सार्वजनिक स्नानागार (Great Bath) प्राप्त हुआ है, जिसे शायद धार्मिक अनुष्ठानों के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: यह स्नानागार जलरोधी ईंटों से बना था और इसके चारों ओर कमरे थे। मोहनजोदड़ो में जल निकासी व्यवस्था भी अत्यंत उन्नत थी, जिसमें ईंटों से ढके नाले शामिल थे।
- गलत विकल्प: लोथल एक बंदरगाह शहर था जहाँ से गोदी (dockyard) मिली है। हड़प्पा भी एक महत्वपूर्ण स्थल है, लेकिन स्नानागार का सबसे प्रमुख प्रमाण मोहनजोदड़ो से ही मिला है। कालीबंगा से जूते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं।
प्रश्न 2: किस वेद में सभा और समिति को प्रजापति की दो पुत्रियों के रूप में वर्णित किया गया है?
- ऋग्वेद
- सामवेद
- यजुर्वेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: अथर्ववेद, जो सबसे बाद का वेद है, उसमें ‘सभा’ और ‘समिति’ नामक दो महत्वपूर्ण जनसभाओं का उल्लेख है। इन दोनों को प्रजापति (ब्रह्मांड का निर्माता) की दो पुत्रियों के रूप में वर्णित किया गया है, जो तत्कालीन आर्यों की राजनीतिक संस्थाओं के महत्व को दर्शाता है।
- संदर्भ और विस्तार: सभा को कुलीन वर्ग की सभा माना जाता था, जबकि समिति आम लोगों की सभा थी। ये वैदिक काल की गणतांत्रिक व्यवस्था की झलक दिखाती हैं।
- गलत विकल्प: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है और इसमें मुख्य रूप से देवताओं की स्तुति है। सामवेद में यज्ञों के समय गाए जाने वाले मंत्र हैं, और यजुर्वेद में यज्ञों की विधि का वर्णन है।
प्रश्न 3: मौर्य काल में ‘एग्रोनोमोई’ (Agoranomoi) नामक अधिकारी क्या कार्य करते थे?
- भूमि मापन
- सैनिक व्यवस्था
- बाजारों का निरीक्षण और माप-तोल का नियंत्रण
- राजस्व संग्रह
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मेगस्थनीज के इंडिका के अनुसार, मौर्य साम्राज्य में ‘एग्रोनोमोई’ नामक अधिकारी होते थे जो शहरों के बाजारों का निरीक्षण करते थे, विक्रेताओं की निगरानी करते थे और माप-तोल को नियंत्रित करते थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह पद व्यापारियों और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा तथा बाजारों में व्यवस्था बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण था। कौटिल्य के अर्थशास्त्र में भी इसी तरह के विभिन्न अधिकारियों का वर्णन मिलता है।
- गलत विकल्प: ‘एग्रोनोमोई’ सीधे तौर पर भूमि मापन (जो संभवतः ‘सीताध्यक्ष’ जैसे अधिकारी करते थे), सैनिक व्यवस्था (जो ‘सेनापति’ के अधीन थी), या राजस्व संग्रह (जो ‘समाहर्ता’ जैसे अधिकारी करते थे) से संबंधित नहीं थे।
प्रश्न 4: निम्न में से किस शासक ने ‘सिक्का-ए-गल्ता’ (Sikka-i-Ghalta) नामक एक नया चाँदी का सिक्का चलाया?
- इल्तुतमिश
- अलाउद्दीन खिलजी
- गयासुद्दीन तुगलक
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: इल्तुतमिश, दिल्ली सल्तनत का एक महत्वपूर्ण शासक, वह पहला तुर्क शासक था जिसने शुद्ध अरबी पद्धति पर आधारित सिक्के जारी किए। उसने ‘जीतल’ (ताँबे का सिक्का) और ‘टंका’ (चाँदी का सिक्का) चलाया। ‘सिक्का-ए-गल्ता’ शब्द चाँदी के मानक टंका के संदर्भ में प्रयोग किया जाता था, जिसका वजन 175 ग्रेन होता था।
- संदर्भ और विस्तार: इल्तुतमिश ने अपने सिक्कों पर खलीफा का नाम अंकित करवाया, जिससे उसकी सल्तनत की वैधता बढ़ी। यह तत्कालीन भारतीय मुद्रा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण सुधार था।
- गलत विकल्प: अलाउद्दीन खिलजी ने ‘अलाई’ नामक सिक्का चलाया। गयासुद्दीन तुगलक और फिरोजशाह तुगलक ने भी अपने समय में सिक्के चलाए, लेकिन ‘सिक्का-ए-गल्ता’ का श्रेय इल्तुतमिश को जाता है।
प्रश्न 5: विजयनगर साम्राज्य में ‘अष्टदिग्गज’ (Ashtadiggajas) कौन थे?
- साम्राज्य के आठ प्रमुख सेनापति
- आठ प्रमुख मंत्री
- कृष्णदेवराय के दरबार में आठ महान तेलुगु कवि
- साम्राज्य के आठ प्रमुख विद्वान
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य के सबसे प्रतापी शासक कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529 ई.) के दरबार में आठ तेलुगु कवियों का एक समूह रहता था, जिन्हें ‘अष्टदिग्गज’ कहा जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: इन कवियों में अल्लसानी पेडना, नंदी तिम्मन्ना, धुरजति जैसे प्रसिद्ध नाम शामिल थे। कृष्णदेवराय स्वयं एक विद्वान और कवि थे और उन्होंने ‘आमुक्तमाल्यदा’ नामक तेलुगु काव्य की रचना की।
- गलत विकल्प: अष्टदिग्गज साम्राज्य के प्रशासनिक या सैन्य अधिकारी नहीं थे, बल्कि साहित्य और कला के संरक्षक थे।
प्रश्न 6: 1857 के विद्रोह के दौरान, किस भारतीय शासक ने विद्रोहियों का समर्थन करने से इनकार कर दिया और अंग्रेजों का वफादार बना रहा?
- झांसी की रानी लक्ष्मीबाई
- अवध की बेगम हजरत महल
- ग्वालियर के सिंधिया
- कानपुर के नाना साहिब
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1857 के विद्रोह के दौरान, ग्वालियर के सिंधिया (विशेषकर जीवाजीराव सिंधिया) ने अपनी सेना और संसाधनों से अंग्रेजों का समर्थन किया। उन्होंने विद्रोहियों का साथ देने के बजाय लॉर्ड कैनिंग के प्रति निष्ठा दिखाई।
- संदर्भ और विस्तार: सिंधिया ने अंग्रेजों को शरण भी दी जब वे विद्रोहियों से ग्वालियर को खाली कराने में सफल हुए। ऐसे कई भारतीय शासक और जागीरदार थे जिन्होंने ब्रिटिश सत्ता के प्रति वफादारी बनाए रखी।
- गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई, बेगम हजरत महल और नाना साहिब विद्रोह के प्रमुख नेताओं में से थे जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
प्रश्न 7: ‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) का प्रारंभिक नाम क्या था?
- सत्य मित्र
- लोकमान्य
- नवभारत
- पंजाब केसरी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘दैनिक भास्कर’ का पहला अंक 1948 में ‘सत्य मित्र’ (Satya Mitra) के नाम से ग्वालियर से प्रकाशित हुआ था। बाद में इसका नाम बदलकर ‘दैनिक भास्कर’ कर दिया गया।
- संदर्भ और विस्तार: यह समाचार पत्र भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक पठित हिंदी समाचार पत्रों में से एक है। इसका प्रकाशन ‘डीबी कॉर्प लिमिटेड’ द्वारा किया जाता है।
- गलत विकल्प: ‘लोकमान्य’ तिलक से संबंधित था। ‘नवभारत’ एक अन्य प्रसिद्ध हिंदी दैनिक है, और ‘पंजाब केसरी’ भी एक प्रमुख समाचार पत्र है।
प्रश्न 8: भारत में सिविल सेवा परीक्षा की शुरुआत किस वायसराय के कार्यकाल में हुई?
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: भारत में सिविल सेवाओं के सुधार और पुनर्गठन का श्रेय लॉर्ड डलहौजी को जाता है। 1853 के चार्टर अधिनियम ने भारतीयों के लिए भी सिविल सेवाओं में प्रवेश के द्वार खोले, और 1854 में एक रॉयल कमीशन की नियुक्ति हुई जिसने पहली बार प्रत्यक्ष प्रतियोगिता परीक्षा की सिफारिश की।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि पहली परीक्षा 1855 में लंदन में हुई थी, लेकिन इस दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम डलहौजी के कार्यकाल में उठाया गया था, जिसने भारतीयों के लिए सरकारी सेवाओं में प्रवेश को सरल बनाने का प्रयास किया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा का अंत किया। लॉर्ड कैनिंग के समय 1857 का विद्रोह हुआ। लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट जैसे विवादास्पद कदम उठाए।
प्रश्न 9: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का तात्कालिक कारण क्या था?
- अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का प्रभाव
- लुई सोलहवें का निरंकुश शासन
- जनता पर भारी कर और आर्थिक संकट
- ज्ञानोदय (Enlightenment) का प्रसार
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति का तात्कालिक कारण फ्रांस का गंभीर आर्थिक संकट और राजशाही द्वारा जनता पर लगाए गए भारी कर थे, जिससे मध्यम वर्ग (बुर्जुआजी) और आम लोग परेशान थे। 1789 में, लुई सोलहवें ने वित्तीय घाटे को दूर करने के लिए एस्टेट्स-जनरल (Estates-General) की बैठक बुलाई, जिसने क्रांति की शुरुआत की।
- संदर्भ और विस्तार: फ्रांस सैन्य अभियानों (जैसे अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में सहायता) और राजसी खर्चों के कारण भारी कर्ज में डूबा हुआ था। कर प्रणाली अन्यायपूर्ण थी, जिसमें कुलीन वर्ग और पादरी वर्ग को विशेष छूट प्राप्त थी।
- गलत विकल्प: अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का प्रभाव (a) एक महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि थी, लेकिन तात्कालिक कारण नहीं। ज्ञानोदय का प्रसार (d) वैचारिक आधार था। लुई सोलहवें का शासन (b) एक कारण था, लेकिन आर्थिक संकट और करों का बोझ तात्कालिक ट्रिगर था।
प्रश्न 10: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त प्रथम
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: समुद्रगुप्त (लगभग 335-380 ई.) को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि उन्हें प्रसिद्ध इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने दी थी।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त एक महान विजेता था जिसने उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों को अपने अधीन किया और दक्षिण भारत में भी कई राज्यों पर विजय प्राप्त की। उसके सिक्कों पर उसे ‘पराक्रमांक’ और ‘व्याघ्र पराक्रम’ जैसे उपाधियों से भी जाना गया है। उसके इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख में उसकी विजयों का विस्तृत वर्णन है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त वंश की नींव रखी और साम्राज्य का विस्तार किया। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया।
प्रश्न 11: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कहाँ हुई थी?
- लंदन
- पेरिस
- सैन फ्रांसिस्को
- बर्लिन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस पार्टी की स्थापना लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य भारतीय देशभक्तों ने की थी, जिनका उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करना था। इन्होंने ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक पत्र भी प्रकाशित किया।
- गलत विकल्प: लंदन (ईस्ट इंडिया एसोसिएशन), पेरिस (क्रांतिकारी गतिविधियों के केंद्र), और बर्लिन (बाद में गदर से संबंधित गतिविधियाँ हुईं) अन्य महत्वपूर्ण शहर थे, लेकिन गदर पार्टी की स्थापना का मुख्य केंद्र सैन फ्रांसिस्को था।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से किस मुगल बादशाह को ‘आलमगीर’ (विश्व विजेता) की उपाधि से जाना जाता था?
- अकबर
- जहांगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: औरंगजेब, जो मुगल सम्राटों में सबसे कट्टर और महत्वाकांक्षी था, उसे ‘आलमगीर’ (विश्व विजेता) की उपाधि दी गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: उसने अपने शासनकाल में दक्कन में एक बड़ा साम्राज्य स्थापित किया और कई महत्वपूर्ण युद्ध लड़े, जिससे उसे यह उपाधि मिली। हालाँकि, उसकी धार्मिक असहिष्णुता और कठोर नीतियों के कारण साम्राज्य के पतन की नींव भी पड़ी।
- गलत विकल्प: अकबर अपनी धार्मिक सहिष्णुता और साम्राज्य विस्तार के लिए जाना जाता था। जहांगीर ने कला को बढ़ावा दिया। शाहजहाँ अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध था।
प्रश्न 13: ‘कुरुक्षेत्र’ का युद्ध किस भारतीय महाकाव्य का एक केंद्रीय युद्ध है?
- रामायण
- महाभारत
- भागवत पुराण
- भगवद्गीता
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: कुरुक्षेत्र का युद्ध भारतीय महाकाव्य ‘महाभारत’ का केंद्रीय कथानक है। यह युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच धर्म और न्याय के सिद्धांतों को लेकर लड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इसी युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण ने अर्जुन को ‘भगवद्गीता’ का उपदेश दिया था। यह युद्ध भारतीय इतिहास और दर्शन में एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है।
- गलत विकल्प: रामायण का केंद्रीय युद्ध राम और रावण के बीच लड़ा गया था। भागवत पुराण विष्णु के अवतारों की कथाएँ कहता है, और भगवद्गीता स्वयं महाभारत का एक हिस्सा है, न कि पूरा महाकाव्य।
प्रश्न 14: 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड कहाँ हुआ था?
- दिल्ली
- लाहौर
- अमृतसर
- कोलकाता
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 15: ‘बाबरनामा’ (Baburnama) किस भाषा में लिखा गया था?
- फारसी
- तुर्की
- अरबी
- उर्दू
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘बाबरनामा’ (जिसे ‘तुज़ुक-ए-बाबरी’ भी कहते हैं) मुग़ल साम्राज्य के संस्थापक बाबर की आत्मकथा है, जो मूल रूप से तुर्की (चागताई तुर्की) भाषा में लिखी गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह बाबर के जीवन, उसके विजयों, राजनीतिक विचारों और तत्कालीन सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन का एक मूल्यवान ऐतिहासिक स्रोत है। बाद में इसका फारसी और अन्य भाषाओं में अनुवाद किया गया।
- गलत विकल्प: मुगलों की राजकीय भाषा फारसी थी, लेकिन बाबर की आत्मकथा का मूल रूप तुर्की था। अरबी और उर्दू उस समय इसके लिए प्रयुक्त नहीं होती थीं।
प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा सिंधु घाटी सभ्यता का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था?
- मोहनजोदड़ो
- हड़प्पा
- कालीबंगा
- लोथल
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: लोथल, जो गुजरात में भोगवा नदी के तट पर स्थित है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था।
- संदर्भ और विस्तार: यहाँ एक उत्कृष्ट गोदी (dockyard) के अवशेष मिले हैं, जो दर्शाता है कि यह समुद्री व्यापार का एक प्रमुख केंद्र था। लोथल से फारस की खाड़ी के साथ व्यापार के प्रमाण भी मिले हैं।
- गलत विकल्प: मोहनजोदड़ो और हड़प्पा प्रमुख शहरी केंद्र थे, लेकिन लोथल को विशेष रूप से इसके बंदरगाह के लिए जाना जाता है। कालीबंगा एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है, लेकिन बंदरगाह के रूप में नहीं।
प्रश्न 17: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के लेखक कौन हैं?
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- राजा राममोहन राय
- स्वामी विवेकानंद
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के लेखक महर्षि दयानंद सरस्वती हैं, जो आर्य समाज के संस्थापक थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक हिंदी में लिखी गई थी और इसमें स्वामी दयानंद ने वेदों के महत्व, तत्कालीन सामाजिक कुरीतियों (जैसे जाति-प्रथा, बहुदेववाद, मूर्तिपूजा) की आलोचना और पुनर्विवाह, शिक्षा आदि पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। इसने भारत में सामाजिक-धार्मिक सुधारों को गति दी।
- गलत विकल्प: राजा राममोहन राय ‘ब्रह्म समाज’ के संस्थापक थे। स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे। ईश्वर चंद्र विद्यासागर एक महान समाज सुधारक और शिक्षाशास्त्री थे।
प्रश्न 18: किस गवर्नर-जनरल ने ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) की नीति को व्यापक रूप से लागू किया?
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड डलहौजी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: लॉर्ड वेलेजली (1798-1805) ने भारत में ब्रिटिश सर्वोच्चता स्थापित करने के लिए ‘सहायक संधि’ की नीति को बड़े पैमाने पर लागू किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संधि के तहत, भारतीय शासकों को अपनी सेना भंग कर अंग्रेजी सेना को अपने राज्य में रखना पड़ता था, जिसका खर्चा वही शासक उठाता था। बदले में, कंपनी उस शासक को बाहरी आक्रमणों से सुरक्षा का वचन देती थी और उसे अपने राज्य में बिना कंपनी की अनुमति के कोई भी निर्णय लेने से रोकती थी। यह नीति भारतीय रियासतों की स्वतंत्रता को कम करने और ब्रिटिश प्रभुत्व बढ़ाने का एक प्रभावी साधन बनी।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कॉर्नवालिस ने स्थायी बंदोबस्त लागू किया। लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा का अंत किया। लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 19: भारत में प्रथम आम चुनाव कब हुए थे?
- 1947
- 1950
- 1951-52
- 1957
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: भारत में पहला आम चुनाव 1951-52 में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह चुनाव भारत के स्वतंत्र होने के बाद पहली बार वयस्क मताधिकार के आधार पर आयोजित किया गया था। इसमें लोकसभा के लिए मतदान हुआ और कांग्रेस पार्टी पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में विजयी हुई।
- गलत विकल्प: 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली। 1950 में भारतीय संविधान लागू हुआ। 1957 में दूसरा आम चुनाव हुआ था।
प्रश्न 20: ‘तारीख-ए-फ़िरोज़शाही’ का लेखक कौन है?
- ज़ियाउद्दीन बरनी
- मिनहाज-उस-सिराज
- अमीर खुसरो
- इब्न बतूता
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘तारीख-ए-फ़िरोज़शाही’ के लेखक जियाउद्दीन बरनी हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह मध्यकालीन भारत के इतिहास, विशेषकर तुगलक वंश के इतिहास को जानने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। बरनी ने इस ग्रंथ में फ़िरोज़शाह तुगलक के शासनकाल का विस्तृत वर्णन किया है, जिसमें उसकी नीतियों, आर्थिक सुधारों और सामाजिक व्यवस्था पर प्रकाश डाला गया है।
- गलत विकल्प: मिनहाज-उस-सिराज ने ‘तबकाते-नासिरी’ लिखी, जिसमें प्रारंभिक तुर्क शासकों का इतिहास है। अमीर खुसरो ने कई साहित्यिक रचनाएँ कीं, जैसे ‘तुगलकनामा’। इब्न बतूता एक मोरक्को यात्री था जिसने ‘रेहला’ नामक यात्रा वृत्तांत लिखा।
प्रश्न 21: 1923 में स्वराज पार्टी की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू
- सरदार पटेल और राजेंद्र प्रसाद
- मोतीलाल नेहरू और सी. आर. दास
- सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: स्वराज पार्टी (कांग्रेस-खिलाफत स्वराज पार्टी) की स्थापना 1923 में मोतीलाल नेहरू और चितरंजन दास (सी. आर. दास) ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: असहयोग आंदोलन (1920-22) की समाप्ति के बाद, कांग्रेस के भीतर यह मतभेद था कि विधानमंडलों में प्रवेश करना चाहिए या बहिष्कार करना। मोतीलाल नेहरू और सीआर दास विधानमंडलों में जाकर सरकारी नीतियों को बाधित करने के पक्ष में थे, जिसके लिए उन्होंने स्वराज पार्टी का गठन किया।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी असहयोग आंदोलन के समर्थक थे और विधानमंडलों के बहिष्कार में विश्वास रखते थे। सरदार पटेल और राजेंद्र प्रसाद भी कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, लेकिन स्वराज पार्टी की स्थापना में उनकी भूमिका कम थी। सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह अधिक क्रांतिकारी गतिविधियों से जुड़े थे।
प्रश्न 22: ‘अमरकोष’ (Amara Kosha) के लेखक कौन हैं?
- पाणिनी
- कालिदास
- अमर सिंह
- वराहमिहिर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘अमरकोष’ के लेखक अमर सिंह थे।
- संदर्भ और विस्तार: अमरकोष एक प्राचीन संस्कृत शब्दकोश (Thesaurus) है। यह तीन खंडों में विभाजित है और संस्कृत भाषा के विभिन्न शब्दों, उनके अर्थों और पर्यायवाची शब्दों का एक विस्तृत संग्रह है। इसे गुप्त काल का एक महत्वपूर्ण साहित्यिक ग्रंथ माना जाता है।
- गलत विकल्प: पाणिनी ने ‘अष्टाध्यायी’ (व्याकरण ग्रंथ) की रचना की। कालिदास एक महान कवि और नाटककार थे। वराहमिहिर एक प्रसिद्ध खगोलशास्त्री और गणितज्ञ थे।
प्रश्न 23: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) का तात्कालिक कारण क्या था?
- जर्मनी द्वारा बेल्जियम पर आक्रमण
- ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या
- ब्रिटेन और जर्मनी के बीच नौसैनिक दौड़
- जर्मनी द्वारा फ्रांस पर आक्रमण
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 28 जून 1914 को साराजेवो में ऑस्ट्रिया-हंगरी के सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की हत्या थी। इस हत्या को गैवरिलो प्रिंसिपल नामक एक सर्बियाई राष्ट्रवादी ने अंजाम दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस घटना के बाद, ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया को अल्टीमेटम दिया, जिसने विभिन्न गठबंधन प्रणालियों को सक्रिय कर दिया, जिससे यूरोप के प्रमुख देश युद्ध में शामिल हो गए।
- गलत विकल्प: जर्मनी द्वारा बेल्जियम पर आक्रमण (a) युद्ध का एक महत्वपूर्ण कदम था, लेकिन तात्कालिक कारण नहीं। ब्रिटेन और जर्मनी के बीच नौसैनिक दौड़ (c) और जर्मनी द्वारा फ्रांस पर आक्रमण (d) युद्ध के कारण थे, लेकिन आर्कड्यूक की हत्या वह चिंगारी थी जिसने युद्ध को प्रज्वलित किया।
प्रश्न 24: ‘दीन-ए-इलाही’ की स्थापना किस मुगल सम्राट ने की थी?
- हुमायूँ
- अकबर
- जहांगीर
- शाहजहाँ
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) की स्थापना मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ई. में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक संश्लेषणवादी (syncretic) धर्म था जिसमें विभिन्न धर्मों (हिंदू, इस्लाम, ईसाई, पारसी) के तत्वों को मिलाकर एक नया धर्म बनाने का प्रयास किया गया था। इसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना और साम्राज्य में एकता स्थापित करना था। हालाँकि, यह आम लोगों के बीच अधिक लोकप्रिय नहीं हुआ और अकबर के बाद इसका प्रभाव कम हो गया।
- गलत विकल्प: हुमायूँ अकबर के पिता थे। जहांगीर और शाहजहाँ कला और वास्तुकला के लिए जाने जाते थे, न कि इस तरह के धार्मिक प्रयोग के लिए।
प्रश्न 25: भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) का प्रस्ताव कांग्रेस के किस अधिवेशन में पारित हुआ?
- लाहौर अधिवेशन (1929)
- कलकत्ता अधिवेशन (1937)
- रामगढ़ अधिवेशन (1940)
- मुंबई अधिवेशन (1942)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव 8 अगस्त 1942 को मुंबई (तब बंबई) में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन में पारित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ (Do or Die) का नारा दिया था। इस आंदोलन का उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत से ब्रिटिश शासन को तुरंत समाप्त करना था। यह आंदोलन ब्रिटिश सरकार द्वारा तत्काल दमन का शिकार हुआ, जिसमें प्रमुख कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
- गलत विकल्प: लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज्य’ का प्रस्ताव पारित हुआ था। कलकत्ता अधिवेशन (1937) और रामगढ़ अधिवेशन (1940) भी महत्वपूर्ण थे, लेकिन भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव मुंबई अधिवेशन में ही पारित हुआ था।